प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
राजनीति विज्ञान (Political Science)
1. राजनीतिक सिद्धांत : एक परिचय
स्मरणीय तथ्य
☞ राजनीति दो शब्दों का एक समूह है राजनीति । राजनीति का अर्थ
है समय और स्थान पर कार्य करना अर्थात नीति विशेष के द्वारा शासन करना या विशेष उद्देश्य
को प्राप्त करना।
☞ दूसरे शब्दों में कहा गया है कि जनता के सामाजिक एवं आर्थिक
जीवन स्तर को ऊंचा करना राजनीति है।
☞ सरल शब्दों में कहें तो राजनीति शासन करने की कला और सरकार
के क्रियाकलाप को ठीक से सीखना है।
☞ राजनीतिक सिद्धांत का मुख्य विषय राज्य एवं सरकार है। यह
स्वतंत्रता, समानता, न्याय व लोकतंत्र का अर्थ स्पष्ट करता है।
☞ राजनीतिक सिद्धांत में हम जीवन के विभिन्न सिद्धांतों का
अध्ययन करते हैं जैसे जीवन, सरकार और संविधान, सामाजिक स्वतंत्रता, न्याय, लोकतंत्र,
पंथनिरपेक्ष आदि।
☞ राजनीतिक सिद्धांतों को व्यवहार में लाना चाहिए।
☞ राजनीति का स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता रहता है, आजादी और
असमानता जैसे राजनीतिक सिद्धांतों को व्यवहार में लाना बहुत मुश्किल है।
☞ राजनीति से संबंधित सिद्धांत क्यों पढ़ना चाहिए।
a. भविष्य में आने वाली चुनौतियों के समय में एक निर्णय लेने
वाला नागरिक बनने के लिए।
b. राजनीतिक रूप से स्वतंत्र जागृति के लिए एक अधिकार दस्तावेज
एवं प्रमाणित नागरिक बनने के लिए।
c. समाज से पूर्वाग्रहों को समाप्त करने एवं एकता को जोड़ने
के लिए।
d. वाद-विवाद, तर्क-वितर्क, लाभ-हानि का सौदा करने के बाद
सही निर्णय लेने की कला सीखने के लिए हमें राजनीतिक सिद्धांत पढ़ना चाहिए।
e. शासन व्यवस्था की जानकारी के लिए।
f. लोकतंत्र की उपयोगिता का ज्ञान।
g. अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए।
☞ राजनीति विज्ञान और राजनीति दो अलग-अलग तथ्य है। राजनीति
विज्ञान का जन्म राजनीति से पूर्व हुआ है, यह अभिनय पर आधारित है जबकि राजनीति अवसर
और सुविधा पर आधारित है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. 'रिपब्लिक' नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
a. अरस्तू
b. प्लेटो
c. मैकियावली
d. हॉब्स
2. प्लेटो के गुरु कौन थे?
a. अरस्तू
b. बॉन्डन
c. मैकियावली
d. सुकरात
3. 'पॉलिटिक्स' नामक पुस्तक का लेखक कौन है?
a. अरस्तू
b. प्लेटो
c. लास्की
d. लासवेल
4. किसने कहा की 'राजनीति सर्वश्रेष्ठ विज्ञान
है'?
a. लॉक
b. अरस्तू
c. प्लेटो
d. हॉब्स
5. किसे 'नई राजनीति' का पिता कहा गया?
a. मैकियावाली
b. अरस्तू
c. प्लेटो
d. रुसो
6. राजनीति शब्द का अर्थ क्या होता है?
a. सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष
b. राजा की नीतियां
c. जनता की नीतियां
d. इनमें से कोई नहीं
7. हिंद स्वराज पुस्तक किसने लिखी?
a. महात्मा गांधी
b. जवाहरलाल नेहरू
c. जयप्रकाश नारायण
d. डॉ अंबेडकर
8. सर्वप्रथम किस देश में संघात्मक शासन की
स्थापना हुई?
a. भारत
b. संयुक्त राज्य अमेरिका
c. सोवियत संघ
d. कनाडा
9. अरस्तु ने मनुष्य को स्वभाव से कैसा प्राणी
बताया है?
a. नश्वर
b. राजनीतिक
c. धार्मिक
d. सामाजिक
10. निम्न में से किसने राजनीति को शक्ति का
विज्ञान कहा है?
a. लॉक
b. मिल
c. कैटलिन
d. रॉबसन
11. आधुनिक काल में सर्वप्रथम यह किसने सिद्ध किया की स्वतंत्रता मानव
मात्र का मौलिक अधिकार है ?
a. रूसो
b.
