Class 11 Political Science 3. समानता

Class 11 Political Science 3. समानता

 Class 11 Political Science 3. समानता

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

राजनीति विज्ञान (Political Science)

3. समानता

स्मरणीय तथ्य

सार्वभौम मानवाधिकार एक राजनीतिक आदर्श के रूप में उन गुणों पर जोर देती है जिसमें सभी मनुष्य रंग, लिंग, वंश या राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव से रहित हो।

एक न्याय पूर्ण और समता मूलक समाज के निर्माण के लिए राजनीतिक समानता, सामाजिक समानता और आर्थिक समानता आवश्यक हैं।

समानता की मांग 18 में सदी के अंतिम चरण में प्रारंभ हुआ।

समानता की मांग सर्वप्रथम अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम 1776 ई में हुआ।

1789 ई की फ्रांस की क्रांति में स्वतंत्रता समानता और बंधुता की मांग की गई।

समानता का व्यावहारिक अर्थ यह है कि कानून की दृष्टि में सभी व्यक्ति एक समान है न है तथा कानून सबका संरक्षण समान रूप से करता है।

समानता और स्वतंत्रता लोकतंत्र के दो आधार स्तंभ माने जा सकते हैं।

लॉर्ड एक्टन ने कहा है कि यदि समानता द्वार से प्रवेश करती है तो स्वतंत्रता खिड़की में से उड़ जाती है।

सर एडवर्ड कोक ने कहा है कि कोई व्यक्ति चाहे कितना ऊंचा हो कानून उसके ऊपर है।

एच जे लास्की ने 'ए ग्रामर ऑफ पॉलिटिक्स' नामक पुस्तक को लिखा है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. 18 वीं सदी के उत्तरार्ध में किस क्रांति में 'स्वतंत्रता समानता और भाईचारा' का नारा था?

a. रूसी क्रांति

b. फ्रांसीसी क्रांति

c. अमेरिकी क्रांति

d. गौरवपूर्ण क्रांति

2. समानता शब्द का प्रयोग सबसे पहले किस घोषणा में किया गया?

a. 1917 की रूसी क्रांति

b. 1789 की फ्रांसीसी क्रांति

c. 1776 की अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम

d. अधिकारों का बिल, इंग्लैंड 1689

3. लोकतांत्रिक समाज में समान नागरिकता का अधिकार देना किस प्रकार की समानता हैं?

a. आर्थिक समानता

b. राजनीतिक समानता

c. सामाजिक समानता

d. लैंगिक समानता

4. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में कहा गया है कि कानून के समक्ष सभी व्यक्ति समान हैं?

a. 14

b. 8

c. 64-A

d. 124-A

5. स्वतंत्रता एवं समानता को किसने पूरक माना हैं?

a. लास्की

b. मैकाइवर

c. रूसो

d. उपर्युक्त सभी

6. समानता का क्या अर्थ हैं?

a. समान शिक्षा

b. समान कार्य के लिए समान वेतन

c. विशेषाधिकारों का अभाव

d. सभी के लिए समान अवसर

7. निम्न में राजनीतिक समानता कौन सी है?

a. मतदान का अधिकार

b. चुनाव लड़ने का अधिकार

c. आवेदन पत्र देने का अधिकार

d. इनमें से सभी

8. बुद्धिमान या मूर्ख होना किस प्रकार के असमानता है?

a. वैज्ञानिक असमानता

b. सामाजिक असमानता

c. प्राकृतिक असमानता

d. भौतिक असमानता

9. जर्मनी के किस शासक ने यहूदी जाति को हीन बताया?

a. हिटलर

b. बिस्मार्

c. नेपोलियन

d. मुसोलिनी

10. राजनीतिक समानता की सर्वश्रेष्ठ गारंटी है?

a. तानाशाही में

b. अभिजात तंत्र में

c. लोकतंत्र में

d. राजतंत्र में

11. निम्न में से समानता का शुद्ध अर्थ क्या है?

