NMOPS
के पदाधिकारी रखे हैं पैनी नजर – प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह
NMOPS
के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह का कहना है की पैसे की लेनदेन की शिकायत कई
जिलों के कार्यालय से आ रही है, साथ ही पैसे के लेन देन के लिए मोटिवेट किया जा रहा
है। जिस पर हमारी टीम की पैनी नजर है। कई कार्यालय के कर्मी और पदाधिकारी की शिकायत,
कॉल रिकॉर्डिंग संगठन तक पहुंच चुकी है। जो भी कर्मी और पदाधिकारी भयादोहन कर भ्रष्ट्राचार
में लिप्त पाए जाएंगे उनकी शिकायत सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय, वित्त विभाग और
भविष्य निधि निदेशालय में की जायेगी।
न्यू
पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में बदलने के लिए NMOPS ने अपनी ताकत झोंक दी। राज्य
सेवा के कर्मियों ने एकजुटता का प्रदर्शन कर अपनी लड़ाई लड़ी। जिसकी फलस्वरूप मुख्यमंत्री
हेमंत सोरेन ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी। इतनी बड़ी खुशी
पर उनके विभाग के पदाधिकारी और सरकारी बाबू ग्रहण लगा रहे हैं। कर्मियों के अपने विभाग
के सरकारी दलाल अलग अलग कार्य के अलग अलग रेट फिक्स कर रखा है।
क्या
है पूरा मामला
आपको
बता दे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सितंबर 2022 से पुरानी पेंशन योजना राज्य कर्मी
के लिए बहाल कर दी। वित्त विभाग ने कर्मियों के न्यू पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना
में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस प्रक्रिया के तहत शपथ पत्र दाखिल करने, जीपीएफ
अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। यह कार्य वेतन भुगतान करने वाले
पदाधिकारी और कार्यालय को किया जाना है। इसके लिए कार्यालय कर्मी को प्रशिक्षण भी दिया
गया। झारखंड में पुरानी पेंशन योजना बहाल क्या हुई सरकारी दलाल में कमाने की होड़ लग
गई। पहले तो कर्मियों की अपने से ऑनलाइन करने से रोका गया उसके बाद जब मामला बढ़ा तो
कार्यालय बाबू ने तरह तरह के डर दिखाने शुरू कर दिए …
मसलन
ऑनलाइन फॉर्म गलत होने पर जवाबदेही कर्मियों की होगी, जीपीएफ ऑफिस में हार्ड कॉपी खुद
जमा करना होगा, जीपीएफ कार्यालय खुद मैनेज करना होगा, जान बूझकर बेसिक पेमेंट को अपडेट
नहीं किया जाता रहा, शपथ पत्र पर डीडीओ के हस्ताक्षर कराने में जानबूझकर आनाकानी और
देरी करना और भी इस तरह के कुछ अनावश्यक तथ्यों का हवाला देकर कर्मियों को अपनी गिरफ्त
में सरकारी दलालले रहे हैं।
सब
कार्य के लिए रेट चार्ट अलग अलग
NPS
to OPS के जो कार्य कार्यालय को करना है अब कर्मी अपने काम छोड़कर कार्यालय के चक्कर
लगाने में व्यस्त हैं। जिसकी विभागीय पदाधिकारी को कोई चिंता नहीं। प्राप्त जानकारी
के अनुसार कर्मियों को सिर्फ एक बार अपने कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है जिसमें
हस्ताक्षर और एफिडेफिट कार्य शामिल है। परंतु कभी झार नेट का हवाला तो कभी कार्यालय
की व्यवस्था दिखाकर जानबूझकर कर्मचारियों को चक्कर लगाने पर मजबूर किया जाता है ताकि
कर्मचारी सुविधा शुल्क देने को तैयार हो जाए।
सबसे
मजेदार बात यह है कि कार्यालय के सरकारी दलालों ने अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग रेट
चार्ट तय कर रखे हैं।
शपथ
पत्र और नॉमिनेशन 500.00
शपथ
पत्र एफिडेफिट 200.00 से 500.00
ऑनलाइन
अपलोडिंग 500.00 (डीडीओ हस्ताक्षर)
जीपीएफ
ऑफिस खर्चा 500.00 से 1000.00
कर्मी
अपने इच्छानुसार अलग अलग कार्य करा सकते हैं या फिर सरकारी दलालों ने एक पैकेज भी बना
रखा है जिसकी दर 1000 से 2000 के बीच रखी गई है। इस पैकेज के तहत दलाल एक मुश्त पैसे
लेकर जीपीएफ no आवंटित कराने की जिम्मेवारी लेते हैं। और उन कर्मी को क्रैक सेवा के
तहत जीपीएफ no निर्गत कराए जाने की भी सुविधा उपलब्ध है।
जीपीएफ
कार्यालय में भी चल रहा पैसे का खेल
2004
के बाद नई पेंशन योजना के तहत बहाल कर्मियों के लिए जीपीएफ ऑफिस कोई महत्व नहीं रखता
था। परंतु पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से जीपीएफ ऑफिस में इस समय उत्सव जैसा माहौल
है। सभी विभागों के लिए आवंटित अलग-अलग बाबू की अपनी-अपनी चांदी चल रही है। सुविधा
शुल्क देकर तुरंत जीपीएफ नंबर अलॉट करने का काम बदस्तूर जारी है।
संबंधित
विभागीय पदाधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विभागीय पदाधिकारी के नाक के नीचे
इस तरह के अनैतिक कार्य की अनदेखी करना समझ से परे है। क्योंकि किसी भी विभाग से ऑनलाइन
आवेदन अपलोड करने के बाद उसमें टाइम और तिथि दोनों दर्ज हो जाती है। परंतु फॉर्म अपलोड
करने के क्रम के हिसाब से जीपीएफ अकाउंट अलॉट नही किया जा रहा। जो काम पहले पाओ की
तर्ज पर होना चाहिए, वो काम पैसे दो अकाउंट no लो की तर्ज पर किया जा रहा है।
संबंधित
विभागीय पदाधिकारी भले इस पैसे के खेल में अनभिज्ञता जाहिर करते है, परंतु उनके कार्यालय
और जीपीएफ कार्यालय में पैसे का खेल बदस्तूर जारी है। साथ ही जीपीएफ no जारी करने में
जान बूझकर देरी पर सख्त निगरानी की आवश्यकता है। यदि इसके बाबजूद पदाधिकारी की निगरानी
नही हो रही तो इस पूरी मिलीभगत से इंकार भी नही किया जा सकता।
जिला
भविष्य निधि कार्यालय में NMOPS की टीम (डॉ सुमन कुमार जिला संयोजक)
गोड्डा।
कल दिनांक: 23/11/2022 को शाम के 03.50 बजे NMOPS के जिला संयोजक डॉ सुमन कुमार के
नेतृत्व में जिला कोषाध्यक्ष-कार्तिक प्रसाद वर्मा, जिला सह संयोजक सह गोड्डा प्रखंड
प्रभारी- सुभाष चन्द्र, जिला सह संयोजक- विद्यानंद प्रसाद, गोड्डा प्रखंड संयोजक -
मो० सज्जाद आलम, पथरगामा प्रखंड संयोजक -खगेन्द्र प्रसाद महतो वह अन्य NMOPS के सदस्यों
ने जिला भविष्य निधि कार्यालय में इस बात की तहकीकात करने पहुंचे कि GPF Office के
कर्मियों द्वारा धन उगाही का लगाया गया आरोप सही हैं या नहीं? हालांकि सीधे तौर पर
किसी भी प्रखंडों से ऐसा आरोप नहीं लगाया गया था, लेकिन किन्हीं - किन्हीं माध्यमों
से ऐसी सूचना प्राप्त हो रही थी कि GPF No.Allotment के नाम पर धन उगाही की जा रही
है।
जिला
भविष्य निधि सह जिला कोषागार पदाधिकारी से मिलने, *NPS TO OPS CONVERSION* में होने
