झारखण्ड में परिवहन एवं संचार (Transport and Communication in Jharkhand)

झारखण्ड में परिवहन एवं संचार (Transport and Communication in Jharkhand)
झारखण्ड में परिवहन एवं संचार (Transport and Communication in Jharkhand)

झारखण्ड में परिवहन एवं संचार

झारखण्ड में परिवहन के साधन

> राज्य में परिवहन के साधनों का सुदृढ़ विकास किया गया है, किन्तु भौगोलिक दृष्टि से पहाड़ी एवं असमतल भू-भाग वाले क्षेत्रों में परिवहन के साधनों को अधिक विकसित करना सम्भव नहीं है ।

> राज्य में सड़क, रेल, वायु, जलमार्ग का विकास हुआ है। राज्य के परिवहन के साधनों को निम्न प्रकार से वर्णित किया जाता है

सड़क परिवहन

> राज्य में सड़क परिवहन के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway), राजकीय राजमार्ग (State Highway), जिला सड़कें (District Roads) एवं ग्रामीण सड़कें आती हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग

> भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नवम्बर, 2018 तक के आँकड़ों के अनुसार राज्य में 3366 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग है।

> शेरशाह सूरी के शासनकाल में वर्ष 1540-42 में निर्मित ग्राण्ड ट्रंक रोड से यह क्षेत्र भारत के सुदूर पूर्वी एवं पश्चिमी भाग से जोड़ा गया था।

> ग्राण्ड ट्रंक रोड को राष्ट्रीय NH-2 के नाम से जाना जाता है ।

> ग्राण्ड ट्रंक रोड के अतिरिक्त NH-32 एवं NH-33 झारखण्ड को सीमावर्ती राज्यों एवं औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ते हैं।

> NH-33 झारखण्ड के सर्वाधिक जिलों (सात) से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग है।

> NH-33 और NH 100 दो ऐसे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनका पूरा विस्तार केवल झारखण्ड राज्य में है।

> झारखण्ड का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमाग मार्ग 133B है, जिसकी राज्य में लम्बाई 11 किमी है।

> NH-32 एवं 33 इस राज्य में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये झारखण्ड को अन्य राज्यों के औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ते हैं।

राजकीय राजमार्ग

> ये राज्य की प्रमुख सड़कें हैं, जिनका महत्त्व व्यापार तथा उद्योग की दृष्टि से अधिक है। ये सड़कें राष्ट्रीय सड़कों अथवा निकटवर्ती राज्यों की सड़कों से मिली हुई हैं। ये सड़कें राज्य के प्रमुख औद्योगिक व्यापारिक नगरों को जोड़ती हैं।

> राजकीय राजमार्ग का निर्माण एवं देख-रेख राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है।

> झारखण्ड का सबसे लम्बा राजकीय मार्ग संख्या 18 है।

> आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार राज्य में 1231.90 किमी राजकीय राजमार्ग हैं।

> राज्य के प्रमुख राजकीय राजमार्ग

मार्ग संख्या

कहाँ से कहाँ तक

लम्बाई (किमी)

SH1

रांची-गौतमधारा- सिल्लीमुरी

61.4

SH2

रांची-भुरकुंडा-रामगढ़

57

SH3

तमाड़-खूँटी-बसिया-कोलेविरा

125

SH4

कोलेविरा-जामदा-नोवामण्डी- गम्हरिया

83

SH5

आदित्यपुर- कमडझरा-सरायकेला- चाईबासा

67

SH6

जमशेदपुर- राजनगर - चाईबासा

62.20

SH7

हजारीबाग-ढंडवा-टाँगरमोडु

75

SH8

कुडू-लोहरदगा-गुमला

11

SH9

भुसार- नेतरहाट-घाघरा

182

SH10

डाल्टनगंज-पलामू-हरिहरगंज-बालूमाथ

93

SH11

गढ़वा-रंका-रामानुजगंज (मध्य प्रदेश सीमा)