a. कानून की दृष्टि में सभी समान है

b. सभी को समान वेतन मिलना चाहिए

c. गुणवत्ता के आधार पर भेदभाव किया जा सकता है

d. सभी को समान स्तर व प्रतिष्ठा प्राप्त है

12. स्त्री पुरुष में लिंग के आधार पर भेद न किए जाने की संकल्पना को क्या कहते हैं?

a. महिला सशक्तिकरण

b. लैंगिक संवेदनशीलता

c. भेदभाव न करना

d. स्त्रियों के प्रति अच्छा व्यवहार

13. एक व्यक्ति का दिव्यांग होना किस प्रकार की असमानता है?

a. राजनीतिक असमानता

b. सामाजिक असमानता

c. प्राकृतिक असमानता

d. कानूनी असमानता

14. किसी वर्ग को आरक्षण देना किस प्रकार की करवाई है?

a. सकारात्मक कार्रवाई

b. नकारात्मक करवाई

c. औपचारिक कार्रवाई

d. इनमें से कोई नहीं

15. भौतिक समानता का क्या अर्थ है?

a. सामाजिक समानता

b. वैधानिक समानता

c. वितरणात्मक समानता

d. धार्मिक समानता

16. 'पुरुष स्वभाव से समान है' किसने कहा है?

a. लास्की

b. रूसो

c. लॉक

d. हॉब्स

17. निम्न में से 'जन्मजात विशिष्टताओं और योग्यताओं का परिणाम क्या है?

a. आर्थिक समानता

b. राजनीतिक समानता

c. प्राकृतिक असमानता

d. सामाजिक समानता

18. निम्न में से साम्यवाद का संबंध किससे है?

a. मार्क्स

b. हेगेल

c. रूसो

d. इनमें से कोई नहीं

19. इनमें से अवसर की समानता क्या नहीं है?

a. स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच

b. शिक्षा तक पहुंच

c. महत्वाकांक्षा में समानता

d. सुरक्षित आवास में समानता

20. समानता पर उदारवादियों के क्या विचार हैं?

a. सार्वजनिक संसाधनों पर राज्य का नियंत्रण

b. न्यूनतम स्तर का कल्याण प्रदान करना

c. अमीर वर्ग द्वारा नियंत्रित राजनीति

d. अमीर वर्ग द्वारा गरीबों का शोषण

21. निम्न में से मार्क्सवादियों के लिए मौलिक समानता क्या है?

a. सामाजिक समानता

b. आर्थिक समानता

c. कानूनी समानता

d. राजनीतिक समानता

22. निम्न में से कौन सा कथन सही है?

a. स्वतंत्रता और समानता एक दूसरे के विरोधी हैं

b. स्वतंत्रता और समानता एक दूसरे के पूरक हैं

c. स्वतंत्रता और कानून एक दूसरे के विरोधी हैं

d. स्वतंत्रता और समानता विरोधाभासी हैं

23. संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा अंतर्राष्ट्रीय समानता के सिद्धांत पर बनी है क्योंकि

a. यह संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा अंग है

b. इसका हर सदस्य सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य हो सकता है

c. सभी देश को निषेधाधिकार (वीटो) प्राप्त है

d. सभी सदस्य देशों का एक वोट है

24. निम्न में से किन का कथन है 'व्यक्ति चाहे कितना ऊंचा हो कानून उसके ऊपर है'?

a. जे एस मिल

b. मार्गरेट थेचर

c. ए वी डायसी

d. सर एडवर्ड कोक

25. निम्न में से समानता के कितने रूप होते हैं?

a. 1

b. 3

c. 5

d. 2

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. सार्वभौमिक मानव अधिकार क्या है?

उत्तर- दुनिया के सभी मनुष्य रंग, लिंग, जाति, वंश और राष्ट्रीयता के फर्क के बावजूद एक समान है।

2. सामाजिक असमानता क्या है?

उत्तर- वैसी असमानताएं जिन्हें समाज ने पैदा किया है जैसे धर्म, जाति, वंश, रंग, नस्ल, भाषा और संपदा के आधार पर भेदभाव तथा अलग-अलग कामों के लिए अलग अलग महत्व देना।

3. समानता के तीन आयाम कौन-कौन है?

