वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. एक खुली
अर्थव्यवस्था में समग्र माँग के कितने हिस्से होते हैं?
(अ) पाँच
(ब) चार
(स) दो
(द) तीन
प्रश्न 2. विनियोग माँग
कितने तत्वों पर निर्भर करती है?
(अ) एक
(ब) दो।
(स) चार
(द) तीन
प्रश्न 3. विनियोग माँग
मुख्यतया …………… में बदलाव पर निर्भर करती है।
(अ) MPC
(ब) MPS
(स) पूँजी की सीमान्त
कार्यकुशलता
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 4. समग्र पूर्ति
बराबर होती है
(अ) C + S
(ब) C – S
(स) S – C
(द) C × S
प्रश्न 5. रोजगार गुणक
को किस वर्ष प्रतिपादित किया गया?
(अ) 1944
(ब) 1930
(स) 1931
(द) 1930
प्रश्न 6. रोजगार गुणक
का प्रतिपादन किसने किया?
(अ) कीन्स
(ब) जे.बी. से
(स) काहन
(द) स्मिथ
प्रश्न 7. निवेश गुणक
का विचार किसने प्रस्तुत किया?
(अ) कीन्स
(ब) काहन
(स) स्मिथ
(द) जे.बी. से
प्रश्न 8. निवेश गुणक व
बचत की सीमान्त प्रवृत्ति के मध्य कैसा सम्बन्ध है।
(अ) सीधा
(ब) प्रतिलोम
(स) बराबर
(द) योग
प्रश्न 9. जितना अधिक
MPC का मूल्य होगा उतना ………… गुणक का मूल्य होगा।
(अ) अधिक
(ब) कम
(स) बराबर
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 10. यदि निवेश बढ़ता
है तो आय के स्तर को बढ़ाएगा, यह विधि कहलाती है।
(अ) अग्रिम प्रक्रिया
(ब) पश्च प्रक्रिया
(स) गुणक प्रक्रिया
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 11. समग्र माँग
किसके बराबर होती है?
(अ) I + S
(ब) C + 1
(स) शून्य
(द) अनन्त
प्रश्न 12. जब उपभोग की
सीमान्त प्रवृत्ति (MPC) शून्य के बराबर होती है तो गुणक का मूल्य होता है।
(अ) 100
(ब) 1
(स) शून्य
(द) अनन्त
प्रश्न 13. जब बचत की
सीमान्त प्रवृत्ति 0.5 के बराबर है तो गुणक का मूल्य होता है।
(अ) 1
(ब) 2
(स) शून्य
(द) अनन्त
प्रश्न 14. गुणक का
सूत्र निम्न में से कौन-सा है?
(अ)11-MPC (ब) MPCMPS
(स) 1MPC+MPS (द) 1MPC
प्रश्न 15. रोजगार गुणक
की अवधारणा किसके द्वारा प्रतिपादित की गई?
(अ) रिचर्ड गुडविन
(ब) जे.एम. कीन्स
(स) जे.एस. ड्यूसनबरी
(द) आर.एफ. काहन
अतिलघु उत्तरात्मक
प्रश्न
प्रश्न 1. समग्र माँग
से क्यो आशय है?
उत्तर: आय व रोजगार के
स्तर पर एक साल में अर्थव्यवस्था में जो वस्तुओं और सेवाओं की माँग की जाती है उसे
समग्र माँग कहते हैं।
प्रश्न 2. समग्र माँग
के चार घटकों के नाम लिखो।
उत्तर:
1.
उपभोग खर्च (C)
2.
विनियोग खर्च (I)
3.
सरकारी खर्च (G)
4.
शुद्ध निर्यात (X – M)
प्रश्न 3. खुली
अर्थव्यवस्था में समग्र माँग का सूत्र लिखो।
उत्तर: AD = C + I + G + (X – M)
प्रश्न 4. बन्द
अर्थव्यवस्था में समग्र माँग का सूत्र लिखो।
उत्तर: AD = C + I
प्रश्न 5. समग्र माँग
कौन-से दो हिस्सों से मिलकर बनी होती है?
उत्तर: 1. उपभोग माँग ,
2. विनियोग माँग।
प्रश्न 6. उपभोग माँग किस
पर निर्भर करती है?
उत्तर: उपभोग की
सीमान्त प्रवृत्ति तथा आय पर।
प्रश्न 7. विनियोग माँग
कितने तत्वों पर निर्भर करती है?
उत्तर: दो तत्वों पर।
प्रश्न 8. विनियोग माँग
के तत्वों के नाम लिखो।
उत्तर: 1. पूँजी की
सीमान्त कार्यदक्षता , 2. ब्याज दर।
प्रश्न 9. विनियोग माँग
मुख्यतया किस पर निर्भर करती है?
उत्तर: पूँजी की
सीमान्त कार्यकुशलता पर।
प्रश्न 10. पूँजी की
सीमान्त कार्यकुशलता से क्या आशय है?
उत्तर: लाभ की वह
प्रत्याशित दर जो अपनी पूँजी परिसम्पत्तियों के विनियोग पर प्राप्त होता है।
प्रश्न 11. समग्र
पूर्ति से क्या आशय है?
उत्तर: समग्र पूर्ति से
तात्पर्य बाजार में बिकने के लिए कुल उत्पाद के मौद्रिक मूल्य से है।
प्रश्न 12. समग्र
पूर्ति का सूत्र लिखो।
उत्तर: AS = C + S
प्रश्न 13. द्विस्तरीय
अर्थव्यवस्था में दो क्षेत्र कौन-कौन-से हैं?
उत्तर: 1. घरेलू क्षेत्र
, 2. उत्पादक क्षेत्र।
प्रश्न 14. समग्र
पूर्ति वक्र में कितने डिग्री का कोण बनता है?