अरस्तु
c.
गांधी
d.
जवाहरलाल नेहरू
12. "पावर इज ए पॉलिटिकल कांसेप्ट" किसकी रचना है?
a. मुसोलिनी
b.
मैक्सवेबर
c.
हीगल
d.
इनमें से कोई नहीं
13. किसने कहा राज्य एक प्राकृतिक संस्था है?
a. अरस्तु
b.
प्लेटो
c.
सुकरात
d.
हीगल
14. किसके अनुसार" इतिहास जड़ है, राजनीति फल है "-
a.
ईस्टन ने
b.
गार्नर ने
c. सील ने
d.
मार्क्स ने
15. हॉब्स को किस रूप में जाना जाता है?
a.
राजनेता
b.
संगीतज्ञ
c. राजनीतिक दार्शनिक
d.
सिपाही
16. राजनीति सिद्धांत के कार्य हैं।
a.
वर्णन या व्याख्या
b.
समालोचना
c.
पुनः निर्माण
d. उपयुक्त सभी
17. सेबाइन ने अपनी पुस्तक A History of political theory 1937 में
कहा है कि एक अच्छी राजनीतिक सिद्धांत
में तीन तत्व शामिल होती हैं वे हैं-
a.
राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक
b. तथ्यात्मकता, मुल्यात्मकता, कारणात्मकता
c.
तथ्य, मूल्य, निर्णय
d.
वर्णन, समालोचन, पुनः निर्माण
18 . राजनीतिक सिद्धांत के दो प्रमुख अंग हैं-
a. राजनीतिक दर्शन तथा राजनीतिक विज्ञान
b.
राजनीतिक दर्शन तथा सामाजिक विज्ञान
c.
राजनीतिक दर्शन तथा आर्थिक विज्ञान
d.
उपयुक्त सभी
19. राजनीति विज्ञान के जनक कौन हैं?
a. अरस्तू
b.
मैकियावाली
c.
चाणक्य
d.
मार्क्स
20. जिस प्रकार से संपत्ति शास्त्र में संपत्ति का, जीव शास्त्र में
जीव का, विधिशास्त्र में विधि का अध्ययन किया
जाता है उसी प्रकार से राजनीति शास्त्र में सरकार का अध्ययन किया जाता है यह कथन किसका
है ?
a.
लीकॉक
b. सीले
c.
गेटले
d.
जेम्स
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. 'राजनीति' का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर- राजनीति शब्द की उत्पति ग्रीक शब्द पोलिस से हुई है,
जिस का शब्दिक अर्थ नगर राज्य होता है।
2. राजनीतिक सिद्धांत क्या है?
उत्तर- राजनीतिक सिद्धांत उन विचारों और नीतियों के व्यवस्थित
रूप को प्रदर्शित करता है जिससे हमारे सामाजिक जीवन सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण
किया है।
3. गांधी जी की पुस्तक 'हिन्द स्वराज' में
किस विषय पर प्रकाश डाला गया हैं?
उत्तर- स्वराज के अर्थ की विवेचना पर ।
4. राजनीतिक विज्ञान व राजनीति में कोई एक
अन्तर लिखें?
