प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Geography
4. मानव बस्तियाँ HUMAN SETTLEMENTS
पाठ के मुख्य बिंदु
*
किसी भी प्रकार और आकार के घरों के समूह जिनमें मानव निवास करते हैं, मानव बस्ती कहलाता
है।
*
मानव अपने निवास हेतु जिन आवासों का निर्माण करते हैं, उन आवासों के समूह को अधिवास
या बस्ती कहते हैं। मानव आवासों में अस्थायी तंबुओं, झोपड़ियां, कच्चे मकान, पक्के
मकान, इमारतें आदि सम्मिलित की जाती है।
*
बस्तियों का आकार बदल जाने पर उनकी आर्थिक विशेषता तथा सामाजिक संरचना तो बदलती ही
है, साथ ही उसकी पारिस्थितिकी तथा प्रौद्योगिकी में भी पर्याप्त अंतर देखने को मिलते
हैं।
*
वैसे क्षेत्र जहां की आबादी विरल होती है, यहां बस्तियों का आकार छोटा होता है, गांव
कहा जाता है। जिनमें कृषि तथा अन्य प्राथमिक व्यवसायों की प्राथमिकता होती है।
*
सघन रूप से अवस्थित बड़े आकार की बस्तियों को नगर कहते हैं, तथा इनमें द्वितीयक तथा
तृतीयक व्यवसायों की प्रधानता होती है।
*
मानव बस्तियों में निवास करने वाले लोगों के कार्य एवं बस्तियों के आकार के आधार पर
इनको दो प्रकार से विभक्त किया गया है- ग्रामीण बस्तियां एवं नगरीय बस्तियां।
*
ग्रामीण बस्तियों के निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि पशुपालन, आखेट, लकड़ी काटना तथा
खनन करना होता है।
*
नगरीय बस्तियों के निवासी मुख्य रूप से द्वितीयक एवं तृतीयक व्यवसाय में संलग्न रहते
हैं। इन व्यवसायों में मुख्यतः निर्माण उद्योग, परिवहन, वाणिज्य एवं व्यापार, उच्च
सेवाएं तथा प्रशासनिक सेवाओं को शामिल किया जाता है।
*
ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या विरल होती है, अतः यहां जन घनत्व कम पाया जाता है।
जबकि नगरों में जनसंख्या अधिक होती है, अतः यहां जनसंख्या घनत्व भी अधिक पाया जाता
है।
*
भारत के ग्रामीण बस्तियों को मुख्यता चार भागों में विभक्त किया गया है- गुच्छित बस्तियां
अर्द्ध गुच्छित अथवा विखंडित बस्तियां, पल्ली बस्तियां, परिक्षिप्त बस्तियां या एकाकी
बस्तियां।
*
भारत में नगरीकरण के स्तर का मापन कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप
में किया जाता है।
*
वर्ष 2001 के अनुसार भारत में नगरीय जनसंख्या 28.16 करोड़ थी, जो कि 2011 में बढ़कर
37.71 करोड़ हो गई है। अर्थात भारत की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत
31.16% हो गया है।
*
भारत की जनगणना 2011 में 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों को निम्नलिखित तीन श्रेणियां
में विभक्त किया जाता है :-
- 1 से 10 लाख नगरीय जनसंख्या वाले नगरीय
केंद्र को नगर कहा जाता है।
- 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरों
को महानगर कहते हैं।
- 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों को
मेगानगर के अंतर्गत रखा गया है।
*
