12th Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT

12th Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT

12th Geography 9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Geography

9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

PLANNING AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN INDIA CONTEXT

पाठ के मुख्य बिंदु

●  विकास एक बहुआयामी संकल्पना है जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण, अवसर की समानता, संसाधनों तक पहुंच, सतत पोषणीय विकास आदि विभिन्न बिंदुओं पर निर्भर करता है।

●  नियोजन का अर्थ है कार्यक्रम के क्रियान्वयन से पूर्व उसकी सफलता सुनिश्चित करने हेतु किए जाने वाले गतिविधियों से है।

●  नियोजन के सामान्यतः दो उपागम है

1) खंडीय नियोजन

2) प्रादेशिक नियोजन

●  खंडीय नियोजन अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों जैसे कृषि, विनिर्माण, परिवहन, संचार, ऊर्जा आदि के संदर्भ में विकास योजनाओं से संबंधित है।

●  प्रादेशिक नियोजन किसी क्षेत्र विशेष के विकास योजनाओं से संबंधित है।

●  सतत पोषणीय विकास- विकास का एक ऐसा स्वरूप है, जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए भावी पीढ़ियो हेतु संसाधनों की पूर्ति को सुनिश्चित करता है।

●  भारत में नियोजन संबंधी कार्यभार नीति आयोग को सौंपा गया है। नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।

●  ऋतुप्रवास - मौसमी प्रवास का प्रचलन है जिसके अन्तर्गत ग्रीष्म ऋतु में चरवाहे समुदाय दूसरे चरागाहों में प्रवास कर जाते हैं। शीत ऋतु में यह समुदाय अपने स्थायी निवास पर लौट आते हैं।

●  कमान क्षेत्र वह क्षेत्र जिसमें सिंचाई व अन्य कार्यों के लिए जल आपूर्ति नहर तन्त्र द्वारा होती है।

●  कृषि योग्य कमान क्षेत्र नहर तन्त्र द्वारा सिंचित कृषि योग्य भूमि । यह - सकल कमान क्षेत्र से भिन्न होता है। सकल कमान क्षेत्र में अकृषि योग्य भूमि सहित नहर तन्त्र द्वारा सिंचित सम्पूर्ण क्षेत्र सम्मिलित होता है।

●  वारबन्दी पद्धति यह नहर निकास क्षेत्र के कमान क्षेत्र में जल के एक समान वितरण की पद्धति है।

●  प्रवाह तन्त्र अथवा प्रणाल- एक नहर प्रणाल जिसमें गुरुत्व के प्रभाव से जल प्रवाहित होता है।

●  लिफ्ट तन्त्र अथवा प्रणाल एक नहर प्रणाली जिसके अन्तर्गत उत्थापन पद्धति द्वारा जल भूमि के ढाल के विपरीत प्रवाहित किया जाता है।

●  गहन सिंचाई सिंचाई विकास की एक रणनीति जिसके अन्तर्गत प्रति इकाई जल का उपयोग अधिक होता है।

●  विस्तृत सिंचाई सिंचाई विकास की एक रणनीति जिसके अन्तर्गत एक बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई जल उपलब्ध कराने पर बल दिया जाता है। इसके अन्तर्गत प्रति इकाई जल का उपयोग कम होता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. प्रादेशिक नियोजन का संबंध है।

(क) आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का विकास

(ख) परिवहन जाल तंत्र में क्षेत्रीय अंतर

(ग) क्षेत्र विशेष के विकास का उपागम

(घ) ग्रामीण क्षेत्रों का विकास

2. आई टी डी पी निम्नलिखित में से किस संदर्भ में वर्णित है?

(क) समन्वित पर्यटन विकास प्रोग्राम

(ख) समन्वित यात्रा विकास प्रोग्राम

(ग) समन्वित जनजातीय विकास प्रोग्राम

(घ) समन्वित परिवहन विकास प्रोग्राम

3. इंदिरा गांधी नहर कमांड क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास के लिए इनमें से कौन सा सबसे महत्वपूर्ण कारक है?