उत्तर: 45°
प्रश्न 15. समग्र
पूर्ति वक्र में 45° की सरल रेखा किन बातों पर निर्भर करती है?
उत्तर: 1. समग्र उत्पाद
, 2. राष्ट्रीय आय के मौद्रिक रूप में।
प्रश्न 16. यदि समग्र
माँग समग्र पूर्ति से अधिक होगी, तो वह दशा क्या कहलायेगी?
उत्तर: यदि समग्र माँग
समग्र पूर्ति से अधिक हो, तो वह दशा मुद्रास्फीति कारक अन्तराल कहलाती है।
प्रश्न 17. राष्ट्रीय
आय और राष्ट्रीय उत्पाद में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर: राष्ट्रीय आय और
राष्ट्रीय उत्पाद एक ही है।
प्रश्न 18. आय के साम्य
स्तर से क्या आशय है?
उत्तर: उत्पाद या आय का
ऐसा स्तर जहाँ पर समग्र माँग, समग्र पूर्ति के बराबर होती है।
प्रश्न 19. साम्य आय का
सूत्र लिखो।
उत्तर: Y=11-MPC(a+Ia) ; Y=1MPS(a+Ia)
प्रश्न 20. साम्य आय के सूत्र Y=K=11-MPC(a+Ia) में a से क्या आशय है।
उत्तर: a = स्वायत्त
उपभोग है।
प्रश्न 21.
मुद्रास्फीति कारक अन्तराल क्या है?
उत्तर: पूर्ण रोजगार की
स्थिति में समग्र माँग का समग्र पूर्ति से अधिक होना मुद्रास्फीति कारक अन्तराल
कहलाता है।
प्रश्न 22. अपस्फीति
कारक अंतराल क्या है?
उत्तर: पूर्ण रोजगार की
स्थिति में समग्र माँग का समग्र पूर्ति से कम होना अपस्फीति कारक अन्तराल कहलाता
है।
प्रश्न 23.
मुद्रास्फीति के अन्तराल को कैसे ठीक किया जा सकता है?
उत्तर: समग्र माँग को
कम करके।
प्रश्न 24. अपस्फीति
अन्तराल को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर: समग्र माँग को
बढ़ाकर।
प्रश्न 25. रोजगार गुणक
किस वर्ष प्रतिपादित किया गया?
उत्तर: 1931 में।
प्रश्न 26. रोजगार गुणक
किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया?
उत्तर: आर.एफ. काहने।
प्रश्न 27. निवेश गुणक
का विचार किसने प्रतिपादित किया?
उत्तर: जे.एम. कीन्स
ने।
प्रश्न 28. जे.एम.
कीन्स ने निवेश गुणक किस वर्ष प्रतिपादित किया?
उत्तर: 1930 में।
प्रश्न 29. निवेश गुणक
का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: आय गुणक।
प्रश्न 30. निवेश गुणक
किन के बीच सम्बन्ध दर्शाता है?
उत्तर: प्रारम्भिक
निवेश और परिणामस्वरूप आय में होने वाली वृद्धि के बीच सम्बन्ध दर्शाता है।
प्रश्न 31. निवेश गुणक
का मूल्य किसके बराबर होगा? ;
उत्तर: आय में परिवर्तन
तथा निवेश में परिवर्तन के अनुपात के बराबर।
प्रश्न 32. गुणक की
अवधारणा किस तथ्य पर आधारित है?
उत्तर: एक व्यक्ति का
व्यय दूसरे व्यक्ति की आय के बराबर होता है।
प्रश्न 33. निवेश गुणक
व उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति के बीच कैसा सम्बन्ध है?
उत्तर: सीधा सम्बन्ध
है।
प्रश्न 34. निवेश गुणक
व बचत की सीमान्त प्रवृत्ति के बीच कैसा सम्बन्ध है?
उत्तर: प्रतिलोम
सम्बन्ध है।
प्रश्न 35. गुणक का मान
अर्थव्यवस्था में किस पर निर्भर करता है?
उत्तर: उपभोग की
सीमान्त प्रवृत्ति के स्तर पर।
प्रश्न 36. गुणक का सूत्र लिखो।
उत्तर: K = 1MPS
प्रश्न 37. यदि MPS का
मूल्य कम है तो गुणक का मूल्य क्या होगा?
उत्तर: अधिक होगा।
प्रश्न 38. गुणक का
मूल्य कितना होता है?
उत्तर: एक और अनन्त के
बीच।
प्रश्न 39.
अर्थव्यवस्था में साम्य बिन्दु क्या होता है?
उत्तर: जहाँ पर समग्र
माँग समग्र पूर्ति के बराबर होता है।
प्रश्न 40. गुणक की
अग्रिम प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: यदि निवेश बढ़ता
है तो आय के स्तर को बढ़ाएगा, यह विधि गुणक की अग्रिम प्रक्रिया है।
प्रश्न 41. गुणक की
पश्चगामी प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: यदि निवेश घटता
है तो आय के स्तर को भी घटाता है, यह गुणक की पश्चगामी प्रक्रिया है।
प्रश्न 42. गुणक से आप
क्या समझते हैं?
उत्तर: आय में परिवर्तन
से निवेश आय में परिवर्तन का अनुपात गुणक कहलाता है अर्थात् गुणक की अवधारणा आय
उत्पादन व रोजगार के सिद्धान्त के लिए महत्त्वपूर्ण घटक है। यह प्रारम्भिक निवेश
और इसके परिणामस्वरूप आय में होने वाली वृद्धि के बीच सम्बन्ध बताता है।
प्रश्न 43. यदि MPC = 0.9 है
तो गुणक का मूल्य क्या होगा?
