जनसंख्या का आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सिद्धान्त (ECONOMICAL, SOCIAL AND CULTURAL THEORIES OF POPULATION)

जनसंख्या का आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सिद्धान्त (ECONOMICAL, SOCIAL AND CULTURAL THEORIES OF POPULATION)
जनसंख्या का आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सिद्धान्त (ECONOMICAL, SOCIAL AND CULTURAL THEORIES OF POPULATION)
प्रश्न :- जनसंख्या का आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सिद्धान्त का अर्थ बताकर उसका स्पष्टीकरण कीजिए। ☞ हेनरी जार्ज का सामाजिक कुं-समायोजन सिद्धान्त व फ्रान्सिस्को एस० निटी के व्यक्तित्व के सिद्धान्त में अंतर स्पष्ट कीजिए। जनसंख्या के सामाजिक - सांस्कृतिक तथा आर्थिक सिद्धान्त व्यावहारिक दृष्टिकोण से अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन सिद्धान्तों में जनसंख्या की वृद्धि की विवेचना सामाजिक सांस्कृतिक तथा आर्थिक परिस्थितियों एवं घटनाओं के संदर्भ में की गयी है। इन सिद्धान्तों में इन्हीं परिस्थितियों को जनसंख्या वृद्धि के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है। इन सिद्धान्तों को जनसंख्या के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त के नाम से भी सम्बोधित किया जा सकता है। जनसंख्या के आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक सिद्धान्त निम्न प्रकार है। (1) ड्यूमो का सामाजिक कोशिकत्व का सिद्धान्त (Dumont's Theory of Social Capillarity) प्रो० ड्यूमों (1849-1902) ने फ्राँस में 19 वीं शताब्दी के अन्त में जनसंख्या विकास सम्बन्धी अध्ययन किया जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने जनसंख्या वृद्धि का सिद्धान्त प्रतिपादित किया, जो कि व्यक्ति विशेष की समाज मे…