झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची, झारखण्ड
प्रतिदर्श प्रश्न पत्र - 2024 - 2025
SOCIAL SCIENCE MODEL QUESTION
CLASS-10 |
Sub-
Social Science |
समय :
3 घंटे |
पूर्णांक
: 80 |
सामान्य निर्देश
➤ परीक्षार्थी यथासंभव
अपने शब्दों में उत्तर दें।
➤ परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दें।
➤ सभी प्रश्न अनिवार्य है।
➤ कुल प्रश्नों की संख्या-52 है।
➤ प्रश्न 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए है। सही विकल्प का चयन कीजिये। प्रत्येक प्रश्न के लिए 01 अंक निर्धारित है।
➤ प्रश्न संख्या-31 से 38 तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमें
से किन्हीं 6 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित
है।
➤ प्रश्न संख्या 39 से 46 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। जिसमें
से किन्हीं 6 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित
है।
➤ प्रश्न संख्या 47 से 52 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। किन्हीं
4 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।
बहुविल्काल्पीय प्रश्न
1. फ्रांसीसी
क्रांति का नेता कौन था?
(a) नेपोलियन
बोनापार्ट
(b) मैक्समिलियन रॉब्सपियर
(c) लुई XVI
(d) जॉर्ज डेंटन
2. फ्रांसीसी
क्रांति की मुख्य विशेषता क्या थी?
a) राजतंत्र की स्थापना
b) सामंतवाद का अंत
c) साम्राज्यवाद का उदय
d) लोकतंत्र
का उदय
3. भारत में
असहयोग आंदोलन का नेता कौन था?
a) महात्मा गांधी
b) जवाहरलाल नेहरू
c) सुभाष चंद्र बोस
d) लाला लाजपत राय
4. भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस की स्थापना किसने की?
a) महात्मा गांधी
b) जवाहरलाल नेहरू
c) एलन ऑक्टेवियन
ह्यूम
d) लाला लाजपत राय
5. द्वितीय विश्व
युद्ध का मुख्य कारण क्या था?
a) नाजी जर्मनी का उदय
b) जर्मनी द्वारा
पोलैंड पर आक्रमण
(c) ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा
अपनाई गई समझौतावादी नीति
(d) जापान का पर्ल हार्बर पर
हमला
6. भारतीय उद्यमी
जिसने पहली भारतीय जूट मिल स्थापित की थी?
a) द्वारकानाथ
टैगोर
b) राजा राममोहन रॉय
c) दादाभाई नौरोजी
d) जमशेदजी टाटा
7. भाप इंजन
का विकास करने वाले ब्रिटिश आविष्कारक कौन थे?
a) जेम्स वाट
b) रिचर्ड आर्कराइट
c) एडमंड कार्टराईट
d) सैमुअल स्लेटर
8. मुद्रण तकनीक
सबसे पहले कहाँ विकसित हुई?
a) भारत
b) चीन
c) फ्रांस
d) यूरोप
9. ‘गीत गोविंद’
की रचना किसने की थी?
a) जयदेव
b) राजा राममोहन राय
c) शिवानी
d) विवेकानंद
10. महात्मा
गांधी ने किस पत्रिका का संपादन किया?
a) कॉमनविल
b) यंग इंडिया
c) बंगाली
d) बिहारी
11. भारत छोड़ो
आआंदोलन कब हुआ?
a) 1942
b) 1943
c) 1944
d) 1945
12. बाघ परियोजना
की शुरूआत कब हुई?
a) 1951
b) 1973
c) 1993
d) 2009
13. किस प्रकार
की मिट्टी में कंकड़ की मात्रा अधिक होती है?
a) खादर
b) बांगर
c) लाल
d) लेटराइट
14. काली मृदा
किस नाम से जाना जाता है?
a) जलोढ़ मृदा
b) रवादर
c) रेगुर
d) बांगर
15. सुंदरवन
राष्ट्रीय पार्क किस राज्य में स्थित है?
a) पश्चिम बंगाल
b) असम
c) गुजरात
d) मेघालय
16. ‘नर्मदा
बचाओ आंदोलन’ संबंधित है?
a) सरदार सरोवर
परियोजना से
b) भाखड़ा नांगल परियोजना से
c) रिहंद परियोजना से
d) टिहरी परियोजना से
17. जल किस प्रकार
का संसाधन है?
a) अनवीकरणीय
b) कृत्रिम
c) नवीकरणीय
d) इनमें से कोई नहीं
18. श्रीलंका
का राजकीय धर्म क्या है?