61.60

SH12

धनबाद पाथरडीह चास

60

SH13

कोडरमा-जमुआ - गोविन्दपुर

156

SH14

डुमरी - गिरिडीह-मधुपुर

153

SH15

देवधर जामताड़ा-रूपनारायणपुर

156

SH16

देवधर - गोड्डा- महागामा-परीपेंती

139

SH17

हंसडीहा- पहाड़ी-दुमका रोड-रामपुरवट

102.20

SH18

दुमका- अमड़ापाड़ा-बरहेट-साहेबगंज

183

 

जिला सड़कें

> जिलों को जोड़ने वाली इन सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होती है। ऐसी सड़कें उद्योग केन्द्र को सुदूर इलाके से जोड़ने वाली हैं। ये सड़कें जिलों के विभिन्न भागों को इसके मुख्य नगरों, उत्पादक केन्द्रों तथा मण्डियों से जोड़ती हैं।

> आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, राज्य में जिला सड़कों की लम्बाई 4,845 किमी है।

ग्रामीण सड़कें

> ये प्रायः कच्ची सड़कें होती हैं। ये गाँव को मुख्य बाजार एवं जिले से जोड़ने का काम करती हैं।

> ये सड़कें राज्य के विभिन्न गाँवों को आपस में एक-दूसरे से मिलाती हैं।

रेल परिवहन

> झारखण्ड से होकर गुजरने वाला सबसे पहला रेलमार्ग 1854 ई. में बिछाया गया था, जो कोलकाता से रानीगंज तक 180 किमी लम्बा था । राज्य में रेलवे की शुरुआत 1871 ई. में धनबाद क्षेत्र रेल लाइन निर्माण कार्य के साथ हुई ।

> स्वतन्त्रता से पूर्व उत्तरी छोटानागपुर एवं दक्षिणी छोटानागपुर में रेलवे लाइन बिछाने का कार्य क्रमशः ईस्ट इण्डिया रेलवे एवं बंगाल – नागपुर रेलवे ने किया । वर्तमान में राज्य में रेलवे लाइन दो जोन पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर व दक्षिण पश्चिमी रेलवे, हावड़ा के अन्तर्गत शामिल है।

> झारखण्ड में रेलवे लाइनों का सबसे अधिक विस्तार दामोदर घाटी और स्वर्ण रेखा घाटी में हुआ है। राज्य में सुविकसित रेलवे प्रणाली के अन्तर्गत रांची, बोकारो, मुरी, जमशेदपुर, धनबाद, घाटशिला इत्यादि प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।

> चक्रधरपुर, रांची एवं धनबाद झारखण्ड के तीन रेल मण्डल हैं।

> वर्तमान में झारखण्ड में कुल रेलवे लाइनों की लम्बाई 1,955 किमी है एवं 565 किमी. पर रेलवे बिछाई जा रही हैं। राज्य का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन धनबाद रेलवे स्टेशन है।

> राज्य के जमशेदपुर में कण्टेनर टर्मिनल का डिपो तथा रांची में केन्द्रीय रेलवे विद्युतीकरण संगठन की शाखा है।

वायुमार्ग

> आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा होने के कारण झारखण्ड वायु परिवहन के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यहाँ का प्रमुख हवाई अड्डा रांची में है।

> जिसका नाम बिरसा मुण्डा हवाई अड्डा है। राष्ट्रीय श्रेणी के इस हवाई अड्डे का निर्माण वर्ष 1941 में हुआ था।

> जमशेदपुर के पास चाकुलिया तथा हजारीबाग व बोकारो में लघु श्रेणी के हवाई अड्डे हैं।

> रांची और जमशेदपुर में उड्डयन और ग्लाइडिंग की सुविधा उपलब्ध है। रांची वायुमार्ग द्वारा दिल्ली, पटना और मुम्बई से जुड़ा है ।

> जमशेदपुर, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, देवघर, नोआमुण्डी और डाल्टनगंज में हवाई पट्टियाँ हैं।

