Restoration Of Old Pension May Take Time

पुरानी पेंशन बहाली में अभी लग सकता है समय

 15 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सम्बोधन

 मेरे प्यारे भाइयों, बहनों एवं बच्चों, जोहार !

1. स्वतंत्रता दिवस के इस पावन मौके पर झारखण्ड की हृदयस्थली संथाल परगना से मैं आप सबका हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत करता हूँ और समस्त झारखण्डवासियों तथा देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।

2. पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ हम भारत की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ को "अमृत महोत्सव" के रूप में मना रहे हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर, शहीद भगत सिंह के साथ-साथ झारखण्ड की महान विभूतियों भगवान बिरसा मुण्डा, बाबा तिलका मांझी, अमर शहीद सिद्धो-कान्हू, चाँद - भैरव, फूलो-झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, शेख भिखारी, पाण्डेय गणपत राय, टिकैत उमराँव, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव एवं नीलाम्बर-पीताम्बर सहित उन तमाम शहीदों के प्रति अपनी ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ, जिन्होंने देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

3. इस अवसर पर मैं, देश की पराक्रमी सेना, अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों को भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ तथा देश की सीमाओं की सुरक्षा में शहीद हुए बहादुर सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

4. प्यारे राज्यवासियों, आजादी के बाद हमारे देश ने सभी क्षेत्रों में तरक्की की है। विश्व के मानचित्र पर भारत की पहचान एक सफल लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हुई है। इस विकास यात्रा में हमने कई उतारचढ़ाव भी देखे हैं, परन्तु देश के विकास के मार्ग में आनेवाली हर बाधा, हर मुश्किल का हमने मिल-जुल कर सामना किया है।

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5. वर्तमान में झारखण्ड तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। हमारी सरकार सुदूर इलाके में रह रहे नागरिकों तक विकास की किरण पहुँचाने के लिए कृतसंकल्पित है। निरंतर प्रयासों का ही नतीजा है कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड ने कई क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है।

6. हमारी सरकार कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ राज्य में औद्योगिक एवं पर्यटन विकास तथा नवाचार को भी बढ़ावा दे रही है। भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार स्वच्छता तथा नवाचार में झारखण्ड की रैंकिंग में सुधार हुआ है और राज्य को कुपोषण, एनीमिया और शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी उल्लेखनीय सफलता मिली है। राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग का विस्तार हुआ है। हर क्षेत्र में सूचना तकनीक का प्रयोग बढ़ा है। हरे-भरे पेड़-पौधे और हरियाली हमारे झारखण्ड की पहचान हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021 के अनुसार झारखण्ड में 110 कि०मी० वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है।

7. संथाल परगना क्षेत्र में भी विकास की गति तेज हुई है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा विगत माह देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया। देवघर एयरपोर्ट से कोलकाता एवं दिल्ली के लिए नियमित उड़ानें संचालित हो रही हैं जिससे देवघर देश के दूसरे हिस्सों से सुगम एवं तीव्र यातायात व्यवस्था से जुड़ गया है। देवघर एयरपोर्ट के क्रियाशील होने से देवघर आने वाले श्रद्धालुओं को अब काफी सुविधा हो रही है। प्रसाद योजनान्तर्गत बैद्यनाथ धाम, देवघर में शिवगंगा एवं जलसार का सौंदर्यीकरण तथा कांवरिया पथ में कांवरियों की सुविधा हेतु विभिन्न निर्माण कार्य कराया गया है। राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों में स्थित धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पयर्टन स्थलों में आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है।

8. भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ( उड़ान - उड़े देश का आम नागरिक) के तहत दुमका से कोलकाता, पटना तथा रांची के लिए सीधी उड़ान सेवा हेतु रूट स्वीकृत किया गया है। इसके लिए दुमका हवाई अड्डा के उन्नयन का कार्य पूरा किया जा चुका है तथा आवश्यक लाइसेंस प्राप्त होने के उपरांत दुमका रांची, कोलकाता तथा पटना से वायु मार्ग द्वारा जुड़ जायेगा। इससे संथाल परगना में विकास की गति और तेज होगी।

9. झारखण्ड राज्य के साहेबगंज जिला में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के अन्तर्गत गंगा नदी पर जलमार्ग विकास परियोजना के तहत मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माण किया गया है। साहेबगंज जिला के आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु एक औद्योगिक-सह-लॉजिस्टिक पार्क का भी निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

