12th Geography 5. प्राथमिक क्रियाएँ PRIMARY ACTIVITIES

12th Geography 5. प्राथमिक क्रियाएँ PRIMARY ACTIVITIES

12th Geography 5. प्राथमिक क्रियाएँ PRIMARY ACTIVITIES

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Geography

5.प्राथमिक क्रियाएँ PRIMARY ACTIVITIES

पाठ के मुख्य बिंदु

* आर्थिक क्रियाएँ मानव अपनी आजीविका चलाने एवं आय प्राप्त करने के लिए जिन कार्यों को करता है, उनको आर्थिक क्रियाओं के अंतर्गत सम्मिलत किया जाता है।

* मानव द्वारा किए जाने वाले आर्थिक क्रियाकलापों को चार वर्गों में बांटा जाता है-

1. प्राथमिक क्रियाकलाप

2. द्वितीयक क्रियाकलाप ।

3. तृतीयक क्रियाकलाप |

4. चतुर्थक क्रियाकलाप ।

* प्राथमिक क्रियाएँ : प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर होती है, क्योंकि ये क्रियाएँ पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूमि, जल, वनस्पति, भवन - निर्माण सामग्री तथा खनिजों के उपयोग से संबंधित होती है।

* प्राथमिक क्रियाकलाप के अंतर्गत वैसे व्यवसायों को सम्मिलित किया जाता है, जिनके द्वारा मानव प्राकृतिक संसाधनों का प्रत्यक्ष उपयोग करता है।

* प्राथमिक क्रियाकलाप के अंतर्गत आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मत्स्यपालन, वानिकी, कृषि एवं खनन जैसे कार्यों को सम्मिलित किया जाता है।

* आर्थिक क्रियाएँ : मानव की ऐसी गतिविधियाँ जो आय उत्पन्न करती हैं।

* संग्रहण : जीविका के लिए जंगली पौधों, भोजन, मछलियों, जड़ी-बूटियों आदि का संग्रह।

* पशु चारण : दूध तथा मांस आदि के लिए जानवरों को पालना।

* चलवासी पशु चारण : यह एक जीविका क्रिया है, जो पशुपालन पर निर्भर होती है। चलवासी पशुपालक अपने पशुओं के चारे तथा जल की तलाश में प्रवास करते रहते हैं। इनको खानाबदोश भी कहा जाता है।

* ऋतु प्रवासः ऋतु परिवर्तन के अनुसार, पशुओं के साथ पशुचारक एक स्थान को छोड़कर किसी दूसरे स्थान पर चले जाते हैं। यह गतिविधि ऋतु प्रवास कहलाती है। सर्दियों में ये मैदानों की ओर तथा गर्मियों में पर्वतों की ओर प्रवास करते हैं।

* वाणिज्य पशुधन पालन : यह वैज्ञानिक रूप से तथा एक सुसंगठित तरीके से पशुओं को पालना है। इसमें चारे की पौष्टिक फसलें उगाई जाती हैं तथा पशुधन के जननिक सुधार पर अधिक बल दिया जाता है।

* कृषि : भूमि जोतने तथा फसलों को उगाने एवं पशुधन के पालन-पोषण का विज्ञान ही, कृषि कहलाता है।

* निर्वाह कृषि एक ऐसी कृषि प्रणाली जहाँ फसलें केवल स्व-उपभोग के लिए या विनिमय हेतु सामाजिक तंत्र के अंदर परिचालन के लिए उत्पन्न की जाती है।

* डेयरी कृषि यांत्रिक तथा वैज्ञानिक तरीकों से दुधारू पशुओं का पालन करना यह शीतोष्ण घास के मैदान में अधिक प्रचलित है।

* ट्रक कृषि : यह शहरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए फलों तथा सब्जियों की खेती है और इन फलों और सब्जियों का ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में मुख्यतः ट्रकों द्वारा परिवहन किया जाता है।

* सहकारी कृषि : एक प्रकार की कृषि जिसमें किसानों का एक समूह अपनी कृषि से अधिक दक्षता व लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य संपन्न करता है।

* खनन : भूगर्भ से व्यवसायिक रूप से मूल्यवान खनिजों के निकालने से संबंधित एक आर्थिक गतिविधि ।

* स्थानांतरणशील कृषि: यह कृषि की कर्तन एवं दहन विधि है। इसमें वन क्षेत्र के एक भाग से वृक्ष गिराकर अथवा काटकर तथा तनों व शाखाओं काकर उस भाग को साफ किया जाता है। भूमि के एक भाग पर दो से तीन वर्षों तक फसल उगाई जाती है और फिर भूमि को पुनः उर्वरता प्राप्त करने के लिए छोड़ दिया जाता है।

* सघन कृषि सघन कृषि का आशय बड़े भू-क्षेत्रों पर भूमि प्रयोग के ऋतु संबंधी प्रतिमानों से है। अनुपूरक ऊर्जा उत्पादों का प्रयोग करते हुए, एक ही क्षेत्र की आवर्ती कृषि, इस कृषि की विशेषता है।

* रोपण कृषि : यह फैक्ट्री उत्पाद से मिलती जुलती एक बड़े पैमाने वाली एक फसली कृषि है। क्षेत्र का विस्तृत आकार, अधिक पूँजी निवेश तथा खेती के लिए आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग, रोपण कृषि की विशेषता है। इस प्रकार की कृषि में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, कोको आदि उगाए जाते हैं।

* मिश्रित कृषि : एक प्रकार की कृषि, जिसमें फसल उत्पादन तथा पशुपालन दोनों को समान महत्त्व दिया जाता है। इस प्रकार की कृषि, अत्यधिक विकसित देशों में पाई जाती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्न में से कौन सी कृषि के प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूह द्वारा किया गया?

