12th Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT

12th Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT
12th Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 12 Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT पाठ के मुख्य बिंदु ●  विकास एक बहुआयामी संकल्पना है जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण, अवसर की समानता, संसाधनों तक पहुंच, सतत पोषणीय विकास आदि विभिन्न बिंदुओं पर निर्भर करता है। ●  नियोजन का अर्थ है कार्यक्रम के क्रियान्वयन से पूर्व उसकी सफलता सुनिश्चित करने हेतु किए जाने वाले गतिविधियों से है। ●  नियोजन के सामान्यतः दो उपागम है 1) खंडीय नियोजन 2) प्रादेशिक नियोजन ●  खंडीय नियोजन अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों जैसे कृषि, विनिर्माण, परिवहन, संचार, ऊर्जा आदि के संदर्भ में विकास योजनाओं से संबंधित है। ●  प्रादेशिक नियोजन किसी क्षेत्र विशेष के विकास योजनाओं से संबंधित है। ●  सतत पोषणीय विकास- विकास का एक ऐसा स्वरूप है, जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए भावी पीढ़ियो हेतु संसाधनों की पूर्ति को सुनिश्चित करता है। ●  भारत में नियोजन संबंधी कार्यभार नीति आयोग को सौंपा गया है। नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री ह…