> देवघर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए झारखण्ड सरकार और भारतीय विमान प्राधिकरण के मध्य समझौते हुए हैं।

राज्य के प्रमुख हवाई अड्डे

नाम

अवस्थिति

बिरसा मुण्डा हवाई अड्डा (अन्तर्राष्ट्रीय)

रांची

देवघर हवाई अड्डा (घरेलू)

देवघर

सोनारी हवाई अड्डा (घरेलू)

जमशेदपुर

मैथन हवाई अड्डा (घरेलू)

मैथन

धनबाद हवाई अड्डा (घरेलू)

धनबाद

सिद्धू-कान्हू हवाई अड्डा (घरेलू)

दुमका

बोकारो हवाई अड्डा (निजी क्षेत्र)

बोकारो

 

जलमार्ग

> राज्य में लगभग सभी भागों में पहाड़ हैं तथा यहाँ की अधिकतर नदियाँ बरसाती हैं। इन नदियों का प्रवाह ऊबड़-खाबड़ मार्गों से होकर गुजरता है, जिसके कारण यहाँ जल परिवहन का विकास नहीं हो पाया। वर्तमान में स्वर्ण रेखा नदी को जल परिवहन योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

> इलाहाबाद से हुगली जाने वाला राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या – 1 झारखण्ड के साहेबगंज से होकर गुजरता है।

झारखण्ड में जनसंचार व्यवस्था

> राज्य में जनसंचार व्यवस्था की शुरुआत अविभाजित बिहार से ही शुरू हुई ।

> यहाँ जनसंचार का विकास धीमी गति से हुआ। राज्य की जनसंचार व्यवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है

डाक व्यवस्था एवं आकाशवाणी केन्द्र

> भारतीय डाक विभाग ने वर्ष 2001 में झारखण्ड डाक सर्कल का निर्माण किया।

> राज्य में प्रसारण का मुख्य साधन आकाशवाणी केन्द्र है, जो प्रादेशिक तथा स्थानीय कार्यक्रमों से जनता को अवगत कराता है।

> राज्य का मुख्य आकाशवाणी केन्द्र रांची में अवस्थित है, जिसकी स्थापना 27 जुलाई, 1957 में की गई थी।

> राज्य आकाशवाणी के 5 केन्द्र रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, चाईबासा व मेदिनीनगर हैं।

दूरदर्शन

> झारखण्ड में सर्वप्रथम दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना रांची में वर्ष 1974 में की गई थी।

> वर्ष 1983 में इनसेट-1 बी के प्रक्षेपण किए जाने से दूरदर्शन कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की सुविधा के प्रसार के लिए वर्ष 1984 में धनबाद, दुमका, देवघर, जमशेदपुर, हजारीबाग, बोकारो में लघु शक्ति वाले ट्रांसमीटर केन्द्र स्थापित किए गए। डाल्टनगंज में निम्न शक्ति वाला ट्रांसमीटर स्थापित किया गया है। वर्तमान में राज्य में दो दूरदर्शन केन्द्र जमशेदपुर एवं डाल्टनगंज (पलामू) में कार्यरत हैं।

समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएँ

> 1 दिसम्बर, 1872 को जी. एल. चर्च रांची के द्वारा घरबन्धु नामक पत्रिका का प्रकाशन कर राज्य में आधुनिक पत्रकारिता की शुरुआत की।

> राज्य का प्रथम दैनिक समाचार पत्र राष्ट्रीय भाषा है, जिसका प्रकाशन वर्ष 1950 से प्रारम्भ हुआ।

झारखण्ड के प्रमुख समाचार-पत्र

समाचार-पत्र

स्थान

प्रकाशन वर्ष

आवाज (हिन्दी दैनिक)

धनबाद

1947

जनमत (हिन्दी दैनिक)

धनबाद

1958

रांची एक्सप्रेस (हिन्दी दैनिक)

