प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
अर्थशास्त्र (Economics)
4. आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण
पाठ के मुख्य बिन्दु
*
आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण, आँकड़ों को स्पष्ट एवं व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करने से
है।
*
वृहद आँकड़ें आसानी से समझने योग्य हो जाते हैं।
*
आँकड़ों को प्रस्तुत करने के तीन प्रमुख तरीके हैं-
-
पाठ विषयक या वर्णनात्मक प्रस्तुतीकरण,
-
सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण तथा
-
आरेखीय प्रस्तुतीकरण ।
*
आँकड़ों का परिमाण कम हो तो पाठ विषयक प्रस्तुतीकरण उपयोगी होता है।
*
पाठ विषयक प्रस्तुतीकरण खास बिंदुओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक
है।
*
आँकड़ों का परिमाण बहुत अधिक हो, तब उन्हें पंक्तियों तथा स्तंभों के रूप में प्रस्तुत
किया जाता है जिसे सारणीयन कहते हैं।
*
सारणीयन में आँकड़ों का वर्गीकरण चार प्रकार से होता है- गुणात्मक, मात्रात्मक, कालिक
और स्थानिक।
*
गुण जैसे- सामाजिक स्थिति, भौतिक स्थिति, राष्ट्रीयता आदि के आधार पर वर्गीकरण, गुणात्मक
वर्गीकरण कहलाता है।
*
मात्रा जैसे- आयु, कद, उत्पादन, आय इत्यादि के आधार पर वर्गीकरण, मात्रात्मक वर्गीकरण
कहलाता है।
*
समय के आधार पर वर्गीकरण, कालिक वर्गीकरण कहलाता है।
*
स्थान के आधार पर वर्गीकरण, स्थानिक वर्गीकरण कहलाता है।
*
सारणीयन के मुख्य अंग है- सारणी संख्या, शीर्षक, उप-शीर्षक या स्तंभ शीर्षक, अवशीर्ष
या पंक्ति शीर्षक, सारणी का मुख्य भाग, माप की इकाई, स्रोत तथा टिप्पणी।
*
आँकड़ों का आरेखीय प्रस्तुतीकरण, आँकड़ों की अमूर्तता को कम कर आँकड़ों को सरल एवं
बोधगम्य बनाता है।
*
आँकड़ों की आरेखीय प्रस्तुतीकरण की महत्वपूर्ण विधियां हैं- ज्यामितीय आरेख, बारंबारता
आरेख तथा अंकगणितीय आरेख ।
*
आयत चित्र से बहुलक ज्ञात किया जा सकता है।
*
तोरण या ओजाइव दो प्रकार के होते हैं 'से कम' तथा 'से अधिक' इससे माध्यिका की गणना
होती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. आँकड़ों को प्रस्तुत करने के तरीके हैं-
a.
आरेखीय प्रस्तुतीकरण
b.
सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण
c.
पाठ-विषयक प्रस्तुतीकरण
d. उपर्युक्त सभी
2. प्रस्तुतीकरण के मुख्य उद्देश्य हैं-
a.
आँकड़ों को प्रस्तुति योग्य बनाना
b.
आँकड़ों को सरल बनाना
c.
आँकड़ों को समझने योग्य बनाना
d. उपर्युक्त सभी
3. आँकड़ों का परिमाण बहुत अधिक ना हो तो प्रस्तुतीकरण की विधि अधिक
उपयोगी होती है।
a. पाठ विषयक
b.
सारणीबद्ध
c.
आरेखीय
d.
इनमें से कोई नहीं
4. पाठ विषयक प्रस्तुतीकरण की एक महत्वपूर्ण विशेषता क्या है?
a.
यह आँकड़ों को देखकर समझने योग्य बनाता है
b.
आँकड़ों को स्तंभों एवं पंक्तियों में प्रस्तुत करता है
c. खास बिंदुओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने योग्य बनाता है
d.
