Class 11 Political Science 7. संघवाद

Class 11 Political Science 7. संघवाद

 Class 11 Political Science 7. संघवाद

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

राजनीति विज्ञान (Political Science)

7. संघवाद 

स्मरणीय तथ्य

संघवाद सरकार का वह रूप है, जिसमें शक्ति का विभाजन केंद्र सरकार और राज्य सरकार अथवा क्षेत्रीय सरकारों के मध्य होती है।

डेनियल जे इलाजारा के अनुसार "संघीय व्यवस्था ऐसा तंत्र बनाती है जो विभिन्न व्यवस्थाओं को एक सर्वोपरि राजनीतिक व्यवस्था से जोड़ती है ताकि प्रत्येक अपने मौलिक राजनीतिक अखंडता को बनाए रख सके।"

ए.वी. डायसी के अनुसार" संघ शासन अपनी इकाइयों का विलय नहीं; बल्कि संघ की कामना करती है।"

डॉ बी आर अंबेडकर का कथन है कि" मैं नहीं जानता कि कनाडा के संविधान में यूनियन शब्द का प्रयोग क्यों किया गया है? लेकिन मैं आपको यह बता सकता हूं कि प्रारूप समिति ने इसका प्रयोग क्यों किया? भारत एक संघ है जिसकी कोई इकाई उसे छोड़ नहीं सकती। संघ अनाशवान है।

भारत को 'विविधता में एकता' के रूप में परिभाषित किया है। कभी-कभार इसे विविधताओं के साथ एकता की संज्ञा भी दी जाती है।

संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जो दो प्रकार की राजनीतिक व्यवस्थाओं को समाहित करती है एक प्रांतीय स्तर की, दूसरी केंद्रीय स्तर की ।

कुछ संघीय देश में दोहरी नागरिकता की व्यवस्था होती है पर भारत में एकल नागरिकता है।

हम में से कोई गुजराती या झारखंडी होने के साथ-साथ भारतीय भी होता है।

संघीय शासन व्यवस्था में संविधान सर्वोच्च होती है और संविधान ही दोनों सरकारों की शक्तियों का केंद्र होती है।

केंद्र और राज्य के मध्य विवादों के निपटारा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका होती है।

भारतीय संविधान द्वारा अंगीकृत संघीय व्यवस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि केंद्र और राज्यों के बीच संबंध सहयोग पर आधारित होगा। इस प्रकार विविधता को मान्यता देने के साथ ही संविधान एकता पर बल देता है।

भारत के संविधान में फेडरेशन शब्द का नहीं बल्कि यूनियन शब्द का प्रयोग किया गया है, हालांकि हिंदी में दोनों शब्दों के लिए एक ही शब्द संघ का प्रयोग किया गया है।

केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन तीन सूचियां संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची में किया गया है। साथ ही साथ अवशिष्ट शक्तियां केंद्र को प्रदान की गई है।

संविधान के अनुच्छेद तीन के अनुसार संसद किसी राज्य में से उसका राज्य क्षेत्र अलग करके अथवा दो या दो से अधिक राज्यों को मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकती है।

केंद्र के पास आय के अनेक संसाधन है और राज्य अनुदान एवं वित्तीय सहायता के लिए केंद्र पर आश्रित है।

अनुच्छेद 257(1)-"प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा जिससे संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में कोई बाधा न हो या उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।"

संघ की कार्यपालिका शक्ति का का विस्तार किसी राज्य को ऐसे निर्देश देने तक होगा जो भारत सरकार को इस प्रयोजन के लिए आवश्यक प्रतीत हो।

संविधान के अनुच्छेद 33 व 34 संघ सरकार की शक्ति को उस स्थिति में काफी बढ़ा देता है, जब देश के किसी क्षेत्र में मार्शल लॉ लागू हो।

इसी के अंतर्गत 'सशस्त्र बल विशिष्ट शक्ति अधिनियम' का निर्माण किया गया, इससे कभी-कभी जनता और सशस्त्र बलों में आपसी तनाव भी हुआ है।

1990 के दशक में कांग्रेस का वर्चस्व समाप्त और केंद्रीय राजनीति में गठबंधन की राजनीति ने प्रवेश किया। इससे राज्यों का राजनीतिक कद वढा । विविधताओं का आदर हुआ और एक मंजे हुए संघवाद की शुरुआत हुई।

राज्यपाल की भूमिका केंद्र-राज्यों के बीच हमेशा विवाद का कारण रहा है।

चुकी राज्यपाल की नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा की जाती है। अतः राज्यपाल के फैसलों को राज्य सरकार हमेशा राज्य में केंद्र का हस्तक्षेप मानती है।