रांची

1963

अमृत बाजार पत्रिका (हिन्दी दैनिक)

जमशेदपुर

1968

प्रभात खबर (हिन्दी दैनिक)

रांची

1984

उदित वाणी (हिन्दी दैनिक)

जमशेदपुर

1986

ऑब्जर्वर (हिन्दी दैनिक)

धनबाद

1998

हिन्दुस्तान (हिन्दी दैनिक)

रांची

2000

आज (हिन्दी दैनिक)

रांची

2004

नवीन मेल (हिन्दी दैनिक)

डाल्टनगंज

2008

रोजगार प्रभात खबर (पाक्षिक)

रांची

2014

चमकता आइना (हिन्दी दैनिक)

जमशेदपुर / धनबाद

2015

कौमी तंजीम (एकमात्र उर्दू )

रांची

2015

 

प्रमुख जनजातीय पत्र-पत्रिकाएँ

पत्रिका

सम्पादक

भाषा

प्रकाशन वर्ष

विजबिनको

इग्नेश बेक

कुडुख

1940

होड़ संवाद

डोमन साहू समीर

सन्थाली

1947

बोलता

अहलाद तिर्की

कुडुख

1949

धुमकुड़िया

अहलाद तिर्की

कुडुख

1950

मातृभाषा

पानुरीजी

खोरठा

1957

खोरठा

पानुरीजी

खोरठा

1970

नई खोरठा

धनंजय प्रसाद

खोरठा

1997

लुआठी

गिरधारी गोस्वामी

खोरठा

1999

आदिवासी सकम

जयपाल सिंह

मुण्डारी

 

खेरवाल जहेर

कलीपाड़ा सोरेन

सन्थाली

2006

 

झारखण्ड में फिल्में

> झारखण्ड में विभिन्न भाषाओं, जैसे – हिन्दी, नागपुरी, खोरठा, सन्थाली, आदि में फिल्में बनाई जाती हैं। झारखण्ड के फिल्म उद्योग को झोलीवुड कहा जाता है।

> झारखण्ड की पहली फीचर फिल्म आक्रांत थी, जो वर्ष 1988 में रिलीज़ की गई।

> झारखण्ड की पहली नागपुरी फिल्म सोना कर नागपुर थी, जो वर्ष 1994 में रिलीज की गई थी।

प्रथम झारखण्ड अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल

> प्रथम झारखण्ड अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड्स का आयोजन 25 से 27 मई, 2018 को रांची प्रेस क्लब में आयोजित किया गया।

> इसमें झारखण्ड के 42 व्यक्तियों को फिल्मों से सम्बन्धित क्षेत्रों में पुरस्कृत किया गया।

> सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार खोरठा भाषा की फिल्म गाँव के लिए गौतम सिंह को प्रदान किया गया।

> बच्चों की फिल्मों के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार सतीश पाई और फिल्म पंचम के लिए प्रदान किया गया । राहुल टिगा को लघु

> सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार तेज मुंडू को झारखण्ड में संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रदान किया गया।

> झारखण्ड की पहली फीचर फिल्म आक्रान्त के निर्माता विनोद कुमार को भी पुरस्कृत किया गया।

झारखण्ड में सूचना एवं प्रौद्योगिकी

> सितम्बर, 2021 में दूरसंचार के क्षेत्र में ग्रामीण ग्राहकों का टेली- घनत्व 59.33% तक पहुँच गया, जो सितम्बर, 2020 में 58.96% दर्ज किया गया था। झारखण्ड में संचार माध्यमों के रूप में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को विकसित करने हेतु निम्न प्रयास किए गए हैं

झारनेट

> इसकी स्थापना राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005-06 में की गई। इसका पूर्ण नाम Jharkhand State Wide Area Network है।

> वर्तमान में यह सुविधा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों, 37 अनुमण्डलों तथा 214 प्रखण्डों में उपलब्ध कराई जा रही है।

पेमेण्ट गेटवे

> राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को सुगम, संवेदनशील, कठिनाइरहित तथा पारदर्शीयुक्त सेवा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2013 से ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई ।

> इसके माध्यम से आम नागरिक अपना कर, शुल्क आदि का भुगतान घर बैठे या निकटतम प्रज्ञा केन्द्रों के माध्यम से किया जा सकता है।

झारखण्ड स्टेट डाटा सेण्टर

> यह त्रिस्तरीय संरचनात्मक तथा क्लाउड पर आधारित डाटा सेण्टर है। यह डाटा सेण्टर राज्य में 1 अगस्त, 2016 से कार्यरत् है एवं इसका संचालन मेमर्स ऑरेन्ज द्वारा किया जाता है।

> स्टेट डाटा सेण्टर के संचालन की देख-रेख राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (National Informatics Centre, NIC) द्वारा की जाती है तथा इसके ऑडिट (लेखा-जोखा) का कार्य डेलोइट द्वारा किया जाता है।

ई-डिस्ट्रिक्ट

> इस योजना की शुरुआत राज्य में झारसेवा पोर्टल के अन्तर्गत की गई। इस योजना में 54 सेवाओं को शामिल किया गया है।

> झारखण्ड की इस योजना के अन्तर्गत 23 जिलों में आय, जाति, आवासीय, जन्म तथा मृत्यु, इत्यादि के प्रमाण-पत्र बनवाए जाते हैं ।

> राज्य में इस सेवा के लिए जिला स्तर पर सहायता केन्द्र तथा केन्द्रीय स्तर पर रांची में सहायता केन्द्र की स्थापना की गई है।

ई-प्रोक्योरमेण्ट

> राज्य में भिन्न-भिन्न प्रकार की निविदाओं की प्रक्रिया को सुविधायुक्त व पारदर्शी बनाने हेतु तथा ₹ 5 लाख तथा इससे ऊपर की निविदाओं के लिए इस योजना की शुरुआत की गई ।

> राज्य में वर्तमान में 39 विभागों द्वारा ई-प्रोक्योरमेण्ट की व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है ।

ई-मुलाकात

> राज्य में यातायात में लागत, ईंधन व्यय, शुल्क इत्यादि में व्यय को कम करने हेतु इस प्रणाली को विकसित किया गया, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई की जाती है।

राज्य ई-शासन सेवा वितरण गेटवे

> भारत सरकार के सहयोग से इस परियोजना को राज्य में राज्य सरकार द्वारा की गई ।

> इस परियोजना के तहत् राज्य के आम नागरिकों की सुविधा के अनुसार दस्तावेजों को अपलोड किया जा सकता है। के

> इस परियोजना में 8 प्रकार के ई-फॉर्म्स को शामिल किया गया है।

भारत नेट

> इस परियोजना के प्रथम चरण की शुरुआत राज्य के सात जिलों – रामगढ़, रांची, देवघर, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा तथा साहेबगंज में BSNL द्वारा की गई ।

रांची सिटी वाई-फाई (City Wi-Fi)

इस परियोजना के तहत राज्य की राजधानी रांची में वाई-फाई की सुविधा को उपलब्ध कराया जाएगा। केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के तहत ई-गवर्नेस विभाग, झारखण्ड सरकार तथा सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा रांची शहर को वाई-फाई युक्त बनाया जाएगा।

> इस सुविधा का मुख्य उद्देश्य है कि नागरिक कर, शुल्क या सेवाओं इत्यादि का भुगतान सरल तरीके से कर सके।

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इण्डिया

> राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर इण्डस्ट्री को सुदृढ़ करने हेतु इस पार्क की स्थापना की जा रही है।

> इसके उद्देश्य पूरा करने हेतु सिन्दरी (धनबाद) व जमशेदपुर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इण्डिया का निर्माण किया जा रहा है। इस कार्य के लिए जिंफ्रा को परामर्शी (Consultant) के रूप में नियुक्त किया गया है।

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