Class 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 10. खेलन में को काको गुसैयाँ मुरली तऊ गुपालहि भावति

Class 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 10. खेलन में को काको गुसैयाँ मुरली तऊ गुपालहि भावति
Class 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 10. खेलन में को काको गुसैयाँ मुरली तऊ गुपालहि भावति
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 10 . खेलन में को काको गुसैयाँ मुरली तऊ गुपालहि भावति कवि परिचय [ सूरदास (सन् 1478-1583) ] सूरदास का जन्म-स्थान रुनकता या रेणुका क्षेत्र, जिला आगरा, उत्तर प्रदेश माना जाता है। कुछ वि‌द्वानों ने दिल्ली के निकट सीही ग्राम को उनका जन्म स्थान माना है। सूरदास मथुरा और वृंदावन के बीच गऊघाट पर रहते थे। वे महाप्रभु वल्लभाचार्य के शिष्य थे तथा पुष्टिमार्गी संप्रदाय के 'अष्टछाप कवियों में उनकी सर्वाधिक प्रसिद्धि थी। वे जन्मांध थे। सूरदास सगुणोपासक कृष्णभक्त कवि हैं। उन्होंने कृष्ण के जन्म से लेकर मथुरा जाने तक की कथा और कृष्ण की विभिन्न लीलाओं से संबंधित अत्यंत मनोहर पदों की रचना की है। श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन अपनी सहजता, मनोवैज्ञानिकता और स्वाभाविकता के कारण अ‌द्वितीय है। वे मुख्यतः वात्सल्य और श्रृंगार के कवि हैं। सूर की भाषा ब्रजभाषा है। सूरदास की प्रमुख काव्य-कृतियाँ हैं सूरसागर, सूरसारावली और साहित्यलहरी। पाठ परिचय पहले पद में कृष्ण की बाल लीला का वर्णन है। खेल में हार जान…