उत्तर- समानता के तीन आयाम राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समानता है।

4. नारीवाद क्या है?

उत्तर- ऐसी विचारधारा जिसमें स्त्री और पुरुष के समान अधिकारों का समर्थन हो।

5. आर्थिक असमानता क्या है?

उत्तर- किसी भी समाज जिसमें व्यक्तियों और वर्गों के बीच धन दौलत या आमदनी में बहुत अंतर हो आर्थिक असमानता कहलाता है।

6. विभेदक बर्ताव द्वारा समानता क्या है

उत्तर- समान अधिकारों के उपभोग के लिए अलग-अलग बर्ताव करने की एक नीति है जैसे एक दिव्यांग व्यक्ति और रात्रि कालीन नौकरी में महिला कर्मचारी की विशेष सुविधा आदि।

7. सकारात्मक कार्रवाई क्या है?

उत्तर- लोगों को कानून द्वारा औपचारिक समानता के अतिरिक्त सकारात्मक नीतियां अपना कर वंचित समुदाय को विशेष लाभ पहुंचाना जैसे छात्रवृत्ति, हॉस्टल सुविधा, आरक्षण आदि।

8. हमारे समाज की आधुनिक युग की समानता से सम्बन्धित दो प्रमुख धारणाएँ कौन सी हैं?

उत्तर- हमारे समाज की आधुनिक युग की समानता से सम्बन्धित दो प्रमुख धारणाएँ मार्क्सवाद और उदारवाद हैं।

9. "समानता समान स्तर पर वास करती है "इसका अर्थ बताए

उत्तर- समान स्तर पर रहने वाले सभी लोगों के अधिकार और अवसर समान होना जैसे एक विधायक को जो अधिकार और अवसर प्राप्त है सभी विधायकों को वहीं प्राप्त होने चाहिए।

10. वयस्क मताधिकार का संबंध किस प्रकार की समानता से है?

उत्तर- वयस्क मताधिकार का संबंध राजनीतिक समानता से है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. प्राकृतिक असमानता क्या है?

उत्तर- प्राकृतिक असमानता लोगों में उनकी विभिन्न क्षमता, प्रतिभा और उनके अपने-अपने चयन के कारण होती है। यह मुख्य रूप से किसी व्यक्ति की जन्मजात विशेष गुण और योग्यताओं का परिणाम माना जाता है जैसे कि एक व्यक्ति दिव्यांग तो दूसरा सामान्य।

एक दिव्यांग व्यक्ति और सामान्य व्यक्ति में जो असमानता है, यह प्रकृति जनित है किंतु आज के वैज्ञानिक युग में इस असमानता को परिवर्तनीय बनाया उदाहरण स्वरूप चिकित्सा विज्ञान और तकनीकी प्रगति ने दिव्यांग व्यक्तियों का समाज में प्रभावी ढंग से काम करना संभव बनाया, कंप्यूटर नेत्रहीन व्यक्ति की मदद कर सकते हैं, पहियादार कुर्सी और कृत्रिम पांव शारीरिक अक्षमता का निराकरण करता है, यहां तक की कॉस्मेटिक सर्जरी से किसी व्यक्ति की शक्ल भी बदली जा सकती है, प्रसिद्ध भौतिकविद् स्टीफन हॉकिंस जो चलने और बोलने में असमर्थ हैं जिन्होंने विज्ञान में बड़ा योगदान किया है आदि।

2. अवसर की समानता क्या है?

उत्तर- सभी मनुष्यों को अपने लक्ष्य और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समान अधिकार और अवसरो के हकदार है। समाज में लोग अपनी पसंद और प्राथमिकता के मामले में अलग अलग हो सकते हैं तथा उनकी प्रतिभा और योग्यता में भी अंतर होता है। इस कारण से कुछ लोग कुछ विशेष क्षेत्र में सफल हो जाते हैं, इससे समाज को असमान नहीं माना जा सकता है अर्थात सामाजिक दर्जा, संपत्ति या विशेषाधिकारों में समानता का अभाव होना महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित आवास जैसी बुनियादी चीजों की उपलब्धता में असमानता होने से समाज असमान और अन्यायपूर्ण बनता है।

3. 'कानून के समक्ष सभी समान है' इससे क्या आशय है?

