झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, राँची
(Jharkhand Council of Educational Research And Training, Ranchi)
PROJECT RAIL
(REGULAR ASSESSMENT FOR IMPROVED LEARNING)
सामान्य निर्देश :-
1. सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं। (All questions are compulsory)
2. इस प्रश्न-पत्र में कुल 16 प्रश्न हैं। ( The total no of question is 16. )
3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न के लिए 2 अंक, अति लघु उत्तरीय प्रश्न के लिए 2 अंक, लघु उत्तरीय प्रश्न के लिए 3 अंक और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है। (2 marks are given for objective question, 2 marks for very short answer question, 3 marks for short answer question and marks for long answer question.)
4. गलत उत्तर के लिए कोई ऋणात्मक अंक नहीं हैं। ( There is no negative marking for any wrong answer.)
5. वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1 से 10 के लिए चार विकल्प दिए गए हैं, सही विकल्प (a, b,c,d) का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखना है। (Objective question 1 to 10 has four options, choose the correct option's (a, b, c, d) and write down in the answer sheet.)
6. अति लघु उत्तरीय प्रश्न 11 12, लघु उत्तरीय प्रश्न 13 से 14 और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 15 से 16 का उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना है। (Write the answers to very short answer questions 11 to 12 short answer questions 13 to 14, and long answer questic 15 to 16 in your answer sheet.
7. परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।(No students shall be allowed to leave the examination hall before the completion of the exam)
SECTION – A (2 X 10 = 20 ) (objective question )
01 पृथ्वी में सागर तल पर औसत वायु दाब कितना होता है? (What is the average air pressure at sea level in the earth?
(a) 1014 मिलीबार ( 1014mb)
(b) 1013 मिलीबार ( 1013 mb )
(c) 1012 मिलीबार ( 1012mb )
(d) 1015 मिलीबार ( 1015 mb )
02 निम्नलिखित में से कौन-सी वायुदाब पेटी गतिजन्य है? (Which of the following air pressure belts is dynamic? )
(a) उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी ( tropical high pressure belts )
(b) उपध्रुवीय निम्न वायुदाब पेटी ( sub-polar low pressure belts )
(c) ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटी ( polar high pressure belts )
(d) क एवं ख दोनों ( a & b )
03 किस नियम के अनुसार धरातल पर पवने उत्तरी गोलार्द्ध में दांयी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायी ओर मुड़ जाती है। (According to which rule, winds on the surface turn to the right in the northern he misphere and to the left in the southern hemisphere)
(a) केरल का नियम ( rules of keral ) सही - फेरेल का नियम
(b) बाइज बैलेट का नियम ( rules of by ballots )
(c) हैडली का नियम ( rules of hedley )
(d) इनमें से कोई नही। (none of these )
04 निम्न में से किन पवनों को हिमभक्षी पवन भी कहते है । (Which of the following winds are also called snow-eating winds)
(a) चिनूक (यु एस ए) ( Chinook (USA) )
(b) लू (भारत) (Loo ( india ) )
(c) सिराको (सहारा भूमध्य सागर ( sirocco (sahara )
(d) बोरा (एड्रियाटिक लट) (bora (Adriatic lot )
05 वायुमण्डल में सर्वाधिक उंचाई पर कौन से मेघ पाए जाते हैं। (Which clouds are found at the highest altitude in atmoshphere)
(a) कपासी मेघ ( cumulus clouds )
(b) पक्षाभ मेघ ( cirus clouds )
(c) स्तरी मेघ ( stratus clouds )
(d) कपासी वर्षी मेघ (cumulus nimbus clouds )
06 विश्व में सर्वाधिक वर्षा किस प्रकार की होती है? (Which type of rainfall occurs the most in the word)
(a) संवहनीय वर्षा ( convective rain )
(b) पर्वतीय वर्षा (mountainal rain )
(c) चक्रवातीय वर्षा ( cyclonic rain )
(d) मानसूनी वर्षा (monsoon rain )
07 कौन-सा सही सुमेलित है? (Which one is correctly matched?)
