12th Hindi Core आरोह भाग -II 13. धर्मवीर भारती - काले मेघा पानी दे

12th Hindi Core आरोह भाग -II 13. धर्मवीर भारती - काले मेघा पानी दे

12th Hindi Core आरोह भाग -II 13. धर्मवीर भारती - काले मेघा पानी दे


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Core

13. धर्मवीर भारती - काले मेघा पानी दे

पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास

प्रश्न-1 लोगों ने लड़कों की टोली को मेढ़क मंडली नाम किस आधार पर दिया ? यह टोली अपने आपको इंदर सेना कहकर क्यों बुलाती थी ?

उत्तर- अनावृष्टि होने पर गाँव के किशोर, बच्चे टोली बनाकर गली-गली घूमकर लोगों से पानी माँगते थे, जब उनपर लोग पानी डालते तब प्रसन्नतापूर्वक पानी से सराबोर होकर धूल-मिट्टी में लोट-पोट जाते थे। गाँव के कुछ लोगों को लड़कों का नंग धड़ंग होकर कीचड़ में लथपथ होना बुरा लगता था। वे इसे गँवारपन और अंधविश्वास समझते थे, इसलिए उन्होंने लड़कों की ऐसी टोली को मेढ़क मंडली नाम दिया था।

जबकि बच्चों का ऐसा मानना था कि वे इंदर की सेना के सैनिक है और उसी के लिए वे लोगों से पानी का दान माँगते है। अतः वे स्वयं को इंदर सेना के नाम से पुकारते थे।

प्रश्न- 2. जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया?

उत्तर- जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को निम्न तर्कों द्वारा सही ठहराया- त्याग और दान की महत्ता ऋषि-मुनियों ने दान को सबसे ऊँचा स्थान दिया है। जो चीज अपने पास भी कम हो और अपनी आवश्यकता को भूलकर यह चीज दूसरों को दान कर देना ही त्याग है। कुछ पाने के लिए कुछ देना पड़ता है। अतः देवता से भी कुछ माँगने के पहले उन्हें कुछ दान भी करना पड़ता है।

इंद्रदेव को जल का अर्घ्य चढ़ाना इंदरसेना पर पानी फेंकना पानी की बरबादी नहीं बल्कि इंद्रदेव को जल का अर्ध्य चढ़ाना है ताकि वे प्रसन्न होकर धरती को तृप्त करें।

पानी की बुवाई करना जिस प्रकार किसान फसल उगाने के लिए जमीन पर अपने सबसे अच्छे बीजों का दान कर बुवाई करता है, वैसे ही पानी वाले बादलों की फसल पाने के लिए इन्दर सेना पर पानी डाल कर पानी की बुवाई की जाती है।

प्रश्न- 3. पानी दे, गुड़धानी दे मेघों से पानी के साथ-साथ गुड़धानी की माँग क्यों की जा रही है ?

उत्तर- गुड़धानी अनाज और गुड़ के मिश्रण को कहते हैं। यहाँ पर गुड़धानी से तात्पर्य अच्छी फसल से है। हमारी अर्थव्यस्था कृषि पर आधारित है, इस कारण जब अच्छी वर्षा होगी तभी अच्छी फसल भी होगी इसलिए पानी के साथ गुड़धानी की माँग की जा रही है। यहाँ गुड़धानी प्रसन्नता और खुशहाली का प्रतीक भी है।

प्रश्न- 4. गगरी फूटी बैल पियासा इंदर सेना के इस खेलगीत में बैलों के प्यासा रहने की बात क्यों मुखरित हुई है?

उत्तर- बैल हमारी कृषि संस्कृति का अविभाजित हिस्सा है या यूँ कहें बैल भारतीय कृषि संस्कृति की रीढ़ की हड्डी है। किसान बैलों से ही खेतों को जोतकर अत्र उपजाते हैं। उनके प्यासे रहने पर कृषि प्रभावित होती है इसलिए गगरी फूटी बैल पियासा इंदरसेना के इस खेलगीत में बैलों के प्यासा रहने की बात कृषि के संदर्भ में मुखरित हुई है, जब वे तृप्त होंगे तभी खेतों में किसानों की मेहनत को बल मिलेगा और धरती फसलों से संपन्न होगी।

प्रश्न- 5. इंदर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय क्यों बोलती है ? नदियों का भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक परिवेश में क्या महत्व है ?