वाले विलंब तथा अनुरोध पत्र का प्रतिलिपि (जो उपायुक्त को दिया गया था) देने वास्ते
NMOPS की Team GPF Office पहुंचे। जिला भविष्य निधि पदाधिकारी को नहीं पाए जाने पर
फोन से बातचीत की गई और पांच मिनट में पहुंचने की बात कही गई। और वे 2 मिनट में पहुंच
भी गए। जिला भविष्य निधि पदाधिकारी से लगाए गए आरोप के सन्दर्भ में बातचीत की गई। जिसका
सार निम्नलिखित हैं ---------
(1)
भविष्य निधि पदाधिकारी ने पूरी सालिनता के साथ बताया गया कि धन उगाही का सारा आरोप
मिथ्या है ।
(2)
उनके द्वारा बताया गया कि ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि कुछ DDO के द्वारा GPF
Office के नाम पर लेन-देन का प्रयास किया गया
है।
(3)
अनावश्यक रुप से किसी भी आवेदन को नहीं रोका गया है। हालांकि कुछ आवेदन को BACK To
DDO किया गया था।
(4)
भविष्य निधि पदाधिकारी ने बताया कि आपके आन्दोलन के कारण ही मैं भी *"NPS To
OPS"* में आ गया हूं। इससे बड़ी खुशी मेरे लिए और क्या हो सकती है।
(5)
भविष्य निधि पदाधिकारी द्वारा GPF कार्यालय
के Computer operatar संतोष को बुलाया गया
और उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि लगाया गया किसी भी आरोप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
(6)
पदाधिकारी के सख्ती से GPF Office में प्राप्त सभी पेंडिंग आवेदनों को रात्रि के
10.00 बजे तक GPF No Allot कर दिया गया।
(7)
दिनांक 23/11/22 तक लगभग 1000 GPF No. Allotment किया जा चुका है।
(8)
अगले एक सप्ताह में गोड्डा जिला को शीर्ष पर पहुंचाने की बात कही गई।
अतः
उपरोक्त वार्तालाप से जिला NMOPS Team ने इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि:----
(1)
GPF Office पर *लगाया गया धन उगाही* का आरोप झूठा, मिथ्या और बेबुनियाद है।
(2)
21 तारीख़ तक प्राप्त सभी आवेदकों को GPF No. Allot कर दिया गया। अर्थात कोई भी मामला
Pending नहीं है।
अतः
GPF पदाधिकारी का सहयोग काफी सकारात्मक रहा। Computer operatar भी प्राप्त आवेदनों
का निष्पादन उसी दिन कर देने की बात कही।
अतः
जिला NMOPS की टीम GPF कर्मियों और पदाधिकारी
को इस अपेक्षित सहयोग के लिए शुक्रिया अदा
करता है।
राकेश कुमार सिंह जिला संयोजन,दुमका
24/11/22
को DC सर से मिलकर पुरानी पेन्सन आन्दोलन में सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया साथ ही
NPS to OPS प्रक्रिया की गति को तेज करने का आग्रह किया।सर द्वारा हमारे सभी सुझावों
को मानते हुवे पत्र निकालने की बात कही गयी।साथ ही साथ सभी DDO को जो हार्ड कॉपी अपने
पास Pending रखे हुवे हैं उनको स्पस्टीकरण करने की बात कही गयी।सर पूरी तरह से हमलोगो
के साथ है।इसके लिए सर का फिर से बहुत बहुत आभार।
कल
उपायुक्त महोदय से मिलकर जो बातें रखी गयी थी महोदय द्वारा उसका पत्र निर्गत करा दिया
गया है।उपायुक्त महोदय का NMOPS दुमका हार्दिक धन्यवाद करता है।
।।
आदेश ।।
कार्यालय
आदेश संख्या- 183 / 2022 ज्ञापांक- 1021 / स्था० दिनांक 10.11.2022 से दिये गये निदेश
के आलोक में ऐसी आसूचना प्राप्त हो रही है कि जिला भविष्य निधि कार्यालय, दुमका में
