12th_भूगोल_मासिक_परीक्षा_2021-22

12th_भूगोल_मासिक_परीक्षा_2021-22

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् रांची झारखंड।

मासिक परीक्षा 2021-22

कक्षा : 12

विषय : भूगोल

माह : फरवरी

समय :2 घंटे

पूर्णांक - 40

सामान्य निर्देश-

सभी प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य हैं।

प्रश्न संख्या 1 से 10 तक बहुविकल्पीय है। सभी प्रश्न एक अंक के हैं। सही विकल्प का चयन करें।

प्रश्न संख्या 11 से 14 तक दो-दो अंक के हैं। (एक वाक्य में उत्तर दें।)

प्रश्न संख्या 15 से 18 तक तीन अंक के हैं। (50 शब्दों में उत्तर दें।)

प्रश्न संख्या 19 एवं 20 तक पांच-पांच अंक के हैं। (100 शब्दों में उत्तर दें।)

 

प्रश्न 1. निश्चयवाद की संकल्पना किनके द्वारा प्रस्तुत की गई है?

(क) हम्बोल्ट।

(ख) ग्रिफिथ टेलर।

(ग) विडाल डी ला ब्लाश।

(घ) जीन ब्रूस।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है?

(क) अटाकामा।

(ख) भूमध्य रेखीय प्रदेशा

(ग) ध्रुवीय प्रदेश।

(घ) दक्षिण - पूर्वी एशिया।

प्रश्न 3. मानव विकास की अवधारणा किस अर्थशास्त्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था?

(क) एस रंगराजन

(ख) डॉक्टर महबूब उल हक

(ग) डॉ मनमोहन सिंह

(घ) के कस्तूरीरंगन

प्रश्न 4. इनमें कौन प्राथमिक क्रिया के अंतर्गत आता है?

(क) उद्योग।

(ख) सेवा।

(ग) बैंकिंग।

(घ) खनन।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन रोपण फसल नहीं है?

(क) गेहूँ।

(ख) गन्ना।

(ग) रबड़।

(घ) कॉफी

प्रश्न 6."फजेंडा" शब्द का प्रयोग किस फसल के बागान के लिए किया जाता है?

(क) रबड़ बागान।

(ख) चाय बागान।

(ग) कॉफी बागान।

(घ) नाशपाती बागान।

प्रश्न 7. इनमें से कौन द्वितीयक क्रियाकलाप का उदाहरण नहीं है?

(क) मछली पकड़ना।

(ख) लोहा इस्पात निर्माण।

(ग) सेवा क्षेत्र।

(घ) सूती वस्त्र उद्योग।

प्रश्न 8. "संभववाद" शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किनके द्वारा किया गया था?

(क) फ्रेडरिक रेटजेल।

(ख) लूसियन फैब्रे।

(ग) कार्ल रिटर।

(घ) बर्नहार्ड वारेनियस।

प्रश्न 9. निम्नलिखित में से कौन प्रवास का अपकर्ष कारक नहीं है?

(क) शांति।

(ख) सुरक्षा।

(ग) अनुकूल जलवायु।

(घ) महामारियां।

प्रश्न 10. रसदार फलों का उत्पादन किस कृषि की मुख्य विशेषता है?

(क) मिश्रित कृषि।

(ख) डेयरी कृषि।

(घ) रोपण कृषि।

(ग) भूमध्यसागरीय कृषि।

प्रश्न 11. जल प्रदूषण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जल के भौतिक रासायनिक तथा जैविक कारको में होने वाले अवांच्छित तथा हानिकारक परिवर्तनों को जल प्रदूषण कहते है।

प्रश्न 12. जनसंख्या वृद्धि से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर: जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में निश्चित अवधि में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है।

प्रश्न 13. प्राथमिक व्यवसाय या प्राथमिक क्रियाकलाप किसे कहते हैं?

