बहुलक अथवा 'मोड' शब्द एक फ्रेंच शब्द 'ला मोड' से निकला है जिसका अर्थ फैशन होता है। सांख्यिकी में जो चर एक श्रृंखला में सबसे अधिक बार आता है उसे बहुलक कहते हैं। केन्नी के अनुसार, " चर का वह मूल्य जो एक वितरण में अत्यधिक बार आता है, उसे बहुलक कहते हैं।" उदाहरण के लिए एक समस्या लेते है-
निम्नलिखित संख्याओं का बहुलक क्या है
2,4,10,1,3,4,6,4,1,6
यहां हम देखते है कि 1 की पुनरावृत्ति 2
बार, 2 की पुनरावृत्ति 1 बार, 3 की पुनरावृत्ति 1 बार, 4 की पुनरावृत्ति 3 बार, 6
की पुनरावृत्ति 2 बार, 10 की पुनरावृत्ति 1 बार हो रही है। क्योंकि इस समस्या मे
सर्वाधिक पुनरावृत्ति 4 की 3 बार हो रही है। अतः इन संख्याओं का बहुलक 4 है।
" कहने का तात्पर्य यह कि अंकों किसी
समूह में जिस अंक की सर्वधिक बार आवृति होती है, वही मूल्य उस समूह का बहुलक होता है।"
बहुलक की विशेषता
1. यह सबसे
अधिक बारम्बारता वाला पद होता है और
2. पहली विशेषता के होते हुए भी बहुलक मूल्य आस-पास के पदों से प्रभावित होता है। बहुलक की इसी विशेषता के कारण बारम्बारता का समूहन (Grouping) किया जाता है। सूत्र :-
Mode = `l_1+\frac{f_1-f_0}{2f_1-f_0-f_2}(l_2-l_1)`
यदि बहुलक वर्ग से पहले वाले वर्ग की आवृत्ति (f0 ) अथवा बाद वाले वर्ग की आवृत्ति (f2 ) बहुलक वर्ग की आवृत्ति (f1 ) से अधिक हो तो निम्नांकित सूत्र का प्रयोग करना चाहिए।
Mode = `l_1+\frac{f_2}{f_0+f_2}(l_2-l_1)`
l1 = बहुलक
वर्ग
की
निचली
सीमा
,
l2
= बहुलक वर्ग की ऊपरी सीमा
ƒ1= बहुलक वर्ग की आवृत्ति ,
ƒ0
= बहुलक
वर्ग
से
पूर्व
वर्ग
की
आवृत्ति
ƒ2 = बहुलक वर्ग के तुरन्त बाद के वर्ग की आवृत्ति
व्यक्तिगत श्रेणी
प्रश्न :- नीचे दी गयी संख्याओं में से इस समूह का बहुलक निकालिए :
4, 89, 65, 11, 54, 11, 90,
56
उत्तर :- जैसा कि आप जानते
हैं कि इस समूह का बहुलक निकालने के लिए हमें ऐसी संख्या ढूंढनी है जिसकी आवृति
सबसे ज्यादा हो रही है। ऐसी संख्या ढूंढना बहुत ही आसान है।
हम सीधे देख सकते हैं की इस समूह में 11 ऐसी संख्या है जिसकी सबसे ज्यादा आवृति हो रही है। अतः 11 इस समूह का बहुलक है।
प्रश्न :- X : 18,20,70,40,39,69,41,42,68
उत्तर :- इस श्रेणी में
कोई
संख्या
दोबारा
नहीं
है ऐसी स्थिति में सबसे
अधिक
संख्या
ही
(70) बहुलक होगा।
खण्डित श्रेणी
अंक |
100 |
200 |
400 |
800 |
700 |
600 |
बारम्बारता |
1 |
3 |
8 |
1 |
4 |
3 |
C.I |
0-10 |
10-20 |
20-30 |
30-40 |
40-50 |
50-60 |
60-70 |
ƒ |
5 |
12 |
18 |
28 |
15 |
9 |
7 |
l1 = 30, l2 = 40, ƒ1
= 28, ƒ2
= 15, ƒ0
= 18, Mode = ?
Mode = `l_1+\frac{f_1-f_0}{2f_1-f_0-f_2}(l_2-l_1)`
= 30+`\frac{28-18}{2(28)-18-15}(40-30)`
= `30+\frac{10}{56-33}(10)=30+\frac{100}{23}`
= 30+4.34 = 34.34
C.I |
0-5 |
5-10 |
10-15 |
15-20 |
20-25 |
25-30 |
ƒ |
6 |
1 |
2 |
4 |
5 |
3 |
l1 = 20, l2 = 25, Mode = ?
Mode = `l_1+\frac{f_1-f_0}{2f_1-f_0-f_2}(l_2-l_1)`
= 20+`\frac{5-4}{2(5)-4-3}(25-20)`
= `20+\frac{1}{10-7}(5)=20+\frac{5}{3}`
= 20 + 1.6 = 21.6
प्रश्न :- निम्नलिखित आंकड़ों का बहुलक ज्ञात करें
बहुलक के गुण
1. इसकी परिभाषा सरल है तथा कभी-कभी यह निरीक्षण
मात्र से ही पता चल जाता है।
2. इसके मूल्यों पर चरम पदों का प्रभाव नहीं पड़ता।
3. इसके निर्धारण के लिए आवश्यक नहीं है कि श्रेणी के
सभी पदों का मूल्य जाना जाए। अतः अपूर्ण सूचनाओं में भी इसे ज्ञात किया जा सकता है।
4. इसका निर्धारण
ग्राफ द्वारा भी किया जा सकता है जबकि माध्य का निर्धारण
ग्राफ द्वारा नहीं किया जा सकता है।
बहुलक के दोष
1. बहुलक अनिश्चित और अस्पष्ट माध्य है तथा इसकी परिभाषा सुनिश्चित नहीं है। आंकड़ों के वर्गीकरण में जिस तरह वर्गों का अंतराल लिया जाता है उससे यह काफी प्रभावित हो जाता है।
2. बहुलक श्रेणी के सभी अवलोकनों पर आधारित नहीं होता है।
3. इसका आगे गणितीय विवेचन संभव नहीं है।
4. कभी कभी ऐसा हो सकता है कि कोई बहुलक न हो या एक से अधिक बहुलक हो। ऐसी स्थिति में या तो आंकड़ों का कोई प्रतिनिधि नहीं हो सकता या एक से ज्यादा प्रतिनिधि हो सकते हैं।
5.मदों के तुलनात्मक महत्व को जानने में बहुलक सहायक नहीं होता।
इस प्रकार बहुलक एक अच्छा माध्य नहीं है। इसका उपयोग मुख्यतः तभी किया जाता है जब केंद्रीय प्रवृत्ति की जल्दी तथा लगभग माप की जरूरत हो।
माध्य , माध्यिका और बहुलक में संबंध
कार्ल पियर्सन के अनुसार माध्य,माध्यिका और बहुलक में निम्नलिखित संबंध पाया जाता है
बहुलक = 3 माध्यिका - 2 माध्य
प्रश्न :- बहुलक की गणना करें जब माध्यिका 40 और माध्य 28 है
उत्तर :-
बहुलक
= 3 माध्यिका - 2 माध्य
बहुलक = 3(40) - 2(28) = 120 - 56 = 64