a) इस्लाम
b) हिन्दू
c) ईसाई
d) बौद्ध
19. बेल्जियम
में डचों की आबादी कितनी प्रतिशत है?
a) 57
b) 58
c) 59
d) 60
20. निम्नलिखित
में से कौन सी शक्ति केवल केन्द्र के पास है?
a) शिक्षा
b) रक्षा
c) कृषि
d) स्वास्थ्य
21. विकेंद्रीकरण
क्या है?
a) एक हाथ में शक्ति का केन्द्रीकरण
b) स्थानीय सरकारो की शक्ति
का वितरण
c) केन्द्र से
राज्यों की शक्ति का हस्तांतरण
d) स्थानीय सरकारों की शक्ति
को कर करना
22. भारत के
पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा अधिक स्वायत्तता की मांग का मुख्य कारण क्या है?
a) आर्थिक पिछडापन
b) सांस्कृतिक
और भाषाई अन्तर
c) ऐतिहासिक कारण
d) भौगोलिक स्थिति
23. एक लोकतांत्रिक
सरकार को मुख्य विशेषता क्या है?
a) शक्ति का केन्द्रीकरण
b) शक्तियों का पृथक्करण
c) व्यक्तिगत अधिकारी का संरक्षण
d) उपरोक्त सभी
24. निम्नलिखित
में से कौन भारतीय संविधान का एक प्रावधान है, जिसका उद्देश्य लिंग समानता को बढ़ावा
देना है?
a) अनुच्छेद 14
b) अनुच्छेद
15
c) अनुच्छेद 16
d) अनुच्छेद 21
25. भारत किस
प्रकार का राज्य है?
a) सप्रभुत्व और लोकतांत्रिक
b) धर्मरिपेक्ष और सघीय
c) संप्रभुत्व,
लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और संघीय
d) राजतंत्र और अधिनायकवादी
26. ग्रीन बेल्ट
मूवमेंट का संबंध किस देश से है?
a) नेपाल
b) भारत
c) केन्या
d) श्रीलंका
27. राजनीतिक
दलों की मान्यता कौन देता है?
a) चुनाव आयोग
b) राष्ट्रपति
c) संसद
d) न्यायपालिका
28. रोजगार गारंटी
अधिनियम कब लागू किया गया?
a) 2005
b) 2004
c) 2003
d) 2006
29. बैंकों की
आय का प्रमुख स्रोत क्या है?
a) निकासी
b) ऋण
c) जमा
d) इनमे से कार्ड नहीं
30. सूचना का
अधिकार अधिनियम कब पारित किया गया?
a) 2005
b) 2006
c) 2007
d) 2008
अति लघुउत्तरीय प्रश्न
31. राष्ट्रवाद
से आप क्या समझते है?
उत्तर:- राष्ट्रवाद किसी राष्ट्र
की सामूहिक पहचान होती है जो लोगों को एक समूह, इतिहास, परंपरा, भाषा, जातीयता और संस्कृति
के आधार पर स्वयं को एकीकृत करती है।
32. साइमन कमीशन
का गठन क्यों किया गया था ?
उत्तर:- सर जॉन साइमन के नेतृत्व
में एक वैधानिक आयोग का गठन किया गया। राष्ट्रवादी आंदोलन के जवाब में गठित किए गए
इस आयोग को भारत की संवैधानिक व्यवस्था की कार्यशैली का अध्ययन करना था और उसके बारे
में सुझाव देने थे।
33. मानव निमित
संसाधन के पांच उदाहरण दे।
उत्तर:- पाँच मानव निर्मित संसाधन– उद्योग, मशीन, मकान,
बांध, परिवहन के साधन।
34. जैव विविधता
क्या है ?
उत्तर:- वन्य जीवन और कृषि
फसलों में जो इतनी विविधता पाई जाती है उसे जैव-विविधता कहते हैं।
35. सामुदायिक
सरकार किसे कहते है?
उत्तर:- सामुदायिक सरकार उसे
कहते हैं, जिसमें विभिन्न सामाजिक समूह को अपने समुदायों से संबंधित मामलों को संभालने
की शक्ति दी जाती है और उस से आशा की जाती है कि वह किसी भी समुदाय को कमजोर किए बिना
आम जनता के लाभ के लिए संयुक्त रूप से काम करें।
36. शहरीकरण
किसे कहते है?
