Class 11 Economics अध्याय 8. सांख्यिकीय विधियों के उपयोग Question Bank-Cum-Answer Book

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Class 11 Economics अध्याय 8. सांख्यिकीय विधियों के उपयोग Question Bank-Cum-Answer Book

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

अर्थशास्त्र (Economics)

8. सांख्यिकीय विधियों के उपयोग

पाठ के मुख्य बिन्दु

* सांख्यिकी विधियाँ हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी है।

* आर्थिक गतिविधियों से संबंधित आँकड़ों के विश्लेषण में सहायक होती हैं।

* परियोजना निर्माण के चरण- अध्ययन के क्षेत्र या समस्या की पहचान, लक्ष्य समूह का चुनाव, आँकड़ों का संकलन, आँकड़ों का संगठन एवं प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण एवं व्याख्या, उपसंहार एवं ग्रंथ सूची।

* अध्ययन का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।

* लक्षित समूह का चुनाव सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

* सर्वेक्षण के उद्देश्य के आधार पर प्राथमिक आँकड़ें या द्वितीय आँकड़ें या दोनों आँकड़ों का चयन किया जाता है।

* प्रश्नावली तैयार कर आँकड़ा संग्रह किया जाता है।

* विभिन्न सांख्यिकी विधियों का प्रयोग कर संग्रहित आँकड़ों का विश्लेषण किया जाता है।

* विश्लेषण से प्राप्त परिणामों की व्याख्या की जाती है।

* अंत में अध्ययन में प्रस्तुत स्रोतों जैसे पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, शोध रिपोर्ट, आदि का विवरण ग्रंथ सूची में दिया जाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. परियोजना निर्माण का पहला चरण निम्न में से कौन है?

a. आँकड़ों का संगठन

b. आँकड़ों का संकलन

c. समस्या की पहचान

d. आँकड़ों का विश्लेषण

2. परियोजना निर्माण का अंतिम चरण निम्न में से कौन है?

a. आँकड़ों का संगठन

b. अच्छे समूह का चुनाव

c. आँकड़ों का संकलन

d. आँकड़ों का विश्लेषण एवं व्याख्या

3. सांख्यिकीय विधियों का उपयोग निम्नांकित किन आर्थिक गतिविधियों से संबंधित आँकड़ों के विश्लेषण के लिए होती है?

a. उत्पादन

b. बैंकिंग

c. बीमा

d. उपर्युक्त सभी

4. सर्वेक्षण का लाभ है-

a. किसी उत्पादन या प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सूचनाएँ प्राप्त करना

b. एकत्रित सूचना से रिपोर्ट तैयार करने में सहायता प्राप्त करना

c. a तथा b दोनों सही है

d. इनमें से कोई नहीं

5. उपभोक्ता उत्पाद से संबंधित परियोजना के लिए लक्षित समूह निम्न में से कौन होगा?

a. ग्रामीण उपभोक्ता

b. शहरी उपभोक्ता

c. ग्रामीण तथा शहरी दोनों उपभोक्ता

d. ना तो ग्रामीण उपभोक्ता ना ही शहरी उपभोक्ता

6. परियोजना में द्वितीयक आँकड़ों का प्रयोग कब किया जा सकता है?

a. जब समय, धन एवं मानव संसाधन की कमी नहीं हो

b. जब समय, धन एवं सूचनाओं की कमी नहीं हो

c. जब मानव संसाधन एवं सूचनाओं की कमी हो

d. जब समय, धन एवं मानव संसाधन की कमी हो

7. परियोजना से प्राप्त सूचनाओं को प्रस्तुत करने की प्रमुख विधियां निम्न में से कौन हैं?

a. दंड आरेख

b. सारणीयन

c. वृत्त आरेख

d. उपर्युक्त सभी

8. सर्वेक्षण में प्राथमिक आँकड़ा या द्वितीय आँकड़ा किसका प्रयोग किया जाना चाहिए, यह कैसे निर्धारित होता है?

a. समस्या की पहचान द्वारा

b. सर्वेक्षण के उद्देश्य द्वारा

c. आँकड़ों के संगठन द्वारा

d. विश्लेषण द्वारा

9. आँकड़ों का विश्लेषण करने की प्रमुख विधियाँ निम्न है-

a. केंद्रीय प्रवृत्ति की माप

b. परिक्षेपण की माप

c. सहसंबंध

d. उपर्युक्त सभी

10. परियोजना के निर्माण में प्रयुक्त द्वितीय स्रोतों का विवरण परियोजना के किस भाग में दिया जाता है?

a. प्रथम भाग

b. ग्रंथ सूची

c. विश्लेषण

d. प्रस्तुतीकरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. परियोजना निर्माण के पहले क्या जानना आवश्यक है?

उत्तर- अध्ययन का उद्देश्य।

2. परियोजना का प्रथम चरण क्या होता है?

उत्तर- समस्या की पहचान करना।

3. प्रश्नावली निर्माण के लिए किस बात की जानकारी आवश्यक है?

उत्तर- लक्षित समूह की जानकारी होनी चाहिए।

4. यदि सर्वेक्षक के पास समय, धन एवं मानव संसाधन की कमी है, तो वह सर्वेक्षण के लिए किन आँकड़ों का प्रयोग करेगा?

उत्तर- द्वितीयक आँकड़ों का प्रयोग किया जाएगा।

5. संग्रहित आँकड़े का औसत कैसे ज्ञात करेंगे?

उत्तर- केंद्रीय प्रवृत्ति की माप जैसे माध्य, माध्यिका या बहलक के दवारा संग्रहित आँकड़े का औसत ज्ञात किया जा सकता है।

6. प्रतिदर्श परियोजना क्या होता है?

उत्तर- परियोजना में सर्वेक्षण के लिए चिन्हित लक्षित समूह से नमूना का चुनाव करके आँकड़ा प्राप्त करना प्रतिदर्श परियोजना कहलाता है।

7. आँकड़ों के विश्लेषण का क्या अर्थ है?

उत्तर- किसी आर्थिक समस्या को समझना एवं उसकी व्याख्या करना।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. परियोजना निर्माण के प्रथम चरण अध्ययन के क्षेत्र या समस्या की पहचान से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- समस्या की पहचान या अध्ययन के क्षेत्र की पहचान करना परियोजना निर्माण का प्रथम चरण होता है। प्रथम चरण से पहले अध्ययन का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। अध्ययन के उद्देश्य के आधार पर ही अध्ययन को आगे बढ़ाया जाता है। आँकड़ों के संग्रहण के लिए प्रश्नावली का निर्माण किया जाता है।

2. परियोजना में द्वितीयक आँकड़ों का प्रयोग किस स्थिति में अनुकूल होता है?

उत्तर- द्वितीयक आँकड़ों का प्रयोग प्रायः तभी किया जाता है जब समय, धन एवं मानव संसाधन की कमी हो या सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध हो यदि आँकड़े संकलन के लिए प्रतिदर्श विधि का उपयोग किया गया है तो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह उपयुक्त है या नहीं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. परियोजना से क्या तात्पर्य है? परियोजना निर्माण के विभिन्न चरणों की व्याख्या करें।

उत्तर - परियोजना किसी समस्या को समझने तथा इसका हल ढूंढने की प्रक्रिया है। विभिन्न सांख्यिकी विधियों का व्यावहारिक प्रयोग कर समस्या को जानने का प्रयास किया जाता है। इससे किसी प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सूचनाएँ एकत्र कर रिपोर्ट तैयार करने में सहायता मिलती है। परियोजना निर्माण एक चरणबद्ध प्रक्रिया है, इसके अंतर्गत निम्न चरण शामिल होते हैं -

i. अध्ययन के क्षेत्र या समस्या की पहचान- यह परियोजना निर्माण का प्रथम चरण होता है। परियोजना शुरू करने से पूर्व इसका उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। परियोजना के अध्ययन के विषय में जानकारी प्राप्त कर समस्या की पहचान की जाती है। उद्देश्य के आधार पर अध्ययन को आगे बढ़ाया जाता है।

ii. लक्ष्य समूह का चुनाव- अध्ययन के लिए उपयुक्त प्रश्नों की एक प्रश्नावली बनाने के लिए लक्षित समूह का चुनाव महत्वपूर्ण है। परियोजना के उद्देश्य के आधार पर लक्षित समूह ग्रामीण, शहरी, उच्च, मध्यम या निम्न आय वर्ग के उपभोक्ता हो सकते हैं।

iii. आँकड़ों का संकलन- सर्वेक्षण के उद्देश्य के आधार पर प्राथमिक, द्वितीयक या दोनों ही प्रकार के आँकड़ों का प्रयोग कर आँकड़ों का संकलन किया जाता है। प्राथमिक आँकड़ों का संकलन प्रश्नावली या अनुसूची की सहायता से की जाती है। जब धन, समय एवं मानव संसाधन की कमी हो तो सर्वेक्षक द्वितीय आँकड़ों का प्रयोग कर सकता है।

iv. आँकड़ों का संगठन एवं प्रस्तुतीकरण- संग्रहित आँकड़ों को संगठित एवं प्रस्तुत्ति योग्य बनाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए सारणी, बारंबारता आरेख या ज्यामितीय आरेख का प्रयोग किया जाता है।

v. विश्लेषण एवं व्याख्या- आँकड़ों का विश्लेषण विभिन्न सांख्यिकी विधियों का प्रयोग करके किया जाता है। इसमें प्रमुख हैं - केंद्रीय प्रवृत्ति की माप, परिक्षेपण, सहसंबंध तथा काल श्रेणी की माप इत्यादि। विश्लेषण से प्राप्त परिणामों की व्याख्या भी की जाती है।

vi. उपसंहार- विश्लेषण के बाद परिणाम की व्याख्या की आवश्यकता होती है। यदि संभव हो तो विकास तथा सरकारी नीतियों आदि के विषय में भावी परिदृश्य के पूर्वानुमान लगाने एवं सुझाव देने का प्रयास किया जाता है।

vii. ग्रंथ सूची- अध्ययन के अंत में उन सभी द्वितीय स्रोतों जिनका प्रयोग परियोजना निर्माण के क्रम में किया गया है जैसे पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, शोध रिपोर्टों आदि के बारे में विवरण दिया जाता है। 

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

क्र०स०

अध्याय का नाम

अर्थशास्त्र में सांख्यिकी

1.

परिचय

2.

आँकड़ों का संग्रह

3.

आँकड़ों का संगठन

4.

आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण

5.

केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप

6.

सहसंबंध

7.

सूचकांक

8.

सांख्यिकीय विधियों के उपयोग

भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास

1.

स्वतंत्रता के पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था (1950-90)

3.

उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा

4.

भारत में मानव पूँजी का निर्माण

5.

ग्रामीण विकास

6.

रोजगार संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे

7.

पर्यावरण और धारणीय विकास

8.

भारत और उसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

Jac Board Class 11 Economics (Arts) 2023 Answer key

Jac Board Class 11 Economics (Sci._Comm.) 2023 Answer key

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