12th Hindi Core आरोह भाग -II 5. गजानन माधव मुक्तिबोध- सहर्ष स्वीकारा है
12th Hindi Core आरोह भाग -II 5. गजानन माधव मुक्तिबोध- सहर्ष स्वीकारा है
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 12 Hindi Core 5.
गजानन माधव मुक्तिबोध- सहर्ष स्वीकारा है पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास प्रश्न-1. टिप्पणी कीजिए: गरबीली
गरीबी, भीतर की सरिता बहलाती सहलाती आत्मीयता, ममता के बादल। उत्तर- (क)
गरबीली गरीबी- इसका
बहुत गहरा अर्थ है। प्रायः गरीब आदमी अपनी गरीबी से परेशान तथा हताश रहता है। निराशा
उसके चारों तरफ कायम रहती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो गरीब होते हुए भी स्वाभिमानी
होते हैं। कवि उन्हीं लोगों में से एक है। उन्हें अपनी गरीबी पर हीनता या ग्लानि नहीं
बल्कि गर्व होती है। अतः उसने गरीबी को गरबीली गरीबी कहा है यानि अभावग्रस्त मगर सम्मान
पूर्ण ज़िंदगी | (ख)
भीतर की सरिता- व्यक्ति
के मन के भीतर जन्म लेने वाली कोमल भावनाओं को कवि ने “भीतर की सरिता का नाम दिया है।
तात्पर्य प्रेम रूपी भावना से है। यह प्रेम हृदय के अंदर नदी के समान प्रवाहित होता
है। जैसे नदी मनुष्य के जीवन का पालन-पोषण करती है, वैसे ही प्रेम की भावना मनुष्य
का तथा उसके आपसी संबंधों का पालन- पोषण करती है। (ग)
बहलाती, सहलाती, आत्मीयता - जब
व्यक्ति किसी से बहुत अ…