स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत ऐसे नगरों को विकसित एवं प्रोत्साहित करना है, जिनमें
कई उद्देश्यों को लागू किया जा सके जैसे:-आधारभूत सुविधाएं, स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त
पर्यावरण, बेहतर जीवन सुविधा, प्राकृतिक आपदाओं के कम जोखिम वाले क्षेत्र निर्मित करना,
संसाधनों के माध्यम से सस्ती सुविधा तथा समग्र विकास को प्रोत्साहन आदि।
*
नगरों को कार्यात्मक वर्गीकरण के आधार पर प्रशासनिक नगर, औद्योगिक नगर, परिवहन नगर,
वाणिज्यिक नगर, खनन नगर, छावनी नगर, धार्मिक तथा सांस्कृतिक नगर एवं पर्यटन नगरों के
रूप में विभाजित किया जाता है।
*
गैरिसन नगर को छावनी नगर भी कहा जाता है, यहां मुख्य रूप से सैन्य संबंधी कार्यों का
संपादन किया जाता है।
*
कुछ नगरों का विकास वहां की उत्तम जलवायु तथा प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटक नगर
के रूप में हो जाता है। इन नगरों में प्रमुख आर्थिक क्रियाकलाप पर्यटन व्यवसाय ही होते
हैं। जैसे नैनीताल, मसूरी, शिमला, माउंट आबू आदि।
*
प्रशासनिक नगर के अंतर्गत प्रत्येक देश और प्रदेश के वैसे नगर एवं राजधानी प्रदेशों
को शामिल किया जाता है, जहां मुख्य रूप से प्रशासनिक कार्य किए जाते हैं। जैसे दिल्ली
।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. मेगा नगर की जनसंख्या कितनी होती है?
(क)
10 लाख
(ख) 50 लाख से अधिक
(ग)
50 लाख से कम
(घ)
1 लाख
2. क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन सा है?
(क)
मध्य प्रदेश
(ख)
उत्तर प्रदेश
(ग) राजस्थान
(घ)
महाराष्ट्र
3. इनमें कौन सा नगर सबसे बाद में बसाया गया है?
(क)
अदीस अबाबा
(ख) चंडीगढ़
(ग)
कैनबरा
(घ)
जोहान्सबर्ग
4. इनमें से कौन औद्योगिक नगर नहीं है?
(क)
दुर्गापुर
(ख)
जमशेदपुर
(ग) रुड़की
(घ)
सलेम
5. भिलाई किस वर्ग से संबंधित है?
(क) औद्योगिक नगर
(ख)
व्यापारिक नगर
(ग)
खनन नगर
(घ)
परिवहन नगर
6. ग्रामीण बस्तियों के कितने प्रकार हैं?
(क) चार
(ख)
पांच
(ग)
तीन
(घ)
छः
7. निम्नलिखित में से कौन-सा पठारी नगर है?
(क) नागपुर
(ख)
आबू
(ग)
मॉस्को
(घ)
फिलाडेल्फिया
8. निम्नलिखित में से कौन व्यवसायिक नगर है?
(क)
जेरूसलम
(ख)
पिट्सबर्ग
(ग)
बीजिंग
(घ) एमस्टरडम
9. नदी किनारे बसा गांव किस प्रतिरूप में आएगा?
(क)
आयताकार
(ख)
क्रीम
(ग)
वृत्ताकार
(घ) रेखीय
10. निम्नलिखित बस्तियों के प्रतिरूप में से कौन-सा सड़कों के किनारे
विकसित होता है?
(क)
आयताकार प्रतिरूप
(ख)
टी. आकार प्रतिस्प
(ग)
तारे के आकार का प्रतिस्प
(घ) रैखिक प्रतिरूप
11. निम्नलिखित में से कौन सा सांस्कृतिक नगर है?
(क) जेरूसलम
(ख)
मैनचेस्टर
(ग)
असोका
(घ)
फ्रेंकफर्ट
12. नदियों की डेल्टाई भाग में कौन सा प्रतिरूप पाया जाता है?
(क)
अरीय
(ख)
तारा
(ग)
चैकरबोर्ड
(घ) पंखा
13. निम्नलिखित आर्थिक क्रियाओं में कौन ग्रामीण अधिवासो से संबंधित
है ?