उत्तर- भारतीय समाज - संस्कृति में गंगा सबसे पूजनीय नदी और जल का आदिम स्रोत है। जिसका भारतीय इतिहास में धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। वह भारतीयों के लिए केवल एक नदी नहीं अपितु माँ है। उसमें पानी नहीं अपितु अमृत तुल्य जल बहता है। भारतीय संस्कृति में नदियों के किनारे मानव सभ्यताएँ फली फूली हैं। बड़े-बड़े नगर, तीर्थ स्थान नदियों के किनारे स्थित हैं, ऐसे परिवेश में भारतवासी सबसे पहले गंगा मैया की जय ही बोलेंगे और इसलिए ही इंदर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय ही बोलती है।

प्रश्न-6. रिश्तों में हमारी भावना-शक्ति बँट जाना विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजती हमारी बुद्धि की शक्ति को कमज़ोर करती है। पाठ में जीजी के प्रति लेखक की भावना के संदर्भ में इस कथन के औचित्य की समीक्षा कीजिए।

उत्तर- लेखक का अपनी जीजी के प्रति गहरा प्यार था। वह अपनी जीजी को बहुत मानता था। दोनों में भावनात्मक संबंध बहुत गहरा था। लेखक जिस परंपरा का या अंधविश्वास का विरोध करता है जीजी उसी का भरपूर समर्थन करती है। धीरे-धीरे लेखक और उसकी जीजी के बीच की भावनात्मक शक्ति बंटती चली जाती हैं। लेखक का विश्वास डगमगाने लगता है। वह कहता भी है कि मेरे विश्वास का किला ढहने लगा था। उसकी जीजी लेखक की बुद्धि शक्ति को भावनात्मक रिश्तों से कमजोर कर देती है। इसलिए लेखक चाहकर भी किसी बात का विरोध नहीं कर पाता। यद्यपि वह विरोध जताने का प्रयास करता है लेकिन अंत में उसे जीजी के आगे समर्पण करना पड़ता है।

(अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर) लघुउत्तरीय प्रश्न

प्रश्न- 1. 'काले मेघा पानी दे' शीर्षक निबन्ध का मूल भाव या प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- निबन्ध का प्रतिपाद्य यह है कि विज्ञान तर्क की कसौटी पर खरी उतरने वाली बात को ही सत्य मानता है। साथ ही विश्वास भावना के आधार पर अनहोनी होनी सबको सत्य मान लेता है। भारतीय समाज में अन्धविश्वास होते हुए भी उनमें सामाजिक कल्याण की भावना सांस्कृतिक चेतना एवं संस्कारों से पल्लिवत होती है।

प्रश्न- 2. 'इंदर सेना' अनावृष्टि दूर करने के लिए क्या करती थी ?

उत्तर- 'इन्द्र सेना में गाँव के दस-बारह वर्ष से सोलह-अठारह वर्ष के सभी लड़के नंग-धडंग उछल-कूद, शोर-शराबे के साथ कीचड़-मिट्टी को शरीर पर मलते हुए घर-घर जाते थे और बोल गंगा मैया को जय का नारा लगाते हुए पानी की माँग करते थे। वे आस्था के कारण इन्द्र देवता से बारिश करने के लिए प्रार्थना करते हुए ऐसा करते हैं।

प्रश्न- 3. समय पर वर्षा न होने से गाँववासी कौन-कौन से उपाय करते थे?

उत्तर- गाँववासी अपनी आस्था के अनुसार इन्द्रदेवता को प्रसन्न करने के लिए सामूहिक रूप से पूजा-पाठ कराते, कथा-कीर्तन एवं रात्रि- जागरण आदि सारे कार्य करते इन सब उपायों के बाद भी वर्षा नहीं होती, तो इन्द्र सेना आकर इन्द्रदेवता से जल वर्षण की प्रार्थना करती थी।

प्रश्न- 4. जीजी के त्याग व दान के विषय में क्या विचार थे ? 'काले मेघा पानी दो' अध्याय के आधार पर बताइये।

उत्तर- इस सम्बन्ध में जीजी के विचार थे कि जो चीज मनुष्य पाना चाहता है, उसे पहले खुद देना पड़ता है त्याग करना पड़ता है। बिना त्याग के दान नहीं होता है। जो चीज बहुत कम है, उसका त्याग करने से ही लोक-कल्याण होता है। इससे स्वार्थ भावना कम होती है और परोपकार भावना बढ़ती है।

प्रश्न- 5. इंदर सेना पर पानी फेंकने से मना करने पर जीजी ने क्या प्रयास किया और लेखक को कैसे समझाया ?

