प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
राजनीति विज्ञान (Political Science)
8. धर्मनिरपेक्षता
स्मरणीय तथ्य
☞ धर्मनिरपेक्षता एक विचारधारा है जो धर्म के विपरीत जीवन
व आचरण का सिद्धांत प्रस्तुत करती है यह कथन ई.एस. वाटरहाउस का है।
☞ आधुनिक युग में धर्मनिरपेक्षवाद का आगमन हुआ, यूरोप में
नवजागरण तथा धर्मसुधार आंदोलन ने इस दिशा में निर्णायक भूमिका निभाई।
☞ इटली में मैकियावली तथा जर्मनी में मार्टिन लूथर ने खुलकर
कड़े शब्दों में पोपशाही की निंदा की।
☞ धर्मनिरपेक्षता का मानववाद तथा विज्ञानवाद दोनों से घनिष्ठ
संबंध है।
☞ भारतीय संविधान के अनुच्छेद हमारे राज्य को अमेरिका से
भी ज्यादा धर्मनिरपेक्ष बना देते हैं यह कथन दुर्गादास बसु जी का है।
☞ मार्क्स ने धर्म को लोगों की अफीम कहा।
☞ सन 1984 ई. में दिल्ली और देश की बाकी हिस्सों में दंगे
हुए जिसमें 2700 से ज्यादा सिख मारे गए। 2002 ई. में गुजरात में गुजरात दंगे हुए।
☞ धर्मनिरपेक्षता को सर्वप्रथम और सर्वप्रमुख रूप से ऐसा
सिद्धांत समझना चाहिए जो अंतर- धार्मिक वर्चस्व का विरोध करता है।
☞ धर्मनिरपेक्षता धर्म को राजनीति से पृथक करता है राज्य
का कोई धर्म नहीं होगा।
☞ धर्मनिरपेक्षता प्रगति का मार्ग खोलती हैं, जिन देशों ने
धर्मनिरपेक्ष को अपनाया उन्होंने प्रगति की, लेकिन धर्म सापेक्ष राज्य अभी भी अपनी
पुरानी रूढ़ियों में फंसी है तथा वह आतंकवाद का सहारा लेकर दूसरे देश के लिए संकट उत्पन्न
करती हैं।
☞ धर्मनिरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल मुख्यतः अमेरिकी मॉडल द्वारा
प्रेरित है।
☞ 20वीं सदी मैं तुर्की धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना।
☞ मुस्तफा कलाम पाशा ने अपना नाम बदलकर कमाल अतातुर्क कर
लिया।
☞ अतातुर्क का शाब्दिक अर्थ होता है तुर्कों का पिता।
☞ अतातुर्क ने हैट कानून के जरिए मुसलमानों द्वारा पहने
जाने वाली परंपरागत फैज टोपी पर
प्रतिबंध लगा दिया।
☞ अतातुर्क ने तुर्की पंचांग की जगह पश्चिमी पंचांग लाया।
☞ मुस्तफा कलाम पाशा को आधुनिक तुर्की का निर्माता कहा जाता
है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. सेक्युलरिज्म का हिंदी पर्याय है?
a. धर्माता
b. धर्मनिरपेक्षता
c. धार्मिक
d. धर्म
2. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्षता
शब्द किस वर्ष जोड़ा गया ?
a 1976 ई.
b 1949 ई.
c 1956 ई.
d. 1978 ई
3. किसने कहा था कि धर्म का नशा अफीम के समान
है?
a मैक्यावली
b. हाब्स
c. कार्ल मार्क्स
d. प्रोथो
4. किस संविधान संशोधन के द्वारा भारतीय संविधान
की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया था?
a. 61वां
b. 42वां
c. 50वां
d. 40वां
5. धर्मनिरपेक्षता का अभिप्राय है?
a. राज्य का अपना धर्म हो
b. किसी धर्म को विशेष मान्यता होने के कारण और धर्म वालों
के साथ भेदभाव
c.
राजकीय शिक्षण संस्थानों में धार्मिक
शिक्षा अनिवार्य हो
d. सर्व धर्म समभाव का सूत्र लागू हो।
6. भारत में बहुसंख्यक धर्म है?
a. ईसाई धर्म
b. हिंदू धर्म
c. इस्लाम धर्म
d. बौद्ध धर्म
7. धार्मिक स्वतंत्रता के अनुसार कौन सा धर्म
अपना सकते हैं?
a. हिंदू
b. मुस्लिम
c.