उत्तर- राजनीतिक विज्ञान निश्चित आदर्शों पर आधारित है जबकि
राजनीति स्वार्थ व अवसरवादिता पर आधारित है।
5. राजनीतिक सिद्धांत के किन्हीं दो क्षेत्रों
को लिखें।
उत्तर-
(i) राज्य और सरकार का अध्ययन।
(ii) शक्ति और राजनीतिक विचारधराओं का अध्ययन।
6. किन्हीं चार राजनैतिक विद्वानों के नाम
लिखिए।
उत्तर- अरस्तु, प्लेटो, रुसो, कौटिल्य, कार्ल मार्क्स, एवं
डॉ. अम्बेडकर।
7. अंग्रेजी में इण्टरनेट का उपयोग करने वालों
को कहा जाता है।
उत्तर- नेटिजन ।
8. मनुष्य किन मामलों में अन्य प्राणियों से
अद्वितीय होता है?
उत्तर- मनुष्य दो मामलों में अद्वितीय है-प्रथम उसके पास
विवेक होता है, दूसरा उसके पास भाषा का प्रयोग और एक-दूसरे से संवाद करने की क्षमता
होती है।
9. राजनीति विज्ञान के प्रकृति के बारे में
कोई दो विचारों को लिखें।
उत्तर- राजनीति विज्ञान की प्रकृति के बारे में दो विचार
निम्नलिखित है।
a. बिलोबी का विचार है कि राजनीति विज्ञान का बनना ना तो
संभव है और नहीं ही वांछनीय।
b. इसके विपरीत अनेक विद्वानों का विचार है कि
राजनीति विज्ञान भी अन्य सामाजिक
विज्ञानों की भांति एक विज्ञान है।
10. सत्ता क्या है?
उत्तर- सत्ता वह विशेषता है जिससे उसका धारक अन्य लोगों को
लाभान्वित, उत्पीड़ित या दंडित करके उनसे वही काम कर सकता है जो अन्यथा नहीं हो सकता
था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. राजनीतिक विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र बताइए।
उत्तर- राजनीति विज्ञान राज्य शासन व सत्ता का अध्ययन करता
है। यह अध्ययन बहुत व्यापक है क्योंकि इस विषय के छात्र को यह देखनौ पड़ता है कि राज्य
अतीत में कैसा रहा है? वर्तमान में कैसा है? तथा भविष्य में उसे कैसा होना चाहिए? या
यह कैसा हो सकेगा ? इस विषय में वे सभी समूह व संगठन भी समाहित हो जाते हैं जो सत्ता
के संघर्ष में संयुक्त होते हैं इसके अतिरिक्त इसमें मानव व्यवहार राजनीतिक घटनाओं
अंतरराष्ट्रीय राजनीति एवं नवीन अवधारणाओं का भी अध्ययन किया जाता है।
2. वर्तमान युग में राजनीतिक सिद्धांत के दो
प्रमुख लक्षणों को लिखें।
उत्तर- वर्तमान युग में राजनीतिक सिद्धांत के दो प्रमुख लक्षण
निम्नलिखित है।
a. राजनीतिक सिद्धांत में मानवपरकवाद और तथ्यपरकवाद दोनों
शामिल होते हैं।
b. राजनैतिक विषयों का अध्ययन व्यापक रूप से होता है। इसमें
हम जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हैं जैसे सामाजिक जीवन सरकार और संविधान
स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष आदि।
3. राजनीतिक सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य क्या
है?
उत्तर- राजनीतिक सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को
राजनीतिक प्रश्नों के बारे में तर्कसंगत रूप में सोचने और हमारे समय के राजनीतिक घटनाओं
का सही आकलन करने के लिए प्रशिक्षित करना है। गणित के विपरीत जहां त्रिभुज या वर्ग
के निश्चित परिभाषा होती है वहीं राजनीतिक सिद्धांत में समानता, आजादी या न्याय की
अनेक परिभाषाएं होती हैं।
4. राजनीति की गांधीवादी सिद्धांत के प्रमुख
विशेषताएं और लक्षण लिखें।
उत्तर- गांधी जी एक महान विचारक और सिद्धांतवादी के रूप में
न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व में जाने जाते हैं। उनके सिद्धांतों का औचित्य पहले
की अपेक्षा आज अधिक है। गांधी जी ने अनेक सामाजिक बुराइयों, जातिवाद, संप्रदायवाद और
अस्पृश्यता के खोखलेपन की व्याख्या की है। अपने उपागम में वे मार्क्स के अधिक नजदीक
देखे जा सकते हैं। गांधी जी राज्य को एक मशीनी संस्था के रूप में देखते थे। इसलिए वे
राज्य को हटाने की बात करते थे। गांधी जी का दर्शन सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित
है। इसी का प्रयोग कर गांधी जी ने भारत को आजाद कराया।
5. राजनीतिक सिद्धांत क्यों पढ़ना चाहिए विस्तार
पूर्वक लिखें।
उत्तर- राजनीतिक सिद्धांत निम्नलिखित कारणों से पढ़ना चाहिए।
a. भविष्य में आने वाली समस्याओं के समय एक दृढ़ निर्णय लेने
वाला नागरिक बनने के लिए ।
b.