उत्तर:- ग्रामीण इलाकों से
निकलकर लोगों का शहरों में बसना शहरीकरण कहलाता है।
37. प्रति व्यक्ति
आय क्या होती है?
उत्तर:- जब कुल राष्ट्रीय आय
को कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो राशि प्राप्त होती है उसे प्रति व्यक्ति आय कहते
हैं।
38. बाजार का
क्या अर्थ है?
उत्तर:- किसी भी स्थान पर विक्रेता
एवं क्रेता के द्वारा क्रय विक्रय किया जाता है उसे बाजार कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
39. कृषि अर्थव्यवस्था
पर प्रथम विश्वयुद्ध के प्रभाव का वर्णन करो?
उत्तर:- प्रथम विश्वयुद्ध का
कृषि अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा युद्ध पूर्व पूर्वी यूरोप विश्व बाजार में गेहूं
की आपूर्ति करने वाला एक बड़ा केंद्र था। युद्ध काल में आपूर्ति अस्त-व्यस्त हुई तो
कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की उपज में अचानक बढ़ोतरी हो गई। जैसे ही
युद्ध समाप्त हुआ यूरोप में गेहूं के उत्पादन में सुधार होने लगा और गेहूं के उत्पादन
में आवश्यकता से अधिक वृद्धि हो गई जिसके कारण अनाज के दाम गिर गए ग्रामीणों की आय
कम हो गई और किसान गहरे कर्ज में डूब गए।
40. मुद्रण इतिहास
में गुटेनबर्ग प्रेस की भूमिका की चर्चा कीजिए ?
उत्तर:- योहान गुटेनबर्ग जर्मनी
में एक व्यापारी का बेटा था। वह बचपन से ही तेल और जैतून पेरने की मशीनें देखते आया
था बाद में उसने पत्थर पर पॉलिश करने की कला सीखी और अंत में उसने शीशे की इक्षित आकृतियों
को गढ़ने में महारत हासिल कर ली। अपने इस ज्ञान और अनुभव का प्रयोग करके उसने सन
1448 में एक मशीन का आविष्कार किया इसमें एक स्क्रू से लगा एक हैंडल होता था जिसे घुमाकर
प्लांटेन को गीले कागज पर दबा दिया जाता था। गुटेनबर्ग ने रोमन वर्णमाला के तमाम
26 अक्षरों के लिए टाइप बनाएं और जुगत लगाई कि उन्हें इधर-उधर घुमा कर शब्द बनाया जा
सके इसे मूलवेल टाइप प्रिंटिंग मशीन के नाम से जाना गया। इस मशीन से जो पहली किताब
छपी वह बाइबिल थी जिसकी 180 प्रतियां बनाने में 3 वर्ष लगे इस तरह गुटेनबर्ग प्रेस
मुद्रण और छपाई के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक था।
41. वन संरक्षण
के उपायों का वर्णन करे?
उत्तर:- वन संरक्षण के निम्नलिखित
उपाय-
(i) वनों की अंधाधुंध कटाई
पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
(ii) अति चराई पर रोक लगाई
जाए।
(iii) वनों से वृक्ष काटने
पर उनके स्थान पर वृक्षारोपण करना आवश्यक है।
(iv) वन क्षेत्र बढ़ाने के
लिए क्षेत्रों का निर्धारण करना चाहिए।
(v) वन क्षेत्रों को संरक्षित
करने की नितांत आवश्यकता है।
(vi) वनों को हानिकारक कीड़े,
मकोड़ों, बीमारियों आदि से सुरक्षित रखा।
(vii) लकड़ी के ईंधन का उपयोग
कम से कम हो उसके लिए पूर्क साधनों का विकास किया जाए।
42. मोटे अनाज
से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:- मोटे अनाज अर्थात मिलेट
से अर्थ है पहाड़ी पथरीली या कम उपजाऊभूमि पर उगाई जाने वाली फसलों से है इसमें कुछ
खाद्यान्न की फसलें है और कुछ चारे की जैसे ज्वार, बाजरा, रागी और मक्का मोटे अनाजों
की फसलें हैं
43. लोकतांत्रिक
सरकार में सत्ता की साझेदारी क्यों जरूरी है?