अपने पसंद के धर्म
d. बौद्ध
8. संविधान के अनुसार धर्म परिवर्तन कैसे किया
जा सकता है?
a. इच्छा के अनुसार
b. भय से
c. लालच से
d. इनमें से कोई नहीं
9. मैं अपने धर्म की आस्था करता हूं, मैं इसके
लिए मर गया हूं, यह मेरा निजी मामला है यह कथन किसका है?
a. कार्ल मार्क्स
b. जवाहरलाल नेहरू
c. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
d. महात्मा गांधी
10. यहूदी बहुमत में है?
a. आयरलैंड में
b. भारत में
c. इजराइल में
d. जापान में
11. संवैधानिक उपचारों का अधिकार दिया गया था?
a. डॉ भीमराव अंबेडकर
b.
सुभाष चंद्र बोस
c.
महात्मा गांधी
d.
पंडित जवाहरलाल नेहरू
12. निम्नलिखित में कौन सा एक मूल अधिकार है?
a.
संपत्ति का अधिकार
b. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
c.
काम करने का अधिकार
d.
इनमें से सभी
13. भारतीय संविधान द्वारा भारत को कैसा राज्य घोषित किया गया है?
a
धर्म विरोधी
b.
धर्म सापेक्ष
c. धर्मनिरपेक्ष
d.
कट्टरवादी
14. किस महाद्वीप में यहूदियों को अत्याचार और भेदभाव झेलना पड़ा?
a. यूरोप
b.
अफ्रीका
c.
एशिया
d.
अमेरिका
15. इजराइल राष्ट्र की स्थापना किस संप्रदाय के द्वारा की गई?
a.
मुस्लिम
b.
ईसाई
c. यहूदी
d.
हिंद
16. पाकिस्तान है?
a
पंथनिरपेक्ष राष्ट्र
b.
धर्मनिरपेक्षराष्ट्र
c. मुस्लिम राष्ट्र
d.
ईसाई राष्ट्र
17. दिल्ली में बड़े पैमाने पर सिखों की हत्या कब की गई थी?
a. 1984 ई.
b.
1985 ई.
c.
1986 ई.
d.
1987ई.
18. गुजरात में गोधरा कांड कब हुआ था?
a.
2021 ई.
b. 2002 ई.
c.
2003 ई.
d.
2004ई.
19. किसने धर्म विहीन राजनीति को दिशाहीन माना है?
a.
पटेल
b.
नेहरू
c. गांधी
d.
लोहिया
20. किस अनुच्छेद में व्यक्तियों को धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने,
आचरण करने और प्रचार करने का समान अधिकार
होगा?
a.
अनुच्छेद 14
b.
अनुच्छेद 15
c.
अनुच्छेद 24
d. अनुच्छेद 25
21. तुर्की के किस राष्ट्रपति ने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया?
a. मुस्तफा कलाम पाशा
b.
रजब तैयब
c.
ईदू एरडोगन
d.
कलाई दरलू
22. अतातुर्क का अर्थ होता है?
a. तुर्कों का पिता
b.
तुर्कों का मसीहा
c.
तुर्कों का शासक
d.
तुर्कों का प्रमुख
23. संयुक्त राज्य अमेरिका किस प्रकार का देश है?
a.
धार्मिक
b. धर्मनिरपेक्ष
c.
कट्टरवाद
d.
इनमें से कोई नहीं
24. तुर्की धर्मनिरपेक्ष देश कब बना ?
a. 20वीं सदी में
b.
21वीं सदी में
c.
22 वीं सदीमें
d.
25वीं सदी में
25. तुर्की में गणतंत्र की स्थापना किसने किया था?
a.
उमर अहमद
b. मुस्तफा कमाल पाशा
c.
करनाल नासिर
d.
अहमद टिक
26. किसने कहा था धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्म को राज्य द्वारा
संरक्षण प्रदान करना है?
a. जवाहरलाल नेहरू
b.
सरदार वल्लभभाई पटेल
c.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी
d.
महात्मा गांधी
27. भारतीय धर्मनिरपेक्षता के दार्शनिक कौन थे?
a. नेहरू जी
b.
पटेल जी
c.
चंद्रशेखर आजाद
d.
सुभाष चंद्र बोस
28. गणतंत्र तुर्की का पहला राष्ट्रपति कौन था?
a.
अल जवाहिरी
b.
अल नासिर
c.
अल हिलाल
d. मुस्तफा कलाम पाशा
29. पहली बार धर्मनिरपेक्षता शब्द का प्रयोग किसने किया था?
a. जॉर्ज जेकब हांलीयाक
b.
जेम्स मिल
c.
