झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची
PROJECT RAIL GENERAL SCHOOL (12.06.2025)
विषय
– Economics समय-1
घण्टा
कक्षा
– 12 पूर्णांक
-20
सामान्य
निर्देश :
1.
इस प्रश्न-पत्र में कुल 12 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
2.
प्रश्न के प्रकार एवं अंक :
प्रश्न
1 से 6 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न 6x1=6.
प्रश्न
7 से 10 - लघु उत्तरीय प्रश्न 4x2 = 8
प्रश्न
11 एवं 12 - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 2x3=6
3. प्रश्न संख्या 1 से 6 बहुविकल्पीय प्रकार के हैं। 6 बहुविकल्पीय प्रश्नों में से 2 प्रश्न योग्यता आधारित प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न 1 से 6 के लिए चार विकल्प दिए गए है, सही विकल्प (a, b, c, d) का चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखना हैं।
4.
परीक्षा की समाप्ति से पहले किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर जाने की अनुमति
नहीं होगी।
SECTION - A (1x6=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. माइक्रोज' जिसका अर्थ होता है छोटा निम्न में से कौन सा शब्द है?
(a)
अरबी
(b) ग्रीक
(c)
जर्मन
(d)
फ्रेंच
2. किसने कहा कि 'अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है'?
(a)
माल्थस
(b)
रिकार्डो
(c) एडम स्मिथ
(d)
जे के मेहता
3. अर्थशास्त्र के जनक कौन थे?
(a)
माल्थस
(b) एडम स्मिथ
(c)
जे बी से
(d)
जॉन रॉबिंसन
4. माइक्रोस का अर्थ होता है
(a)
विशाल
(b) सूक्ष्म
(c)
बाजार
(d)
इनमें से कोई नहीं
5. रिसाव एवं अंतक्षेपण संबंधित है
(a) आय का वृताकार प्रवाह
(b)
पानी टंकी
(c)
चिकित्सा विज्ञान
(d)
इनमें से कोई नहीं
6. तृतीय क्षेत्र में शामिल है
(a)
खनन
(b)
निर्माण
(c) संचार
(d)
पशुपालन
SECTION - B (4x2=8) (लघु उत्तरीय प्रश्न)
7. आर्थिक क्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - आर्थिक क्रियाओं का संबंध उन सभी क्रियाओं से है जो
मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए सीमित साधनों जिसका वैकल्पिक प्रयोग हो सकता
है का उपयोग करते हैं।
8. उत्पादन
संभावना वक्र क्या है?
उत्तर - एक अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों एवं उत्पादन
की दी गई तकनीक द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं के विभिन्न संयोंगो का उत्पादन किया जा
सकता है। इन्हीं संयोंगो को दर्शाने वाली रेखा को उत्पादन संभावना वक्र कहते हैं।
9. समष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं
उत्तर - अंग्रेजी भाषा का मैक्रो, ग्रीक शब्द मेक्रोज से
बना है जिसका अर्थ होता है विशाल अथवा व्यापक। अतः व्यापक अर्थशास्त्र (जिसे
समष्टि अर्थशास्त्र भी कहते है के अंतर्गत आर्थिक व्यवस्था का उसके संपूर्ण या
समग्र रूप में अध्ययन किया जाता है।
एम एच. स्पेन्सर के अनुसार, समष्टि अर्थशास्त्र का संबंध
अर्थव्यवस्था अथवा उसके बड़े-बड़े हिस्सों से है। इसके अंतर्गत ऐसी समस्याओं का
अध्ययन किया जाता है जैसे बेरोजगारी का स्तर, मुद्रास्फीति की दर राष्ट्र का कुल
उत्पादन आदि जिनका संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए महत्व होता है।
10. पी. पी. वक्र की नतोदरता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - उत्पादन संभावना वक्र मूल बिंदु की ओर नतोदर
(Concave) होने का कारण बढ़ती हुई सीमांत अवसर लागत है। उत्पादन सम्भावना वक्र में
दायीं ओर खिसकाव संसाधनों में वृद्धि तथा तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। उत्पादन
सम्भावना वक्र बायीं ओर खिसकाव संसाधनों में कमी तथा तकनीकी अवनति को दर्शाता है।
सीमांत अवसर लागत से अभिप्राय Y वस्तु
के उत्पादन की मात्रा में होने वाली उस कमी से है जो कि X वस्तु
की एक अधिक ईकाई के उत्पादन के फलस्वरूप होती है, जब संसाधनों को Y से X की ओर
विवर्तित किया जाता है।
सीमांत अवसर लागत = ∆Y की हानि / ∆Xकी वृद्धि
SECTION - C (2x3=6) (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
11. आर्थिक समस्या क्या है? यह क्यों उत्पन्न होती है?
