Class 12th Economics PROJECT RAIL (JCERT) GENERAL SCHOOL Weekly Test Answer Key

Class 12th Economics PROJECT RAIL (JCERT) GENERAL SCHOOL Weekly Test Answer Key

Class 12th Economics PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 12.06.2025

झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची

PROJECT RAIL GENERAL SCHOOL (12.06.2025)

विषय – Economics     समय-1 घण्टा

कक्षा – 12        पूर्णांक -20

सामान्य निर्देश :

1. इस प्रश्न-पत्र में कुल 12 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।

2. प्रश्न के प्रकार एवं अंक :

प्रश्न 1 से 6 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न 6x1=6.

प्रश्न 7 से 10 - लघु उत्तरीय प्रश्न 4x2 = 8

प्रश्न 11 एवं 12 - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 2x3=6

3. प्रश्न संख्या 1 से 6 बहुविकल्पीय प्रकार के हैं। 6 बहुविकल्पीय प्रश्नों में से 2 प्रश्न योग्यता आधारित प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न 1 से 6 के लिए चार विकल्प दिए गए है, सही विकल्प (a, b, c, d) का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखना हैं। 

4. परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।

SECTION - A (1x6=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. माइक्रोज' जिसका अर्थ होता है छोटा निम्न में से कौन सा शब्द है?

(a) अरबी

(b) ग्रीक

(c) जर्मन

(d) फ्रेंच

2. किसने कहा कि 'अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है'?

(a) माल्थस

(b) रिकार्डो

(c) एडम स्मिथ

(d) जे के मेहता

3. अर्थशास्त्र के जनक कौन थे?

(a) माल्थस

(b) एडम स्मिथ

(c) जे बी से

(d) जॉन रॉबिंसन

4. माइक्रोस का अर्थ होता है

(a) विशाल

(b) सूक्ष्म

(c) बाजार

(d) इनमें से कोई नहीं

5. रिसाव एवं अंतक्षेपण संबंधित है

(a) आय का वृताकार प्रवाह

(b) पानी टंकी

(c) चिकित्सा विज्ञान

(d) इनमें से कोई नहीं

6. तृतीय क्षेत्र में शामिल है

(a) खनन

(b) निर्माण

(c) संचार

(d) पशुपालन

SECTION - B (4x2=8) (लघु उत्तरीय प्रश्न)

7. आर्थिक क्रिया को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - आर्थिक क्रियाओं का संबंध उन सभी क्रियाओं से है जो मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए सीमित साधनों जिसका वैकल्पिक प्रयोग हो सकता है का उपयोग करते हैं।

8. उत्पादन संभावना वक्र क्या है?

उत्तर - एक अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों एवं उत्पादन की दी गई तकनीक द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं के विभिन्न संयोंगो का उत्पादन किया जा सकता है। इन्हीं संयोंगो को दर्शाने वाली रेखा को उत्पादन संभावना वक्र कहते हैं।

9. समष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं

उत्तर - अंग्रेजी भाषा का मैक्रो, ग्रीक शब्द मेक्रोज से बना है जिसका अर्थ होता है विशाल अथवा व्यापक। अतः व्यापक अर्थशास्त्र (जिसे समष्टि अर्थशास्त्र भी कहते है के अंतर्गत आर्थिक व्यवस्था का उसके संपूर्ण या समग्र रूप में अध्ययन किया जाता है।

एम एच. स्पेन्सर के अनुसार, समष्टि अर्थशास्त्र का संबंध अर्थव्यवस्था अथवा उसके बड़े-बड़े हिस्सों से है। इसके अंतर्गत ऐसी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है जैसे बेरोजगारी का स्तर, मुद्रास्फीति की दर राष्ट्र का कुल उत्पादन आदि जिनका संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए महत्व होता है।

10. पी. पी. वक्र की नतोदरता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - उत्पादन संभावना वक्र मूल बिंदु की ओर नतोदर (Concave) होने का कारण बढ़ती हुई सीमांत अवसर लागत है। उत्पादन सम्भावना वक्र में दायीं ओर खिसकाव संसाधनों में वृद्धि तथा तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। उत्पादन सम्भावना वक्र बायीं ओर खिसकाव संसाधनों में कमी तथा तकनीकी अवनति को दर्शाता है।

सीमांत अवसर लागत से अभिप्राय Y वस्तु के उत्पादन की मात्रा में होने वाली उस कमी से है जो कि X वस्तु की एक अधिक ईकाई के उत्पादन के फलस्वरूप होती है, जब संसाधनों को Y से X की ओर विवर्तित किया जाता है।

सीमांत अवसर लागत = ∆Y की हानि / ∆Xकी वृद्धि

SECTION - C (2x3=6) (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

11. आर्थिक समस्या क्या है? यह क्यों उत्पन्न होती है?