एक अधिकार संपन्न एवं जागरूक नागरिक बनने के लिए ।
c.
राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए समाज से पूर्वाग्रहों को समाप्त करने के लिए।
d.
वाद विवाद, तर्क वितर्क, लाभ हानि का आकलन करने के बाद सही निर्णय लेने की कला सीखने
के लिए।
e.
शासन व्यवस्था की जानकारी के लिए लोकतंत्र की उपयोगिता का ज्ञान प्राप्त करने के लिए
अधिकार एवं कर्तव्यों को समझने के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति व सहयोग को बढ़ावा देने
के लिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए नागरिकों का परामर्श आवश्यक है। विस्तारपूर्वक
चर्चा करें।
उत्तर-
लोकतंत्र को लोगों की सरकार कहा जाता है। यह कहा जाता है कि सरकार की लोकतंत्रीय प्रणाली
में वास्तविक शक्ति जनता के पास होती है। यह एक अत्यधिक उत्तरदायी और उत्तरदायित्व
पूर्ण सरकार होती है। यह विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न स्तरों पर बातचीत और वाद- विवाद
पर आधारित होती है। लोकतंत्र का उद्देश्य जनता हेतु महत्वपूर्ण मूल्यों जैसे- समानता,
न्याय, स्वतंत्रता इत्यादि को प्राप्त करना होता है। लोकतंत्र में लोगों का महत्व दिया
जाता है और समाज के विभिन्न वर्गों के मध्य भाईचारा भी स्थापित करना होता है।
लोकतंत्र
की सफलता के लिए कुछ पूर्व आवश्यकताएँ जरूरी हैं जिनमें सतर्क नागरिक होना अति आवश्यक
है। यदि नागरिक अपने अधिकारों के प्रति और कर्तव्यों के प्रति चैतन्य नहीं हैं। यदि
वे यह नहीं जानता है कि सरकार क्या करने जा रही है और सरकार की नीति क्या है? यदि वे
प्रशासन और विधान पर प्रतिरोध या रुकावट नहीं डालते, वे घमंडी हो जाएंगे और अपनी स्थिति
और अधिकारों का दुरुपयोग करेंगे। ऐसी स्थिति में स्वतंत्रता और अधिकार प्रभावित होंगे
और प्रजातंत्र के सम्मान में भी गिरावट आयगी। इसीलिए लोगों को विभिन्न स्तरों पर जातीय
वाद विवाद और भाषण के आधार पर स्वस्थ जनमत बनाना चाहिए। इसके लिए लोगों में निम्नलिखित
गुण होना चाहिए -
a.
उनमें उच्च स्तर की साक्षरता होनी चाहिए।
b.
लोगों में आर्थिक और सामाजिक समानता होनी चाहिए।
c.
लोगों में पर्याप्त रोजगार होना चाहिए।
d.
लोगों को जाति, भाषा और धर्म के ऊपर उठना चाहिए जिससे लोगों में भाई-चारे का दृष्टिकोण
विकसित हो। यदि समाज में योग्यता का अभाव होगा तो प्रजातंत्र केवल एक भीड़ के रूप में
होगा और सरकार पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं कायम हो पायगा।
e.
