12th आरोह 12. जैनेन्द्र कुमार (बाजार दर्शन)

12th आरोह 12. जैनेन्द्र कुमार (बाजार दर्शन)
12th आरोह 12. जैनेन्द्र कुमार (बाजार दर्शन)
पाठ के साथ प्रश्न 1. बाजार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है? उत्तर : बाजार का जादू चढ़ने पर व्यक्ति अधिक से अधिक वस्तु खरीदना चाहता है। तब वह सोचता है कि बाजार में बहुत कुछ है और उसके पास कम चीजें हैं। वह लालच में आकर गैर-जरूरी चीजों को भी खरीद लेता है। परन्तु जब बाजार का जादू उतर जाता है, तो उसे वे वस्तुएँ अर्थात् अपने द्वारा खरीदी गई वस्तुएँ अनावश्यक, निरर्थक एवं आराम में खलल डालने वाली लगती हैं। प्रश्न 2. बाजार में भगतजी के व्यक्तित्व का कौनसा सशक्त पहलू उभर कर आता है? क्या आपकी नजर में उनका आचरण समाज में शान्ति स्थापित करने में मददगार हो सकता है? उत्तर : भगतजी बाजार में आँखें खोलकर चलते हैं, लेकिन बाजार की चमक-दमक देखकर वे भौंचक्के नहीं होते। उन पर बाजार का जादू नहीं चलता, कोई असमंजस नहीं होता। वे वहाँ सन्तुलित रहकर सब कुछ देखते रहते हैं, परन्तु उनके मन में कोई अप्रीति या प्रीति का भाव नहीं आता है। वे खुली आँख, सन्तुष्ट मन और प्रसन्न हृदय से चौक बाजार में चले जाते हैं। उन्हें काला नमक और जीरा खरीदना है। इसलिए वे पंसारी की दुकान जाकर जरूरी सामान खरीद कर लौट …