CLASS-12 |
ECONOMICS |
FM- 40+40=80 |
TIME 3 Hrs. |
सभी प्रश्न अनिवार्य हैं 40 × 1 = 40 अंक
सामान्य निर्देश
> कुल 40 प्रश्न है।
> सभी प्रश्नों के उत्तर
अनिवार्य है।
> प्रत्येक प्रश्न के लिए
एक अंक निर्धारित है।
> प्रत्येक प्रश्न के चार
विकल्प दिए गए है। सही विकल्प का चयन कीजिए।
> गलत उत्तर के लिए कोई
अंक नहीं काटे जाएंगे।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्नलिखित में से कौन अर्थव्यवस्था की
एक केन्द्रीय समस्या है?
(क) क्या बचत हो ?
(ख) क्या उपभोग हो ?
(ग) क्या निवेश हो ?
(घ) किसके लिए उत्पादन हो?
2. निम्नलिखित में से कौन किसी वस्तु की
माँग को प्रभावित करने वाला एक कारक नहीं है ?
(क) वस्तु की कीमत
(ख) संबंधित वस्तु की कीमत
(ग) उपभोक्ता की आय
(घ) साधनों की कीमतें
3. किस अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय
समस्याओं का समाधान बाजार शक्तियों के द्वारा होता है ?
(क) समाजवादी अर्थव्यवस्था
(ख) केन्द्रीय योजनाबद्व अर्थव्यवस्था
(ग) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था
(घ) साम्यवादी अर्थव्यवस्था
4. उत्पादन संभावना वक्र का दाहिनी ओर
विवर्तित होने का क्या कारण है ?
(क) बाढ
(ख) संसाधनों का ह्रास
(ग) तकनीकी विकास
(घ) पुरानी तकनीक का प्रयोग
5. किसी वस्तु के उपभोग में एक अतिरिक्त
इकाई से परिवर्तन को क्या कहा जाता है?
(क) औसत उपयोगिता
(ख) कुल उपयोगिता
(ग) सीमांत उपयोगिता
(घ) इनमें से कोई नहीं
6. कुल उपयोगिता अधिकतम होगी जब सीमांत
उपयोगिता का मान होगा ?
(क) 0
(ख) 1
(ग) 1 से अधिक
(घ) ऋणात्मक
7. उदासीनता वक्र के संबंध में कौन सा कथन
असत्य है ?
(क) उदासीनता वक्र की ढाल ऋणात्मक होती है
(ख) उदासीनता वक्र मूलबिन्दु की ओर उत्तल होता है।
(ग) उदासीनता को सम-सन्तुष्टि वक्र भी कहा जाता है।
(घ) दो उदासीनता वक्र एक-दूसरे को
प्रतिच्छेद करते है।
8. निम्नलिखित में से दो वस्तुओं का कौन
सा संयोग पूरक वस्तु का एक संयोग है?
(क) चाय और काफी
(ख) पेप्सी और मिरिंडा
(ग) लक्स साबुन ओर डब साबुन
(घ) कार और पेट्रोल
9. किसी वस्तु की उत्पादन मात्रा और
उत्पत्ति के साधनों के बीच भौतिक संबंध को क्या कहा जाता है?
(क) लागत फलन
(ख) आगम फलन
(ग) माँग फलन
(घ) उत्पादन फलन
10. 'पैमाने का प्रतिफल' का संबंध किस काल
से है?
(क) अल्पकाल
(ख) अति - अल्पकाल
(ग) दीर्घकाल
(घ) शीतकाल
11. "An enquiry into the nature and causes of wealth of nation" नामक
पुस्तक के लेखक कौन है ?
(क) अल्फ्रेड मार्शल
(ख) एडम स्मिथ
(ग) लियोनल रॉबिन्स
(घ) हिक्स
12. यदि किसी वस्तु की माँग रेखा X अक्ष
के समांतर है तो उस वस्तु की माँग की कीमत लोच का मान क्या होगा ?
(क) ∞
(ख) 1 से कम
(ग) 1 से अधिक
(घ) 0
13. निम्न में से कौन सा कथन सत्य है ?
(क) AC = TFC - TVC
(ख) AC = AFC +TVC
(ग) AC = TFC + AVC
(घ) AC = AFC + AVC
14. अल्पकाल में उत्पादन प्रक्रिया में
निम्नलिखित में से कौन से साधन होते है ?
(क) स्थिर साधन
(ख) परिवर्तनशील साधन
(ग) क और ख दोनो
(घ) इनमें से कोई नहीं
15. AR प्रदर्शित किया जाता है ?
(क) TR / Q
(ख) ∆Q
/ P
(ग) ∆TR/∆Q
(घ) इनमें से कोई नहीं
16. किस बाजार में AR वक्र X - अक्ष के समानान्तर होता है ?
(क) पूर्ण प्रतियोगिता
(ख) एकाधिकार
(ग) एकाधिकारी
प्रतियोगिता
(घ) उपर्युक्त सभी
17. पूर्ण प्रतियोगिता
में AR तथा MR के बीच संबंध पाया जाता हैः-
(क) AR = MR
(ख) AR>MR
(ग) AR < MR
(घ) AR + AC = MR
18. ‘समरूप उत्पाद' किस बाजार की विशेषता
है ?
(क) केवल पूर्ण प्रतियोगिता
(ख) केवल अल्पाधिकार
(ग) A
और B दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
19. विभेदीकृत कीमत किस बाजार
की विशेषता है ?
(क) पूर्ण प्रतियोगिता
(ख) एकाधिकार
(ग) क और
ख दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
20. परिवर्तनशील अनुपातों के नियम के
अनुसार एक विवेकशील उत्पादक उत्पादन के किस स्तर पर उत्पादन करना चाहता है?
(क) 1
(ख) 2
(ग) 3
(घ) 4
21. GDP और NDP में क्या संबंध है ?
(क) GDP = NDP - मूल्यह्रास
(ख) GDP = NDP x मूल्यह्रास
(ग) GDP = NDP + मूल्यह्रास
(घ) NDP = GDP + मूल्यह्रास
22. निम्न किस वस्तु के निर्माण में गेहूँ
एक मध्यवर्ती वस्तु है ?
(क) चपाती
(ख) बिस्कुट
(ग) ब्रेड
(घ) इनमें से सभी
23. राष्ट्रीय आय का अध्ययन किस
अर्थशास्त्र से संबंधित है?
(क) व्यष्टि अर्थशास्त्र
(ख) समष्टि
अर्थशास्त्र
(ग) क और ख दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
24. The General
Theory of Employment Interest and Money नामक पुस्तक किसके
द्वारा लिखी गई ?
(क) मार्शल
(ख) रैगनर फ्रिस
(ग) कीन्स
(घ) रिकार्डो
25. निम्नलिखित में से किस विधि से राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है ?
(क) मूल्य वृद्धि विधि
(ख) आय विधि
(ग) व्यय
विधि
(घ) इनमें से सभी
26. निम्न में कौन सा एक कार्य केन्द्रीय
बैंक का नहीं है ?
(क) मुद्रा निर्गमन
(ख) साख नियत्रण
(ग) जनता से जमा स्वीकार करना
(घ) सरकार का बैंक
27. भारत का एक केन्द्रीय बैंक है-
(क) भारतीय
स्टेट बैंक
(ख) सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया
(ग) भारतीय रिजर्व बैंक
(घ) बैंक ऑफ इंडिया
28. निम्नलिखित में सबसे तरल मुद्रा कौन
सी है ?
(क) M1
(ख) M2
(ग) M3
(घ) M4
29. MPC+MPS = ?
(क) 0
(ख) 1
(ग) 2
(घ) ∞
30. किसी अर्थव्यवस्था में यदि MPC = 0.2
है तो गुणक का मान क्या होगा ?
(क) 1.25
(ख) 2
(ग) 2.5
(घ) 5
31. निम्न में से प्रत्यक्ष कर का एक
उदाहरा कौन सा नहीं है ?
(क) उपहार कर
(ख) संपत्ति कर
(ग) वस्तु एवं सेवा कर
(घ) आयकर
32. राजस्व व्यय एवं राजस्व प्राप्तियों
का अंतर को क्या कहा जाता है ?
(क) राजकोषीय घाटा
(ख) प्राथमिक
घाटा
(ग) व्यापार
घाटा
(घ) राजस्व घाटा
33. पेंशन एवं रोजगार भत्ते .....है।
(क) हस्तांतरण आय
(ख) सृजित आय
(ग) मिश्रित
आय
(घ) प्राप्त आय
34. एक देश में कितने केन्द्रीय बैंक होता है ?
(क) 2
(ख) 4
(ग) 1
(घ) 5
35. निम्न में कौन मुद्रा के कार्य है ?
(क) विनिमय का माध्यम
(ख) मूल्य का मापक
(ग) क और ख दोनों
(घ) इनमें
से कोई नहीं
36. भारत में एक रूपये का नोट जारी करता
है ?
(क) भारतीय रिजर्व बैंक
(ख) भारत का वित्त मंत्रालय
(ग) भारतीय
स्टेट बैंक
(घ) भारत का रेल मंत्रालय
37. निम्नलिखित में से कौन सा प्रत्यक्ष
कर है ?
(क) उत्पादन कर
(ख) उपहार कर
(ग) रोजगार कर
(घ) बिक्री कर
38. गुणक किसके बराबर होता है
(क) विनियोग में परिवर्तन के परिणामस्वरूप
आय में परिवर्तन
(ख) बचत में परिवर्तन
(ग) विनियोग में परिवर्तन
(घ) आय एवं बचत में परिवर्तन
39. एक रूपये के नोट के अलावा अन्य नोटों
को कौन जारी करता है ?
(क) भारतीय रिजर्व बैंक
(ख) भारतीय बैंक
(ग) वित्त मंत्रालय
(घ) प्रधानमंत्री
40. निम्नलिखित में कौन भारतीय स्टेट बैंक
के कार्य है ?
(क) जनता से जमा स्वीकार करना
(ख) जनता
को ऋण देना
(ग) क और ख दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 5x2 = 10
किन्हीं पाँच प्रश्न का उत्तर दें
1. केन्द्रीय बैंक एवं व्यापारिक बैंक में
कोई एक अंतर लिखिए ।
उत्तर : किसी भी देश का केन्द्रीय बैंक पर पूर्ण रूप से
उस देश के सरकार का स्वामित्व होता है एवं केंद्रीय बैंक सरकार के दिशानिर्देश पर
कार्य करता है । जबकी व्यापारिक बैंक निजी स्वामित्व वाला प्राइवेट बैंक या सरकार
की हिस्सेदारी वाला बैंक होता है जैसे की भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक,
बरौदा बैंक, यूनाइटेड बैंक इत्यादि ।
2. कर की परिभाषा दीजिए ।
उत्तर : एनातोल मुराद के अनुसार ," कर वह आवश्यक भुगतान
है जो एक व्यक्ति या फर्म
द्वारा सरकार को दिया जाता है। करदाता
को सरकार से मिलने वाले लाभ का इससे
कोई भी सम्बंध नहीं होता।"
3. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) में क्या अंतर है ?
उत्तर : सकल
घरेलू उत्पाद (GDP) देश के घरेलू क्षेत्र के उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं
के मौद्रिक मूल्य को बताता है। जबकि सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) देश के सामान्य निवासियों
द्वारा उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का बाजार मूल्य होता है।
GDP
एक क्षेत्रीय घरेलू धारणा है जो देश के घरेलू क्षेत्र तक सीमित होती है जबकि GNP एक
राष्ट्रीय धारणा है जिसका संबंध देश के सामान्य निवासियों
के साथ होता है।
GDP
= GNP - शुद्ध विदेशी साधन आय
GNP = GDP + शुद्ध विदेशी साधन
आय
GDP
एक संकुचित धारणा है जो केवल घरेलू क्षेत्र तक सीमित होती है जबकि GNP एक व्यापक धारणा
है जिसमें शुद्ध विदेशी साधन आय शामिल होती है।
4. साख सृजन किसके द्वारा किया जाता है ?
उत्तर : व्यावसायिक बैंक
5. अप्रत्यक्ष कर को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : डॉल्टन के अनुसार, "अप्रत्यक्ष कर वे कर हैं
जो लगाए तो किसी एक व्यक्ति पर जाते हैं किंतु इनका आंशिक या पूर्ण रूप से भुगतान
किसी अन्य व्यक्ति को करना पड़ता है।''
6. एकाधिकार का अर्थ लिखिए ।
उत्तर : अंग्रेजी के मोनोपोली शब्द का अर्थ एक विक्रेता
से होता है। अंग्रेजी के मोनो का अर्थ है एक और पोली का अर्थ है विक्रेता ।
एकाधिकार बाजार का एक ऐसा रूप है जिसमें वस्तु का केवल
एक उत्पादक या विक्रेता होता है। एकाधिकार वाली वस्तु का कोई निकटतम प्रतिस्थापन
नहीं होता तथा नयी फर्मों के एकाधिकार बाजार में प्रवेश पाने पर कानूनी, तकनीकी
अथवा प्राकृतिक प्रतिबंध होते हैं। एक एकाधिकारी का कीमत पर पूर्ण नियंत्रण होता
है और वह कीमत विभेद भी कर सकता है।
7. सरकारी बजट से आप क्या समझते है ?
उत्तर : सरकारी
बजट एक वित्तीय वर्ष ( अप्रैल 1 से मार्च 31 तक ) की अवधि के दौरान
सरकार की प्राप्तियों ( आय ) तथा सरकार के व्यय के अनुमानों का विवरण
होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न 5×3
किन्हीं पाँच प्रश्न का उत्तर दें
8. मुद्रा को लेखे की इकाई कहा जाता है ।
इस कथन का वर्णन कीजिए ।
उत्तर : मुद्रा का दूसरा कार्य वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य
को मापना है। मुद्रा लेखे की इकाई (Unit of Account) के रूप में मूल्य का मापदंड
करती है। लेखे की इकाई से अभिप्राय यह है कि प्रत्येक वस्तु तथा सेवा का मूल्य
मुद्रा के रूप में मापा जाता है। वस्तु विनिमय की एक मुख्य कठिनाई मूल्य मापने का
अभाव था । मुद्रा के द्वारा इस कठिनाई को दूर किया जा सका है। प्रत्येक वस्तु और
सेवा की कीमत मुद्रा के रूप में व्यक्त की जा सकती है, जब हम यह कहते हैं कि एक
किलो चीनी की कीमत 15 रुपये है। तो यह चीनी का मुद्रा में व्यक्त किया गया मूल्य
है।
क्राउथर के
अनुसार, "यह लेखे की इकाई का कार्य करती है। यह मूल्य के मापदंड अथवा
प्रमाणिक मापक जिससे अन्य सभी वस्तुओं की तुलना की जा सकती है, का कार्य करती
है।" मुद्रा के द्वारा सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य अथवा कीमतों को मापा
जा सकता है तथा व्यक्त किया जा सकता है।
प्रत्येक वस्तु का मूल्य आँकने के पश्चात् मुद्रा
विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के बीच ऐसा अनुपात निर्धारित करती है जिसके आधार पर
वस्तुओं तथा सेवाओं में परस्पर विनिमय संभव होता है। इसके फलस्वरूप हिसाब-किताब
(Accounting) रखना सरल हो जाता है। आय तथा व्यय की विभिन्न मदें, परिसंपत्तियां (Assets),
दायित्व (Liabilities) आदि को मुद्रा के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। मुद्रा
के इस कार्य के फलस्वरूप व्यापारिक फर्मों अपनी लागतों, आय, लाभ, हानि का अनुमान
लगा सकती हैं। देश की राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय की गणना की जा सकती है
तथा योजनाओं का निर्माण किया जा सकता है। मुद्रा के सामान्य मूल्य मापक कार्य के
फलस्वरूप समाज में आर्थिक सूचनाएँ प्रसारित करना संभव हो गया है। कीमत संयंत्र
(Price Mechanism) की सहायता से, उपभोक्ता अपनी माँग तथा उत्पादक अपनी पूर्ति के
लक्ष्य का निर्धारण कर सकते हैं।
9. सरकारी बजट के उद्देश्य को लिखिए ।
उत्तर
: सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान सरकार की
प्राप्तियों (आय) तथा सरकार के
व्यय के अनुमानों का विवरण होता है।
सरकारी बजट के उद्देश्य
(1) आय
तथा संपत्ति का पुनः वितरण :-
संपत्ति और आय का समान बटवारा सामाजिक न्याय का प्रतीक है जो कि
भारत जैसे किसी भी कल्याणकारी राज्य का मुख्य उद्देश्य होता है।
(2) संसाधनों
का पुनः आवंटन :-
अपनी बजट संबंधी नीति द्वारा देश की सरकार संसाधनों का आवंटन इस
प्रकार करती है जिससे अधिकतम लाभ तथा सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन स्थापित किया
जा सके
(3) आर्थिक
स्थिरता :- अर्थव्यवस्था
में तेजी और मंदी के चक्र चलते हैं। सरकार अर्थव्यवस्था को इन व्यापार चक्रो से सुरक्षित रखने के लिए सदा वचनबद्ध होती है। सरकार आर्थिक स्थिरता की स्थिति को प्राप्त करने का प्रयत्न करती
है।
(4) सार्वजनिक उद्यमों का प्रबंध
:- सरकार के बजट संबंधी नीति से ही यह प्रकट होता है कि वह किस प्रकार सार्वजनिक उद्यमों
के माध्यम से विकास की गति को तीव्र करने के लिए उत्सुक
है। प्राय: सार्वजनिक उद्यमो को उन क्षेत्रों में लगाने का प्रयत्न किया जाता है जहां प्राकृतिक
एकाधिकार पाया जाता है।
10. वस्तु विनिमय प्रणाली के किसी एक दोष
का वर्णन कीजिए ।
उत्तर : प्रश्न संख्या 18 का उत्तर देखें।
11. भुगतान शेष के चालू खाते के घटकों को
लिखिए ।
उत्तर : चालू खाता वह खाता है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं
के आयात और निर्यात एवं एक पक्षीय अंतरणों का हिसाब-किताब रखा जाता है।
चालू खाते
की मदें (घटक)
चालू खाते में निम्नलिखित सौदे रिकार्ड किए जाते हैं:
(i) वस्तुओं का निर्यात तथा आयात (अथवा दृश्य मदें)
(ii) सेवाओं का निर्यात तथा आयात (अथवा अदृश्य मदें)
(iii) एक देश से दूसरे देश को एकपक्षीय अंतरण।
महत्त्वपूर्ण
अवलोकन
भुगतान शेष के चालू खाते के संदर्भ में कुछ महत्त्वपूर्ण
अवलोकन इस प्रकार हैं:
(i) सभी निर्यातों (वस्तुओं तथा सेवाओं) को धनात्मक (+)
मदों में गिना जाता है क्योंकि इनके फलस्वरूप देश में विदेशी विनिमय का प्रवाह
होता है।
(ii) सभी आयातों (वस्तुओं और सेवाओं) को ऋणात्मक (-)
मदों में गिना जाता है क्योंकि इनके परिणामस्वरूप विदेशी विनिमय का प्रवाह देश से
बाहर को होता है।
(iii) वस्तुओं के निर्यात और आयात के शेष को दृश्यगत
व्यापार का शेष कहा जाता है।
(iv) सेवाओं के निर्यात तथा आयात के शेष को अदृश्य
व्यापार का शेष कहा जाता है।
(v) एक पक्षीय प्राप्तियों को धनात्मक मदें माना जाता
है।
(vi) एक पक्षीय भुगतानों को ऋणात्मक मदें माना जाता है।
(vii) तीनों शेषों (i) दृश्य व्यापार शेष (ii) अदृश्य
व्यापार शेष तथा (iii) एक पक्षीय अंतरण शेष के शुद्ध मूल्य को चालू खाते का शेष
कहा जाता है।
12. मध्यवर्ती वस्तु और अंतिम वस्तु में
अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर
:
अन्तिम वस्तुएं |
मध्यवर्त्ती वस्तुएं |
अन्तिम
वस्तुएं
वे वस्तुएं हैं जिन्होंने उत्पादन की सीमा
रेखा को पार कर लिया है। |
मध्यवर्त्ती
वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जो अभी उत्पादन की सीमा
रेखा में ही है। |
इनमें
कोई मूल्य जोड़ना शेष नहीं है। |
मध्यवर्त्ती
वस्तुओ में मूल्य जोड़ना शेष रहता है। |
अंतिम
उपभोग
करने वालों (जिनमें उपभोक्ता तथा उत्पादक सम्मिलित होते
हैं) के लिए तैयार होती है। |
अंतिम
उपभोग
करने के लिए तैयार नहीं रहती। |
राष्ट्रीय
आय
का अनुमान लगाने के लिए अंतिम वस्तुओं को सम्मिलित किया जाता है। |
राष्ट्रीय
आय
का अनुमान लगाने के लिए सम्मिलित नहीं किया जाता है। |
13. किसी वस्तु की माँग को प्रभावित करने
वाले कारकों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर
:
मांग को प्रभावित या निर्धारित करने वाले
तत्त्व
(1) आय में परिवर्तन :- जब लोगों की आय बढ़ जाती है तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ जाती है और वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है ।आय के घटने से कम वस्तुओं की मांग होने लगती है।
(2) मूल्य में परिवर्तन :- सामान्यता कीमत के कम होने पर वस्तुओं की मांग बढ़ती है और कीमत के बढ़ जाने पर वस्तुओं की मांग घट जाती है।
(3) जनसंख्या में परिवर्तन :- जनसंख्या के बढ़ने पर समस्त वस्तुओं की पहले की तुलना में मांग बढ़ जाती है और जनसंख्या के घट जाने पर मांग कम हो जाती है।
(4) जलवायु तथा मौसम में परिवर्तन :- वर्षा के मौसम में छाते तथा बरसाती की मांग होती है । जाड़ा में ऊनी कपड़ों की तथा गर्मी में कूलर ,ठंडे पेय पदार्थों की मांग बढ़ती है।
(5) अनुमान में परिवर्तन :- जब किसी कारण से भविष्य में किसी वस्तु के न मिलने का अनुमान होने लगता है तो अधिक कीमत पर भी अधिक मांग होती है।
(6) आय के वितरण में परिवर्तन
(7) आदत , रुचि एवं फैशन में परिवर्तन
(8) विज्ञापन
14. अल्पकालीन उत्पादन फलन एवं दीर्घकालीन
उत्पादन फलन में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : अल्पकालीन
उत्पादन फलन तथा दीर्घकालीन उत्पादन
फलन में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं
(क) उत्पादन
फलन का प्रकार :- साधन के प्रतिफल
की यह मान्यता है कि साधनों का अनुपात परिवर्तनशील होता है। इसके विपरीत पैमाने के
प्रतिफल की यह मान्यता है कि साधनों का अनुपात स्थिर रहता है।
(ख) परिवर्तनशील
साधनों की संख्या :- साधन
के प्रतिफल उस समय लागू होते हैं जब केवल एक साधन परिवर्तनशील होता है तथा बाकी साधन
स्थिर रहते हैं। इसके विपरीत पैमाने का प्रतिफल उस समय लागू होता है जब उत्पादन के
सभी साधन परिवर्तनशील होते हैं।
(ग) उत्पादन का पैमाना :- साधन के प्रतिफल इस मान्यता पर आधारित
है कि उत्पादन के पैमाने में परिवर्तन नहीं होता। इसके विपरीत पैमाने के प्रतिफल इस
मान्यता पर आधारित है कि उत्पादन के पैमाने में परिवर्तन होता है।
(घ) साधन अनुपात :- पैमाने के प्रतिफल का अध्ययन इस
मान्यता पर किया जाता है कि साधन अनुपात स्थिर रहता है। इसके विपरीत साधन प्रतिफल इस
मान्यता पर आधारित है कि साधन अनुपात में परिवर्तन होता है।
(ड़) समय अवधि :- पैमाने का प्रतिफल केवल दीर्घकालीन
संभावना है जबकि साधन के प्रतिफल का अध्ययन अल्पकाल के संदर्भ में किया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 3×5=15
किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर दें
15. सीमांत उत्पाद और औसत उत्पाद में
संबंध की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर : औसत उत्पाद तथा सीमांत उत्पाद के बीच संबंध निम्नलिखित
हैं –
AP = TPLTPL
सीमांत उत्पादन (MP) :- परिवर्तनशील साधन की एक अतिरिक्त इकाई और लगाने से कुल उत्पादन में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत उत्पादन कहते हैं।
(i) जब सीमांत उत्पाद, औसत उत्पाद से अधिक (MP > AP)
होता है, तब औसत उत्पाद बढ़ता है। चित्र
में ऐसा बिंदु 'a' से पहले तक है जब औसत उत्पाद अपनी चोटी या ऊपरी सिरे
(Top) पर है।
(ii) जब सीमांत उत्पाद, औसत उत्पाद से कम होता है (MP
<AP) तब औसत उत्पाद घटता है चित्र में ऐसा बिंदु 'a' के बाद होता है जहाँ औसत
उत्पाद अपनी चोटी या ऊपरी सिरे पर है।
(iii) जब सीमांत उत्पाद तथा औसत उत्पाद दोनों बराबर होते
हैं (MP = AP) तब औसत उत्पाद अधिकतम होता है। चित्र में यह बिंदु ठीक 'a' पर है।
(iv) MP शून्य एवं ऋणात्मक हो सकता है परन्तु AP सदा
धनात्मक रहता है।
(v) MP वक्र AP वक्र को उसके उच्चतम बिंदु पर काटता
है क्योंकि: जब AP में वृद्धि होती है, तब
MP > AP होता है; जब AP में गिरावट आती है तब MP <AP होता है। इसके अनुसार
AP केवल जब अपने उच्चतम बिंदु पर स्थिर (Stable at its top) होता है तब भी AP = MP
होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि MP वक्र AP वक्र को उसके उच्चतम बिंदु पर काटता है।
16. पूर्ण प्रतियोगिता में एक फर्म का
संतुलन की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर : पूर्ण प्रतियोगिता में संतुलन के दो शर्त है
(1) MR=MC
(2) MC की रेखा MR रेखा को नीचे से ऊपर जाते हुए काटे ।
चित्र में, E1 बिन्दु पर संतुलन नहीं हो सकता क्योंकि यहां केवल एक ही शर्त पुरा हो रहा है। E बिन्दु पर फर्म संतुलन पर होगा क्योंकि यहा दोनों शर्ते की पूर्ति हो रही है।
हम जानते हैं की
π = R – C
जहां , π = लाभ , R = आय , C = लागत
We find first derivatives with Respect to X
dπdx=dRdx-dCdxdπdx=dRdx−dCdx
लाभ अधिकतम करने पर ;dπdx=dπdx= 0
or,dRdx=dCdxor,dRdx=dCdx
⸫ MR = MC
We find Second derivatives With Respect To X
d2πdx2=d2Rd2x-d2Cd2xd2πdx2=d2Rd2x−d2Cd2x
लाभ अधिकतम करने पर ; d2πdx2d2πdx2< 0
or,d2Rd2x-d2Cd2x<0or,d2Rd2x−d2Cd2x<0
or,d2Rd2x<d2Cd2xor,d2Rd2x<d2Cd2x
or,d2Cd2x>d2Rd2x
or,ddx(dCdx)>ddx(dRdx)
अतः , Slope of (MC) > Slope of (MR)
17. केन्द्रीय बैंक के कार्यों का वर्णन
कीजिए ।
उत्तर : डी.
कॉक के शब्दों में," केंद्रीय बैंक
का बैंक है जो देश की मौद्रिक तथा बैंकिंग प्रणाली के शिखर पर होता है"
भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व
बैंक ऑफ इंडिया है जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 ई. को की गई।
एक केंद्रीय बैंक द्वारा किए
जाने वाले मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं
1. मुद्रा जारी करना
:- वर्तमान समय में संसार के प्रत्येक देश में नोट (मुद्रा
) छापने का एकाधिकार केवल केंद्रीय बैंक को ही प्राप्त होता है और केंद्रीय बैंक द्वारा
जारी किए गए नोट सारे देश में असीमित विधिग्राह्म के रूप में
घोषित होते हैं
2. सरकार
का बैंक :- केंद्रीय बैंक सभी
देशों में सरकार के बैंकर, एजेंट एवं वित्तीय परामर्शदाता
के रूप में कार्य करते हैं। सरकार बैंकर
के रूप में यह सरकारी विभागों के खाते रखता है तथा सरकारी कोषों की व्यवस्था
करता है। यह सरकार के लिए उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार
व्यवसायिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए करते हैं। आवश्यकता पड़ने
पर सरकार को बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है।
3. बैंकों का बैंक
:- केंद्रीय बैंक देश के अन्य बैंकों के लिए बैंक का कार्य करता है। केंद्रीय बैंक अन्य बैंकों के नगद कोष का कुछ भाग अपने पास जमा के रूप में रखता
है, ताकि ग्राहकों की मांग होने पर वह उनके
धन की अदायगी कर सके।
4. बैंको
का निरीक्षण :- बैंकों का बैंक होने के कारण केंद्रीय बैंक
वाणिज्य बैंकों का निरीक्षण भी करता है। इसके लिए उसे ये कार्य
करने होते हैं - (a) वाणिज्यक बैंकों को लाइसेंस जारी करना
(b) देश के विभिन्न भागों तथा विदेशों में वाणिज्यक बैंकों
की शाखाएं खुलवा कर उनका विस्तार करना (c) वाणिज्यक बैंकों
का विलयन तथा (d) बैंको का परिसमापन
5. अन्तिम
ऋणदाता
6. देश के विदेशी मुद्रा कोषों
का संरक्षण
7. समाशोधन
गृह का कार्य
8. साख मुद्रा
का नियंत्रण
9. आंकड़े
इकट्ठा करना
10. अन्य
कार्य - (a) कृषि वित्त (b) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा
सम्मेलन (c) मुद्रा तथा बिल बाजार
(d) फटे पुराने नोट वापिस लेना।
18. वस्तु विनिमय प्रणाली के किसी एक दोष
का वर्णन कीजिए ।
उत्तर : विनिमय की वह प्रणाली, जिसमें विनिमय के साधन के रूप में मुद्रा का प्रयोग नहीं होकर, वस्तु का प्रयोग होता है, वस्तु विनिमय प्रणाली के नाम से जानी जाती है।
मुद्रा के प्रयोग द्वारा वस्तु विनिमय के निम्न दोष दूर हुए
1. वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यमान के इकाई का अभाव वस्तु विनिमय प्रणाली की प्रमुख समस्या है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि यदि एक व्यक्ति को 5 मीटर कपड़े की आवश्यकता है तथा उसे वह अपने पास के गेहूं से बदलना चाहता है, तब प्रति मीटर कपड़े के लिए उसे कितना गेहूं देना होगा निश्चित नहीं कर पाता। इस प्रकार मूल्यमान के उभयनिष्ठ इकाई के अभाव में विनिमय सीमित हो जाता है।
मुद्रा व्यवस्था के अंतर्गत हर वस्तु अथवा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में व्यक्त किया जाता है, जिससे विनिमय के अनुपात को निश्चित करने में कोई कठिनाई नहीं होती।
मुद्रा के मापक के रूप में प्रयोग करने से आर्थिक गणना का कार्य बहुत ही सुगम हो जाता है।
2. वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य या धन संचय का कोई स्थान नहीं होता इस व्यवस्था में सिर्फ वस्तुओं का भंडारण किया जा सकता है। उससे वस्तुओं के खराब होने की संभावना बनी रहती है।
किंतु मुद्रा के प्रयोग से मनुष्य भविष्य के लिए क्रय शक्ति का संचय कर सकता है। वस्तुएं एवं सेवाएं बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है, उसका कुछ भाग वर्तमान आवश्यकताओं पर व्यय कर दिया जाता है और शेष भविष्य के लिए जमा कर लिया जाता है।
19. बैंक दर क्या है? बैंक दर मुद्रा की
पूर्ति को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर : बैंक दर ब्याज की वह न्यूनतम दर है जिस पर देश
का केंद्रीय बैंक (अंतिम ऋणदाता होने के कारण) वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देने के
लिये तैयार होता है।
बैंक दर के बढ़ने से ब्याज की दर बढ़ती है तथा ऋण महँगा
होता है। इसके फलस्वरूप साख की माँग कम हो जाती है। इसके विपरीत, बैंक दर कम करने
पर वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अपने उधारकर्ताओं से लिए जाने वाले ब्याज की बाजार दर
कम हो जाती है। अर्थात् साख (ऋण) सस्ती हो जाती है। इसके फलस्वरूप साख की माँग बढ़
जाती है। मुद्रा स्फीति के समय जब साख का संकुचन जरूरी होता है तब केंद्रीय बैंक
महँगी साख नीति को अपनाता है। अवस्फीति के समय जब साख का विस्तार करना जरूरी होता
है तब केंद्रीय बैंक सस्ती साख नीति को अपनाता है।
बैंक दर नीति की सफलता निम्नलिखित
कारकों पर निर्भर करती है:
(i) ऋणों के लिए वाणिज्यिक
बैंकों की केंद्रीय बैंक पर निर्भरता का अंश : यदि वाणिज्यिक बैंकों के पास अपने फालतू
फंड ग्राहकों की उधार की जरूरत पूरी करने के लिए काफी हैं तो उनकी केंद्रीय बैंक पर
निर्भरता बहुत कम होगी।
(ii) वाणिज्यिक बैंकों की केंद्रीय
बैंक से फंडस की माँग की संवेदनशीलता का अंश :
बाजार की दशाओं को देखते हुए, वाणिज्यिक बैंक, बैंक दर में छोटी-सी वृद्धि या
कमी के प्रति यदि संवेदनशील नहीं हैं तो ऐसी परिस्थिति में बैंक दर की नीति को विशेष
सफलता प्राप्त नहीं हो सकती।
(iii) मुद्रा बाजार में व्याज
दर का ढाँचा : यदि बाजार में गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं अपनी ब्याज दर में उसी प्रकार
परिवर्तन कर दें जैसा कि केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों से आशा करता है, तो बैंक दर
की नीति सफल नहीं हो पाएगी।
(iv) बाजार में समुचित फण्डस
की पूर्ति : बैंक दर की नीति तब भी सफल नहीं होगी यदि बैंकिंग साधनों की अपेक्षा गैर-बैंकिंग
फण्डस के साधन अधिक महत्व रखते हैं।