(क) प्राथमिक
(ख)
द्वितीयक
(ग)
तृतीयक
(घ)
चतुर्थ
14. किसी झील के चारों ओर बसा गांव किस प्रतिरूप में आएगा?
(क)
रेखीय
(ख) वृत्ताकार
(ग)
नाभिक
(घ)
तारा
15. पर्वतीय प्रदेशों में किस प्रतिरूप का अधिवास पाया जाता है?
(क)
आयताकार
(ख) सीढ़ीनुमा
(ग)
पंखा
(घ)
तारा
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नगरीय अधिवास से क्या समझते हैं?
उत्तर-
नगरीय अधिवास का तात्पर्य उस बस्ती से होता है, जो अपने क्षेत्र में सबसे बड़ी सबसे
अधिक सुविधा सम्पन्न, जैसे अस्पताल की सुविधा, स्कूल की सुविधा, संस्कृति तथा सभ्यता
में उन्नत और परिवहन साधनों से युक्त होती है।
2. तारे के आकार का प्रतिरूप का वर्णन करें ?
उत्तर-
ग्रामीण बस्तियों में वैसे जगह जहां पर अनेक सड़क मार्ग आकर मिलते हैं तथा सड़क मार्ग
के सहारे सहारे घर बन जाते हैं, जिससे तारे का प्रतिरूप विकसित हो जाता है।
3. ग्रामीण अधिवासो के लोग कौन-कौन से आर्थिक क्रियाओं में संलग्न होते
हैं?
उत्तर-
ग्रामीण बस्तियों के लोगों का मुख्य आर्थिक कार्य कृषि पशुपालन, लकड़ी काटना, तथा मत्स्य
पालन जैसे प्राथमिक व्यवसाय हैं।
4. सघन या संहत एकत्रित बस्तियों से क्या समझते हैं?
उत्तर-
जिन अधिवासो में बस्तियों के घर आस-पास परस्पर सटे हुए होते हैं उन्हें सघन या एकत्रित
बस्तियां कहा जाता है।
5. रैखिक प्रतिरूप का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर-
ग्रामीण बस्ती में जब मकान सड़क, नदी, नहर घाटी के किनारे अथवा तटबंध पर स्थापित होते
हैं, ऐसे जगहों पर रेखिक प्रतिस्प का निर्माण होता है।
6. व्यापारिक एवं व्यवसायिक नगर से क्या समझते है?
उत्तर-
इस श्रेणी के नगर में व्यापारिक एवं व्यवसायिक कार्यो की प्रधानता मिलती है। जैसे लाहौर,
बगदाद एवं मुंबई कृषि बाजार, विनिपेग एवं कंसांस नगर आदि ।
7. सनगर से क्या समझते हैं
उत्तर-
दो या अधिक नगर के परस्पर मिल कर विशाल नगर में बदल जाते हैं। अतः सत्रगर एक विशाल
विकसित नगरीय क्षेत्र होता है। सनगर शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1915 में पैट्रिक गिडीज
नामक विद्वान ने किया था।
8. प्रकीर्ण या एकाकी बस्तियों से क्या समझते हैं?
उत्तर-
प्रकीर्ण या एकाकी बस्तियां वे बस्तियां कहलाती है, जिनमें बस्ती - के घर दूर-दूर या
अलग-अलग होते हैं तथा दो मकानों के बीच प्रायः कृषि भूमि का क्षेत्र मिलता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. ग्रामीण तथा नगरीय बस्तियों में अंतर बताइए?