केंद्र राज्य संबंध पर 1983 ई. में 'सरकारिया आयोग' का गठन किया गया, जिसने अपने रिपोर्ट में बताया कि राज्यपालों की नियुक्ति अनिवार्य तथा निष्पक्ष होकर की जानी चाहिए।

राज्य में अनुच्छेद 356 के तहत लागू की जाने वाली राष्ट्रपति शासन के कारण भी राज्यपाल की भूमिका संदेहास्पद हो जाती है।

राज्य में राष्ट्रपति शासन को अधिकतम 3 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।

राज्यपाल को राज्य विधानसभा को बर्खास्त करने तथा राज्य विधान सभा को निलंबित अथवा विघटित करने की शक्ति है।

1953 ईस्वी में राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की गई, जिसमें भाषा के आधार पर राज्यों के गठन की सिफारिश की गई ।

दो या दो से अधिक राज्यों के बीच आपसी विवाद को अंतर्राज्यीय विवाद के अंतर्गत रखी जाती है। इसका सर्वोत्तम समाधान केवल विचार विमर्श है।

अंतर राज्य विवादों में दो विवाद प्रमुख है 1. सीमा विवाद 2. जल बंटवारे को लेकर विवाद।

अनुच्छेद 370 के द्वारा जम्मू एंड कश्मीर को विशिष्ट स्थिति प्रदान की गई, लेकिन 5 अगस्त 2019 ई. को अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू एवं कश्मीर को दो संघ शासित क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर में विभाजित कर दिया गया।

बहुविकल्पीय प्रश्न

 

1. विश्व में सर्वप्रथम किस देश में संघात्मक शासन की स्थापना हुई?

a संयुक्त राज्य अमेरिका

b भारत

c. सोवियत संघ

d कनाडा

2. संविधान के प्रावधान के अनुसार भारत को क्या कहा गया है?

a इकाइयों का परिसंघ होगा।

b संघ शासित क्षेत्र का संघ होगा ।

c राज्यों का संघ होगा।

d राज्य एवं संघ शासित क्षेत्र का संघ होगा।

3. संघ सूची में कुल कितने विषय दिए गए हैं?

a 100

b 97

c 66

d 47

4. भारत की संघीय व्यवस्था में अवशिष्ट शक्तियां किसके पास है?

a सर्वोच्च न्यायालय

b विधानसभा

c राष्ट्रपति

d संसद

5. भारतीय संघीय व्यवस्था सहकारी संघवाद का उदाहरण है क्योंकि

a राज्यों की स्वायत्तता सीमित है

b यहां केंद्र शक्तिशाली है

c केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन है

d केंद्र व राज्यों के बीच समन्वय बनाए रखने हेतु अनेक व्यवस्थाएं की गई है।

6. समवर्ती सूची में कितने विषयों का उल्लेख है?

a 66

b 52

c 97

d 100

7. विश्व में कौन सा देश 'साथ आकर संघ बनाने' की पद्धति पर गठित है

a संयुक्त राज्य अमेरिका

b ऑस्ट्रेलिया

c स्वीटजरलैंड

d उपर्युक्त सभी

8. केंद्र शासित प्रदेशों पर कौन सा शासन करता है?

a संघ सरकार

b राज्य सरकार

c सामुदायिक सरकार

d उपर्युक्त में से कोई नहीं

9. विश्व के कितने देश में संघवाद है?

a 20

b 30

c 40

d 25

10. विश्व के किन देशों में एकात्मक सरकार पाई जाती है

a इंग्लैंड

b. जापान

c चीन

d उपर्युक्त सभी

11. राज्य सूची में कितने विषय हैं।

a 61

b 97

c 100

d 101

12. भारतीय संविधान में कितनी भाषाओं को आठवीं अनुसूची में रखा गया है।

a 15

b 18

c 22

d 25

13. राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट किस वर्ष लागू की गई थी?

a 1953 ई.

b 1956 ई.

c 1958 ई.

d 1960 ई.