उत्तर: K=11-MPC=11-0.9=10.1=10
प्रश्न 44. आय व रोजगार
के साम्य स्तर से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जहाँ पर समग्र
माँग समग्र पूर्ति के बराबर होती है आय व रोजगार का साम्य स्तर कहलाती है।
प्रश्न 45. समग्र माँग
के महत्त्वपूर्ण घटक कौन-कौन-से हैं?
उत्तर: समग्र माँग के
चार महत्त्वपूर्ण घटक हैं –
1.
उपभोग खर्च
2.
विनियोग खर्च
3.
सरकारी खर्च और
4.
कुल निर्यात।
प्रश्न 46. समग्र
पूर्ति के घटक कौन-कौन से हैं
उत्तर: एक दिये हुए समय
में किसी अर्थव्यवस्था में उपलब्ध समस्त उत्पाद समग्र पूर्ति के घटक कहलाते हैं।
प्रश्न 47. समग्र माँग
को समझाइए।
उत्तर: एक दिए हुए आय व
रोजगार के स्तर पर एक साल में किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की जो माँग
की जाती है, उसे समग्र माँग कहते हैं।
प्रश्न 48. समग्र माँग
एक खुली अर्थव्यवस्था में समझाओ।
उत्तर: समग्र माँग एक
अर्थव्यवस्था में समग्र खर्चे के बराबर होती है। एक खुली अर्थव्यवस्था में समग्र
माँग के चार हिस्से होते | हैं-
1.
उपभोग खर्च
2.
विनियोग खर्च
3.
सरकारी खर्च तथा
4.
शुद्ध निर्यात।
प्रश्न 49. खुली
अर्थव्यवस्था में AD = C + I + G + (X – M) में C,I,G, (X – M) को बताओ।
उत्तर: AD = समग्र
माँग, C = उपभोग खर्च, I = विनियोग खर्च, G = सरकारी खर्च, X – M = शुद्ध निर्यात।
प्रश्न 50. उपभोग माँग
को समझाओ।
उत्तर: उपभोग माँग
उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति तथा आय पर निर्भर करती है, अत: उपभोग माँग आय का फलन
है।
प्रश्न 51. विनियोग
माँग किस पर निर्भर करती है?
उत्तर: विनियोग माँग
पूँजी की सीमान्त कार्यकुशलता तथा ब्याज पर निर्भर करती है, इनमें से ब्याज दर
तुलनात्मक रूप से स्थिर रहती है और अल्पकाल में सामान्यत: बदलती नहीं है।
प्रश्न 52. घरेलू निवेश
माँग क्या है?
उत्तर: घरेलू निवेश
माँग, सकल घरेलू पूँजी निर्माण तथा बिना बिके माल के स्टॉक में बदलाव का योग होता
है।
प्रश्न 53. समग्र
पूर्ति से क्या आशय है?
उत्तर: समग्र पूर्ति से
तात्पर्य उत्पाद की कुल पूर्ति से है। समग्र पूर्ति का एक हिस्सा उपभोग के प्रयोग
के लिए बेचा जाता है और दूसरा हिस्सा बिना बिके स्टॉक से है।
प्रश्न 54. Aggregate
Supply = C + S को समझाओ।
उत्तर: अर्थव्यवस्था
में समग्र माँग कुल उपभोग व्यय (C) और कुल बचत (S) का योग होती है।
प्रश्न 55. समग्र माँग
वक्र समझाओ।
उत्तर: ऐसी
अर्थव्यवस्था जिसमें दो क्षेत्र हैं, इसमें घरेलू क्षेत्र में माँग अंतिम उपभोग के
लिए होती है तथा उत्पादक क्षेत्र में घरेलू निवेश के लिए माँग होती है। यह भी माना
जाता है कि निवेश वक्र स्वायत्त है।
प्रश्न 56. आय व रोजगार
का साम्य स्तर क्या है?
उत्तर: जहाँ पर समग्र
माँग, समग्र पूर्ति के बराबर होती है वह आय तथा रोजगार का स्तर, आय व रोजगार का
साम्य स्तर कहलाता है।
प्रश्न 57. साम्य आय का सूत्र समझाइये।
उत्तर: Y=11-b(a+Ia)
यहाँ b = सीमान्त उपभोग
की प्रवृत्ति
a = स्वायत्त उपभोग
Ia = निवेश
प्रश्न 58. समग्र माँग
वक्र को दर्शाइए।
उत्तर:
प्रश्न 59. आय में
वृद्धि होने पर APC तथा MPC पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: जब आय में
वृद्धि होती है तो APC तथा MPC दोनों में कमी आती है, लेकिन MPC में APC की
अपेक्षा अधिक गिरावट आती है।
प्रश्न 60. निवेश गुणक
का MPC से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर: निवेश गुणक का
MPC से विपरीत संबंध होता है।
प्रश्न 61. समग्र
पूर्ति वक्र को दर्शाइए।
उत्तर:
प्रश्न 62. समग्र माँग
व समग्र पूर्ति वक्र द्वारा आय के साम्य स्तर को दर्शाइए।
उत्तर:
प्रश्न 63. निवेश तथा
बचत फलन वक्र द्वारा आय के साम्य स्तर को समझाओ।
उत्तर:
प्रश्न 64. रोजगार गुणक
का प्रतिपादन किसने व कब किया?
उत्तर: रोजगार गुणक का
प्रतिपादन आर.एफ. काहन ने 1931 में किया था। रोजगार सिद्धान्त की अवधारणा के लिए
महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 65. निवेश गुणक
का प्रतिपादन कब और किसने किया?