उत्तर-
ग्रामीण बस्तियां ग्रामीण बस्तियों में निवास करने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि,
पशुपालन, आखेट, लकड़ी काटना, खनन करना जैसे प्रमुख प्राथमिक व्यवसाय होते हैं। गांव
में सेवाओं का स्तर निम्न होता है। ग्रामीण बस्तियों में जनसंख्या कम निवास करती है
तथा जनघनत्व कम पाया जाता है अधिकांश ग्रामीण बस्तियों प्रकीर्ण एवं एकांकी होती है।
नगरीय
बस्तियां नगरीय बस्तियों के निवासी द्वितीय व तृतीय व्यवसाय में जैसे निर्माण उद्योग,
परिवहन, वाणिज्य एवं व्यापार सेवाएं तथा प्रशासन आदि से जुड़े होते हैं। नगरीय बस्तियों
में उच्च सेवाएं जैसे उच्च शिक्षा के स्तर, अस्पताल पुलिस व्यवस्था आदि पाया जाता है।
नगरों में जनसंख्या घनत्व ज्यादा होती है तथा नगरीय बस्तियां सघन बस्तियां होती है।
2. भारत में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत नगरों को विकसित करने के
लिए कौन-कौन से उद्देश्य हैं?
उत्तर-
भारत में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत नगरों के विकसित करने के लिए निम्नलिखित उद्देश्य
को लागू किया जा सकता है-
क.
नगरों के निवासियों को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त पर्यावरण प्रदान करना।
ख.
नगरों के लोगों के लिए बेहतर जीवन सुविधाएं प्रदान करना।
ग.
आधारभूत सुविधाओं एवं अवसंरचनाओं को विकसित करना तथा उनके समाधानों को लागू करना।
घ.
नगरों के प्राकृतिक आपदाओं के कम जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में निर्मित करना।
ङ.
नगरों में सारी सुविधाएं प्रदान करना नगरों में सतत् तथा समग्र विकास को प्रोत्साहित
करना ।
च.
नगरों को ऐसे स्मार्ट सिटी के रूप में विकास करना ताकि वह मॉडल के रूप में नगरों के
लिए लाइट हाउस के रूप में काम करें।
3. भारत की पल्ली और परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों में अंतर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर-
भारत में पल्ली बस्तियां और परिक्षिप्त बस्तियां में निम्न अंतर है-
पल्ली
बस्तियां- इन बस्तियों का निर्माण जातीय व्यवस्था के कारण उत्पन्न
सामाजिक अलगाव से होता है। इन बस्तियों में एक से अधिक जातियों के लोग रहते हैं। भारत
में इस प्रकार की बस्तियां मुख्य रूप से मध्य गंगा मैदान, निम्न गंगा मैदान, छत्तीसगढ़
एवं हिमालय की निचली घाटियों में पाए जाते हैं। इन बस्तियों को स्थानीय स्तर पर पुरवा,
पात्रा, पाडा, पाली नगला व ढाणी आदि नाम से जाना जाता है।
परिक्षिप्त
या एकाकी बस्तियां - परिक्षिप्त बस्तियां सुदूर वन क्षेत्रों में
अथवा छोटी पहाड़ियों के ढालो पर या चरागाहों में एकाकी रूप से दिखाई पड़ती है। भारत
में यह बस्तियां मेघालय, उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश तथा केरल राज्य के अनेक भागों में
पाई जाती हैं इन बस्तियों का विकास भूमि संसाधनों की अत्यधिक विखंडित प्रकृति के कारण
होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. कार्यात्मक आधार पर भारत के नगरों का वर्गीकरण कीजिए?
उत्तर:
विशेष कार्यों के आधार पर भारतीय नगरों को प्रमुख रूप से निम्नलिखित वर्गों में बांटा
गया है
प्रशासनिक
नगर
- राष्ट्रों तथा राज्यों की राजधानियाँ जहाँ केंद्रीय सरकार या प्रांतीय सरकार के प्रशासनिक
कार्यालय होते हैं, उन्हें प्रशासनिक नगर कहा जाता है जैसे-नई दिल्ली (भारत), केनबेरा
(ऑस्ट्रेलिया), बीजिंग (चीन) इत्यादि ।
औद्योगिक
नगर-
वैसे नगर जहां किसी विशेष प्रकार के उद्योगों का विकास किया जाता है, कच्चे माल की
प्राप्ति क्षेत्रों में यह उनके निकट ऐसे औद्योगिक नगरों का विकास होता है। उदाहरण
स्वरूप जमशेदपुर राउरकेला, दुर्गापुर भद्रावती, कुल्टी भिलाई में भारत का लौह इस्पात
उद्योग है। मुंबई कानपुर अहमदाबाद मोदीनगर, सोलापुर, कोयंबटूर में वस्त्र उद्योग स्थापित
है।
परिवहन
नगर-
वैसे नगर जो मुख्यतः आयात और निर्यात की गतिविधियों में संलग्न होने के कारण पतन नगर
के रूप में विकसित होते हैं उन्हें परिवहन नगर विकास है जैसे मुंबई, कोलकाता, कांडला.
