12th Geography 11. अंतरराष्ट्रीय व्यापार INTERNATIONAL TRADE

12th Geography 11. अंतरराष्ट्रीय व्यापार INTERNATIONAL TRADE

12th Geography 11. अंतरराष्ट्रीय व्यापार INTERNATIONAL TRADE

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Geography

11. अंतरराष्ट्रीय व्यापार INTERNATIONAL TRADE

पाठ के मुख्य बिंदु

* व्यापार अर्थव्यवस्था का आधार तथा आधुनिक मानव समाज का बुनियादी आर्थिक क्रिया है किसी भी देश का विदेशी व्यापार वहां के आर्थिक विकास का प्रमुख मापदंड होता है।

* व्यापार का तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान से होता है, व्यापार के दो पक्ष होते हैं, बेचने वाला एवं खरीदने वाला।

* व्यापार के दो स्तर होते हैं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं राष्ट्रीय व्यापार । जब सेवाओं का आदान-प्रदान अर्थात व्यापार दो देशों के मध्य होता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है। जब किसी देश के अंदर व्यापार होता है तो उसे राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है।

* आयात- जब वस्तुओं को दूसरे देशों या जगहों से मंगाई जाती है तो उसे आयात कहते हैं।

* निर्यात- जब वस्तुओं को दूसरे देशों या जगहों में भेजी जाती है तो उसे निर्यात कहते हैं।

* वस्तु विनिमय दो पक्षों के मध्य परस्पर लाभ के लिए मुद्रा के जगह पर वस्तुओं का ही एक दूसरे से आदान-प्रदान करते हैं तो उसे वस्तु विनिमय कहते हैं।

* विश्व युद्ध 'के बाद के समय के दौरान व्यापार व शुल्क हेतु सामान्य समझौता (GATT) जैसे संस्थाओं ने जो कि बाद में विश्व व्यापार संगठन WTO बना) शुल्क को घटाने में सहायता की।

* विश्व व्यापार संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन, जो विश्वव्यापी व्यापार तंत्र के नियमों का निर्धारण करता है।

* अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत ने आयात उदारीकरण, आयात करो में कमी, डि-लाइसेंसिंग (विअनुज्ञाकरण) तथा प्रक्रिया से उत्पादन के एकस्व पेटेंट में बदलाव आदि अनुकूल उपाय अपनाना शुरू किया।

* व्यापार का उदारीकरण व्यापार हेतु अर्थव्यवस्था को खोलने का कार्यमुक्त व्यापार या व्यापार उदारीकरण कहलाता है।

* व्यापार संघ व्यापार संघ ऐसे देशों का समूह होता है जिनके भीतर व्यापारिक अनुबंधों की समान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है।

* व्यापार संतुलन: देश के निर्यात और आयात के कुल मूल्यों के बीच अंतर जब आयात की तुलना में निर्यात की अधिकता होती है तो इसे अनुकूल व्यापार संतुलन और यदि निर्यात कम और आयात अधिक होते हैं तो उसे प्रतिकूल व्यापार संतुलन कहा जाता है।

* पतन: जलयानों पर यात्रियों को चढ़ाने व उतारने माल लादने और चढ़ाने के साथ, नौभार के भंडारण की सुविधाओं से युक्त पोताश्रय का एक वाणिज्यिक भाग पतन या बंदरगाह कहलाता है।

* पोताश्रय जल का एक विस्तृत क्षेत्र जहां जलयान, सागर और प्राकृतिक लक्षणों अथवा कृत्रिम कार्यों से उत्पन्न सागर की महातरंगों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए लंगर डालते हैं अर्थात पोताश्रय वह स्थान होता है जहां जलयानों को आश्रय दिया जाता है।

* लुब्रिकेंट का अर्थ तेल जैसा चिकना पदार्थ है जो मशीन में लगाने से मशीन आसानी से बिना रुके काम करता है।

* डंप करना : लागत की दृष्टि से नहीं वरन भिन्न-भिन्न कारणों से अलग- अलग कीमत की किसी वस्तु को दो देशों में विक्रय करने की प्रथा डंप करना कहलाती है।

* पृष्ठ प्रदेश: जिन क्षेत्र का संसाधनों या बाजारों का व्यापार उस पतन से होता है, उसे पृष्ठ प्रदेश कहते हैं। पृष्ठ प्रदेश की सीमाओं का चिन्हांकन मुश्किल होता है, क्योंकि यह क्षेत्र पर सुस्थिर नहीं होता। अधिकतर मामलों में एक पतन का पृष्ठ प्रदेश दूसरे पतन के पृष्ठ प्रदेश का अतिव्यापन कर सकता है।

* आसियान देश : इसमें ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम 10 देश के सदस्य हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में स्थित है।

* विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में स्थित है।

* विश्राम पतन या मार्ग पतन ऐसे पतन, जो मूल रूप से मुख्य समुद्री मार्गों पर विश्राम केंद्र के रूप में विकसित हुए। जहां पर जहाज पुनः ईंधन भरने, जल भरने तथा खाद्य सामग्री लेने के लिए लंगर डालने का काम करते थे। बाद में वे वाणिज्यिक पतनों के रूप में विकसित हुए। अदन, होनोलूलू तथा सिंगापुर इसके अच्छे उदाहरण है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. दो देशों के मध्य व्यापार कहलाता है?