उत्तर: ऐसे समस्त व्यवसाय जिनके द्वारा मनुष्य, प्राकृतिक संसाधनों से सीधे भोजन, वस्त्र, आवास तथा अन्य सुविधाएँ प्राप्त करता है तथा जिन व्यवसायों को करने के लिए विशेष ज्ञान, शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती उन्हें प्राथमिक क्रियाकलाप कहते हैं।

अथवा

खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के क्या महत्व है?

उत्तर: खनिज पदार्थ हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आधुनिक औद्योगिक उन्नति का आधार खनिज पदार्थ ही हैं। कारखानों में लगी मशीनें, पानी पर तैरते विशाल जहाज, ऊँची इमारतें, विभिन्न प्रकार की धातुओं से बनी वस्तुएँ खनिज पदार्थों की देन हैं। देश की औद्योगिक विकास का आधार खनिज पदार्थ है। यदि मनुष्य के पास धातुएँ और खनिज पदार्थ नहीं होते तो, आज औद्योगिक उत्पादन और विकास बहुत कम होता।

आधुनिक समाज की अधिकांश गतिविधियों के लिये ऊर्जा अत्यंत आवश्यक है। इसके उपयोग या उपभोग को सामान्यतः जीवन स्तर के सूचकांक के रूप में लिया जाता है। हम ऊर्जा को जलावन की लकड़ी, जीवाश्म ईंधन, एवं विद्युत के रूप में उपयोग करते हैं जिससे हमारा जीवन आरामदायक और सुविधाजनक बनता है।

प्रश्न 14. आधारभूत उद्योग से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर: जिनका निर्मित सामान दूसरे उद्योगों के आधार का कार्य करता है  वे आधारभूत उद्योग कहलाते है।

प्रश्न 15. स्थानांतरणशील कृषि की प्रमुख विशेषताओं को लिखें।

उत्तर: स्थानांतरणशील कृषि की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

(i) पेड़ों को काट कर तथा जलाकर भूमि के टुकड़े को साफ किया जाता है।

(ii) इस प्रकार की कृषि प्रायः मानसून, मृदा की प्राकृतिक उर्वरता तथा अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों की उपयुक्तता पर निर्भर करता है।

(iii) प्रति हैक्टेयर उत्पादन बहुत कम होता है क्योंकि किसान उर्वरक, खाद अथवा अन्य आधुनिक तकनीकों का प्रयोग नहीं करते।

(iv) दो-तीन वर्षों के बाद भूमि के उस टुकड़े को छोड़ दिया जाता है क्योंकि मृदा अपरदन तथा मृदा की उर्वरता के कम होने से उत्पादन भी कम हो जाता है।

अथवा

रोपण कृषि की प्रमुख विशेषताओं को लिखें।

उत्तर: रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1. इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है।

2. इसमें अधिक पूँजी, निवेश, उच्च प्रबंधन, तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया गया है।

3. यह एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही संकेंद्रण किया जाता है।

4. सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता रहती है।

5. यातायात के साधन विकसित होते हैं जिसके द्वारा बागान एवं बाजार सुचारू रूप से जुड़े रहते हैं।

प्रश्न 16. प्रवास के किन्ही तीन अपकर्ष कारकों का वर्णन करें।

उत्तर: प्रवास के अपकर्ष कारक:

(1) अपकर्ष कारक वे कारक है जो किसी क्षेत्र के अनुकूल परिस्थितियों के कारण लोगों को अपनी ओर आकर्षित या अपने क्षेत्र से प्रवास करने के लिए विवश करते हैं, अपकर्ष कारक कहलाते हैं। इसके अंतर्गत रहन-सहन की अच्छी दर्शाए, शांति व स्थायित्व जीवन , संपत्ति की सुरक्षा, काम के बेहतर अवसर व अनुकूल जलवायु जैसे कारक करते हैं।

(2) नगरों में अच्छे आर्थिक अवसरों, शिक्षा तथा मनोरंजनों के साधनों के कारण लोग चुंबक की तरह आकर्षित होते हैं।