चेन्नई, कोझीकोड, विशाखापट्टनम, कोच्चि, कालीकट आदि ।
वाणिज्य
नगर-
वाणिज्य और व्यापार में विशिष्ट स्थान प्राप्त रखने वाले शहरों और नगरों को वाणिज्य
नगर कहा जाता है। जैसे- कोलकाता, सहारनपुर, मुंबई दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु आदि ।
पर्यटन
नगर-
उत्तम जलवायु तथा नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता के कारण कुछ नगरों का विकास पर्यटक नगर
के रूप में होता है। इन नगरों का प्रमुख आर्थिक कार्य पर्यटन व्यवसाय होता है। जैसे-
नैनीताल, शिमला, मसूरी, पंचमढ़ी, जोधपुर, माउंट आबू, जैसलमेर आदि ।
धार्मिक
तथा सांस्कृतिक नगर- कुछ नगरों का विकास वहां पर प्राचीन काल से
ही नगर मस्जिद, मंदिर चर्च आदि बने होते हैं ऐसे नगर तीर्थ यात्रियों के लिए आकर्षण
का केंद्र बन जाते हैं और अपनी सभ्यता संस्कृति धर्म एवं अध्यात्मिक के लिए प्रसिद्ध
हो जाते हैं तो ऐसे नगर धार्मिक और सांस्कृतिक नगर के रूप में जाने जाते हैं। जैसे
बनारसी, मथुरा, अमृतसर, पुरी, मदुरै, पुष्कर, तिरुपति, उज्जैन, हरिद्वार आदि।
गैरिसन
(छावनी) नगर- जिन नगरों में सैनिकों का आवास, प्रशिक्षण
एवं खेलकूद की स्थलों की व्यवस्था होती है तथा उन क्षेत्रों में सैनिकों का बसाव पाया
जाता है, वह गैरिसन नगर कहलाता है। जैसे -पठानकोट अंबाला, मऊ, बबीना, उधमपुर आदि ।
खनन
नगर-
जिन क्षेत्रों में खनिजों की अधिकता पाई जाती है उन क्षेत्रों में खनन नगरों का विकास
होता है जैसे -रानीगंज, सिंगरौली, झरिया, हजारीबाग, गिरिडीह कोडरमा आदि।
2. भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों का वर्णन करें?
उत्तर-
भारत में मोटे तौर पर चार प्रकार के ग्रामीण बस्तियों पायी जाती है-
क.
परिक्षिप्त या एकाकी बस्तियां- ये बस्तियां भारत के मेघालय,
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा केरल राज्य के अनेक भागों में पाई जाती है। इन बस्तियों
का विकास मुख्य रूप से सुदूर वन क्षेत्रों या छोटी पहाड़ियों के ढालो में अवस्थित खेतों
पर या चरागाहों में एकाकी रूप से मिलता है। इन बस्तियों का विकास भूमि संसाधनों की
अत्यधिक विखंडित प्रकृति के कारण होता है।
ख.
