12th Hindi Elective घनानंद JCERT/JAC Reference Book

12th Hindi Elective घनानंद JCERT/JAC Reference Book
12th Hindi Elective घनानंद JCERT/JAC Reference Book
11. घनानंद जीवन-परिचय - (सन् 1673-1760) I. अनुमान से इनका जन्मकाल सन् 1673 के आसपास है। इनके जन्मस्थान और जनक के नाम अज्ञात हैं। ॥. आरंभिक जीवन दिल्ली तथा उत्तर जीवन वृंदावन में बीता। साहित्य और संगीत दोनों में इनकी असाधारण गति थी। III. रीतिकाल के रीतिमुक्त या स्वच्छंद काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि घनानंद दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह के मीर मुंशी थे। IV. कहते हैं कि सुजान नाम की एक स्त्री से उनका अटूट प्रेम था। उसी के प्रेम के कारण घनानंद बादशाह के दरबार में बे-अदबी कर बैठे, जिससे नाराज़ होकर बादशाह ने उन्हें दरबार से निकाल दिया। साथ ही घनानंद को सुजान की बेवफ़ाई ने भी निराश और दुखी किया। वे वृंदावन चले गए और निंबार्क संप्रदाय में दीक्षित होकर भक्त के रूप में जीवन - निर्वाह करने लगे। परंतु वे सुजान को भूल नहीं पाए और अपनी रचनाओं में सुजान के नाम का प्रतीकात्मक प्रयोग करते हुए काव्य-रचना करते रहे। साहित्यिक- परिचय I. घनानंद मूलतः प्रेम की पीड़ा के कवि हैं। वियोग वर्णन में उनका मन अधिक रमा है। उनकी रचनाओं में प्रेम का अत्यंत गंभीर, निर्मल आवेगमय, और व्याकुल कर देने वाला उदात्त रूप व्यक्त हुआ है, इस…