Class 12 History Short Mock Test-7 (19.12.23)

Class 12 History Short Mock Test-7 (19.12.23)

Class 12 History Short Mock Test-7 (19.12.23)

History Short Mock Test-7

Full marks-25.

Time:-45 minutes.

Date:-19.12.2023

नोट: सभी प्रश्न का उत्तर अनिवार्य है

प्रश्न संख्या 1 से 16 तक के लिए 1 अंक है

प्रश्न संख्या 17, 18 के लिए दो अंक

प्रश्न संख्या 19 के लिए 5 अंक है

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Q1-महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रीका कब गए।

a.1890

b.1891

c. 1892

d. 1893

Q2-अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन में गाँधी ने कितने प्रतिशत बोनस को सही ठहराया था।

a. 25%

b. 30%

c. 35%

d. इनमें कोई नही

Q3-साइमन कमीशन का गठन कब हुआ था।

a. 1927

b. 1928

c. 1929

d. इनमें कोई नहीं।

Q4 महात्मा गाँधी के राजनीतिक गुरु थे।

a. फ़िरोजशाह मेहता

b. लाजपत राय

c. गोपाल कृष्ण गोखले

d. इनमें कोई नही

Q5-चौरा-चौरी की घटना कब घटी?

a. 5Feb1922

b.12 Feb1922

c. 16 Feb1921

d. 18 Feb1921

Q 6-महात्मा गाँधी को महात्मा की उपाधि किसने दी?

a. बी. जी. तिलक

b. गोपाल कृष्ण गोखले

c. मोतीलाल नेहरू

d. रबिन्द्रनाथ टैगोर

Q7- निम्न में कौन सी घटना सबसे अंत में घटी?

a. होमरूल आंदोलन

b. खिलाफत आंदोलन

c. जालियावाला बाग हत्याकांड

d. मोपला विद्रोह

Q8-बंगाल विभाजन कब हुआ?

a. 1903

b. 1904

c. 1905

d. इनमें कोई नही

Q9. दिल्ली भारत की राजधानी कब बना?

a.1911

b.1912

c. 1914

d. 1927

Q10. दांडी यात्रा का संबंध किस आंदोलन से है।

a. असहयोग

b. सविनय अवज्ञा

c. भारत छोड़ोत

d. इनमें कोई नही

Q11. पूना पैक्ट कब हुआ?

a. 26 sep1932

b. 26 sep1933

c. 26 sep1934

d. इनमें कोई नही

Q12. स्वराज पार्टी की स्थापना कब हई?

a. 1921

b. 1922

c. 1923

d. इनमें कोई नही

Q13. काला कानून किसे कहा गया?

a. शिक्षा बिल

b. इल्बर्ट एक्ट

c. रॉलेट एक्ट

d. इनमें कोई नही

Q14. भारत छोड़ो आंदोलन कब आरंभ हुआ?

a. 1940

b. 1941

c. 1942

d. 1943

Q15 महात्मा गाँधी प्रथम और अंतिम बार कब कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे?

a. 1920

b. 1922

c. 1924

d.1926

Q16- कांग्रेस ने किस गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था?

a. पहला

b. दूसरा

c. तीसरात

d. इनमें कोई नही

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Q17- तीनकठिया पद्दति से आप क्या समझते है?

उत्तर - चंपारण में नील की खेती की प्रमुख प्रणाली तिनकठिया प्रणाली थी। इसमें किसान को अपनी भूमि के तीन कट्टे प्रति बीघा (१ बीघा = २० कट्ठा), यानी अपनी भूमि के ३/२० हिस्से में नील की खेती करने की बाध्यता थी। इसके लिए कोई कानूनी आधार नहीं थे। यह केवल नील फ़ैक्टरी के मालिकों (प्लांटरों) की इच्छा पर तय किया गया था।

Q18- असहयोग आंदोलन के दो कारण बताए।

उत्तर - महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1921 ई. में पंजाब और तुर्की के साथ हुए अन्यायों का प्रतिकार और स्वराज्य की प्राप्ति के उद्देश्य से असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ हुआ जिसके कारण निम्नलिखित हैं-

(i) खिलाफत का मुद्दा |

(ii) पंजाब में सरकार की बर्बर कार्रवाइयों के विरुद्ध न्याय प्राप्त करना और अंततः

(iii) स्वराज की प्राप्ति करना ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Q19. स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका का बर्णन करें।

उत्तर - महात्मा गांधी ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह 1920 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे और अहिंसक सविनय अवज्ञा के अपने सिद्धांतों के लिये जाने गए।

गांधी ने वर्ष 1930 में नमक मार्च सहित कई सफल अभियानों का नेतृत्व किया था, जिसमें उन्होंने और उनके अनुयायियों ने नमक उत्पादन पर ब्रिटिश एकाधिकार का विरोध करने के लिये अरब सागर तक मार्च किया था। इस अभियान के परिणामस्वरूप भारतीय नमक अधिनियम को निरस्त कर दिया गया और ब्रिटिश सरकार ने इस संदर्भ में अधिक स्वायत्तता की भारतीय मांगों को मान लिया।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम को आकार देने वाली इनकी विचारधाराएँ और रणनीतियाँ:

अहिंसाः

गांधी का अहिंसा का दर्शन उनकी राजनीतिक और सामाजिक मान्यताओं के मूल में था। उनका मानना था कि हिंसा केवल अधिक हिंसा को जन्म देती है और अहिंसक प्रतिरोध समाज में बदलाव लाने का एक अधिक प्रभावी तरीका है। गांधी के अहिंसक दृष्टिकोण ने विश्व भर में कई अन्य नागरिक अधिकारों और मुक्ति आंदोलनों को प्रभावित किया है।

सत्याग्रहः

सत्याग्रह (जिसका अर्थ है "सत्य पर टिके रहना") अहिंसक प्रतिरोध का एक तरीका था जिसे गांधी ने विकसित किया था जिसका भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था।

इसमें अन्यायपूर्ण कानूनों और दमनकारी नीतियों को चुनौती देने के लिये सविनय अवज्ञा, हड़ताल, बहिष्कार और अन्य अहिंसक साधनों का उपयोग किया जाना शामिल था। सत्याग्रह का उद्देश्य उत्पीड़नकर्त्ताओं के हृदय को परिवर्तित करना था और बल या जबरदस्ती के बजाय अंतरात्मा से संघर्ष करना था।

असहयोगः

असहयोग एक अन्य रणनीति थी जिसका उपयोग गांधी भारत में ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने के लिये करते थे। उन्होंने भारतीयों से ब्रिटिश वस्तुओं, संस्थानों और कानूनों का बहिष्कार करने और करों का भुगतान न करने या ब्रिटिश द्वारा संचालित चुनावों में भाग न लेने का आह्वान किया था। असहयोग आंदोलन का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता हेतु ब्रिटिशों पर दबाव बनाना था।

सविनय अवज्ञाः

सविनय अवज्ञा अहिंसक प्रतिरोध का एक रूप था जिसमें अन्यायपूर्ण कानूनों या विनियमों को तोड़ना और उन कार्यों के परिणामों को स्वीकार करना शामिल था। गांधी जी ने वर्ष 1930 में नमक मार्च का नेतृत्त्व किया था, जिसमें उन्होंने और हज़ारों अनुयायियों ने ब्रिटिश नमक कानूनों की अवहेलना के क्रम में अपना नमक बनाने के लिये अरब सागर तक मार्च किया था। गांधी की रणनीति में सविनय अवज्ञा एक शक्तिशाली उपकरण था और इसने स्वतंत्रता आंदोलन हेतु जन समर्थन जुटाने में सहायता की थी।

निष्कर्ष: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय था। अहिंसा और सविनय अवज्ञा के उनके दर्शन तथा असहयोग एवं सविनय अवज्ञा की उनकी रणनीति और उनके नेतृत्व ने भारतीय जनता को एकजुट करने के साथ ब्रिटिशों को भारतीयों की मांगों को मानने के लिये मजबूर किया था। गांधी की विरासत आज भी विश्व भर के लोगों को न्याय और स्वतंत्रता के लिये लड़ने हेतु प्रेरित करती है।

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