उत्तर- कानून के समक्ष किसी व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, लिंग या रंग का हो। कानून की नजरों में सभी व्यक्ति एक समान है तथा किसी भी व्यक्ति को कानून के संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा। किसी भी व्यक्ति को विशेष अधिकार नहीं दिए गए हैं तथा कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है कानून समान स्थितियों में सबके साथ समान व्यवहार करता है।

4. समाजवाद क्या है? समाजवाद के संदर्भ में लोहिया के विचार स्पष्ट करें।

उत्तर- समाजवाद एक आर्थिक सामाजिक दर्शन है जो असमानताओं के जवाब में उपजे कुछ राजनीतिक विचारों का समूह है। जिसमें धन स्वामित्व और वितरण समाज के नियंत्रण में होते हैं। यह पूंजीवाद अर्थात निजी स्वामित्व का विरोध करता है। इसमें असमानताओं को न्यूनतम करना और संसाधनों का न्यायपूर्ण बटवारा में जोर दिया जाता है।

राम मनोहर लोहिया का लोकतंत्र और स्वतंत्रता में अटूट विश्वास था।

इन्होंने पांच तरह की असमानताओं की पहचान किये- स्त्री पुरुष असमानता, चमडी के रंग पर असमानता, जातिगत असमानता, औपनिवेशिक शासन से असमानता, निजी पूंजी से असमानता। समाजवादियों का जोर व्यक्ति के आर्थिक असमानता को कम करने में होता है वहीं लोहिया के समाजवादी विचारधारा के अनुसार विभिन्न प्रकार के असमानता के अलग-अलग कारण होते हैं, जिसके खिलाफ क्रांति का आहवाहन किया । उपर्युक्त पांच असमानताओं के लिए पांच क्रांतियां की बात कही। साथ ही दो और क्रांति व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप के खिलाफ नागरिक स्वतंत्रता की क्रांति, अहिंसा के लिए सत्याग्रह के पक्ष में शस्त्र त्याग के लिए क्रांति। उपर्युक्त सभी सम्मिलित रूप से सप्त क्रांति कहलाते हैं जो लोहिया के अनुसार समाजवाद का आदर्श है।

5. मार्क्सवाद क्या है?

उत्तर- कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित विचारधारा मार्क्सवाद के नाम से जाना जाता है। समाज के संसाधनों के अनुचित स्वामित्व के कारण धनवान और निर्धन दो वर्ग उत्पन्न होते हैं और उनमें आपसी वर्ग संघर्ष होता है जो धनवान होते हैं वे मालिक बन जाते हैं शेष श्रमिक के रूप में मजदूर बन जाते हैं। मार्क्स का नारा 'दुनिया के मजदूर एक हो' का आह्वाहन किया जिससे प्रभुत्वशाली धनी (पूंजीपतियों) के विरुद्ध क्रांति हो तथा क्रांति के बाद उत्पादन के प्रमुख साधनों पर सामाजिक नियंत्रण रखकर समाजवाद की नींव रखी जा सके तथा समाजवाद की विकसित अवस्था में सामाजिक असमानता मिट जाएगी और वर्गहीन समाज का उदय होगा जिसमें मनुष्य सच्चे अर्थों में स्वतंत्र होगा। यह विचारधारा पूंजीवाद की विरोधी है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. समानता क्या है? स्वतंत्रता व समानता के बीच संबंध का विवेचन कीजिए।

उत्तर- समानता की अवधारणा एक राजनीतिक आदर्श है जो उन गुणों पर जोर देती है जिसमें सभी मनुष्य रंग, लिंग वंश या राष्ट्रीयता के अंतर के बावजूद भी साझेदार होते है। समानता को अनेक देशों के संविधान और कानून में सम्मिलित किया गया है। इस अवधारणा में साझी मानवता के कारण सभी मनुष्य बराबर सम्मान और परवाह के हकदार हैं।