उत्तर:- सत्ता की साझेदारी
इसलिए जरूरी है क्योंकि सत्ता का बंटवारा होने से विभिन्न सामाजिक समूह के बीच टकराव
कम हो जाता है। टकराव कम होने से सामाजिक हिंसा और अस्थिरता कम हो जाती है। सत्ता की
साझेदारी लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का अर्थ होता है जनता द्वारा शासन । जनता
के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अपने-अपने कार्य के प्रति उत्तरदायी होते हैं। जब उनके
बीच सत्ता की साझेदारी कर दी जाती है तो भी अपने उत्तरदायित्व का निष्पादन स्वतंत्र
रूप से कर सकते हैं। संविधान द्वारा उनके कार्य और अधिकार दे दिए जाते हैं।
44. जातिवाद
के दुष्प्रभाव क्या है?
उत्तर:- जातिवाद के दुष्प्रभाव-:
1. जातिवाद लोकतंत्र के मार्ग
में सबसे बड़ी बाधा है। सामाजिक असमानता जब हावी हो जाती है तो इसके दुष्प्रभाव देखने
को मिलते हैं।
2. जातिवाद से समाज में ऊंच-नीच
का भेदभाव उत्पन्न होने लगता है। जिसके कारण निम्न जाति उच्च जाति द्वारा उत्पीड़न
और शोषण का शिकार हो जाती है।
3. जातिवाद के कारण समाज विभिन्न
वर्गों में विभाजित हो जाता है, और भेदभाव की भावना उनमें बढ़ जाती है। जो राष्ट्रीय
एकता के मार्ग पर खतरा है।
45. चुनाव आयोग
के प्रमुख कार्यों को स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:- चुनाव आयोग के प्रमुख
कार्य -:
1. देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव करवाना
2. राजनीतिक दलों को मान्यता
प्रदान करना
3. उम्मीदवारों का नामांकन
लेना
4. उम्मीदवार का नामांकन रद्द
करना
5. राजनीतिक दलों को चुनाव
चिन्ह प्रदान करना
6. चुनाव के समय आचार संहिता
लागू करना
7. विजयी उम्मीदवारों के नामों
की घोषणा करना
8. चुनाव में आए खर्चों का
ब्यौरा देना
46. इंटरनेट
से क्या लाभ हो रहा है?
उत्तर:- इंटरनेट द्वारा आप
सभी प्रकार की जानकारियां जिन्हें आप जानना चाहते हैं, आप एकदम प्राप्त कर सकते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
47. जर्मनी एकीकरण
की प्रक्रिया का वर्णन करें ?
उत्तर:- जर्मनी एकीकरण की प्रक्रिया-
(क) राष्ट्रवादी भावनाएं मध्यवर्गीय
जर्मन लोगों में काफी व्याप्त थी और उन्होंने 1848 में जर्मन महासंघ के विभिन्न इलाकों
को जोड़कर एक निर्वाचित संसद द्वारा शासित राष्ट्र- राज्य बनाने का प्रयास किया था।
(ख) लेकिन राष्ट्र निर्माण
की यह उदारवादी पहल को राजशाही और फौज की ताकत ने मिलकर दबा दी। उनका प्रशा के बड़े
भू – स्वामियों ने भी समर्थन किया।
(ग) तत्पश्चात प्रशा के राष्ट्रीय
एकीकरण के लिए प्रशा के प्रमुख मंत्री बिस्मार्क ने आंदोलन का नेतृत्व किया।
(घ) आटो वॉन बिस्मार्क ने इस
आंदोलन में प्रशा की सेना और नौकरशाही की मदद ली।
(ड़) 7 वर्ष के दौरान ऑस्ट्रिया,
डेनमार्क और फ्रांस से 3 युद्धों में प्रशा की जीत हुई और एकीकरण की प्रक्रिया पूरी
हुई।
(च) जनवरी 1871 में वायसराय
में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया
गया।
48. 1920 में
महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन के महत्व और प्रभाव का विश्लेषण करें।
उत्तर:- असहयोग आंदोलन की शुरुआत
महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1920 में हुई जो 1922 तक चली।
असहयोग आंदोलन में भारतीयों
द्वारा अपनाए गए विभिन्न तरीके-
(क) गांधीजी असहयोग आंदोलन
को योजनाबद्ध तरीके से प्रारंभ करना चाहते थे, उनका विचार था कि सर्वप्रथम सरकार द्वारा
दी गई पदवियों को लौटा दिया जाए तथा इसके बाद सरकारी नौकरियों तथा विदेशी वस्तुओं का
बहिष्कार कर दिया जाए।
(ख) असहयोग आंदोलन का प्रारंभ
शहरी मध्यम वर्ग की हिस्सेदारी से प्रारंभ हुआ। विद्यार्थियों ने स्कूल-कॉलेज छोड़
दिए, शिक्षकों ने त त्यागपत्र दे दिया, वकीलों ने मुकदमे लड़ने बंद कर दिए तथा मद्रास