10. स्थानीय युवाओं के लिए राज्य के भीतर ही रोजगार उपलब्ध कराने और पलायन को रोकने के लिए हमारी सरकार द्वारा "झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021“ गठित किया गया है। इस कदम से राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।

11. राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन तथा संशोधन की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की गयी है। संशोधित परीक्षा संचालन नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों को झारखण्ड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा पास करना तथा स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है। इससे सरकारी नौकरियों में झारखण्ड के युवक-युवतियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।

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12. राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों को निदेश दिया गया है कि रिक्त पदों को तेजी से भरने की कार्रवाई की जाय। झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 6 हजार से अधिक विभिन्न कोटि के पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली, 2021 का गठन कर इसके आधार पर 7वीं से 10वीं संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का जे०पी०एस०सी० द्वारा आयोजन किया गया एवं विभिन्न विभागान्तर्गत 11 सेवाओं के कुल 252 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया रिकॉर्ड अवधि में पूर्ण करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिये गये हैं।

13. झारखण्ड में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। हमारी सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने तथा स्थापित इकाइयों को प्रोत्साहित करने और राज्य में रोजगार को बढ़ावा देने हेतु झारखण्ड औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन नीति-2021 लागू किया गया है। राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एच०ई०सी० स्थित कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है। वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियाँ एक ही छत के नीचे संचालित होंगी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर झारखण्ड की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।

14. संथाल परगना प्रक्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए भारत सरकार के सहयोग से देवघर के देवीपुर में प्लास्टिक पार्क का निर्माण प्रगति पर है तथा शीघ्र ही निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। मार्च, 2023 तक इसे पूर्णत: क्रियाशील करने का लक्ष्य है। इसमें लगभग 100 इकाइयाँ स्थापित होंगी तथा लगभग 7000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

15. झारखण्ड रेशम उत्पादन में देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है, जिसमें संथाल परगना क्षेत्र की प्रमुख भूमिका है। इसके अलावा संथाल परगना क्षेत्र में पारंपरिक रूप से बांस शिल्प का हुनर पाया जाता है। संथाल परगना के सभी जिलों को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किए जाने हेतु निर्यात किये जाने वाले उत्पादों को चिन्हित किया गया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्शन प्लान भी तैयार किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में दुमका प्रक्षेत्र में 1375 तसर उत्पादकों को उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। मेगा हैंडलूम क्लस्टर के द्वारा दुमका प्रक्षेत्र के बुनकरों को लाभान्वित किया जा रहा है।

16. हमारी सरकार द्वारा सैलानियों को आकर्षित करने तथा राज्य में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति अधिसूचित की गई है। इस पर्यटन नीति में राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान है। यह पर्यटन नीति राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर भी सृजित करेगी।

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17. खेल के क्षेत्र में झारखण्ड की एक अलग पहचान रही है। राज्य में खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु नई खेल नीति बनाई गई है। हमारी सरकार द्वारा खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा और सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। पिछले दिनों राष्ट्रमंडल खेल, 2022 में राज्य की युवा खिलाड़ी लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की ने लॉन बॉल-4 प्रतिस्पर्द्धा में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल दिलाकर देश और झारखण्ड को गौरवान्वित किया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी कांस्य पदक जीता है। झारखण्ड की बेटियाँ सलीमा टेटे, निक्की प्रधान एवं संगीता कुमारी इस विजेता टीम का हिस्सा थीं। इसके पहले भी सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान ने ओलंपिक में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सबका दिल जीता है। आज हमारे राज्य के कई खिलाड़ी विभिन्न खेल स्पर्द्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड का नाम रौशन कर रहे हैं।

18. झारखण्ड की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गाँवों में रहती है। हमारी सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बहुआयामी प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवार की महिलाओं को सखी मंडल में संगठित कर उनको आजीविका के सशक्त साधनों से जोड़ा जा रहा है। पलाश ब्रांड के अन्तर्गत ग्रामीण महिलाओं के द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित उत्पादों को अलग पहचान मिली है। दुमका जिले में 10 पलाश ब्राण्ड आउटलेट खोले गये हैं, ताकि उत्पादों की खरीद-बिक्री सुगमता से हो सके।

19. हमारी सरकार ने मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से चार महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- 'बिरसा हरित ग्राम योजना', ‘नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना', 'वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना' तथा 'दीदी बाड़ी योजना' को लागू किया है। उक्त सभी योजनायें संथाल परगना सहित पूरे राज्य में सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं के लागू किये जाने से जहाँ एक तरफ किसानों की आय में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी तरफ राज्य में जल एवं भूमि संरक्षण भी सुनिश्चित हुआ है।