उत्तर: निवेश गुणक का
प्रतिपादन जे.एम. कीन्स ने 1930 के दशक में आर्थिक मंदी से छुटकारा पाने के लिए
किया। इसे निवेश गुणक या आय गुणक भी कहते हैं।
प्रश्न 66. गुणक की
अवधारणा किसके लिए महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर: गुणक की अवधारणी
आय उत्पादन व रोजगार के सिद्धान्त के लिए महत्त्वपूर्ण घटक है।
प्रश्न 67. गुणक का मान
किस पर निर्भर करता है?
उत्तर: गुणों का मान
किसी अर्थव्यवस्था में उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति के स्तर पर निर्भर करता है।
जितना अधिक MPC का मूल्य होगा उतना अधिक गुणक का मूल्य होगा।
प्रश्न 68. निवेश गुणक
के सूत्र को समझाइये।
उत्तर: निवेश गुणक का
मूल्य आय में परिवर्तन तथा निवेश में परिवर्तन के अनुपात के बराबर होता है।
प्रश्न 69. गुणक
प्रक्रिया का चित्र द्वारा निरूपण करो।
उत्तर:
प्रश्न 70. गुणक का
मूल्य एक और अनन्त के बीच क्यों रहता है?
उत्तर: सीमान्त उपभोग
की प्रवृत्ति (MPC) का मान 0 से 1 के बीच होता है इसलिए हमेशा गुणक का मूल्य 1 और ∞ के मध्य होता है।
प्रश्न 71.
अर्थव्यवस्था में साम्य बिन्दु कहाँ होता है?
उत्तर: अर्थव्यवस्था
में साम्य बिन्दु वहाँ होता है जहाँ पर समग्र माँग, समग्र पूर्ति के बराबर होती
है, जहाँ पर बचत, निवेश के बराबर होती है।
प्रश्न 72. निवेश वक्र
पर E2 सन्तुलन बिन्दु कब प्राप्त होता है?
उत्तर: जब निवेश बढ़ता
है तो निवेश वक्र ऊपर की ओर खिसक जाता है जिससे नया सन्तुलन बिन्दु E2 प्राप्त
होता है।
प्रश्न 73. गुणक की
पश्चगामी प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: जब निवेश में
कमी आती है तो आय में कई गुणा की कमी आती है, जिसे गुणक की पश्चगामी प्रक्रिया
कहते हैं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. समग्र माँग
को खुली अर्थव्यवस्था तथा बंद अर्थव्यवस्था में समझाइए।
उत्तर: समग्र माँग किसी
एक अर्थव्यवस्था में समग्र खर्चे के बराबर होती है अर्थात् आय व रोजगार के स्तर पर
एक साल में अर्थव्यवस्था में जो वस्तुओं और सेवाओं की माँग की जाती है उसे समग्र
माँग कहते हैं। एक खुली अर्थव्यवस्था में समग्र माँग के चार हिस्से होते हैं –
(i) उपभोग खर्च (C), (ii) विनियोग खर्च (I), (iii) सरकारी खर्च (G), (iv) शुद्ध
निर्यात (X – M) अत: खुली अर्थव्यवस्था में समग्र मॉग इन चार घटकों का योग होती
है।
समग्र माँग (Aggregate Demand) = C + I + G + (X – M)
लेकिन बन्द अर्थव्यवस्था में समग्र माँग (Aggregate Demand) = C + I के बराबर होती
है।
प्रश्न 2. उपभोग प्रवृत्ति
या उपभोग फलन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: प्रो. कीन्स के
अनुसार आय का जो भाग उपभोग पर व्यय हो जाता है उसे उपभोग प्रवृत्ति या उपभोग फलन
कहते हैं। अतः उपभोग की मात्रा व्यक्ति की आय पर निर्भर करती है। जब आय में वृद्धि
होती है तो उपभोग में वृद्धि होती है तथा जब आय में कमी होती है तो उपभोग में भी
कमी हो जाती है।
सूत्र रूप में – C = F(Y)
प्रश्न 3. विनियोग माँग
किन तत्वों पर निर्भर करती है। समझाइये।
उत्तर:
1.
विनियोग माँग मुख्यतया
पूँजी की सीमान्त कार्यकुशलता में बदलाव पर निर्भर करती है। पूँजी की सीमान्त
कार्यकुशलता से तात्पर्य उस प्रत्याशित लाभ की दर से है जो अपनी पूँजी परिसम्पत्ति
के विनियोग पर प्राप्त होती है।
2.
विनियोग माँग ब्याज दर
पर भी निर्भर करती है। ब्याज दर तुलनात्मक रूप से स्थिर रहती है और अल्पकाल में
सामान्यतः बदलती नहीं है।
प्रश्न 4. एक
द्विस्तरीय अर्थव्यवस्था में साम्य आय स्तर का निर्धारण कैसे किया जाता है? गणितीय
सूत्र से बताओ।
उत्तर: एक ऐसी
अर्थव्यवस्था जिसमें दो क्षेत्र हैं-एक घरेलू क्षेत्र और दूसरा उत्पादक क्षेत्र।
इसमें आय का साम्य स्तर, आय या उत्पाद का वह स्तर है जहाँ पर समग्र माँग समग्र
पूर्ति के बराबर होती है अर्थात् AD = AS
आय के साम्य स्तर का सूत्र - Y=11-b(a+Ia)
प्रश्न 5. अर्थव्यवस्था में स्वायत्त निवेश ₹400 है और दिया हुआ उपभोग फलन
C = 80 + 0.75Y हो तो आय का साम्य स्तर क्या होगा?
