JPSC_Industrial_Economy(औद्योगिक अर्थव्यवस्था) (नीतिगत
कदम और मूल्य) देश
में औद्योगिक विकास में औद्योगिक नीतियों एवं पंचवर्षीय योजना के महत्व को जानते
हुए भारतीय अर्थशास्त्रियों ने अनेक औद्योगिक नीतियाँ m बनायी हैं। इन नीतियों के अन्तर्गत सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र
को स्पष्ट रूप से विभाजित किया गया है। योजनाकाल में भारत का औद्योगिक विकास 1947
में देश में राष्ट्रीय सरकार की स्थापना एवं विकास के लिए 1951 में
आयोजन अपनाने के बाद योजनाकर्ताओं ने देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ एवं संतुलित
विकास प्रदान करने के लिए औद्योगिक विकास के प्रति विशेष रूचि दिखाई। इनके
फलस्वरूप औद्योगिक अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत हुआ। योजनाकाल में उद्योगों का
विकास उत्साहवर्द्धक रहा है। विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत औद्योगिक विकास निम्न
प्रकार हुआ है- पहली पंचवर्षीय योजना ( 1951-56) देश
की अल्पविकसित अर्थव्यवस्था तथा आयोजन के पूर्व की परिस्थितियों को देखते हुए
योजनाकर्ताओं ने देश की प्रथम पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक विकास को नहीं, बल्कि
कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्णय लिया। अतः इस योजना में कृषि
क्षेत्र की ओर विशेष ध्यान दिया गया था। फिर भी इस योज…