के अतिरिक्त प्रायः सभी प्रांतों में परिषद चुनाव का बहिष्कार किया गया।
(ग) विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
किया गया, शराब की दुकानों की पिकेटिंग की गई तथा विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई।
(घ) व्यापारियों ने विदेशी
व्यापार में पैसा लगाने से इंकार कर दिया। देश में खादी का प्रचलन और उत्पादन बढ़ा।
(ड़) ग्रामीण इलाकों में जमींदारों
को नाई धोबी की सुविधाओं से वंचित करने के लिए पंचायतों ने ‘नाई धोबी’ बंद का फैसला
किया।
49. बहुउद्देशीय
परियोजनाओं की भूमिका को देश के विकास के संदर्भ में समझाएं। दामोदर वेली कार्पोरेशन
का उदाहरण लेकर इसके विभिन्न घटकों और लाभों का वर्णन करे।
उत्तर:- बहुउद्देशीय परियोजनाएँ
एक ऐसी परियोजना होती हैं जिनका उद्देश्य एक साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति करना होता
है। ये परियोजनाएँ देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि ये न केवल
जल आपूर्ति, सिंचाई, बिजली उत्पादन और जल परिवहन जैसे कार्यों को करती हैं, बल्कि यह
पर्यावरण संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण और सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान करती हैं।
देश के विकास में बहुउद्देशीय
परियोजनाओं की भूमिका:
1. सिंचाई सुविधा: ये
परियोजनाएँ कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करती हैं, जिससे किसानों की उपज
बढ़ती है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। सिंचाई के कारण वर्षा पर निर्भरता कम
हो जाती है और विभिन्न फसलों का उत्पादन अधिक होता है।
2. बिजली उत्पादन: कई
बहुउद्देशीय परियोजनाएँ जलविद्युत संयंत्रों के रूप में बिजली उत्पादन करती हैं, जिससे
उद्योगों और घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति होती है। यह ऊर्जा संकट को
हल करने में मदद करती है।
3. बाढ़ नियंत्रण: बहुउद्देशीय
परियोजनाएँ बाढ़ नियंत्रण में भी सहायक होती हैं। जलाशयों और बांधों के माध्यम से वर्षा
के पानी को संग्रहित किया जाता है, जिससे बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
4. जल आपूर्ति और पेयजल: ये
परियोजनाएँ पीने के पानी की आपूर्ति करती हैं, जो एक महत्वपूर्ण संसाधन है। साथ ही,
जल परिवहन के द्वारा नदी मार्गों को सुरक्षित और सुलभ बनाया जाता है, जिससे परिवहन
को बढ़ावा मिलता है।
5. पर्यावरण संरक्षण: जल
संसाधनों का नियोजित उपयोग पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करता है, जैसे जलाशयों और
तालाबों के निर्माण से जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है।
6. आर्थिक विकास: इन
परियोजनाओं से उद्योगों को जल आपूर्ति मिलती है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलती
है और रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं। इनसे स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर
आर्थिक विकास होता है।
अब हम दामोदर वेली कार्पोरेशन
(DVC) का उदाहरण लेकर इन परियोजनाओं के घटकों और लाभों को विस्तार से समझते हैं।
दामोदर वेली कार्पोरेशन
(DVC) का उदाहरण:
दामोदर वेली कार्पोरेशन भारत
में एक महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय परियोजना है, जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और झारखंड
राज्य में स्थित है। यह परियोजना दामोदर नदी पर आधारित है और इसका मुख्य उद्देश्य जलविद्युत
उत्पादन, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है।
DVC के घटक:
1. बांध और जलाशय: दामोदर
नदी पर कई प्रमुख बांध और जलाशय बनाए गए हैं, जिनमें Maithon Dam, Tilaiya Dam और
Panchet Dam शामिल हैं। इन बांधों का मुख्य उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण और जल संचयन है।
2. जलविद्युत संयंत्र: इन