स्वतंत्रता और समानता के बीच का संबंध एक विवाद का विषय है। कुछ विद्वानों का कहना है कि स्वतंत्रता और समानता का सामंजस्य नहीं हो सकता है तो वहीं कुछ विद्वान दोनों का संश्लेषण पर जोर देते हैं। सर्वश्रेष्ठ स्थिति यह है कि लोकतंत्र में स्वतंत्रता और समानता दोनों के बीच मधुर संबंध स्थापित किया जाना चाहिए।

अमेरिका की स्वतंत्रता संग्राम 1776 की घोषणा में पहली बार समानता के अधिकार को स्वीकार किया गया जिसकी पुनरावृति 1789 की फ्रांस की क्रांति के स्वतंत्रता, समानता, बंधुता के नारो में होती हैं।

स्वतंत्रता और समानता के संबंधों को दो पक्षों के अनुसार समझा जा सकता है

नकारात्मक पक्ष के अनुसारः कुछ विद्वानों के अनुसार स्वतंत्रता और समानता दोनों एक साथ नहीं रह सकते। मनुष्य प्राकृतिक रूप से अलग-अलग क्षमता और योग्यता के हैं इसलिए समानों के साथ समान तथा असमानों के साथ असमान रूप में व्यवहार करना चाहिए।

सकारात्मक पक्ष के अनुसारः कुछ विद्वानों के अनुसार समानता और स्वतंत्रता दोनों में एक सामंजस्य होना चाहिए। एक के अभाव में दूसरे की कल्पना व्यर्थ है।

समाज में व्यक्ति के विकास के लिए सकारात्मक पक्ष उचित प्रतीत होता है। स्वतंत्रता और समानता मनुष्य के दो ऐसे महान वरदान हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिए मनुष्य जाति ने एक लंबे समय से संघर्ष किया है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि समानता एक ऐसी अवधारणा है जो स्वतंत्रता की सहगामी है, यदि स्वतंत्रता को बनाए रखनी है तो समानता भी साथ-साथ रहनी चाहिए लेकिन यह भी कहना गलत नहीं होगा की संपूर्ण समाज की समानता की स्थापना किसी काल्पनिक समाज में ही हो सकती है।

2. समानता के प्रकारों का वर्णन कीजिए। समानता किस प्रकार स्थापित की जा सकती है?

उत्तर- समानता एक बहुआयामी धारणा है, इसके अनेक प्रकार है जो निम्नलिखित है-

1. प्राकृतिक समानता- इसके अनुसार प्रकृति में सभी मनुष्य एक समान है इसलिए उनके साथ भिन्न- भिन्न व्यवहार नहीं होना चाहिए।

2. सामाजिक समानता-समाज के किसी भी वर्ग को धर्म, जाति, भाषा, रंग, लिंग के आधार पर एक समान माना जाना चाहिए। सबके अधिकार तथा अवसर एक समान हो जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का सर्वोत्तम विकास कर सके।

3. आर्थिक समानता-किसी भी समाज में पूर्ण आर्थिक समानता स्थापित करना संभव नहीं है फिर भी आर्थिक समानता का अर्थ है कि आर्थिक संसाधन कुछ थोड़े से लोगों के हाथों में केंद्रित न हो बल्कि संपदा का ऐसा वितरण हो कि लोगों को भूखे मरना या आर्थिक अभाव का सामना न करना पड़े।

4. राजनीतिक समानता-शासकीय पद तक आम व्यक्ति की पहुंचे हो। सभी नागरिकों को अपने विकास के लिए अवसर की समानता हो साथ ही सत्ता के संचालन के लिए शासक के चयन करने का अधिकार, सत्ता में भागीदारी लेने का अधिकार, किसी सरकारी नीति का समर्थन अथवा विरोध करने या सरकार बदलने आदि के अधिकार से युक्त होना चाहिए।

