झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची
PROJECT RAIL REGULAR ASSESSMENT FOR IMPROVED LEARNING
GENERAL SCHOOL (11/01/2025)
विषय (Sub) - Hindi Core कक्षा (CLASS) - 12th पूर्णांक (Marks)-40
समय (Time) मिनट (90 Minutes)
समान्य निर्देश
1. सभी प्रश्नो के
उत्तर देना अनिवार्य हैं।
2. इस प्रश्न पत्र
में कुल 16 प्रश्न हैं।
3. प्रत्येक वस्तुनिष्ठ
प्रश्न के लिए दो अंक अति लघु उत्तरीय प्रश्न के लए दो अंक लघु उत्तरीय प्रश्न के लिए
तीन अंक और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के लिए पाँच अँक निर्धारित है।
4. गलत उत्तर के लिए
कोई ऋणात्मक अंक नहीं है।
5. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
एक से दस तक के लिए चार विकल्प दिये गये है। सही विकल्प (क, ख, ग और घ) का चयन करे
अपना उत्तर दें।
Section A (2 x 10 = 20)
1. उमस
और लू में कौन - सा पेड़ कालजयी अवधूत की भाँति अजेय है?
(a) साल
(b) पलाश
(c)
शिरीष
(d) गुलमोहर
2. शिरीष
की सबसे बड़ी विशेषता है?
(a) प्रगल्भता
(b)
दिव्यता
(c) मौलिकता
(d) भव्यता
3. अमलतास
कितने दिनों के लिए फूलता है
(a) 2 सप्ताह
(b) 5 सप्ताह
(c) 10 सप्ताह
(d) 15-20 दिन
4. शिरीष के फूल साहित्य के किस
विधा की रचना है?
(a) कहानी
(b) उपन्यास
(c) ललित निबंध
(d) संस्करण
5. श्रम विभाजन और जाति प्रथा
पाठ के लेखक कौन है?
(a) डॉ भीम राव अंबेडकर
(b) धर्मवीर भारती
(c) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(d) विष्णु खरे
6. जाति प्रथा समाज में क्या
पैदा करती है-
(a) समानता
(b) ऊँच-नीच का भेद
(c) गरीबी
(d) कार्यकुशलता
7. आदर्श समाज का लाभ किसे प्राप्त
होगा?
(a) अमीरों को
(b) गरीबो को
(c) ऊँची जाति के लोगो को
(d) सभी को
8. यदि सभी राज्य सरकारों के
एक ही पत्र भेजा गया हो तो उसेस क्या कहते है
(a) सूचना
(b) परिपत्र
(c) नियम
(d) अधिसूचना
9. मित्र को भेजा गया पत्र किस
प्रकार का पत्र होगा?
(a) औपचारिक
(b) अनपौचरिक
(c) शासकीय
(d) आवेदन
10. किसी बैठक में होने वाली
चर्चा और उससे लिए गये फैसलों का लिखित विवरण क्या कहलाता है?
(a) कार्यवृत्त
(b) परिचर्चा
(c) परिपत्र
(d) एजेण्डा
Section B (2 x 2 = 04)
11. लेखक ने शिरीष की तुलना किसके
साथ की है?
उत्तर - लेखक ने शिरीष की तुलना अवधूत के साथ की है।
12. जाति प्रथा से व्यक्ति को
कौन सा पेशा मिलता है?
उत्तर - जाति प्रथा से व्यक्ति को पैतृक पेशा मिलता है।
Section C (3 x 2 = 06)
13. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने
शिरीष को कालजयी अवधूत (संन्यासी) की तरह क्यों माना है?
उत्तर - लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत
(संन्यासी) की तरह माना है, क्योकि अवधूत वह है जो सांसरिक मोह माया
से ऊपर होता है। शिरीष संन्यासी की तरह श्वेषम परिस्थिति में भी डटा रहता है। भयंकर
गर्मी, उमस, लू आधि में भी इसका पेड़ फूलों से लदा हुआ मिलता है। काली जयी अवधूत की
भांति जीवन की अजेयता का प्रचार करता रहता है।
14. अंबेडकर जी के मत से 'दासता'
की व्यापक परिभाषा क्या है?
उत्तर - अंबेडकर जी के अनुसार दासता के बल कानूनी पराधीनता
को ही नही कहा जा सकता। दासता में वह स्थिति भी शामिल है जिसमें लोगों को दूसरे लोगों
द्वारा निर्धारित कर्तव्यों का पालन करने के लिए विवश किया जाता है। वह स्थिती कानूनी पराधीनता के बाहर भी है।
जाति प्रथा की तरह ऐसा वर्ग होना भी संभव है जहाँ लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशा
अपनाना पड़ता है।
Section D (5 x 2 = 10)
15. हजारी प्रसाद द्विवेदी का
जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख करें?