(क) कृषि विकास

(ख) परितंत्र विकास

(ग) परिवहन विकास

(घ) भूमि उपनिवेशन

4. प्रथम पंचवर्षीय योजना की अवधि थी

(क) 1951 से 56

(ख) 1956 से 61

(ग) 1947 से 52

(घ) 1950 से 55

5. किस पंचवर्षीय योजना में समाजवादी समाज की स्थापना का प्रतिरूप प्रस्तुत किया गया?

(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना

(ख) द्वितीय पंचवर्षीय योजना

(ग) तृतीय पंचवर्षीय योजना

(घ) चतुर्थ पंचवर्षीय योजना

6. रोलिंग प्लान लागू रही

(क) 1947 से 50 के बीच

(ख) 1966 से 69 के बीच

(ग) 1974 से 77 के बीच

(घ) 2009 से 12 के बीच

7. जिन क्षेत्रों में 50% से अधिक आबादी जनजातियां थी वहां कौन सा विकास कार्यक्रम लागू किया गया?

(क) जनजातीय विकास कार्यक्रम

(ख) पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम

(ग) गहन कृषि विकास कार्यक्रम

(घ) सामुदायिक विकास कार्यक्रम

8. गहन कृषि विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में शुरू किया गया?

(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना

(ख) चौथी पंचवर्षीय योजना

(ग) छठी पंचवर्षीय योजना

(घ) तीसरी पंचवर्षीय योजना

9. सामुदायिक विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में शुरू की गई?

(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना

(ख) तृतीय पंचवर्षीय योजना

(ग) चौथी पंचवर्षीय योजना

(घ) पांचवी पंचवर्षीय योजना

10. पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में लागू की गई?

(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना

(ख) चौथी पंचवर्षीय योजना

(ग) पांचवी पंचवर्षीय योजना

(घ) 11वीं पंचवर्षीय योजना

11. योजना आयोग की स्थापना कब की गई थी?

(क) 1947

(ख) 1952

(ग) 1950

(घ) 1951

12. द लिमिट ट्र ग्रोथ के लेखक कौन है?

(क) एहरलिच

(ख) मीडोज

(ग) महात्मा गांधी

(घ) फ्रेडरिक रेटजेल

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. नियोजन को परिभाषित करें।

उत्तर:- वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसी लक्ष्य विशेष की प्राप्ति हेतु आवश्यक क्रियाकलापों का चिंतन एवं कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करना नियोजन कहलाता है।

2. नियोजन के दो उपागम कौन-कौन है?

उत्तर- खंड्या नियोजन एवं प्रादेशिक नियोजन ।

3. सतत पोषणीय विकास किसे कहते हैं?

उत्तर- सतत पोषणीय विकास, विकास की एक ऐसी संकल्पना है जिसमें वर्तमान पीढ़ी द्वारा संसाधनों का विवेकपूर्ण उपभोग सम्मिलित है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उन संसाधनों के उपभोग का अवसर प्राप्त हो सके।

4. इंदिरा गांधी नहर निकलती है?

उत्तर:- हरीके बांध से।

5. सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में लागू की गई?

उत्तर:- चौथी पंचवर्षीय योजना में।

6. भरमौर क्षेत्र में किस जनजाति समुदाय का निवास है?

उत्तर:- गद्दी जनजाति।

7. विश्व पर्यावरण और विकास आयोग की स्थापना की गई थी?

उत्तर:- संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा।

8. योजना आयोग के स्थान में कौन सी संस्था का निर्माण किया गया?

उत्तर:- नीति आयोग।

9. नीति आयोग की स्थापना कब की गई?

उत्तर- 1 जनवरी 2015

10. विकास से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: विकास एक बहुआयामी संकल्पना है जिसमें समाज के सभी लोगों के सामाजिक और भौतिक कल्याण पर बल दिया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. भरमौर जनजातीय क्षेत्र में संबंधित जनजातीय विकास कार्यक्रम के सामाजिक लाभ क्या है?

