Jac Board Class 12 Economics (Arts) 2023 Answer key

Jac Board Class 12 Economics (Arts) 2023 Answer key

झारखण्ड अधिविद्य परिषद्

ANNUAL INTERMEDIATE EXAMINATION - 2023

ECONOMICS  (Arts) (Optional)

कुल समय : 3 घंटे 20 मिनट           पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

इस प्रश्न पुस्तिका में दो भाग हैं - भाग - A तथा भाग -B

भाग - A में 40 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न हैं जिनके उत्तर अलग से दिये गये OMR उत्तर पत्रक पर चिह्नित करें | भाग - A के उत्तर पहले 2.00 अपराह्न से 3.35 अपराह्न तक हल करेंगे एवं इसके उपरान्त OMR उत्तर पत्रक वीक्षक को 3.35 अपराह्न पर लौटा देंगे ।

भाग -B में 40 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके उत्तर अलग से दिये गये उत्तर पुस्तिका पर हल करें। भाग-B के उत्तर के लिए समय 3.40 अपराह्न से 5.20 अपराह्न तक निर्धारित है । परीक्षार्थी परीक्षा के उपरान्त प्रश्न पुस्तिका को ले जा सकते हैं।

भाग- A

(बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न )

वर्ग-12

विषयअर्थशास्त्र

पूर्णांक-40

समय-1 घंटा 30 मिनट

1. सावधानी पूर्वक सभी विवरण OMR उत्तर पत्रक पर भरें ।

2. आप अपना पूरा हस्ताक्षर OMR उत्तर पत्रक पर दी गई जगह पर करें ।

3. इस भाग में कुल 40 बहु-विकल्पीय प्रश्न हैं ।

4. सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 1 अंक निर्धारित है।

5. गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटा जायेगा।

6. OMR उत्तर पत्रक के पृष्ठ 2 पर प्रदत्त सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा उसके अनुसार कार्य करें।

7. प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से सबसे उपयुक्त उत्तर को आप अपने OMR उत्तर पत्रक पर ठीक-ठीक गहरा काला करें। केवल नीला या काला बॉल-प्वाइंट कलम का ही प्रयोग करें। पेंसिल का प्रयोग वर्जित है।

8. OMR उत्तर पत्रक पर दिये गये निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन कीजिए अन्यथा आपका OMR उत्तर पत्रक अमान्य होगा और उसका मूल्यांकन नहीं किया जायेगा ।

1. अर्थव्यवस्था की किस समस्या का संबंध उत्पादन की तकनीकी के चयन से है ?

(1) क्या उत्पादन करें ?

(2) कितनी मात्रा में उत्पादन करें ?

(3) कैसे उत्पादन करें ?

(4) किसके लिए उत्पादन करें ?

2. कुल उपयोगिता अधिकतम होती है, जब सीमांत उपयोगिता का मान ....... होता है।

(1) शून्य

(2) ऋणात्मक

(3) धनात्मक

(4) न्यूनतम

3. सामान्यतः एक उदासीनता वक्र होता है।

(1) वृत्ताकार

(2) 'U' आकार का

(3) मूल बिन्दु की ओर उत्तल

(4) मूल बिन्दु की ओर अवतल

4. सामान्यतः एक माँग वक्र की ढाल होती है।

(1) धनात्मक

(2) ऋणात्मक

(3) पहले धनात्मक, फिर ऋणात्मक

(4) पहले ऋणात्मक, फिर धनात्मक

5. एक सरल रेखा माँग वक्र के मध्य बिन्दु पर माँग की कीमत लोच .........होती है।

(1) शून्य

(2) एक

(3) एक से अधिक

(4) एक से कम

6. निम्न में से किस वक्र का आकार उल्टा 'U' आकार का होता है ?

(1) औसत स्थिर लागत

(2) औसत परिवर्ती लागत

(3) सीमांत लागत

(4) औसत उत्पाद

7. उत्पादन फलन Q=ALα Kβ में पैमाने का प्रतिफल की माप है

(1) α + β

(2) α - β

(3) α x β

(4) α / β

8. सीमांत लागत और औसत लागत एक दूसरे के बराबर होती हैं, जब

(1) सीमांत लागत घटती है

(2) सीमांत लागत बढ़ती है।

(3) सीमांत लागत न्यूनतम होती है

(4) औसत लागत न्यूनतम होती है।

9. निम्नलिखित में से कौन-सा वक्र उत्पाद अक्ष के समांतर होता है ?

(1) कुल स्थिर लागत वक्र

(2) औसत परिवर्ती लागत वक्र

(3) सीमांत लागत वक्र

(4) औसत लागत वक्र

10. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में किस प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन होता है ?

(1) असंबंधित

(2) घटिया

(3) समरूप

(4) विभेदीकृत

11. अन्य बातें समान रहने पर किसी वस्तु की कीमत में 5% की वृद्धि होने से उस वस्तु पूर्ति की मात्रा 6% बढ़ जाती है तो वस्तु की पूर्ति की कीमत लोच का मान क्या होगा?