14. निम्न में से किन सूचियों की चर्चा भारत के संविधान में है

a संघ सूची

b राज्य सूची

c समवर्ती सूची

d उपर्युक्त सभी

15. किसने कहा कि हम संविधान में संघ का नहीं बल्कि यूनियन शब्द का प्रयोग किया है?

a डॉ भीमराव अंबेडकर

b जवाहरलाल नेहरू

c राजेंद्र प्रसाद

d सरदार पटेल

16. सरकारिया आयोग संबंधित है

a राज्य से

b केंद्र से

c केंद्र राज्य संबंध से

d उपयुक्त में से कोई नहीं

17. शिक्षा किस सूची के अंतर्गत आता है?

a राज्य सूची

b समवर्ती सूची

c संघ सूची

d उपर्युक्त में से कोई नहीं

18. किसने कहा कि भारतीय संविधान अर्ध संघात्मक है?

a डीडी बसु

b ए वी पायली

c आईवर जेनिंग्स

d के सी व्हीलर

19. स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रकुल में कितने राज्य सम्मिलित हैं?

a 13

b 15

c 10

d 12

20. किस राज्य से पृथक होकर 2000 ईस्वी में झारखंड राज्य बना?

a मध्य प्रदेश

b उत्तर प्रदेश

c बिहार

d पश्चिम बंगाल

21. अवशिष्ट विषयों पर विधि निर्माण का अधिकार किसे है?

a राज्य

b संघ

c संघ और राज्य दोनों

d इनमें से कोई नहीं

22. पंचायती राज विषय है

a समवर्ती सूची

b संघ सूची

c राज्य सूची

d विशेष अधिकार सूची

23. भूमि सुधार किस सूची के अंतर्गत आते हैं?

a संघ सूची

b समवर्ती सूची

c राज्य सूची

d इनमें से कोई नहीं

24. केंद्र राज्य संबंध में विवाद का एक कारण रहा है?

a राष्ट्रपति का पद

b प्रधानमंत्री का पद

c राज्यपाल का पद

d मुख्यमंत्री का पद

25. रेलवे भारत के संविधान के किस सूची के अंतर्गत आता है?

a समवर्ती सूची

b केंद्रीय सूची (संघ सूची)

c राज्य सूची

d विशिष्ट सूची

26. भारत में संघ केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासन होता है

a राष्ट्रपति द्वारा

b मंत्री परिषद द्वारा

c गृह मंत्री द्वारा

d प्रशासक द्वारा

27. भारत में निर्वाचन आयोग को किस सूची में रखा गया है?

a राज्य सूची

b संघ सूची

c समवर्ती सूची नहीं

d उपर्युक्त में से कोई

28. क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना भारत में कब की गई?

a 1955

b 1956

c 1957

d 1958

29. वित्त आयोग का वर्णन किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया?

a अनुच्छेद 273

b अनुच्छेद 275

c अनुच्छेद 280

d अनुच्छेद 282

30. नीति आयोग का गठन कब किया गया?

a 1 जनवरी 2015

b 1 जनवरी 2014

c 1 जनवरी 2016

d 1 जनवरी 2017

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. संघीय शासन की मूल विशेषता क्या है?

उत्तर- केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन ।

2. संविधान के सातवीं अनुसूची में कितने सूचियों की चर्चा की गई है?

उत्तर- तीन सूची: संघ सूची राज्य सूची और समवर्ती सूची।

3. केंद्र और राज्य के बीच संवैधानिक विवादों का निपटारा कौन करता है?

उत्तर- उच्चतम न्यायालय

4. सन 2000 ईस्वी में किस राज्य से अलग होकर झारखंड राज्य बना था?

उत्तर- बिहार

5. सरकारिया आयोग किससे संबंध है?

उत्तर- केंद्र राज्य संबंध से, राज्यपाल की भूमिका।

6. भारतीय संविधान के अनुसार अवशिष्ट शक्तियां किसे प्रदान किया गया है?

उत्तर- संघीय सरकार को

7. वर्तमान समय में शिक्षा को किस सूची में रखा गया है?

उत्तर- समवर्ती सूची में।

8. संघीय संसद राज्य सूची के विषय पर कब कानून बना सकती है?

उत्तर- जब राज्यसभा दो तिहाई बहुमत से इस हेतु प्रस्ताव पारित करें।

9. भारतीय संघ में कितने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं?

उत्तर- 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश।

10. भारतीय संघ अविनाशी है का क्या अर्थ है?

उत्तर- भारत राज्यों का संघ है, सभी राज्यों को स्वायत्त प्राप्त है परंतु कोई राज्य संघ से अलग नहीं हो सकता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. बहुत से प्रदेश राज्यपाल की भूमिका को लेकर नाखुश क्यों है?

