12th Hindi Core आरोह भाग -II 9. फिराक गोरखपुरी - रुबाइयाँ , गज़ल

12th Hindi Core आरोह भाग -II 9. फिराक गोरखपुरी - रुबाइयाँ , गज़ल
12th Hindi Core आरोह भाग -II 9. फिराक गोरखपुरी - रुबाइयाँ , गज़ल
प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 12 Hindi Core 9. फिराक गोरखपुरी - रुबाइयाँ , गज़ल पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास प्रश्न-1 शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव वंचित करना चाहते हैं? उत्तर- शायर राखी के लच्छे को प्राकृतिक घटनाक्रम बिजली की चमक की तरह मानते हैं। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक राखी का त्यौहार सावन के महीने में मनाया जाता है। जिस प्रकार सावन में आसमान में बिजली चमकती है, उसी प्रकार राखी के दिन भाइयों के हाथों पर राखी के लच्छे चमकते हैं। प्रश्न- 2. खुद का परदा खोलने से क्या आशय है ? उत्तर- शायर के विचार अनुसार जब कोई व्यक्ति अपनी राज की बातें किसी दूसरे व्यक्ति से करता है और दूसरा व्यक्ति उन बातों को किसी और के सामने प्रकट करता है, वास्तव में वह अपना परदा खोलता है। इसलिए शायर ने कहा कि मेरा परदा खोलने वाले अपना परदा खोल रहे हैं। प्रश्न-3. किस्मत हमको रो लेते हैं हम किस्मत को रो ले हैं- इस पंक्ति में शायर कि किस वक्त के साथ तनातनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए । उत्तर- कवि एक तरफ अपने भाग्य से कभी संतुष्ट नहीं रहा किस्मत…