खण्ड-अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
प्रश्न- संख्या 1 से 40 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिये
गये हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गये सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित
करें। 40 x 1 = 40
1. सिन्धु घाटी सभ्यता में विशाल स्नानागार के अवशेष कहाँ से प्राप्त
हुए?
(1)
हड़प्पा
(2) मोहनजोदड़ो
(3)
कालीबंगा
(4)
लोथल
2. पुराणों की संख्या है
(1)
16
(2) 18
(3)
20
(4)
19
3. महावीर ने पार्श्वनाथ के सिद्धांतों में नया सिद्धांत क्या जोड़ा
?
(1)
अहिंसा
(2) ब्रह्मचर्य
(3)
सत्य
(4)
अपरिग्रह
4. प्रयाग प्रशस्ति की रचना किसने की थी ?
(1)
बाणभट्ट
(2)
कालिदास
(3) हरिषेण
(4)
तुलसीदास
5. अर्थशास्त्र के लेखक कौन थे ?
(1)
बाल्मीकि
(2)
मनु
(3) कौटिल्य
(4)
वेदव्यास
6. चौथी बौद्ध संगीति किस शासक के काल में हुआ था ?
(1)
अशोक
(2)
अजातशत्रु
(3)
कालाशोक
(4) कनिष्क
7. वज्जि को सामाजिक ग्रन्थों में कहा गया है
(1)
गणसंघ
(2) गणतंत्र
(3)
राजतंत्र
(4)
इनमें से सभी
8. 'जनपद' शब्द का शाब्दिक अर्थ है
(1) जहाँ लोग अपना घर बनाते हैं
(2)
जहाँ लोग मवेशी रखते हैं
(3)
(1) और (2) दोनों
(4)
इनमें से कोई नहीं
9. पंच चिह्न वाले सिक्के बने होते हैं
(1)
सोने के
(2)
चाँदी के
(3) ताँबे के
(4)
(1) और (2) दोनों के
10. कालीबंगा स्थित है
(1)
सिन्ध में
(2)
पंजाब में
(3) राजस्थान में
(4)
बंगाल में
11. अशोक द्वारा प्रचारित बौद्ध धर्म कहाँ प्रचलित नहीं हुआ ?
(1)
सीरिया
(2) ब्रिटेन
(3)
श्रीलंका
(4)
जापान
12. पाटलिपुत्र नगर की स्थापना की गई थी
(1)
मुंडक द्वारा
(2)
बिंबिसार द्वारा
(3) उदयभद्र द्वारा
(4)
अजातशत्रु द्वारा
13. भारत का अंतिम मुगल शासक कौन था ?
(1)
औरंगजेब
(2)
शाहजहाँ
(3) बहादुर शाह जफर
(4)
मुहम्मद शाह
14. तलवंडी में किस प्रसिद्ध संत का जन्म हुआ था ?
(1)
कबीर
(2)
रैदास
(3)
मीरा
(4) गुरु नानक
12th History Model Set-1 2022-23
15. अकबर का संरक्षक कौन था ?
(1)
फैजी
(2)
मुनीम खाँ
(3)
अब्दुल रहीम
(4) बैरम खाँ
16. आईन-ए-अकबरी किसने लिखा?
(1)
बदायूँ
(2) अबुल फजल
(3)
फैजी
(4)
बाबर
17. तम्बाकू का सेवन सर्वप्रथम किस मुगल सम्राट ने किया ?
(1)
जहाँगीर
(2)
शाहजहाँ
(3)
बाबर
(4) अकबर
18. औरंगजेब ने अपने जीवन का अंतिम भाग बिताया
(1) दक्षिणी भारत में
(2)
उत्तरी भारत में
(3)
भारत में
(4)
पश्चिमी भारत में
19. अलबरूनी किसके साथ भारत आया था ?
