पत्रांक-
2204
राज्य
के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानान्तरण के
संबंध में।
प्रेषक, सुनील कुमार, भा०प्र० से ० निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, झारखण्ड, रांची।
सेवा
में,सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, झारखण्ड ।
महाशय,
उपर्युक्त विषय के
संबंध में कहना है कि राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के
स्थानान्तरण हेतु विभागीय संकल्प ज्ञापांक दिनांक 06.08.2019, या संशोधित अधिसूचना
ज्ञापांक दिनांक 08.06.2022 के आलोक में कार्रवाई से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया
(Standard Operating Procedure) निर्धारित की गयी है तथा उक्त SOP के आलोक में यथा
निर्धारित तिथि तक वांछित प्रक्रिया पूर्ण करने का निदेश दिनांक 23.06.2022 एवं
दिनांक 24.06.2022 को JCERT, Ratu, Ranchi में हुई समीक्षात्मक बैठक में दिया गया
था। उक्त के आलोक में अद्यतन कृत कार्रवाई प्रतिवेदन अबतक अप्राप्त है।
अतः
अनुरोध है कि उक्त SOP के आलोक में अद्यतन कृत कार्रवाई से यथाशीघ्र अवगत कराया
जाय तथा SOP में दिये गये निदेश के आलोक में ससमय अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित की
जाय।
संकल्प
ज्ञापांक दिनांक 06.08.2019 स्थानान्तरण हेतु अपनायी जाने वाली
पद्धति :
(क)
(i) प्रत्येक शिक्षक Online आवेदन करने के समय अपने सेवा इतिहास से संबंधित डाटा को
अद्यतन एवं सही प्रेषण हेतु स्वयं जिम्मेवार होंगे।
(ii) किसी
गलत प्रविष्टि के लिए वृहत दण्ड देय होगा।
(ख)
(i) शिक्षक से संबंधित डाटा का जिला शिक्षा पदाधिकारी / जिला शिक्षा अधीक्षक से एक
बार अद्यतन होने के पश्चात् सभी शिक्षकों को वेबसाईट पर संबंधित शिक्षकों द्वारा
Login करने पर उनके द्वारा अपने डाटा का अवलोकन किया जा सकेगा।
(ii) किसी त्रुटि पर ई-मेल के माध्यम से संबंधित पदाधिकारी
का ध्यान आकृष्ट किया जायेगा।
(iii)
संबंधित पदाधिकारी त्रुटि का समाधान कर ई-मेल से संबंधित को सूचित करेगें तथा
अगर आवश्यक हो तो सुधार करेंगे ।
(ग)
(i) वैसे शिक्षक, जिनकी नयी नियुक्ति के बाद पदस्थापना अथवा प्रोन्नति के बाद पदस्थापन
होना है, उनका पदस्थापन पूर्व से रिक्त पदों के विरूद्ध ही किया जायेगा।
(ii) पूर्व से भरे हुए पदों पर ऐसे शिक्षकों के पदस्थापन
हेतु किसी अन्य शिक्षक का स्थानान्तरण
नहीं किया जायेगा।
(घ)
(i) स्थानान्तरण Software application के माध्यम से किया जायेगा।
(ii) परन्तु
1% मामले की जाँच Manually आवश्यक रूप से की जायेगी।
+2 शिक्षकों का फिर नही हुआ स्थानांतरण।
शिक्षा विभाग द्वारा 2020 में पुनः +2 शिक्षकों का स्थानांतरण नही किया गया। मैं इस पोस्ट के माध्यम से शिक्षा विभाग के मंत्री महोदय एवं राज्य के माननीय मुख्यमंत्री महोदय का निम्न बिन्दुओं पर ध्यान आकृष्ट करवाना चाहता हूं :-
1. वर्ष 2012 में नियुक्त +2 शिक्षकों में महिला एवं विकलांग को छोड़कर सामान्य पुरूषों को गृह जिले में योगदान नही करवाया गया ,इसके लिए नियुक्ति पत्र के एक कंडिका में इस बात का उल्लेख कर दिया गया। जिस कारण 2012 में नियुक्त +2 शिक्षक अपने गृह जिले में पदस्थापित न होकर अन्य सुदूरवर्ती जिलों में पदस्थापित हुए। जबकि 2017,2018 में इस नियम को विलोपित कर पुनः जब +2 शिक्षकों की बहाली हुई तो उन्हें अपने गृह जिले एवं गृह प्रखण्ड में भी पदस्थापित किया गया।
2.शिक्षा विभाग द्वारा+2 शिक्षकों के स्थानांतरण कि 2019 में नियमावली बनी है लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इसके कार्यनयवन कि कोई स्पष्ट नीति नही बनाई गई है। अंतिम बार 2013 में कुछ+2 शिक्षकों का स्थानांतरण विभाग द्वारा किया गया था उसके बाद 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज 2020 तक +2 शिक्षकों का स्थानांतरण शिक्षकों के बार-बार आवेदन देने के बाद भी नही हो पाया है।
3.वर्ष 2019 में एक ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ निदेशक द्वारा +2 शिक्षकों के अभ्यावेदन के आधार पर 29 जुलाई 2019 एवं 31 जुलाई 2019 को लगभग 225 शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया था लेकिन यहाँ भी उस समय के विभगीय मंत्री के हस्तक्षेप और स्थानांतरण नियमावली का हवाला देकर इसे निरस्त कर दिया गया।
4.शिक्षा विभाग की मनमानी इस बात से उजागर होती है कि जब चाहा प्रसासनिक दृष्टिकोण से सारे नियमों को ताक में रखकर कुछ पहुंच एवं पैरवी वाले शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया और जब चाहे उसे निरस्त कर दिया गया।
5. 2019 में विभाग द्वारा स्थानांतरण रदद् करने के बाद यह कहा गया था कि 2020 से नियमानुकूल स्थानांतरण किया जाएगा लेकिन शिक्षकों के द्वारा नियम से अभ्यावेदन देने के बाद भी पुनः कोई स्थानांतरण नही किया गया जबकि वहीं दूसरी ओर लगभग सभी विभागों में स्थानांतरण किया गया।
6.शिक्षा विभाग की मनमानी इसी बात से उजागर होती है कि हाल में हुए प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों का स्थानांतरण covid19 का बहाना बनाकर रदद् कर दिया गया जबकि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा भारी पैमाने पर लगभग 90 पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया।यहां प्रश्न यह उठता है कि क्या covid 19 से केवल शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं शिक्षक ही प्रभावित होते हैं बाकी सब विभाग कोरोना मुक्त हैं?