(1) 30

(2) 0.83

(3) 1.2

(4) 2

12. अल्पकाल में एक पूर्ण प्रतियोगी फर्म को हानि होती है, जब

(1) MR > MC

(2) MR < MC

(3) P > AC

(4) P < AC

13. यदि किसी वस्तु की बाजार माँग तथा बाजार पूर्ति क्रमश: D और S हैं तो बाजार संतुलन को निम्न में से किस स्थिति से दर्शाया जा सकता है ?

(1) D = S

(2) D-S=0

`(3)\frac{\ D}{\ S}=1`

(4) इनमें से सभी

14. पूर्ति आधिक्य की स्थिति में किसी वस्तु की कीमत में ............. होने की प्रवृत्ति होती है।

(1) वृद्धि

(2) कमी

(3) अपरिवर्तित

(4) इनमें से सभी

15. फ़मों के मुक्त प्रवेश तथा निकास की स्थिति में बाज़ार कीमत सदैव के बराबर होती है।

(1) न्यूनतम सीमांत लागत

(2) कुल स्थिर लागत

(3) न्यूनतम औसत लागत

(4) औसत परिवर्ती लागत

16. उच्चतम निर्धारित कीमत से बाजार में ............. की स्थिति उत्पन्न होती है।

(1) संतुलन

(2) माँग आधिक्य

(3) पूर्ति आधिक्य

(4) न्यून माँग

17. एकाधिकार में फर्मों की संख्या कितनी होती है ?

(1) 1

(2) 2

(3) 4

(4) 10

18. एक एकाधिकारी नियंत्रित कर सकता है

(1) केवल कीमत की

(2) केवल उत्पादन मात्रा को

(3) कीमत और उत्पादन मात्रा दोनों को

(4) कीमत या उत्पादन मात्रा में किसी एक को

19. जिस बाजार संरचना में केवल दो फर्म हों, उसे कहा जाता है

(1) एकाधिकार

(2) द्वि-अधिकार

(3) अल्पाधिकार

(4) पूर्ण प्रतियोगिता

20. 'कार्टल' निर्माण किस प्रकार की बाजार संरचना में संभव है ?

(1) पूर्ण प्रतियोगिता

(2) एकाधिकार

(3) द्वि-अधिकार

(4) इनमें से सभी

21. 'द जेनरल थ्योरी ऑफ इम्प्लोइमेन्ट, इन्टरेस्ट एण्ड मनी' नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?

(1) अल्फ्रेड मार्शल

(2) एडम स्मिथ

(3) जे. एम. केन्स

(4) जे. एन. केन्स

22. GDP और NDP में क्या संबंध है ?

(1) GDP = NDP-मूल्यह्रास

(2) GDP = NDP x मूल्यह्रास

(3) GDP = NDP + मूल्यह्रास

(4) NDP = GDP + मूल्यह्रास

23. निम्न में किस वस्तु के निर्माण में गेहूँ एक मध्यवर्ती वस्तु है ?

(1) चपाती

(2) बिस्कुट

(3) ब्रेड

(4) इनमें से सभी

24. किसी वर्ष में GDP की गणना में निम्न में से किस मद को शामिल नहीं किया जाएगा ?

(1) नई कार का मूल्य

(2) प्रयुक्त कार का बिक्री मूल्य

(3) शिक्षक का शिक्षण शुल्क

(4) ब्रेड का मूल्य

25. निम्नलिखित में से किस विधि से GDP की गणना की जा सकती है ?

(1) मूल्य वृद्धि विधि

(2) आय विधि

(3) व्यय विधि

(4) इनमें से सभी

26. सन् 2016 में किए गए विमुद्रीकरण में किस मूल्य के नोट को बाजार प्रचलन से बाहर किया गया था ?

(1) 50 रुपये एवं 100 रुपये

(2) 100 रुपये एवं 500 रुपये

(3) 500 रुपये एवं 1000 रुपये

(4) 500 रुपये एवं 50 रुपये

27. वस्तु विनिमय प्रणाली का एक दोष निम्न में से कौन-सा है ?

(1) वस्तु की कीमत का निर्धारण आसान

(2) आवश्यकता के दोहरे संयोग का अभाव

(3) मूल्यों के बीच तुलना करना आसान

(4) मूल्य का संचय करना आसान

28. भारत का केन्द्रीय बैंक निम्न में से कौन-सा है ?

(1) भारतीय स्टेट बैंक

(2) सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया

(3) भारतीय रिज़र्व बैंक

(4) बैंक ऑफ इंडिया

29. निम्न में से किस परिस्थिति में मुद्रा की पूर्ति में कमी हो सकती है ?

