Class 11 Political Science 5. अधिकार

Class 11 Political Science 5. अधिकार

 Class 11 Political Science 5. अधिकार

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

राजनीति विज्ञान (Political Science)

5. अधिकार

स्मरणीय तथ्य

☞ जर्मन दार्शनिक इमैनुएल कांट ने नैतिक अधिकार की अवधारणा को जन्म दिया था।

☞कान्ट 18 वीं सदी के जर्मन दार्शनिक थे।

☞कान्ट का कहना था कि हमें दूसरों के साथ में सही आचरण करना चाहिए जैसा हम अपने लिए दूसरों से अपेक्षा करते हैं।

☞कान्ट कहते हैं कि हमें लोगों का सम्मान करना चाहिए इसलिए नहीं कि वह हमारे लिए उपयोगी हैं बल्कि इसलिए कि वह आखिरकार एक मनुष्य हैं।

☞कान्ट के अनुसार मनुष्य एक गरिमामय प्राणी है।

☞संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा के द्वारा 10 दिसंबर 1948 ई को मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा किया गया था।

☞10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

☞भारतीय संविधान के अनुसार वर्तमान में 6 मूल अधिकार हैं।

☞भारत के मूल संविधान में 7 मूल अधिकार थे परंतु 44 वां संविधान संशोधन 1978 के द्वारा संपत्ति के मूल अधिकार को हटाकर कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया है।

☞6 मूल अधिकार निम्नलिखित है

1. समानता का अधिकार

2. स्वतंत्रता का अधिकार

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार

4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

5. शिक्षा और संस्कृति का अधिकार

6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार

☞अनुच्छेद 21 में प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन है।

☞अनुच्छेद 17 में अस्पृश्यता के उन्मूलन का वर्णन है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन अनुच्छेद 19 में है।

☞भारतीय संविधान के भाग 3 में मूल अधिकार का वर्णन है। यह अधिकार संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान से ग्रहण किया गया है।

☞अनुच्छेद 24 में बाल श्रम पर रोक लगाया गया है। अनुच्छेद 32 में संवैधानिक उपचारों के अधिकार का वर्णन है।

☞सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत में मौलिक अधिकार का जनक माना जाता है।

☞सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों का रक्षक है।

☞अनुच्छेद-14 में विधि के समान संरक्षण का वर्णन है।

☞इंग्लैंड के राजा जॉन के द्वारा अधिकारों के एक चार्टर पर हस्ताक्षर 1215 ई. में किया गया था, जिसे अधिकारों का मैग्नाकार्टा कहा जाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा कब किया गया था?

a. 10 दिसंबर 1948 ई.

b. 11 दिसंबर 1948 ई.

c. 12 दिसंबर 1948 ई.

d. 13 दिसंबर 1948 ई.

2. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा कब लागू किया गया? द्वारा मानवाधिकार को

a. 10 दिसंबर 1948 ई

b. 11 दिसंबर 1948 ई

c. 12 दिसंबर 1948 ई

b. 13 दिसंबर 1948 ई

3. 17 वीं और 18 वीं सदी के राजनीतिक सिद्धांतकारों के अनुसार कौन-कौन से प्राकृतिक अधिकार मनुष्य को प्राप्त है?

a. जीवन का अधिकार

b. स्वतंत्रता का अधिकार

c. संपत्ति का अधिकार।

d. उपरोक्त सभी

4. इमैनुएल कान्ट किस देश के रहने वाले थे?

a. ब्रिटेन

b. जर्मनी

c. दक्षिण अफ्रीका

d. सूडान

5. इमैनुएल कान्ट थे?

a. वैज्ञानिक

b. चिकित्सक

c. दार्शनिक

d. मूर्तिकार

6. कान्ट एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य के साथ किस प्रकार के व्यवहार करने के पक्षधर थे?

a. नैतिक

b. वैज्ञानिक

c. उग्र व्यवहार

d. इनमें से कोई नहीं

7. किस विचारक ने नैतिक अधिकार की अवधारणा को जन्म दिया है?