(1)
तैमूर
(2)
मुहम्मद गोरी
(3) गजनी
(4)
मुहम्मद-बिन-कासिम
20. इब्नबतूता ने अपनी यात्रा का विवरण लिखा था
(1) अरबी में
(2)
अंग्रेजी में
(3)
उर्दू में
(4)
फारसी में
21. निम्न में से महिला सन्त थी।
(1)
मीरा
(2)
अंडाल
(3)
कराइकल
(4) इनमें से सभी
22. शेख मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह स्थित है
(1) अजमेर में
(2)
फतेहपुर सीकरी में
(3)
आगरा में
(4)
दिल्ली में
23. 'गोपुरम' का संबंध है
(1) मंदिर से
(2)
व्यापार से
(3)
नगर से
(4)
गाय से
24. हम्पी नगर किस साम्राज्य से सम्बन्धित है ?
(1) विजयनगर साम्राज्य
(2)
बहमनी साम्राज्य
(3)
गुप्त साम्राज्य.
(4)
मौर्य साम्राज्य
25. स्थायी बन्दोबस्त
कहाँ लागू किया गया ?
(1)
बम्बई
(2)
पंजाब
(3) बंगाल
(4)
इनमें से सभी
26. बिहार में 1857 के विद्रोह के प्रमुख नेता
कौन था / थी?
(1)
बाजीराव
(2)
लक्ष्मीबाई
(3)
दिलीप सिंह
(4) कुंवर सिंह
12th History Model Set-2 2022-23
27. संथाल विद्रोह का नेता कौन था ?
(1)
बिरसा मुण्डा
(2) सिंधो
(3)
कालीराम
(4)
इनमें से कोई नहीं
28. बिहार में चम्पारण सत्याग्रह कब शुरू हुआ
?
(1)
1925
(2) 1917
(3)
1912
(4)
1905
29. 'दामिन-इ-कोह' क्या था ?
(1) भू-भाग
(2)
तलवार
(3)
उपाधि
(4)
घोड़ा
30. कार्नवालिस कोड बना
(1)
1997 में
(2)
1775 में
(3)
1805 में
(4) 1793 में
31. संथाल विद्रोह कब हुआ ?
(1) 1855
(2)
1851
(3)
1841
(4)
1832
32. 'गेटवे ऑफ इंडिया' का निर्माण कब हुआ था
(1)
1914
(2)
1913
(3)
1912
(4) 1910
33. भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित हुई थी
(1)
1909 में
(2)
1910 में
(3)
1911 में
(4) 1912 में
34. पुर्तगालिया ने गोवा पर अधिकार किया
(1)
1515 में
(2)
1512 में
(3) 1510 में
(4)
1509 में
35. कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई
(1)
1885 में
(2) 1773 में
(3)
1771 में
(4)
1673 में
36. भारत में रेलवे की शुरुआत हुई थी
(1)
1953 में
(2) 1853 में
(3)
1873 में
(4)
1773 में
37. भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस की स्थापना
कब हुई ?
(1)
1887
(2) 1885
(3)
1875
(4)
1857
38. स्वतंत्र भारत का अंतिम गवर्नर जनरल कौन था?
(1)
लॉर्ड कर्जन
(2)
लॉर्ड माउन्टबेटन
(3) सी० राजगोपालाचारी
(4)
इसमें से कोई नहीं
39. संविधान सभा के प्रारूप समिति के अक्ष्यक्ष कौन थे?
(1)
राजेन्द्र प्रसाद
(2) बी. आर. अम्बेडकर
(3)
सरदार पटेल
(4)
जवाहरलाल नेहरू
40. भारतीय संविधान के अनुसार संप्रभुता निहित है
(1)
राष्ट्रपति में
(2) संविधान में
(3)
न्यायपालिका से
(4)
प्रधानमंत्री में
खण्ड-ब (विषयनिष्ठ प्रश्न)
खण्ड-क (अतिलघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 2 x 5 =
10
1. सिंधु सभ्यता के सबसे लम्बे अभिलेख में कितने चिह्न हैं?
उत्तर
- सिंधु सभ्यता के सबसे लम्बे अभिलेख में 26 चिह्न हैं।
2. महाकाव्य काल में चाण्डाल किसे कहा जाता था ?
उत्तर-
महाकाव्य काल में शवों की अंत्येष्टि तथा मृत पशुओं को छूने वालों को चाण्डाल कहा
जाता था।
3. मनुस्मृति से आप क्या समझते हैं? इसकी रचना कब हुई ?