(1) बैंक दर में कमी

(2) नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में वृद्धि

(3) RBI के द्वारा प्रतिभूतियों का क्रय

(4) इनमें से सभी

30. उपभोग फलन C = 100+ 0.5 Y में स्वायत्त उपभोग है।

(1) 0.5

(2) 0.5 Y

(3) 100

(4) C

31. MPC के मान के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सत्य हैं ?

(1) 0 > MPC > 1

(2) 1 < MPC < 0

(3) 0 ≤ MPC ≤ 1

(4) 1 > MPC < 0

32. यदि किसी अर्थव्यवस्था में MPC का मान 0.4 है, तो MPS का मान क्या होगा ?

(1) 0.4

(2) 0.6

(3) 2.5

(4) 4

33. यदि अर्थव्यवस्था में MPS में वृद्धि हो, तो कुल बचत में

(1) हमेशा वृद्धि होगी

(2) हमेशा कमी होगी

(3) कमी होगी या अपरिवर्तित रहेगी

(4) हमेशा अपरिवर्तित होगी

34. भारत में वित्तीय वर्ष की कालावधि होती है

(1) 1 जनवरी से 31 दिसम्बर

(2) 1 जुलाई से 30 जून

(3) 1 अप्रैल से 31 मार्च

(4) 1 अगस्त से 31 जुलाई

35. निम्न में से कौन-सा प्रत्यक्ष कर का एक उदाहरण है ?

(1) वस्तु एवं सेवा कर

(2) उत्पादन कर

(3) निगम कर

(4) प्रशुल्क

36. राजस्व घाटा क्या होता है ?

(1) राजस्व व्यय और राजस्व प्राप्ति का अंतर

(2) पूँजीगत व्यय और पूँजीगत प्राप्ति का अंतर

(3) निर्यात और आयात का अंतर

(4) कुल व्यय और कुल प्राप्ति का अंतर

37. किस प्रकार की वस्तुओं के उपभोग में प्रतिद्वन्द्विता नहीं होती है ?

(1) सार्वजनिक वस्तु

(2) उपभोक्ता वस्तु

(3) प्राकृतिक वस्तु

(4) निजी वस्तु

38. विश्व बैंक की स्थापना किस वर्ष में हुई थी ?

(1) 1945

(2) 1944

(3). 1947

(4) 1950

39. जब किसी देश की विदेशी विनिमय दर का निर्धारण बाजार शक्तियों के द्वारा होता है, तो इस प्रकार की विनिमय दर को क्या कहा जाता है ?

(1) स्थिर विनिमय दर

(2) तिरती विनिमय दर

(3) प्रबंधित तिरती दर

(4) इनमें से सभी

40. निम्नलिखित में से भुगतान संतुलन के चालू खाते का एक घटक कौन-सा है ?

(1) पोर्टफोलियो निवेश

(2) विदेशी सहायता

(3) वस्तुओं का आयात

(4) विदेशी ऋण

भाग-B

(विषयनिष्ठ आधारित प्रश्न )

वर्ग-12

विषयअर्थशास्त्र

F.M.-40

समय-1 घंटा 30 मिनट

निर्देश :

1. परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।

2. इस प्रश्नपत्र में तीन खण्ड - A, B एवं C हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 19 है ।

3. खण्ड - A में प्रश्न संख्या 17 अति लघु उत्तरीय प्रकार के हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 30 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 2 अंक निर्धारित है ।

4. खण्ड-B प्रश्न संख्या 8- 14 लघु उत्तरीय हैं। इनमें से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अभिमानता 3 अंक निर्धारित है।

5. खण्ड - C - प्रश्न संख्या 15 - 19 दीर्घ उत्तरीय हैं। इनमें से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में दीजिए । प्रत्येक प्रश्न की अधिमानता 5 अंक निर्धारित है ।

खण्ड - A

अति लघु उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें।2 x 5 = 10

1. आर्थिक समस्या 'क्या उत्पादन करें?' से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर : क्या उत्पादन किया जाए की समस्या आधारिक रूप से वस्तुओं एवं सेवाओं के चयन की समस्या है जिनका उत्पादन सीमित संसाधनों द्वारा किया जाना है।

2. बाजार में माँग आधिक्य की स्थिति कब उत्पन्न होती है ?

उत्तर : मांग आधिक्य एक ऐसी स्थिति है जब एक दी गई कीमत पर किसी वस्तु की मांग की मात्रा उसकी आपूर्ति की मात्रा से अधिक होती है ।

3. यदि एक एकाधिकारी वस्तु के लिए बाजार माँग वक्र Q= 25- 2P है, तो एकाधिकारी के लिए कुल आगम वक्र ज्ञात कीजिए ।

उत्तर : यदि बाजार में वस्तु की माँग वक्र Q=25-2P है, तो आगम वक्र (TR) की परिभाषा यह होती है कि वह वक्र होती है जो एकाधिकारी की कुल आय को वस्तु की मात्रा और मूल्य के बीच रिश्ते को दर्शाती है।

एकाधिकारी के लिए बाजार माँग वक्र Q= 25- 2P है। यहां, Q एकाधिकारी द्वारा खरीदी गई इकाईयों की संख्या है और P उनकी आय दर्शाता है।

इस माँग वक्र को लिखने के लिए, हमें P को Q के लिए हल करना होगा।

Q = 25 - 2P

2P = 25 - Q

`P=\frac{25-\Q}2`

इससे हम देख सकते हैं कि जब Q बढ़ता है, तो P कम होता है।

एकाधिकारी के लिए कुल आगम वक्र ज्ञात करने के लिए, हम आगम वक्र को Q और P के लिए लिख सकते हैं।

आगम वक्र = Q × P

TR = Q ×`\frac{25-\ Q}2`

TR = `\frac{25\ Q-\ Q^2}2`

इसलिए, एकाधिकारी के लिए कुल आगम वक्र (Revenue) वह होगा:

TR = `\frac{25\ Q-\ Q^2}2`

4. सीमांत आगम को परिभाषित कीजिए ।

उत्तर : उत्पादन की एक अतिरिक्त इकाई से कुल आगम में होने वाली वृद्धि सीमांत आगम कहलाती है।

5. मंदी से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर : 1974 में अमेरिका के अर्थशास्त्री जूलियस सिस्किन ने मंदी को लेकर एक विवरण दिया था, उन्होंने कहा कि ग्रोथ में लगातार दो तिमाहियों तक गिरावट आए तो इसे मंदी माना जा सकता है।

आर्थिक गतिविधियों में इस तरह की मंदी कुछ तिमाहियों तक बनी रह सकती है जिससे अर्थव्यवस्था के विकास में पूरी तरह से बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में आर्थिक संकेतक जैसे जीडीपी, कॉर्पोरेट मुनाफा, रोजगार आदि में गिरावट आती है।

6. सरकार के राजस्व प्राप्ति से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : सरकार द्वारा वसूले गए सभी प्रकार के कर और शुल्क, निवेशों पर प्राप्त ब्याज और लाभांश तथा विभिन्न सेवाओं के बदले प्राप्त रकम को राजस्व प्राप्ति या राजस्व कहा जाता है।

7. मुद्रा के अवमूल्यन का क्या अर्थ है ?

उत्तर : जब किसी देश द्वारा मुद्रा की विनिमय दर अन्य देशों की मुद्राओं से कम कर दिया जाये ताकि निवेश को बढ़ावा मिल सके तो उसे अवमूल्यन कहते हैं।

खण्ड - B

( लघु उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दें। 3 x 5 = 15

8. रेखाचित्र से स्पष्ट कीजिए कि सीमांत उपयोगिता के शून्य होने पर कुल उपयोगिता अधिकतम होती है।

उत्तर :

कुल उपयोगिता : उपभोक्ता द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तु की सभी इकाइयों से प्राप्त उपयोगिता के संपूर्ण योग को कुल उपयोगिता कहते हैं

    TU = MU

सीमांत उपयोगिता : किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग बढ़ाने पर कुल उपयोगिता में जितन वृद्धि होती है उसे वस्तु की सीमांत उपयोगिता कहते हैं।

     MU = TUn = TUn-1

कुल उपयोगिता तथा सीमांत उपयोगिता में संबंध

मात्रा

कुल उपयोगिता

सीमांत उपयोगिता

वर्णन

0

0

-

आरंभिक उपयोगिता

1

8

8-0 =8

2

14

14-8 =6

3

18

18-14 =4

धनात्मक उपयोगिता

4

20

20-18 =2

5

20

20-20 =0

शून्य उपयोगिता

6

18

18-20 =-2

ऋणात्मक उपयोगिता


Jac Board Class 12 Economics (Arts)  2023 Answer key

चित्र और तालिका से निम्न बातें स्पष्ट है -

i. जब सीमांत उपयोगिता गिरती है तब कुल उपयोगिता में घटती दर पर वृद्धि होती है

ii. जब सीमांत उपयोगिता शून्य होती है तब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है

iii. जब सीमांत उपयोगिता ऋणत्मक होती है तब कुल उपयोगिता गिरना शुरू हो जाती है

9. अल्पकालीन औसत लागत वक्र 'U' आकार का क्यों होता है ?

उत्तर :- अल्पकाल में औसत लागत वक्र 'U' आकार की होती है। इसके निम्नलिखित कारण है

() परिवर्तनशील अनुपात : अल्पकाल में स्थित साधनों को स्थिर रखकर जब परिवर्तनशील साधन में वृद्धि की जाती है तो सबसे पहले उत्पत्ति वृद्धि नियम लागू होता है जिसे लागत ह्रास नियम भी कहा जाता हैउसके बाद लागत मता नियम और अंत में लागत वृद्धि नियम लागू होता है जिसके कारण लागत वक्र 'U' आकार की होती है

चित्र में, A से B तक लागत ह्रास नियम ,B पर समता नियम तथा B से C लागत वृद्धि नियम लागू होता है।

(औसत लागतऔसत स्थिर लागत एवं औसत परिवर्तनशील लागत का योगफल होता है -

 हम जानते हैं की  ,  TC = TFC + TVC

से भाग लागाने पर

`\frac{TC}x=\frac{TFC}x=\frac{TVC}x`

AC = AFC + AVC

जहां, X = उत्पादन , TC = कुल लागत , TFC = कुल स्थिर लागत

TVC = कुल परिवर्तनशील लागत , AC = औसत लागत , AFC = औसत स्थिर लागत , AVC = औसत परिवर्तनशील लागत

चित्र में AFC ऊपर से नीचे दाहिनी ओर झुकती है लेकिन अक्ष को स्पर्श नहीं करती है। यह बतलाती है की उत्पादन बढ़ने से औसत स्थिर लागत घटती है लेकिन शून्य नहीं होती है। AC वक्र दोनों के योगफल से 'U' आकृति की प्राप्त होती है।

    Q1F+ Q1V1 = Q1A1

    Q2F+ Q2V2 = Q2A2

    Q3F+ Q3V3 = Q3A3

    Q4F+ Q4V4 = Q4A4

10. उपभोक्ता की आय में वृद्धि का बाजार संतुलन पर क्या प्रभाव होगा ? रेखाचित्र से स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : जब बाजार में फर्मों की संख्या स्थिर रहती है तथा यदि उपभोक्ता की आय में वृद्धि हो जाती है तो बाजार माँग में वृद्धि हो जाती है जिससे मांग वक्र दाहिनी तरफ शिफ्ट हो जाता है जिससे संतुलन कीमत में तथा संतुलन मात्रा में वृद्धि होती है, इसे हम निम्न रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं।

Jac Board Class 12 Economics (Arts)  2023 Answer key

रेखाचित्र में DD तथा SS क्रमश: बाजार मांग वक्र एवं पूर्ति वक्र है जहाँ दोनों एक - दूसरे को A बिन्दु पर काटते हैं वहाँ संतुलन कीमत Op तथा संतुलन मात्रा Oq निर्धारित होती है। यदि उपभोक्ता की आय बढ़ जाती है तो इस कारण माँग वक्र DD से बढ़कर DIDI हो जाता है तथा नया संतुलन बिन्दु B प्राप्त होता है जिस पर संतुलन कीमत बढ़कर Op1 तथा संतुलन मात्रा बढ़कर Oq1 हो जाती है।

11. जीडीपी क्या है ? तीन विधियों से जीडीपी की गणना के लिए तीन निष्पत्तियों को लिखिए।

उत्तर : किसी भी देश में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है।

जीडीपी की गणना की तीन  निष्पत्तियां इस प्रकार हैं:

1. उत्पाद विधि या मूल्य वर्धित विधि : यह वह विधि है जो अर्थव्यवस्था में प्रत्येक उत्पादक उद्यम द्वारा जोड़े गए मूल्य के संदर्भ में राष्ट्रीय आय को मापती है। इसकी गणना की जाती है

GDPmp = बाजार मूल्य पर प्राथमिक क्षेत्र में सकल मूल्य वृद्धि + बाजार मूल्य पर द्वितीयक क्षेत्र में सकल मूल्य वृद्धि + बाजार मूल्य पर तृतीयक क्षेत्र में सकल मूल्य वृद्धि

बाजार मूल्य पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = GDPmp - मूल्यह्रास

कारक लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = GDPmp - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

राष्ट्रीय आय = GDPmp + NFIA

2. आय पद्धति : इस पद्धति के तहत, राष्ट्रीय आय को उत्पादन के कारकों के मालिकों को भुगतान के संदर्भ में मापा जाता है।

शुद्ध घरेलू आय = कर्मचारियों का मुआवजा + परिचालन अधिशेष + स्वरोजगार की मिश्रित आय

राष्ट्रीय आय = शुद्ध घरेलू आय + विदेशों से निवल कारक आय (NFIA)

3. व्यय विधि : इस पद्धति के तहत, अर्थव्यवस्था में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर व्यय के संदर्भ में राष्ट्रीय आय को मापा जाता है।

GDPmp = निजी अंतिम उपभोग व्यय + सरकारी अंतिम उपभोग व्यय + सकल घरेलू स्थायी पूंजी निर्माण + स्टॉक में परिवर्तन + शुद्ध निर्यात

शुद्ध घरेलू उत्पाद = GDPmp  - मूल्यह्रास

NDPmp = NDPmp - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

राष्ट्रीय आय = NDPmp + NFIA

12. निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए :

a) रेपो दर

उत्तर : रेपो दर वह दर है जिस पर देश का केन्द्रीय बैंक अपने अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करता है।

(b) वैधानिक तरलता अनुपात (SLR )

उत्तर : व्यापारिक बैंकों को अपने कुल जमा (निवल मांग एवं समय देयता- NDTL) का एक निश्चित प्रतिशत अपने पास नकद, स्वर्ण एवं अल्पकालीन अभारित सरकारी प्रतिभूतियों के रूप में संरक्षित रखना होता है, जिसे वैधानिक/साविधिक तरलता अनुपात (SLR) कहते हैं। यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति के एक उपकरण के रूप में इसमें समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है।

13. उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति (MPC) और बचत की सीमांत प्रवृत्ति (MPS) को परिभाषित कीजिए । स्पष्ट कीजिए कि MPC + MPS = 1.

उत्तर : आमें होने वाले परिवर्तन के फलस्वरुप उपभोग में होने वाले परिवर्तन के अनुपात को सीमांत उपभोग प्रवृत्ति कते हैं।

`MPC=\frac{\Delta C}{\Delta Y}`

C = उपभोग में परिवर्तन , ΔY = आय में परिवर्तन

आय में होने वाले परिवर्तन (Y) के कारण बचत में होने वाले परिवर्तन (C) के अनुपात को सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) कहते हैं।

`MPS=\frac{\Delta S}{\Delta Y}`

ΔS = बचत में परिवर्तन , 

ΔY = आय में परिवर्तन   

सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) तथा सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) के सम्बंध को निम्नलिखित समीकरण की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है।

हम जानते हैं कि   ΔY = ΔC + ΔS

`\therefore MPC+MPS=\frac{\Delta C}{\Delta Y}+\frac{\Delta S}{\Delta Y}`

`=\frac{\Delta C+\Delta S}{\Delta Y}+\frac{\Delta Y}{\Delta Y}=1`

 MPC + MPS = 1

MPC = 1 - MPS

MPS = 1 - MPC

समीकरण से स्पष्ट है कि सीमांत बचत प्रवृत्ति तथा सीमांत उपभोग प्रवृत्ति का योग सदैव 1 के बराबर होता है

MPS तथा MPC के उपर्युक्त संबंध से स्पष्ट है कि आय के दो मुख्य कार्य है - उपभोग तथा बचत। उपभोग और बचत मिलकर आय के बराबर होते हैं।

14. यदि किसी अर्थव्यवस्था में उपभोग फलन C = 150+ 0.6 Y है, तो MPC तथा गुणक का मान ज्ञात कीजिए।

उत्तर : उपभोग फलन C = 150+ 0.6 Y

अत : MPC = 0.6

गुणक `K=\frac1{1-MPC}=\frac1{1-0.6}`

`K=\frac{10}{0.4}=2.5`

अत : MPC = 0.6 और गुणक (K) = 2.5 होगा।

खण्ड - C

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )

किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। 5 × 3 - 15

15. माँग की कीमत लोच से आप क्या समझते हैं ?

निम्नलिखित स्तितियों को रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाइए :

a) पूर्णतया लोचदार माँग वक्र

b) पूर्णतया बेलोचदार माँग वक्र

c) इकाई के बराबर लोचदार माँग वक्र ।

उत्तर : प्रो. बोर्डिंग के अनुसार," किसी वस्तु के मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन के फलस्वरूप उसकी मांग मात्रा में जो प्रतिशत परिवर्तन होता है उसे मांग की लोंच कहते हैं।"

मांग की लोंच =(-) मांग में प्रतिशत परिवर्तन / मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन 

`=(-)\frac{\Delta Q}{\Delta P}\times\frac PQ`  

a. पूर्णतया लोचदार मांग या अनन्त लोंच जब ूल्य में कमी होने पर मांग में अनन्त वृद्धि हो जाए तथा मूल्य में अल्प ृद्धि होने पर मांग घट कर शून्य हो जाए तो मांग पूर्णतया लोचदार होती है

b. पूर्णतया बेलोचदार मांग : जब मूल्य में कमी अथवा वृद्धि का मांग पर कुछ भी प्रभाव न पड़े तो इसे पूर्णतया बेलोचदार मांग कते हैं

c. सम लोचदार मांग या इकाई लोचदार मांग जिस अनुपात में मूल्य में परिवर्तन हो उसी अनुपात में मांग में परिवर्तन हो तो इसे समलोचदार मांग कते हैं

16. लागत क्या है ? स्पष्ट कीजिए कि अल्पकाल में औसत लागत, औसत स्थिर लागत और औसत परिवर्ती लागत के योग के बराबर होता है।

उत्तर : वस्तुओं का उत्पादन करते समय, प्रत्येक फर्म कच्चा माल तथा उत्पादन के साधनों/कारकों (भूमि, श्रम, पूँजी आदि), जिन्हें 'आगत' (Input) कहते हैं, का प्रयोग करती है। इन आगतों पर होने वाले व्यय को उत्पादन की लागत कहा जाता है।