उत्तर- तब जीजी ने उसके मुँह में मठरी डालते हुए समझाया कि इन्द्र सेना पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी नहीं है, यह पानी का अर्ध्य चढ़ाना है। जो चीज हमारे पास कम हो और प्रिय भी हो, उसका दान करना ही सच्चा त्याग है। इन्द्र सेना को पानी देने से इन्द्र देवता प्रसन्न होंगे और वे हमें पानी देंगे अर्थात् वर्षा करेंगे।

प्रश्न- 6. "हम अपने घर का पानी इन पर फेंकते हैं, वह भी बुवाई है।" जीजी के इस कथन का क्या आशय है? क्या आप इससे सहमत हैं?

उत्तर: किसान को अगर तीस-चालीस मन गेहूँ उगाना है तो वह पाँच- छ. सेर अच्छा गेहूं लेकर उसकी जमीन में बुवाई कर देता है। इस तरह बुवाई करने से उसको कई गुना अनाज प्राप्त होता है। इसी प्रकार इन्दर सेना पर हम जो पानी फेंकते हैं, वह भी पानी की बुवाई है। इससे बादलों से कई गुना अधिक पानी मिलता है। हम जीजी के इस तर्क से सहमत नहीं हैं, क्योंकि इसमें अन्धविश्वास की अधिकता है।

प्रश्न 7. "हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं।" इससे लेखक ने क्या आक्षेप किया है?

उत्तर- इससे लेखक ने वर्तमान काल में पनप रहे भ्रष्टाचार पर आक्षेप किया है। आज भ्रष्टाचार सर्वत्र व्याप्त है। आज हर किसी के भ्रष्टाचार पर बातें खूब की जाती है, परन्तु स्वयं के भ्रष्टाचरण पर सब चुप रहते हैं। इससे समाज, देश तथा मानवता का पतन हो रहा हैं।

प्रश्न- 8. “यह सच भी है कि यथा प्रजा तथा राजा।" इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- कहावत प्रसिद्ध है - यथा राजा तथा प्रजा, अर्थात जैसा राजा होगा, प्रजा भी वैसी ही होगी। राजा दानी त्यागी और परोपकारी होगा, तो प्रजा भी उसी के अनुरूप आचरण करेगी, परन्तु प्रजा के आचरण का प्रभाव राजा पर भी पड़ता है। जनता त्याग-भावना का आचरण करती है तो तब राजा अर्थात देवता भी त्याग करते हैं, जनता की प्रार्थना सुनकर इच्छित फल देते हैं।

प्रश्न 9. जीजी के प्यार के कारण लेखक के सामने क्या मुश्किल आ गई थी ?

उत्तर : लेखक आर्यसमाजी प्रभाव के कारण इन्द्र सेना के आचरण को, धार्मिक परम्पराओं को अन्धविश्वास और पाखण्ड मानता था। परन्तु उनके सामने यह मुश्किल थी कि जीजी के प्यार के कारण अनिच्छा से वह पूजा-पाठ एवं गहरी श्रद्धा होने से उनका साथ देता था और उनके स्नेह के कारण मजबूरी में सारे धार्मिक अनुष्ठान करता था।

प्रश्न 10. जीजी के अनुसार आज भारत के लोगों का आचरण किस प्रकार का हो गया है ?

उत्तर: आज भारत में लोगों का आचरण स्वार्थी हो गया है। स्वार्थपरता के कारण वे दूसरों की कठिनाइयों एवं कष्टों की कोई चिन्ता नहीं करते हैं। लोग परमार्थ और परोपकार को भूलते जा रहे हैं। समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का ध्यान नहीं रखते परन्तु अपने अधिकारों की बात करते हैं। अब देश-प्रेम कोरे उपदेश का विषय बन गया है।

प्रश्न 11. "इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आये"- लेखक को पचास वर्ष पूर्व की कौन-सी बात कचोटती है?

