प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

प्रश्न :- प्रतिस्थापन्न लोंच की विवेचना कीजिए

उत्तर :- समोत्पाद वक्र पर गति होने पर साधनो अथवा आगतों को प्रयुक्त किये जाने वाले अनुपातों में परिवर्तनशीलता की उत्पादन सम्भावनाओं में परिवर्तनो से तुलना की जा सकती है जो तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत र में परिवर्तन द्वारा मापे जा सकते हैं। प्रतिस्थापन की सीमांत र में सापेक्ष परिवर्तन के परिणामस्वरूप साधन अनु‌पातो में सापेक्ष परिवर्तन साधनों के मध्य प्रतिस्थापन लोच कहलाती है । एक समोत्पाद वक्र पर जैसे-जैसे श्रम, पूँजी के लिए प्रतिस्थापित किया जाता है श्रम की पूँजी के लिए तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर (MRTS) घटती जाती है। अन्य शब्दों में, वस्तु के उत्पादन में प्रयुक्त विभिन्न साधन अनुपातो पर तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर भिन्न होती है।

प्रतिस्थापन लोच के विचार को श्रम तथा पूँजी के मध्य प्रतिस्थापन द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। दि K पूँजी की मात्रा L श्रम की मात्रा तथा es प्रतिस्थापन लोच प्रद‌र्शित करता है तो पूँजी की श्रम के लिए प्रतिस्थापन लोच को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है।

प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

प्रतिस्थापन लोच के विचार को समझने के लिए चित्र का प्रयोग किया जा सकता है। चित्र मे q समोत्पाद वक्र है, A बिन्दु पर पूँजी-श्रम अनुपात K1/L1 है जो कि किरण OA की ढाल के बराबर है। जैसे-जैसे पूँजी को श्रम द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है समोत्पाद वक्र q पर A बिन्दु से B की र चलते हैं तो पूँजी-श्रम अनुपात परिवर्तित हो कर K2/L2 हो जाता है जो किरण OB की ढाल के बराबर है। यदि पूँजी का श्रम द्वारा आगे प्रतिस्थापन होता है तो हम समोत्पाद वक्र q पर नीचे C बिन्दु पर आ जाते है, पूँजी श्रम अनुपात K3/L3 तक बढ़ जाता है जो OC किरण की ढाल के बराबर है।

अतः यह स्पष्ट हो जाता है कि जैसे-जैसे समोत्पाद वक्र के लिए अधिक श्रम को प्रतिस्थापित करते है, पूँजी - श्रम अनु‌पात घटता जाता है।

चित्र में A बिन्दु पर प्रतिस्थापन की सीमांत दर उस बिन्दु पर समोत्पाद वक्र की ढाल द्वारा मापी जाती है (जो कि उस बिन्दु से खींची गयी स्पर्श रेखा t1t1 की ढाल के बराबर है) B बिन्दु पर MRTSLK स्पर्श रेखा t2t2 की ढाल के बराबर है तथा C बिन्दु पर MRTSLK स्पर्श रेखा t3t3 की ढाल के बराबर है। चित्र से स्पष्ट है कि t2t2 का ढाल t1t1 से कम तथा t3t3 का t2t2 से कम है।

ज्यामितीय दृष्टिकोण से साधनों के मध्य प्रतिस्थापन लोच एक समोत्पाद वक्र पर दो बिन्दुओ से सम्बन्धित दो किरणो (पैमाना रेखाओ) की ढालो में आनुपातिक परिवर्तन तथा उन बिन्दुओं पर समोत्पाद वक्र के ढालों में आनुपातिक परिवर्तन का अनुपात है।

प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

पूँजी-श्रम अनुपातो पर तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर को प्रत्यक्ष रूप से चित्र द्वारा दिखाया जा सकता है।