उत्तर - आचार्य हजारी प्रसाद
द्विवेदी हिन्दी साहित्य के महान आलोचक और निबंधकार थे. उनका जन्म 19 अगस्त, 1907 को
बलिया के आरत दुबे का छपरा गांव में हुआ था. वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे.
उनके बारे में कुछ खास बातेंः
वे एक सफल आलोचक और निबंधकार थे. उन्होंने सूर, कबीर, तुलसी
जैसे कवियों पर विद्वत्तापूर्ण आलोचनाएं लिखीं. उनके निबंध-साहित्य को हिन्दी की स्थायी
निधि माना जाता है. उनके उपन्यासों और ललित निबंधों में लालित्य के दर्शन होते हैं.
उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी को गद्य की भाषा के रूप में प्रधानता दी. उनकी भाषा में
तत्सम शब्द अधिक होते हैं. वे
'मुकेश शास्त्री' उपनाम से
भी जाने जाते हैं.
उनकी कुछ प्रमुख रचनाएंः
अशोक के फूल
विचार और वितर्क
कल्पलता
कुटज
आलोक पर्व
चारूचंद्रलेख
बाणभट्ट की आत्मकथा
पुनर्नवा
अनामदास का पोथा
सूर
- साहित्य
16. 'मेरा प्रिय कवि' विषय पर
निबंध लिखे।
उत्तर - मेरे प्रिय कवि
गोस्वामी तुलसीदास
हिन्दी काव्याकाश के उज्ज्वल नक्षत्र हैं, जिनकी किरणें हृदय-अन्तरिक्ष में
थिरक-थिरक कर आनन्द उत्पन्न कर रही हैं । इनका जन्म बाँदा जिले के राजापुर गाँव
में सन् 1496 ई० में हुआ था।
इन्होंने समाज के लिए
अक्षय मधुकोष उपहार स्वरूप अर्पित किया, पर स्वयं भ्रमर की भॉँति काँटों की चुभन
सहते रहे । इन्होंने एक-से-एक रचना रची, परन्तु .रामचरितमानस. और .विनयपत्रिका. तो
भक्तजनों के गलहार ही बन गए । उक्त दोनों रचनाओं ने तुलसी को सार्वदेशिक और सार्वकालिक
बना दिया । रामचरितमानस तो आस्तिकों के लिए कंठहार और साहित्य-प्रेमियों के लिए
सुधाकलश ही बन गया । जॉर्ज ग्रियर्सन ने मानस को उत्तर भारत की बाइबिल माना है,
परन्तु सच्चाई तो यह है कि भारत की जनता मानस को बाइबिल से भी अधिक आदर देती है ।
तुलसी की दूसरी
महत्त्वपूर्ण पद्धति है-विनयपत्रिका । 129 पदों की इस पुस्तक में भक्तिरस की
सुरसरिता उमड् चली है । श्री रामनरेश त्रिपाठी ने तो यहाँ तक कहा है कि तुलसी को
यह पत्रिका लिखने में जैसी सफलता मिली है, उस अनुपात में उनके किसी अन्य ग्रंथ को
नहीं मिली।
श्यामसुन्दर दास ने
मानस की विशेषता का उल्लेख करते हुए कहा है-"मानस में खासकर अयोध्याकाण्ड में
कवि की कवित्व शक्ति सावन-भादों की नदी की तरह उमड़ी हुई महसूस होती है, पर
अरण्यकांड, किष्किंधा, सुन्दर और लंका कांडों में घटते-घटते वह जैसे बैशाख की नदी
की तरह छिछली हो गई है । चाहे जो कुछ हो इस अनुपम रचना में कवि ने भूत को मद्देनजर
रखते हुए वर्तमान के परिवर्तन और उसकी स्थिति के आधार पर भविष्य की कल्पना कर डाली
है । यही कारण है कि आज भी हर क्षेत्र में मानस से उदाहरण दिए जाते हैं।"
तुलसी की भाषा अवधी है । यह आदर्श, मर्यादा और विनय की श्रद्धा-भावना से ओत-प्रोत है । इनकी रचनाओं में लोकमंगल का विश्वास और संघर्ष गूंज रहे हैं । सचमुच, तुलसी में सृजन की आन्तरिक क्षमता थी, समन्वय का अथाह शील था, और थी विनय एवं श्रद्धा की गहराई । आत्मपक्ष और लोकपक्ष, शील और विवेक, हृदय और बुद्धि, भावुकता और कर्तव्य का यही सुसमन्वय तुलसी काव्य को इतना ऊपर उठा सका । गोस्वामीजी जीवन की व्यापकता के कवि थे । इसी से इनमें श्रद्धा, विनम्रता और समर्पण का भाव अधिक है। उपर्युक्त गुण जिस कवि ने नस-नस में समाए हों, भला वह मेरा प्रिय कवि क्यों न हो ?