उत्तर - आर्थिक समस्या मूल रूप से चुनाव की समस्या है। आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के कारण-

1. असीमित आवश्यकताएं- मानवीय आवश्यकताएं असीमित होती है। एक आवश्यकता को पूर्ण करते ही दूसरी आवश्यकताएं उत्पन्न हो जाती है। एक समय में मनुष्य की सभी आवश्यकताओं को संतुष्ट नहीं किया जा सकता है।

ii. आवश्यकताओं की तीव्रता में अंतर- मानव की सभी आवश्यकताओं की तीव्रता एक सी नहीं होती है, अर्थात कुछ अधिक महत्वपूर्ण एवं कुछ कम महत्वपूर्ण होती है। अधिक महत्व वाले आवश्यकताओं की तीव्रता अधिक होती है

iii. साधन सीमित होते हैं- साधन सीमित होते हैं का अर्थ है कि साधनों की पूर्ति इनकी मांग की तुलना में कम होती है।

iv. सीमित साधनों के वैकल्पिक प्रयोग- साधन सीमित होते हैं और इनके वैकल्पिक प्रयोग हो सकते हैं। जैसे-यदि किसी के पास ₹ 500 हूँ तो वह इससे एक शर्ट या एक जोडी जूता या एक किताब खरीद सकता है।

v. चुनाव की समस्या- सीमित साधनों से सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता है। अतः साधन को किस आवश्यकता की पूर्ति में कितनी मात्रा में प्रयोग किया जाए यह समस्या उत्पन्न होती है, इसे ही चुनाव की समस्या कहते हैं।

Or

पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्था में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर - पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एक ऐसी प्रणाली है जिसमें निजी संस्थाएं श्रम, प्राकृतिक संसाधन या पूंजीगत वस्तुओं जैसे उत्पादन के कारकों को नियंत्रित करती हैं। समाजवादी अर्थव्यवस्था एक आर्थिक प्रणाली है जहां उत्पादन के कारक जैसे श्रम, प्राकृतिक संसाधन या पूंजीगत वस्तुएं सरकार के नियंत्रण में होती हैं।

12. स्टॉक चर एवं प्रवाह चर में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - प्रवाह (Flow)-

1. प्रवाह को समय की एक निश्चित अवधि के संदर्भ में मापा जाता है।

2. प्रवाह में समय की अवधि होती है।

3. यह एक गतिशील अवधारणा है।

स्टॉक (Stock)-

1. स्टॉक को निश्चित बिंदु पर मापा जाता है।

2. स्टॉक की समय अवधि नहीं होती।

3. यह एक स्थिर अवधारणा है।

Or

रिसाव एवं अंतक्षेपण से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित बतावें।

उत्तर - क्षरण या वापसी वे प्रवाह चर है जिनका उत्पादन की प्रक्रिया (आय सृजन प्रक्रिया ) या ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है। इसमें बचत, आयात, सरकार द्वारा लगाए गए कर हैं। यह सभी चर अर्थव्यवस्था में आए प्रवाह को कम करते हैं।

           भरण या समावेश वे प्रवाह चर है जो अर्थव्यवस्था में उत्पादन की प्रक्रिया में वृद्धि करते हैं। इसमें निवेश, निर्यात, सरकारी एवं परिवार क्षेत्र द्वारा किया गया उपभोग व्यय है। इसके फलस्वरूप विकास प्रक्रिया में वृद्धि होती है।

PROJECT RAIL (08.07.2025)

SECTION A (6x1=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

Q. 1- कीमत रेखा या बजट रेखा की ढाल व्यक्त की जाती है?

(A) -Px/Py

(B) -Py/Px

(C) Px.Py

(D) Py/Px

Q. 2- समान्यतः माँग वक्र संबंध को व्यक्त करता है?

(A) मूल्य व पूर्ति के मध्य

(B) मूल्य व माँग के मध्य

(C) माँग व पूर्ति के मध्य

(D) इनमें से सभी

Q. 3- उपयोगिता के माप की इकाई है?

(A) मीटर

(B) जूल

(C) यूटिल्स

(D) इनमें से कोई नहीं

Q. 4 - यदि किसी वस्तु की माँग वक्र D=10-5P वस्तु की कीमत एक रुपया प्रति इकाई होने पर वस्तु की माँग क्या होगी?

(A) 0

(B) 10

(C) 15

(D) 5

Q. 5- जब सीमान्त उपयोगिता शून्य होती है तब कुल उपयोगिता होती है?

(A) शून्य

(B) न्यूनतम

(C) अधिकतम

(D) अनन्त

Q. 6- रेखा चित्र में E बिंदु पर माँग की लोच है?

(A) सापेक्षतया अधिक लोचदार

(B) सापेक्षतया बेलोचदार

(C) इकाई लोचदार

(D) पूर्णतया लोचदार

SECTION B (4x2=8) (लघु उत्तरीय प्रश्न)