(क) कोलखहोज

(ख) अंगूरोत्पादन

(ग) मिश्रित कृषि

(घ) रोपण कृषि

2. निम्न में से कौन रोपण फसल नहीं है?

(क) कॉफी

(ख) गन्ना

(ग) गेहूं

(घ) रबर

3. निम्न देशों में से किस देश में सरकारी कृषि का सफल परीक्षण किया गया?

(क) रूस

(ख) डेनमार्क ।

(ग) भारत।

(घ) नीदरलैंड |

4. निम्न प्रदेशों में से किसमें विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि नहीं की जाती है?

(क) अमेरिका एवं कनाडा के प्रेयरी क्षेत्र |

(ख) अर्जेंटीना के पंपास क्षेत्र ।

(ग) यूरोपीय स्टेपीज क्षेत्र |

(घ) अमेजन बेसिन

5. फूलों की कृषि क्या कहलाती है?

(क) ट्रक फार्मिंग

(ख) कारखाना कृषि

(ग) मिश्रित कृषि

(घ) पुष्पोत्पादन

6. निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि की जाती है?

(क) बाजारी सब्जी कृषि

(ख) भूमध्यसागरीय कृषि

(ग) रोपण कृषि

(घ) सहकारी कृषि

7. निम्न कृषि के प्रकारों में से कौन सा प्रकार कर्तन दहन कृषि का है?

(क) विस्तृत जीवन निर्वाह कृषि

(ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि

(ग) विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि

(घ) मिश्रित कृषि

8. निम्न में से कौन-सी एकल कृषि नहीं है?

(क) डेयरी कृषि

(ख) मिश्रित कृषि

(ग) रोपण कृषि

(घ) वाणिज्य अनाज कृषि

9. खनन की कितनी विधियां है?

(क) दो विधियां

(ख) तीन विधियां

(ग) चार विधियां

(घ) पांच विधियां

10. सामूहिक कृषि को कालखहोज नाम कहां दिया गया।

(क) नीदरलैंड में

(ख) कनाडा में

(ग) जर्मनी में

(घ) सोवियत संघ में

11. सहकारी कृषि को सर्वाधिक सफलता किस देश में मिली है?

(क) डेनमार्क

(ख) नीदरलैंड

(ग) बेल्जियम

(घ) स्वीडन

12. भूमध्यसागरीय कृषि में उगाई जाने वाली फसल है?

(क) अंगूर

(ख) जैतून

(ग) अंजीर

(घ) उपरोक्त सभी

13. रोपण कृषि में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल है:-

(क) चाय

(ख) रबड़

(ग) गन्ना

(घ) उपरोक्त सभी

14. मलेशिया एवं इंडोनेशिया में स्थानांतरित कृषि का स्थानीय नाम क्या है?

(क) झूमिंग

(ख) लदांग

(ग)मिल्पा

(घ) इनमें से कोई नही

15. हॉर्टिकल्चर किससे संबंधित है ?

(क) फूल से

(ख) दाल से

(ग) अन्न से

(घ) फल व सब्जी से

16. ब्राजील में कॉफी बागान को क्या कहा जाता है?

(क) एजेंडा

(ख) लदांग

(ग) मिल्पा

(घ) फेजेण्डा

17. निम्नलिखित में से कौन रोपण फसल है?

(क) राई

(ख) मक्का

(ग) गेहूं

(घ) कोको

18. संसार के किस भाग में कर्तन और दहन कृषि को झुमिंग के नाम से जाना जाता है?

(क) पूर्वी इंडोनेशिया

(ख) जापान

(ग) मध्य अमेरिका

(घ) भारत के उत्तर पूर्वी राज्य

19. निम्नलिखित में से प्राथमिक क्रियाकलाप कौन सा है?

(क) खेती

(ख) व्यापार

(ग) बुनाई

(घ) उद्योग

20. रबड़ किस प्रकार की कृषि की उपज है?

(क) रोपण कृषि

(ख) भूमध्यसागरीय कृषि

(ग) मिश्रित कृषि

(घ) गहन निर्वाह कृषि

21. बुशमैन कहां के निवासी हैं?

(क) कांगो

(ख) न्यू गिनी

(ग) इक्वेडोर

(घ) उत्तरी कालाहारी

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. आखेट से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : परंपरागत शैली से अर्थात पत्थर तथा लकड़ी से निर्मित औजारों एवं तीरों का उपयोग कर जंगली पशुओं तथा मछलियों का शिकार करना।

2. संग्रहण क्या है?

उत्तर : प्राचीन काल में मनुष्य द्वारा अपने भोजन, वस्त्र, सुरक्षा और आवश्यकताओं के लिए वस्तुओं का संग्रह करना।

3. पशुचारण किसे कहते हैं?

उत्तर : भौगोलिक परिवेश में उपलब्ध उपयोगी पशुओं का अपने भरण- पोषण हेतु पालन करना पशुचारण कहलाता है।

4. कुत्तों एवं रेनडियर का उपयोग बोझा ढोने वाले पशुओं के रूप में किस क्षेत्र में किया जाता है?

उत्तर: आर्कटिक और उप ध्रुवीय क्षेत्रों में।

5. चलवासी पशुचारण से आप क्या समझते हैं।

उत्तर: चलवासी पशुचारण में लोगों को अपने पशुओं के लिए चारागाह की तलाश में बार-बार एक स्थान से दूसरे स्थान पर अपने निवास को स्थानांतरित करना पड़ता है।

6. रोपण कृषि की शुरुआत किन लोगों के द्वारा की गई?

उत्तरः यूरोपीय लोगों के द्वारा।

7. पुष्प उत्पादन में विशिष्टीकरण रखने वाले यूरोपीय देश का नाम बताएं?

उत्तरः नीदरलैंड यहां विशेष रूप से ट्यूलिप की कृषि की जाती है।

8. कौन से देश में व्यवहारिक रूप से प्रत्येक किसान सहकारी समिति का सदस्य है?