OPS (Old Pension Scheme) आवेदन के निष्पादन हेतु कर्मियों द्वारा अनावश्यक रूप से
एकत्रित होकर कार्यालय में दबाव बनाकर सर्वप्रथम अपना-अपना कार्य कराना चाहते हैं,
जबकि OPS (Old Pension Scheme) की प्रक्रिया स्वतः स्र्पत प्रक्रिया है, जिसमें निकासी
एवं व्ययन पदाधिकारी तथा जिला भविष्य निधि कार्यालय की सहभागिता अपेक्षित है। किन्हीं
कर्मियों द्वारा स्वतंत्र रूप से गलत तरीके से क्रम को तोड़ते हुए कार्यालय कर्मियों
का सहयोग प्राप्त कर कार्य करा लेना उचित नहीं है। इस प्रकार यह प्रतीत हो रहा है कि
जिला भविष्य निधि कार्यालय, दुमका के कर्मियों द्वारा ऑनलाईन प्राप्त हो रहे OPS
(Old Pension Scheme) के आवेदनों का क्रमवार निष्पादन नहीं किया जा रहा है।
अतः
जिला भविष्य निधि पदाधिकारी, दुमका को आदेश दिया जाता है कि उन्हें प्राप्त हो रहे
OPS (Old Pension Scheme) का निष्पादन क्रमवार करना सुनिश्चित करेंगे तथा त्रुटिपूर्ण
आवेदन को तत्क्षण वापस करते हुए संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को सूचित करेंगे
एवं अपने कार्यालय में अनावश्यक रूप से बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित करेंगे।
कार्य
की महत्ता एवं कर्मियों को हो रहे असुविधा को देखते हुए स्थापना उपसमाहर्ता, दुमका
जिला भविष्य निधि कार्यालय, दुमका में 15 (पन्द्रह दिनों के लिए 02 लिपिकों एवं 01
अनुसेवक की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करेंगे।
ऐसे
दृष्टांत प्रकाश में आ रहे हैं कि कतिपय निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा उनके
DDO Login में प्राप्त OPS (Old Pension Scheme) आवेदन को नियमानुसार जिला भविष्य निधि
कार्यालय, दुमका को Online Forward तो कर दे रहे हैं परन्तु उसकी प्रति (हार्ड कॉपी)
जिला भविष्य निधि कार्यालय, दुमका को उपलब्ध नहीं कराते है, जिस कारण उक्त कर्मियों
के OPS (Old Pension Scheme) के आवेदन का निष्पादन ससमय नहीं हो पा रहा है। ऐसे मामलों
में हो रहे विलम्ब को देखते हुए जिला भविष्य निधि पदाधिकारी, दुमका संबंधित निकासी
एवं व्ययन पदाधिकारी को अतिशीघ्र सूचित करना सुनिश्चित करेंगे।
सभी
संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी, दुमका जिला को निदेश दिया जाता है कि DDO
Login में संबंधित कर्मियों से ऑनलाईन प्राप्त हो रहे OPS (Old Pension Scheme) आवेदन
को नियमानुसार जिला भविष्य निधि कार्यालय, दुमका को Online Forward करते हुए उसकी प्रति
(हार्ड कॉपी) जिला भविष्य निधि कार्यालय, दुमका को दिनांक 01.12.2022 तक निश्चित रूप
से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
अंशदायी
पेंशन योजना के नोडल पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी-सह-जिला भविष्य निधि पदाधिकारी,
दुमका को आदेश दिया जाता है कि वे इस संदर्भ में दिनांक 05.12.2022 तक प्रतिवेदन स्थापना
उपसमाहर्ता, दुमका के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायेंगे।
दीपक कुमार
मीडिया प्रभारी दुमका
NMOPS जिन्दाबाद जिन्दाबाद 💪