मुद्रा के परिमाण सिद्धांत कैम्ब्रिज समीकरण (Cash Balance Approach)
मुद्रा के परिमाण सिद्धांत कैम्ब्रिज समीकरण (Cash Balance Approach) मुद्रा के परिमाण सिद्धांत कैम्ब्रिज
समीकरण (Cash Balance Approach) प्रश्नः कैम्ब्रिज अर्थशास्त्रियो द्वारा
दिये गये मुद्रा के परिमाण सिद्धांत की आलोचनात्मक व्याख्या करे । फिशर की धारणा
से यह किस प्रकार भि न्न है । → मुद्रा के परिमाण सिद्धांत के कैम्ब्रिज रूप
रेखा की व्याख्या करे । क्य ा यह फिशर के रूप रेखा पर सुधार है? → मुद्रा के परिमाण सिद्धांत के नकद संचयन दृष्टिकोण
की व्याख्या करें। क्या यह फिशर के दृष्टिकोण से श्रेष्ठ है? उत्तर :- मुद्रा परिमाण सिद्धांत के दो दृष्टिकोण है
आदान-प्रदान दृष्टिकोण और नगद शेष दृष्टिकोण। नगद शेष दृष्टिकोण के प्रतिपादक मार्शल ,
पीगू, रॉबर्टसन और केंस है। मुद्रा परिमाण सिद्धांत का यह रूप यूरोपिय न
देशों में बहुत अधिक लोकप्रिय हुआ । कैम्ब्रिज दृष्टिकोण के अनुसार, "समाज में मुद्रा
की मांग व्यापारिक सौदे अथवा लेन-दे नो की मा त्रा
पर निर्भर नहीं करती है, वरन् समाज द्वारा मुद्रा की नकद राशि अपने पास रखने की प्रवृत्ति पर
निर्भर करती है। " सम य
की वह अवधि जिसे ध्यान में रखकर क्रयशक्ति के
रूप में