औसत लागतऔसत स्थिर लागत एवं औसत परिवर्तनशील लागत का योगफल होता है -

 हम जानते हैं की  ,  TC = TFC + TVC

से भाग लागाने पर

`\frac{TC}x=\frac{TFC}x=\frac{TVC}x`

AC = AFC + AVC

जहां, X = उत्पादन , TC = कुल लागत , TFC = कुल स्थिर लागत

TVC = कुल परिवर्तनशील लागत , AC = औसत लागत , AFC = औसत स्थिर लागत , AVC = औसत परिवर्तनशील लागत

चित्र में AFC ऊपर से नीचे दाहिनी ओर झुकती है लेकिन अक्ष को स्पर्श नहीं करती है। यह बतलाती है की उत्पादन बढ़ने से औसत स्थिर लागत घटती है लेकिन शून्य नहीं होती है। AC वक्र दोनों के योगफल से 'U' आकृति की प्राप्त होती है।

  Q1F+ Q1V1 = Q1A1

    Q2F+ Q2V2 = Q2A2

    Q3F+ Q3V3 = Q3A3

    Q4F+ Q4V4 = Q4A4

17. पूर्ण प्रतियोगी बाजार की विशेषताओं को लिखिए। एक पूर्ण प्रतियोगी फर्म कब संतुलन में होगा ? रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाइए।

उत्तर :- बोल्डिग के शब्दों में," पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु के बहुत से क्रेता तथा विक्रेता होते हैं। विक्रेता समरूप वस्तु को एक समान कीमत पर बेचते हैं। फर्म द्वारा कीमत निर्धारित नहीं की जाती बल्कि उद्योग द्वारा निर्धारित होती है।"

विशेषताएं

1. फर्मो या विक्रेताओं की अधिक संख्या : किसी वस्तु को बेचने वाले विक्रेताओं की संख्या इतनी अधिक होती है कि किसी एक फर्म द्वारा पूर्ति में की  जाने वाली वृद्धि या कमी का बाजार की कुल पूर्ति पर बहुत ही कम प्रभाव पड़ता है। अतएव  कोई अकेला फर्म वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकती।

2.  क्रेताओ की अधिक संख्या : क्रेताओं की संख्या  बहुत अधिक होती है। इसलिए कोई एक क्रेता कीमत को प्रभावित करने के योग नहीं होता।

3.  एक सामान या समरूप वस्तुएं : पूर्ण प्रतियोगिता की दूसरी शर्त यह है कि सभी विक्रेता एक जैसी ही इकाइयां बेचते उनमें रुप, रंग, गुण या किस्म में  किसी भी प्रकार का अंतर नहीं होता। सभी वस्तुएं समरूप होती है।

4.  फर्मों का स्वतंत्र प्रवेश व छोड़नापूर्ण प्रतियोगिता की अवस्था में किसी उद्योग में कोई भी फर्म प्रवेश कर सकती है अथवा पुरानी फर्म उस उद्योग को छोड़ सकती है।

5.  पूर्ण ज्ञान :  क्रेता और विक्रेताओं को कीमत की पूरी - पूरी जानकारी होती है।

6.  पूर्ण गतिशीलता : उत्पादन के साधन पूर्णतया गतिशील होते हैं। एक क्रेता उसी फर्म से वस्तुएं खरीदेगा जहां वे सस्ती मिलेगी तथा एक साधन वही अपनी सेवाएं बेचेगा जहां उसे अधिक कीमत मिलेगी।

संतुलन के दो शर्त है

(1) MR=MC

(2) MC की रेखा MR रेखा को नीचे से ऊपर जाते हुए काटे ।

चित्र में, E1 बिन्दु पर संतुलन नहीं हो सकता क्योंकि यहां केवल एक ही शर्त पुरा हो रहा है। E बिन्दु पर फर्म संतुलन पर होगा क्योंकि यहा दोनों शर्ते की पूर्ति हो रही है।

हम जानते हैं की

π = R – C

जहां ,   π = लाभ , R = आय , C = लागत

We find first derivatives with Respect to X

`\frac{d\pi}{dx}=\frac{dR}{dx}-\frac{dC}{dx}`

लाभ अधिकतम करने पर ;`\frac{d\pi}{dx}=` 0

`or,\frac{dR}{dx}=\frac{dC}{dx}`

 MR = MC

We find Second derivatives With Respect To X

`\frac{d^2\pi}{dx^2}=\frac{d^2R}{d^2x}-\frac{d^2C}{d^2x}`

लाभ अधिकतम करने पर ; `\frac{d^2\pi}{dx^2}`< 0

`or,\frac{d^2R}{d^2x}-\frac{d^2C}{d^2x}<0`

`or,\frac{d^2R}{d^2x}<\frac{d^2C}{d^2x}`

`or,\frac{d^2C}{d^2x}>\frac{d^2R}{d^2x}`

`or,\frac d{dx}\left(\frac{dC}{dx}\right)>\frac d{dx}\left(\frac{dR}{dx}\right)`

अतः , Slope of (MC) > Slope of (MR)

18. जीडीपी से राष्ट्रीय आय की गणना आप कैसे करेंगे ? व्याख्या कीजिए।

किसी भी देश में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है।

जीडीपी की गणना की तीन  निष्पत्तियां इस प्रकार हैं:

1. उत्पाद विधि या मूल्य वर्धित विधि : यह वह विधि है जो अर्थव्यवस्था में प्रत्येक उत्पादक उद्यम द्वारा जोड़े गए मूल्य के संदर्भ में राष्ट्रीय आय को मापती है। इसकी गणना की जाती है

GDPmp = बाजार मूल्य पर प्राथमिक क्षेत्र में सकल मूल्य वृद्धि + बाजार मूल्य पर द्वितीयक क्षेत्र में सकल मूल्य वृद्धि + बाजार मूल्य पर तृतीयक क्षेत्र में सकल मूल्य वृद्धि

बाजार मूल्य पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = GDPmp - मूल्यह्रास

कारक लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = GDPmp - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

राष्ट्रीय आय = GDPmp + NFIA

2. आय पद्धति : इस पद्धति के तहत, राष्ट्रीय आय को उत्पादन के कारकों के मालिकों को भुगतान के संदर्भ में मापा जाता है।

शुद्ध घरेलू आय = कर्मचारियों का मुआवजा + परिचालन अधिशेष + स्वरोजगार की मिश्रित आय

राष्ट्रीय आय = शुद्ध घरेलू आय + विदेशों से निवल कारक आय (NFIA)

3. व्यय विधि : इस पद्धति के तहत, अर्थव्यवस्था में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर व्यय के संदर्भ में राष्ट्रीय आय को मापा जाता है।

GDPmp = निजी अंतिम उपभोग व्यय + सरकारी अंतिम उपभोग व्यय + सकल घरेलू स्थायी पूंजी निर्माण + स्टॉक में परिवर्तन + शुद्ध निर्यात

शुद्ध घरेलू उत्पाद = GDPmp  - मूल्यह्रास

NDPmp = NDPmp - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

राष्ट्रीय आय = NDPmp + NFIA

19. केन्द्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में किस प्रकार साख पर नियंत्रण करता है ? व्याख्या कीजिए।

उत्तर : साख नियंत्रण की प्रमुख विधियां निम्नलिखित हैं -

(1) आरक्षित जमा कोष में परिवर्तन : सभी अनुसूचित व्यवसायिक बैंको को अपनी कुल जमा की एक निश्चित नियंत्रण राशी आरक्षित कोष के रूप मकेंद्रीय बैंक के पास जमा करनी पड़ती हैयह आरक्षित कोजितना अधिक होता है, व्यवसायिक बैंकों के पास नकदी जमा उतनी ही कम हो जाती है और उसी अनुपात में साख का सृजन कम होता है। इसके विपरीत आरक्षित कोष में कमी से साख का सृजन अधिक होता है।

(2) बैंक दर में परिवर्तन : बैंक दर में परिवर्तन करके भी साख पर नियंत्रण किया जा सकता है। बैंक दर वह दर है जिस पर केन्द्रिय बैंक व्यवसायिक बैंको को ऋण देता है। बैंक दर से ब्याज दर प्रभावित होता है। बैंक दर में वृद्धि करके साख की मात्रा को कम किया जा सकता है और बैंक दर में कमी करके साख की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।

(3) खुले बाजार की क्रियाएं : खुले बाजार की क्रियाओ से अभिप्राय केन्द्रीय बैंक के द्वारा बाजार में प्रतिभूतियों का क्रय - विक्रय करना है। प्रतिभूतियों का क्रय कर साख की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है और विक्रय करके साकी मात्रा को घटाया जा सकता है

(4) सीमांत कटौती में परिवर्तन : व्यापारी लोग अपनी वस्तुओं को व्यापारिक बैंकों के पास प्रतिभूतियों के रूप में रखते हैं और उसके बदले ऋण लेते हैंबैंक पूरी प्रतिभूति अथवा जमानत मूल्य के बराबर ऋण नहीं देते हैंउसमें कुछ कटौती करते हैंइसे सीमांत कटौती कते हैं। सीमांत कटौती में परिवर्तन करके साख पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जाता है

(5) नैतिक दबाव : नैतिक दबाव के अंतर्गत केंद्रीय बैंक साख संस्थाओं पर नैतिक दबाव डालकर उन्हें संबंधित नीति अपनाने के लिए बाध्य कर सकता है।

إرسال تعليق

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare