Class 11th History PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 16.08.24

Class 11th History PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 16.08.24

Class 11th  History PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 16.08.24

झारखण्ड शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् राँची झारखण्ड

PROJECT RAIL

(REGULAR ASSESSMENT FOR IMPROVED LEARNING)

GENERAL SCHOOL (16.08.2024)

Subject -History. ; Full marks-40

Class-11 ; Time-90 minutes

सामान्य निर्देश :- (General instructions)

1. सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है

2. इस प्रश्न पत्र में कुल 16 प्रश्न है

3. प्रत्येक वस्तुनिष्ठ प्रश्न के लिए दो अंक अति लघु उत्तरीय प्रश्न के लिए दो अंक लघु उत्तरीय प्रश्न के लिए तीन अंक और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के लिए पांच अंक निर्धारित है

4. गलत उत्तर के लिए कोई ऋणआत्मक अंक नहीं है

5. वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1 से 10 तक के लिए चार विकल्प दिए गए हैं सही विकल्प A,B,C,D का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखना है

6. अति लघु उत्तरीय प्रश्न 11, 12 में लघु उत्तरीय प्रश्न 13 से 14 और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 15,16 का उत्तर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखना है

7. परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने का अनुमति नहीं होगी

Section-A (10×2=20) Objective type questions

1) दक्षिण मेसोपोटामिया में मंदिरों का निर्माण कब शुरू हुआ ?

(a) 3000 ई०पू०

(b) 4000 ई०पू०

(c) 5000 ई०पू०

(d) 6000 ई०पू०

2) मेसोपोटामिया में किस लिपि का प्रयोग किया जाता था ?

(a) बाहमी

(b) खरोष्ठि

(c) देवनागरी

(d) किलाकार

3) ड्रेसल 20 है ?

(a) तेल के कंटेनरों के नाम

(b) एक व्यवसाय

(c) एक शहर का नाम

(d) एक देवता का नाम

4) किसका शासन काल रोम का स्वर्ण युग कहलाता था ?

(a) त्राजान

(b) आगस्टस

(c) जूलियस सीजर

(d) टिबेरियस

5) वार्काशीर्ष किससे बनाया गया था ?

(a) मिट्टी का

(b) पीतल का

(c) संगमरमर का

(d) सोने का

6) शहरी जीवन की शुरूआत हुई थी -

(a) भारत में

(b) मिस्त्र में

(c) मेसोपोटामिया में

(d) अमेरिका में

7) प्रिंसीपेट की स्थापना किसने की थी?

(a) आगस्टस

(b) जुलियस

(c) टिबेरियस

(d) कॉस्टेनटाईन

8) कागज का अविष्कार सर्वप्रथम किस देश में हुआ ?

(a) भारत

(b) चीन

(c) ईराक

(d) इंग्लैंड

9) ओवन आकार की झोपड़ियों को कहा जाता था ?

(a) कैस्टेला

(b) प्रिंसीपेट

(c) सिनेट

(d) मैपालिया

10) किस शासक ने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित किया ?

(a) कॉस्टेनटाईन

(b) जुलियस सीजर

(c) आगस्टस सीजर

(d) इनमें से कोई नहीं

Section-B (2×2=4) very short type questions

11) नाभीकीय परिवार से क्या समझते है?

उत्तर - ऐसा परिवार जिसमें माता-पिता तथा उसके अविवाहित बच्चे शामिल होते थे।

12) असुर बनिपाल कहाँ का शासक था?

उत्तर - असुर बनिपाल असिरिया का प्रसिद्ध शासक था।

Section -C (2×3=6) Short type questions

13) रोमन साम्राज्य में दासों की स्थिति का वर्णन करें?

उत्तर - रोमन साम्राज्य में दासों की संख्या बहुत ज्यादा थी। प्रायः युद्ध बंदियों तथा कर्ज न चुका सकने वाले लोगों को दास बना लिया जाता था। दासों की स्थिति अच्छी नहीं थी। उनसे सारा दिन काम लिया जाता था। उसे किसी भी प्रकार का सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं था। इनसे खेती, खदान, सड़क, कारखानों तथा कई बार तो इन्हें मनोरंजनर के लिए जंगली पशुओं के आगे डाल दिया जाता था।

14) जिगुरत क्या है? संक्षेप में वर्णन करें?

उत्तर - मेसोपोटामिया के शहरों में एक देव मंदिर होता था जिसे जिगुरत कहा जाता था। मेसोपोटामिया का सबसे नगर उर था जिसका देवता चन्द्रमा था। उर देव का मंदिर एक पवित्र क्षेत्र में पहाड़ी क्षेत्रों ईंटों से किया गया था। इस मंदिर में तीन मंजिलें थी। इस मंदिर की उँचाई लगभग 20 मीटर थी। अधिक उँचाई के कारण ही जिगुरत कई मील दूर से दिखाई पड़ता था।

Section-D (5×2= 10) Long type questions

15) रोमन साम्राज्य के पतन के कारणों का वर्णन करें?