20. किसानों की खुशहाली पर ही राज्य की खुशहाली निर्भर होती है। कृषि के विकास एवं किसानों को सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफी योजना के तहत सहायता पहुँचाई जा रही है। इस योजना अन्तर्गत अब तक कुल 1529 करोड़ रुपये की राशि 3,80,000 (तीन लाख अस्सी हजार) कृषकों के ऋण खाते में ट्रांसफर की गई है। झारखण्ड राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना भी संचालित की जा रही है।

21. किसानों के प्रशिक्षण हेतु समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सहकृषक पाठशाला की शुरूआत की गई है। सरकार किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करा रही है। कृषि के यंत्रीकरण के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी जैसी आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

22. किसानों की मेहनत और राज्य सरकार द्वारा कृषकों को दिये जा रहे समर्थन एवं सहयोग की बदौलत पिछले खरीफ वर्ष 2021-22 में राज्य में 74.16 लाख टन खाद्यान्न फसल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। वर्तमान खरीफ मौसम में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा होने की सूचना है। राज्य सरकार द्वारा इस पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। सुखाड़ की स्थिति का आकलन कर राज्य सरकार द्वारा समुचित निर्णय लिया जायेगा।

23. स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त ऊर्जा समय की माँग है। हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड को प्रदूषण मुक्त ऊर्जा में अग्रणी बनाने के लिए "झारखण्ड सौर ऊर्जा नीति, 2022" लागू की गई है। राज्य के गिरिडीह शहर को "सोलर सिटी" के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा देवघर, सिमडेगा, गढ़वा एवं पलामू में 20-20 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर पार्क की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने हेतु 100 यूनिट तक की खपत करने वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली प्रदान करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है। इससे उपभोक्ता बिजली की खपत को कम करने के लिए प्रेरित होंगे तथा ऊर्जा की बचत को भी बढ़ावा मिलेगा।

24. राज्य सरकार के प्रयासों से शिक्षा के स्तर में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है। इस वर्ष राज्य में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम उत्साहवर्द्धक रहा है। मैट्रिक बोर्ड में राज्य स्तर पर 95.60 प्रतिशत छात्र-छात्रायें सफल हुए हैं जो अब तक का सर्वाधिक परिणाम प्रतिशत रहा है। विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद पर नियुक्ति हेतु कार्रवाई प्रारंभ कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक विशेष पहल करते हुए 80 उत्कृष्ट विद्यालय, 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल तथा 4091 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है।

25. उच्च शिक्षा को और बेहतर एवं सर्वसुलभ बनाने के लिए 'झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय’ एवं ‘पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय' की स्वीकृति दी गई है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त 2,716 (दो हजार सात सौ सोलह) पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचना झारखण्ड लोक सेवा आयोग को भेज दी गई है तथा नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

26. राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार सतत् प्रयत्नशील है। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के उन्नयन हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पतालों में उपकरणों, दवाओं एवं चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत रिक्तियों को भरने की भी कार्रवाई की जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत प्रसव हेतु 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये दिये जा रहे हैं। साथ ही निःशुल्क दवा, भोजन और जाँच की सुविधा भी दी जा रही है। देवघर में एम्स (AIIMS) के क्रियान्वित होने से संथाल परगना क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलना सुनिश्चित हुआ है।

27. विकास का पहिया, उन्नत पथों पर ही गतिमान होता है। राज्य के विकास में पथों के महत्व को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2022-23 में लगभग 1200 कि०मी० पथ एवं 20 पुल के निर्माण का लक्ष्य है। केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर राज्य सरकार द्वारा 30,000 करोड़ की लागत से 8 बड़ी सड़क परियोजनाओं के अंतर्गत 1570 कि०मी० फोरलेन सड़कों का निर्माण किया जाना है। "भारतमाला" के तहत स्वीकृत अन्य सड़कों और राज्य सरकार द्वारा स्टेट हाईवे के निर्माण पर भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। दुमका प्रक्षेत्र में लगभग 1326 करोड़ की लागत से 729 कि०मी० पथों की राईडिंग क्वालिटी में सुधार एवं मजबूतीकरण एवं लगभग 227 कि०मी० पथों का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण एवं चार स्टैंड अलोन पुलों की स्वीकृति दी गई है।

28. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020 में अनुसूचित जनजाति के 10 छात्रछात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का आरम्भ किया गया था। आगामी वित्तीय वर्ष से इस योजना का विस्तार करते हुए अनुसूचित जनजाति के अलावा अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को भी इस योजना से लाभान्वित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

29. कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की शिक्षा में कोई व्यवधान न आए, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 24 लाख छात्र-छात्राओं को 282 करोड़ रुपये की राशि एवं पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 4 लाख छात्र-छात्राओं को 301 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।

30. हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा पर जोर दे रही है। इस निमित राज्य सरकार द्वारा " मुख्यमंत्री सुकन्या योजना” एवं "मुख्यमंत्री कन्यादान योजना" सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजनान्तर्गत विगत वर्ष 2 लाख से अधिक बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है, वहीं 10 हजार से अधिक नव - विवाहिता को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी ।

31. राज्य से कुपोषण के उन्मूलन हेतु हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है। राज्य में आँगनबाड़ी केन्द्रों को संरचनात्मक तथा संसाधनात्मक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य के 06 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धातृ माताओं, स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों को उच्च पोषक तत्वों से युक्त पूरक पोषाहार नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। लगभग 38 लाख लाभुकों को पोषाहार नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है।

32. विकास के साथ-साथ हमारी सरकार लोक-कल्याणकारी दायित्वों का निर्वहन भी पूरी तत्परता के साथ कर रही है। राज्य के वृद्ध, दिव्यांग, निराश्रित महिला तथा आदिम जनजाति परिवारों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने सभी योग्य लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करने हेतु सर्वजन पेंशन योजना आरम्भ की है और इस योजना में लाभुकों के लिए पात्रता को सरल बना दिया गया है। यह बताते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि इस तरह की सार्वभौमिक पेंशन योजना लाने वाला झारखण्ड देश का पहला राज्य है। इसके माध्यम से सभी योग्य लाभुकों को इस योजना में शामिल किया जायेगा।

33. विकास का लाभ राज्य के सभी वर्गों, विशेषकर वंचित वर्गों तक पहुँचे, सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। जनता की सहभागिता एवं रचनात्मक सहयोग से राज्य के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सरकार सक्षम होगी, ऐसा मेरा विश्वास है। आइये आज हम सभी एक समृद्धशाली व खुशहाल झारखण्ड का निर्माण करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने का संकल्प लें। मैं इस अवसर पर परेड में भाग लेने वाले जवानों को बधाई देता हूँ तथा उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करता हूँ। एक बार मैं पुन: आप सभी को आजादी की 75वीं वर्षगाँठ की बहुत बहुत शुभकामनाएँ और बधाई देता हूँ।

जय हिन्द! जय झारखण्ड !

पुरानी पेंशन बहाली में अभी लग सकता है समय

झारखंड के कर्मचारियों का पुरानी पेंशन का इंतजार और लंबा हो गया है। मुख्यमंत्री आज एक बार फिर पुरानी पेंशन पर आश्वासन देकर कर्मचारियों की उम्मीदी को नाउम्मीद कर दिया। हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने खुद ही जून को NMOPS के मंच पर इस बात की घोषणा की थी कि उन्हें 15 अगस्त तक वक्त दीजिये, ताकि वो पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में आगे बढ़ सके। हालांकि जून की इस घोषणा के बाद कैबिनेट में सैद्धांतिक सहमति और SOP के गठन की तत्परता दिखायी गयी थी, उसने उम्मीदों को और भी जगा दिया।

लेकिन, आज मुख्यमंत्री ने सिर्फ आश्वासन की एक और बातें कहकर इंतजार को लंबा कर दिया। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के जनता के नाम संबोधन पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी थी। प्रदेश के लाखों कर्मचारी इस बात का इंतजार कर रहे थे कि मुख्यमंत्री के पिटारे से पुरानी पेंशन बहाली की सौगात जरूर निकलेगी।

आपको बता दें कि आज मुख्यमंत्री पूरी तरह से पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान कर देते, तो ये देश का तीसरा ऐसा राज्य बन जाता, जहां पुरानी पेंशन बहाली हो जाती। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पहले ही पुरानी पेंशन बहाली हो चुकी है, जबकि हिमाचल में कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वो चुनाव जीतती है तो पुरानी पेंशन बहाल की जायेगी। उसी तरह पंजाब भी अब पुरानी पेंशन बहाली की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रूख से एक बात तो साफ है कि देर-सबेर ही सही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सौगात जरूर मिलेगी।

दीपक कुमार

मीडिया प्रभारी दुमका

NMOPS जिन्दाबाद जिन्दाबाद 💪

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