पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से एक सही उत्तर का चुनाव कीजिए
(i) क्षेत्र सर्वेक्षण की योजना के लिए नीचे दी गई विधियों में कौन-सी
विधि सहायक है
(क)
व्यक्तिगत साक्षात्कार
(ख) द्वितीयक सूचनाएँ
(ग)
मापन
(घ)
प्रयोग।
(ii) क्षेत्र-सर्वेक्षण के निष्कर्ष के लिए क्या किया जाना चाहिए
(क)
आँकड़ा प्रवेश एवं सारणीयन
(ख) प्रतिवेदन लेखन
(ग)
सूचकांकों का अभिकलन
(घ)
उपर्युक्त में से कोई भी नहीं।
(iii) क्षेत्र-सर्वेक्षण के प्रारंभिक स्तर पर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण
क्या है
(क)
उद्देश्य का निर्धारण करना
(ख)
द्वितीयक आँकड़ों का संग्रहण
(ग) स्थानिक एवं विषयक सीमाओं को परिभाषित करना
(घ)
निदर्शन अभिकल्पना।
(iv) क्षेत्र सर्वेक्षण के समय किस स्तर की सूचनाओं को प्राप्त करना
चाहिए
(क)
बृहत् स्तर की सूचनाएँ
(ख)
मध्यम स्तर की सूचनाएँ
(ग)
लघु स्तर की सूचनाएँ
(घ) उपर्युक्त सभी स्तर की सूचनाएँ।
प्रश्न 2. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए
(i) क्षेत्र सर्वेक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
क्षेत्र सर्वेक्षण का आयोजन वांछित सूचनाओं के एकत्रण के लिए किया जाता है ताकि अन्वेषण
के अन्तर्गत समस्या का पूर्व निर्धारित उद्देश्यों के अनुरूप गहन अध्ययन किया जा सके।
(ii) क्षेत्र सर्वेक्षण के उपकरण एवं प्रविधियों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
क्षेत्र सर्वेक्षण के उपकरण एवं प्रविधियाँ निम्नलिखित हैं
1.
अभिलिखित एवं प्रकाशित आँकड़े
2.
क्षेत्रीय पर्यवेक्षण
3.
मापन एवं
4.
साक्षात्कार।
(iii) क्षेत्र सर्वेक्षण के चुनाव के पहले किस प्रकार के व्याप्ति क्षेत्र
की आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर:
क्षेत्र सर्वेक्षण के चुनाव के लिए अन्वेषक को यह निर्णय करना होता है कि सर्वेक्षण
सम्पूर्ण जनसंख्या अथवा समग्र के लिए आयोजित किया जाना है। बृहत् आकार की स्थिति में
जनसंख्या के घटकों का प्रतिनिधित्व करने वाले चयनित प्रतिदर्श तक अध्ययन को सीमित किया
जा सकता है।
(iv) सर्वेक्षण अभिकल्पना को संक्षिप्त में समझाएँ।
उत्तर:
सर्वेक्षण अभिकल्पना-क्षेत्र सर्वेक्षण का आयोजन वांछित सूचनाओं के एकत्रण के लिए किया
जाता है ताकि अन्वेषण में समस्याओं का गहन अध्ययन किया जा सके। यह पर्यवेक्षण द्वारा
संभव है जो सूचनाओं के एकत्रण और उनसे निष्कर्ष प्राप्त करने की एक उपयोगी विधि है।
(v) क्षेत्र सर्वेक्षण के लिए प्रश्नों की अच्छी संरचना क्यों आवश्यक
है?