उत्तर - अन्य साम्राज्यों की भांति आगस्टस सीजर द्वारा स्थापित रोमन साम्राज्य भी साढे चार शताब्दी तक फलता फूलता रहा। धीरे-धीरे पनपते अनेक दोषों के कारण एक दिन इसका पतन हो गया। इसके पतन के प्रमुख कारण इस प्रकार है :-

i. कमजोर और अयोग्य शासक- रोमन साम्राज्य के बाद के शासक अयोग्य एवं कमजोर थे। ये लोग शासन प्रसाशन तथा प्रजा की भलाई के कार्य छोड़कर ऐशोआराम में डूबे रहते थे। एक कहावत है "जब रोम जल रहा था तो नीरो वंशी बजा रहा था।"

ii. धन और ऐश्वर्य- अपार धन-दौलत ने शासकों को विलासी ऐय्याशी बना दिया था। अपने देश को बचाने की क्षमता नहीं बची थी।

iii. साम्राज्य की विशालता- तीन महादेशों में फैला रोमन साम्राज्य काफी विशाल था। योग्य शासकों ने अपनी योग्यता से संभाल कर रखा बाद के शासक इस विशाल साम्राज्य को विघटन से न बचा सके।

iv. राजधानी परिवर्तन- कांस्टेनटाईन ने अपनी राजधानी दूसरे जगह ले गए। जहाँ से पूरे साम्राज्य पर नियंत्रण रखना मुश्किल था। बर्बर जातियों के आक्रमण से राज्य खंडित हो गया।

v. भारी एवं अनुचित कर- विशाल सेना के रख रखाव के लिए भारी कराधान किया। कर वसूलने के लिए अनुचित तरीका अपनाया गया। परिणामत प्रजा की नाराजगी ने इसे पतन के गर्त में पहुँचा दिया।

vi. दास प्रथा- दास प्रथा ने लोगों को आलसी और निकम्मा बना दिया था। शासकों को अपने बचाने की शक्ति न बची। आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई थी।

vii. सेना का कमजोर होना- योग्य शासकों ने सेना पर नियंत्रण रखा, समय पर वेतन आदि देते थे। बाद में सैनिकों को अयोग्य शासकों के समय काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा जिससे वे बाह्य आक्रमण का सामना नहीं कर सकें।

viii. बर्बर जातियों का आक्रमण- अंत में अनेक बर्बर जातियों के आक्रमण ने रोमन साम्राज्य नींव हिला दी गोथ, फ्रेंक, बैण्डल तथा हुणों ने अंतिम रोमन सम्राट को मारकर अपना शासक नियुक्त कर दिया।

उपरोक्त तमाम कारणों ने मिलकर रोमन साम्राज्य के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस साम्राज्य का अंत कर दिया।

16) लेखनकला, साहित्य, विज्ञान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मेसोपोटामिया की देनों का वर्णन करें।

उत्तर - मेसोपोटामिया की सभ्यता संसार के गिने-चुने नामों में से एक है। यहाँ की सभ्यता ने संसार को बहुत कुछ दिया हैं।

जो इस प्रकार हैं :-

i. लेखन कला के क्षेत्र में योगदान- बहुत से इतिहासकार लेखन कला का आविष्कारक मेसोपोटामिया को मानते है। आरंभ में यहाँ चित्र लिपि का प्रयोग होता था। बाद में यहाँ कीलाकार लिपि का प्रयोग किया जाने लगा जिसमें 350 से अधिक चिन्ह है। यहाँ बॉस या नरकट की कलम से मिट्टी की पट्टियों पर लिखा जाता था जिसे बाद में सूखा या पका लिया जाता था। मेसोपोटामिया में इस प्रकार की लाखों पट्टिका पाई गई है। जिससे हमें महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।

ii. साहित्य के क्षेत्र में देन- लेखन कला ने साहित्य सीजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हजारों पुस्तकों की रचना की गई। पुस्तकालय का निर्माण किया गया। गीत, कविता, कहानियाँ तथा महाकाव्यों की रचना की गई। गिल्गमेश जैसे महाकाव्य की रचना ने साहित्य को समृद्ध बनाया।

iii. विज्ञान के क्षेत्र में योगदान- विज्ञान ने मेसोपोटामिया का अमूल्य योगदान है। खगोल, गणित और औषधि-विज्ञान में उन्होंने खूब विकास किया था। रेखागणित एवं बीजगणित की नींव रखी थी। उन्होंने एक घंटे को 60 मिनट, एक मिनट को 60 सेकेंड में बाँटा था। वृत को 360° में बाँटनेवाले यही लोग थे। इन्होंने एक, दस तथा सौ के चिन्हों का अविष्कार किया था। इन्हें सूर्यग्रहण तथा चन्द्रग्रहण की जानकारी थी। ग्रह तथा नक्षत्रों के अध्ययन के लिए वेधशाला का निर्माण किया था। यहाँ के कुछ चिकित्सक कई असाध्य बिमारियों का ईलाज भी जानते थे।

iv. शिक्षा के क्षेत्र में देन- मेसोपोटामिया में शिक्षा को विशेष महत्व दिया जाता था। स्कूल तथा पुस्तकालय के खंडहर मिले है। यहाँ के लोग पंचांग का प्रयोग करना जानते थे। लोगों में लिखने-पढ़ने की रूचि थी। पढ़े-लिखे लोगों का समाज में सम्मान किया जाता था।

उपरोक्त तमाम बिन्दुओं के अध्ययन से यह बिल्कुल साफ हो जाती है कि मेसोपोटामिया की सभ्यता ने इस संसार को अमूल्य भेंट दिए है।

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