पल्ली बस्तियां यह बस्तियां- भारत में मुख्य रूप से मध्य गंगा मैदान,
निम्न गंगा मैदान छत्तीसगढ़ एवं हिमालय की घाटियों में पाई जाती है। बस्तियों के निर्माण
का मुख्य कारण इनकी जातीय व्यवस्था के द्वारा उत्पन्न सामाजिक अलगाव से होता है। भारत
में इन बस्तियों को पुरवा, पाना, पाडा, पाली, नगला, आदि विभिन्न स्थानीय स्तर पर नामों
से जाना जाता है।
ग.
गुच्छित बस्तियां- भारत में इस प्रकार की बस्तियां मध्य प्रदेश
के बुंदेलखंड, नागालैंड, भारत के अत्यंत उपजाऊ जलोढ मैदानों तथा उत्तरी पूर्वी राज्य
में पायी जाती है। इन वस्तुओं की मुख्य विशेषता यह होती है कि ये बस्तियां सघन या घरो
के संहत निर्मित क्षेत्र में पायी जाती है तथा उनके रहन-सहन से स्पष्ट होता है कि इसके
समीपवर्ती भागों में कृषि भूमि तथा चरागाह भूमि मिलती है। बस्तियां मुख्य रूप से आयताकार
तथा रैखिक प्रतिरूप का निर्माण करते हैं। कई बार सुरक्षा के कारणों से भी गांव में
गुच्छित बस्तियां पाई जाती है। जैसे भारत में बुंदेलखंड क्षेत्र नागालँड आदि तथा राजस्थान
में जल की कमी के कारण उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए बस्तियों का निर्माण
अनिवार्य कर दिया है।
घ.
अर्द्ध-गुच्छित या विखंडित बस्तियां- इन वस्तुओं की मुख्य विशेषता
एकांकी बस्ती या किसी बड़े गांव के विखंडन के फलस्वरूप होता है। भारत में यह बस्तियां
गुजरात के मैदान एवं राजस्थान के कुछ विभागों में पाई जाती है।
3. क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है? नगर बहु प्रकार्यात्मक
क्यों हो जाते हैं?
उत्तर-
कुछ नगरों और शहरों को किसी विशेषीकृत प्रकार्य में विशिष्टता प्राप्त होती है तथा
उसे उस विशिष्ट प्रकार्य के लिए जाना जाता है लेकिन नगर को जीवित रखने के लिए उस विशिष्ट
प्रकार्य के साथ अन्य कुछ विशिष्ट प्रकार्यों को भी करना पड़ता है। उदाहरण के लिए,
एक परिवहन नगर में परिवहन प्रकार्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो सकता है लेकिन परिवहन नगर
में परिवहन कार्य के साथ-साथ प्रशासनिक, औद्योगिक, वाणिज्यिक, शैक्षणिक तथा चिकित्सा
कार्य भी गौण रूप में अनिवार्य रूप से देखने को मिलते हैं। वस्तुतः एक प्रकार्य वाले
नगर की कल्पना नहीं की जा सकती है।
नगर बहु प्रकार्यात्मक हो जाते हैं क्योंकि किसी विशिष्ट नगर के जन्म के लिए कोई एक प्रकार्य उत्तरदायी हो सकता है लेकिन जब एक बार नगर स्थापित हो जाता है, तो उसे अपना अस्तित्व कायम रखने के लिए सार्वजनिक प्रशासन, वित्तीय, चिकित्सा सम्बन्धी, परिवहन सम्बन्धी, शिक्षा सम्बन्धी जनोपयोगी सेवा सम्बन्धी तथा बाजार व वाणिज्य सेवा सम्बन्धी अनेक प्रकार्यों का संचालन करना होता है। इसी कारण प्रत्येक नगर बहुप्रकार्यात्मक कार्यों का निष्पादन करने लगता है। वस्तुतः नगरों के विकास होते जाने पर उनके प्रकार्य इतने अन्तर्ग्रन्थित हो जाते हैं कि नगर को किसी विशेष प्रकार्य वर्ग में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत | |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था | |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
11 | |
12 | |