उत्तर:
प्रश्नावली द्वारा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सम्बन्धित सूचनाएँ एकत्र करने में सहायता
मिलती है। उस क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति के अपने परिवेश से सम्बन्धित अनुभव व ज्ञान
तथा सूचनाएँ मिलती हैं। उस क्षेत्र की समस्याओं का ज्ञान होता है। इसी कारण सर्वेक्षण
के लिए प्रश्नों की अच्छी संरचना आवश्यक है।
प्रश्न 3. निम्नांकित समस्याओं में से किसी एक के लिए क्षेत्र सर्वेक्षण
अभिकल्पना का निर्माण कीजिए
(1)
पर्यावरण प्रदूषण, (2) मृदा अपघटन, (3) बाढ़, (4) आपदा विषयक, (5) भूमि उपयोग परिवर्तन
की पहचान।
उत्तर:
बाढ़
भारत
एक मानसूनी देश हैं। यहाँ वर्षा एक निश्चित समय और असमान वितरण के साथ होती है। देश
के कुछ भागों में वर्षा अधिक होती है जिससे बाढ़ का प्रकोप बना रहता है। इन भागों में
असम, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्य मुख्य हैं। बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। इसे रोका
नहीं जा सकता, लेकिन इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उद्देश्य
(1)
बाढ़ का कारण समझना।
(2)
उन क्षेत्रों की पहचान करना जहाँ बाढ़ की पुनरावृत्ति होती है।
(3)
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बाढ़ से निपटने के सुझाव देना।
•
व्याप्ति- सर्वेक्षण के क्षेत्रीय, कालिक तथा विषयक व्याप्ति के पहलुओं को समझना आवश्यक
है।
•
क्षेत्रीय- बिहार या असोम प्रदेश में बाढ़ का विशेष क्षेत्रीय सर्वेक्षण करना।
•
कालिक- बाढ़ की समस्या चिरकालिक है। इसे समझने के लिए सम्पूर्ण प्रदेश का अध्ययन आवश्यक
है।
•
विषयक- विषयक दृष्टि से कृषि उत्पादन, भूमि उपयोग का मूल्यांकन, वर्षा की मात्रा तथा
अन्य संबंधित कारकों का अध्ययन करना।
•
द्वितीयक सूचनाएँ- किन नदियों में बाढ़ आती है? बाढ़ से कितना क्षेत्र प्रभावित होता
है? इसके लिए हमें प्रदेश का मानचित्र, जिला रिपोर्ट आदि प्राप्त करनी होगी। राजस्व
अधिकारी द्वारा यह जानकारी प्रदान की जाएगी कि फसलों की कितनी क्षति हुई है।
•
प्रेक्षण- प्रेक्षण का अर्थ है-चारों तरफ दृष्टिपात करना, लोगों से बातचीत करना तथा
जल भराव, फसल खराब होने, चारे की कमी, भूख से मृत्यु आदि के सम्बन्ध में किए गए प्रेक्षण
का अभिलेखन करना।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. क्षेत्रीय सर्वेक्षण करने से पूर्व अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों
को दिए जाने वाले निर्देश क्या हैं?
उत्तर:
क्षेत्रीय सर्वेक्षण करने से पूर्व अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों को दिए जाने वाले
निर्देश निम्नलिखित
1.
क्षेत्रीय लोगों के साथ निकट का सम्बन्ध बनाना।
2.
क्षेत्रीय लोगों को अपने सर्वेक्षण से सम्बन्धित सही जानकारी देना।
3.
प्रश्न सरल, छोटे और केवल सर्वेक्षण से सम्बन्धित ही होने चाहिए।
4.
उत्तरदाता यदि किसी कार्य में व्यस्त है तो उससे प्रश्न नहीं पूछा जाना चाहिए।
5.
अपना प्रश्न पूछने से पहले उत्तरदाता से उसके परिवार की कुशल-मंगल आदि के सम्बन्ध में
बात करने की औपचारिकता अवश्य निभानी चाहिए।
6.
उत्तरदाता से प्राप्त प्रश्न के उत्तर को तुरन्त अपनी नोटबुक में नोट करना चाहिए, ताकि
बाद में भूल न जाएँ।
7.
यदि उत्तरदाता अपना दिया गया उत्तर नोट न करवाना चाहता हो तो उसके सामने ऐसा नहीं करना
चाहिए।
8.
सर्वेक्षक को ऐसा कोई वचन नहीं देना चाहिए, जो कि बाद में पूरा न किया जा सके।
प्रश्न 2. सर्वेक्षण प्रक्रिया के चरणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पूरे सर्वेक्षण को निम्नलिखित पाँच चरणों में बाँटा जाता है
1.
प्रारम्भिक चरण- इसमें सर्वेक्षक को सर्वेक्षण की योजना बनानी होती है। इसे योजना चरण
(Planning Stage) भी कहा जाता है।
2.
क्रियान्वयन चरण- इसमें क्षेत्र में जाकर योजना के आधार पर सर्वेक्षण का कार्य पूरा
किया जाता है।
3.
परिगणन चरण- सर्वेक्षण कार्य पूरा होने पर प्राप्त सूचना की विभिन्न तालिकाएँ तैयार
की जाती हैं।
4.
मानचित्र चरण- इसमें विभिन्न ऑकड़ों को मानचित्रों की सहायता से दर्शाया जाता है।
5.
रिपोर्ट चरण- सर्वेक्षण का सारा काम पूरा हो जाने के बाद उसकी रिपोर्ट लिखी जाती है।
रिपोर्ट में सर्वेक्षण से निकले परिणामों का उल्लेख किया जाता है।
प्रश्न 3. एक अच्छी प्रश्नावली के गुणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
एक अच्छी प्रश्नावली में निम्नलिखित गुण आवश्यक रूप से होने चाहिए
1.
प्रश्नावली के साथ एक अनुरोध पत्र संलग्न हो जो अन्वेषक का परिचय व अन्वेषण के उद्देश्य
को स्पष्ट करें।
2.
प्रश्नावली के प्रश्नों की संख्या उतनी रखी जाए, जितनी आवश्यक हो।
3.
प्रश्न और उसकी भाषा दोनों ही सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
4.
जहाँ तक संभव हो सके व्यक्तिगत जीवन अथवा भावनाओं से जुड़े संवेदनशील प्रश्न नहीं पूछने
चाहिए।
5.
प्रश्नों का क्रम तर्कसंगत होना चाहिए। इससे आँकड़ों के वर्गीकरण एवं सारणीयन में मदद
मिलती है।
6.
गणितीय गणना वाले प्रश्नों को प्रश्नावली में शामिल नहीं करना चाहिए।
7.
प्रश्नावली भरने के लिए सूचनादाताओं को कुछ आवश्यक निर्देश दिए जाने चाहिए ताकि उत्तर
की शुद्धता व एकरूपता बनी रह सके।
8.
कुछ प्रश्न ऐसे भी होने चाहिए जिनसे दिए गए उत्तरों की सत्यता की जाँच हो सके।
9.
प्रश्न विभिन्न शीर्षकों और उप-शीर्षकों में वर्गीकृत हों और सुविधा के लिए प्रश्नों
का क्रमांक भी दिया हुआ होना चाहिए।
प्रश्न 4. मानचित्र के दिक्विन्यास की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानचित्र के दिक्विन्यास का अर्थ-मानचित्र के दिक्विन्यास का अर्थ है कि मानचित्र
को इस पर ‘सेट’ या व्यवस्थित करना ताकि पृथ्वी और मानचित्र की दिशाएँ एक हो जाएँ। यहाँ
मानचित्र के दिक्विन्यास । की प्रमुख विधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया जा
रहा है
1.
ट्रफ कम्पास की सहायता से- जिस क्षेत्र के मानचित्र का दिविन्यास
करना है, वहाँ जाकर ट्रफ कम्पास को भूमि पर रखिए। चुम्बकीय उत्तर दिशा निर्धारित करने
के लिए जब नॉब (Knob) को ढीला किया जाता है तो सुई की नोक डिबिया के पार्श्व
(Side) से टकराने लगती है। इस टकराने वाली दिशा की ओर डिबिया को तब तक घुमाते रहना
चाहिए जब तक सुई की दोनों नोंक अंशांकित चापों पर छपे शून्य पर न आ जाए। ऐसी अवस्था
में चुम्बकीय सुईं का ‘N’ वाला सिरा चुम्बकीय उत्तर की ओर संकेत करेगा।
2.
सूर्य की सहायता से- सूर्य पूर्व दिशा से निकलता है। यदि हम अपना
मुँह सूर्योदय की दिशा में करके खड़े हो जाएँ तो हमारी पीठ पश्चिम दिशा में, बाईं बाजू
उत्तर दिशा में तथा दाईं बाजू दक्षिण दिशा में होगी। यदि हम मानचित्र को बताई हुई स्थिति
में खड़े होकर बाईं बाजू की ओर व्यवस्थित करते हैं तो मानचित्र उत्तर दिशा के अनुरूप
व्यवस्थित हो जाएगा।
3.
प्रदर्शित तत्त्वों की पारस्परिक स्थिति द्वारा- मानचित्र पर अनेक
प्रकार की प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक वस्तुओं (Objects) का प्रदर्शन किया जाता है। जिस
जगह पर मानचित्र है, वहाँ जाकर मानचित्र को इस प्रकार व्यवस्थित कीजिए कि मानचित्र
पर दिखाई गई वस्तुएँ धरातल पर दिखाई गई वस्तुओं के अनुरूप हों। इस प्रकार भी मानचित्र
का दिक्विन्यास हो जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. क्षेत्रीय अध्ययन की उपयोगिता क्या है?
उत्तर:
क्षेत्रीय अध्ययन की निम्नलिखित उपयोगिता है
1.
क्षेत्रीय अध्ययन से समस्याओं के समाधान में सहायता मिलती है।
2.
इससे छात्रों को सिद्धान्तों का व्यावहारिक ज्ञान हो जाता है।
3.
इससे छात्रों का बौद्धिक (ज्ञानात्मक) विकास होता है।
4.
प्रत्यक्ष प्रेक्षणों से ज्ञान और नये-नये विचार मिलते हैं।
5.
छात्रों में भावनाओं, मूल्यों और अच्छी मनोवृत्तियों का विकास होता है।
6.
क्षेत्र के प्रति मानवीय दृष्टिकोण का विकास होता है।
प्रश्न 2. परिवार के सर्वेक्षण के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर:
परिवार के सर्वेक्षण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
1.
परिवार के सम्बन्ध में समस्त जानकारी प्राप्त करना।
2.
परिवार की आमदनी तथा उसके स्रोतों की जानकारी प्राप्त करना।
3.
परिवार को विभिन्न आय वर्गों में विभक्त करना।
4.
परिवार के सदस्यों की शैक्षिक तथा वैवाहिक स्थिति ज्ञात करना।
मौखिक प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. भूगोल किस तरह का विज्ञान है?
उत्तर:
भूगोल एक क्षेत्र वर्णनी विज्ञान है।
प्रश्न 2. क्षेत्रीय सर्वेक्षण की कार्यविधि का प्रथम चरण क्या है?
उत्तर:
समस्या को परिभाषित करना।
प्रश्न 3. क्षेत्रीय सर्वेक्षण की कार्यविधि का अन्तिम चरण क्या है?
उत्तर:
प्रस्तुतीकरण।
प्रश्न 4. सामाजिक मुद्दों से जुड़े क्षेत्रीय सर्वेक्षणों व सूचनाओं
का एकत्रण किसके द्वारा किया जाता है?
उत्तर:
व्यक्तिगत साक्षात्कार के द्वारा।
प्रश्न 5. क्षेत्र-सर्वेक्षण से क्या आशय है?
उत्तर:
जब हम स्वयं क्षेत्र में जाकर किसी विषय पर सर्वेक्षण करते हैं तो उसे क्षेत्र-सर्वेक्षण’
कहते हैं। .
प्रश्न 6. सेम्पल सर्वेक्षण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब क्षेत्र काफी बड़ा हो और पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण करना कठिन हों तो पूरे क्षेत्र
का सर्वेक्षण न करके उसके कुछ चुने हुए भागों का ही सर्वेक्षण किया जाता है, उसे ‘सेम्पल
सर्वेक्षण’ कहते हैं।
प्रश्न 7. मानचित्र का दिक्विन्यास किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानचित्र को सही दिशा में व्यवस्थित करने की प्रक्रिया को मानचित्र का दिक्विन्यास’
कहते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. क्षेत्रीय सर्वेक्षण की कार्यविधि को कितने चरणों में पूरा
किया जाता है
(a)
चार
(b)
पाँच
(c)
छह
(d) सात।
प्रश्न 2. सर्वेक्षण प्रक्रिया को कितने चरणों में बाँटा गया है
(a)
चार
(b) पाँच
(c)
छह
(d)
आठ।
प्रश्न 3. प्रश्नावली के प्रकार हैं
(a) चार
(b)
पाँच
(c)
छह
(d)
साता
प्रश्न 4. क्षेत्रीय सर्वेक्षण की कार्यविधि का प्रथम चरण है
(a) समस्या को परिभाषित करना
(b)
उद्देश्य
(c)
प्रयोजन
(d)
विधियाँ एवं तकनीकें।
प्रश्न 5. प्रश्नावली के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न होने चाहिए
(a)
सरल व संक्षिप्त प्रश्न
(b)
सर्वेक्षण से सम्बन्धित प्रश्न
(c)
क्रमबद्ध प्रश्न
(d) उपर्युक्त सभी।