उत्तर:-

●  भरमौर जनजातीय क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की दो तहसीलें भरमौर और होली शामिल है जहां गद्दी जनजाति समुदाय का निवास है।

●  पांचवी पंचवर्षीय योजना के दौरान भरमौर जनजाति क्षेत्र में संबंधित जनजातीय विकास कार्यक्रम लागू किया गया।

●  समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम के लागू होने से इस क्षेत्र में साक्षरता लिंगानुपात एवं आर्थिक स्तर में काफी सुधार हुआ।

●  सामाजिक और आर्थिक दशा में सुधार के बावजूद गद्दी जनजाति के लोग अत्यधिक गतिशील है, ऋतु प्रवास एवं रोजगार हेतु मजदूरी के लिए आसपास के शहरों में जाते हैं।

2. सतत पोषणीयता संकल्पना को परिभाषित करें।

उत्तरः- पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर बढ़ती चिंता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यावरण और विकास आयोग की स्थापना की। पर्यावरण और विकास आयोग ने 1987 में आवर फ्यूचर नामक रिपोर्ट में सतत पोषणीय विकास को किस प्रकार परिभाषित किया था-

●  एक ऐसा विकास जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना ।

●  वास्तव में सतत पोषणीय विकास एक ऐसी संकल्पना है जिसमें वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करना सुनिश्चित किया जाता है।

3. इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र का सिंचाई पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा?

उत्तर:-

●  इंदिरा गांधी नहर पहले राजस्थान नहर के नाम से भी जाना जाता था जो राजस्थान के थार मरुस्थल में पाकिस्तान की सीमा के समांतर 40 किलोमीटर की औसत दूरी पर बहता इस बार के विकास में राजस्थान के पश्चिमी भाग को नया जीवन दिया है।

●  इंदिरा गांधी नहर कमांड क्षेत्र में सिंचित बोए गए क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है साथ ही पशुओं की सघनता में वृद्धि आई है।

●  सिंचाई के माध्यम से विभिन्न फसलों की उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है।

●  वर्तमान में इन क्षेत्रों की पारंपरिक फसलों जैसे चना बाजरा ज्वार के स्थान पर गेहूं चावल कपास मूंगफली आदि उगाया जाने लगा है जो सघन सिंचाई का परिणाम है।

4. खंडीय नियोजन एवं प्रादेशिक नियोजन में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:-

●  खंडीय नियोजन अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों जैसे- कृषि, सिंचाई, विनिर्माण ऊर्जा, परिवहन संचार, सामाजिक अवसंरचना और सेवाओं के विकास के लिए कार्यक्रम बनाना और उन्हें लागू करना खंडीय नियोजन कहलाता है।

●  प्रादेशिक नियोजन विकास के प्रादेशिक असंतुलन को कम करने एवं विकास का लाभ सभी को समान रूप से पहुंचाने के उद्देश्य से किए गए नियोजन को प्रादेशिक नियोजन कहते हैं।

5. सुखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं क्या है?

उत्तर:-

●  सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत चौथी पंचवर्षीय योजना में हुई।

●  इस कार्यक्रम का उद्देश्य सूखा प्रवण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना ।

●  सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए उत्पादन के साधनों को विकसित करना।

●  भूमि की उत्पादकता को बढ़ाना।

●  समन्वित विकास पर जोर देना।

6. विकास एवं सतत पोषणीय विकास में अंतर बताइए।

उत्तर:-

विकास

सतत पोषणीय विकास

यह एक वृहद बहुआयामी संकल्पना है जिसमें समाज के सभी लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण पर बल दिया जाता है।

इसके अंतर्गत वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करना सम्मिलित है।

इसमें संसाधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता।

इसमें संसाधनों की गुणवत्ता और सतत उपलब्धता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

यह एक परंपरागत संकल्पना है।

यह संसाधन की पर्यावरण हितैषी एवं नवीन संकल्पना है।

इसके अंतर्गत संसाधनों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।

इसमें संसाधनों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

7. उत्तर: भारत में विकास की प्रादेशिक विषमताओं की प्रमुख विशेषताओं का विवरण लिखिए।

उत्तर:-  भारत के विकास में स्पष्ट प्रादेशिक भिन्नता दिखाई देती है जिनमें से कुछ निम्न है-

●  भारत के आंतरिक प्रदेश पटिया प्रदेशों की तुलना में कम विकसित है।

●  देश के व्यापारिक कृषि प्रधान प्रदेशों में विकास का स्तर जीवन निर्वाह कृषि क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक है।

●  देश के जनजातीय प्रधान प्रदेशों में विकास आज भी निम्न स्तर पर बना हुआ है।

●  पर्वतीय पठारी एवं भार्गव प्रदेश अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़े हुए हैं।

8. पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम का संक्षेप में वर्णन करें।

उत्तर: पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम-

●  पांचवी पंचवर्षीय योजना के दौरान पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।

●  इस योजना के तहत पिछड़े पर्वतीय क्षेत्रों में विकास की विभिन्न योजनाएं लागू की गई।

●  योजनाओं को सफल बनाने हेतु इन पर्वतीय एवं पहाड़ी क्षेत्रों के स्थलाकृति पारिस्थितिकी सामाजिक एवं आर्थिक दशाओं को ध्यान में रखा गया।

●  इस योजना के तहत बागवानी रोपण कृषि कृषि पशुपालन वानिकी लघु एवं ग्रामीण उद्योगों के विकास आदि पर बल दिया गया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। यह कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि भारत में सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम कृषि विकास में कैसे सहायक है?

उत्तरः भारत में सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम का प्रारंभ चौथी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत हुआ जिसका उद्देश्य सूखा संभावित क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन करना तथा सूखे के प्रभाव से निपटने के लिए उत्पादन के साधनों को विकसित करना था।

●  पांचवी पंचवर्षीय योजना में इस कार्यक्रम में कार्य क्षेत्र को और अधिक विस्तृत कर दिया गया इस कार्यक्रम में प्रारंभ में स्थानीय स्तर पर श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर बल प्रदान किया गया लेकिन बाद में इसमें सिंचाई परियोजनाओं, भूमि विकास कार्यक्रमों, वनीकरण, चारागाह विकास तथा आधारभूत संरचनाओं जैसे विद्युत, सड़क, बाजार व वित्तीय सुविधाएं के विकास को भी प्राथमिकता दी गई।

●  सूखा संभावित क्षेत्र के विकास की अन्य रणनीतियों में सूक्ष्म स्तर पर समन्वित जल संभर विकास कार्यक्रम का विकास भी सम्मिलित है।

●  भारत में सूखा संभावित क्षेत्र प्रमुख रूप से राजस्थान, गुजरात, पश्चिम मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के रायलसीमा तेलंगाना पठार, कर्नाटक पठार और तमिलनाडु के शुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्र में विस्तृत मिलते हैं।

सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम का शुष्क भूमि विकास में योगदान:

●  सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम का शुष्क भूमि विकास में निम्नलिखित योगदान है:

●  शुष्क भूमि क्षेत्रों में सूखे की समस्या के प्रभाव को कम किया गया जिससे कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

●  रोजगार के नवीन अवसरों का सृजन कर बेरोजगारी की समस्या को बहुत कम किया गया।

●  जनता के पलायन को रोका गया।

●  पर्यावरण असंतुलन से उत्पन्न समस्याओं को काफी हद तक कम किया गया क्षेत्र के समन्वित विकास में सहयोग मिला।

2. इन्दिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत् पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाएँ ।

उत्तरः इन्दिरा गाँधी नहर भारत में सबसे लम्बे नहर तन्त्रों में से एक है। 9060 किमी. नियोजित लम्बाई रखने वाले इस नहर तन्त्र की सिंचाई क्षमता कृषि योग्य कमान क्षेत्र के 19.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई सुविधाएँ उपलब्ध कराने की है। इन्दिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास के प्रमुख उपाय। पिछले चार दशकों में जिस प्रकार से इन्दिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में विकास हुआ है, उससे वहाँ के भौतिक पर्यावरण को काफी क्षति पहुँची है। वस्तुतः नहर कमान क्षेत्र में सतत् पोषणीय विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रमुख रूप से पारिस्थितिकी विकास को महत्व प्रदान करना आवश्यक है। इस हेतु निम्नलिखित सात उपायों को कार्यान्वित करना आवश्यक है।

क. जल प्रबन्धन नीति: कमान क्षेत्र के सतत् पोषणीय विकास के लिए जल प्रबन्धन नीति को कठोरता से क्रियान्वित करना अति आवश्यक है। इसके लिए परियोजना के प्रथम चरण में कमान क्षेत्र में फसल रक्षण सिंचाई तथा दूसरे चरण में फसल उगाने व चारागाह विकास के लिए विस्तारित सिंचाई का प्रावधान रखा गया है।

ख. जल सघन फसलों पर प्रतिबन्धः कमान क्षेत्र के शस्य प्रतिरूप में सामान्यतया जल सघन फसलों के बोने पर प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है। इसके स्थान पर बागाती कृषि के अन्तर्गत खट्टे फलों की खेती को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

ग. प्रवाहित जल की क्षति को न्यूनतम करना: कमान क्षेत्र के विकास कार्यक्रमों में नालों को पर्वका करना, भूमि विकास तथा समतलन, वारबंदी ( ओसरा) पद्धति जैसे उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए जिससे प्रवाहित जल की क्षति को कम किया जा सके।

घ. लाक्रांत तथा लवणीय भूमि का पुनरुद्धारः कमान क्षेत्र में मिलने वाली जलाक्रान्त व लवणीय भूमि के पुनरुद्धार के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएँ।

ङ वनीकरण एवं चारागाह विकासः कमान क्षेत्र में पारितन्त्र- विकास के लिए यह आवश्यक है कि इस क्षेत्र में वनीकरण, वृक्षों की रक्षण मेखला का निर्माण तथा चारागाह विकास के कार्यों को वरीयता प्रदान की जाए।

च. वित्तीय एवं संस्थागत सुविधाएँ: सतत् पोषणीय विकास के लिए आवश्यक है कि कमान क्षेत्र में कार्यरत निर्धन वर्ग के कृषकों को पर्याप्त मात्रा में वित्तीय एवं संस्थागत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएँ।

छ. अर्थव्यवस्था के विविध सेक्टरों का विकासः सतत् पोषणीय विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह भी आवश्यक है कि कृषि के साथ साथ अर्थव्यवस्था में - अन्य सेक्टरों के विकास पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाए। ऐसा करने से कमान क्षेत्र में आर्थिक विविधीकरण तो होगा ही साथ ही मूल ग्रामीण जनसंख्या, कृषि सेवा केन्द्र (सुविधा ग्राम) तथा विपणन केन्द्रों (मंडी कस्बों) के मध्य एक कार्यात्मक सम्बन्ध स्थापित होगा।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत

1

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

2

विश्व की जनसंख्या : वितरण, घनत्व तथा वृद्धि

3

जनसंख्या संघटन

4

मानव विकास

5

प्राथमिक क्रियाएँ

6

द्वितीयक क्रियाएँ

7

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

8

परिवहन एवं संचार

9

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

10

मानव अधिवास / बस्ती

भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

1

जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

2

प्रवास : प्रकार, कारण एवं परिणाम

3

मानव विकास

4

मानव बस्तियाँ

5

भू-संसाधन तथा कृषि

6

जल संसाधन

7

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

8

निर्माण उद्योग

9

भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

10

परिवहन एवं संचार

11

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination-2023

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