उत्तर-
मनुस्मृति धर्मशास्त्रों एवं धर्मसूत्रों में सबसे बड़ा ग्रन्थ है जिसका संकलन
लगभग 200 ई०पू० से 200 ई. के मध्य हुआ।
4. अल बिरूनी कौन-कौन सी भाषा जानता था ?
उत्तर-
अल बिरूनी फारसी, सीरियाई, संस्कृत और हिब्रू आदि भाषाएँ जानता था।
5. अमीर खुसरो कौन था ?
उत्तर-
अमीर खुसरो महान कवि, संगीतज्ञ एवं शेख निजामुद्दीन औलिया का अनुयायी था।
6. 1857 की क्रांति एक सैनिक विद्रोह था अथवा स्वतंत्रा संग्राम ? अपने
उत्तर की पुष्ट में तर्क दीजिए।
उत्तर
- 1857 ई० की क्रान्ति स्पष्ट रूप से एक स्वतन्त्रता संग्राम था क्योंकि इस क्रांति में प्रत्येक धर्म, जाति एवं समूह के लोगों ने अंग्रेजी
शासन के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी। इस कारण इसे 'जन-क्रांति' की संज्ञा भी दी गई।
7. नव-गॉथिक शैली की दो इमारतों तथा इसमें धन लगाने वाले भारतीयों के नाम लिखिए।
उत्तर-
यूनिवर्सिटी हॉल-कावसजी जहाँगीर रेडीमनी तथा राजाबाई टावर- प्रेमचन्द रायचन्द |
खण्ड ख (लघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 3 x 5 =
15
8. कार्बन-14 विधि से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
तिथि निर्धारण की वैज्ञानिक विधि को कार्बन-14 विधि कहा जाता है। इस विधि की खोज
अमेरिका के प्रख्यात रसायनशास्त्री बी. एफ० लिवी द्वारा सन् 1946 ई० में की गई। इस
विधि के अनुसार किसी भी जीवित वस्तु में कार्बन-12 एवं कार्बन-14 समान मात्रा में
पाया जाता है। मृत्यु अथवा विनाश की अवस्था में C-12 तो स्थिर रहता है, मगर C-14
का निरंतर क्षय होने लगता है। जिस पदार्थ में कार्बन - 14 की मात्रा जितनी कम होती
है, वह उतना ही प्राचीनतम माना जाता है।
9. पुरातत्व से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
पुरातत्व वह विज्ञान है, जिसके माध्यम से पृथ्वी के गर्भ में छिपी हुई सामग्रियों
की खुदाई कर अतीत के लोगों के भौतिक जीवन का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। किसी
भी जाति की सभ्यता के इतिहास को जानने में पुरातत्व एक महत्त्वपूर्ण एवं विश्वसनीय
स्रोत है। संपूर्ण हड़प्पा सभ्यता का ज्ञान पुरातत्व पर ही आधारित है।
10. गौतम के प्रमुख उपदेशों का वर्णन करें।
उत्तर
-गौतम बुद्ध एक व्यावहारिक धर्म सुधारक थे। वे आत्मा परमात्मा के निरर्थक विवादों से
दूर रहते हुये तत्कालीन समस्या के समाधान के लिए "चार आर्य सत्य" का उपदेश
दिया- (i) संसार दुःखमय है, (ii) दुःख का कारण तृष्णा है, (iii) तृष्णा का अंत करने
से मनुष्य सभी दुःखों से छुटकारा पा सकता है, (iv) इन दुःखों से छुटकारा पाने के लिए
आठ मार्ग बतलाये हैं, जिसका उन्होंने स्वयं भी पालन किया था।
11. अलबेरूनी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर
- अलबेरूनी महमूद गजनवी के दरबार का प्रसिद्ध इतिहासकार था। भारत पर महमूद के आक्रमणों
के समय वह महमूद की सेना के साथ भारत आया था। यहाँ उसने भारतीय सभ्यता व संस्कृति से
प्रभावित होकर भारतीय साहित्य का अध्ययन किया। अलबरूनी ने अपनी अनुभवों को तथा महमूद
के आक्रमणों के विनाशकारी प्रभावों का वर्णन अपनी पुस्तक 'किताब-उल-हिन्द' में किया
है। अलबरूनी के विचारानुसार उन दिनों भारत में राजनीतिक एकता का सर्वथा अभाव था । द्वेष
भाव के कारण राजा अपने साथी राजाओं का साथ न देकर दुश्मन का साथ देते थे। अशिक्षित
जनता विभिन्न देवी-देवताओं में विश्वास रखती थी। विधवा विवाह का प्रचलन नहीं था, किन्तु
बाल विवाह प्रचलित था। हिन्दू समाज में अनेक जातियाँ तथा वर्ग थे। हिन्दुओं के रीति-रिवाज
नैतिकता के उच्च नियमों पर आधारित थे।
12. स्थायी बन्दोवस्त से कम्पनी को क्या लाभ हुए?
उत्तर-
स्थायी बंदोबस्त से लाभ स्थायी बंदोवस्त से कंपनी और जमींदार : दोनों लाभान्वित हुए।
साथ ही कृषि का विकास भी हुआ, परंतु किसानों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा।
(1)
कंपनी की आय निश्चित होना : कंपनी को प्रतिवर्ष होने वाली आय का
अनुमान हो गया। इससे अस्थिरता की स्थिति समाप्त हो गयी। अधिक लगान की वसूली और इसमें
होनेवाले कम खर्च से कंपनी की आर्थिक स्थिति सुद्द हो गयी।
(2)
जमींदार वर्ग का उदय इस व्यवस्था के परिणामस्वरूप कंपनी और किसानों
के मध्य बिचौलिए के रूप में एक जमींदार वर्ग का उदय हुआ। यह वर्ग अंग्रेजों का समर्थक
बना रहा।
(3)
जमींदारों को लाभ स्थायी व्यवस्था से जमींदार लाभान्वित हुए।
जमीन पर उनका पैतृक अधिकार हो गया। किसान उनके रैयत बन गये वसूले गये लगोन में हिस्सा
मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई।
(4)
कृषि का विकास लगान निश्चित होने से किसान और जमींदार दोनों
ने कृषि के विकास में रुचि ली।
13. रॉलेट एक्ट पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर
- न्यायाधीश सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन जो क्रांतिकारी गतिविधियों
को रोकने का उपाय सुझा सके। समिति ने इसके लिए कठोर नियमों की सिफारिश की। उदाहरणस्वरूप,
किसी भी व्यक्ति को मात्र संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जाए, उसकी गतिविधियों पर
निगरानी रखी जाए, गुप्त रूप से मुकदमा चलाकर दंडित किया जाए इत्यादि । समिति की रिपोर्ट
अप्रैल 1918 में आई। भारतीय नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद सरकार ने 21 मार्च,
1919 को रॉलेट ऐक्ट पास कर दिया। भारतीयों ने इसे 'काला कानून' कहा और इसका विरोध किया।
भारतीयों में 'काला कानून' का वास्तविक स्वरूप दिखाने के लिए नारा दिया- कोई वकील नहीं,
कोई दलील नहीं, कोई अपील नहीं।
14. चम्पारण आंदोलन के क्या कारण थे ?
उत्तर-
चंपारण के किसानों को अपनी भूमि के 3/20 भाग पर नील की खेती करना अनिवार्य था। किसानों
को नील का फसल बगान मालिकों के यहाँ बेचना पड़ता था। उन्हें कई प्रकार के कर देने पड़ते
थे। अपनी खेत बेचने पर उन्हें मालिकों को बड़ी धनराशि देनी होती थी। उनसे बेगार लिया
जाता था। उनपर शारीरिक अत्याचार भी किया जाता था। गाँधीजी ने इन अत्याचारों के विरुद्ध
किसानों को अहिंसात्मक असहयोग आंदोलन करने की प्रेरणा दी। इसके फलस्वरूप अंगरेजी सरकार
ने एक जाँच समिति बनाई। इस समिति की सिफारिश पर चंपारण कृषि कानून बनाया गया। इससे
किसानों पर किए गए अत्याचार समाप्त हो गए। किसानों में राष्ट्रवाद का विकास हुआ।
खण्ड-ग (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 5 × 3 = 15
15. हड़प्पा सभ्यता की नगर-निर्माण योजना का विवरण दें।
उत्तर
- हड़प्पा सभ्यता अपने नियोजित दो-स्तरीय नगर-निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। मोहनजोदड़ो
तथा अन्य स्थलों के नगर-निर्माण में एक छोटा परंतु ऊँचा स्थल तथा दूसरा बड़ा, किंतु
नीचा स्थल होता था। पहला भाग कच्ची ईंटों से बने चबूतरे पर स्थित होता था। इसे चारों
ओर से किलाबंदी (दुर्ग) के द्वारा निचले भाग से अलग किया जाता था। इस प्रकार दुर्ग
को बाढ़ या आक्रमणों से सुरक्षित भी रखा जाता था। इस भाग को धनी तथा शासक वर्ग का आवास-स्थल
माना गया है। निचले भाग को सामान्य लोगों का आवास स्थान माना गया है। इन दो स्तरीय
नगरों में सड़कों, गलियों तथा जल-निकास व्यवस्था नियोजित रूप से किया जाता था। नगरों
में पहले नालियाँ, फिर गलियाँ और अंत में पक्की ईंटों से भवन बनाए जाते थे।
हड़प्पन
नगरों की एक अन्य विशेषता थी उसकी आवागमनीय व्यवस्था । प्रत्येक मुख्य चौड़ी सड़क को
कई छोटी सड़कों तथा गलियों से जोड़ा जाता था । सड़कें एवं गलियाँ एक-दूसरे को समकोण
पर काटती थीं। हड़प्पन नगर अनेक वर्गाकार आयतों में बँटा होता था । सड़कें ढलुआँ होती
थीं जिससे जल जमाव को रोका जा सके। सड़कों के किनारे कूड़ा के लिए गड्ढे होते थे तथा
उनकी सफाई नियमित होती थी।
हड़प्पा
सभ्यता की जल-निकासी प्रणाली उसकी एक प्रमुख विशेषता थी। पक्की ईंटों से बनी प्रत्येक
घर की नालियाँ मुख्य नाली से जुड़ी होती थीं। इनको ढँका जाता था। बीच-बीच में गड्ढे
होते थे जिससे नालियों को साफ किया जा सकता था। यह विशेषता अन्य किसी सभ्यता में स्पष्ट
नहीं थी।
16. भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में मूर्तिकला के महत्त्व को लिखें।
उत्तर-
छठी सदी भारतीय इतिहास में सांस्कृतिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है। अन्य स्रोतों
के अलावा इसकी जानकारी मूर्तिकला से भी मिलती है। मूर्तियों से उस काल के धार्मिक रीति-रिवाज,
मान्यताओं तथा अन्य धार्मिक गतिविधियों को जाना जा सकता है।
मूर्तिकला
का विकास विशेषकर नव-ब्राह्मणवाद तथा बौद्ध धर्म के उदय के कारण हुआ था। उत्तरवैदिक
काल में शिव तथा विष्णु और विष्णु के इन अवतारों की कल्पना शिव-विष्णु पुराणों में
लिखी गई है। इन ग्रंथों में शिव तथा विष्णु से जुड़ी महिमाओं का बखान किया गया था।
इन बातों को कहानियों के द्वारा लोगों में किया गया था। कलांतर में शिव-विष्णु तथा
उनके अवतारों को मनुष्य का रूप देकर उनकी मूर्तियाँ बनाई गईं और उन्हें मंदिरों में
स्थापित की गईं। मूर्तियों को वस्त्र तथा आभूषणों से अलंकृत भी किया गया। उनके साथ
विभिन्न पशुओं की मूर्तियाँ भी बनाई गईं। इससे यह दर्शाया गया कि मनुष्य तथा पशुओं
में घनिष्ठ संबंध होता है। मूर्तियों द्वारा इनकी महिमा लोगों में लोकप्रिय हुई जिससे
कई मान्यताओं तथा रीति-रिवाजों को लोगों में प्रचलित किया गया। अन्य प्रमुख देवताओं;
जैसे गणेश, कुबेर, दुर्गा, लक्ष्मी आदि की मूर्तियाँ भी बनीं। ये सभी जीवन के विभिन्न
पहलुओं के प्रतीक माने गए। ये मूर्तियाँ हिंदू-धर्म, संस्कृति, दर्शन आदि को दिखलाती
हैं।
कुषाण
काल में महायान धर्म में बुद्ध को देवता का रूप मानकर विभिन्न मुद्राओं में बुद्ध की
अनेक मूर्तियाँ बनाई गईं। बौद्ध ग्रंथों, विशेषकर जातक कथाओं को बौद्ध स्तूप के तोरणों
पर मूर्तियाँ बनाकर दिखाई गईं। बुद्ध तथा बोधिसत्त्व की गांधार कला में सफेद तथा काले
पत्थरों से भव्य मूर्तियाँ बनाई गई थीं। इस समय मथुरा शैली भी विकसित हुई जिसमें लाल
रंग के पत्थर से बुद्ध तथा अन्य प्रचलित देवी-देवताओं, जैन गुरुओं आदि की मूर्तियाँ
बनाई गईं।
गुप्तकाल
में धातु की मूर्तियाँ बनाई गईं। इनसे न केवल मूर्तिकला का विकास हुआ अपितु भारतीय
धर्म तथा संस्कृति भी विकसित हुई।
17. विजयनगर का इतिहास संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
अभिलेखों तथा स्थानीय परंपरा के अनुसार विजयनगर की स्थापना हरिहर तथा बुक्का नामक दो
भाइयों द्वारा किया गया था। इनके पिता का नाम संगम था। यह वारंगल का एक सामंत था। बाद
में इस परिवार ने काम्पिल राज्य में मंत्री के रूप में काम किया था। मुहम्मद बिन तुगलक
(दिल्ली का सुलतान) ने काम्पिल पर आक्रमण कर हरिहर तथा बुक्का को बंदी बनाकर दिल्ली
ले आया था। यहाँ दोनों ने ..इस्लाम धर्म अपनाकर सुलतान के विश्वासपात्र बन गए थे। कालांतर
में दक्षिण में अनेक विद्रोह हुए जिनको दबाने लिए सेना के साथ दोनों भाइयों को सुलतान
ने भेजा था। वापस आने पर दोनों इस्लाम धर्म को त्यागकर अपनी शक्ति को बढ़ाया तथा विजयनगर
को अपनी राजधानी बनाकर दक्षिण में संगम वंश की स्थापना की। कई विद्वानों के अनुसार
हरिहर और बुक्का दिल्ली नहीं गए थे। उन्होंने सुलतान के विरुद्ध अन्य दक्षिण राज्यों
की तरह दिल्ली के विरुद्ध विद्रोह कर अपने राज्य की स्थापना की थी।
विजयनगर
के विकास में संगम वंश के अतिरिक्त सुलुव वंश, तुलुव वंश तथा अराविंदु वंश का भी योगदान
था। संगम वंश (वर्ष 1336-1485) के समय इसका क्षेत्रीय विस्तार हुआ था। इस वंश के देवराय
ने बहमनी के सुलतान को हराया था जो एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। देवराय II ने विस्तार
के साथ सैनिक तथा प्रशासनिक सुधार कर इस राज्य को सुदृढ़ किया था।
इस
वंश का सर्वश्रेष्ठ शासक कृष्णदेव राय (वर्ष 1509-1520) था। इस काल में विजयनगर का
विस्तार पूर्व (विजयापट्टम) (कोंकण तक) तथा दक्षिण में (कन्याकुमारी तक) हुआ था। बीजापुर,
रायचूर, गुलबर्गा, उड़ीसा जैसे महत्त्वपूर्ण राज्यों को कृष्णदेव ने परास्त कर विजयनगर
को शक्ति की पराकाष्ठा तक पहुँचाया। उसने अनेक प्रशासनिक सुधार किए थे। इस काल में
अनेक सांस्कृतिक कार्य हुए। तेलुगु साहित्य, स्थापत्यकला, कृषि, न्याय सभी क्षेत्रों
में विकास हुए। धार्मिक सहिष्णुता का पालन लगभग सभी शासकों ने किया था।
14वीं
से 16वीं सदी तक विजयनगर दक्षिण भारत का एक वैभवशाली तथा शक्तिशाली साम्राज्य था। अयोग्य
शासक के दुर्बल शासन, गृहयुद्ध, विभिन्न आक्रमणों तथा तालीकोटा युद्ध के कारण इसका
पतन हुआ था।
18. संथाल विद्रोह के कारणों तथा परिणामों की समीक्षा करें।
उत्तर
- लगान-संबंधी व्यवस्था के कारण संथालों पर कंपनी सरकार, जमींदारों तथा महाजनों ने
अपना प्रभाव स्थापित किया था। सरकार ने इनसे ली जानेवाली लगान-राशि ऊँची रखी थी। इस
कारण उन्हें महाजनों से सूद पर कर्ज लेना पड़ता था। उनकी अज्ञानता का लाभ उठाते हुए
महाजन जाली तथा गलत दस्तावेज बनाते थे। कर्ज नहीं चुकाने पर वे संथालों की सारी संपत्ति
जब्त कर लेते थे। धन के अभाव में वे न्यायालय की सहायता नहीं ले पाते थे। सरकारी कर्मचारी,
पुलिस, थानेदार सभी उनका शोषण करते थे। इन कारणों से संथालों ने 1855 में सिद्धू तथा
कान्हू के नेतृत्व में विद्रोह किया था।
इस
विद्रोह को कंपनी सरकार ने दबा दिया था। उनके क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, उनके गाँव
जला दिए गए तथा नेताओं को मार दिया था। परंतु, साथ में कंपनी सरकार ने संथालों की स्थिति
में सुधार के प्रयास भी किए। इनका एक मित्र प्रशासनिक क्षेत्र बनाया गया। भागलपुर तथा
वीरभूम संथाल आबादी क्षेत्रों को मिलाकर संथाल परगना स्थापित किया गया। इस क्षेत्र
के लिए अलग प्रशासनिक नियम बनाए गए। फिर भी सरकार संथालों के असंतोष का पूरा समाधान
नहीं कर सकी, जिसके कारण अन्य विद्रोह हुए।
19. भारतीय संविधान के निर्माण पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया 1946 में आरंभ हुई थी। इस वर्ष भारतीय स्वतंत्रता-संबंधी
कैबिनेट मिशन ने एक संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा की सिफारिश की थी। इस सिफारिश
के आधार पर ब्रिटिश भारतीय प्रांतों के 1946 में निर्वाचित भारतीय सदस्य तथा देशी रियासतों
के प्रतिनिधियों की एक सभा बुलाई गई। इस सभा में कुल 389 सदस्य थे। इन सदस्यों ने कई
तत्कालीन प्रश्नों पर 1946 से 1949 के मध्य 165 बैठकें प्रारंभ में डॉ० सच्चिदानंद
सिन्हा तथा बाद में डॉ० राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में की थीं। 11 खण्डों में संविधान
का प्रावधान प्रकाशित किया गया था। 21 फरवरी 1948 को प्रारूप तैयार हो जाने पर अध्यक्ष
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 नवंबर 1949 को इसपर हस्ताक्षर किया था। 26 जनवरी 1950 को
इसको लागू किया गया था। संविधान में 395 धाराएँ थीं जिनको 22 भागों में बाँटा गया था।
इसे विश्व का सबसे लंबा संविधान माना जाता है।
संविधान
निर्माण का कार्य अत्यंत जटिल समय में हुआ था। अनेक कारणों से देश में अशांति, हिंसा
तथा विद्रोह का वातावरण था। पूरे देश में आजादी की गूँज थी। साथ में भारत-विभाजन जोर
पकड़ रहा था। माउंटबेटन योजना से देशी राज्यों के अलग होने का भय था । संविधान सभा
के समक्ष केंद्र-राज्य अधिकार, भाषा, अल्पसंख्यकों तथा दलितों के अधिकार जैसे कई महत्त्वपूर्ण
प्रश्न थे। परंतु, ऐसी कठिन परिस्थिति को पार करने में संविधान निर्माता सफल हुए थे।
पं.
जवाहरलाल नेहरू, डॉ० भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, के. एम. मुंशी,
अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, बी. एन. राव तथा एस. एन. मुखर्जी आदि प्रमुख संविधान निर्माता
थे। इन्होंने सभी प्रश्नों का संवैधानिक तरीके समाधान निकाला और एक आदर्श संविधान का
निर्माण किया था।