उत्तर: डेनमार्क।

9. वाणिज्य पशुधन पालन क्या है?

उत्तर: विस्तृत घास भूमि पर आधुनिक वैज्ञानिक तरीके से किया जाने वाला व्यवस्थित एवं पूंजी प्रधान व्यवसाय है।

10. भारत के उत्तर पूर्वी स्थानांतरित कृषि को किस नाम से जाना जाता है?

उत्तरः झुमिंग।

11. मध्य अमेरिका एवं मेक्सिको में स्थानांतरित कृषि को क्या कहते हैं?

उत्तर : मिल्पा।

12. ट्रक फार्मिंग क्या है?

उत्तर : नगरों के आसपास सब्जियों की खेती करना ट्रक फार्मिंग कहलाता है क्योंकि सब्जियों को फार्म से बाजार तक ले जाने में ट्रक की सहायता ली जाती है, एवं एक ही रात सब्जियों को ट्रक की सहायता से बाजार तक पहुंचाया जाता है।

13. खनन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-भूगर्भ से प्राकृतिक अवस्था में स्थित खनिजों को खुदाई करके प्राप्त करने की प्रक्रिया खनन कहलाती है।

14. सहकारी कृषि क्या है?

उत्तर- किसानों का एक समूह कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य करते हैं, इसे सहकारी कृषि कहते हैं।

15. बागवानी अथवा उद्यान कृषि क्या है?

उत्तरः खेतों में फसल उगाने की तुलना में प्रायः छोटे-छोटे भूखंडों पर सब्जियों और फलों को उगाना ही बागवानी कृषि कहलाता है।

16. मलेशिया में स्थानांतरित कृषि को क्या कहा जाता है?

उत्तरः लदांग।

17. गन्ने की खेती के लिए कौन सा जलवायु क्षेत्र महत्वपूर्ण है?

उत्तरः उष्णकटिबंधीय क्षेत्र ।

18. 'लाल कॉलर श्रमिक' से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः प्राथमिक क्रियाकलाप में सम्मिलित लोग, जिनका कार्यक्षेत्र घर से बाहर होता है। लाल श्रमिक कहलाते हैं। जैसे- कृषक, दैनिक, मजदूर।

19. पशुपालन को कितने वर्गों में बांटा गया है?

उत्तर: पशुपालन को दो वर्गों में बांटा गया है, चलवासी पशुपालन एवं वाणिज्य पशुधन पशुपालन

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए।

उत्तरः स्थानांतरित कृषि के अंतर्गत वनों को काटकर तथा जलाकर कृषि भूमि तैयार की जाती है, जब एक स्थान की कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है तो पुनः दूसरे स्थान पर वनों को काटकर जलाया जाता है और कृषि भूमि तैयार की जाती है। इस कृषि पद्धति के कारण वन भूमि में लगातार कमी आती है, अतः जैव विविधता में कमी आती है। मृदा अपरदन में वृद्धि होती है, वर्षा में कमी आती है, तथा तापमान वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण अवनयन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं अतः स्थानांतरित कृषि भविष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

2. बाजारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?

उत्तर: बाजारीय सब्जी कृषि, नगरीय क्षेत्रों के आसपास अथवा समीपवर्ती क्षेत्रों में की जाती है क्योंकि नगरीय क्षेत्रों में उच्च आय वर्ग के लोग रहते हैं। यहां ताजी सब्जी और फलों की भारी मांग रहती है। शहरी क्षेत्र यातायात के साधनों से जुड़े होते हैं अतः आसानी से प्रतिदिन सब्जी और फलों को कम समय में उपभोक्ताओं तक भेजा जा सकता है ताकि किसान अपने उत्पाद की उच्च कीमत वसूल कर सके।

3. विस्तृत पैमाने पर डेयरी कृषि का विकास पातायात के संसाधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सका है?

उत्तर- डेरी उत्पाद जैसे दुग्ध व इससे बने उत्पाद शीघ्र ही खराब होने वाले होते है और इन्हें शीघ्रता से शहरों तथा औद्योगिक क्षेत्रों में पहुंचाना आवश्यक होता है। इसके लिए यातायात के साधनों का विकास तथा प्रशीतकों का होना आवश्यक है। प्रशीतकों का उपयोग करके विभिन्न डेयरी उत्पादों को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

4. ऋतु प्रवास किसे कहते हैं?

उत्तरः नए चारागाहों की खोज में चलवासी पशुचारक समतल भागों एवं पर्वतीय क्षेत्रों में लंबी दूरियाँ तय करते हैं। गर्मियों में मैदानी भाग से पर्वतीय चरागाह की ओर एवं शीत ऋतु में पर्वतीय भाग से मैदानी चरागाहों की ओर प्रवास करते हैं। इस गतिविधि को ऋतुप्रवास कहते हैं। जैसे मध्य एशिया के खिरगीज, ट्रेडा प्रदेश के लैप्स, सेमोयड्स तथा एस्किमो एवं भारत के हिमालय पर्वतीय क्षेत्र के गुर्जर, गद्दी, बकरवाल तथा भूटिया जनजाति के पशुचारक ऋतु प्रवास करते हैं।

5. मिश्रित कृषि की विशेषताएं बताइए एवं इसके प्रमुख क्षेत्रों के नाम लिखिए।

उत्तरः मिश्रित कृषि में फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है। फसलों के साथ-साथ पशु जैसे मवेशी, भेड़, सुअर, कुक्कुट आदि आप के प्रमुख स्रोत है। मिश्रित कृषि में पशुओं के चारे के लिए मुख्य रूप से फसलों को उगाया जाता है। इस कृषि में खेतों का आकार मध्यम होता है। इसमें बोई जाने वाली अन्य फसलें गेहूँ, जौ, राई, जई, मक्का, कंदमूल प्रमुख है। शस्यावर्तन एवं अंतः फसली कृषि मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिश्रित कृषि विश्व के अत्यधिक विकसित भागों में की जाती है, जैसे उत्तरी पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पूर्वी भाग, पूरेशिया के कुछ भाग एवं दक्षिणी महाद्वीपों के समशीतोष्ण अंक्षाश वाले भाग।