उत्तर: लेखक को पचास वर्ष जीजी ने दान और त्याग के साथ ही आचरण को लेकर जो कुछ कहा था, वह बात आज के सन्दर्भ में लेखक को कचोटती है, क्योंकि आज लोग त्याग और दान को भूल गये हैं। देश एवं समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को नहीं निभाते हैं। केवल स्वार्थ, भ्रष्टाचार अधिकार प्राप्ति और छल-कपट रह गया है।

प्रश्न 12. "गगरी फूटी की फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं।" इस कथन से क्या व्यंजना की गई है?

उत्तर- यह कथन प्रतीकात्मक है। वर्तमान में हमारे देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जनता के कल्याण के लिए बनने वाली विकास योजनाओं रूपी गगरी में भ्रष्टाचार के छेद हो गये हैं। योजनाएँ तो खूब बनती हैं, पर उनका लाभ आम जनता को नहीं मिलता है, इस तरह उक्त कथन से समकालीन भ्रष्ट शासन की व्यंजना की गई है।

प्रश्न- 13. काले मेघा पानी दे संस्मरण द्वारा लेखक ने क्या सन्देश व्यक्त किया है?

उत्तर- लेखक ने यह सन्देश दिया है कि विज्ञान अपनी जगह सत्य है। तथा उसके आविष्कारों से सभी परिचित है। फिर भी जनता के सामूहिक चित्त में अन्धविश्वास और लौकिक कर्मकाण्ड का इतना प्रभाव है कि विज्ञान भी उसके सामने कमजोर पड़ जाता है। अतएव परम्परागत मान्यताओं तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण में जन- भावना के अनुसार समन्वय रखना जरूरी है।

प्रश्न 14. काले मेघा पानी दे के आधार पर समझाइए कि लेखक ने भारतीयों का अंग्रेजों से पिछड़ने व उनका गुलाम बनने के क्या कारण बताये हैं? वह उस स्थिति में सुधार चाहते हुए भी क्यों नहीं कर पाता है?

उत्तर : लेखक ने भारतीयों का अंग्रेजों से पिछड़ने एवं उनका गुलाम होने का कारण पाखण्ड और अन्धविश्वास बताया है। भारतीयों में रूढ़िवादी धार्मिक मान्यता एवं सांस्कृतिक परम्पराओं के कारण अशिक्षित या अद्ध-शिक्षित लोग अन्धविश्वासों से छुटकारा नहीं पाते हैं। रूढ़ संस्कारों के कारण चाहते हुए भी इस स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।

प्रश्न 15. "विज्ञान का सत्य बड़ा है या सहज प्रेम का रस काले मेघा पानी दे' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : आज विज्ञान का युग है और वैज्ञानिक विकास को देखने से स्पष्ट हो जाता है कि विज्ञान का सत्य बड़ा है। जीजी ने लेखक को सहज प्रेम-भाव में इन्द्र सेना पर पानी फेंकना उचित आचरण बताया। लेखक न चाहता हुआ भी उसके अनुसार कार्य करने लगा। इसका कारण जीजी का सहज प्रेम ही था।

प्रश्न 16. तकनीकी विकास के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है । कृषि समाज में चैत्र, वैशाख सभी माह बहुत महत्त्वपूर्ण है पर आषाढ़ का चढ़ना उनमें उल्लास क्यों भर देता है?

उत्तर- आषाढ़ का महीना वर्षा ऋतु का प्रतीक माना जाता है। यह महीना किसानों में अच्छी एवं नयी फसल की आशा जगाता है। इसी महीने में अधिकतम वर्षा भी होती है। इस कारण आषाढ़ शुरू होते ही किसानों में वर्षा की आशा. अच्छी फसल की उम्मीद और उल्लास बढ़ने लगता है।

प्रश्न 17. पाठ के संदर्भ में इसी पुस्तक में दी गई निराला की कविता बादल राग पर विचार कीजिए और बताइए कि आपके जीवन में बादलों की क्या भूमिका है?

उत्तर- कवि निराला की कविता बादल राग में बादलों को क्रांति के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। बादल शोषित वर्ग को शोषकों द्वारा मुक्त कर उन्हें उनका अधिकार दिलाता है। उन्हें जाग्रत करता है उसी प्रकार हमारे जीवन में बादल अहम भूमिका निभाते हैं। बादल न केवल प्यासी धरती की प्यास बुझाते हैं बल्कि नव सृजन में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है। प्रकृति और मनुष्य दोनों ही इन पर निर्भर रहते हैं।

प्रश्न 18. पानी का संकट वर्तमान स्थिति में भी बहुत गहराया हुआ है। इसी तरह के पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकटों के बारे में लिखिए।

उत्तर- पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकट निम्न है- मौसम में बदलाव, - भूमि का बंजर होना, अतिवृष्टि होना, वायु प्रदूषण की अधिकता, तापमान में वृद्धि आदि ।

(अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर) दीर्घत्तरीय प्रश्न

प्रश्न- 1. क्या इंदर सेना आज के युवा वर्ग का प्रेरणास्रोत हो सकती है? क्या आपके स्मृति कोश में ऐसा कोई अनुभव है जब युवाओं ने संगठित होकर समाजोपयोगी रचनात्मक कार्य किया हो ? उल्लेख करें।

उत्तर- इंदर सेना सही मायनों में आज के युवा वर्ग का प्रेरणा स्रोत बन सकती है क्योंकि किसी भी सामाजिक समस्या को यदि सुलझाना हो तो उसके लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक होता है और यह प्रयास इंदर सेना द्वारा भी किया जाता था। यद्यपि उन्हें गाँव वालों की आलोचना का भी सामना करना पड़ता था. फिर भी वे साहस नहीं छोड़ते थे। सामूहिक शक्ति से हम किसी भी आंदोलन को सफल बना सकते हैं। जैसे पर्यावरण संबंधी चिपको आंदोलन अथवा महात्मा गाँधी जी के सभी आन्दोलन इसी सामूहिक प्रयास से ही सफल हुए।

प्रश्न- 2. आपकी दादी नानी किस तरह के विश्वासों की बात करती है? - ऐसी स्थिति में उनके प्रति आपका रवैया क्या होता है? लिखिए

उत्तर- हमारी दादी-नानी अनेक प्रकार के व्रत-उपवास, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान आदि में गहरी आस्था रखती हैं। उनकी इस आस्था से हम सभी प्रभावित होते हैं। हम उनकी कुछ आस्थाओं (बिल्ली का रास्ता काटना, निकलते समय छींक का आना, आँख का फड़कना, पशुओं का रोना आदि को अंधविश्वास भी मानते हैं परंतु फिर भी उसका विरोध नहीं कर पाते क्योंकि हमें लगता है कि इसका कारण उनकी अशिक्षा और पुराने ख्यालों का होना है। हमारे विरोध से उन्हें दुःख पहुँचेगा और साथ ही पारिवारिक शांति भी भंग होगी और वैसे भी वे जो कुछ भी इन आस्थाओं के वशीभूत होकर करती है उसके पीछे उनका उद्देश्य तो पारिवारिक भलाई ही होता है इसलिए हम उनकी बातों को बिना कोई तर्क दिए मान लेते हैं। हम उन्हें दुःख नहीं पहुंचाना चाहते।

प्रश्न- 3. लेखक धर्मवीर भारती के कृतित्व एवं व्यक्तित्व का परिचय दीजिए।

उत्तर- लेखक परिचय स्वातन्त्र्योत्तर साहित्यकारों में अग्रणी स्थान - रखने वाले धर्मवीर भारती का जन्म इलाहाबाद नगर में सन् 1926 ई में हुआ। वहीं से उच्च शिक्षा प्राप्त कर ये स्वावलम्बी बने। 'अभ्युदय और संगम पत्रों का सम्पादन सहयोग करने के बाद ये प्रयाग विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक बने। कुछ समय बाद विश्वविद्यालय की नौकरी छोड़कर मुम्बई चले गये और वहाँ ' धर्मयुग' पत्रिका का सम्पादन करने लगे।

इन्हें दूसरा सप्तक के कवियों में स्थान प्राप्त हुआ। इन्होंने अपनी रचनाओं में व्यक्ति स्वातन्त्र्य, मानवीय संकट तथा रोमानी चेतना को अभिव्यक्ति दी है। इनकी रचनाओं में सामाजिक चेतना के साथ संगीत की लय मिलती है। इस विशेषता से ये रोमानी गीतकार माने जाते हैं। इन्हें पद्मश्री, व्यास सम्मान एवं साहित्य- जगत् के कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए। भारती जी का निधने सन् 1997 ई. में हुआ।

रचनाएँ इन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, निबन्ध, गीतिनाट्य और रिपोर्ताज आदि सभी में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। इनकी

प्रमुख रचनाएँ हैं - कनुप्रिया, सात गीत-वर्ष, ठंडा लोहा (काव्य-संग्रह), 'सूरज का सातवाँ घोड़ा, गुनाहों का देवता' (उपन्यास);'अंधा युग (गीतिनाट्य); मुर्दों का गाँव, चाँद और टूटे हुए लोग, बन्द गली का आखिरी मकान (कहानी संग्रहाः ठेले पर हिमालय

कहनी-अनकहनी, पश्यन्ती मानव मूल्य और साहित्य (निबन्ध-संग्रहा)।

प्रश्न 4. काले मेघा पानी दे निबन्ध का सारांश लिखिए।

उत्तर- काले मेघा पानी दे निबन्ध लोकजीवन के विश्वास एवं उनसे -उत्पन्न हुई मान्यताओं पर आधारित है। विज्ञान के तर्क एवं लोगों का विश्वास दोनों अपनी जगह सत्य हैं इस बात को पुष्ट करता है। भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी से बेहाल गाँव के लोग वर्षा कराने के उद्देश्य से पूजा-पाठ और कथा विधान करके जब थक- हार जाते हैं तब वर्षा कराने का अंतिम उपाय के रूप में इन्द्र सेना निकलती है।

इन्दर सेना नंग धडंग बच्चों की टोली है, जो कीचड़ में लथपथ होकर गली-गली पानी माँगने निकलती है। लोग घरों की छतों से उन पर पानी फेंकते हैं। लोगों की मान्यता है कि इन्द्र बादलों के स्वामी और वर्षा के देवता हैं। इन्द्र की सेना पर पानी डालने से इन्द्र भगवान प्रसन्न होकर पानी बरसायेंगे।

प्रश्न- 5. 'काले मेघा पानी दे निबन्ध के माध्यम से लेखक ने वर्तमान की किस समस्या की ओर संकेत किया है और कैसे?

उत्तर- आर्यसमाजी विचारधारा वाला लेखक इन्द्र देवता को मनाने के लिए तथा पूजा-पाठ सम्बन्धी सभी क्रिया कलापों को अंधविश्वास मानता है। इसके विपरीत अपने जीजी के विचारानुसार एवं स्नेहवश वह सभी कार्य करते भी हैं। उनकी जीजी कहती है कि कुछ पाने के लिए कुछ देना भी पड़ता है। त्याग के बिना दान नहीं होता है। लेखक ने भ्रष्टाचार की समस्या को उठाते हुए कहा है कि जीवन में कुछ पाने के लिए त्याग आवश्यक है। जो लोग त्याग और दान की महत्ता को नहीं मानते, वे ही भ्रष्टाचार में लिप्त रह कर देश और समाज को लूटते हैं। सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है। काले मेघा के दल उमड़ रहे हैं पर आज भी गरीब की गगरी फूटी हुई है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. इंदर सेना आज के युवा वर्ग का प्रेरणा-स्रोत बन सकती है?

क. हाँ

ख. नहीं

ग. कह नहीं सकते

घ. इनमें से कोई नहीं

2. 'काले मेघा पानी दे' पाठ के लेखक का नाम है-

क. जैनेंद्र कुमार

ख. महादेवी वर्मा

ग. रघुवीर सहाय

घ. धर्मवीर भारती

3. 'इंदर सेना' को लेखक ने क्या नाम दिया है?

क. वानर सेना

ख. राम सेना

ग. मेढ़क -मंडली

घ. कछुआ मंडली

4. इंदर सेना द्वारा जल का दान माँगने को लेखक क्या कहता है ?

क. अंधविश्वास

ख. लोक विश्वास

ग. धार्मिक विश्वास

घ. लोक परंपरा

5. इंदर सेना के किशोर पानी और कीचड़ में लोट-लोट कर क्या माँगते हैं?

क. रोटी

ख. वर्षा

ग. जल

घ. पैसे

6. लोगों ने लड़कों की टोली को मेढक-मंडली नाम क्यों दिया?

क. नंग-धड़ंग शरीर के साथ कीचड़ -कांदों में लोटने के कारण

ख. अनावृष्टि में जल माँगने के कारण

ग. शोर-शराबे द्वारा गाँव की शांति भंग करने के कारण

घ. तालाब में मेंढकों के समान उछलने के कारण

7. किशोर अपने आप को इंदर सेना क्यों कहते हैं?

क. वर्षा के लिए इंद्र को प्रसन्न करने के लिए

ख. लोगों से जल माँगने के लिए

ग. इंद्र देवता से प्यार करने के लिए

घ. इंद्र के समान आचरण करने के लिए

8. 'गुड़धानी से क्या अभिप्राय है ?

क. अनाज

ख. पानी

ग. गुड़ और चने से बना लड्डू

घ. धन-संपत्ति

9. लंगोटधारी युवक किसकी जय बोलते हैं ?

क. इंद्र देवता की

ख. गंगा मैया की

ग. भगवान की

घ. बादलों की

10. लेखक बचपन से किससे प्रभावित है?

क. ब्रह्म समाज से

ख. सनातन धर्म से

ग. प्रार्थना सभा से

घ. आर्य समाज से

11. लेखक किस सभा का उपमंत्री था ?

क. युवक सभा का

ख. बटता सभा का

ग. कुमार सुधार सभा का

घ. आर्य सभा का

12. जीजी लेखक के हाथों पूजा-अनुष्ठान क्यों कराती थी ?

क. अपने कल्याण के लिए

ख. लेखक के कल्याण के लिए

ग. समाज कल्याण के लिए

घ. परिवार के कल्याण के लिए

13. जीजी ने इंदर सेना पर डाले हुए पानी को क्या कहा ?

क. सूर्य देवता को अर्घ्य

ख. बादल को अर्घ्य

ग. इंद्र देवता को अर्घ्य

घ. किसान को अर्घ्य

14. किन लोगों ने त्याग और दान की महिमा का गुणगान किया है ?

क. ऋषि-मुनियों ने

ख. देवताओं ने

ग. राजनीतिज्ञों ने

घ. शिक्षकों में

15. किस वस्तु का दान महत्त्वपूर्ण है ?

क. जो वस्तु तुम्हारे पास बहुत अधिक है

ख. जो वस्तु तुम्हारे पास बहुत कम है।

ग. जो वस्तु तुम्हारे पास नहीं है

घ. जो वस्तु तुमने किसी से उधार ली है

16. 'काले मेघा पानी दे' में लेखक ने किस भाषा का प्रयोग किया है?

क. साहित्यिक ब्रज भाषा का

ख. सामान्य बोलचाल की ब्रज भाषा का

ग. साहित्यिक हिंदी भाषा का

घ. उर्दू प्रधान हिंदी भाषा का

JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

आरोह भाग -2

काव्य - खंड

1.

हरिवंशराय बच्चन -आत्मपरिचय ,एक गीत

2.

आलोक धन्वा-पतंग

3.

कुँवर नारायण-कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

4.

रघुवीर सहाय-कैमरे में बंद अपाहिज

5.

गजानन माधव मुक्तिबोध-सहर्ष स्वीकारा है

6.

शमशेर बहादुर सिंह-उषा

7.

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-बादल राग

8.

तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप

9.

फिराक गोरखपुरी-रुबाइयाँ,गज़ल

10.

उमाशंकर जोशी-छोटा मेरा खेत,बगुलों के पंख

11.

महादेवी वर्मा-भक्तिन

गद्य - खंड

12.

जैनेन्द्र कुमार-बाज़ार दर्शन

13.

धर्मवीर भारती-काले मेघा पानी दे

14.

फणीश्वरनाथ रेणु-पहलवान की ढोलक

15.

विष्णु खरे-चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

16.

रज़िया सज्जाद ज़हीर-नमक

17.

हजारी प्रसाद द्विवेदी-शिरीष के फूल

18.

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज

वितान भाग- 2

1.

मनोहर श्याम जोशी -सिल्वर वैडिंग

2.

आनंद यादव- जूझ

3.

ओम थानवी- अतीत में दबे पाँव

4.

ऐन फ्रैंक- डायरी के पन्ने

अभिव्यक्ति और माध्यम

1.

अनुच्छेद लेखन

2.

कार्यालयी पत्र

3.

जनसंचार माध्यम

4.

संपादकीय लेखन

5.

रिपोर्ट लेखन

6.

आलेख लेखन

7.

पुस्तक समीक्षा

8.

फीचर लेखन

Solved Paper 2023

Arts Paper,

Science/Commerce Paper

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