बांधों के जरिए जलविद्युत उत्पादन किया जाता है। जैसे Maithon Hydro Electric
Project और Tilaiya Hydroelectric Project। ये परियोजनाएँ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर
पर बिजली की आपूर्ति करती हैं।
3. सिंचाई व्यवस्था: दामोदर
वेली में जलाशयों से जल का उपयोग कृषि भूमि में सिंचाई के लिए किया जाता है। इससे कृषि
उत्पादकता में वृद्धि हुई है और किसान लाभान्वित हुए हैं।
4. बाढ़ नियंत्रण प्रणाली: दामोदर
वेली कार्पोरेशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण भी है। बांधों और जलाशयों
के माध्यम से नदी के पानी को नियंत्रित किया जाता है, जिससे बाढ़ की स्थिति में कमी
आती है और इसके प्रभाव से निपटना आसान होता है।
5. औद्योगिक विकास: दामोदर
वेली कार्पोरेशन के कारण क्षेत्रीय औद्योगिक विकास हुआ है। इसके द्वारा बिजली की आपूर्ति
और जल संसाधनों का प्रबंधन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में सहायक है।
DVC के लाभ:
1. सिंचाई में वृद्धि:
DVC के जलाशयों से किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होता है, जिससे कृषि उत्पादकता
में वृद्धि हुई है और किसानों की आय में सुधार हुआ है।
2. बिजली आपूर्ति: जलविद्युत
संयंत्रों से उत्पन्न बिजली का उपयोग उद्योगों और घरेलू उपयोग के लिए किया जाता है,
जिससे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा संकट को हल किया जाता है।
3. बाढ़ नियंत्रण:
DVC के बांधों और जलाशयों के द्वारा बाढ़ के जोखिम को कम किया गया है, जिससे क्षेत्र
में जनजीवन सुरक्षित रहता है और कृषि क्षेत्र में भी नुकसान कम होता है।
4. आर्थिक और सामाजिक विकास:
DVC से क्षेत्रीय विकास में सुधार हुआ है। नए उद्योगों के विकास से रोजगार के अवसर
बढ़े हैं और इसके कारण सामाजिक और आर्थिक सुधार भी हुए हैं।
5. पर्यावरणीय लाभ: जलविद्युत
परियोजनाएँ जल संसाधनों का पर्यावरणीय तरीके से उपयोग करती हैं। ये परियोजनाएँ ग्रीन
ऊर्जा का स्रोत हैं, जिससे पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आती है।
50. संघीय सरकार
की मुख्य विशेषताएँ क्या है?
उत्तर:- संघीय सरकार की मुख्य
विशेषताएं –
1. यहां सरकार दो या दो से
अधिक स्तरों वाली होती है।
2. अलग-अलग स्तर की सरकारें
एक ही नागरिक समूह पर शासन करती है। परंतु कानून बनाने, कर वसूलने और प्रशासन करने
का उनका अपना-अपना अधिकार क्षेत्र होता है।
3. विभिन्न स्तरों की सरकारों
के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित होते हैं। इसलिए सभी सरकारों को
संविधान के आधार पर ही अपने कार्य करने पड़ते हैं। संविधान सभी स्तर वाली सरकारों के
अस्तित्व और कार्य क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करता है।
4. संविधान के मौलिक प्रावधानों
को कोई भी सरकार अकेले नहीं बदल सकती है। केंद्र और राज्य सरकारों अर्थात दोनों की
सहमति का होना अति आवश्यक है।
5. संघीय सरकार में स्वतंत्र
न्यायपालिका की भी व्यवस्था की गई है। जिसे संविधान की व्याख्या एवं रक्षा करने का
अधिकार है।
6. वित्तीय स्वायत्तता निश्चित
करने के लिए विभिन्न स्तर की सरकारों को राजस्व के लिए विभिन्न स्रोत निर्धारित किए
गए हैं।
इस प्रकार संघीय शासन व्यवस्था
के दोहरे उद्देश्य है- देश की एकता को सुरक्षा प्रदान करना और उसे बढ़ावा देना तथा
इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं को पूरा सम्मान करना इस कारण संघीय व्यवस्था के गठन
और कामकाज के लिए दो चीजें सबसे महत्वपूर्ण है पहला विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच
सत्ता के बंटवारे के नियमों पर सहमति और दूसरा विभिन्न सरकारों का एक दूसरे पर भरोसा
होना चाहिए।
51. लोकतंत्र
में राजनीतिक दलों की भूमिका एवं कार्यों की चर्चा करे?
