जनसंख्या का प्राणीशास्त्रीय या जैविकीय सिद्धान्त (BIOLOGICAL THEORIES OF POPULATION)
जनसंख्या का प्राणीशास्त्रीय या जैविकीय सिद्धान्त (BIOLOGICAL THEORIES OF POPULATION)
प्रश्न :- जनसंख्या के जैविकीय सिद्धान्त का अर्थ लिखकर
थामस डबलडे का आहार सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए। ☞ जनसंख्या के जैविकीय सिद्धान्त का अर्थ लिखकर रेमण्ड पर्ल एवं रीड का लॉजिस्टिक
वक्र सिद्धान्त स्पष्ट कीजिए। उत्तर :- जनसंख्या के प्राकृतिक सिद्धान्त के अन्तर्गत हम उन सभी
विचारों का अध्ययन करते हैं जो मानव में प्रकृति-प्रदत्त गुणों से सम्बन्धित हैं।
कुछ प्राकृतिक गुण एवं अन्य जीव तथा वनस्पतियों में समान हैं, तो जिस प्रकार का
विवेचन इन वनस्पतियों तथा अन्य जीवों के लिये दिया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार का
मानव के लिये भी दिया जा सकता है। मानव में भी अन्य जीवों की तरह भोजन, नींद,
मैथुन, भय आदि प्रकृति-प्रदत्त विद्यमान है। इस प्रकार यदि विचार किया जाए तो
माल्थस का सिद्धान्त भी एक प्राकृतिक सिद्धान्त है, जो कि जनसंख्या वृद्धि को
खाद्यान की वृद्धि से सह-सम्बन्धित करता है। जहाँ जनसंख्या वृद्धि, कामेच्छा, जो
कि मानवगत एक मूल प्रवृत्ति है, का प्रतिफल है वहीं खाद्यान्न की उत्पत्ति
प्राकृतिक प्रक्रिया है। कामेच्छा नैसर्गिक गुण है अतः इससे सम्बन्धित सुख-दुख भी
अवश्यम्भावी है। इस प्रकार माल्थस के विचारों …