a. अरस्तु

b. जेम्स मिल

c. प्लेटो

d. कान्ट

8. किस विचारक ने कहा था कि मनुष्य एक गरिमापूर्ण प्राणी है?

a. कांट

b. मार्क्स

c. अरस्तु

d. प्लेटो

9. भारतीय संविधान के अनुसार वर्तमान में कितने मूल अधिकार हैं?

a. 5

b. 6

c. 7

d. 8

10. भारत के मूल संविधान में कितने मूल अधिकार थे?

a. 5

b. 6

c. 7

d. 8

11. संपत्ति के मौलिक अधिकार को किस संविधान संशोधन द्वारा हटाकर कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया है?

a. 42 वां संविधान संशोधन 1976

b. 44 वां संविधान संशोधन 1978 ई

c. 45 वां संविधान संशोधन 1979 ई

d. इनमें से कोई नहीं

12. प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन किस अनुच्छेद में है?

a. अनुच्छेद 21

b. अनुच्छेद 22

c. अनुच्छेद 23

d. अनुच्छेद 24

13. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन किस अनुच्छेद में है?

a. अनुच्छेद 17

b. अनुच्छेद 18

c. अनुच्छेद 19

d. अनुच्छेद 20

14. राजनीतिक अधिकार का संबंध है?

a. मत देने का अधिकार

b. निर्वाचित होने का अधिकार.

c. सरकार की आलोचना करने का अधिकार।

d. उपरोक्त सभी

15. भारतीय संविधान में मूल अधिकार की अवधारणा किस देश के संविधान से लिया गया है?

a. संयुक्त राज्य अमेरिका

b. ब्रिटेन

c. रूस

d. फ्रांस

16. अधिकार का कौन-कौन सा उद्देश्य होता है?

a. लोगों के कल्याण की हिफाजत करना

b. सरकार के प्रति जवाबदेह बनाना

c. शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना

d. उपरोक्त सभी

17. शोषण के विरुद्ध अधिकार का वर्णन किस अनुच्छेद में है?

a. अनुच्छेद 23 और 24

b. अनुच्छेद 25 और 26

c. अनुच्छेद 14 और 15

d. इनमें से कोई

18. संवैधानिक उपचारों के अधिकार का वर्णन किस अनुच्छेद में है?

a. अनुच्छेद 29

b. अनुच्छेद 30

c. अनुच्छेद 31

d. अनुच्छेद 32

19. एक व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार है?

a. जीवन जीने एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार

b. शिक्षा संस्कृति का अधिकार

c. समानता का अधिकार

d. धर्म एवं संस्कृति का अधिकार

20. अस्पृश्यता उन्मूलन का अधिकार किस प्रकार का अधिकार है?

a. समानता का अधिकार

b. स्वतंत्रता का अधिकार

c. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

d. इनमें से कोई नहीं

21. भारत में दास प्रथा का उन्मूलन कब कर दिया गया ?

a. 1842 ई

b. 1843 ई

c. 1844 ई

d. 1845 ई

22. 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को जोखिम भरे कार्य करने पर रोक लगाया गया है। यह किस प्रकार का अधिकार है?

a. समानता का अधिकार

b. स्वतंत्रता का अधिकार

c. शोषण के विरुद्ध अधिकार

d. इनमें से कोई नहीं

23. भारत है? में मौलिक अधिकार कार जन का जनक किसे माना जाता

a. गांधी जी

b. जवाहरलाल नेहरू

c. राजा राममोहन राय

d. सरदार वल्लभभाई पटेल

24. भारतीय संविधान के अनुसार मौलिक अधिकारों का रक्षक कौन है?

a. सर्वोच्च न्यायालय

b. प्रधानमंत्री

c. राष्ट्रपति

d. उपराष्ट्रपति

25. इंग्लैंड के राजा जॉन के द्वारा अधिकारों के चार्टर पर कब हस्ताक्षर किया गया था?