उत्तर - आर्थिक समस्या मूल रूप से चुनाव की समस्या है।
आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के कारण-
1. असीमित आवश्यकताएं- मानवीय आवश्यकताएं असीमित होती है।
एक आवश्यकता को पूर्ण करते ही दूसरी आवश्यकताएं उत्पन्न हो जाती है। एक समय में
मनुष्य की सभी आवश्यकताओं को संतुष्ट नहीं किया जा सकता है।
ii. आवश्यकताओं की तीव्रता में अंतर- मानव की सभी
आवश्यकताओं की तीव्रता एक सी नहीं होती है, अर्थात कुछ अधिक महत्वपूर्ण एवं कुछ कम
महत्वपूर्ण होती है। अधिक महत्व वाले आवश्यकताओं की तीव्रता अधिक होती है
iii. साधन सीमित होते हैं- साधन सीमित होते
हैं का अर्थ है कि साधनों की पूर्ति इनकी मांग की तुलना में कम होती है।
iv. सीमित साधनों के वैकल्पिक प्रयोग- साधन सीमित होते हैं और
इनके वैकल्पिक प्रयोग हो सकते हैं। जैसे-यदि किसी के पास ₹ 500 हूँ तो वह इससे एक शर्ट
या एक जोडी जूता या एक किताब खरीद सकता है।
v. चुनाव की समस्या- सीमित साधनों से सभी आवश्यकताओं को पूरा
नहीं किया जा सकता है। अतः साधन को किस आवश्यकता की पूर्ति में कितनी मात्रा में प्रयोग
किया जाए यह समस्या उत्पन्न होती है, इसे ही चुनाव की समस्या कहते हैं।
Or
पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्था में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर - पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एक ऐसी प्रणाली है जिसमें
निजी संस्थाएं श्रम, प्राकृतिक संसाधन या पूंजीगत वस्तुओं जैसे उत्पादन के कारकों
को नियंत्रित करती हैं। समाजवादी अर्थव्यवस्था एक आर्थिक प्रणाली है जहां उत्पादन
के कारक जैसे श्रम, प्राकृतिक संसाधन या पूंजीगत वस्तुएं सरकार के नियंत्रण में
होती हैं।
12. स्टॉक चर एवं प्रवाह चर में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - प्रवाह (Flow)-
1. प्रवाह को समय की एक निश्चित अवधि के संदर्भ में मापा
जाता है।
2. प्रवाह में समय की अवधि होती है।
3. यह एक गतिशील अवधारणा है।
स्टॉक (Stock)-
1. स्टॉक को निश्चित बिंदु पर मापा जाता है।
2. स्टॉक की समय अवधि नहीं होती।
3. यह एक स्थिर अवधारणा है।
Or
रिसाव एवं अंतक्षेपण से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित बतावें।
उत्तर - क्षरण या वापसी वे प्रवाह चर है जिनका उत्पादन की
प्रक्रिया (आय सृजन प्रक्रिया ) या ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है। इसमें बचत, आयात,
सरकार द्वारा लगाए गए कर हैं। यह सभी चर अर्थव्यवस्था में आए प्रवाह को कम करते
हैं।
भरण या
समावेश वे प्रवाह चर है जो अर्थव्यवस्था में उत्पादन की प्रक्रिया में वृद्धि करते
हैं। इसमें निवेश, निर्यात, सरकारी एवं परिवार क्षेत्र द्वारा किया गया उपभोग व्यय
है। इसके फलस्वरूप विकास प्रक्रिया में वृद्धि होती है।
PROJECT RAIL (08.07.2025)