चैतन्य नागरिक का तात्पर्य उत्तरदायी और जागरूक नागरिक से है जो सरकार के कार्यों में
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकता है।
2. राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन हमारे लिए किन रूपों में उपयोगी है?
ऐसे चार तरीकों की पहचान करें जिनमें राजनीतिक
सिद्धांत हमारे लिए उपयोगी हो।
उत्तर-
प्रत्येक विषय का अपना सिद्धांत होता है। वस्तुतः कोई विषय भी विषय सिद्धांतों के बगैर
हो ही नहीं सकता। जब एक परिकल्पना तथ्यों से समर्थित होती है, तो यह सिद्धांत बन जाता
है। सिद्धांत एक सामान्यीकरण है जो सम्पूर्ण स्थिति की व्याख्या करता है। यह एक तथ्यात्मक
कथन है। यदि विज्ञान (शारीरिक विज्ञान) है या सामाजिक विज्ञान, सभी विषयों के सिद्धांत
होते हैं। हमने डार्विन सिद्धांत, न्यूटन नियम और आर्किमिडीज के सिद्धांत के विषय में
सुना है। ये सभी सिद्धांत नये नियमों, सिद्धांतों और कानूनों के प्रेरणा-स्रोत हैं।
उसी
प्रकार सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, नागरिक प्रशासन
आदि के सभी शाखाओं में सिद्धांतों की उपयोग की बात है उसे निम्नलिखित उपयोगी बिन्दुओं
में स्पष्ट किया जा सकता है-
a.
राजनीतिक सिद्धांत समाज को राजनीतिक दिशा प्रदान करता है।
b.
राजनीतिक सिद्धांत सामान्यीकरण, साधन और अवधारणा प्रदान करता है जो समाज में प्रभावी
प्रवृत्तियों को समझने में सहायता करता है।
c.
राजनीतिक सिद्धांत आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा का कार्य करता है।
d.
राजनीतिक सिद्धांत समाज को बदलता है। राजनीतिक सिद्धांत समाज को गतिशील और आंदोलनकारी
बनाता है।
e.
ये सिद्धांत समाज में सुधार लाते हैं।
f.
राजनीतिक सिद्धांत राजनीतिक विचार और संस्थाओं के मौलिक ज्ञान को प्राप्त करने में
सहायता करते हैं जो समाज को एक विशेष आकार देते हैं जिसमें हम रहते हैं।
g.
राजनीतिक सिद्धांत समाज को निरंतर बनाये रखते हैं।
3. क्या एक अच्छा या प्रभावपूर्ण तर्क औरों को आपकी बात सुनने के लिए
बाध्य कर सकता है?
उत्तर- सिद्धांत तथ्यों और हेतुवाद (Rationalism) को बताता है। सिद्धांत तार्किक वाद-विवाद और भाषण पर आधारित होता है। सिद्धांत व्यक्ति के उचित सामर्थ्य और मानव व्यवहार में निहित होता है। यह बहुत हद तक सही है कि अतार्किक कथन दूसरों के लिए अनुसरण योग्य नहीं होते। यह केवल तार्किक और विवेकी तर्क ही हैं जो दूसरों के लिए अनुसरण योग्य होते हैं। राजनीतिक सिद्धांत उन प्रश्नों का परीक्षण करता है जो समाज से सम्बन्धित और व्यवस्थित होते हैं। ये विचार मूल्यों के विषय में होते हैं जो राजनैतिक जीवन और मूल्यों को वैसे और महत्व और सम्बन्धित संकल्पना की व्याख्या करते हैं। ऊँचे स्तर पर यह उन वर्तमान संस्थाओं को देखता है जो पर्याप्त है और वे किस प्रकार अस्तित्व में हैं। वह नीति कार्यान्वयन को भी देखता है ताकि वे लोकतांत्रिक और सही रूप में परिवर्तित हो । राजनीतिक सिद्धांत का उद्देश्य नागरिकों को राजनीतिक प्रश्नों और राजनीतिक घटनाओं का मूल्यांकन करने में विवेकयुक्त विचार करने में प्रशिक्षित करता है।
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार | |
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राजनीतिक सिद्धांत | |
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