Q. 7- पूरक वस्तुएं किसे कहते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?

उत्तर - पूरक वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जिनका प्रयोग सामान्यतः एक साथ किया जाता है अर्थात यदि किसी वस्तु की मांग बढ़ती या घटती है तो उससे संबंधित अन्य वस्तु की भी क्रमशः मांग बढ़ या घट जाती है। उदाहरण के लिए कार-पेट्रोल पेन-स्याही इत्यादि। यदि बाजार में कार की मांग बढ़ती है तो पेट्रोल की मांग बढ़ेगी ही इसके विपरीत भी संभव है क्योंकि इनका प्रयोग सामान्यतः एक साथ ही किया जाता है।

Q. 8- मांग को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?

उत्तर - मांग को प्रभावित करने वाले तत्व -

i. वस्तु की कीमत - किसी वस्तु की कीमत और मांग के बीच विपरीत संबंध पाया जाता है अर्थात कम कीमत पर लोगों द्वारा वस्तु की अधिक मात्रा की मांग की जाती है एवं विलोमशः।

ii. अन्य वस्तु की कीमत- अन्य वस्तु की कीमत किसी विशेष वस्तु की मांग को दो तरह से प्रभावित करती है। एक वस्तु की कीमत में वृद्धि से किसी विशेष वस्तु की मांग बढ़ जातीहै, यह स्थानापन्न वस्तु होती है। जैसे चाय एवं कॉफी। अन्य वस्तु की कीमत में वृद्धि से किसी विशेष वस्तु की मांग में कमी हो जाती है ये पूरक वस्तु कहलाती है। जैसे कार एवं पेट्रोल

iii. उपभोक्ता की आय- सामान्यतः एक उपभोक्ता की आय और सामान्य वस्तु की मांग के बीच प्रत्यक्ष एवं सीधा संबंध पाया जाता है अर्थात आय में वृद्धि से वस्तु की मांग बढ़ जाती है। उपभोक्ता की आय और घटिया या गिफिन वस्तुओं की मांग के बीच विपरीत संबंध पाया जाता है अर्थात आय में वृद्धि से इन वस्तु की मांग घट जाती है।

iv. रुचि एवं अधिमान- किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा एवं उपभोक्ता की रूचि तथा अधिमान के बीच प्रत्यक्ष संबंध पाया जाता है यदि किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की रुचि और अधिमान पक्ष में हो तो उस वस्तु की मांग अधिक होगी।

v. भविष्य में कीमत संबंधी आशा- किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा और उसकी भविष्य में कीमत संबंधी आशा के बीच प्रत्यक्ष और सीधा संबंध पाया जाता है। अर्थात यदि उपभोक्ता यह आशा करता है कि किसी वस्तु की कीमत निकट भविष्य में कम होगी तो वह उस वस्तु की वर्तमान मांग कम कर देगा एवं विलोमशः।

vi. सरकारी नीति- सरकार किसी वस्तु पर कर लगाकर उसकी मांग को कम या सब्सिडी देकर किसी वस्तु की मांग को बढ़ा सकती है। कर लगाने से वस्तु की कीमत में वृद्धि हो जाती है जबकि सब्सिडी देने पर वस्तु की कीमत में कमी आती है।

vii. जनसंख्या- वस्तु की मांगी गई मात्रा एवं जनसंख्या के बीच सीधा संबंध पाया जाता है जनसंख्या में वृद्धि से वस्तु की मांग बढ़ जाती है जबकि जनसंख्या में कर्मी से वस्तु की मांग कम हो जाती है।

Q. 9- अनिवार्य वस्तुओं के लिए मांग की लोच कितनी होती है? सकारण उत्तर दीजिए?

उत्तर - अनिवार्य वस्तुओं के लिए मांग की लोच पूर्णतया बेलोचदार अर्थात् शून्य होती है, क्योंकि अनिवार्य वस्तुएं वे वस्तुएं होती हैं जिनका मूल्य कितना भी बढ़ जाए या घट जाए उनके मांग में कोई कमी या वृद्धि नहीं होती है। उदाहरण के लिए जीवन रक्षक दवाएं, नमक इत्यादि।

Q. 10- उपभोक्ता किसे कहते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?

उत्तर - जब कोई व्यक्ति अपनी आवश्यकता की संतुष्टि हेतु वस्तुओं एवं सेवाओं का प्रयोग (उपभोग) करता है वह व्यक्ति उपभोक्ता कहलाता है। उदाहरण गर्मी लगने पर पंखा का प्रयोग, ठण्डी में स्वेटर का प्रयोग, प्यास लगने पर पानी का पीना इत्यादि इनका प्रयोग जिनके द्वारा किया जाता है, उपभोक्ता कहलाते हैं।

SECTION C (2x3=6) (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

Q.11- अनधिमान वक्र किसे कहते हैं एवं इसकी विशेषताओं का वर्णन करें?

उत्तर- इसे उदासीनता वक्र भी कहते हैं। दो वस्तुओं के ऐसे विभिन्न संयोगों को प्रदर्शित करने वाला वक्र जिससे किसी उपभोक्ता को सामान संतुष्टि प्राप्त होती है, अनधिमान वक्र कहते हैं।

अनधिमान वक्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

1. अनधिमान वक्र ऊपर से नीचे की तरफ ऋणात्मक ढाल बनाता हुआ मूल बिंदु के उन्नतोदर होता है

2. ऊंचा अनधिमान वक्र ऊंची उपयोगिता स्तर को प्रदर्शित करता है

3. अनाधिमान वक्र ना एक दूसरे को प्रतिच्छेद करते हैं और ना ही स्पर्श करते हैं।

Q.12- घटती सीमांत उपयोगिता के नियम की व्याख्या करें?

