राज्य
को अपने कर राजस्व से 23,265.42 करोड़ रुपये (तेईस हजार दो सौ पैंसठ करोड़ बयालिस लाख
रुपये) तथा गैर कर राजस्व से 13,500.00 करोड़ रुपये (तेरह हजार पाँच सौ करोड़ रुपये),
केन्द्रीय सहायता से 17,891.48 करोड़ रुपये (सत्रह हजार आठ सौ एकानवे करोड़ अड़तालीस
लाख रुपये), केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 22,050.10 करोड़ रुपये
( बाईस हजार पचास करोड़ दस लाख रुपये), लोक ऋण से 14,500.00 करोड़ रुपये (चौदह हजार
पाँच सौ करोड़ रुपये) एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से करीब 70.00 करोड़ रुपये (सत्तर
करोड़ रुपये) प्राप्त होने का अनुमान है।
आगामी
वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 10,210.87 करोड़ रुपये (दस हजार दो सौ दस करोड़
सतासी लाख रुपये) होने का अनुमान है, जो कि आगामी वित्तीय वर्ष के अनुमानित GSDP का
2.83 प्रतिशत हैं।
कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्र
कृषकों
के लिए राज्य सरकार द्वारा झारखंड कृषि ऋण माफी योजना लायी गई है। इस योजना का शुभारम्भ
दिनांक 01.02.2021 को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में जामताड़ा जिले से किया गया
है। झारखंड कृषि ऋण माफी योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1200.00 करोड़ रुपये
(बारह सौ करोड़ रुपये) का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त कुछ नई योजनाएँ
भी लाई गई हैं।
किसान समृद्धि योजना अन्तर्गत प्रत्येक जिला के
विभिन्न प्रखंडों में सोलर आधारित डीप बोरिंग करते हुए सिंचाई की सुविधा सामूहिक रूप
से उपलब्ध कराया जायेगा। इस हेतु आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में 45.83 करोड़ रुपये
(पैंतालीस करोड़ तिरासी लाख रुपये) का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है।
शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की खेती का
उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में घरों के आस-पास खाली पड़ी भूमि में गृह वाटिका विकसित
करते हुए शहर के निवासियों के लिए अत्यन्त कम लागत पर ताजी एवं स्वास्थ्यवर्द्धक सब्जियों
एवं फलों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य
में 5,000 पौष्टिक गृह वाटिका 2.00 करोड़ रुपये (दो करोड़ रुपये) की लागत पर विकसित
किये जायेगें। इस योजना के कार्यान्वयन के फलस्वरूप शहरी परिवारों के भोजन में पौष्टिकता
की वृद्धि होगी तथा प्रदूषण मुक्त एवं स्वच्छ वातावरण का विकास होगा।
चैंबर ऑफ फॉर्मस का गठन का उद्देश्य
कृषकों एवं व्यापारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना एवं मार्केट लिंकेज की
संभावना को बढ़ाना है।
पोस्ट हार्वेस्ट एवं प्रिर्जवेशन आधारभूत संरचना का विकास
योजना का उद्देश्य उद्यानिकी फसलों के कटाई के पश्चात् होने वाले नुकसान की रोकथाम
करना एवं फलों एवं सब्जियों की सेल्फलाईफ को बढ़ाते हुए ज्यादा समय तक संरक्षित
रखना है।
प्रधानमंत्री
फसल बीमा योजना के असंतोषजनक प्रदर्शन को दृष्टिगत रखते हुए झारखंड राज्य फसल राहत
योजना का संचालन वित्तीय वर्ष 2020-21 से किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रतिकूल
मौसम के कारण फसलों के उत्पादन में ह्रास
होने की स्थिति में फसलों की क्षति का आकलन कर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान
की जाएगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड राज्य फसल राहत योजना हेतु 50.00 करोड़
रुपये (पचास करोड़ रुपये) का उपबंध प्रस्तावित हैं।
राज्य
अन्तर्गत पूर्व से संचालित गौरियाकरमा एवं छूटी में चूजा प्रजनन केन्द्र स्थापित
किए जाने की योजना है। इससे मुर्गी पालकों को कम दर पर स्थानीय स्तर से चूजा
उपलब्ध कराया जा सकेगा। साथ-ही-साथ स्थानीय नस्ल की मुर्गी का उत्पादन भी बढ़ाया
जा सकेगा। इस कार्य से सरकार को उपलब्धि के साथ राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
गो
मुक्ति धाम की स्थापना नई योजना के अन्तर्गत प्रत्येक प्रमण्डल में एक एक गो
मुक्ति धाम स्थापित करने का प्रस्ताव है, ताकि मृत्यु प्राप्त गो के शरीर का
पवित्र तरीके से निष्पादन कराया जा सके।
जोडा
बैल वितरण की योजना अन्तर्गत राज्य के प्रक्षेत्रों तथा अन्य गोपालकों द्वारा
प्राप्त नर बाछाओं को बैल के रूप में तैयार किया जायेगा। इन बैलों को राज्य के
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को वितरित किया जायेगा, ताकि किसानों को
कम लागत में खेती कार्य में सहयोग मिल सके तथा अधिक मुनाफा प्राप्त हो सके।
गव्य विकास
झारखंड
मिल्क फेडरेशन द्वारा राज्य के 16 जिलों में अब तक 669 मिल्क पूलिंग प्वाईट्स से
सम्बद्ध कुल 2,372 गाँव के 19,630 दूध उत्पादकों को जोड़कर औसतन 1 लाख 02 हजार
लीटर दूध प्रतिदिन संग्रहित करते हुए प्रत्येक माह लगभग 10.00 करोड़ रुपये (दस
करोड़ रुपये) की राशि दुग्ध उत्पादकों के निजी बैंक खाता के माध्यम से भुगतान किया
जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रतिदिन लगभग 80 लाख लीटर दूध उत्पादन का
लक्ष्य है।
दुधारू
मवेशी पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा से आच्छादित करने की योजना
अन्तर्गत राज्य के 30 हजार डेयरी कृषकों को लाभान्वित कराने की कार्रवाई की जा रही
है। अबतक कुल 4,749 डेयरी कृषकों को 22.94 करोड़ रुपये (बाईस करोड़ चौरानबे लाख
रुपये) की साख अधिसीमा की स्वीकृति विभिन्न बैंकों द्वारा प्रदान की गई है। इस
योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 में जारी रखा जायेगा।
चालू
वित्तीय वर्ष में सभी स्रोतों से मछली उत्पादन के कुल 2,40,000 मेट्रिक टन के
लक्ष्य के विरूद्ध माह जनवरी, 2021 तक 1,90,425 मेट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ
है। आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,65,000 मीट्रिक टन मछली के उत्पादन का
लक्ष्य रखा गया है।
स्थानीय
स्तर पर मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 7,390 स्थानीय मत्स्य बीज
उत्पादकों को अनुदान पर मत्स्य स्पॉन, स्पॉन-आहार तथा फ्राई कैचिंग नेट उपलब्ध
कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7,500 स्थानीय मत्स्य बीज उत्पादकों के
माध्यम से 1,100 करोड़ मछली बीज के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
सहकारिता
के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लैम्पस पैक्स व्यापार मंडल विशेष प्रकार
की सहकारी समितियों को कार्यशील पूँजी, आधारभूत संरचना के विकास के लिये 10.00
करोड़ रुपये (दस करोड़ रुपये) का बजटीय उपबंध प्रस्तावित है।
राज्य
के पठारी भौगोलिक स्थलाकृति के कारण लघु सिंचाई योजनाओं की सार्थकता एवं उपादेयता
बनाये रखने के लिए 213 आहर/तालाब/मध्यम सिंचाई योजना एवं 100 जमींदारी बांधों के
जीर्णोद्धार का कार्य आगामी वर्ष में कराये जाने का कार्यक्रम निर्धारित है।
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (ASHA)
के जरिए राज्य के 20.8 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया
है। अगले वित्तीय वर्ष में 26 लाख अतिरिक्त परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है।
अनुदान
तथा प्रशिक्षण के साथ सखी मंडलों द्वारा निर्मित उत्पादों को “पलाश ब्राण्ड"
के जरिए एक नई पहचान देकर करीब 2 लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोत्तरी
सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक लगभग 1 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया है।
आगामी वर्ष इस योजना का विस्तार तेजी से किया जायेगा।
जोहार परियोजना के अन्तर्गत अब तक कुल
3,921 उत्पादक समूह का निर्माण किया जा चुका है तथा इसके माध्यम से 2 लाख 13 हजार
परिवारों को विभिन्न उत्पादनों के लिए जोड़ा गया है। आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22
में कुल 4,000
उत्पादक समूह का निर्माण किया जाना है, जिसके माध्यम से 2 लाख 10 हजार परिवारों को
विभिन्न उत्पादनों से जोड़ने की योजना है।
फुलो झानों आशीर्वाद अभियान
अंतर्गत करीब 15,063 महिलाओं को विगत 4 माह में हड़िया-दारू निर्माण
एवं बिक्री के कार्य से मुक्त कराकर आजीविका के विभिन्न साधनों
से जोड़ा गया है।
झारखंड
राज्य में गरीब ग्रामीणों तथा आदिवासियों के जीवन स्तर को बेहतर करने के उद्देश्य
से (Bharat Rural Livelihoods Foundation (BRLF)) द्वारा ग्रामीण विकास
विभाग के सहयोग से झारखंड राज्य के छ: जिला यथा- गुमला, खूटी,
पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़, साहेबगंज तथा गोड्डा अन्तर्गत कुल 24 Non CFT प्रखण्डों
में MoU कर कार्य आरम्भ किया जा रहा है। इस Partnership में मनरेगा कार्यक्रम की
निधि का बेहतर उपयोग करते हुए Integrated Natural Resource Management (INRM) के
सिद्धांत के आधार पर Watershed Approach को अपनाते हुए Land and Water Treatment
का कार्य किया जायेगा।
नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना
के अन्तर्गत 1 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के विरूद्ध 1,12,094 हेक्टेयर भूमि का उपचार
किया जा चुका है। लगभग 98,065 हेक्टेयर भूमि का उपचार प्रगति पर है। वर्ष 2021-22
में 1 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार का लक्ष्य रखा गया है।
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना
अन्तर्गत 32 हजार 244 आवास स्वीकृत करते हुए 23 हजार 331 आवास पूर्ण किया गया है।
आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3,000 नये आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित है।
स्वास्थ्य
'108'
आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा (सभी आवश्यक उपकरणों, दवा एवं पारामेडिक्स
सहित) का विस्तार करते हेतु पूर्व से संचालित 337 एम्बुलेंस के अतिरिक्त वित्तीय
वर्ष 2021-22 में 117 नये एम्बुलेंस का संचालन आरंभ किया जायेगा।
आयुष्मान
भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत राज्य में 489 निजी अस्पतालों एवं 220
सरकारी अस्पतालों को मिलाकर अब तक कुल 709 अस्पतालों को सूचीबद्ध
किया गया है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अब तक 88,76,567
गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। कुल 7,34,021 लाभुकों को इस योजना का लाभ प्राप्त
हो चुका है। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के सार्वभौमीकरण उद्देश्य की पूर्ति के
साथ-साथ झारखंड की जन आकांक्षा एवं हितों के अनुरूप आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन
आरोग्य योजना को आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के रूप में संचालित
करने का निर्णय लिया गया है
राँची
जिलान्तर्गत निर्माणाधीन 500 शय्या वाले सदर अस्पताल को मार्च, 2021
के पूर्व पूर्ण कराकर संचालित कर दिया जायेगा।
झारखंड
सरकार तथा Bureau of Pharma PSUs of India (BPPI) के बीच राज्य में कुल 250 जन
औषधि केन्द्र खोलने हेतु MoU किया गया है। वर्तमान में राज्य में 64 जन औषधि
केन्द्रों को औषधि अनुज्ञप्ति प्राप्त है। वर्ष 2021-22 में राज्य के
सभी मेडिकल कॉलेजों, सदर अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्रों में जन औषधि केन्द्र खोले जाने की योजना है।
खाद्य आपूर्ति
आगामी
खरीफ विपणन मौसम में धान अधिप्राप्ति योजना के लक्ष्य में बढ़ोत्तरी किया जायेगा।
राष्ट्रीय
खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभुकों की सम्मानजनक स्थिति सुनिश्चित करने के
उद्देश्य से अनुदानित दर पर धोती, साड़ी एवं लुंगी का वितरण किया जायेगा।
पेयजल एवं स्वच्छता
झारखंड
राज्य खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अनाच्छादित
15 लाख लाभुकों को 5 किलोग्राम चावल 1 रुपये प्रति किलोग्राम की अनुदानित दर पर
उपलब्ध करायी जायेगी।
राज्य
में वर्ष 2024 तक कुल 58,95,843 House hold को Functional
House Tap Connection (FITC) के माध्यम से सभी ग्रामीण घरों को जलापूर्ति
से आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है। अबतक 11.05 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति कर ली
गई है। वर्ष 2021-22 में इस covergae को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया
गया है। अबतक 1,561 अदद् आदिम जनजाति में तथा 10,530 अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य
टोलों में सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कर जलापूर्ति की
जा रही है। शेष 690 आदिम जनजाति एवं 1,856 अदद् अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य
टोलों में इन योजनाओं का निर्माण कराया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में इन योजनाओं को
पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
जलजीवन
मिशन के तहत 15,000 एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
शहरी विकास
गिरिडीह
एवं चाकुलिया नगर निकायों में शहरी जलापूर्ति योजना पूर्ण कर ली गई हैं। गोड्डा,
लातेहार, चास, चतरा एवं मंझिआंव में जलापूर्ति योजनाओं को वित्तीय वर्ष 2021-22
में पूरा किया जायेगा।
राँची
Phase-IIA, दुमका, देवघर एवं हुसैनाबाद में स्वीकृत योजनाओं पर कार्य वर्ष 2021-22
प्रारंभ किया जायेगा।
वित्तीय
वर्ष 2021-22 में सिमडेगा, रामगढ़, रेहला-विश्रामपुर, झुमरितिलैया, मेदिनीनगर में नई योजनाओं को स्वीकृत किया जायेगा।
वित्तीय
वर्ष 2021-22 में नमामि गंगे योजना के अधीन फुसरो के लिये
Interception and Diversion तकनीक पर आधारित 15 Mega Litre Per Day Sewage
Treatment Plant (MLD STP) योजना का कार्यान्वयन कराया जायेगा।
राज्य
सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी सुयोग्य लाभुकों को वर्ष 2022 तक पक्के
घर उपलब्ध करायेगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 67,938 आवासों को पूरा करने का
लक्ष्य रखा गया है।
कल्याण
मरङ
गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना योजनांतर्गत राज्य के
अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10 (दस) युवाओं को देश से बाहर यूनाईटेड किंगडम ऑफ
ग्रेट ब्रिटेन एवं नॉर्दन आयरलैंड के चयनित विश्वविद्यालयों संस्थानों यथा
कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, आदि के चयनित उच्च स्तरीय
कोर्स यथा- Masters/M.Phil Full Degree Program ग्रहण करने हेतु वित्तीय
सहायता प्रदान करने का लक्ष्य है।
विर्तमान
में विभाग द्वारा कुल 143 आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें से
7 एकलव्य एवं 11 आश्रम विद्यालय हैं। भारत सरकार द्वारा राज्य के 69 प्रखण्डों
हेतु स्वीकृत कुल 69 एकलव्य विद्यालयों की स्थापना की जानी है। राज्य के समस्त
आवासीय विद्यालयों के संचालन हेतु एक सोसाईटी, जो इन विद्यालयों के सफल संचालन का
कार्य करेगी, के गठन का प्रस्ताव है।
Higher
Secondary शिक्षा से Dropout को कम करने के उद्देश्य तथा कौशल
विकास को उच्च स्तर तक प्रगति प्रदान करने हेतु भारत सरकार को कौशल विद्या अकादमी
की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। यह Vocational Training Education के
लिये प्रभावी कदम होगा।
समाज कल्याण
बच्चों
को स्कूली शिक्षा हेतु सक्षम बनाने के लिए सरकार द्वारा युनिसेफ के सहयोग से Early
Childhood Care and Education के तहत Curriculum तैयार कराया गया है, जिसे सभी
आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित किया जायेगा। बच्चों को मनोरंजन पूर्वक
ज्ञानवर्द्धक शिक्षा प्रदान कर उनके बौद्धिक विकास में सहयोग करना योजना का लक्ष्य
है। इस हेतु 3.80 करोड़ रुपये (तीन करोड़ अस्सी लाख रुपये) का बजटीय उपबंध किया
गया है।
राज्य
के बच्चों एवं महिलाओं में व्याप्त कुपोषण एवं अनीमिया चिन्ता का विषय रहा है।
बच्चों एवं महिलाओं में व्याप्त कुपोषण के उन्मूलन हेतु सरकार अत्यंत गंभीर है।
राज्य से कुपोषण उन्मूलन के इसी उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु विभिन्न संबंधित
विभागों के अभिसरण से समन्वित तथा समयबद्ध प्रयास स्वरूप
1,000 दिनों की अवधि में राज्य व्यापी समर (SAAMAR Strategic Action for
Alleviation of Malnutrition and Anaemia Reduction) अभियान पूरे
राज्य में संचालित करने का प्रस्ताव है।
आगामी
वित्तीय वर्ष 2021-22 में गरीब, असहाय एवं दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले
वृद्धजनों को चलन्त वाहन के माध्यम से चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने की भी योजना
है।
आगामी
वित्तीय वर्ष 2021-22 में जघन्य अपराध के आरोपी बच्चों को सामान्य अपराध के आरोपी
बच्चों से अलग रखने के उद्देश्य से राज्य में Place of Safety भवनों का
निर्माण कराया जायेगा।
स्कूली शिक्षा
वैश्विक
महामारी के दौरान झारखंड वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों के 5,099 बच्चों को
विद्यालयों में नामांकन कराते हुए डिजिटल शिक्षा के माध्यम से जोड़ने का काम भी
किया गया है।
आदर्श
विद्यालय योजना का शुभारंभ वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रारंभ कर वित्तीय वर्ष
2024-25 तक राज्य सरकार द्वारा 18.86 करोड़ रुपये (अठारह करोड़ छियासी लाख रुपये)
की लागत से राज्य के 4,496 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया
जायेगा। इसमें 80 जिला स्तरीय विद्यालयों को School of Excellence (उत्कृष्ट
विद्यालय), 325 प्रखण्ड स्तरीय आदर्श विद्यालय सहित कुल 4,091 पंचायत स्तरीय
विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रथम चरण में 80
विद्यालयों को उत्कृष्ट गुणवत्त शिक्षा के केन्द्र में विकसित करने हेतु इस वर्ष
450 करोड़ रुपये (चार सौ पचास करोड़ रुपये) की राशि उत्कृष्ट आधारभूत संरचना, विषय
आधारित शिक्षक की व्यवस्था, डिजिटल शिक्षा, विज्ञान प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब,
व्यवसायिक शिक्षा, STEM लैब आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु
स्वीकृत करते हुए केन्द्रीय विद्यालयों के तर्ज पर CBSE से
सम्बद्धता प्राप्त करते हुए अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण भी इन विद्यालयों में
उपलब्ध करायी जायेगी।
"SAMADHAN"
कार्यक्रम के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों में दक्ष शिक्षकों
की विषयवार व्यवस्था हेतु कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे।
2011
की जनगणना के अनुसार राज्य साक्षरता दर 66.41 प्रतिशत थी। साक्षर भारत कार्यक्रम के कार्यान्वयन के फलस्वरूप यह दर बढ़कर 81 प्रतिशत हो गई
है। राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही शत-प्रतिशत साक्षर के दर को हासिल करने हेतु एक
नूतन योजना “पढ़ना लिखना अभियान" का शुभारंभ किया जायेगा।
मध्याह्न
भोजन योजना के अन्तर्गत रसोईया-सह-सहायिका के मानदेय में
500 रुपये मासिक वृद्धि की जायेगी।
मुख्यमंत्री
विशेष छात्रवृति योजना का शुभारंभ 10.00 करोड़ रुपये (दस करोड़ रुपये) के बजटीय
उपबंध से किया जा रहा है।
राष्ट्रीय
शिक्षा नीति (NEP) के प्रावधानों को वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू करने हेतु 10.00
करोड़ रुपये (दस करोड़ रुपये) राशि का प्रावधान प्रस्तावित है।
उच्चत्तर एवं तकनीकी शिक्षा
महिला
महाविद्यालयों में आवश्यकता आधारित 300 शैय्या छात्रावास का निर्माण कराया जायेगा।
अधिक-से-अधिक
छात्रों को रोजगार एवं प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त हो, इसके लिए केन्द्रीय
Placement Cell के गठन का प्रस्ताव है।
श्रम ,नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास
झारखंड
असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा
अधिनियम, 2008 की धारा 3 की उपधारा (4) में निहित प्रावधानों के अनुसार असंगठित
क्षेत्र के मजदूरों के लिए 5 योजनाएँ यथा- असंगठित कर्मकार मृत्यु, दुर्घटना
सहायता योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, असंगठित कर्मकारों के बच्चों के लिए
मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना, कौशल उन्नयन योजना एवं चिकित्सा सहायता योजना
संचालित है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 80.97 हजार श्रमिकों को निबंधन किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.50 लाख श्रमिकों का निबंधन करते हुए उनके
हितार्थ संचालित योजना से लाभान्वित कराने का लक्ष्य तय किया गया
है।
उद्योग
राज्य
के कामगारों को कौशल विकास हेतु तकनीकी प्रशिक्षण राज्य में कार्यरत टूल रुम
राँची, दुमका एवं गोला, रामगढ़ के माध्यम से देने का प्रस्ताव है, ताकि राज्य में
कार्यरत उद्योगों के लिए प्रशिक्षित औद्योगिक कामगार मिल सके एवं राज्य के युवाओं
को स्व-रोजगार भी उपलब्ध हो सके।
झारखंड
औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम को केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से
कार्यान्वित की जा रही कई महत्वपूर्ण परियोजना यथा- प्लास्टिक पार्क, फर्मा पार्क
एवं वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर, राँची आदि का कार्यान्वयन एजेन्सी बनाया गया है।
गोड्डा
में भारत सरकार के सहयोग से मेगा हैण्डलूम कलस्टर का कार्य प्रारम्भ है, जिससे
संथाल परगना के सभी छ: जिलों के बुनकरों को लाभ होगा।
वित्तीय
वर्ष 2021-22 में 3,000 मेट्रिक टन तसर रेशम के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया
गया है।
स्वरोजगार
एवं खादी के विकास हेतु राज्य के परम्परागत 1,600 शिल्पियों को स्वरोजगार निमित्त
प्रशिक्षण एवं 75 प्रतिशत अनुदान पर औजार एवं उपस्कर का वितरण किया जायेगा।
रेलवे एवं वायु मार्ग
पेट्रोल
डीजल गाड़ियों से उत्पन्न होने वाल प्रदूषण को न्यूनतम किये जाने के उद्देश्य से
झारखंड राज्य में Electric Vehicles को प्रोत्साहित करने के निमित्त वर्ष 2021-22
में Electric Vehicle Policy गठित करने का प्रस्ताव है। इस योजना के लिये वित्तीय
वर्ष 2021-22 के लिये 5.00 करोड़ रुपये (पाँच करोड़ रुपये) का बजटीय उपबंध
प्रस्तावित है।
बिरसा
मुण्डा हवाई अड्डा के विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत भारतीय विमानपत्तन
प्राधिकरण के साथ MoU के प्रारूप पर राज्य मंत्री परिषद् द्वारा स्वीकृति प्रदान
कर दी गयी है। आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस MoU के तहत विकास कार्य प्रारंभ
करने का लक्ष्य रखा गया है।
झारखंड
की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर को हवाई यातायात से जोड़ने के उद्देश्य से धालभूमगढ़
स्थित पुरानी हवाई पट्टी की 245 एकड़ भूमि को एक घरेलू हवाई अड्डे के रूप में
विकसित करने की परियोजना पर कार्य किया जायेगा।
Regional
Connectivity Scheme (UDAN- उड़े देश का आम नागरिक) के तहत
बोकारो तथा दुमका हवाई अड्डा का उन्नयन कार्य प्रगति पर है। आगामी वित्तीय वर्ष
में दोनों हवाई अड्डों से RCS & UDAN के तहत नियमित उड़ान सेवा प्रारंभ कराने
की दिशा में प्रयास किया जाएगा।
ऊर्जा
मीटरिंग
एवं एनर्जी एकाऊंटिंग योजना के तहत HT उपभोक्ताओं को मेन और चेक मीटर से जोड़ने,
ABT मीटर स्थापित करने तथा सभी फिडर और वितरण ट्रॉस्फार्मर में मीटर स्थापित करने
की योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिलिंग एवं संग्रहण दक्षता को बढ़ाना है।
इसके अन्तर्गत स्मार्ट मीटरिंग का भी कार्य किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में
इस योजना के लिये 150.00 करोड़ रुपये (एक सौ पचास करोड़ रुपये) प्रस्तावित है। इस
योजनान्तर्गत घरेलू मीटरिंग तथा बाह्य क्षेत्रों में विद्युत प्रवाह आदि संबंधी
कार्य किया जायेगा। योजना की कुल लागत 450.00 करोड़ रुपये (चार सौ पचास करोड़
रुपये) होगी। यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक क्रियान्वित होगी। इसके
अंतर्गत विश्व बैंक तथा वार्षिक विकास योजना से भी राशि व्यय की जा सकेगी।
राज्य
में अवस्थित जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर संयत्र के अधिष्ठापन की योजना के तहत प्रथम
फेज में गेतलसूद जलाशय, राँची में 100 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर संयत्र
(PVP) अधिष्ठापित करने का प्रस्ताव है।
राज्य
के गिरिडीह शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है।
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
जलवायु
परिवर्तन एवं अन्य कारणों से पूरे विश्व में जल संकट के प्रति चिंता बढ़ गई है। इस
दिशा में राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष सभी 24 जिलों में अब तक
703 कि.मी. नदी तट वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न कराया गया है। इस योजना को और आगे बढ़ाते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में शेष नदियों पर
वृक्षारोपण का कार्य कराया जायेगा। इसके अलावे नदी के उदगम स्थलों पर भी
वृक्षारोपण/वन संवर्द्धन का कार्य कराया जायेगा।
राज्य
सरकार ने मुख्यमंत्री जन-वन योजना में नीतिगत परिवर्तन कर किसानों की जमीन पर
लगाये जाने वाले वृक्षों के लिए अनुदान राशि बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी है। इस
वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत कृषकों द्वारा उनके निजी भूमि पर विभाग के सहयोग
से लगभग 5.00 लाख फलदार एवं काष्ठ प्रजाति के पौधे से वृक्षारोपण का कार्य संपन्न
किया गया है। वर्ष 2021-22 में इस योजनान्तर्गत 3,000 एकड़ भूमि पर
वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है।
विधि व्यवस्था एवं संवेदनशील प्रशासन
विशेष
केन्द्रीय सहायता योजना के अन्तर्गत 13 अति उग्रवाद प्रभावित जिलों में सुरक्षा के
उद्देश्य से दृष्टिकोण से आकस्मिक प्रकृति की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए चालू
विशेष केन्द्रीय सहायता (Special Central Assistance) योजना के लिये
वर्ष 2020-21 अन्तिम वर्ष है। इस वित्तीय वर्ष के अंत में जो
राशि प्राप्त होगी, उसका व्यय वित्तीय वर्ष 2021-22 में करने
का
प्रस्ताव है।
विधि-व्यवस्था
संधारण हेतु Frontline force के प्रशिक्षण हेतु निर्माणाधीन
Constable Training School, Musabani को वित्तीय वर्ष 2021-22 में पूर्ण किया जायेगा।
राज्य
में अभी तक राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) का गठन नहीं हो सका है, जिसके कारण आपदा की
स्थिति में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके लिए पदों
के सृजन की कार्रवाई की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस बल को क्रियाशील
करने का लक्ष्य है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गर्वनेन्स
देश
के सभी राज्यों के विधानसभाओं एवं संसद में वर्तमान मेनुअल कार्यप्रणाली को ऑनलाइन
करने हेतु Nationale-Vidhan Application (NeVA) को झारखंड विधानसभा में भी लागू
किये जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।
पर्यटन
देवघर
में फूड क्राफ्ट संस्थान का निर्माण कराया जा रहा है। इस संस्थान में होटल प्रबंधन
के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स तथा अल्पावधि प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में इसे प्रारंभ किया जायेगा।
लुगुबुरू
एवं रजरप्पा की महत्ता को देखते हुए इन्हें वृहद् पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित
करने की योजना है। पर्यटकों को समुचित सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक संरचनाओं
का निर्माण कराया जा रहा है।
राज्य
में प्रमुख जलाशयों में जलक्रीड़ा तथा पर्यटन आकर्षण क्षेत्रों में साहसिक क्रीड़ा
को संवर्धित किया जायेगा।
राज्य
के ग्रामीण विरासतों (सांस्कृतिक/धार्मिक ऐतिहासिक, पुरातात्विक आदि) का संवर्धन
तथा पर्यटक आवासन की समस्या को दूर करने हेतु होम स्टे को बढ़ावा दिया जायेगा।
राज्य
के दुर्गम पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों की सुगम पहुँच तथा अधिकाधिक पर्यटकों को
आकर्षित करने हेतु रोप-वे निर्माण प्रस्तावित है।
खेल-कूद
राज्य
के सभी गाँवों में एक-एक सिद्धो-कान्हो खेल क्लब की स्थापना की जायेगी, जिन्हें
युवा एवं खेल गतिविधियों से संबंधित कार्यक्रम हेतु प्रोत्साहन राशि प्रदान की
जायेगी।
खेल
क्षेत्र में शोध एवं अध्ययन हेतु राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को मूर्त
रूप देने का प्रस्ताव है।
राज्य
में फुटबॉल खासकर महिला फुटबॉल को बढ़ाने हेतु ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के
साथ MoU किया जायेगा।
राज्य
के सभी खिलाड़ियों का Gradation निर्माण की कार्रवाई की जायेगी, ताकि राज्य के
खिलाड़ियों को अपने खेल विद्या के अनुरूप नियुक्ति आदि में सुविधाएँ आसानी पूर्वक
प्राप्त हो सके।
राज्य
में सीमान्त स्तर पर खेल-कूद के प्रशिक्षण हेतु 36 आवासीय एवं दिवा-प्रशिक्षण
केन्द्र स्थापित है, जिसमें लगभग 3,000 खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में इन प्रशिक्षण केन्द्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी की
जायेगी।
वर्तमान
में सभी प्रशिक्षु खिलाड़ियों को जो खेल सामग्री एवं किट दी जा रही है, वह
पर्याप्त नहीं है। अत: इन खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिये
उन्हें गुणवत्तापूर्ण खेल किट एवं सामग्री उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है।
कला एवं संस्कृति
राज्य
के 9 क्षेत्रीय जनजातीय भाषा यथा- नागपुरी, कुरमाली, खोरठा, हो, संथाली, कुडुख,
मुण्डारी, खड़िया एवं पंचपरगनिया भाषाओं हेतु एक-एक भाषा केन्द्र स्थापित किया
जायेगा।
सभी
पर्यटन क्षेत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रदर्शन के माध्यम से स्थानीय
सांस्कृतिक कलाओं के प्रदर्शन पर जोर दिया जायेगा।