अरस्तु
d.
हॉकिंस
30. जॉर्ज जेकब हांलीयाक ने धर्मनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग कब किया था?
a. 1846 ई.
b.
1850 ई.
c.
1855 ई.
d.
1860 ई.
31. वेस्टफेलिया सम्मेलन कब हुआ था?
a. 1648
b.
1650
c.
1652
d.
1658
32. धर्मनिरपेक्षवाद का किससे तालमेल स्थापित नहीं किया जा सकता?
a.
विज्ञानवाद
b.
प्रगतिवाद
c.
मानववाद
d. कठोर परम्परावाद
33. किसने धर्मनिरपेक्ष का समर्थन किया?
a.
मैक्यावली
b.
हाब्स
c.
लॉक
d. इनमें से सभी
34. कौन सा राज्य पहले एक धर्म सापेक्ष राज्य था किंतु अब एक धर्मनिरपेक्ष
राज हो गया है?
a. नेपाल
b.
भूटान
c.
बांग्लादेश
d.
पाकिस्तान
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. धर्मनिरपेक्षता किस प्रकार की अवधारणा है?
उत्तर- धर्मनिरपेक्षता मूल रूप से लोकतांत्रिक अवधारणा है
2. भारत में धर्मनिरपेक्ष अपनाने के क्या कारण
है?
उत्तर- विभिन्न भाषा, जाति, धर्म के लोगों में समानता, एकता
बनाए रखने के लिए।
3. धर्म में राज्य की सैद्धांतिक दुरी से आप
क्या समझते हैं?
उत्तर- राज्य का अपना कोई धर्म नहीं।
4. भारतीय संविधान में अनुच्छेद 25 से 28 तक
किसके लिए बनाया गया है?
उत्तर- धार्मिक अधिकार।
5. कश्मीरी पंडितों को कौन से राज्य से निकाला
गया?
उत्तर- जम्मू कश्मीर ।
6. धर्मनिरपेक्षता का क्या अर्थ है?
उत्तर- विभिन्न धर्मो के बीच बिना भेदभाव के समान अवसर प्रदान
करना।
7. अंतःकरण की स्वतंत्रता का क्या अभिप्राय
है?
उत्तर- व्यक्ति को अपनी इच्छा अनुसार किसी धर्म का पालन करने
का अधिकार होना चाहिए। अगर वह चाहे तो स्वेच्छा से अपना धर्म बदल सकता है।
8. पोपशाही का विरोध इटली और जर्मनी में किसने
किया था?
उत्तर- इटली में मैक्यावली और जर्मनी में मार्टिन लूथर ने
खुलकर पोपशाही का विरोध किया।
9. फ्रांस के प्रोधो ने किसका समर्थन किया
था?
उत्तर- फ्रांस के प्रोधो ने नास्तिकवाद का समर्थन किया था।
10. भगवान की खातिर हिंसा से बचो और यदि कोई
भगवान नहीं है तो भी अभी कोई भगवान रचो यह कथन किनका है?
उत्तर- वॉल्टेयर
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- धर्म निरपेक्षता से आशय है कि राज्य का कोई धर्म नहीं
होगा। राज्य की दृष्टि में सभी धर्म समान होंगे । नागरिकों को अपनी आस्था के अनुसार किसी भी धर्म को मानने
उपासना करने, चंदा देने, पालन करने व प्रचार प्रसार करने का अधिकार प्राप्त होगा तथा
राज्य सभी धर्म को स्वतंत्रता प्रदान करेगी ।
2. धर्मनिरपेक्ष राज्य और धर्मसापेक्ष राज्य
में क्या अंतर है?
उत्तर- धर्मनिरपेक्ष राज्य सभी धर्मों का सामान आदर करती
है। और राज्य का कोई धर्म नहीं होता है। सभी लोगों को अंतकरण की स्वतंत्रता होती है।
धर्म के आधार पर लोगों में भेदभाव नहीं किए जाते हैं।
इसके विपरीत धर्म सापेक्ष राज्य में राज्य किसी धर्म को राजधर्म
घोषित करता है और वहां का शासन किसी विशेष धर्म के अनुसार संचालित होता है तथा धर्म
के आधार पर लोगों में भेदभाव किए जाते हैं। राज्य की ओर से अन्य धर्म के लोगों को राज्य
की और से प्रदत सुविधा नहीं प्रदान किए जाते हैं।
3. कमाल अतातुर्क के क्या विचार थे?
उत्तर- कमल अतातुर्क प्रथम विश्व युद्ध के बाद सत्ता में
आए। वे तुर्की के सार्वजनिक जीवन में खिलाफत को समाप्त कर देने के लिए कटिबंध थे। उन्होंने
तुर्की को आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाने के लिए आक्रामक ढंग से कदम उठाए। उन्होंने
खुद अपना नाम मुस्तफा कमाल पाशा से बदलकर कमाल अतातुर्क कर लिया। तुर्की में हैट कानून
को प्रतिबंधित कर दिया गया। स्त्रियों और पुरुषों के लिए पश्चिमी पोशाक को पहनने के
लिए बढ़ावा दिया गया साथ ही तुर्की पंचांग की जगह पश्चिमी पंचांग लाया गया और तुर्की
को धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाया ।
4. भारत
में धर्म के बीच विभेद विवाद से जुड़े उदाहरण को लिखें?
उत्तर- भारत में धर्म के बीच विभेद विवाद के तीन उदाहरण इस
प्रकार हैं।
1. 1984 के सिख दंगों में दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों
में लगभग 2700 से ज्यादा सिख मारे गए। पीड़ितों के परिवार जनों का मानना है कि दोषियों
को आज तक सजा नहीं मिली।
2. हजारों कश्मीर पंडितों को घाटी से अपना घर छोड़ने के लिए
विवश किया गया। वे दशकों बाद भी अपने घर नहीं लौट सके।
3. 2002 में गुजरात में गोधरा दंगों के पश्चात लगभग 1000
से अधिक लोग मुख्यतः मुसलमान मारे गए। इन परिवारों के जीवित बचे हुए बहत से सदस्य अपने
गांव वापस नहीं जा सकें जहां से उन्हें उजाड़ दिए गए थे।
5. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। विवेचना
करें?
उत्तर-
1. राज्य का कोई धर्म नहीं-संविधान के अनुसार भारत का कोई
राष्ट्रीय धर्म नहीं होगा।
2. धार्मिक आधार पर भेदभाव की समाप्ति-भारतीय संविधान के
अनुसार धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होंगे।
3.
कानून के समझ समता अनुच्छेद 14 के अनुसार सभी व्यक्ति कानून के समक्ष समान होंगे। चाहे
वह किसी धर्म जाति अथवा लिंग के हो।
4.
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान
किया गया है।
5.
धार्मिक संस्थाओं की स्थापना और धर्म प्रचार की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।
6.
धार्मिक शिक्षा का निषेध-अनुच्छेद 28 के अनुसार सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी प्रकार
की धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।
7.
धार्मिक कार्यों के लिए किए गए खर्च कर मुक्त होंगे।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. धर्मनिरपेक्षता की यूरोपीय मॉडल की व्याख्या करें?
उत्तर-
धर्मनिरपेक्ष राज्य न तो धर्मतांत्रिक होते हैं और न किसी धर्म की स्थापना करते हैं।
यह सर्वाधिक प्रचलित संकल्पना है जो अमेरिका मॉडल द्वारा प्रेषित है। धर्म और राज्यसत्ता
के संबंध विच्छेद परस्परिक निषेध के रूप में समझा जाता है। राज्यसत्ता धर्म के मामलों
में हस्तक्षेप नहीं करेगी और इसी प्रकार धर्म राज्यसत्ता के मामलों में दखल नहीं देगा।
दोनों के अपने अलग- अलग क्षेत्र और सीमाएं हैं। राजसत्ता की कोई नीति पूर्णत धार्मिक
तर्क के आधार पर निर्धारित नहीं हो सकती। कोई धार्मिक वर्गीकरण किसी सार्वजनिक नीति
की बुनियाद नहीं बन सकता। अगर ऐसा हुआ तो वह राज्यसत्ता के मामले में धर्म की अवैध
घुसपैठ मानी जाएगी।
उसी
प्रकार, राज्य किसी धार्मिक संस्था को मदद नहीं देगा। वह धार्मिक समुदायों द्वारा संचालित
शैक्षणिक संस्थाओं को वित्तीय सहयोग नहीं दे सकता। जब तक धार्मिक समुदाय की गतिविधियां
देश के कानून द्वारा निर्मित व्यापक सीमा के अंदर है, वह इन गतिविधियों में व्यवधान
नहीं पैदा कर सकता।
यह
संकल्पना स्वतंत्रता और समानता की व्यक्तिगत ढंग से व्याख्या करती है। स्वतंत्रता का
मतलब है व्यक्तियों की स्वतंत्रता। समानता का अर्थ है व्यक्तियों के बीच समानता। इसमें
यह गुंजाइश नहीं है कि किसी समुदाय को अपनी पसंद का ऑचरण करने की स्वतंत्रता रहे। समुदाय
आधारित अधिकारों अथवा अल्पसंख्यक अधिकारों की कोई गुंजाइश नहीं है। इस तरह की धर्मनिरपेक्षता
में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार के लिए कोई जगह नहीं है।
2. आधुनिक समय में धर्मनिरपेक्ष राज्य की आवश्यकता क्या है?