SECTION A (6x1=6) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
Q. 1- कीमत रेखा या बजट रेखा की ढाल व्यक्त की जाती है?
(A) -Px/Py
(B)
-Py/Px
(C)
Px.Py
(D)
Py/Px
Q. 2- समान्यतः माँग वक्र संबंध को व्यक्त करता है?
(A)
मूल्य व पूर्ति के मध्य
(B) मूल्य व माँग के मध्य
(C)
माँग व पूर्ति के मध्य
(D)
इनमें से सभी
Q. 3- उपयोगिता के माप की इकाई है?
(A)
मीटर
(B)
जूल
(C) यूटिल्स
(D)
इनमें से कोई नहीं
Q. 4 - यदि किसी वस्तु की माँग वक्र D=10-5P वस्तु की कीमत एक रुपया
प्रति इकाई होने पर वस्तु की माँग क्या होगी?
(A)
0
(B)
10
(C)
15
(D) 5
Q. 5- जब सीमान्त उपयोगिता शून्य होती है तब कुल उपयोगिता होती है?
(A)
शून्य
(B)
न्यूनतम
(C) अधिकतम
(D)
अनन्त
Q. 6- रेखा चित्र में E बिंदु पर माँग की लोच है?

(A)
सापेक्षतया अधिक लोचदार
(B)
सापेक्षतया बेलोचदार
(C) इकाई लोचदार
(D)
पूर्णतया लोचदार
SECTION B (4x2=8) (लघु उत्तरीय प्रश्न)
Q. 7- पूरक वस्तुएं किसे कहते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?
उत्तर - पूरक वस्तुएं वे वस्तुएं होती
हैं जिनका प्रयोग सामान्यतः एक साथ किया जाता है अर्थात यदि किसी वस्तु की मांग बढ़ती
या घटती है तो उससे संबंधित अन्य वस्तु की भी क्रमशः मांग बढ़ या घट जाती है। उदाहरण
के लिए कार-पेट्रोल पेन-स्याही इत्यादि। यदि बाजार में कार की मांग बढ़ती है तो पेट्रोल
की मांग बढ़ेगी ही इसके विपरीत भी संभव है क्योंकि इनका प्रयोग सामान्यतः एक साथ ही
किया जाता है।
Q. 8- मांग को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?
उत्तर - मांग को प्रभावित करने वाले
तत्व -
i.
वस्तु की कीमत - किसी वस्तु की कीमत और मांग के बीच विपरीत
संबंध पाया जाता है अर्थात कम कीमत पर लोगों द्वारा वस्तु की अधिक मात्रा की मांग की
जाती है एवं विलोमशः।
ii.
अन्य वस्तु की कीमत- अन्य वस्तु की कीमत किसी विशेष
वस्तु की मांग को दो तरह से प्रभावित करती है। एक वस्तु की कीमत में वृद्धि से किसी
विशेष वस्तु की मांग बढ़ जातीहै, यह स्थानापन्न वस्तु होती है। जैसे चाय एवं कॉफी।
अन्य वस्तु की कीमत में वृद्धि से किसी विशेष वस्तु की मांग में कमी हो जाती है ये
पूरक वस्तु कहलाती है। जैसे कार एवं पेट्रोल
iii.
उपभोक्ता की आय- सामान्यतः एक उपभोक्ता की आय और सामान्य
वस्तु की मांग के बीच प्रत्यक्ष एवं सीधा संबंध पाया जाता है अर्थात आय में वृद्धि
से वस्तु की मांग बढ़ जाती है। उपभोक्ता की आय और घटिया या गिफिन वस्तुओं की मांग के
बीच विपरीत संबंध पाया जाता है अर्थात आय में वृद्धि से इन वस्तु की मांग घट जाती है।
iv.
रुचि एवं अधिमान- किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा एवं उपभोक्ता
की रूचि तथा अधिमान के बीच प्रत्यक्ष संबंध पाया जाता है यदि किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता
की रुचि और अधिमान पक्ष में हो तो उस वस्तु की मांग अधिक होगी।
v.
भविष्य में कीमत संबंधी आशा- किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा
और उसकी भविष्य में कीमत संबंधी आशा के बीच प्रत्यक्ष और सीधा संबंध पाया जाता है।
अर्थात यदि उपभोक्ता यह आशा करता है कि किसी वस्तु की कीमत निकट भविष्य में कम होगी
तो वह उस वस्तु की वर्तमान मांग कम कर देगा एवं विलोमशः।
vi.
सरकारी नीति- सरकार किसी वस्तु पर कर लगाकर उसकी मांग
को कम या सब्सिडी देकर किसी वस्तु की मांग को बढ़ा सकती है। कर लगाने से वस्तु की कीमत
में वृद्धि हो जाती है जबकि सब्सिडी देने पर वस्तु की कीमत में कमी आती है।
vii.
जनसंख्या- वस्तु की मांगी गई मात्रा एवं जनसंख्या के बीच
सीधा संबंध पाया जाता है जनसंख्या में वृद्धि से वस्तु की मांग बढ़ जाती है जबकि जनसंख्या
में कर्मी से वस्तु की मांग कम हो जाती है।
Q. 9- अनिवार्य वस्तुओं के लिए मांग की लोच कितनी होती है? सकारण उत्तर
दीजिए?
उत्तर - अनिवार्य वस्तुओं के लिए मांग
की लोच पूर्णतया बेलोचदार अर्थात् शून्य होती है, क्योंकि अनिवार्य वस्तुएं वे वस्तुएं
होती हैं जिनका मूल्य कितना भी बढ़ जाए या घट जाए उनके मांग में कोई कमी या वृद्धि
नहीं होती है। उदाहरण के लिए जीवन रक्षक दवाएं, नमक इत्यादि।
Q. 10- उपभोक्ता किसे कहते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?
उत्तर - जब कोई व्यक्ति अपनी आवश्यकता
की संतुष्टि हेतु वस्तुओं एवं सेवाओं का प्रयोग (उपभोग) करता है वह व्यक्ति उपभोक्ता
कहलाता है। उदाहरण गर्मी लगने पर पंखा का प्रयोग, ठण्डी में स्वेटर का प्रयोग, प्यास
लगने पर पानी का पीना इत्यादि इनका प्रयोग जिनके द्वारा किया जाता है, उपभोक्ता कहलाते
हैं।
SECTION C (2x3=6) (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
Q.11- अनधिमान वक्र किसे कहते हैं एवं इसकी विशेषताओं का वर्णन करें?
उत्तर- इसे उदासीनता वक्र भी कहते
हैं। दो वस्तुओं के ऐसे विभिन्न संयोगों को प्रदर्शित करने वाला वक्र जिससे किसी उपभोक्ता
को सामान संतुष्टि प्राप्त होती है, अनधिमान वक्र कहते हैं।
अनधिमान
वक्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-
1.
अनधिमान वक्र ऊपर से नीचे की तरफ ऋणात्मक ढाल बनाता हुआ मूल बिंदु के उन्नतोदर होता
है
2.
ऊंचा अनधिमान वक्र ऊंची उपयोगिता स्तर को प्रदर्शित करता है
3.
अनाधिमान वक्र ना एक दूसरे को प्रतिच्छेद करते हैं और ना ही स्पर्श करते हैं।
Q.12- घटती सीमांत उपयोगिता के नियम की व्याख्या करें?
उत्तर- इस नियम की सर्वप्रथम व्याख्या
फ्रेंच अर्थशास्त्री गोसेन ने की थी। इसे व्यवस्थित रूप में एक सिद्धांत के रूप में
प्रस्तुत करने का श्रेय अल्फ्रेड मार्शल को है। यह ल को है।
सिद्धांत
निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है।
1.
उपभोग की क्रिया अनवरत चलनी चाहिए ।
2.
उपभोग की जाने वाली इकाइयों परस्पर गुण, परिमाण, रंग, स्वाद इत्यादि में समान होनी
चाहिए।
3.
उपभोग की क्रिया के दौरान उपभोक्ता की मानसिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।
4.
उपभोग की क्रिया के दौरान उपभोक्ता की आय, रूचियां, आदतें आदि में बदलाव नहीं होना
चाहिए।
इस सिद्धांत के अनुसार अन्य बातों के समान रहने पर एक उपभोक्ता जैसे-जैसे किसी वस्तु का उपभोग बढ़ाता जाता है अधिक उपभोग की जाने वाली वस्तु की सीमांत उपयोगिता घटती जाती है।