6. आदिमकालीन निर्वाह कृषि की विशेषताएँ बताइए।

उत्तरः आदिमकालीन निर्वाह कृषि के अंतर्गत कृषक अपने व अपने परिवार के भरण पोषण के लिए उत्पादन करता है। इसमें फसलों के उत्पादन बिक्री के लिए नहीं होते। यह कृषि का प्राचीनतम रूप है, जिसे स्थानांतरी कृषि भी कहते हैं, जिसमें खेत स्थाई नहीं होते। खेतों के आकार छोटे-छोटे होते हैं। इस कृषि की पद्धति में किसान एक क्षेत्र के जंगल या वनस्पतियों को काटकर या जलाकर साफ करता है और खेती कार्य प्रारंभ करता है परंतु खेत का उपजाऊपन समाप्त होने पर उस स्थान को छोड़कर कृषि भूमि तैयार की जाती है। कृषि हेतु औजार पारम्परिक होते हैं, जैसे लकड़ी, कुदाली एवं फावड़े । आदिम कालीन निर्वाह कृषि के मुख्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्र जहाँ आदिम जाति के लोग यह कृषि करते हैं-

(क) अफ्रीका

(ख) उष्णकटिबंधीय दक्षिण व मध्य अमेरिका दक्षिण पूर्वी एशिया

7. भूमध्य सागरीय कृषि की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर: यह कृषि भूमध्यसागरीय जलवायु वाले प्रदेशों में अधिक की जाती है। भूमध्यसागरीय कृषि विशिष्ट प्रकार की कृषि है, जिसमें खट्टे फलों के उत्पादन पर विशेष बल दिया जाता है। भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में शुष्क कृषि भी की जाती है एवं गर्मी के महीनों में अंजीर और जैतून पैदा होते हैं। इस क्षेत्र के कई देशों में अच्छे किस्म के अंगूरों से उच्च गुणवत्ता वाली मदिरा (शराब) का उत्पादन किया जाता है। शीत ऋतु में जब यूरोप एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में फलों एवं सब्जियों की माँग होती है, तब भूमध्यसागरीय क्षेत्र से इसकी आपूर्ति को जाती है।

8. सहकारी कृषि क्या है?

उत्तर: जब कृषकों का एक समूह अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य करते हैं तो उसे सहकारी कृषि कहते हैं। इसमें व्यक्तिगत फार्म या खेतों के रहते हुए सहकारी रूप में कृषि की जाती है। सहकारी संस्था के द्वारा कृषक को सभी रूप में सहायता प्राप्त होती है। यह सहायता कृषि कार्य में आवश्यक सामग्री की खरीद करने, कृषि उत्पाद को उचित मूल्य पर बेचने एवं सस्ती दरों पर प्रसंस्कृत साधनों को जुटाने के लिए होती है। सहकारी कृषि का प्रारंभ एक शताब्दी पूर्व प्रारंभ हुआ था एवं पश्चिमी यूरोप के डेनमार्क, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्वीडन तथा इटली में यह सफलतापूर्वक चला। सबसे अधिक सफलता इसे डेनमार्क में मिली, जहाँ प्रत्येक कृषक इसका सदस्य है।

9. चलवासी पशुचारण से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तरः चलवासी पशुचारण एक प्राचीन जीवन-निर्वाह व्यवसाय है, जिसमें पशुचारक अपने भोजन, वस्त्र, आवास एवं यातायात के लिए पशुओं पर ही निर्भर रहता है। वे अपने पालतू पशुओं के साथ पानी एवं चरागाह की उपलब्धता एवं गुणवत्ता हेतु एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं। इन पशुचारक वर्गों के अपने-अपने निश्चित चरागाह क्षेत्र होते हैं। वर्तमान में चलवासी पशुचारको की संख्या घट रही है। उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, एशिया के टुंड्रा प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका आदि प्रमुख क्षेत्र हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर बताइए ।

उत्तर- चलवासी पशुचारण एवं वाणिज्य पशुधन पालन में निम्नलिखित अंतर है:-

चलवासी पशुचारण

वाणिज्य पशुधन पालन

1. अर्थ : चलवासी पशुचारण में पशुपालक समुदाय चारे एवं जल की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हैं।

1. जबकि वाणिज्य पशुधन पालन एक निश्चित स्थान पर विस्तृत फार्म पर किया जाता है और उनके चारे की व्यवस्था स्थानीय रूप से की जाती है।

2. पूंजी : इसमें अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं ही पशुओं को प्राकृतिक परिवेश में पाला जाता है।

2. जबकि चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूँजी प्रधान है।

3. पशुओं की देखभाल : पशु प्राकृतिक रूप से बड़े होते हैं और उनकी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है।

3. वाणिज्य पशुधन पालन में पशुओं की देखभाल वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है, अर्थात पशुपालन के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

4. पशुओं के प्रकार : चलवासी पशुपालक एक ही समय में विभिन्न प्रकार के पशु रखते है। जैसे भेड़-बकरी, ऊंट आदि

4. पशुओं के प्रकार- इसमें उसी विशेष पशु को पाला जाता है। जिसके लिए वह क्षेत्र अत्यधिक अनुकूल होता है।

5. पशुओं के प्रजनन, जनांकिकी सुधार बीमारियों पर नियंत्रण तथा स्वास्थ्य पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।

5. जबकि इसमें पशुओं के प्रजनन, जनांकिकी सुधार, बीमारियों पर नियंत्रण तथा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

6. क्षेत्र : यह पुरानी दुनिया तक ही सीमित हैं। इसके तीन प्रमुख क्षेत्र हैं :- उत्तरी अफ्रीका के एटलांटिक तट से अरब प्रायद्वीप होते हुए मंगोलिया एवं मध्य चीन, यूरोप व एशिया के टुंड्रा प्रदेश, दक्षिण पश्चिम अफ्रीका एवं मेडागास्कर द्वीपा

6. क्षेत्र: यह मुख्यतः नई दुनिया में प्रचलित है। विश्व में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, अर्जेंटाइना, पुरुग्वे, संयुक्त राज्य अमेरिका में वाणिज्य पशुधन पालन किया जाता है।

2. रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएं बताएँ एवं विभिन्न देशों में गायी जाने वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बताएँ ।

उत्तर: रोपण कृषि (Plantation Agriculture) विश्व के अनेक भागों में यूरोपियन द्वारा स्थापित किए गए उपनिवेशों में प्रारम्भ किया गया। यूरोपियन द्वारा विशेष रूप से अपने अधीन उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में चाय, कॉफी, कोको, कपास, गन्ना, केला तथा अनानास के बागान लगाकर सफलतापूर्वक कृषि की गई। वर्तमान में इन बागानों से विदेशी स्वामित्व लगभग समाप्त हो चुका है तथा अधिकांश बागान स्वामित्व देशों की सरकार या वहाँ के नागरिकों के आधिपत्य में है।

रोपण कृषि की विशेषताएँ-

(क) यह एक फसली व्यापारिक कृषि है जिसमें पौधे को एक बार रोपने के बाद कई वर्षों तक लगातार उत्पादन प्राप्त होता रहता है।

(ख) कृषि क्षेत्र अथवा बागानों का आकार बड़ा होता है।

(ग) इस कृषि में तकनीकी आधार अधिक पूँजी निवेश, उच्च स्तरीय प्रबन्धन एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।

(घ) बागानों को कारखानों तथा बाजार से जोड़ने के लिये सस्ते परिवहन का प्रयोग किया जाता है।

(ड) सस्ता अकुशल श्रम स्थानीय लोगों से प्राप्त किया जाता है। इस कृषि के विकास के लिये यूरोपीय तथा अमेरिकी लोगों ने विशेष योगदान किया था।

मुख्य फसल

(क) फ्रांसीसियों ने पश्चिमी अफ्रीका में कॉफी एवं कोको की पौधा लगायी।

(ख) इंडोनेशिया में डच लोगों ने गन्ने की शुरुआत की।

(ग) स्पेन तथा अमेरिका के निवासियों ने फिलीपीन्स में नारियल तथा गन्ने के बागान लगाये।

(घ) यूरोपियन लोगों द्वारा ब्राजील में कॉफी बागान स्थापित किए हैं। ब्राजील के इन कॉफी बागानों को फजेन्डा कहा जाता है।

3. खनन किसे कहते हैं, खनन को प्रभावित करने वाले दो कारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: भूपर्पटी से मूल्यवान धात्विक और अधात्विक खनिजों को निकालने की प्रक्रिया को खनन कहते हैं। खनन की प्रक्रिया मानवीय सभ्यता की आधार मानी जाती है। प्रारंभिक अवस्था में खनिजों का प्रयोग सीमित था इसके बाद धीरे-धीरे मानव ने धातु का प्रयोग करना प्रारंभ किया। मानव विकास के इतिहास में खनिजों की खोज की कई अवस्थाएं हैं, जैसे ताम्र युग, कास्य युग एवं लौह युग खनन का वास्तविक विकास औद्योगिक क्रांति के पश्चात ही संभव हुआ एवं वर्तमान में इसका महत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है।

खनन कार्य को प्रभावित करने वाले कारक :-

(क) भौतिक कारक इनमें खनिज पदार्थों के आकार, श्रेणी एवं उपस्थिति की अवस्था को सम्मिलित किया जाता है। खनिजों की अधिक गहराई, खनिजों में धातु की मात्रा का कम प्रतिशत तथा उपभोग के स्थानों से अधिक दूरी, खनिजों के खनन के व्यय को बढा देती है।

(ख) आर्थिक कारक इसमें खनिजों की मांग, विद्यमान तकनीकी ज्ञान एवं उसका उपयोग, पूंजी की उपलब्धता, यातायात व श्रम पर होने वाला व्यय आदि सम्मिलित किया जाता है।

4. मिश्रित कृषि की तुलना डेरी कृषि से तीन बिंदुओं में कीजिए।

उत्तर- मिश्रित कृषि की डेरी कृषि से तुलना निम्न प्रकार से की जा सकती हैं -

मिश्रित कृषि

डेयरी कृषि

(1) यह गहन प्रकार की कृषि है, इसमें किसान पूरे वर्ष फसल उत्पादन और पशुपालन में व्यस्त रहता है।

(i) यह बहुत ही उन्नत प्रकार की कृषि है, इसमें दुधारू पशुओं को पाला जाता है।

(ii) मिश्रित कृषि में अत्याधुनिक 'वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग होता है। किसान रासायनिक उर्वरकों, संकर बीजों और सिंचाई का विवेकपूर्ण और सक्षम उपयोग करता है। आधुनिक मशीनें और वैज्ञानिक फसल चक्र इसकी अन्य विशेषता है।

(ii) पशुओं के लिए रहने के लिए शेड घास अथवा चारा संचित करने के भंडार तथा दुग्ध उत्पादन हेतु आधुनिक यंत्रों के प्रयोग के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है।

(iii) इस कृषि में किसान सुरक्षित रहता है। मिश्रित कृषि के अधिकतम उत्पादन स्थानीय बाजारों में ही खप जाते हैं।

(iii) यह मुख्यतः नगरों एवं औद्योगिक केंद्रों के इर्द-गिर्द की जाती है क्योंकि इन क्षेत्रों में दूध तथा दुग्ध उत्पादों के लिए उचित बाज़ार उपलब्ध होता है।

(iv) इसमें खाद्य चारे की फसलें, गेहूँ, मक्का, आलू, जई तथा शकरकंद आदि बोए जाते है।

(iv) डेरी कृषि, प्राकृतिक चरागाहों पर की जाती है। इसमें गेहूँ जई मक्का व अल्फा- अल्फा आदि फसलें उगाई जाती हैं।

(v) मिश्रित कृषि मुख्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका पश्चिमी यूरोपीय देश व रूस आदि में की जाती है।

(v) डेरी कृषि मुख्यतः , संयुक्त राज्य अमरीका, सी०आई०एस०, नीदरलैंड, डेनमार्क, आस्ट्रेलिया के घास के मैदानों में की जाती है।

(vi) इस प्रकार की कृषि में भारी मात्रा में श्रम शक्ति की आवश्यकता होती है।

(vi) इस प्रकार की खेती में वैज्ञानिक तकनीकों तथा भारी पूँजी निवेश की आवश्यकता होती है।

5. धरातलीय एवं भूमिगत खनन में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः धरातल एवं भूमिगत खनन में निम्नलिखित अंतर हैं:-

धरातलीय खनन

भूमिगत खनन

1. धरातलीय खनन अपेक्षाकृत आसान, सुरक्षित और सस्ता होता है।

1. भूमिगत खनन बहुत जोखिमपूर्ण तथा असुरक्षित होता है।

2. इस खनन में सुरक्षात्मक उपायों एवं उपकरणों पर अतिरिक्त खर्च अपेक्षाकृत कम होता है।

2. सुरक्षात्मक उपायों व उपकरणों पर अत्यधिक खर्च होता है। इसमें दुर्घटनाओं की संभावना अधिक होती है।

3. खनिजो के भंडार धरातल के निकट ही कम गहराई पर होते है।

3. खानें काफी गहराई पर होती है। इन खानों में वेधन मशीन, माल ढोने वाली गाडियों तथा वायु संचार प्रणाली की | आवश्यकता होती है।

6. ट्रक कृषि से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएँ स्पष्ट करें।

उत्तर- नगरीय बाजारों के लिए उगाई जाने वाली सब्जियों की विशिष्ट कृषि, ट्रक कृषि कहलाती है और इसमें यातायात शामिल होता है। नगरीय बाजार से ट्रक फार्मों की दूरियाँ, ट्रक द्वारा रातभर में तय की जाती है। ट्रक कृषि का शहरीकरण से गहरा संबंध है। शहरी क्षेत्रों की भारी जनसंख्या, सब्जियों की भारी माँग निर्मित करती है। ट्रक कृषि, उत्तर-पश्चिमी पूरोप, ब्रिटेन, डेनमार्क, बेल्जियम, नीदरलैंड जर्मनी तथा फ्रांस, संयुक्त राज्य अमरीका के उत्तर-पूर्वी भागों तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्र के सघन जनसंख्या वाले औद्योगिक जिलों में काफी विकसित है। अपनी लंबी उत्पादन ऋतु के साथ, भारत ट्रक कृषि के लिए काफी उपयुक्त है।

ट्रक कृषि की मुख्य विशेषताएँ हैं:

  • कृष्ण खेत छोटे होते हैं।
  • यह एक गहन कृषि है।
  • बेहतर तथा तीव्र यातायात की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
  • इसमें बेहतर सिंचाई सुविधाओं की आवश्यकता होती है।
  • खाद तथा रासायनिक उर्वरकों का भारी मात्रा में प्रयोग किया जाता है।
  • उच्च उत्पादन देने वाले बीजों का प्रयोग होता है।
  • कृषि का अधिकतम कार्य, मानव श्रम द्वारा किया जाता है।
  • फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है।
  • बाज़ार माँगों को पूरा करने के लिए किसानों ने ट्रक कृषि को अपना लिया है।

7. स्थानांतरित कृषि तथा स्थाई कृषि के बीच अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर- स्थानांतरणशील कृषि तथा स्थायी कृषि के बीच अंतर :

स्थानांतरणशील कृषि

स्थायी कृषि

(i) स्थानांतरणशील कृषि कृषि के प्राचीनतम रूपों में से एक है।

(1) स्थायी कृषि प्राचीन / आदिकालीन निर्वाह कृषि का एक विकसित रूप है।

(ii) खेती योग्य भूमि, प्रकृति में अस्थाई होती हैं। इसमें पेड़ों को काटकर तथा तनों व जड़ों को जलाकर जंगलों को | साफ करना शामिल होता है।

(ii) इसमें खेती योग्य भूमि स्थायी होती है तथा यह एक स्थान पर व्यवस्थित किसान द्वारा की जाती है।

(iii) यह कृषि जनसंख्या के एक बड़े भाग की आवश्यकताओं की कृषि है। इसमें पशुधन पालन नहीं होता।

(iii) यह कृषि जनसंख्या के एक बड़े भाग की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है तथा इसमें दुधारू पशुओं का पालन होता है।

(iv) इस प्रकार की खेती उष्णकटिबंधीय जंगलों में रहने वाली जातियों के द्वारा किया जाता है तथा इसे विभिन्न स्थानीय नामों, जैसे- लाडांग, झूम, मिल्पा, रोका तथा कोनुको आदि नाम से जाना जाता है।

(iv) स्थायी कृषि अफ्रीका मध्य अमेरिका तथा दक्षिण पूर्व एशिया के प्राचीन कृषक द्वारा की जाती है।

8. विस्तृत कृषि क्या है ? विस्तृत कृषि की मुख्य विशेषताओं की विवेचना कीजिए तथा मध्य आक्षांशों में वाणिज्यिक अनाज कृषि भी स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- विस्तृत कृषि मुख्य रूप से देश के कम जनसंख्या वाले भागों में की जाती है, जहाँ पर भूमि का अधिक क्षेत्र कृषि हेतु उपलब्ध होता हैं तथा खेत स्वचालित रूप से क्षेत्र में अधिक होते हैं। अतः इस प्रकार की कृषि विस्तृत कृषि तथा मशीनीकृत कृषि कही जाती है, क्योंकि कृषि संबंधी सभी गतिविधियाँ मुख्य रूप से मशीनों द्वारा की जाती हैं। यह मुख्य रूप से उन देशों में की जाती है, जिन देशों में कृषि हेतु अधिक भूमि उपलब्ध होती है।

विस्तृत कृषि के क्षेत्र: इस प्रकार की कृषि शीतोष्ण अक्षांशीय घास के मैदानों में की जाती है जैसे कि संयुक्त राज्य अमरीका की प्रेयरीज, यूरोप व एशिया की स्टेपीज, अर्जेंटीना के पम्पास, आस्ट्रेलिया के डाउन्स इन मैदानों में गेहूँ की फसल भारी मात्रा में बोई जाती है, लेकिन कृषि भूमि के बड़े आकार के अनुसार, उत्पादन तुलनात्मक रूप से कम है।

विस्तृत कृषि की विशेषताएँ:

  • कृषि उस स्थान के समतल मैदानों पर की जाती है, जहाँ खेतों का आकार बड़ा होता है।
  • किसान आधुनिक वैज्ञानिक मशीनों का प्रयोग करते जैसे कि ट्रैक्टर, हारवेस्टर, थ्रेशर तथा लिफ्टिंग पंप आदि । आधिक्य खाद्य फसलों के संरक्षण के लिए बड़े गोदाम तथा
  • एलिवेटर बनाए जाते हैं। प्रति हेक्टर औसत उत्पादन तुलनात्मक रूप से कम होता है, लेकिन कम जनसंख्या घनत्व के कारण प्रति व्यक्ति उत्पादन उच्च हो जाता है।
  • कृषि, वाणिज्यिक उद्देश्य से की जाती है ताकि खाद्य फसलों को जल्द ही माँग क्षेत्र में भेजा जा सके।
  • मशीनों का उच्च प्रयोग, मानव कार्य क्षमता / शक्ति को निरुत्साहित करता है
  • प्रति हेक्टर उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का अधिकतर प्रयोग किया जाता है।
  • बाजार में उत्पादन की तीव्र पूर्ति के लिए, यातायात के साधन विकसित किए गए हैं। मध्य अक्षांशों में वाणिज्यिक अनाज कृषि मध्य अक्षांशों के अधिकतर भागों में संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, यूक्रेन, पश्चिमी यूरोप, अर्जेंटीना, दक्षिणी आस्ट्रेलिया में वाणिज्यिक स्तर पर गेहूँ के उत्पादन में विशेषज्ञता प्राप्त की गई है। कृषि संबंधी अधिकतर कार्य मशीनों द्वारा किए जाते हैं।

9. गहन निर्वाह कृषि की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: गहन निर्वाह कृषि (Intensive Subsistence Agriculture) यह कृषि मुख्य रूप से एशिया के घनी जनसंख्या वाले देश भारत- पाकिस्तान, बांग्लादेश व जापान में की जाती है। यह कृषि मुख्यतः दो प्रकार की होती है-

(क) चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषि - चावल सबसे महत्वपूर्ण फसल होता है। अधिक जनसंख्या घनत्व के कारण खेतों का आकार छोटा होता है एवं कृषि कार्य में कृषक का संपूर्ण परिवार लगा रहता है। भूमि का गहन उपयोग होता है। यंत्रों की अपेक्षा मानव श्रम का अधिक महत्त्व होता है। उर्वरता बनाए रखने के लिए पशुओं के गोबर की खाद एवं हरी खाद का उपयोग किया जाता है। इस कृषि में प्रति इकाई उत्पादन अधिक होता है, परंतु प्रति कृषक उत्पादन कम है।

(ख) चावल रहित गहन निर्वाह कृषि चावल के स्थान पर गेहूं सोयाबीन, जौ आदि फसलों का उत्पादन किया जाता है। गहन निर्वाह कृषि प्रमुख रूप से मानसूनी एशिया के उन भागों में की जाती है, जहाँ उच्चावचन, जलवायु मिट्टी तथा अन्य भौगोलिक कारकों की भिन्नता के कारण चावल की कृषि सम्भव नहीं हो पाती।

10. चलवासी पशुचारण और वाणिज्यिक पशुधन पालन में अंतर कीजिए ।

उत्तरः चलवासी पशुचारण और वाणिज्यिक पशुधन पालन में निम्नलिखित अंतर हैं-

चलवासी पशुचारण

वाणिज्यिक पशुपालन

(i) चलवासी पशुचारण प्राकृतिक चारागाहों पर पशुओं के चरने का एक विस्तृत रूप है, जहाँ खानाबदोश जातियाँ पानी तथा चारे की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक विचरण करती है।

(i) वाणिज्यिक पशुधन पालन निर्यात द्वारा लाभ अर्जित करने के लिए वैज्ञानिक मार्गदर्शन के आधार पर स्थायी घास के मैदानों पर पशुओं को बड़े पैमाने पर पालना है।

(ii) चलवासी पशुचारणपालन का मुख्य उद्देश्य स्व-निर्वाह है।

(ii) पशुपालन का मुख्य उद्देश्य अधिक उत्पादों की बिक्री से लाभ अर्जित करना है

(iii) यह मुख्य रूप से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों तक सीमित है जहाँ आधिक्य भूमि उपलब्ध है।

(iii) यह कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में किया जाता है. जहाँ दुधारु पशुफार्म 15000 वर्ग किमी. से अधिक क्षेत्र में फैले होते हैं।

(iv) पशुचारण मध्य एशिया अफ्रीका तथा दक्षिणी पश्चिमी एशिया के अर्द्ध-शुष्क तथा शुष्क क्षेत्रों में किया जाता है।

(iv) वाणिज्यिक पशुपालन शीतोष्ण तथा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में किया जाता है।

(v) खिरगिज, मासिया, फुलानि बेडोइन्स प्रमुख चलवासी पशुचारण करने वाली जातियां हैं।

(v) यह चारण का वाणिज्यिक रूप है। आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा अर्जेंटीना में दुधारू पशु ऊन, डेरी उत्पाद आदि के लिए पाले जाते हैं।

11. निर्वाह कृषि तथा वाणिज्यिक कृषि के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- निर्वाह कृषि तथा वाणिज्यिक कृषि में निम्नलिखित अंतर हैं।

निर्वाह कृषि

वाणिज्यिक कृषि

(i) इस प्रकार की खेती कृषकों द्वारा अपने परिवार के निर्वाह मात्र के लिए की जाती है।

(i) वाणिज्यिक कृषि का मुख्य उद्देश्य बाजार में उत्पाद बेचना है।

(ii) फसल का विशिष्टीकरण संभव नहीं है।

(ii) फसल का विशिष्टीकरण मुख्य विशेषता है।

(iii) निर्वाह कृषि मुख्यत विकासशील देशों में की जाती है।

(iii) वाणिज्यिक कृषि विकसित देशों में की जाती है।

(iv) खेतों का आकार छोटा होता है।

(iv) खेतों का आकार बड़ा होता है।

(v) अधिकतर कृषीय कार्य मानव श्रम द्वारा किए जाते हैं।

(v) कृषि संबंधी सभी गतिविधियाँ मशीनों द्वारा की जाती है

(vi) निर्वाह कृषि मुख्य रूप से भारत, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान जैसे विकासशील देशों में की जाती है।

(vi) वाणिज्यिक कृषि मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा तथा आस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में की जाती है।

12. रोपण कृषि तथा उद्यान कृषि (बागवानी) के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए:-

उत्तर- रोपण कृषि तथा उद्यान कृषि में अंतर:-

रोपण कृषि

उद्यान कृषि

(i) चाय, कॉफी, कोको जैसी विशिष्ट वाणिज्यिक फसलों का उत्पादन, रोपण कृषि है।

(1) अच्छे उच्च उत्पादन वाले भिन्न बीजों कीटनाशकों आदि द्वारा भूमि के छोटे-से टुकड़े फलों, सब्जियों तथा फूलों आदि का उत्पादन उद्यान कृषि (बागवानी) कहलाती है।

(ii) इसमें खेतों का आकार बड़ा होता है।

(ii) इसमें खेतों का आकार छोटा होता है।

(iii) इस प्रकार की कृषि मुख्यतः ब्राजील, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका तथा साइबेरिया के कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में की जाती है।

(iii) इस प्रकार की कृषि मुख्य रूप से नीदरलैंड, भारत जार्जिया, इथोपिया तथा अर्मेनिया आदि में की जाती है।

(iv) इस प्रकार की कृषि में मशीनों तथा उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है।

(iv) इस प्रकार की कृषि में नई तकनीक तथा मशीनों का प्रयोग किया जाता है।

(v) इस प्रकार की कृषि यूरोपियों द्वारा शुरू की गई थी, किंतु अब यह स्थानीय सरकार के प्रबंधन के अंतर्गत आती है।

(v) इस प्रकार की कृषि मुख्य रूप से व्यापार और वाणिज्य के उद्देश्य से की जाती है, किंतु जल्दी खराब हो जाने की प्रकृति के कारण यह आस- पास की भूमियों में ही सीमित होती है।

(vi) रोपण फसलों की सार्वभौमिक बाजार में काफी माँग हैं।

(vi) उद्यान कृषि की फसलों की स्थानीय नगरीय बाजार में भारी माँग है।

13. मिश्रित कृषि की विशेषताएँ बताते हुये इसके प्रमुख क्षेत्रों के नाम लिखिए।

उत्तर: मिश्रित कृषि की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं -

(क) इस प्रकार की कृषि में फसल उत्पादन एवं पशुपालन दोनों को समान महत्व दिया जाता हैं। फसलों के साथ-साथ पशु जैसे मवेशी, भेड़, सुअर, कुक्कुट आय के प्रमुख स्रोत हैं।

(ख) चारें की फसलें मिश्रित कृषि के मुख्य घटक हैं।

(ग) इस कृषि में खेतों का आकार मध्यम होता है।

(घ) इसमें बोई जाने वाली अन्य फसलें गेहूँ, जौ, राई, जई, मक्का, कंदमूल प्रमुख है। शस्यावर्तन एवं अंतः फसली कृषि मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख क्षेत्र : इस प्रकार की कृषि विश्व के अत्यधिक विकसित भागों में की जाती है, जैसे उत्तरी पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पूर्वी भाग, यूरेशिया के कुछ भाग एवं दक्षिणी महाद्वीपों के समशीतोष्ण अंक्षाश वाले भाग।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत

1

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

2

विश्व की जनसंख्या : वितरण, घनत्व तथा वृद्धि

3

जनसंख्या संघटन

4

मानव विकास

5

प्राथमिक क्रियाएँ

6

द्वितीयक क्रियाएँ

7

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

8

परिवहन एवं संचार

9

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

10

मानव अधिवास / बस्ती

भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

1

जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

2

प्रवास : प्रकार, कारण एवं परिणाम

3

मानव विकास

4

मानव बस्तियाँ

5

भू-संसाधन तथा कृषि

6

जल संसाधन

7

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

8

निर्माण उद्योग

9

भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

10

परिवहन एवं संचार

11

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination-2023

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