5. कानूनी समानता-कानून की दृष्टि में सभी नागरिक एक समान है। कानून द्वारा देश के सभी नागरिकों के जीवन तथा संपत्ति की रक्षा की जाती है। यह सुविधा बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त होती है। व्यक्ति के विकास एवं उसके संरक्षण के लिए कानून को सबसे ऊपर माना जाता है।

6. अंतर्राष्ट्रीय समानता-यह एक वैश्विक अवधारणा है जिसमें किसी भी देश को उसकी भौगोलिक आकार उसके आर्थिक संपन्नता जनसंख्या तथा सैनिक शक्ति आदि का विचार किए बिना सभी देशों को एक समान मान्य पर सहमति होती है जिसका छाप संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रत्येक सदस्य महासभा में एक मत का ही अधिकारी होता है।

3. समानता का अर्थ है 'समानों के साथ समान व्यवहार और असमानों के साथ असमान व्यवहार' विवेचन कीजिए।

उत्तर- समानता का अर्थ समान व्यवहार नहीं है बल्कि समानता समान स्तर पर वास करती है जैसे जो अधिकार प्रधानमंत्री को प्राप्त है, वह अधिकार अन्य मंत्रियों को नहीं दिया जा सकता है किंतु जो अधिकार एक मंत्री को प्राप्त है, वे सभी अधिकार अन्य मंत्रियों को भी मिलनी चाहिए। समानता का मूल भाव कहता है कि सभी मनुष्य बराबर सम्मान और परवाह के हकदार हैं। लोगों से बराबर सम्मान का व्यवहार करने का मतलब जरूरी नहीं की हमेशा एक जैसा व्यवहार करना हो। कोई भी समाज अपने सभी सदस्यों के साथ सभी स्थितियों में पूर्ण रूप से एक समान बर्ताव नहीं करता। समाज के सहज कार्य व्यापार के लिए कार्य का विभाजन जरूरी है अलग-अलग काम और अलग-अलग लोगों को महत्व और लाभ भी अलग-अलग मिलता है। कई बार इस व्यवहार में अंतर न केवल स्वीकार किया जाता है बल्कि यह जरूरी भी होता है उदाहरण स्वरूप प्रधानमंत्री या सेना के जनरल को विशेष सरकारी दर्जा या सम्मान देना हमें तब तक समानता की धारणा के विपरीत नहीं लगता जब तक की उसका दुरुपयोग ना हो।

जब किसी व्यक्ति को उसके धर्म, नस्ल, जाति या लिंग के आधार पर विभेद किया जाता है तो इसे स्वीकार नहीं किया जाता है वहीं दूसरी ओर अगर एक व्यक्ति अपने परिश्रम और योग्यता से एक संगीतकार या वैज्ञानिक बनता है तो एक आम इंसान से से अधिक सम्मान या दर्जा हासिल कर लेता है। समानता का अर्थ यह नहीं है कि सभी तरह के अन्तरों का उन्मूलन हो जाए। इसका मतलब केवल यह है कि हमसे जो व्यवहार किया जाता है और हमें जो भी अवसर प्राप्त होते हैं, वह जन्म या सामाजिक परिस्थितियों से निर्धारित नहीं होने चाहिए।


JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अध्याय सं.

अध्याय का नाम

भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार

1

संविधान क्यों और कैसे?

2

भारतीय संविधान में अधिकार

3

चुनाव और प्रतिनिधित्व

4

कार्यपालिका

5

विधायिका

6

न्यायपालिका

7

संघवाद

8

स्थानीय स्वशासन

9

संविधान एक जीवंत दस्तावेज

10

संविधान का राजनीतिक दर्शन

राजनीतिक सिद्धांत

1

राजनीतिक सिद्धांत : एक परिचय

2

स्वतंत्रता

3

समानता

4

सामाजिक न्याय

5

अधिकार

6

नागरिकता

7

राष्ट्रवाद

8

धर्मनिरपेक्षता

JAC वार्षिक परीक्षा, 2023 प्रश्नोत्तर

إرسال تعليق

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare