Class 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 9. अरे इन दोहून राह न पाई बालम, आवो हमारे गेह रे
Class 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 9. अरे इन दोहून राह न पाई बालम, आवो हमारे गेह रे प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book) Class - 11 Hindi Elective अंतरा भाग -1 काव्य-खंड पाठ 9 . अरे इन दोहून राह न पाई बालम, आवो हमारे गेह रे कवि परिचय [ कबीर (सन् 1398-1518) ] कबीर का जन्म काशी में हुआ था। उनके गुरु स्वामी रामानंद
थे। जीवन के अंतिम समय में वे मगहर चले गए और वहीं अपना शरीर त्यागा। कबीर ने
विधिवत् शिक्षा नहीं पाई थी। उन्होंने कहा भी है कि 'मसि कागद ख्यो नहीं, कलम गही
नहिं हाथ', किंतु वे प्रारंभ से ही संतों और फकीरों की संगति में रहे थे। निर्गुण
भक्त कवियों की ज्ञानमार्गी शाखा में कबीर का सर्वोच्च स्थान है। उनके काव्य में
धर्म के बाह्याडंबरों का विरोध है और राम-रहीम की एकता की स्थापना का प्रयत्न भी।
उन्होंने जातिगत और धार्मिक पक्षपात का बार-बार खंडन किया है। कबीर के काव्य में
गुरु-भक्ति, ईश्वर-प्रेम, जान तथा वैराग्य, सत्संग और साधु-महिमा, आत्म-बोध और
जगत-बोध की अभिव्यक्ति है। कबीर ने मूलतः साखी, सबद, और रमैनी रचे। उनकी रचनाएँ
मुख्यतः 'कबीर ग्रंथावली में संगृहीत हैं. किंतु कबीर पंथ में 'बीजक' का विशेष
महत्त्व है। पाठ परिचय पहले पद में ह…