उत्तर- परिसंघीय ढांचा को मजबूत करने हेतु राज्यपाल के नियुक्ति का अधिकार केंद्र को प्रदान किया गया है। केंद्र का निष्ठावान प्रतिनिधि होने के कारण राज्यपाल अपने विवेक अनुसार कार्य करता है। उसकी भूमिका की आलोचना तब होती है जब केंद्र और राज्य में भिन्न-भिन्न दलों की सरकारें होती है। ऐसे में राज्यों को लगता है कि केंद्र सरकार राज्यपाल के माध्यम से उसकी स्वायत्तता पर आघात कर रही है।

2. उत्तर भारत के प्रदेशों राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के अधिकांश लोग हिंदी बोलते हैं यदि इन सभी प्रातों को मिलाकर एक प्रदेश बना दिया जाए तो क्या ऐसा करना संघवाद के विचार से संगत होगा? तर्क दीजिए।

उत्तर- उत्तर भारत के हिंदी भाषी राज्यों को मिलाकर एक राज्य बना दिया जाए तो भाषाओं और सांस्कृतिक दृष्टि से वे एक राज्य बन जाएंगे, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से यह असुविधाजनक होगी वर्तमान में भारत में नए राज्यों के गठन प्रशासनिक आधार पर ही किया जाता है। इसलिए बिहार से अलग करके झारखंड को नया राज्य बनाया गया है।

3. अवशिष्ट शक्तियों से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- ऐसी शक्तियां जिसका उल्लेख संविधान के किसी सूची में नहीं किया गया है, उसे अवशिष्ट शक्तियां कहते हैं। परिसंघ को मजबूत बनाने की दृष्टिकोण से भारत में अवशिष्ट शक्तिया संघ में निहित है।

4. क्षेत्रीय परिषद से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में क्षेत्रीय परिषदों की व्यवस्था की थी। इसका मूल उद्देश्य राज्य राज्य तथा राज्य-केंद्र के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों का पूर्व ही समाधान कर लेना। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री करते हैं। वर्तमान में भारत में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद से संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री उसके सदस्य होते हैं। यह सहयोगी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है।

5. संघवाद के किन्हीं तीन कमियों का उल्लेख करें?

उत्तर- संघवाद की कमियां निम्नलिखित है।

केंद्र की सरकार का अधिक शक्तिशाली होना।

संसद को अधिक अधिकार प्राप्त होना।

संविधान संशोधन का अधिकार संसद को प्राप्त होना।

धन एवं वित्त संबंधित अधिकार केंद्र को प्राप्त होना।

केंद्र द्वारा राज्य के मामले में अनावश्यक हस्तक्षेप करना।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है लेकिन आत्मा में एकात्मक है।

उत्तर- भारतीय संविधान में संघात्मक स्वरूप के निम्न विशेषताएं पाई जाती है।

1. संविधान की सर्वोच्चताः संघात्मक शासन व्यवस्था में केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारों को शक्तियां संविधान से प्राप्त होती है। दोनों संविधान द्वारा निर्धारित शक्तियों का ही प्रयोग करते हैं। कोई एक दूसरे के क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करते हैं। उनकी शक्तियों के निर्धारण के लिए तीन सूचियों का निर्माण किया गया है। संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।

2. लिखित एवं कठोर संविधानः भारत का संविधान लिखित एवं कठोर दोनों स्वरूप को धारण करता है।

3. सर्वोच्च न्यायालयः संघात्मक शासन में केंद्र एवं राज्यों के मध्य उत्पन्न विवाद के समाधान हेतु एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था की गई है जो विवादों के समाधान के साथ-साथ संविधान का सर्वोच्च रक्षक है।

एकात्मक स्वरूप की विशेषताएं:-

1. शक्तिशाली केंद्र: केंद्र और राज्यों के मध्य शक्तियों की विभाजन के बावजूद केंद्र को अधिक शक्तिशाली बनाया गया है। संघ सूची के अंतर्गत वित्त, रक्षा, अंतरर्राष्ट्रीय संबंध जैसे महत्वपूर्ण विषय केंद्र के अधीन दिए गए हैं। वहीं समवर्ती सूची में भी केंद्रीय कानून को प्राथमिकता प्रदान की गई है साथ ही साथ राज्य के विषयों पर भी कानून बनाने का अधिकार केंद्र को दिया गया है।

2. एकल न्याय व्यवस्थाः समस्त देश के लिए एकल न्याय व्यवस्था की स्थापना की गई जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय की अधिकारिता में संपूर्ण भारतीय क्षेत्र आते हैं। संपूर्ण देश के लिए एक विधि है।

3. एकल नागरिकताः भारतीय संविधान में एकल नागरिकता की व्यवस्था की गई है सभी नागरिक भारतीय संघ के नागरिक माने जाते हैं।

4. राष्ट्रपति द्वारा राज्यपालों की नियुक्तिः- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं तथा वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद पर बने रहते हैं।

