12th वितान 4. डायरी के पन्ने (ऐन फैंक) पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. "यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है,
एक ऐसी आवाज, जो किसी सन्त या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की है।" इल्या
इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के सन्दर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार
करें। उत्तर
: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में हिटलर का शासन था। उस समय अपनी नस्लवादी
नीतियों के कारण हिटलर ने वहाँ रहने वाले साठ लाख यहूदियों को अनेक यातनाएँ झेलने को
विवश किया था। ऐन फ्रैंक भी रिवार की लड़की थी। उसे भी अपने परिवार के साथ दो वर्ष
से भी अधिक समय तक अनेक कष्टों को झेलना पड़ा था। उसी अवधि में उसने उन सब स्थितियों
का वर्णन अपनी डायरी में किया। उस समय यहूदियों को अपने-अपने घरों से भाग कर अज्ञात
स्थानों पर रहना पड़ा था। उन्हें आतंक, भय, भूख-प्यास, पकड़े जाने की चिन्ता एवं हवाई
हमलों के भय से रात-दिन भूमिगत रहना पड़ता था। वे
न दिन में बाहर आ सकते थे, न रात में निश्चिन्त सो सकते थे। राशन की कमी, बिजली की
कटौती तथा चोर-उचक्कों का भय भी बना रहता था। यातना-गृहों एवं नाजी शिविरों में अमानवीय
व्यवहार किया जाता था। इन …