उत्तर-
आधुनिक समय में धर्मनिरपेक्ष राज्य को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। जबकि धर्म
सापेक्ष राज्य को पिछड़े व अविकसित रूप में देखा जाता है। आधुनिक समय में धर्मनिरपेक्ष
राज्य का होना आवश्यक है इसके निम्न कारण है
(1)
धर्म सापेक्ष राज्य प्रगति नहीं कर सकता इसमें कट्टर पंथियों का बोलबाला होता है। जो
पुरानी व्यवस्थाओं को बनाए रखना चाहते हैं। धर्मगुरुओं का शासन में हस्तक्षेप बना रहता
है जबकि धर्मनिरपेक्ष राज्य में धर्म गुरुओं को राज्य के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप
करने का अधिकार नहीं होता है
(2)
धर्मांधता लोगों के मस्तिक को संकीर्ण करती है जिससे सांप्रदायिक भावनाएं पैदा होती
है जो दंगे को बढ़ाती है जिसे लोगों की जीवन व संपत्ति को नुकसान पहुंचती है।
(3)
धर्मनिरपेक्षता विज्ञानवाद व मानववाद से संबंधित होता है। यह पुरानी व्यवस्था परंपराएं
छोड़कर अपनी शक्ति का सकारात्मक और रचनात्मक प्रयोग के लिए प्रेरित करता है।
(4)
धर्मनिरपेक्षता अंध व आक्रमक राष्ट्रवाद को हटाकर उसकी जगह उदारवादी राष्ट्रवाद से
तालमेल बिठाकर अंतरराष्ट्रीयवाद के निकट पहुंच जाता है।
(5)
इस्लामिक कट्टरवाद आतंकवादी आंदोलन को पोषण देता है यह तत्व गोलियां चलाते हैं, बम
फोड़ते हैं। रूसी संघ के चैचन्या व दागेसतान में तथा भारत में जम्मू कश्मीर व गुजरात
में निर्दोष लोगों की हत्याएं होती है।
3. धर्मनिरपेक्षता की भारतीय मॉडल की व्याख्या करें?
उत्तर-
भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से बुनियादी रूप से भिन्न है। भारतीय
धर्मनिरपेक्षता केवल धर्म और राज्य के बीच संबंध विच्छेद पर बल नहीं देती बल्कि अंतर
धार्मिक भारतीय संकल्पना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है
(1)
भारतीय धर्मनिरपेक्षता हमें समुदाय के अंदर समानता पर बल देने की ओर अग्रसर करती है।
हमारे समाज में मौजूद श्रेणीबद्धता को हटाने के लिए अंतर सामुदायिक समानता पर बल देती
है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता ने अंतः धार्मिक और अंतर धार्मिक वर्चस्व पर एक साथ ध्यान
केंद्रित किया है। इसमें हिंदुओं के अंदर दलित और महिलाओं को उत्पीड़न और भारतीय मुसलमान
अथवा ईसाइयों के अंदर महिलाओं के प्रति भेदभाव, बहुसंख्यक समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक
धार्मिक समुदायों के अधिकारों पर उत्पन्न किया जा सकने वाले खतरों का सम्मान रूप से
विरोध करती है।
(2)
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का संबंध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी से नहीं, अल्पसंख्यक समुदाय
की धार्मिक आजादी से भी है। इसके अंतर्गत हर आदमी को अपनी पसंद का धर्म मानने का अधिकार
है। उसी प्रकार धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी अपनी खुद की संस्कृति और शैक्षणिक संस्थाएं
कायम करने का अधिकार है।
(3) भारतीय धर्मनिरपेक्षता मे राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की गुंजाइश होती है इसलिए भारतीय संविधान ने अस्पृश्यता पर प्रतिबंध लगाया है भारतीय राज्य ने बाल विवाह के उन्मूलन और अंतरजातीय विवाह पर हिंदुओं के द्वारा निषेध को खत्म करने हेतु अनेक कानून बनाए हैं।
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार | |
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9 | |
10 | |
राजनीतिक सिद्धांत | |
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3 | |
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6 | |
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