आँकड़ों को चित्र के रूप में प्रस्तुत करता है
5. आँकड़ों को पंक्तियों तथा स्तंभों के रूप में प्रस्तुत करने की विधि
को कहते हैं-
a. सारणीयन
b.
आरेख
c.
वर्गीकरण
d.
व्यवस्थितिकरण
6. यदि किसी सारणी में तीन पंक्ति और तीन स्तंभ हो तो वह सारणी क्या
कहलाएगी?
a.
3 x 1 सारणी
b.
1 × 3 सारणी
c. 3 × 3 सारणी
d.
3 सारणी
7. निम्न में से कौन सारणीयन में प्रयुक्त वर्गीकरण का प्रकार है?
a.
गुणात्मक
b.
मात्रात्मक
c.
कालिक और स्थानिक
d. उपर्युक्त सभी
8. निम्नांकित में से कौन गुणात्मक वर्गीकरण की विशेषता है?
a.
वर्ष
b.
उत्पादन
c.
जिला
d. सामाजिक स्थिति
9. निम्नांकित में से कौन मात्रात्मक वर्गीकरण की विशेषता है?
a.
आयु
b.
उत्पादन
c.
ऊंचाई
d. उपर्युक्त सभी
10. आँकड़ों को जब समय, जैसे- घंटों, दिनों, महिनों, वर्षों इत्यादि
के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है तो इसे क्या कहते हैं?
a.
गुणात्मक वर्गीकरण
b.
मात्रात्मक वर्गीकरण
c. कालिक वर्गीकरण
d.
स्थानिक वर्गीकरण
11. स्थान के आधार पर वर्गीकरण को क्या कहते हैं?
a.
गुणात्मक वर्गीकरण
b.
मात्रात्मक वर्गीकरण
c.
कालिक वर्गीकरण
d. स्थानिक वर्गीकरण
12. एक सारणी के प्रमुख अंग निम्न में से कौन है?
a.
सारणी संख्या
b.
शीर्षक
c.
स्रोत
d. उपर्युक्त सभी
13. किसी सारणी का अंतिम अंग क्या होता है?
a. टिप्पणी
b.
सारणी संख्या
c.
स्तंभ शीर्षक
d.
शीर्षक
14. किसी सारणी के पंक्ति शीर्षक को क्या कहा जाता है?
a.
उप-शीर्षक
b.
शीर्षक
c. अवशीर्ष
d.
स्तंभ शीर्षक
15. आँकड़ों की आरेखी प्रस्तुतीकरण की प्रमुख विशेषताएं या गुण क्या
हैं?
a.
यह ऑकड़ों की वस्तु स्थिति को समझने में सबसे अधिक सहायक होती है
b.
यह आँकड़ों में निहित अमूर्तता को कम करती है
c.
यह सारणी की तुलना में अधिक प्रभावी होती हैं
d. उपर्युक्त सभी
16. आँकड़ों की अमूर्तता को कम करने तथा उसे अधिक मूर्त एवं आसानी से
समझने योग्य बनाने के लिए आँकड़ों के प्रस्तुतीकरण की कौन-सी विधि अधिक उपयुक्त होती
है?
a.
पाठ विषयक प्रस्तुतीकरण
b.
सारणी द्वारा प्रस्तुतीकरण
c. आरेखी प्रस्तुतीकरण
d.
उपर्युक्त सभी
17. आँकड़ों के आरेखी प्रस्तुतीकरण की मुख्य प्रकार निम्न में से कौन
है?
a.
ज्यामितीय आरेख
b.
बारंबारता आरेख
c.
अंकगणितीय आरेख
d. उपर्युक्त सभी
18. दंड आरेख-
a. एक विमी आरेख है
b.
द्विविम आरेख है
c.
विम रहित आरेख है
d.
इनमें से कोई नहीं
19. दंड आरेख तथा वृत्त आरेख आरेख की श्रेणी में आते हैं?
a. ज्यामितीय आरेख
b.