उत्तर: दिया है। Ia = 400
C = 80 + 0.75Y
AS = Y, AD = C + Ia
हम जानते हैं। AS = AD
Y = C + Ia
Y = 80 + 0.75Y + 200
(Y – 0.75Y) = 80 + 200
0.25Y = 280
Y=280×10025=280×4 = ₹ 1,120
प्रश्न 6. आय के साम्य
स्तर के सूत्र का निर्माण कीजिए।
उत्तर: AS = Y तथा AD =
C + Ia
साम्य आय के स्तर के लिए
AS = AD
Y = C + Ia
चूँकि
C = a + b Y
Y = a + bY + Ia
Y – b Y = a + Ia
प्रश्न 7. निवेश गुणक
की अवधारणा की उत्पत्ति क्यों हुई?
उत्तर: 1930 के दशक में
जब अमेरिका और यूरोप में आर्थिक मंदी छाई हुई थी, तब जे.एम. कीन्स ने इस समस्या से
निजात पाने के लिए समग्र माँग को बढ़ाने का समर्थन किया और इसके साथ ही कीन्स ने
निवेश गुणक को विचार प्रस्तुत किया। कीन्स के गुणक को आय गुणक या निवेश गुणक कहते
हैं।
प्रश्न 8. निवेश गुणक
को समझाइए।
उत्तर: यह प्रारम्भिक
निवेश और इसके परिणामस्वरूप आय में होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। इसके अनुसार
जब अर्थव्यवस्था में प्रारम्भिक निवेश किया जाता है तो आय निवेश के बराबर न होकर
उससे कई गुना अधिक बढ़ती है। प्रारम्भिक निवेश के फलस्वरूप जितनी गुना आय बढ़ती
है, यह निवेश गुणक कहलाता है।
प्रश्न 9. गुणक की
अवधारणा किस पर आधारित है?
उत्तर: गुणक की अवधारणा
इस तथ्य पर आधारित है कि एक व्यक्ति का व्यय दूसरे व्यक्ति की आय के बराबर होता
हैं। आय का कितना हिस्सा उपभोग के लिए बढ़ाया जाता है, यह इस बात पर निर्भर करता
है कि व्यक्ति की सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति कितनी है।
प्रश्न 10. गुणक के
प्रभाव को कम करने वाले तीन कारक बताइए।
उत्तर:
1.
बचत प्रवृत्ति –
अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत रहने वाले लोगों में बचत प्रवृत्ति जितनी अधिक होगी गुणक
का मूल्य उतना ही कम होगा।
2.
ऋणों का भुगतान – यदि
आय का प्रयोग पुराने ऋणों को चुकाने में किया जाता है तो इससे गुणक कम हो सकता है।
3.
करेन्सी स्टॉक – यदि
करेंसी को अपने पास या बैंक में जमा रख लिया जाए तो इससे उपभोग की प्रवृत्ति कम हो
जाती है तथा गुणक कमजोर हो जाता है।
प्रश्न 11. सिद्ध कीजिए
कि सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति तथा निवेश गुणक में प्रत्यक्ष सम्बन्ध है?
उत्तर: सीमान्त उपभोग
प्रवृत्ति का मूल्य जितना अधिक होता है गुणक का मूल्य भी उतना ही अधिक होता है।
इसके विपरीत सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति का मूल्य जितना कम होगा गुणक का मूल्य भी
उतना ही कम होगा।
प्रश्न 12. सिद्ध कीजिए
कि सीमान्त बचत प्रवृत्ति का गुणक से विपरीत सम्बन्ध होता है।
उत्तर: ऐसा इसलिए होता
है क्योंकि सीमान्त बचत प्रवृत्ति का मूल्य जितना अधिक होता है गुणक का आकार भी
उतना ही छोटा होता है। इसके विपरीत सीमान्त बचत प्रवृत्ति का मूल्य जितना कम होता
है, गुणक को आकार उतना ही अधिक होता है।
प्रश्न 13. समग्र
माँग-समग्र पूर्ति वक्र विधि को समझाओ।
उत्तर: समग्र माँग
उपभोग खर्च व निवेश खर्च के बराबर होती है। जब निवेश खर्च बढ़ता है तो समग्र माँग
वक्र ऊपर की ओर विवर्तित हो जाता है तथा साम्य परिवर्तित होकर ऊँची आय पर सन्तुलन
में आता है।
प्रश्न 14. बचत एवं
निवेश विधि का चित्र द्वारा वर्णन करो।
उत्तर: चित्र में बचत व
निवेश वक्र प्रारम्भ में E1 बिन्दु पर सन्तुलन में होते हैं।
प्रारम्भिक निवेश I1 से दर्शाया गया है। जब निवेश बढ़ता है तो
निवेश वक्र ऊपर की ओर खिसक जाता है। यह I2 से प्रदर्शित किया गया
है। अत: नया सन्तुलन बिन्दु E2 पर है। जहाँ S = I2 होता
है। अतः I1 I2 निवेश के बढ़ने के फलस्वरूप आय में
Y1 Y2 की वृद्धि होती है।
प्रश्न 15. स्फीति
अन्तराल की धारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जब किसी
अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार के स्तर के पश्चात् भी यदि समस्त माँग में वृद्धि
होती है तो केवल सीमान्त कीमत में वृद्धि होती है तथा समस्त माँग का यही अन्तराल,
स्फीति अन्तराल कहलाता है जो इस रेखाचित्र से स्पष्ट है –
प्रश्न 16. निवेश गुणक
का निम्नतम मूल्य बताइए।
उत्तर: निवेश गुणक का
निम्नतम मूल्य वहाँ होगा जहाँ पर सीमान्त प्रवृत्ति (MPC) शून्य हो। MPC ऋणात्मक
नहीं हो सकता, अत: शून्य MPC पर ही निवेश गुणक न्यूनतम होगा, जहाँ इसका मूल्य 1
होगा। इसे निम्न रूप से ज्ञात करेंगे
प्रश्न 17. गुणक की
कार्य प्रणाली को चित्र द्वारा समझाइए?