अतः मैं शिक्षा विभाग से यह मांग करता हूँ कि शिक्षकों का भी एक निश्चित समयान्तराल के बाद अभ्यावेदन पर स्थानांतरण किया जाए ताकि वैसे शिक्षक जो अपने परिवार से दूर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें भी कभी अपने गृह जिले एवं शहर में पदस्थापित होने का अवसर प्राप्त हो सके।
शिक्षकों का भी निश्चित समय के बाद हो स्थानांतरण: संघ
प्लस टू शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया रोके जाने को लेकर झारखंड़ +2 शिक्षक संघ ने कई बार प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो का ध्यानाकृष्ट कराया है। बयान में छह बिंदुओं का क्रम से उल्लेख किया गया है।
जिसमें 2012 में प्लस टू शिक्षकों में महिला व दिव्यांग को छोड़कर सामान्य श्रेणी के पुरुष शिक्षकों को गृह जिला में योगदान नहीं करवाया गया था। जिस वजह से 2012 में नियुक्त +2 शिक्षक गृह जिले में पदस्थापित न होकर अन्य सुदूरवर्ती जिलों में पदस्थापित किये गये थे।
वहीं 2017-18 में इस नियम को विलोपित कर पुनः जब +2 शिक्षकों की बहाली हुई तो उन्हें गृह जिले एवं गृह प्रखंड में भी पदस्थापित किया गया। शिक्षा विभाग ने +2 शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए 2019 में नियमावली बनायी थी लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रक्रिया का कार्यान्वयन नहीं हो पाया।
अंतिम बार 2013 में कुछ +2 शिक्षकों का स्थानांतरण विभाग की ओर से किया गया था। उसके बाद 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी 2022 तक +2 शिक्षकों का स्थानांतरण बार-बार आवेदन देने के बाद भी नहीं हो पाया।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने +2 शिक्षकों के आवेदन के आधार पर 29 से 31 जुलाई 2019 को लगभग 225 शिक्षकों का स्थानांतरण किया था। सवाल यह है कि क्या कोविड-19 से केवल शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं शिक्षक ही प्रभावित होते हैं बाकी सब विभाग कोरोना मुक्त हैं। +2 शिक्षक संघ के अध्यक्ष शिक्षा विभाग से यह मांग करते हैं कि शिक्षकों का भी एक निश्चित समयांतराल के बाद अभ्यावेदन पर स्थानांतरण किया जाए। ताकि वैसे शिक्षक जो अपने परिवार से दूरसुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में सेवा दे रहे हैं उन्हें भी कभी गृह जिले एवं शहर में पदस्थापित होने का अवसर प्राप्त हो सके।
प्लस टू उच्च विद्यालय शिक्षक संघ के राज्य संगठन मंत्री प्रो विमलेंदु कुमार त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष संजीव कुमार व जिला सचिव विजय कुमार महतो ने संयुक्त रूप से शिक्षकों को गृह जिला जाने का अवसर देने की बात कही है. कहा कि वर्ष 2015 से राज्य स्तर पर प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हुआ है. संबंधित शिक्षक डीइओ के माध्यम से अपना-अपना आवेदन अग्रसारित करवा निदेशालय को सौंपा है. ऐसे शिक्षकों का विभाग स्थानांतरण करे।
वर्ष 2019 से प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला अधर में लटका हुआ है, गिरिडीह जिले में 26 शिक्षकों ने अभ्यावेदन के आधार पर स्थानांतरण की मांग माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से की थी। जिला शिक्षा पदाधिकारी से आवेदन अग्रसारित करवा निदेशालय में जमा भी किया था, लेकिन निदेशालय के स्तर से अभी तक स्थानांतरण पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है. इसके कारण विभिन्न प्लस टू उच्च विद्यालयों के शिक्षक परेशान हैं. मालूम रहे कि वर्ष 2012 में जिले के 27 प्लस टू उच्च विद्यालय में विभागीय स्तर से शिक्षकों की नियुक्ति व पदस्थापना हुई थी।
वर्ष 2015 में कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण अभ्यावेदन के आधार पर किया गया. इसके बाद राज्य की तत्कालीन शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने यह घोषणा की थी कि अब प्लस उच्च विद्यालय के शिक्षकों का स्थानांतरण नियमावली के आधार पर किया जायेगा, लेकिन उनके कार्यकाल में शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हुआ और न ही नियमावली का अनुपालन ही किया गया. इस कारण अपने गृह जिला जाने वाले शिक्षक निराश हैं।