जलवायु प्रदेश (कोपेन) climatic region (koppen) | संकेत Sige |
(a) उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु (tropical humid climate ) | B |
(b) शुष्क जलवायु (dry climate) | A+ |
(c) भूमध्य सागरीय जलवायु ( Mediterranean climate ) | Cs |
(d) ध्रुवीय जलवायु (polar climate) | D |
08 निम्न में से कौन-सी वैश्विक तापन (global warming) के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार हैं? (Which of the following gases is most responsible for global warming)
(a) ऑक्सीजन ( Oxygen )
(b) नाइट्रोजन ( Nytrogen )
(c) कार्बन-डाई-ऑक्साइड ( Carbon dioxide )
(d) निऑन (Neon )
09 ओजोन परत क्षरण के लिए कौन-सी गैस जिम्मेदार हैं? (Which of the following winds are also called snow-eating winds)
(a) आर्गन (Argon )
(b) नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide )
(c) ऑक्सीजन ( Oxygen )
(d) क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन (Chloro fluoro carbon )
10 निम्नलिखित उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में कौन सही सुमेलित नहीं है? (Which of the following tropical cyclones not matching)
उष्णकटिबंधीय चक्रवात (नाम) tropical cyclone (name) | क्षेत्र ( area) |
(a) हरीकेन ( Hurricane ) | यू- एस-ए (USA) |
(b) विलीविली ( willy willy ) | ऑस्ट्रेलिया (Australia ) |
(c) टाइफून (typhoon) | ब्राजील (Brazill) |
(d) अवदाब (pressure) | भारत (India) |
SECTION B (2 X 2 = 4) (Very short answer question
11 समुद्री पवन या सागर समीर क्या होता है? (What is sea wind are sea breeze?)
उत्तर - समुद्र तटों पर ठंडी वायु महसूस की जा सकती है जिसे समुद्र समीर के रूप में जाना जाता है।
12 सापेक्षिक आर्द्रता क्या होती है? (What is relative humidity?)
उत्तर - वायुमण्डल में जलवाष्प की मात्रा का वायु द्वारा धारण किये जाने वाले वाष्प की उच्चतम मात्रा के अनुपात को सापेक्षिक आर्द्रता कहते हैं।
SECTION C (2 X 3 = 6) (Short answer question
13 वर्षो कितने प्रकार की होती है? (How many types of rain are there? Explain )
उत्तर - वर्षा तीन प्रकार की होती है :
1. सवहनीय वर्षा : इसकी उत्पत्ति गर्म एवं आर्द्र पवनों के ऊपर उठने से होती है। विषुवतीय प्रदेशों अथवा शान्त पेटी में यही वर्षा होती है। उच्च तापमान तथा आर्द्रता के कारण इन क्षेत्रों में दोपहर 2 से 3 बजे के बीच घनघोर बादल छा जाते है। कुछ क्षणों की मूसलाधार वर्षा के बाद सायं 4 बजे तक वर्षा रुक जाती है। है। आसमान साफ हो जाता है।
2. पर्वतीय वर्षा : जब जलवाष्प से लदी हुई गर्म वायु को किसी पर्वत या पठार की ढलान के साथ ऊपर चढ़ना होता है तो यह वायु ठण्डी होने लगती है। ठण्डी होने से यह संतृप्त हो जाती है और संघनन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
संघनन के पश्चात होने वाली इस प्रकार की वर्षा को 'पर्वतीय वर्षा' कहते है। यह वर्षा उन क्षेत्रों में अधिक होती है जहाँ पर्वत श्रेणी समुद्र तट के निकट तथा उसके समानान्तर हो ।
संसार की अधिकांश वर्षा इसी रूप में होती है। जिस पर्वतीय ढाल पर वर्षा होती है, उसे वर्षा पोषित या पवनाभिमुख क्षेत्र कहते हैं, जबकि विमुख ढाल पर वर्षा नहीं होती है तथा इसे वृष्टि छाया प्रदेश कहते हैं।
3. चक्रवाती वर्षा : चक्रवातों के कारण होने वाली वर्षा को चक्रवाती वर्षा कहते है। इस प्रकार की वर्षा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातीय क्षेत्रों में होती है या चक्रवातों द्वारा होने वाली वर्षा को चक्रवातीय या वाताग्री वर्षा कहते हैं। दो विपरीत स्वभाव वाली हवाएं जब आपस में टकराती हैं तो वाताग्र का निर्माण होता है।
इस वाताग्र के सहारे गर्म वायु ऊपर की ओर उठती है और वर्षा होती है। यह वर्षा मुख्य रूप से मध्य एवं उच्च अक्षांशों में होती है।
14 चक्रवात क्या है? यह कितने प्रकार के होते है। (What is cyclone? How many types are there)
उत्तर - हवाओं का परिवर्तनशील और अस्थिर चक्र, जिसके केंद्र में निम्न वायुदाब तथा बाहर उच्च वायुदाब होता है, 'चक्रवात' कहलाता है।
अवस्थिति के आधार पर चक्रवात दो प्रकार के होते हैं-
1. शीतोष्ण कटिबंधीय या वाताग्री चक्रवात (Temperate Cyclones)- शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति तथा प्रभाव क्षेत्र शीतोष्ण कटिबंध अर्थात् मध्य अक्षांशों में होता है। ये चक्रवात उत्तरी गोलार्द्ध में केवल शीत ऋतु में उत्पन्न होते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में जलीय भाग के अधिक होने के कारण ये वर्ष भर उत्पन्न होते रहते हैं।
2. उष्ण कटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones)- उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के महासागरों में उत्पन्न तथा विकसित होने वाले चक्रवातों को ‘उष्ण कटिबंधीय चक्रवात’कहते हैं। ये 5° से 30° उत्तर तथा 5° से 30° दक्षिणी अक्षांशों के बीच उत्पन्न होते हैं। ध्यातव्य है कि भूमध्य रेखा के दोनों ओर 5° से 8° अक्षांशों वाले क्षेत्रों में न्यूनतम कोरिऑलिस बल के कारण इन चक्रवातों का प्राय: अभाव रहता है।
SECTION D (2X5= 10) (Long answer question)
15 भूमण्डलीय उष्मन (global warming) क्या है? (What is global warming? Explain its causes and effects.)
उत्तर - ग्रीनहाउस प्रभाव भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए जिम्मेदार है। वायुमंडल के निचले स्तरों पर ग्रीनहाउस गैसें ग्रीनहाउस के शीशे की तरह काम करती हैं। वह कांच गर्म पृथ्वी से निकलने वाली गर्मी के लिए अपारदर्शी है और उन्हें फँसाता है। यदि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की एक बड़ी मात्रा मौजूद है, तो यह पृथ्वी के वायुमंडल को और अधिक गर्म करने का कारण बनता है। इस प्रकार पृथ्वी के वायुमंडल का तापमान बढ़ जाता है। वैश्विक स्तर पर, इस प्रभाव को भूमंडलीय ऊष्मीकरण कहा जाता है।
16 पृथ्वी पर पायी जाने वाली वायुदाब पेटियों की सचित्र व्याख्या कीजिए ।(Give a pictorial explanation of the air pressure belts found on the earth.)
उत्तर -
वायुदाब की पेटियों से मतलब है कि पृथ्वी के कौन से भाग पर वायुदाब कितना होता है. पृथ्वी के अलग-अलग हिस्से असमान रूप से गर्म होते हैं. भूमध्यरेखीय क्षेत्र में सालभर बड़ी मात्रा में गर्मी प्राप्त होती है, जिससे यहां गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है, जिससे यहां निम्न वायुदाब (Low air pressure) बनता है. ध्रुवों पर ठंडी भारी वायु के कारण उच्च वायुदाब (High Air Pressure) बन जाता है. पवन उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती है।
पृथ्वी पर वायुदाब को चार पेटियों में बांटा गया है-
(1) भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब की शांत पेटी -
हम जानते हैं कि भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा पर सूर्य की किरणें सालभर सीधी पड़ती हैं। अतः पृथ्वी के इस भाग पर तापमान उच्च (High Temperature) रहता है। और हम यह भी जानते हैं कि पवन उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती है।
भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब की पेटी का विस्तार भूमध्य रेखा से दोनों ओर 10° उत्तर और 10° दक्षिण अक्षाशों के बीच होता है,
या यह पेटी भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में 0 से 10° तक फैली हुई है। (बहुत जगहों पर 10° की जगह पर 5° लिखा होता है. दोनों ही सही हैं)
इस पेटी में सालभर सूर्य की किरणें सीधी पड़ने के कारण तापमान उच्च रहता है। उच्च तापमान के कारण इस क्षेत्र की वायु गर्म होकर फैलती है और लगातार ऊपर उठती रहती है। वायु के खाली स्थान को भरने के लिए ठंडी वायु इस ओर आती है। यह क्रिया लगातार चलती रहती हैं।
वायु के लगातार ऊपर उठते रहने के कारण इस क्षेत्र में निम्न वायुदाब का क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है, और इसीलिए यह क्षेत्र भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब पेटी कहलाती है।
इस पेटी में वायुदाब और तापमान का सीधा संबंध होता है इसलिए इस वायुदाब को तापजन्य (Thermogenic) कहते हैं।
हवा के गतिशील होकर ऊपर उठते रहने से क्षैतिज वायु संचरण की गति बहुत धीमी हो जाती है (या इस पेटी में हवा का प्रवाह बहुत कम और शांत होता है या, इस पेटी में हवाएं बहुत तेज गति से नहीं चलती हैं) इसलिए यहां वातावरण शांत रहता है, और इसीलिए इस पेटी को शांत पेटी या डोलड्रम (Calm belt or Doldrum) भी कहते हैं।
(2) उपोष्ण कटिबंधीय उच्च वायुदाब की पेटी (अश्व अक्षांश) - इसका विस्तार 23.5° से 35° उत्तरी और दक्षिणी अक्षाशों के बीच होता है, या दोनों गोलार्द्ध में 23.5° से 35° अक्षांशों के बीच उच्च वायुदाब की पेटी पाई जाती हैं।
इस पेटी में वायुराशियों हमेशा ऊपर से नीचे की ओर उतरती रहती हैं, जिससे यहां वायुदाब बढ़ता जाता है। इस पेटी में वायु का प्रवाह धीमा (मंद) रहता है।
चूंकि पवन हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती है, इसलिए उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र से हवाएँ भूमध्य रेखा की ओर व्यापारिक पवनों के रूप में चलती हैं।
इस पेटी को 'अश्व अक्षांश' (Horse Latitude) के रूप में भी जाना जाता है।
दरअसल, एक समय एक अरब व्यापारी अपने जहाज में बहुत से घोड़े लेकर जा रहा था। वह अपनी समुद्री यात्रा के दौरान दक्षिणी गोलार्ध में इसी पेटी से गुजरा। इस पेटी में आकर उसने अपने जहाज पर बहुत ज्यादा दबाव महसूस किया। इस पर उस अरब व्यापारी ने सोचा कि शायद इस बार जहाज पर ज्यादा घोड़े हैं, इसीलिए ऐसा हो रहा है।