उत्तर: गुणक प्रक्रिया
में निवेश के बढ़ने पर आये में कई गुणा वृद्धि होती है। जब निवेश खर्च बढ़ता है तब
समग्र माँग वक्र ऊपर की ओर विवर्तित हो जाता है तथा साम्य परिवर्तित होकर ऊँची आय
पर सन्तुलन में आता है।
रेखाचित्र के अनुसार जब I,I2 = ∆I निवेश बढ़ाया जाता है तो आय बढ़कर Y1 Y2 = ∆Y हो जाती है,
अत: निवेश गुणक = Y1Y2I1I2=ΔYΔI
यह गुणक की अग्रिम
प्रक्रिया नाम से जानी जाती है। यदि निवेश में कमी आती है तो आय में कई गुणा कमी
आती है जिसे गुणक की पश्चगामी प्रक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 18. गुणक का
मूल्य सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति द्वारा कैसे निर्धारित होता है?
उत्तर: एक व्यक्ति का
व्यय दूसरे व्यक्ति की आय के बराबर होता है। आय का कितना हिस्सा उपभोग के लिए
बढ़ाया जाता है। वह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति की सीमान्त उपभोग की
प्रवृत्ति कितनी है। यदि MPC उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति अधिक है तो लोग आय का
बढ़ा हिस्सा उपभोग पर खर्च करेंगे जिससे निवेश की तुलना में आय में कई गुना वृद्धि
होती है। अत: K (निवेश गुणक) व उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति के बीच सीधा सम्बन्ध
होता है।
K=11-MPC
प्रश्न 19. यदि MPS = 0.25 तो गुणक का सूत्र लिखकर गुणक का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर: MPC = 1 – MPS = 1 – 0.25 = 0.75 , K=11-MPC=11-0.75=10.25=4
प्रश्न 20. गुणक के मूल्य की न्यूनतम व उच्चतम सीमा क्या होती है?
उत्तर: यदि MPC शून्य के
बराबर है जो कि दुर्लभ स्थिति है तो उस स्थिति में
K=11-0=1, तब गुणक का मान 1 होगा। यदि MPC, एक के बराबर है तो गुणक
K=11-1=10=∞
उपरोक्त दोनों गुणक की
न्यून तथा उच्चतम सीमा है।
हमेशा गुणक का मूल्य एक और अनन्त के बीच रहता है।
प्रश्न 21. गुणक का
व्यावहारिक महत्व क्या है?
उत्तर: गुणक आय और
रोजगार सिद्धांत में निवेश के महत्त्व को स्पष्ट करता है। निवेश में वृद्धि होने
से राष्ट्रीय आय में कई गुना वृद्धि होती है। यह व्यापार चक्रों को समझने में
सहायता प्रदान करता है। गुणक के आधार पर नीति निर्माण में भी सहायता मिलती है।
गुणक की सहायता से बचत व निवेश में समानता स्थापित की जा सकती है। पूर्ण रोजगार
लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निवेश में कितनी वृद्धि होनी चाहिए यह गुणक के मूल्य
द्वारा निर्धारित किया जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. बचत व विनियोग की सहायता से आय के साम्य स्तर को चित्र द्वारा समझाइये।
उत्तर: रेखाचित्र में
बचत व निवेश वक्र प्रारम्भ में E1, बिन्दु पर सन्तुलन में होते हैं।
प्रारम्भिक निवेश I1, से दर्शाया गया है। जब निवेश बढ़ता है तो निवेश
वक्र ऊपर की ओर खिसक जाता है। यह I2, से प्रदर्शित किया गया है। अतः
नया सन्तुलन बिन्दु E2, पर है। जहाँ S = I2, होता है। अतः I1 I2 निवेश
के बढ़ने के फलस्वरूप आय में Y1 Y2 की वृद्धि
होती है।
अत: निवेश गुणक = Y1Y2I1I2=ΔYΔIप्राप्त होता है।
अतः आय का साम्य स्तर E1 व
E2 बिन्दु पर निवेश प्रारम्भिक निवेश व निवेश में वृद्धि करने के
फलस्वरूप प्राप्त होता है।
निवेश में वृद्धि करने पर आय का सन्तुलन बिन्दु अर्थात् साम्य स्तर खिसक (बढ़)
जाता है जो E2 पर प्राप्त होता है।
प्रश्न 2. आय के साम्य
स्तर को चित्र व सूत्रों की सहायता से समझाइये।
उत्तर: आय का साम्य
स्तर, आय या उत्पाद का वह स्तर है जहाँ पर समग्र माँग = समग्र पूर्ति (AD = AS)
होती है।
समग्र माँग व समग्र पूर्ति वक्र को एक साथ बनाने पर निम्नानुसार आय के साम्य स्तर
का निर्धारण होता है।
चित्र 2 में बचत फलन S
= – a + (1 – b)Yd को चित्रित किया गया है।
निवेश स्वायत्त है और
स्थिर है। अतः इसे x अक्ष के समान्तर बनाया गया है। निवेश एवं बचत फलन एक-दूसरे को
E बिन्दु पर काटते हैं और यह ऊपर चित्रे 1 के सन्तुलन बिन्दु E से एकदम नीचे है।
अत: समग्र माँगे व समग्र बिन्दु जिस बिन्दु पर बराबर होते हैं वह साम्य बिन्दु
होता है। इसी बिन्दु पर Ia व S दोनों बराबर होते हैं जोकि साम्य
स्तर को बताता है गणितीय तरीके से साम्य स्तर को निम्न प्रकार से समझ सकते हैं –