(3) नगरों में उद्योग, परिवहन, संचार, व्यापार तथा वाणिज्य आदि की बेहतर सुविधाएं लोगों को प्रवास के लिए प्रेरित करती है। आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।

अथवा

प्रवास के किन्ही तीन प्रतिकर्ष कारकों का वर्णन करें।

उत्तर: प्रतिकर्ष कारक:- ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएं, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएं, महामारियां आदि के कारण लोग गांव से नगरों की ओर प्रवास करते हैं।

1. ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी: कृषि पर अधिक निर्भरता तथा गैर-कृषि गतिविधियों की धीमी संवृद्धि रोजगार सृजन को सीमित करती है। जिसके कारण लोग प्रवास के लिए तैयार हो जाते हैं।

2. राजनीतिक उपद्र: कभी कभी किसी क्षेत्र में राजनीतिक रैलियाँ हिंसात्मक रूप धारण कर लेती हैं, जो लंबे समय तक चलते हैं, जिससे वहां के लोगो को मजबूरन पलायन करना पड़ता है।

3. प्राकृतिक विपदाएं: पर्यावरणीय समस्याऐं प्राकृतिक आपदाओं अथवा मानव क्रियाकलापों द्वारा उत्पन्न होती हैं। आपदा चाहें प्राकृतिक हो या मानवनिर्मित, बड़े पैमाने पर जान व माल की तबाही का कारण बन जाती है। इन आपदाओं के प्रभाव के कारण स्थानीय लोगो को पलायन करना पड़ता है।

प्रश्न 17. भारत में लिंगानुपात कम होने के किन्हीं तीन कारणों को लिखे।

उत्तर: भारत में लिंगानुपात कम होने के किन्हीं तीन कारण निम्नलिखित हैं-

1. लिंग अनुपात में गिरावट के प्रमुख कारणों में लोगो मे शिक्षा का अभाव है।

2. लिंग अनुपात में गिरावट स्त्रियों में प्रसव पीड़ा के समय ज्यादा मृत्युदर तथा नवजात कन्या शिशुओं की मृत्यु दर बहुत अधिक होना है।

3. पुरुष प्रधान समाज में व्याप्त सामाजिक धार्मिक मान्यताओं एवं विश्वास के कारण पुत्रों की प्राथमिकताएं लिंगानुपात कम होने के लिए जिम्मेदार है।

4. स्त्रियों का अल्पायु में विवाह होना एक प्रमुख कारक है

प्रश्न 18. नगरीय जनसंख्या की किन्हीं तीन विशेषताओं को लिखें।

उत्तर: नगरीय जनसंख्या की निम्न विशेषताएं है-

1. घनी जनसंख्या : गांवों में जहां कम मात्रा में जनसंख्या रहती है। वही नगरों में बहुत बड़ी मात्रा में जनसंख्या निवास करती है। नगरों में जनसंख्या का ज्यादा होना उस नगर विशेष के औद्योगिक विकास पर निर्भर करता है।

2. अंधविश्वासों का अभाव : नगरीय जनसंख्या में धार्मिक अंधविश्वास देखने को नहीं मिलते है। नगर के लोग रोगो को दैविक आपत्ति नहीं मानते है। देवियों की पूजा अथवा मंत्रों द्वारा रोगों का उपचार नहीं करते हैं वरन् तुरंत डॉक्टर की सलाह पर काम करते हैं।

3. स्त्रियों को स्वतंत्रता : नगरीय जीवन समाज में स्त्रियों को भी कुछ स्वतंत्रता होती है। वे धार्मिक सत्संग तथा राजनीतिक दलों या समाज सेवा कार्यक्रमों में स्वतंत्र रूप से भाग ले सकती हैं।

प्रश्न 19. जनसंख्या संक्रमण सिद्धांत क्या है? जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं का वर्णन करें।