उत्तर- इस नियम की सर्वप्रथम व्याख्या फ्रेंच अर्थशास्त्री गोसेन ने की थी। इसे व्यवस्थित रूप में एक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत करने का श्रेय अल्फ्रेड मार्शल को है। यह ल को है।

सिद्धांत निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है।

1. उपभोग की क्रिया अनवरत चलनी चाहिए ।

2. उपभोग की जाने वाली इकाइयों परस्पर गुण, परिमाण, रंग, स्वाद इत्यादि में समान होनी चाहिए।

3. उपभोग की क्रिया के दौरान उपभोक्ता की मानसिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

4. उपभोग की क्रिया के दौरान उपभोक्ता की आय, रूचियां, आदतें आदि में बदलाव नहीं होना चाहिए।

इस सिद्धांत के अनुसार अन्य बातों के समान रहने पर एक उपभोक्ता जैसे-जैसे किसी वस्तु का उपभोग बढ़ाता जाता है अधिक उपभोग की जाने वाली वस्तु की सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।

PROJECT RAIL (05.08.2025)

SECTION - A (1x6=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. निम्नलिखित में से कौन सा आय के चक्रीय प्रवाह का भरण है?

(A) बचत                                 

(B) कर

(C) सरकारी व्यय                     

(D) आयात

2. सामूहिक आर्थिक क्रियाकलापों को मापने का आधार होता है –

(A) आय का चक्रीय प्रवाह         

(B) स्टॉक में परिवर्तन

(C) शुद्ध निवेश                         

(D) विदेशों से अर्जित शुद्ध साधन आय

3. राष्ट्रीय आय व इसके अवयवों पर पुस्तक लिखी थी –

(A) साइमन कुजनेटस              

(B) रिचर्ड स्टोन

(C) जे. एम. कीन्स                     

(D) डेविड रिकार्डों

4. ब्रिटिश भारत में राष्ट्रीय आय लिखी थी –

(A) बी. सी. महालनोविस           

(B) डी. आर. गाडगिल

(C) वी. के. आर. वी. राव

(D) अम्बेडकर

5. भारत में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों के वेतनादि भत्तों को किस देश के घरेलू उत्पाद में शामिल किया जायेगा?

(A) भारत                                 

(B) अमेरिका

(C) भारत तथा अमेरिका दोनों   

(D) कर्मचारियों के वेतनादि भत्तों को घरेलू उत्पाद में शामिल नहीं किया जाता है।

6. आर्थिक कल्याण का सही सूचक कौन सा है?

(A) स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय           

(B) स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आये

(C) हरित GNP                        

(D) मानव विकास सूचकांक

SECTION - B (4x2=8) (लघु उत्तरीय प्रश्न)

7. वैयक्तिक आय क्या है?

उत्तर:- सभी व्यक्तियों की सभी स्रोतों से प्राप्त आय को वैयक्तिक आय कहते हैं। इसमें साधन आय और हस्तांतरण आय दोनों प्रकार की आय शामिल होती हैं। चाहे देश की घरेलू सीमाओं में रहकर प्राप्त हुई हो या विदेशों से। इसमें निगम कर तथा अवितरित लाभ शामिल नहीं किया जाता। इसकी गणना निम्न सूत्रों की सहायता से की जाती है-

वैयक्तिक आय= राष्ट्रीय आय - निजी आय - निगम कर- अवितरित लाभ ।

8. हस्तांतरण भुगतान क्या है ?

उत्तर :- इनके प्राप्तकर्ताओ द्वारा बदले में कोई उत्पादक सेवा प्रदान नहीं की जातीकेवल मुद्रा का हस्तांतरण है

9. हरित जीएनपी किसे कहते हैं?

उत्तर: हरित जीएनपी की आवधारणा का विकास आर्थिक विकास के मापक के रूप में किया जा रहा है। जीएनपी का संबंध प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग, संरक्षण एवं समाज के विभिन्न वर्गों में उनके न्यायोचित बंटवारे से हैं।

10. मूल्य ह्रास से क्या अभिप्राय है?

उत्तर :- मूल्य ह्रास (Price Depreciation) – स्थिर पूँजी सम्पत्तियाँ; जैसे-भवन, मशीनरी, परिवहन के साधन, विभिन्न प्रकार के उपकरण आदि के मूल्य में समय के साथ विभिन्न कारणों से कमी आती है, इसी को मूल्यह्रास कहा जाता है।

SECTION - C (2x3=6) (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

11. राष्ट्रीय आय की चक्रीय प्रवाह के तीन चरणों को समझाइए ?