उत्तर:- लोकतंत्र में राजनीतिक
दलों की भूमिका एवं कार्य निम्नलिखित है:-
1. चुनाव- राजनीतिक
दल का मुख्य कार्य होता है देश में सरकार गठन के लिए होने वाले राजनीतिक चुनाव में
भाग लेना । राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं। अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक
दलों द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवारों के बीच लड़ा जाता है। राजनीतिक दल उम्मीदवारों
का चुनाव कई तरीकों से करते है।
2. नीतियों की घोषणा- घरेलू
तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के सामने कुछ सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक मसले होते
हैं। राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग नीतियों और विचारों को मतदाताओं के सामने रखती है
तथा विभिन्न मसलों के समाधान के उपाय भी सुझाती है। साथ ही मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित
करने के लिए अपनी नीतियों या उद्देश्यों की घोषणा करती है।
3. जनमत निर्माण- राजनीतिक
पार्टियां लोगों के हितों के मामलों को देश के सामने रखती है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,
प्रेस, टेलीविजन तथा नुक्कड़ सभाएं जैसे जनसंचार के सभी माध्यमों का प्रयोग करती है।
इस प्रकार राजनीतिक पार्टियां अपने समर्थन के लिए लोगों को शिक्षित तथा प्रभावित करती
है। राजनीतिक पार्टियां जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
4. सरकार बनाना तथा चलाना- सरकार
बनाना राजनीतिक पार्टी का प्रमुख कार्य तथा उद्देश्य है। संसदीय व्यवस्था में, सत्ता
में दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है तथा वह अपनी कैबिनेट में अन्य मंत्रियों को नियुक्त
करता है।
5. कानून का निर्माण- राजनीतिक
दल कानून के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
6. राजनीतिक दल सरकार
और जनता के बीच कड़ी का काम करते हैं।
7. जनता को शिक्षित करना- राजनीतिक
मामलों में जनता को शिक्षित करने का काम राजनीतिक दल को है। वह अपने कार्यक्रमों, नीति
और दृष्टिकोण जनता के सामने रखते हैं जिससे जनता को राजनीतिक शिक्षा मिलती है।
52. भारत में
पाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की सड़कों का विस्तृत विवरण दें।
उत्तर:- भारत में सड़कों का
नेटवर्क देश के परिवहन और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सड़कों का निर्माण
विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि यातायात, व्यापार, कृषि उत्पादों
की आपूर्ति, और सामाजिक-सांस्कृतिक संपर्क। भारत में सड़कों की कई श्रेणियाँ हैं, जिन्हें
उनके निर्माण, कार्य और उपयोग के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया गया है।
इन सड़कों को मुख्यतः निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. राष्ट्रीय उच्चमार्ग
(National Highways)
राष्ट्रीय उच्चमार्ग (NH) देशभर
के विभिन्न राज्यों और प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों का नेटवर्क होते
हैं। ये सड़के राष्ट्रीय स्तर पर यातायात और माल परिवहन की सुविधा प्रदान करती हैं।
राष्ट्रीय उच्चमार्गों का नेटवर्क देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि
इन सड़कों पर वाहनों का गंतव्य निर्धारित किया जाता है और ये व्यापार और यातायात के
प्रमुख मार्ग होते हैं। इनका निर्माण और रख-रखाव केंद्रीय सड़क संगठन (NHAI) द्वारा
किया जाता है।
विशेषताएँ:
1. राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्रमुख
शहरों, राज्यों और केंद्रीय क्षेत्रों को जोड़ते हैं।
2. इन सड़कों का उपयोग भारी
वाहनों और माल के परिवहन के लिए किया जाता है।
3. इन सड़कों पर यातायात अधिक
होता है और इनकी गुणवत्ता अपेक्षाकृत उच्च होती है।
उदाहरण: दिल्ली-मुंबई
मार्ग (NH-8), कोलकाता-गुवाहाटी मार्ग (NH-27)
2. राज्य उच्चमार्ग (State
Highways)
राज्य उच्चमार्ग (SH) उन सड़कों
को कहा जाता है, जो राज्य सरकार द्वारा बनाए और बनाए जाते हैं। ये सड़के राज्य के भीतर
विभिन्न जिलों और प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिए होती हैं। राज्य उच्चमार्गों का नेटवर्क
राष्ट्रीय उच्चमार्गों से छोटा होता है, लेकिन यह राज्य की आंतरिक यातायात को सुगम
बनाने के लिए आवश्यक होता है। इन सड़कों का रख-रखाव और निर्माण राज्य सरकार द्वारा
किया जाता है।
विशेषताएँ:
1. ये सड़के राज्य के विभिन्न
हिस्सों को जोड़ती हैं।
2. राज्य सरकार इनकी देखरेख
करती है और राज्य की आंतरिक परिवहन व्यवस्था में अहम भूमिका निभाती हैं।
3. इन सड़कों पर यातायात की
मात्रा राष्ट्रीय उच्चमार्गों से कम होती है, लेकिन ये राज्य के लिए महत्वपूर्ण होती
हैं।
उदाहरण: उत्तर
प्रदेश में लखनऊ-आगरा राज्य उच्चमार्ग, महाराष्ट्र में पुणे-नासिक राज्य उच्चमार्ग
3. जिला मार्ग (District
Roads)
जिला मार्ग (DR) उन सड़कों
को कहा जाता है, जो एक जिले के भीतर विभिन्न गाँवों और कस्बों को जोड़ने का कार्य करती
हैं। ये सड़के जिला स्तर पर मुख्य यातायात मार्ग होती हैं और इनका निर्माण राज्य सरकार
द्वारा किया जाता है। जिला मार्गों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क सुविधा
प्रदान करना होता है।
विशेषताएँ:
1. जिला मार्ग जिले के विभिन्न
क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाई जाती हैं।
2. इन सड़कों का रख-रखाव जिला
स्तर पर किया जाता है।
3. ये सड़के राज्य और राष्ट्रीय
मार्गों से छोटी होती हैं, लेकिन ग्रामीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।
उदाहरण: किसी
जिले के गाँवों को जोड़ने वाली सड़कों का नेटवर्क
4. ग्रामीण सड़कें (Rural
Roads)
ग्रामीण सड़कें उन सड़कों को
कहा जाता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ती हैं। इन सड़कों का उद्देश्य मुख्य रूप
से ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क और परिवहन सुविधा प्रदान करना होता है, ताकि वहाँ
के लोग अपने उत्पादों और सेवाओं को अन्य स्थानों तक पहुँचाने में सक्षम हों। ग्रामीण
सड़कें भारत सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनाई जाती हैं।
विशेषताएँ:
1. ग्रामीण सड़कों का निर्माण
और रख-रखाव सरकारी योजनाओं के तहत किया जाता है।
2. इन सड़कों का मुख्य उद्देश्य
कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सामाजिक सेवाओं तक पहुंच बनाना होता है।
3. ये सड़के आमतौर पर छोटे
आकार की होती हैं और इनका रख-रखाव राज्य और स्थानीय सरकारों द्वारा किया जाता है।
उदाहरण: गाँवों
को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों का नेटवर्क
5. पंचायती सड़के
(Panchayati Roads)
पंचायती सड़कों का निर्माण
स्थानीय पंचायतों द्वारा किया जाता है और ये मुख्य रूप से गाँवों और छोटे कस्बों के
बीच संपर्क स्थापित करती हैं। इनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक
गतिविधियों को बढ़ावा देना होता है। इन सड़कों का रख-रखाव पंचायतों द्वारा किया जाता
है।
विशेषताएँ:
1. पंचायत स्तर पर स्थानीय
सड़कों का निर्माण होता है।
2. इन सड़कों का उद्देश्य स्थानीय
स्तर पर संपर्क और परिवहन को आसान बनाना है।
3. ये सड़के छोटे आकार की होती
हैं और इनमें यातायात की मात्रा कम होती है।
उदाहरण: गाँवों
में संपर्क बनाने वाली छोटे स्तर की सड़कों का नेटवर्क
6. कच्ची सड़के (Kutcha
Roads)
कच्ची सड़कों का निर्माण स्थायी
सामग्री से नहीं किया जाता है, बल्कि यह मुख्य रूप से मिट्टी, बजरी या अन्य अस्थायी
सामग्री से बनाई जाती हैं। ये सड़के अस्थायी होती हैं और इनका उपयोग मुख्यतः ग्रामीण
क्षेत्रों और दूरदराज के स्थानों में किया जाता है। कच्ची सड़कों का रख-रखाव कठिन होता
है, और ये बरसात के मौसम में अक्सर खराब हो जाती हैं।
विशेषताएँ:
1. ये अस्थायी और कम मजबूत
होती हैं।
2. इन सड़कों का निर्माण मिट्टी
और अन्य अस्थायी सामग्री से होता है।
3. ये सड़के मुख्य रूप से ग्रामीण
और दूरस्थ क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
उदाहरण: कच्ची
सड़कों का नेटवर्क जो गाँवों और अन्य छोटे क्षेत्रों को जोड़ता है।
Question Solution
10th Hindi Jac Model Question Solution,2022-23