12th 5. बाजार संतुलन Micro Economics JCERT/JAC Reference Book
12th 5. बाजार संतुलन Micro Economics JCERT/JAC Reference Book 1. परिचय - इस पाठ में उपभोक्ताओं और फर्मों के व्यवहार को सम्मिलित करके, बाजार मांग
और बाजार पूर्ति विश्लेषण का प्रयोग कर बाजार संतुलन का विश्लेषण किया जाएगा। हम जानेंगे
कि संतुलन मात्रा तथा संतुलन कीमत का निर्धारण कैसे होता है। मांग और पूर्ति में परिवर्तन
का संतुलन कीमत तथा संतुलन मात्रा पर क्या प्रभाव होगा, मांग और पूर्ति विश्लेषण के
अनुप्रयोग के कुछ उदाहरण को भी जानेंगे। 1.1 संतुलन - संतुलन का शाब्दिक अर्थ है स्थिरता की स्थिति अर्थात किसी
प्रकार के बदलाव की प्रवृत्ति का ना होना। 1.2 संतुलन कीमत - वह कीमत जिससे ना फर्मे और ना ही उपभोक्ता विचलित होना
चाहते हैं, संतुलन कीमत कहलाती है। 1.3 संतुलन मात्रा- संतुलन कीमत पर खरीदी तथा बेची गई मात्रा आपस में बराबर
होती है अर्थात मांगी गई मात्रा और पूर्ति की मात्रा बराबर होती है, इसे संतुलन मात्रा
कहते हैं। 1.4 बाजार संतुलन का अर्थ - बाजार संतुलन ऐसी अवस्था को व्यक्त करता है जहां बाजार
में सभी उपभोक्ताओं तथा फर्मों के उद्देश्य संगत होते हैं। अर्थात संतुलन की स्थिति
में फर्म जितनी मात्रा बेचने के इच्छुक है, उपभोक्ता भी उतनी ही मात्रा को खरीदने के
इच्छु…