AS = Y
तथा AD = C + Ia
साम्य आय के स्तर के लिए
AS = AD
Y = C + Ia
चूंकि C = a + bY
Y = a + bY + Ia
यहाँ b – सीमान्त उपभोग की पृवत्ति 1 – b = 1 – MPC = MPS
Y – bY = a + Ia
Y=11-b(a+Ia) यह साम्य आय का स्तर है।
प्रश्न 3. निवेश गुणक से आप क्या समझते हैं? उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति व
निवेश गुणक में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर: निवेश गुणक – आय में परिवर्तन से निवेश में परिवर्तन को अनुपात निवेश गुणक
कहलाता है। यह प्रारम्भिक निवेश और इसके परिणामस्वरूप आय में होने वाले परिवर्तन
को दर्शाता है। निवेश गुणक को आय गुणक भी कहते हैं। गुणक की अवधारणा आय, उत्पादन व
रोजगार के सिद्धान्त के लिए महत्त्वपूर्ण है। K=ΔYΔI
उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति व निवेश गुणक – गुणक की अवधारणा इस तथ्य पर आधारित है कि एक व्यक्ति का व्यय दूसरे व्यक्ति की आय के बराबर होता है। आय का कितना हिस्सा उपभोग के लिए बढ़ाया जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है। कि व्यक्ति की सीमान्त उपभोग की प्रवृत्ति (MPC) कितनी है। यदि MPC उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति अधिक है तो लोग आय का बड़ा हिस्सा उपभोग पर खर्च करेंगे जिससे निवेश की तुलना में आय में कई गुना वृद्धि होती है। अत: K (निवेश गुणक) व उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति के बीच सीधा सम्बन्ध है।
K=11-MPC
यदि MPC शून्य के बराबर है जो कि दुर्लभ स्थिति है, तब गुणक का मान
K=11-0=1
यदि MPC, एक के बराबर है तो गुणक का मान
K=11-1=10=∞
उपरोक्त दोनों गुणक की
न्यून व उच्च सीमा है।
वास्तव में MPC को मान 0 से 1 बीच होता है।
0 < MPC < 1
प्रश्न 4. द्विस्तरीय
अर्थव्यवस्था में समग्र माँग वक्र का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर: समग्र माँग वक्र
– ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें दो क्षेत्र हैं, इसमें घरेलू क्षेत्र में माँग अंतिम
उपभोग के लिए होती है तथा उत्पादक क्षेत्र में घरेलू निवेश के लिए माँग होती है।
यह भी माना जाता है कि निवेश स्वायत्त है।
अतः I = Ia (स्वायत्त विनिवेश)
अतः AD = C + Ia
AD = a + b Yd + Ia (∵ C = a + b Yd)
अतः समग्र माँग वक्र ग्राफ पर निम्न प्रकार बनाया जाता है –
रेखाचित्र में
सर्वप्रथम उपभोग वक्र बनाया जाता है। उपभोग वक्र c = a + bYd में
a स्वायत्त उपभोग है। यह स्थिर उपभोग के उस स्तर को बताता है जो आय के शून्य स्तर
पर होता है। C में Ia जोड़ने पर समग्र माँग प्राप्त होती है चूंकि
निवेश स्वायत्त है, अतः यह उपभोग के फलन के समान्तर जुड़ जाता है।
एक सारणी के द्वारा
समग्र माँग को निम्न प्रकार ज्ञात कर सकते हैं –
माना कि स्वायत्त उपभोग (a) = 3,000
तथा स्वायत्त निवेश (Ia) = 5,000
तथा उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति (MPC) = b = 0.7
प्रश्न 5. निवेश गुणक
की अवधारणा को विस्तार से समझाइए।
उत्तर: 1930 के दशक में
जब अमेरिका और यूरोप में आर्थिक मंदी छाई हुई थी तब जे.एम. कीन्स ने इस समस्या से
निजात पाने के लिए समग्र माँग को बढ़ाने का समर्थन किया और इसके साथ ही कीन्स ने
निवेश गुणक का विचार प्रस्तुत किया। कीन्स के गुणक को निवेश गुणक या आय गुणक भी
कहते हैं। गुणक की अवधारणा आय, उत्पादन व रोजगार के सिद्धान्त के लिए महत्त्वपूर्ण
घटक है।
यह प्रारम्भिक निवेश और
इसके परिणामस्वरूप आय में होने वाली वृद्धि के बीच सम्बन्ध बताता है। इसके अनुसार
जब अर्थव्यवस्था में प्रारम्भिक निवेश किया जाता है तो आय निवेश के बराबर न होकर
इससे कई गुना अधिक बढ़ती है। प्रारम्भिक निवेश के फलस्वरूप जितने गुना आय बढ़ती है
वह निवेश गुणक कहलाता है। अगर अर्थव्यवस्था में है ₹ 200 करोड़ के निवेश के
फलस्वरूप आय ₹ 1,000 करोड़ बढ़ती है तो
अतः निवेश गुणक का मूल्य आय में परिवर्तन तथा निवेश में परिवर्तन के अनुपात के
बराबर होता है।
यहाँ K = निवेश गुणक का सूचक
∆Y = आय में परिवर्तन का सूचक
∆I = निवेश में परिवर्तन का सूचक
गुणक की अवधारणा इस
तथ्य पर आधारित है कि एक व्यक्ति का व्यये दूसरे व्यक्ति की आय के बराबर होता है।