(क) अंतर्देशीय व्यापार

(ख) बाह्य व्यापार

(ग) अंतरराष्ट्रीय व्यापार

(घ) स्थानीय व्यापार

2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक स्थलबद्ध पोताश्रय है?

(क) विशाखापट्टनम

(ख) मुंबई

(ग) एनोर

(घ) हल्दिया

3. भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार वाहन होता है?

(क) स्थल और समुद्र द्वारा

(ख) स्थल और वायु द्वारा

(ग) समुद्र और वायु द्वारा

(घ) समुद्र द्वारा

4. निम्न में से कौन एक पूर्वी तक का पतन है?

(क) कोच्चि

(ख) मंगलोर

(ग) तूतीकोरिन

(घ) न्हावाशेवा

5. कोलकाता पतन किस नदी पर स्थित है?

(क) गंगा

(ख) गोदावरी

(ग) हुगली

(घ) ब्रह्मपुत्र

6. जवाहरलाल नेहरू (न्हावाशेवा) पतन किस राज्य में है?

(क) महाराष्ट्र

(ख) पश्चिम बंगाल

(ग) गोवा

(घ) तमिलनाडु

7. अरब सागर की रानी के नाम से प्रसिद्ध है?

(क) वेंबनाड कायाल

(ख) खंभात की खाड़ी

(ग) कोच्चि

(घ) चेन्नई

8. वर्तमान में भारत में कितने प्रमुख एवं मझौले पतन है?

(क) 12 प्रमुख 185 मझौले

(ख) 18 प्रमुख एवं 205 मझौले

(ग) आठ प्रमुख 185 मझौले

(घ) 20 प्रमुख एवं 205 मझौले

9. भारत के निर्यात में सबसे बड़ा वर्ग है?

(क) कृषि उत्पादों का

(ख) अयस्क एवं खनिजों का

(ग) विनिर्मित वस्तुओं का

(घ) पेट्रोलियम उत्पादों का

10. भारत में आयात की गई वस्तुओं में सबसे बड़ा वर्ग है?

(क) पेट्रोलियम

(ख) खनिज अयस्क

(ग) बहुमूल्य रत्न

(घ) रासायनिक उत्पाद

11. भारत के निर्यात का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गंतव्य स्थान है?

(क) संयुक्त राज्य अमेरिका

(ख) ब्रिटेन

(ग) बेल्जियम

(घ) जर्मनी

12. 17 निम्न में से कौन सा क्षेत्र भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है?

(क) एशिया व ओशनिया

(ख) यूरोप

(ग) उत्तरी अमेरिका

(घ) अफ्रीका

13. देश में कितने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे कार्यरत हैं?

(क) 300

(ख) 200

(ग) 50

(घ) 25

14. जुआरी नदी मुख के मुहाने पर स्थित प्राकृतिक बंदरगाह कौन सा है?

(क) न्यू मंगलौर

(ख) मार्मागोवा

(ग) न्हावाशेवा

(घ) हल्दिया

15. भारत में व्यापार संतुलन की स्थिति है?

(क) धनात्मक

(ख) ऋणात्मक

(ग) दोनों

(घ) कोई नहीं

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. भारत का सबसे बड़ा समुद्री पतन है?

उत्तर- मुंबई।

2. भारत के पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख पतन कौन से हैं?

उत्तर- कोलकाता, हल्दिया, चेन्नई, तूतीकोरिन, पारादीप, विशाखापट्टनम आदि ।

3. भारत से किन देशों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार स्थल माध्यम से संपत्र होता है?

उत्तरः- भूटान, नेपाल, पाकिस्तान आदि।

4. कोलकाता पतन के व्यापारिक दबाव को कम करने के लिए विकसित किए गए पतन का नाम क्या है?

उत्तर:- हल्दिया पतन।

5. देश के विभाजन के दौरान कौन से दो महत्वपूर्ण पतन अलग हो गए?

उत्तरः- कराची पतन (पाकिस्तान) और (चिटगांव पतन) बांग्लादेश ।

6. अंतरराष्ट्रीय व्यापार से क्या समझते हैं ?

उत्तर दो या दो से अधिक देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के क्रय विक्रय को अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।

7. पृष्ठ प्रदेश (Hinterland) से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:- पृष्ठ प्रदेश वास्तव में तट पर स्थित बस्ती अथवा पतन के पीछे का प्रदेश होता है जो पतन को अपनी सेवाएं प्रदान एवं सेवाएं ग्रहण करता है।

8. ऐसे पांच अफ्रीकी देशों के नाम बताइए जिनसे भारत के व्यापारिक संबंध है।

उत्तर:- नाइजीरिया, अंगोला, अल्जीरिया, घाना, दक्षिण अफ्रीका बोत्सवाना आदि।

9. अफ्रीकी संघ में भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार है?

उत्तरः- नाइजीरिया ।

10. भारत से निर्यात किए गए शीर्ष चार मदों को लिखें।

उत्तर:- विनिर्मित वस्तुओं खनिज ईंधन व लुब्रिकेंट कृषि उत्पाद खनिज अयस्का

11. भारत में आयातित वस्तुओं को उनके आयातित मूल्य के आधार पर आरोही क्रम में लिखें।

उत्तर:- पेट्रोलियम अलौह धातुएं मोती व बहुमूल्य रत्न रासायनिक उत्पाद

12. नौसैन्य पतन के उपयोग बताएं।

उत्तर- नौसैन्य पत्तन सामरिक महत्व के पतन होते हैं तथा व्यापारिक गतिविधियां अत्यंत सीमित होती है। यहां सैन्य उद्देश्यों से लड़ाकू जहाज रखे जाते हैं साथ ही उनकी मरम्मत एवं लंगर डालने की व्यवस्था होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तरः भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ:

  • भारत का कुल विदेशी व्यापार निरन्तर बढ़ रहा है।
  • भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार समुद्री एवं वायु मार्गों द्वारा होता है।
  • भारत में विदेशी व्यापार घाटा तेजी से बढ़ रहा है।
  • विश्व व्यापार में भारत के विदेशी व्यापार का योगदान केवल 1% है।

2. पत्तन और पोताश्रय में अन्तर बताइए।

उत्तर:

  • किसी जलमार्ग पर अवस्थित वह स्थान जहाँ व्यापारिक माल चढ़ाने व उतारने के लिए जलयान ठहर सकते हैं, पत्तन कहलाता है।
  • पोताश्रय ऐसा सागरीय जलक्षेत्र होता है जहाँ जलयानों के ठहरने के लिए लंगर डाले जाते हैं तथा जलयानों को सागरीय तूफानों से सुरक्षा प्रदान की जाती है साथ ही इनमें जलयानों की मरम्मत, ईंधन भरने, गोदाम व माल वितरण की सुविधा होती है।

3. पृष्ठ प्रदेश के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: एक बन्दरगाह के प्रभाव क्षेत्र को उसका पृष्ठ प्रदेश कहा जाता है। यह एक बन्दरगाह की भूमि की ओर विस्तृत वह भाग होता है जिसमें निर्यात की जाने वाली वस्तुओं का संग्रह होता है तथा आपात की जाने वाली वस्तुओं का वितरण होता है।

4. उन महत्त्वपूर्ण मदों के नाम बताइए जिन्हें भारत विभिन्न देशों से आयात करता है?

उत्तरः भारत विभिन्न देशों से निम्नलिखित वस्तुओं का आयात करता है: अशोधित पेट्रोलियम तथा अन्य उत्पाद

• पूँजीगत सामान

• मोती तथा अल्प मूल्य रत्न

• सोना व चाँदी

• रसायन व सम्बन्धित उत्पाद

• खाद्य व सम्बन्धित वस्तुएँ

• वस्त्र, धागे तथा कपड़े आदि ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. भारत में निर्यात और आयात व्यापार के संयोजन का वर्णन कीजिए।

उत्तर: भारत में निर्यात व्यापार का संयोजन - सन् 2016-17 में भारत से 1852340 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का विदेशों को निर्यात किया गया। सन् 2016-17 में भारत से जिन महत्त्वपूर्ण मदों से सम्बन्धित वस्तुओं का निर्यात किया गया उनमें कृषि व समवर्गी उत्पाद, अयस्क एवं खनिज, विनिर्मित वस्तुएँ, पेट्रोलियम व अपरिष्कृत उत्पाद प्रमुख हैं। भारत द्वारा निर्यात मुख्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैंड, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सिंगापुर एवं मलेशिया आदि देशों को किया जाता है। इन देशों में से संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। भारत में आयात व्यापार का संयोजन - सन् 2016-17 में भारत में 2577422 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का आयात किया गया जिनमें अपरिष्कृत पेट्रोलियम एवं अन्य उत्पाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण थे। जिनका देश के कुल आयात मूल्य में योगदान 5,82,762 करोड़ का रहा। स्वर्ण-चाँदी, मशीनरी, व्यावसायिक उपस्कर, मोती, बहुमूल्य एवं अल्प मूल्य रत्न तथा गैर-धात्विक खनिज विनिर्माण आदि महत्वपूर्ण आयातित वस्तुएँ हैं। अन्य आयातित वस्तुओं में दालें, खाद्य तेल, लोहा व स्टील धातुमयी अयस्क तथा धातु छीजन, चिकित्सीय एवं फार्मा उत्पाद, उर्वरक, अलौह धातुएँ, लुगदी व अपशिष्ट कागज, गत्ता व विनिर्मितियों, न्यूज प्रिन्ट, वस्त्र, धागे व कपड़े तथा रासायनिक उत्पाद सम्मिलित हैं। भारत के आयात में एशिया व ओशेनिया की सर्वाधिक हिस्सेदारी है तत्पश्चात् यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका का स्थान आता है।

2. भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति पर एक टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: समय के साथ-साथ भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रकृति में भी उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसमें सन्देह नहीं है कि भारत के निर्यात मूल्य व आयात मूल्य में सन् 1950-51 के बाद से सतत् रूप से वृद्धि होती जा रही हैं। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में इस तीव्रता के प्रमुख कारणों में विनिर्माण के क्षेत्र में सतत वृद्धि, सरकार की उदार नीतियाँ तथा बाजारों की विविधता सम्मिलित हैं। भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की बदलती प्रकृति का अध्ययन निम्नलिखित दो वर्गों के रूप में किया जा सकता है।

क. भारत के निर्यात संघटन के बदलते प्रारूप।

ख. भारत के आयात संघटन के बदलते प्रारूप।

• भारत के निर्यात संघटन का बदलता प्रारूप सन् 2009-10 से 2016-17 के बीच भारत के निर्यात संघटन में निम्नलिखित बदलाव अनुभव किये गये।

• भारत के कुल निर्यात मूल्य में पेट्रोलियम व अपरिष्कृत उत्पाद का प्रतिशत 16.2 से घटकर 11.7 हो गया। इसका प्रमुख कारण पेट्रोलियम तथा अपरिष्कृत उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि होना रहा है।

• भारत के कुल निर्यात मूल्य में अयस्क एवं खनिजों का प्रतिशत 4.9 से घटकर 1.9 हो गया।

• भारत के कुल निर्यात मूल्य में अन्य वस्तुओं का प्रतिशत 1.5 से घटकर 0.5 हो गया।

• दूसरी ओर भारत के कुल निर्यात मूल्य में कृषि एवं समवर्गी उत्पादों का प्रतिशत योगदान 10.0 से बढ़कर 12.3 प्रतिशत हो गया जिसका प्रमुख कारण उक्त उत्पादों के निर्यात में वृद्धि रही है।

• यद्यपि भारत के कुल निर्यात मूल्य में उक्त अवधि में विनिर्मित वस्तुओं का प्रतिशत 67.4 से 73.6 हो गया।

ख. भारत के आयातः संघटन का बदलता प्रारूप सन 2009-10 से 2016-17 के मध्य भारत के आयात संघटन में निम्नलिखित बदलाव अनुभव किये गये।

• भारत के कुल आयात मूल्य में पेट्रोलियम एवं अपरिष्कृत उत्पाद तथा अन्य उत्पाद वर्ग का प्रतिशत 33.2 से घटकर 26.7 हो गया। पेट्रोलियम व इसके उत्पादों के आयात में होने वाली इस कमी का कारण भारत में बढ़ता औद्योगीकरण तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य में हुई वृद्धि है।

• भारत के कुल आयात मूल्य में पूँजीगत सामान का प्रतिशत 15.0 से घटकर 13.6 तथा रसायन तथा सम्बन्धित उत्पादों का प्रतिशत 2.3 से घंटकर 1.3 रह गया।

• भारत के कुल आयात संगठन में खाद्य व सम्बन्धी वस्तुओं का अंश 3.7 की तुलना में बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गया है।

• सन् 1970 के दशक के बाद हरित क्रान्ति में सफलता मिलने के कारण भारत में खाद्यान्नों का आयात रोक दिया गया तथा खाद्यान्नों के आयात का स्थान पेट्रोलियम व उर्वरकों ने ले लिया।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत

1

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

2

विश्व की जनसंख्या : वितरण, घनत्व तथा वृद्धि

3

जनसंख्या संघटन

4

मानव विकास

5

प्राथमिक क्रियाएँ

6

द्वितीयक क्रियाएँ

7

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

8

परिवहन एवं संचार

9

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

10

मानव अधिवास / बस्ती

भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

1

जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

2

प्रवास : प्रकार, कारण एवं परिणाम

3

मानव विकास

4

मानव बस्तियाँ

5

भू-संसाधन तथा कृषि

6

जल संसाधन

7

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

8

निर्माण उद्योग

9

भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

10

परिवहन एवं संचार

11

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination-2023

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