Class-9-ECO-Palampur-Gaon-(पालमपुर गांव की कहानी)

Class 9 ECO Chapter-1 Palampur Gaon (पालमपुर गांव की कहानी)

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1. पालमपुर गांव में मुख्य क्रियाकलाप क्या था?
(1)  डेयरी
(2)  कृषि
(3)  लघु स्तरीय विनिर्माण
(4)  परिवहन

2. पालमपुर गांव में कितने लोग कृषि कार्यों में लगे हुए थे?
(1)  50%
(2)  60%
(3)  70%
(4)  75%

3.  पालमपुर गांव में परिवारों की कुल संख्या कितनी थी?
(1)  450
(2)  350
(3)  250
(4)  150

4.  पालमपुर गांव में भूमि स्थिर क्यों है?
(1)  1960 के बाद अब कोई बंजर भूमि नहीं बची
(2)  खेती करने वालों की संख्या कम हो गई है
(3)  परिवहन के क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि हुई
(4)  पशुपालन के क्षेत्र में वृद्धि हुई

5. बहुविध फसल प्रणाली क्या है?
(1)  एक वर्ष में एक से अधिक फसल उगाना
(2)  एक वर्ष में एक फसल उगाना
(3)  6 माह में एक फसल उगाना
(4)  6 माह में तीन फसल उगाना

6. आधुनिक कृषि विधि क्या है?
(1)  एक वर्ष में एक से अधिक फसल उगाना
(2)  HYV बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि के प्रयोग से अधिक उपज प्राप्त करना
(3)  6 माह में तीन फसल उगाना फसल उगाना
(4)  इनमें से कोई नहीं

7. सविता को ऋण किससे मिला?
(1)  डाला से
(2)  तेजपाल सिंह से
(3)  किशोर से
(4)  मिश्रीलाल से

1. भारत में जनगणना के दौरान 10 वर्ष में एक बार प्रत्येक गांव का सर्वेक्षण किया जाता है। पालमपुर से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका को भरिए:
(क) अवस्थी क्षेत्र
(ख) गांव का कुल क्षेत्र
(ग) भूमि का उपयोग हेक्टेयर में

कृषि भूमि

भूमि जो कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है ( निवास स्थानों, सड़कों, तालाबों, चरागाहों आदि के क्षेत्र

सिंचित

असिंचित

 

 

26 हेक्टेयर

(घ) सुविधाएं

शैक्षिक

 

चिकित्सा

 

बाजार

 

बिजली पूर्ति

 

संचार

 

निकटतम कस्बा

 

(क) उत्तर:- पालमपुर गांव एक छोटा गांव है। जो एक बड़े गांव रायगंज और एक छोटे कस्बे शाहपुर से जुड़ा हुआ है।

(ख) उत्तर:- पालमपुर गांव का कुल क्षेत्रफल 226 हेक्टेयर।

(ग) उत्तर:- पालमपुर गांव में 200 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाता है।

कृषि भूमि

भूमि जो कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है ( निवास स्थानों, सड़कों, तालाबों, चरागाहों आदि के क्षेत्र

सिंचित

असिंचित

200 हेक्टेयर

कोई नहीं

26 हेक्टेयर

(घ) उत्तर:- पालमपुर गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध थी। जैसे शिक्षा, चिकित्सा, बाजार, बिजली की आपूर्ति, संचार जैसे साधन उपलब्ध।

शैक्षिक

दो प्राथमिक एक उच्च विद्यालय

चिकित्सा

एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य तथा एक निजी अस्पताल

बाजार

केवल छोटे-छोटे जनरल स्टोर

बिजली पूर्ति

अधिकांश घरों में बिजली आपूर्ति

संचार

टेलीफोन मुख्य संचार साधन

निकटतम कस्बा

शाहपुर

2. खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसी अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है। क्या आप सहमत सहमत है?

उत्तर:- हाँ, हम सहमत हैं कि आधुनिक कृषि तकनीकी को अधिक साधनों की आवश्यकता होती है, जो उद्योगों में निर्मित किए जाते हैं। अधिकतर आधुनिक कृषि आगतों जैसे:- नलकूप, रसायनिक उर्वरक, कीटनाशक आदि का उत्पादन उद्योगों में किया जाता है। यह प्रदर्शित करता है कि कृषि एवं उद्योग एक दूसरे पर सामूहिक रूप से निर्भर करते हैं। दोनों एक दूसरे के सहायक एवं पूरक हैं। यदि एक में विकास होता है तो दूसरा उससे अधिक पीछे नहीं रह सकता।

3. पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस तरह मदद की?

उत्तर:- पालमपुर गांव में विकसित गांव की झलक दिखाता है। वहां बिजली के विस्तार ने किसानों को निम्नलिखित रूप से सहायता की है:-

(i) विद्युत बल्व, पंखे, प्रेस एवं मशीनों ने किसानों के घरेलू कार्यों में सहायता दी है।
(ii) सिंचाई के लिए नलकूपों एवं पंपिंग सेट को बिजली द्वारा चलाया जाता है।
(iii) कृषि उपकरण जैसे हार्वेस्टर, थ्रेसर, ट्रैक्टर आदि ने किसानों की सहायता की है।
(iv) बिजली का उपयोग गांव में प्रकाश के लिए भी किया गया।

4. क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है? क्यों?

