झारखंड
विधान सभा से झारखंड वासियों की आत्मा और अस्मिता से जुड़े 1932 खतियान आधारित
स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक पारित हो चुका है।
आज पूरा झारखंड जश्न और खुशियां मना रहा है । मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन में
इन दोनों विधेयकों के सदन से पारित होने के बाद विधानसभा परिसर में संवाददाताओं को
संबोधित करते हुए कहा एक बार फिर झारखंड के लिहाज से 11 नवंबर का दिन इतिहास के पन्नों
में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुका है।
हमारी सरकार ने निभाया वादा, अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री
ने कहा कि हमारी सरकार ने जनता से जो वादा किया था, उसे निभाने का काम किया है ।
अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह झारखंड की भावनाओं के अनुरूप
संवैधानिक प्रावधानों के तहत1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं
में आरक्षण वृद्धि से संबंधित विधेयक को नौवीं अनुसूची में डालने की पहल करें ,
ताकि झारखंड वासियों उनका मान -सम्मान और अधिकार मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि
अगर जरूर हुई तो पूरी सरकार दिल्ली में भी
इसके लिए अपनी पूरी ताकत लगाने से पीछे नहीं हटेगी।
सरकार के हर निर्णय का हो रहा जोरदार स्वागत
मुख्यमंत्री
ने कहा कि सरकार जो भी निर्णय ले रही है , उसका झारखंड की जनता जोरदार स्वागत कर
रही है ।हमारे कार्यों को लेकर हर तरफ हर्ष -उल्लास का वातावरण है । हमारी
कार्यप्रणाली से लोगों में काफी उम्मीदें हैं और हम उनकी आशाओं को धूमिल नहीं होने
देंगे । सभी को उनका हक -अधिकार और मान -सम्मान देने का जो सिलसिला शुरू हुआ है
,अब थमेगा नहीं।
विकास और जनकल्याण के कार्य निरंतर जारी
मुख्यमंत्री
ने कहा कि तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए जनकल्याण और विकास के कार्य सरकार
लगातार कर रही हैं। लंबे समय से जो समस्याएं यहां व्याप्त थी, उसे दूर करने का
कार्य लगातार जारी है । आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और वंचित वर्गों
का जो दुःख- दर्द है, उसे दूर करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है । सरकार के
कदम ना रुके थे और ना रुकेंगे । हम लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।
झारखंड में नौकरी के लिए अब 1932 का खतियान जरूरी
हेमंत
सोरेन की महागठबंधन सरकार ने एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर दो विधेयकों को पारित
कराया। ‘झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा, परिणामी सामाजिक संस्कृति एवं अन्य
लाभ को ऐसे स्थानीय व्यक्ति तक विस्तारित करने के लिए विधेयक 2022’ के जरिये
स्थानीय नीति को परिभाषित किया गया है, तो ‘झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों
में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022’ के जरिये अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी
आरक्षण का रास्ता साफ किया गया है। इस दौरान हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर जमकर वार
किया। हेमंत सोरेन ने कहा, ‘आपके जैसे बेवकूफ नहीं हैं हम. आदिवासी अब बोका नहीं
रहा. यही बोका आपको धो-पोंछकर बाहर फेंक देगा.’
मुख्यमंत्री
ने बिना नाम लिये भारतीय जनता पार्टी और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू)
पार्टी को विचित्र समूह की संज्ञा दी. इतना ही नहीं, उन्होंने विपक्षी दलों को
राज्य को बर्बाद करने वाला गिरोह करार दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी
सरकार ने जो स्थानीय नीति बनायी है, वह सिर्फ सरकारी नौकरी के लिए नहीं है। अन्य
सभी रोजगार से भी इसे जोड़ा जायेगा। इस विधेयक का दायरा बहुत बड़ा है। हेमंत सोरेन
ने कहा कि उनकी सरकार भाजपा सरकार की तरह लोगों को छलने और ठगने का काम नहीं करती।
भाजपा सरकार में नियुक्तियां निकलती थी और कानूनी पचड़े में फंस जाती थी।
महागठबंधन की सरकार की नियुक्तियों में कभी कोई पेच नहीं फंसा।
विधानसभा
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने विधेयक में थर्ड एवं फोर्थ ग्रेड की नौकरी को
स्थानीयता की नीति को नियोजन नीति से जोड़ा. कहा कि 1932 का खतियान जिन लोगों के
पास होगा, वे लोग ही थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी के पात्र होंगे। बता दें कि
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुबह झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण
संशोधन विधेयक 2022 को विधानसभा में पेश किया। इनका संशोधन करने का प्रस्ताव
येन-केन-प्रकारेण इन विधेयकों को लटकाने की साजिश है। कहा कि यह समूह की विचित्र
है. हम पिछले 20 वर्षों से देख रहे हैं कि राज्य का इस्तेमाल वस्तु की तरह हो रहा
है। इन्होंने सिर्फ गंदगी फैलायी है. हमारी सरकार ने इनकी ओर से फैलायी गयी गंदगी
को साफ किया।
झारखंड के लिए 11 नवंबर का दिन बेहद खास है
हमेंत
सरकार की तरफ से विधानसभा में लाये गये प्रस्ताव पर मुहर के साथ ही झारखंड में
जश्न का माहौल बन गया। दिवाली खत्म होने के बाद भी आज प्रदेश के जगह-जगह पर मूल
निवासियों ने आतिशबाजी और रंग गुलाल लगाकर स्थानीय नीति और आरक्षण के मुद्दे पर
खुशी का इजहार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लिहाज से 11 नवंबर का दिन
बेहद खास और ऐतिहासिक है। 11 नवंबर 1908 को ही छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट वजूद में
आया था वहीं, पिछले वर्ष 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा में सरना अलग धर्म के विधेयक
को पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था और एक बार फिर आज 1932 खतियान आधारित