उत्तर: जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है। यह सिद्धांत हमें बताता है कि जैसे ही समाज ग्रामीण अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय औद्योगिक और साक्षर बनता है तो किसी प्रदेश की जनसंख्या उच्च जन्म-दर और उच्च मृत्यु दर से निम्न जन्म-दर व निम्न मृत्यु दर में बदल जाती है। ये परिवर्तन तीन अवस्थाओं में होते हैं

1. प्रथम अवस्था:- उच्च प्रजननशीलता में उच्च माता होती है क्योंकि लोग महामारियों और भोजन की अनिश्चित आपूर्ति से पीड़ित थे। जीवन प्रत्याशा निम्न होती है, अधिकांश लोग - अशिक्षित होते हैं और उनके प्रौद्योगिकी स्तर निम्न होते हैं।

2. द्वितीय अवस्था :- द्वितीय अवस्था के प्रारंभ में प्रजननशीलता ऊँची बनी रहती है किंतु यह समय के साथ घटती जाती है। स्वास्थ्य संबंधी दशाओं व स्वच्छता में सुधार के साथ मर्त्यता में कमी आती है।

3. तीसरी अवस्था :- तीसरी अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों घट जाती हैं। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती हैया मंद गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है व उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचारपूर्वक परिवार के आकार को नियंत्रित करती है।

अथवा

विश्व में जनसंख्या के घनत्व एवं वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें।

उत्तर: जनसंख्या के वितरण व घनत्व को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं।

1. भौतिक अथवा भौगोलिक कारक

2. आर्थिक कारक

3. सामाजिक-सांस्कृतिक कारक

i. भौतिक अथवा भौगोलिक कारक - भौगोलिक कारकों में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है

(क) विश्व के समतल मैदानी भागों में ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी व पठारी भागों की अपेक्षा अधिक लोग निवास करते हैं। मैदानी भागों में कृषि, जल-सिंचाई, यातायात, व्यापार तथा जीवन-निर्वाह की समस्त सुविधाओं के कारण घनी आबादी (जनसंख्या) मिलती है।

(ख) जलवायु-तापमान व वर्षा जनसंख्या के वितरण व घनत्व पर स्पष्ट प्रभाव डालते हैं। विश्व के जिन क्षेत्रों में सम जलवायु है वहाँ विषम जलवायु की अपेक्षा अधिक लोग निवास करते हैं। अधिक तापमान तथा अधिक शीतल प्रदेश जैसे मरुस्थल व ध्रुवीय प्रदेश लगभग मानव विहीन हैं। जिन क्षेत्रों में वर्षा व तापमान सामान्य है तथा अनुकूल जलवायु है वहां जनसंख्या घनत्व अधिक है।

(ग) मृदाएँ-कृषियोग्य गहरी उपजाऊ मिट्टियों में अधिक जनसंख्या के भरण-पोषण की क्षमता होती है। नदी घाटियों में उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी बिछी होती है। अतः अनेक प्राचीन सभ्यताओं का विकास भी इन नदी घाटियों में ही हुआ है। यहाँ कृषि के लिए उपजाऊ मिट्टी की प्रचुरता तो है ही, मीठे स्वच्छ जल के स्रोत भी यही नदियाँ हैं। अतः विश्व की सभी नदी घाटियों में सघन जनसंख्या का घनत्व देखने को मिलता है।

(घ) जल-स्रोत-झीलें व नदियाँ मीठे जल के मुख्य स्रोत हैं जबकि सागर व महासागरीय जल खारा होने के कारण उपयोगी नहीं है। विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदी घाटियों में इसलिए हुआ क्योंकि वहाँ पीने व सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध था। आज भी नदी घाटियों व मीठे जल की झीलों के आसपास जनसंख्या का उच्च घनत्व मिलता है।

ii. आर्थिक कारक - विश्व के जिन भूभागों/क्षेत्रों में खनिजों के प्रचुर भंडार हैं वहाँ उद्योगों का विकास हुआ है तथा जहाँ समतल उपजाऊ भूमियाँ हैं वहाँ कृषि का विस्तार हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होते हैं तथा अन्य आर्थिक क्रियाएँ जैसे यातायात वे परिवहन की सुविधाएँ, बैंकिग व वाणिज्यिक गतिविधियाँ स्वतः ही विकसित हो जाती हैं। अतः इन क्षेत्रों में नगरीकरण को बढ़ावा मिलता है। और लोगों के बसने के लिए अपकर्ष का कारण होते हैं। धीरे-धीरे ही सही, ऐसे क्षेत्र आगे चलकर उच्च जनसंख्या घनत्व को केंद्र बनते हैं।

iii. सामाजिक-सांस्कृतिक कारक-विश्व के कुछ क्षेत्रों का विकास सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में होता है। प्राचीन काल से ही कुछ नगर धार्मिक आस्था के कारण, राजनीतिक गतिविधियों के कारण वाणिज्यिक गतिविधियों के कारण, जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा की दृष्टि से, सैन्य दृष्टि से तथा सांस्कृतिक गतिविधियाँ, शिक्षा, स्वास्थ्य व मनोरंजन की सुविधाओं के चलते महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं और लोगों को बसने के लिए आकर्षित करते हैं। इस तरह वहाँ मेगा नगरों का विकास हो जाता है। विश्व के सर्वाधिक सघन बसे हुए ऐसे ही नगर व नगर क्षेत्र हैं जहाँ जनसंख्या का घनत्व सर्वोच्च है।

प्रश्न 20. वर्षा जल संग्रहण किसे कहते हैं? वर्षा जल संग्रहण क्यों आवश्यक है?

उत्तर: वर्षा के पानी का बाद में उत्पादक कामों में इस्तेमाल के लिए इकट्ठा करने को वर्षा जल संग्रहण कहा जाता है। आपकी छत पर गिर रहे बारिश के पानी को सामान्य तरीके से इकट्ठा कर उसे शुद्ध बनाने का काम वर्षा जल का संग्रहण कहलाता है।

1. इसे साफ करके स्थानीय लोगों की जल की उपयोग की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।

2. इसे वर्षा के कम होने या न होने के समय खेतों की सिंचाई करने के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है।

3. इस ढंग से जल संग्रहण के परिणामस्वरूप आसपास के भागों में बाढ़ की भी स्थिति नहीं रहती है।

4. जंगल कटने पर वाष्पीकरण न होने से वर्षा नहीं हो पाती और दूसरे भूजल सूखता जाता है। इसलिए वृक्षारोपण जल संग्रहण में बेहद जरूरी भूमिका निभाता है।

5. ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण कृषि उत्पादन तथा कृषकों की आय बढ़ाता है।

6. वर्षा जल संग्रहण कृषि उत्पादन पर सूखे के प्रभाव को कम करता है।

7. वर्षा जल संचयन हमें ऊर्जा संसाधन का कुशलतापूर्वक उपयोग करने की अनुमति देता है। U

8. वर्षा जल संचयन प्रणाली की प्रक्रिया द्वारा स्टोर किए गए पानी का उपयोग कई अन्य कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। कई घरेलू और छोटे व्यवसायों के लिए, वर्षा जल संचयन बिलों को कम करने में मदद करता है।

9. जैसे-जैसे जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, पानी की मांग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। कई हाउसिंग टाउनशिप, कॉलोनियां और बड़े पैमाने के उद्योग अपनी दैनिक पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए भूजल का उपयोग कर रहे हैं। भूजल की इस कमी से निपटने के लिए वर्षा जल संचयन की आवश्यकता है।

अथवा

विश्व के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए:-

(क) दक्षिण अफ्रीका। (ख) जापान। (ग) ग्रीनलैंड। (घ) यू.एस.ए. (ड) मेडागास्कर।

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