उत्तर:- सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके महत्व के कारण निम्नलिखित हैं:-

(i) पौधों का जन्म, उनका विकास, फलना और फूलना मिट्टी, जल एवं हवा के कुशल सहयोग पर निर्भर करता है।
(ii) यदि सिंचाई की असुविधा के कारण जल प्राप्त नहीं होता तो फसल सूख जाएगी। यदि लगातार जल की कमी रहे तो अकाल का भय हो जाता है।
(iii)सिंचाई की सुविधा प्राप्त भूमि के टुकड़े में कृषि उत्पादन संचित भूमि के टुकड़े के उत्पादन से अधिक होता है।
(iv) कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सिंचित क्षेत्र में महत्वपूर्ण ही नहीं बल्कि आवश्यक है।

5. पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइए?

उत्तर:- पालमपुर गांव के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की सारणी इस प्रकार है:

परिवार

भूमि का वितरण

150

भूमिहीन (अधिकतर दलित वर्ग)

240

2 हेक्टेयर से कम भूमि के टुकड़े (छोटे किसान)

60

2 हेक्टेयर से अधिक भूमि के टुकड़े (मध्य मार्ग बड़े किसान)

6. पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है?

उत्तर:- पालमपुर में श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम होने के निम्नलिखित कारण है:-

(i) श्रमिकों की मजदूरी, लाचारी और बेरोजगारी उन्हें न्यूनतम से कम मजदूरी स्वीकार करने के लिए विवश करती है।
(ii) जमींदारों और बड़े किसानों द्वारा श्रमिकों का शोषण होता है।
(iii) आवश्यक मात्रा में रोजगार का उपलब्ध न होना। (iv) न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का ग्रामीण क्षेत्रों में लागू न किया जाना।

यही कारण है कि गरीब मजदूर को जो कुछ भी मजदूरी दी जाती है। उसे वह अपने भाग्य विधाता का वरदान समझकर स्वीकार कर लेता है। फलस्वरूप खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी दर कम है।

7. अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिए। खेतों में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मजदूरों में से किसी को चुनें। उन्हें कितनी मजदूरी मिलती है? क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु रूप में? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वह कर्ज में है?

उत्तर:- पालमपुर की बात करें तो खेतों में काम करने वाले श्रमिकों को लगभग ₹35 प्रतिदिन मजदूरी प्राप्त होती है। मजदूरी की राशि कुछ श्रमिकों को पूर्ण रूप से नकद दिया जाता है। तो कुछ को पूर्ण रूप से अनाज के रूप मजदुरी दिया जाता है। कुछ अन्य को दोनों पद्धतियों द्वारा अर्थात कुछ नकद और कुछ अनाज के रूप में मजदुरी प्रदान किया जाता है।

8. एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग कौन-से तरीके हैं? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए।

उत्तर:- पालमपुर गांव में भूमि के एक ही टुकड़े पर उत्पादन में वृद्धि के लिए निम्नलिखित दो तरीकों को अपनाया जाता है-

(i) बहुविधि फसल तकनीक का उपयोग:- एक ही भूमि के टुकड़े पर एक साल में एक से अधिक फसल उगाना बहूविधि फसल तकनीक कहलाता है। इस तकनीक से उत्पादन में वृद्धि होती है। जैसे- ज्वार-बाजार,और गेहूं के बाद आलू की फसल उगाई जाने लगी।

(ii) आधुनिक कृषि तकनीक का उपयोग:- HYV बीज, ट्रैक्टर, नलकूप, हार्वेस्टर, थ्रेसर, रसायनिक उर्वरक, कीटनाशक इत्यादि का उपयोग करके एक ही भूमि के टुकड़े पर अधिक उपज प्राप्त किया जाता है। उसे आधुनिक कृषि विधि कहा जाता है।

9. एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए।

उत्तर:- एक हेक्टेयर भूमि की मात्रा एक परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत कम है। इसीलिए उसके द्वारा अपने जीवन यापन के लिए के लिए किए गए कार्य का ब्यौरा निम्नलिखित हो सकता है:-

(i) खेतिहर मजदूर के रुप में बड़े किसानों और जमींदारों के पास कार्य कर सकता है।
(ii)अपने परिवार के सदस्यों को रोजगार के लिए शहरों में भेज सकता है।
(iii) गांव के धनी लोगों के पास नौकरी कर सकता है। (iv) गैर कृषि कार्यों जैसे पशु पालन, मछली पालन और मुर्गी पालन आदि का कार्य कर सकता है।

10. मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूंजी प्राप्त करते हैं? वह छोटे किसानों से कैसे भिन्न है?