स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक झारखंड विधानसभा से
पारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी और मूलवासियों को उनका अधिकार
देने के साथ यहां रह रहे सभी लोगों के हितों का भी पूरा ख्याल और संरक्षण किया
जाएगा।
11 नवंबर से जुड़ा भारतीय इतिहास
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1675 – गुरु गोबिंद सिंह को सिखों का गुरु 11 नवंबर 1675 को नियुक्त किया गया था।
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1768- हैदराबाद के तीसरे निजाम/शासक सिकंदर जाह का जन्म 11 नवंबर 1768 को हुआ था।
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1872 – उस्ताद अब्दुल करीम खान एक भारतीय शास्त्रीय गायक थे, जिनका जन्म 11 नवंबर
1872 को हुआ था।
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1888-जीवत्रम भगवानदास कृपलानी एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें विशेष रूप से भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता के लिए जाना जाता था। इनका जन्म 11 नवंबर 1888 को
हुआ था।
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1889 – स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज का जन्म 11 नवंबर 1889 को हुआ था।
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1911-तिरुवैयारु पंचपकेसा राजलक्ष्मी दक्षिण भारतीय सिनेमा में पहली तमिल और तेलुगु
फिल्म की नायिका, महिला निर्देशक और निर्माता थीं। जिनका जन्म 11 नवंबर 1911 को हुआ
था।
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1924 – इंद्रप्रसाद गोरधनभाई पटेल एक भारतीय अर्थशास्त्री और कैरियर सिविल सेवक थे,
जिन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के चौदहवें गवर्नर के रूप में कार्य किया। जिनका जन्म
11 नवंबर 1924 को हुआ था।
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1926 – बदरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी एक भारतीय अभिनेता थे जिन्होंने लगभग 300 फिल्मों
में अभिनय किया। इनका जन्म 11 नवंबर 1926 को हुआ था।
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1936 – प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार कैलाश बाजपेयी का जन्म 11 नवंबर 1936 को हुआ था।
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1936 – एल्डा सिन्हा, एक पूर्व भारतीय अभिनेत्री, जिन्होंने हिंदी, बंगाली और नेपाली
फिल्मों में काम किया है। इनका जन्म 11 नवंबर 1936 को हुआ था।
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1943 – भारतीय परमाणु भौतिक विज्ञानी और मैकेनिकल इंजीनियर अनिल काकोडकर का जन्म
11 नवंबर 1943 को हुआ था।
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1950 – भारत में पहला स्टीम लोकोमोटिव चित्तरंजन 11 नवंबर 1950 को रेल फैक्ट्री में
बनाया गया था।
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1955 – बोनी कपूर, एक भारतीय फिल्म निर्माता जिन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों का निर्माण
किया है। इनका जन्म 11 नवंबर 1955 को हुआ था।
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1956 – भाषा के आधार पर मध्य प्रदेश राज्य का गठन 11 नवंबर 1956 को हुआ था।
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1956 – राजधानी दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश 11 नवंबर 1956 को बनी थी।
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1959 – वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश धनंजय वाई. चंद्रचूड़ का
जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था।
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1966 – पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य का गठन 11 नवंबर 1966 को किया गया था।
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1966-नासा ने अंतरिक्ष यान ‘जेमिनी 12’ 11 नवंबर 1966 को लॉन्च किया।
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1968- मालदीव (हिंद महासागर में) एक गणतंत्र 11 नवंबर 1968 को बना था।
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1970 – प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित शंभू महाराज का निधन 11 नवंबर 1970 को हुआ।
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1985 – भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा का जन्म 11 नवंबर 1985 को हुआ था।
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1988- सबसे पुराने ज्ञात कीट जीवाश्म (390 मिलियन वर्ष) विज्ञान में 11 नवंबर 1988
को रिपोर्ट किए गए थे।
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1994 – भारतीय क्रिकेटर संजू सैमसन का जन्म 11 नवंबर 1994 को हुआ था।
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1994- कुप्पली वेंकटप्पा पुट्टप्पा एक भारतीय उपन्यासकार, कवि, नाटककार और आलोचक थे।
जिनकी मृत्यु 11 नवंबर 1994 को हुई थी।
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2005- मुरुगप्पा चन्नवीरप्पा मोदी एक भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञ थे। जिनका निधन 11
नवंबर 2005 को हुआ था।
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2012- ताराचंद साहू भारत की 14वीं लोकसभा के सदस्य थे। जिन्होंने अपनी अंतिम सांस
11 नवंबर 2012 को ली थी।
👉 2013- 11 नवंबर 2013 को मुंबई में एक इमारत में आग लगने के बाद 4 लोग मारे गए और 8 घायल हो गए।
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दीपक कुमार
मीडिया प्रभारी दुमका
NMOPS जिन्दाबाद जिन्दाबाद 💪