5. संकट काल में एकात्मक स्वरूपः संकट काल में राष्ट्रपति देश का शासन अपने हाथ में ले लेते हैं। उस समय राज्य की अपनी स्वतंत्र स्थिति समाप्त हो जाती है और इस समय स्वरूप एकात्मक हो R जाता है।

2. भारतीय संघवाद के समक्ष उपस्थित चुनौतियों का वर्णन करें।

उत्तर- संघीय व्यवस्था भारतीय संविधान की महत्वपूर्ण विशेषता रही है। जिसमें केंद्रीय और प्रांतीय सरकारों को समान समझा जाता है फिर भी संघीय व्यवस्था के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां उभरी है :-

1. भारतीय संघीय प्रणाली के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रवाद की समस्या है। स्वतंत्रता के पश्चात भारत के कई क्षेत्रों में क्षेत्रवाद की समस्या उभरी है। जैसे महाराष्ट्र में विदर्भ, पश्चिम बंगाल में गोरखालैंड पूर्वोत्तर राज्यों आदि।

2. सातवीं अनुसूची के तहत जो शक्तियों का बंटवारा केंद्र और राज्यों के मध्य किया गया है उसमें शक्तियों का झुकाव केंद्र की तरफ अधिक देखा गया जिससे राज्य को अपनी स्वायत्ता में हस्तक्षेप की चिंता बनी रहती है।

3. अनुच्छेद 356 का प्रयोग भी राज्यों के लिए एक चिंता का विषय बना है। हाल की घटनाक्रमों में यह देखा गया है कि केंद्र अनुकूल राज्य सरकार नहीं रहने पर वह इसका वे वजह इस्तेमाल करते हैं।

4. कभी-कभी भाषाई विविधता के कारण भी संघीय व्यवस्था पर कुठाराघात होता है। खासकर के हिंदी और गैर हिंदी भाषी छात्रों को लेकर।

5. हाल ही में कुछ राज्यों के बीच सीमा विवाद एवं जल बंटवारा विवाद काफी अधिक गहरा गया है जिसका प्रभाव संघवाद पर नकारात्मक रूप से पड़ता है।

3. राज्यपाल- राज्य विवाद एवं राष्ट्रपति शासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें

उत्तर-

संविधान के अनुच्छेद 153 के तहत प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपॉल का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 155 के तहत राष्ट्रपति के द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है।

संविधान के अनुच्छेद 356 इसे राष्ट्रपति शासन के रूप में जाना जाता है। इसका प्रयोग राष्ट्रपति ऐसे राज्यों में करते हैं जहां संवैधानिक तंत्र असफल हो गया है।

प्रारंभ में इसका उद्देश्य और असाधारण परिस्थितियों में प्रयोग था, लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा राजनीतिक उद्देश्य के लिए इसका दुरुपयोग किया गया।

अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को राज्य सरकार की कार्यपालिका और विधायिका संबंधी अधिकार वापस राष्ट्रपति को लेने का अधिकार देती है, जब राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर रहा हो।

यदि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है तो राष्ट्रपति राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर या स्वतः संज्ञान लेकर अनुच्छेद 356 को लागू कर सकता है ।

राज्यपाल की परिकल्पना एक गैर राजनीतिक व्यक्ति के रूप में की गई है, जिसे मंत्रिमंडल की सलाह से कार्य करना चाहिए लेकिन उसके विवेकाधिकार की शक्तियों से केंद्र राज्य के मध्य विवाद उत्पन्न हो जाता है जैसे-

राज्य विधान मंडल द्वारा पारित किसी विधेयक को स्वीकृति देना या रोकना या आरक्षित करना।

किसी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए आवश्यकता से अधिक समय प्रदान करना अथवा किसी दल को कम समय प्रदान करना ।

विधानसभा चुनाव के बाद किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर सबसे पहले किसी पार्टी विशेष को आमंत्रित करने पर।

वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति बन रही है।


JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अध्याय सं.

अध्याय का नाम

भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार

1

संविधान क्यों और कैसे?

2

भारतीय संविधान में अधिकार

3

चुनाव और प्रतिनिधित्व

4

कार्यपालिका

5

विधायिका

6

न्यायपालिका

7

संघवाद

8

स्थानीय स्वशासन

9

संविधान एक जीवंत दस्तावेज

10

संविधान का राजनीतिक दर्शन

राजनीतिक सिद्धांत

1

राजनीतिक सिद्धांत : एक परिचय

2

स्वतंत्रता

3

समानता

4

सामाजिक न्याय

5

अधिकार

6

नागरिकता

7

राष्ट्रवाद

8

धर्मनिरपेक्षता

JAC वार्षिक परीक्षा, 2023 प्रश्नोत्तर

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