आय का कितना हिस्सा उपभोग के लिए बढ़ाया जाता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि
व्यक्ति की सीमान्त उपभोग की प्रवृत्ति (MPC) कितनी है। यदि MPC उपभोग की सीमान्त
प्रवृत्ति अधिक है तो लोग आय का बड़ा हिस्सा उपभोग पर खर्च करेंगे जिससे निवेश की
तुलना में आय में कई गुना वृद्धि होती है। अत: K (निवेश गुणक) व उपभोग की सीमान्त
प्रवृत्ति के बीच सीधा सम्बन्ध होता है।
जबकि बचत की सीमान्त प्रवृत्ति
जितनी ज्यादा होगी उतना ही निवेश गुणक का मान कम होगा। अत: निवेश गुणक व बचत की
सीमान्त प्रवृत्ति के बीच प्रतिलोम सम्बन्ध है। K, MPC व MPS के बीच सम्बन्ध को
अग्रलिखित प्रकार से लिखते हैं –
यदि MPC = 0.75
तबK=11-MPC=10.25
हम जानते हैं कि। MPC + MPS = 1
या MPS = 1 – 0.75 = 0.25
K=1MPS=10.25= 4
यदि MPC शून्य के बराबर
है जो कि दुर्लभ स्थिति है तो उस स्थिति में
K=11-0=1
तब गुणक का मान 1 होगा।
हमेशा गुणक का मूल्य 1 और ∞ के मध्य होता है।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1. अर्थव्यवस्था में सृजित आय स्वायत्त निवेश से दुगुनी है, MPC तथा MPS का मूल्य ज्ञात करो।
उत्तर: गुणक K=ΔYΔI
माना कि निवेश में
वृद्धि = ₹100
आय में वृद्धि =100 X 2
=₹ 200
K=11-MPC=1MPS या MPS =1K
MPS =12 = 0.5
MPC + MPS = 1
MPC = 1 – MPS = 1 – 0.5 = 0.5
प्रश्न 2. निम्नलिखित
की सहायता से गुणक K की गणना करो।
(i) सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति = 0.75
(ii) सीमान्त बचत प्रवृत्ति = 0.2
उत्तर: (i) दिया है, सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति (MPC) = 0.75
K=11-MPC=11-0.75=10.25=4
(ii) दिया है, सीमान्त
बचत प्रवृत्ति (MPS) = 0.2
K=1MPS=10.2= 5
प्रश्न 3. आय में परिवर्तन की गणना कीजिए जबकि MPC = 0.50 तक निवेश में परिवर्तन (∆I) = ₹ 10,000
उत्तर: K=11-MPC=11-0.50=10.50=2
आय में परिवर्तन (∆Y) = निवेश में परिवर्तन (∆I) × गुणक (K)
= 10,000 × 2 = ₹ 20,000
प्रश्न 4. नीचे दी गई
तालिका से गुणक (K) की गणना करो।
आय(₹) |
उपभोग(₹) |
1000 |
700 |
1100 |
775 |
उत्तर: सूत्र K=11-MPC
यहां ΔC = 775 – 700 = 75
ΔY = 1,100 – 1,000 = 100
MPC=ΔCΔY
MPC =ΔCΔY =75100 = 0.75
K=11-MPC=11-0.75=10.25=4
प्रश्न 5. नीचे दी गई
तालिका से गुणक (K) की गणना करो।
आय(₹) |
उपभोग(₹) |
100 |
60 |
200 |
150 |
उत्तर: K =1MPS
यहां ΔS = 150 -60 = 90, ΔY = 200 – 100 = 100
K=10.9=1.11
प्रश्न 6. यदि किसी
अर्थव्यवस्था में MPC = 0.75 और निवेश में ₹ 500 करोड़ की वृद्धि होती है तो आय
एवं उपभोग आय में वृद्धि की गणना करो।
उत्तर: दिया है MPC = 0.75 और ∆I = ₹ 500 करोड़
K=11-MPC=11-0.75=10.25=4
आय में वृद्धि ∆Y = K × ∆I = 4 × 500 = ₹ 2,000 करोड़
उपभोग में वृद्धि ∆C = ∆Y × MPC = 2,000 × 0.75
= ₹ 15,00 करोड़
प्रश्न 7. निवेश में 25
करोड़ की वृद्धि राष्ट्रीय आय में 500 करोड़ की वृद्धि लाती है, सीमान्त उपभोग
प्रवृत्ति की गणना करो।
उत्तर: ΔY = 500 , ΔI = 125
K=500125=4 K =1MPS
MPS=1K=14=0.25
MPC = 1 – 0.25 = 0.75
प्रश्न 8. यदि सीमान्त
उपभोग प्रवृत्ति 0.75 हो तो गुणक का मूल्य क्या होगा तथा राष्ट्रीय आय में ₹ 600
करोड़ की वृद्धि करने के लिए कितने निवेश की आवश्यकता होगी?
उत्तर: दिया है, AY = ₹ 600 करोड़
MPC = 0.75
K=11-MPC=11-0.75=10.25=4
K=ΔYΔI
= ₹150 करोड़
अतः निवेश में है 150
करोड़ की वृद्धि करनी होगी।
प्रश्न 9. गुणक का
मूल्य ज्ञात करें जब निवेश में रे 500 की वृद्धि होती है और आधी अतिरिक्त आय की
सदैव बचत की जाती है।
उत्तर: अतिरिक्त आय का आधा भाग बचत के रूप में रख लिया जाता है।
MPS = 0.5 ,
गुणक K=1MPS=10.5= 2
प्रश्न 10. यदि उपभोग
फलन C = 100 + 0.75Y और निवेश क्रय के 1,000 हो तो ज्ञात करो
(i) राष्ट्रीय आय का सन्तुलन स्तर
(ii) राष्ट्रीय आय के सन्तुलन स्तर पर उपभोग
उत्तर: (i) दिया है, C = 100 + 0.75Y
I = 1,000
Y = C + I
Y = 100 + 0.75 Y + 1,000
Y = 1,100 + 0.75Y
Y – 0.75Y = 1,100
0.25Y = 1,100 , Y=11000.25 = ₹ 4,400
(ii) उपभोग (C) = 100 +
0.75 Y
= 100 + 0.75 × 4,400 = 100 + 3,300 = ₹ 3,400