a. 1215 ई

b. 1230 ई

c. 1220 ई

d. 1250 ई

26. मौलिक अधिकार से संबंधित कौन सा कथन सत्य है ?

a. मौलिक अधिकार संविधान प्रदत्त है।

b. मौलिक अधिकार का रक्षक उच्चतम न्यायालय हैं।

c. सामान्य स्थिति में मौलिक अधिकार को समाप्त या कम नहीं किया जा सकता है।

d. उपरोक्त सभी

27. कानूनी अधिकार के संबंध में कौन सा कथन सत्य नहीं है?

a. कानूनी अधिकार को समाप्त या कम नहीं किया जा सकता है।

b. संविधान के मूल संरचना का हिस्सा है।

c. कानूनी अधिकार के हनन होने पर सीधे उच्चतम न्यायालय जाया जा सकता है।

d. उपरोक्त सभी।

28. मूल अधिकार का वर्णन भारतीय संविधान के किस भाग में है?

a. भाग 1

b. भाग 2

c. भाग 3

d. भाग 4

29. उच्च न्यायालय किस अनुच्छेद के तहत मौलिक अधिकार के हनन होने पर पांच प्रकार का रिट जारी कर सकता है?

a. अनुच्छेद 225

b. अनुच्छेद 226

c. अनुच्छेद 228

d. अनुच्छेद 225

30. रोजगार एवं अवसर के समानता का वर्णन किस अनुच्छेद में है?

a. अनुच्छेद 14

b. अनुच्छेद 15

c. अनुच्छेद 16

d. अनुच्छेद 18

31. किसी भी व्यक्ति को अपनी इच्छा अनुसार किसी भी संप्रदाय को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार किस अनुच्छेद के तहत दिया गया है?

a. अनुच्छेद 24

b. अनुच्छेद 25

c. अनुच्छेद 26

d. अनुच्छेद 27

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अधिकार को परिभाषित करें।

उत्तर- एक ऐसा दवा या हक जिसका औचित्य सिद्ध हो अधिकार कहलाता है।

2. किस दार्शनिक ने अधिकार की नैतिक अवधारणा का प्रतिपादन किया था?

उत्तर- इमैनुएल कान्ट ने नैतिक अवधारणा का प्रतिपादन किया था।

3. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कब मानवाधिकारों की घोषणा की गई थी?

उत्तर- संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसंबर 1948 ई. को मानवाधिकारों की घोषणा की गई थी और इसे लागू भी किया गया था।

4. मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ के किस संस्था द्वारा किया गया था?

उत्तर- संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा द्वारा मानवाधिकार की घोषणा की गई थी।

5. किस संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति के मौलिक अधिकार को, मौलिक अधिकार की श्रेणी से हटा दिया गया है?

उत्तर- 44 वें संविधान संशोधन 1978 के द्वारा संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया है।

6. अधिकार के कौन-कौन से उद्देश्य हैं?

उत्तर- लोगों के कल्याण की हिफाजत करना तथा सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाना।

7. मनुष्य के प्राकृतिक अधिकार कौन-कौन से हैं?

उत्तर- जीवन जीने का अधिकार स्वतंत्रता का अधिकार और संपत्ति का अधिकार।

8. नैतिक अधिकार की अवधारणा के जनक कांट किस देश के निवासी थे?

उत्तर- कांट जर्मनी के निवासी थे।

9. कानूनी अधिकार को परिभाषित करें।

उत्तर- वे अधिकतर जो राज्य द्वारा कानूनी रूप से जनता को उपलब्ध कराया जाता है, कानूनी अधिकार कहलाता है।

10. जिम्मेदारी का क्या अर्थ है?

उत्तर- उत्तरदायित्व या जवाबदेही।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. अधिकार क्या है? अधिकार क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर- अधिकार का आशय उन सुविधाओं और अवसरों से है, जो मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास के लिए एकदम आवश्यक है। इसके बिना मनुष्य पशु के समान है। अधिकार समाज द्वारा स्वीकृत, तर्क और अच्छे व्यवहार पर आधारित होते हैं।

अधिकार व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करता है और सुदृढ़ तथा कल्याणकारी राज्य की स्थापना करने में सहायक सिद्ध होता है। यह व्यक्ति के प्रतिभा को विकसित करता है और दक्षता तथा कौशल को बढ़ावा देता है। इसीलिए महत्वपूर्ण है।

2. शिक्षा के अधिकार को स्पष्ट करें?

उत्तर- भारतीय संविधान द्वारा शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके लिए संसद द्वारा 2002 ई. में 86वां संविधान संशोधन करके संविधान में अनुच्छेद 21 (क) जोड़ा गया है। अनुच्छेद 21 (क) में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और 6 से 14 वर्ष के बच्चों को, यह निःशुल्क और अनिवार्य रूप से दिया जाना आवश्यक है।

3. भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को लिखें।

उत्तर- मूल अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लेकर भारत के संविधान में शामिल किया गया है। भारतीय संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से लेकर 35 तक मूल अधिकार की विस्तृत व्याख्या की गई है।

छः मौलिक अधिकार निम्नलिखित है-

समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा और संस्कृति का अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

4. मानव अधिकार से क्या समझते हैं? मानव अधिकार कब और किसके द्वारा घोषणा किया गया ?

उत्तर- मानव अधिकार वे अधिकार हैं, जो हमें मनुष्य होने की वजह से प्राप्त होते हैं। यह अधिकार मनुष्य के शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक विकास को सुनिश्चित करते हैं। मानव अधिकार के बिना मनुष्य के सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। 10 दिसंबर 1948 ई. को संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा की तथा उसी दिन से लागू भी कर दिया है।

5. नैतिक अधिकार की अवधारणा को स्पष्ट करें।

उत्तर- नैतिक अधिकार की अवधारणा के जनक जर्मन दर्शनिक कांट हैं। कांट का कहना है कि हमें दूसरों के साथ वैसा ही आचरण करना चाहिए जैसा हम अपने लिए दूसरों से अपेक्षा करते हैं। हमें लोगों का सम्मान करना चाहिए, इसलिए नहीं कि वह हमारे लिए उपयोगी है, बल्कि इसलिए कि वे आखिरकार एक मनुष्य है। कांट कहते हैं कि प्रत्येक मनुष्य की गरिमा होती है, इसलिए उसके साथ नैतिक आचरण करना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्र.1. मूल अधिकार क्या है ? मूल अधिकार एवं कानूनी अधिकार में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर- मौलिक अधिकार भारत के संविधान में वर्णित वह अधिकार है जो, नागरिकों को प्रदान किया गया है।

यह अधिकार सामान्य स्थिति में सरकार द्वारा सीमित या कम नहीं किया जा सकता है। मूल अधिकारों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सर्वोच्च न्यायालय को सौंपा गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 में लिखा गया है कि, किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकार के हनन होने पर सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकार की रक्षा करने के लिए पांच प्रकार का रिट जारी कर सकता है। मूल अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ग्रहण किया गया है। इस अधिकार का वर्णन भारतीय मौलिक अधिकार और कानूनी अधिकार में निम्नलिखित अंतर है- मौलिक अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त है जबकि, कानूनी अधिकार अधिनियम द्वारा प्रदत्त है।

संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक है। मौलिक अधिकार को सामान्य स्थिति में कम या समाप्त नहीं किया जा सकता है, जबकि कानूनी अधिकार को कानून बनाकर सीमित या समाप्त किया जा सकता है। मूल अधिकार संविधान की मूल संरचना का एक हिस्सा है जबकि कानूनी अधिकार संविधान के मूल संरचना का हिस्सा नहीं है। मौलिक अधिकार के हनन होने पर हम सीधे उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय में जा सकते हैं, जबकि कानूनी अधिकार के उल्लंघन होने पर व्यक्ति को सबसे पहले सामान्य अदालत में जाना पड़ता है। मूल अधिकार की रक्षा करने की जिम्मेदारी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयको प्राप्त है जबकि कानूनी अधिकार की रक्षा सामान्य अदालत द्वारा की जाती है।

प्र.2. राजनीतिक अधिकार क्या है? आर्थिक अधिकार के बिना राजनीतिक अधिकार खोखली है कैसे?

उत्तर- राजनीतिक अधिकार वह अधिकार है जो जनता को शासन व्यवस्था में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। ये अधिकार राज्य द्वारा केवल अपने देश के नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं। राजनीतिक अधिकार को हम चार भागों में बांट सकते हैं-

मत देने का अधिकार, निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार, सार्वजनिक पद (नौकरी पाने) प्राप्त करने का अधिकार तथा सरकार की आलोचना करने का अधिकार।

राजनीतिक अधिकार को हम तभी पूरी तरह से अमल में ला सकते हैं, जब हमें भोजन वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी हो। इन बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। धन की प्राप्ति के लिए आर्थिक अधिकार आवश्यक हो जाता है। आर्थिक अधिकार का अर्थ है कि जीवन निर्वाह करने के लिए रोजगार के समुचित व्यवस्था हो। इसीलिए आजकल लोकतांत्रिक देश आर्थिक अधिकार मुहैया कराने के लिए कल कारखाने की स्थापना कर रहे हैं और कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं। अतः हम कह सकते है कि आर्थिक अधिकार के बिना राजनीतिक अधिकार खोखली है।

प्र.3. प्रकृति प्रदत्त अधिकार क्या है? प्रकृति प्रदत्त अधिकार का स्थान अब मानव अधिकार कैसे लेते जा रहा है?

उत्तर- प्रकृति प्रदत्त वह अधिकार है जो ईश्वर के द्वारा मनुष्य को जन्म से ही प्राप्त होता है। इन अधिकारों को कोई व्यक्ति या शासक या राज्य हमसे छीन नहीं सकता है। 17वीं एवं 18वीं शताब्दी के राजनीतिक सिद्धांतकारों ने इस अवधारणा को जन्म दिया है। ये तीन प्राकृतिक प्रदत अधिकार हैं जीवन जीने का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और संपत्ति का अधिकार। अन्य तमाम अधिकार इन बुनियादी अधिकारों से ही निकले हैं। हमें जन्म से ही कुछ खास अधिकार प्राप्त हैं। यह एक शक्तिशाली अवधारणा है।

आधुनिक काल में प्राकृतिक अधिकार शब्द से ज्यादा मानव अधिकार शब्द का प्रयोग हो रहा है। मानव अधिकार की मूल मान्यता यह है कि सभी लोग मनुष्य होने मात्र से कुछ मूलभूत चीजों को प्राप्त करने हकदार हैं। सभी मनुष्य आन्तरिक दृष्टि से समान और स्वतंत्र है। कोई भी व्यक्ति दूसरों का नौकर होने के लिए पैदा नहीं हुआ है। आज मानव अधिकार का इस्तेमाल नस्ल, जाति जाति, धर्म, लिंग और क्षेत्रवाद पर आधारित असमानताओं को चुनौती देने के लिए किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 10 दिसंबर 1948 ई को मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा करते हुए लागू कर दिया गया है।


JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अध्याय सं.

अध्याय का नाम

भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार

1

संविधान क्यों और कैसे?

2

भारतीय संविधान में अधिकार

3

चुनाव और प्रतिनिधित्व

4

कार्यपालिका

5

विधायिका

6

न्यायपालिका

7

संघवाद

8

स्थानीय स्वशासन

9

संविधान एक जीवंत दस्तावेज

10

संविधान का राजनीतिक दर्शन

राजनीतिक सिद्धांत

1

राजनीतिक सिद्धांत : एक परिचय

2

स्वतंत्रता

3

समानता

4

सामाजिक न्याय

5

अधिकार

6

नागरिकता

7

राष्ट्रवाद

8

धर्मनिरपेक्षता

JAC वार्षिक परीक्षा, 2023 प्रश्नोत्तर

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