उत्तर:- बड़े एवं मध्यम किसानों की पूंजी की आवश्यकता उनके द्वारा की गई कृषि क्रियाओं द्वारा उत्पन्न अधिशेष से प्राप्त होता है। वह वित्तीय रूप से सबल होते हैं। क्योंकि अधिशेष फसल को बेचकर वे पूंजी का निर्माण करते हैं। इसीलिए उनके लिए सरकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ऋण प्राप्त करना भी आसान होता है। शहरों में कार्य करने वाले उनके परिवार के सदस्य भी उनकी वित्तीय सहायता करते हैं। जबकि छोटे किसान बड़े किसानों एवं साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करते हैं। खराब मानसून के कारण फसल की उत्पादकता कम या नहीं होने पर वे ऋणग्रस्तता के चंगुल में फंस जाते हैं।

11. सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती?

उत्तर:- सविता निम्नलिखित दो शर्तों पर तेजपाल से ऋण प्राप्त करती है:-

(i) तेजपाल सविता को 24% ब्याज की दर से 4 महीने का कर्ज देता है जो ब्याज की बहुत ऊंची दर है।
(ii) सविता को यह भी वचन देना पड़ता है कि वह कटाई के मौसम में उसके खेतों में श्रमिक के रूप में 100 रू प्रतिदिन पर काम करेगी।

यदि सविता बैंक से कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करती तो उनकी स्थिति अच्छी होती। क्योंकि उसे तेजपाल के खेतों में कटाई का कार्य नहीं करना पड़ता। साथ ही ब्याज की ऊंची दर भी नहीं चुकानी पड़ती और अपने बच्चों की देखभाल तथा परिवार का कार्य भी सरलता से कर पाती।

12. अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखिए।

उत्तर:- अपने क्षेत्र के कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों से बात करने के पश्चात सिंचाई के साधनों में विकास की प्रक्रिया का ज्ञान हुआ जो इस प्रकार है :-

30 वर्षों के पुर्व सिंचाई साधनों के तरीके

(i) प्राचीन काल में सिंचाई के लिए कुओं का इस्तेमाल किया जाता था। कुएं से बैल के उपयोग से पानी खींचा जाता था।
(ii) सिंचाई के लिए पानी की प्राप्ति रहट द्वारा की जाती थी।
(iii) तालाब और नदी-नाले के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता था।

30 वर्षों से सिंचाई साधनों में बदलाव

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात डीजल पंप सेटों एवं बिजली के प्रसार के कारण सिंचाई की पद्धति में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं।

(i) डीजल और विद्युत चालित पंप सेटों से सिंचाई की व्यवस्था हुई।
(ii) नलकूपों का उपयोग पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए किया जाने लगा।
(iii) विशेष रूप से नदियों पर बांध बनाकर नहरें निकालकर सिंचाई की व्यवस्था का जाल बुना गया है।

13. आपके क्षेत्र में कौन से गैर कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं? इनकी एक संक्षिप्त सूची बनाएं।

उत्तर:- हमारे ग्रामीण क्षेत्र में किए जाने वाले गैर कृषि उत्पादन कार्य निम्नलिखित हैं:-

(i) पशुपालन, मुर्गी पालन और मछली पालन आदि।
(ii) परिवहन संबंधित कार्य अर्थात यातायात के लिए रिक्शा, तांगा, टैम्पो, बैटरी चालित टोटो, जीप, बस और ट्रक का उपयोग किया जाना।
(iii) कुछ शिक्षित लोगों द्वारा नर्सरी पाठशाला और प्राथमिक शिक्षा के लिए विद्यालय की स्थापना करना। (iv) गन्ने से गुड़ और चीनी तैयार किया जाना।
(v) खेतों में उत्पादित सब्जी फलों का शहरी बाजारों में बेचा जाना।
(vi) सामग्रियों को गांव से दूर एकत्र करके शहरों में आपूर्ति करना।
(vii) सिलाई, कढ़ाई, प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करना।
(viii) शिक्षित लोगों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण देना।
(ix) इट्टा भठ्ठा का कार्य करना

14. गांव में और अधिक गैर कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए क्या किया जाना चाहिए।

उत्तर:- गांव में और अधिक गैर कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:-

(i) परिवहन का विकास करके गांव और शहरों के बीच संकल्प और उत्तम सड़क बनवाकर गांव से कृषि का अतिरिक्त उत्पादन शहरों में भेजा जा सकता है।

(ii) इसी प्रकार शहरों में गांव के लिए आवश्यक वस्तुएँ मंगाई जा सकती हैं।
(iii) संचार के विकास द्वारा गांव को देश और विदेश से जोड़ा जा सकता है।
(iv) गांव में अच्छे पब्लिक स्कूल खोलकर गांव वालों की शिक्षा के स्तर को ऊंचा किया जा सकता है।
(v) सरकार द्वारा गांव में उद्योग-धंधे स्थापित किए जा सकते हैं।
(vi) ग्रामीण कल्याण योजनाएं विकसित की जा सकती हैं।
(vii) गांव में रोजगार के अवसर में वृद्धि करनी चाहिए।
(vii) गांव में बैंकिंग सुविधाओं का विकास करके किसानों को उचित ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाना चाहिए।

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