उत्तर :- तीन क्षेत्रकीय में - फर्म, परिवार और सरकारी क्षेत्र शामिल रहता है। सरकारी क्षेत्र निम्न कार्य करती है जिससे आय का चक्रीय प्रवाह होता है -

1. सरकार परिवार क्षेत्र पर कर लगाती है। इसके फलस्वरूप मुद्रा का प्रवाह परिवार क्षेत्र से सरकारी क्षेत्र की ओर होता है।

2. सरकार उत्पादक क्षेत्र पर कर लगाती है। इसके फलस्वरूप मुद्रा का प्रवाह उत्पादक क्षेत्र से सरकारी क्षेत्र की ओर होता है।

3. सरकार उत्पादकों को आर्थिक सहायता देती है। इसके फलस्वरूप मुद्रा का प्रवाह  सरकारी क्षेत्र से उत्पादक क्षेत्र की ओर होता है।

4. सरकार घरेलू क्षेत्र को आर्थिक सहायता देती है (पेंशन)। इसके फलस्वरूप मौद्रिक प्रवाह  सरकारी क्षेत्र से परिवार क्षेत्र की ओर होता है।

5. सरकार बचत करती है  जिसके फलस्वरूप मुद्रा का प्रवाह  सरकारी क्षेत्र से मुद्रा बाजार की ओर होता है।

6. सरकार मुद्रा उधार लेती है  जिसके फलस्वरूप मुद्रा का प्रवाह  मुद्रा बाजार से सरकारी क्षेत्र की ओर होता है।

7. सरकार वस्तुएं और सेवाएं खरीदती है जिसके फलस्वरूप मुद्रा का प्रवाह सरकारी क्षेत्र से उत्पादक क्षेत्र की ओर होता है

चित्र से,

12. दोहरी गणना की समस्या से आप क्या समझते हैं ? इसे कैसे दूर किया जा सकता है ?

उत्तर :- दोहरी गणना से अभिप्राय है किसी वस्तु के मूल्य की गणना एक बार से अधिक करना। इसका कारण यह है कि यद्यपि उत्पाद विधि द्वारा राष्ट्रीय आय का अनुमान लगाने के लिए केवल अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को जोड़ा जाता है। इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय उत्पाद में अनावश्यक रूप से वृद्धि हो जाती है

जैसे- उत्पाद का मूल्य = किसान 400 में आटा, बेकरी वाला 600 में मैदा दुकानदार 800 रुपये में डबलरोटी तथा उपभोक्ता को 900 रुपये में समान प्राप्त होगी। इस तरह एक ही समान ( गेहूं ) का मूल्य 2700 रु. तक हो जाऐगा। इसके फलस्वरूप राष्ट्रीय उत्पाद में अनावश्यक रूप से वृद्धि हो जाती है

दोहरी गणना की गलती से बचने के दो उपाय है -

1. अन्तिम उत्पाद विधि :- इस विधि के अनुसार दोहरी गणना की गलती से बचने के लिए उत्पादन के मूल्य में से मध्यवर्ती वस्तुओं के मूल्य को घटा दिया जाता है

अन्तिम वस्तु का मूल्य =  उत्पाद मूल्य - मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य

2. मूल्य वृद्धि विधि :-  मूल्य वृद्धि की गणना करने के लिए किसी उत्पादन के मूल्य में से उसकी लागत को घटा दिया जाता है

PROJECT RAIL (07.10.2025)

SECTION - A (1x6=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. किस बाजार में AR=MR होता है?

A) एकाधिकार

B) एकाधिकारिक प्रतियोगिता

C) पूर्ण प्रतियोगिता

D) इनमें से कोई नहीं

2. सम विच्छेद बिंदु तब उत्पन्न होता है जब-

A) TR = TC

B) MR = MC

C) TR >TC

D) A &B Both

3. उपभोग निर्भर करता है।

A) आय पर

B) बच पर

C) विनियोग पर

D) इनमें से कोई नहीं

4. MPC+MPS=?

A) 0

B) 1

C) 2

D) 5

5. "पूर्ति अपने लिए स्वयं मांग ही उत्पन्न कर लेती है" यह किसका कथन हैं?

A) प्रो. जे.बी.से

B) एडम स्मिथ

C) रिकॉर्डों

D) किन्स

6. "The general theory of employment, interest and money" नामक पुस्तक किसने लिखी है?

A) रिकार्डो

B) जे. एम. कींस

C) जे. बी. से

D) मार्शल

Section - B (4 * 2 = 8) लघु उत्तरीय प्रश्न

7. यदि गुणक का मूल्य 5 है तो सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) का मूल्य बताइए।

उत्तर - K= 5 , MPC = ?

`K=\frac1{1-MPC}`

`or,5=\frac1{1-MPC}`

or, 5 – 5MPC = 1

or, – 5MPC = 1 - 5

or, – 5MPC = - 4

`or,MPC=\frac{4}5=0.8`

8. पूर्ण प्रतियोगिता में AR वक्र X-अक्ष के समानांतर क्यों होता है?

उत्तर - पूर्ण प्रतियोगिता में प्रत्येक फर्म के लिए कीमत दिए हुए होती है, अपनी इच्छा से फर्म कीमत में परिवर्तन नहीं कर सकती है। अतः उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर कीमत समान रहती है, अतः पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत AR फर्म का मांग वक्र X- अक्ष के समांतर होता है।

9. सीमांत उपभोग प्रवृत्ति किसे कहते हैं?

उत्तर - आय में परिवर्तन के कारण उपभोग में होने वाले परिवर्तन के अनुपात को सीमांत उपयोग प्रवृत्ति (MPC) कहते हैं।

इसे निम्न प्रकार से दिखा सकते हैं  `MPC=\frac{\Delta C}{\Delta Y}`

जहां, MPC = सीमांत उपभोग प्रवृत्ति । C = उपभोग व्यय में परिवर्तन । Y= आय में परिवर्तन।

10. पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा की क्या प्रकृति होती है?

उत्तर - पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा क्षैतिज अर्थात X- अक्ष के समांतर होती है। पूर्ण प्रतियोगिता में उ‌द्योग कीमत का निर्धारण करता है। फर्म उस कीमत को स्वीकार करती हैं। दी हुई कीमत पर एक फर्म एक वस्तु की जितनी भी मात्रा बेचना चाहती है, बेच सकती है। पूर्ण पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत रेखा X- अक्ष के समानांतर होती है। कीमत रेखा को पूर्ण प्रतियोगिता फर्म का मांग वक्र भी कहा जाता है।

Section - C (2 * 3 = 6) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

11 . यदि Y = 1600 I = 400 सीमांत उपभोग प्रवृत्ति का मान निकाले।

उत्तर - Y = 1600 I = 400

चुंकि, `K=\frac{\Delta Y}{\Delta I}`

`K=\frac{1600}{400}=4`

पुनः `K=\frac1{1-MPC}`

or, 4 – 4 (MPC ) = 1

or, - 4 (MPC) = 1-4                     

or, - 4 ( MPC ) = - 3                        

MPC=\frac{3}4=0.75`

12. पूर्ण प्रतियोगिता और एकाधिकार में अंतर लिखिए।

उत्तर - पूर्ण प्रतियोगिता और एकाधिकार में निम्नलिखित अंतर है -

पूर्ण प्रतियोगिता

एकाधिकार

1. औसत आगम और सीमांत लागत दोनों बराबर होते हैं। AR = MRI

1. औसत आगम सीमांत आगम से अधिक होता है AR>MR

2. वस्तु की कीमत सीमांत लागत के बराबर होती है। AR = MC

2. वस्तु की कीमत सीमांत लागत से अधिक होती हैं। AR>MC

3. फर्मों का उ‌द्योग में प्रवेश एवं बहिर्गमन स्वतंत्र होता है।

3. प्रमुख का उ‌द्योग में प्रवेश प्रतिबंध होता है।

4. उत्पादन स्तर अधिक और कीमत कम होती है।

4. उत्पादन स्तर कम और कीमत ऊंची होती हैं।

5. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में वस्तुएं समरूप होती है।

5. एकाधिकार के बाजार में वस्तुएं विभेद होती हैं।

6. एक समान उत्पादन करने वाले फर्म की संख्या बहुत अधिक होती है।

6. एक अकेला फर्म ही उ‌द्योग और उ‌द्योग ही फर्म हैं।

7. फर्म अपने अनुकूलतम आकार पर जाकर संतुलन में होती है।

7. फर्म अपने अनुकूलतम आकार से कम पर संतुलन में होती हैं।

8. दीर्घकाल में केवल सामान्य लाभ की दशा संभव है।

8. दीर्घकाल में केवल लाभ ही मिलता है चाहे लागत घटती हो, स्थिर हो, बढ़ती हो।


PROJECT RAIL (04.11.2025)

SECTION - A (1x6=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

1. बजट किसे कहते हैं?

A) कर संग्रहण

B) सरकारी खर्चों की योजना

C) सरकार की वार्षिक आय-व्यय का विवरण

D) आर्थिक नीति

2. भारतीय संविधान में बजट को किस नाम से जाना जाता है?

A) आर्थिक घोषणा

B) वार्षिक वित्तीय विवरण

C) आम रिपोर्ट

D) राष्ट्रीय लेखा

3. बजट का निर्माण किसके द्वारा किया जाता है?

A) राष्ट्रपति

B) वित्त मंत्री

C) प्रधानमंत्री

D) गृह मंत्री

4. बजट वर्ष भारत में कब से कब तक होता है?

A) 1 जनवरी से 31 दिसंबर

B) 1 अप्रैल से 31 मार्च

C) 1 जुलाई से 30 जून

D) 1 अक्टूबर से 30 सितंबर

5. निम्नलिखित में से कौन-सा बजट का प्रकार नहीं है?

A) राजस्व बजट

B) पूंजीगत बजट

C) विकास बजट

D) कर बजट

6. सरकार के राजस्व व्यय और पूंजी व्यय का सही उदाहरण कौन-सा है?

A) व्याज भुगतान और स्कूल भवन का निर्माण

B) रक्षा सामग्री की खरीद और वेतन भुगतान

C) सब्सिडी और कर संग्रह

D) श्रऋण की वसूली और व्याज प्राप्ति

SECTION – B (लघु उत्तरीय प्रश्न) (4x2=8)

7. बजट क्या है ?

उत्तर: बजट सरकार द्वारा तैयार किया गया एक वार्षिक दस्तावेज होता है, जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है।

8. राजस्व बजट और पूंजीगत बजट में अंतर लिखिए ?

उत्तर:

• राजस्व बजटः इसमें सरकार की आमदनी और दिन-प्रतिदिन के खर्चों का विवरण होता है।

• पूंजीगत बजटः इसमें संपत्तियों की खरीद, निवेश और ऋण अदायगी जैसी पूंजीगत मदों का उल्लेख होता है।

9. बजट के दो उद्देश्य लिखिए ?

उत्तर:

1. देश की आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।

2. सामाजिक व आर्थिक विकास को गति देना।

10. बजट घाटा किसे कहते हैं?

उत्तर: जब सरकार की कुल प्राप्तियों की तुलना में कुल व्यय अधिक होता है, तो उसे बजट घाटा कहा जाता है।

SECTION – C (र्दीघ उत्तरीय प्रश्न) (2x3=6)

11. बजट की परिभाषा दीजिए और इसके प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए?

उत्तर: बजट एक वार्षिक वित्तीय विवरण है, जिसमें सरकार अपनी आगामी एक वर्ष की अनुमानित आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत करती है। भारत में यह बजट वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए तैयार किया जाता है और संसद के समक्ष वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। बजट एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें बताया जाता है कि सरकार को अगले वर्ष कितना पैसा कहाँ-कहाँ से प्राप्त होगा और वह कितना कितना तथा कहाँ खर्च करेगी।

बजट के प्रमुख घटक (Main Components of Budget)

सरकारी बजट के दो मुख्य घटक होते हैं:

(1) राजस्व बजट (Revenue Budget) - इस भाग में सरकार की सामान्य आय और व्यय का विवरण दिया जाता है। दो भाग होते हैं:

राजस्व प्राप्तियाँ (Revenue Receipts): वो आय जो सरकार कर और गैर-कर स्रोतों से प्राप्त करती है। जैसे आयकर, जीएसटी, शुल्क, लाभांश आदि। राजस्व व्यय (Revenue Expenditure): वो खर्च जो सरकार सामान्य सेवाओं, वेतन, ब्याज भुगतान, पेंशन आदि पर करती है। इसमें कोई परिसंपत्ति निर्माण नहीं होता।

(2) पूंजीगत बजट (Capital Budget)- इस भाग में सरकार की पूंजीगत आय और व्यय का विवरण दिया जाता है। दो भाग होते हैं:

पूंजीगत प्राप्तियाँ (Capital Receipts): वो धनराशि जो सरकार ऋण, उधारी, सार्वजनिक संपत्ति की बिक्री आदि से प्राप्त करती है।

पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure): वो खर्च जो सरकार सड़क, पुल, विद्यालय, अस्पताल, परियोजनाओं, रक्षा उपकरण आदि परिसंपत्तियों के निर्माण पर करती है।

OR

राजकोषीय घाटा क्या है?

उत्तर: जब कुल प्राप्तियां (उधार छोड़कर) कुल व्यय की तुलना में कम रहती हैं तो उसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है । जिसे सूत्र के रूप में निम्न प्रकार से लिख सकते हैं।

राजकोषीय घाटा = कुल व्यय - कुल प्राप्तियां (उधार छोड़कर)

राजकोषीय घाटा वास्तव में सरकार द्वारा लिए गए समस्त ऋणों एवं अन्य देयताओं के बराबर होती है अर्थात :-

राजकोषीय घाटा = सरकार द्वारा लिए गए सभी ऋण +अन्य देयताएं

इस घाटे को पूरा करने के लिए सरकार देश के साथ- साथ विदेशों से ऋण लेती है, विनिवेश का सहारा लेती है, भारतीय रिज़र्व बैंक से उधार लेती है जिसके लिए बैंक नये नोट छापती है।

वास्तव में यह घाटा उत्पन्न होने पर सामान्यतः निम्न समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं :-

(a) महंगाई तेजी से बढ़ने लागती है।

(b) देश का ऋण जाल में फंसने की सम्भावना बढ़ जाती है।

(c) अर्थव्यवस्था का विकास अवरुद्ध हो जाता है।

(d) विदेशी हस्तक्षेप की सम्भावना बढ़ जाती है।

12. सरकारी बजट के उद्देश्य एवं महत्त्व समझाइए।

उत्तर:

सरकारी बजट के उद्देश्य एवं महत्व

सरकारी बजट किसी भी देश की आर्थिक नीति का आधार होता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देना है।

सरकारी बजट के उद्देश्य (Objectives of Government Budget)

(1) आर्थिक स्थिरता बनाए रखना- बजट के माध्यम से सरकार महँगाई और मंदी जैसी समस्याओं पर नियंत्रण रखती है।

(2) सामाजिक न्याय स्थापित करना- समाज के सभी वर्गों में आर्थिक असमानता को कम करना और निर्धन वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएँ बनाना।

(3) आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना- देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, उद्योग एवं कृषि विकास पर बजट में विशेष ध्यान दिया जाता है।

(4) आय का पुनर्वितरण (Redistribution of Income)- उच्च आय वालों से अधिक कर लेकर गरीब और पिछड़े वर्गों को सुविधाएँ उपलब्ध कराना।

(5) रोजगार अवसर सृजित करना - विभिन्न विकास योजनाओं और परियोजनाओं में निवेश कर रोजगार के नए अवसर पैदा करना।

(6) आय और व्यय में संतुलन बनाए रखना (Fiscal Discipline)- सरकार को अपनी आय और व्यय का संतुलन बनाए रखना ताकि वित्तीय घाटा कम हो।

सरकारी बजट का महत्व (Importance of Government Budget)

(1) सार्वजनिक कल्याण में वृद्धि बजट के ज़रिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क आदि पर खर्च बढ़ाकर जनसुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।

(2) राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करना सेना, पुलिस, सुरक्षा उपकरण आदि के लिए बजट में राशि का प्रावधान।

(3) गरीबी उन्मूलन में सहायक सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान कर निर्धनता कम करने का प्रयास।

(4) निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन टैक्स में छूट व सहायता देकर उद्योग और व्यवसाय को प्रोत्साहित करना।

(5) भविष्य की योजनाओं का आधार बजट के ज़रिए सरकार भविष्य की नीतियाँ व योजनाएँ तैयार करती है।

OR

संतुलित बजट, आधिक्य बजट (बचत का बजट) तथा घाटे की बजट की व्याख्या करें ?

उत्तर:

(A) संतुलित बजट: वह बजट जिसमे सरकार की अनुमानित आय एवं सरकार की अनुमानित व्यय दोनों आपस में बराबर होती हैं। उसे संतुलित बजट कहते हैं अर्थात :-

संतुलित बजट > सरकार की अनुमानित आय = सरकार की अनुमानित व्यय

संतुलित बजट के गुण एवं दोष :-

i. गुण :

a) आर्थिक स्थिरता स्थापित करने में सहायक ।

b) सरकार के अनावश्यक खर्चों पर विराम लग जाता है।

ii. दोष :-

a) मंदी से निपटने में सक्षम नहीं है।

b) बेरोजगारी की समस्या को दूर नहीं कर पाती है

c) गरीब एवं पिछड़े देशों के अनुकूल नहीं है।

d) सार्वजानिक कल्याण से सम्बंधित खर्चों पर विराम लग जाताहै

e) आर्थिक विकास की प्रक्रिया बाधित हो जाती है।

(B) आधिक्य बजट :- वह बजट जिसमे सरकार की अनुमानित आय सरकार की अनुमानित व्यय की तुलना में अधिक रहती है उसे आधिक्य बजट कहते हैं। अर्थात :-

आधिक्य बजट = सरकार की अनुमानित आय > सरकार की अनुमानित व्यय

आधिक्य बजट के गुण एवं दोष :-

1. गुण :-

a) महंगाई से निपटने में काफी असरदार है।

b) सरकार के ऋण में कमी लाती है

ii. दोष :-

a) मंदी से निपटने में कारगर नहीं है।

b) निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

c) आर्थिक विकास अवरुद्ध हो जाती है।

(C) घाटे का बजट :- वह बजट जिसमे सरकार की अनुमानित आय सरकार की अनुमानित व्यय से कम रहती है उसे घाटे का बजट कहते हैं। अर्थात -

घाटे का बजट = सरकार की अनुमानित आय < सरकार की अनुमानित व्यय

घाटे का बजट के गुण एवं दोष :-

1. गुण :-

 a) मंदी से निपटने में सहायक ।

b) आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।

c) बेरोजगारी की समस्या को दूर करने में सक्षम ।

d) गरीब एवं पिछड़े देशों के अनुकूल ।

ii. दोष:

a) महंगाई तेजी से बढ़ सकती है।

b) सरकार ऋण जाल में फंस सकती है।

c) सरकार के अनावश्यक खर्चों में वृद्धि हो जाती है।

इस प्रकार स्पष्ट है कि तीनों बजट के अपने गुण एवं दोष हैं लेकिन वर्तमान संदर्भ देखा जाय तो घाटे का बजट को दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है क्योंकि यह न केवल आर्थिक विकास में तेजी लाती है बल्कि रोजगार के अवसरों का सृजन भी बढ़ी मात्रा में कर सकती है जो वर्तमान उपभोक्तावादी समाज एवं बढ़ती जनसंख्या के लिए काफी आवश्यक है।

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