यह सोचकर उस व्यापारी ने घोड़ों को समुद्र में फेंकना शुरू कर दिया। ऐसा करते-करते वह इस पेटी से निकल गया और तब जहाज पर दबाव अपने आप कम हो गया। तब उस व्यापारी ने सोचा कि जहाज से घोड़ों को समुद्र में फेंक देने से ही दबाव कम हुआ है।
(3) उपध्रुवीय निम्न वायुदाब की पेटी - इस पेटी का विस्तार दोनों गोलार्धी में 45° से 66.5° अक्षांशों के बीच होता है।
इस क्षेत्र में सालभर तापमान कम रहता है, फिर भी यहां निम्न वायुदाब बना रहता है।
इस क्षेत्र में लगने वाला अपकेंद्रीय बल (Centrifugal Forces) निम्न वायुदाब पेटी का निर्माण करता है।
उपोष्ण और ध्रुवीय उच्च वायुदाब क्षेत्रों से आने वाली पवनें इस पेटी में आकर ऊपर की ओर बढ़ती रहती हैं, जिस कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है।
उपोष्ण और ध्रुवीय क्षेत्रों से आने वाली पवनों के तापमान में बहुत अंतर होता है। इस कारण इस पेटी में चक्रवातीय दशा (Cyclonic condition) उत्पन्न हो जाती है। सर्दियों में यह क्षेत्र विनाशकारी तूफानों के लिए जाना जाता है।
उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पवन दो भागों में बंट जाती है। पवन का एक भाग भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर उड़ता है, और दूसरा भाग उपध्रुवीय निम्न वायुदाब की पेटी की ओर बढ़ता है।
यह निम्न वायुदाब पेटी दक्षिणी गोलार्ध में महासागरीय उपस्थिति के कारण ज्यादा स्पष्ट होती है।
(4) ध्रुवीय उच्च वायुदाब की पेटी - इस पेटी का विस्तार दोनों गोलार्थों में 80° से 90° दोनों अक्षांशों के बीच होता है।
ध्रुवों के निकट तापमान इतना कम रहता है कि वायु में फैलाव नहीं हो पाता, जिस कारण इस पेटी में तापमान कम रहने के कारण वायुदाब उच्च रहता है।
ठंडी उतरती पवनें ध्रुवों पर उच्च वायुदाब को बनाए रखती हैं।
यह उच्च वायुदाब उत्तरी ध्रुव महासागर की तुलना में अंटार्कटिका महाद्वीप के स्थलीय क्षेत्र पर ज्यादा स्पष्ट होता है।
उत्तरी गोलार्ध में उच्च वायुदाब पेटी ध्रुव तक केंद्रित नहीं है। बल्कि यह ग्रीनलैंड से कनाडा के के उत्तरी भाग में स्थित द्वीपों तक फैली हुई है।
वायुदाब की पेटियों में बदलाव और स्थानांतरण
पृथ्वी की वार्षिक गति के कारण इसकी सूर्य से संबंधित स्थिति में बदलाव होता रहता है, जिस कारण वायुदाब की पेटियां में भी परिवर्तन और स्थानांतरण होता रहता है।
जैसे 21 जून को जब सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत होता है, तब सभी वायुदाब पेटियां (ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटी को छोड़कर) उत्तर दिशा में 5° से 10° की ओर शिफ्ट हो जाती हैं।
23 सितंबर को जब सूर्य भूमध्य रेखा पर लंबवत होता है, तब वायुदाब पेटियां फिर से अपने पहले जैसी स्थिति में आ जाती हैं।
22 दिसंबर को जब सूर्य दक्षिणायन होता है और मकर रेखा पर लंबवत होता है, तब वायुदाब की पेटियां 5° से 10° दक्षिण की ओर शिफ्ट हो जाती हैं।
और फिर 21 मार्च को जब सूर्य भूमध्य रेखा पर लंबवत होता है, तब ये सभी पेटियां अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाती हैं।
इस तरह मौसम परिवर्तन के साथ वायुदाब की पेटियों में भी परिवर्तन होता रहता है। वायुदाब पेटी के स्थानांतरण का सबसे ज्यादा प्रभाव समशीतोष्ण क्षेत्रों (सम + शीत+उष्ण) में देखा जाता है।