प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

चित्र में पूँजी-श्रम अनुपात को X अक्ष पर तथा MRTSLK को Y-अक्ष पर मापा गया है। चित्र में जैसे-जैसे हम समोत्पाद वक्र पर A से B की ओर तथा B से C की ओर चलते हैं, तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर घटती है जबकि पूँजी को श्रम द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है तथा पूँजी -श्रम अनु‌पात घटता है अथवा श्रम - पूँजी अनुपात बढता है। चित्र में हम विभिन्न पूँजी-श्रम अनुपातो पर प्रतिस्थापन की सीमांत दर की मात्रा को दर्शोया गया है तथा उसके द्वारा प्रतिस्थापन वक्र S प्राप्त करते है जो प्रतिस्थापन की सीमांत दर तथा साधन अनुपातों (पूँजी-श्रम अनुपातों) के मध्य विपरीत सम्बन्ध प्रदर्शित करता है। दो साधनों के मध्य प्रतिस्थापन लोच इस प्रतिस्थापन वक्र S की लोच है।

प्रतिस्थापन लोच की मात्रा समोत्पाद वक्रो की वक्राकृति पर निर्भर करती है। समोत्पाद वक्रो की उन्नतोदरता जितनी अधिक होगी प्रतिस्थाप लोंच उतनी ही कम होगी तथा विपरीत क्रम से। चरम दशा में यदि दो साधन पूर्ण पूरक है तथा उनके समोत्पाद वक्र समकोणित है, तो उनके मध्य प्रतिस्थापन लोच शून्य होती है। दूसरी चरम सीमा पर जब दो साधन पूर्ण स्थानापन्न है तथा उनके मध्य समोत्पाद वक्र सरल रेखाएँ है तो उनके मध्य प्रतिस्थापन लोच अनन्त होती है। साधनों के मध्य प्रतिस्थापन क्षमता बढ़ने के साथ प्रतिस्थापन लोच प्रत्यक्ष रूप से बढ़ती है। इसके अतिरिक्त चूंकि तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर तथा साधन अनुपात में विपरीत सम्बन्ध पाया जाता है। अतः प्रतिस्थापन लोच सदैव ऋणात्मक होती है।

चूंकि सन्तुलन अवस्था में तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमान्त दर, साधन कीमतों के अनुपात के बराबर होती है, अतः प्रतिस्थापन की सीमांत दर को उपर्युक्त सूत्र में साधन कीमतों के अनुपात द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है। यदि r पूंजी की कीमत को तथा w श्रम की कीमत अर्थात् मजदूरी की दर को व्यक्त करते है। इस प्रकार -

प्रतिस्थापन लोंच (Elasticity of Substitution)

es=Δ(KL)KLΔ(wr)wr

es=Δ(KL)KL×wrΔ(wr)

es=Δ(KL)Δ(wr)×wrKL

es=%Δ(KL)%Δ(wr)

कॉब डगलस उत्पादन फलन

काँब डगलस उत्पादन फलन में दो साधनों के बीच तकनीकी प्रतिस्थापन की लोच इकाई के समान होती है।

σ;=(KL)KLRR

जहाँ R= तकनीकी प्रतिस्थापन की दर

 = आंशिक परिवर्तन

R=MPLMPK

MPL=XL,MPK=XK

R=XLXK

Let, X = ALα Kβ U

XL=AαLα-1KβU

XK=ALαKβ-1U

R=Aα;Lα-1KβUALαβKβ-1U

R=αβ.Lα-1KβLαKβ-1

R=αβ.K1-βKβLαL1-α

R=αβ.K1-β+βLα+1-α=αβ.KL

R=αβ(KL)

σ=(KL)KLRR

 =(KL)KL.RR

σ=(KL)KL.αβ.(KL)αβ(KL) = 1

निष्कर्ष

प्रतिस्थापन लोच के सूत्र में तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर के लिए साधन कीमत अनुपात का प्रतिस्थापन, प्रतिस्थापन लोच के विचार के व्यावहारिक प्रयोग में बहुत अधिक सहायक है।

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