अंकगणितीय आरेख
c.
बारंबारता आरेख
d.
इनमें से कोई नहीं
20. निम्न में से कौन आँकड़ों की प्रस्तुतीकरण की ज्यामितीय आरेख का
भाग है?
a.
तोरण
b.
बारंबारता बहुभुज
c.
आयत चित्र
d. दंड आरेख
21. वह दंड आरेख जिसका प्रयोग दो या अधिक आँकडा समुच्चयों की तुलना
के लिए प्रयोग की जाती है, कहलाता है?
a.
दंड आरेख
b.
घटक दंड आरेख
c. बहु दंड आरेख
d.
सारणी
22. घटक दंड आरेख में घटकों की आनुपातिक ऊँचाई किस विधि द्वारा ज्ञात
की जाती है?
a.
योग विधि
b. ऐकिक विधि
c.
गुणन विधि
d.
भाग विधि
23. वृत्त आरेख -
a. घटक आरेख है
b.
दंड आरेख है
c.
बहु दंड आरेख है
d.
सारणी है
24. वृत्त आरेख को अन्य किस नाम से जानते हैं?
a.
घटक आरेख
b.
दंड आरेख
c. वृत चार्ट
d.
सारणी
25. वृत्त आरेख में वृत को कितने बराबर भागों में बांट लिया जाता है?
a. 100
b.
50
c.
80
d.
10
26. वृत्त आरेख के केंद्र पर कुल कोण होता है-
a.
180°
b.
90°
с.
45°
d. 360°
27. निम्न में से कौन बारंबारता आरेख का भाग है?
a.
आयत चित्र
b.
बारंबारता बहभुज
c.
बारंबारता वक्र
d. उपर्युक्त सभी
28. आयत चित्र-
a.
एक विमी आरेख है
b. द्विविम आरेख है
c.
विम रहित आरेख है
d.
इनमें से कोई नहीं
29. आयत चित्र बनाए जाते हैं-
a. केवल संतत चर के लिए
b.
केवल विविक्त चर के लिए
c.
a तथा b दोनों के लिए
d.
इनमें से कोई नहीं
30. निम्न में से किस औसत को आयत चित्र से प्राप्त किया जा सकता है?
a.
माध्य
b.
मध्यिका
c. बहुलक
d.
निम्न में से कोई नहीं
31. निम्नांकित में से कौन आयत चित्र का विकल्प है?
a. बारंबारता बहुभुज
b.
दंड आरेख
c.
वृत्त आरेख
d.
घटक दंड आरेख
32. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है-
a.
दंड आरेख के दंडो की चौड़ाई का एक समान होना जरूरी नहीं है
b.
आयत चित्र में आयतों की चौड़ाई अवश्य एक समान होनी चाहिए
c.
आयत चित्र एवं स्तंभ आरेख आँकड़ों को प्रस्तुत करने के लिए एक जैसी विधियां है
d. आयत चित्र की रचना केवल आँकड़ों के संतत वर्गीकरण के लिए ही की जा
सकती है
33. "वर्ष विशेष की मासिक वर्षा" को प्रस्तुत करने के लिए
निम्न में से किस प्रकार का आरेख अधिक प्रभावशाली होगा?
a. दंड आरेख
b.
तोरण
c.
सारणी
d.
रेखा चित्र
34. तोरण को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
a. ओजाइव
b.
आयत चित्र
c.
दंड चित्र
d.
पाई चित्र
35. तोरण वक्र कितने प्रकार की होती है?
a.
से कम
b.
से अधिक
c. a तथा b दोनों
d.
इनमें से कोई नहीं
36. निम्न में से किसका मान तोरण से ज्ञात किया जा सकता है?
a.
माध्य
b. मध्यिका
c.
बहुलक
d.
परा
37. अंकगणितीय रेखा चित्र को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
a. काल श्रेणी आलेख
b.
तोरण
c.
बारंबारता वक्र
d.
बारंबारता बहुभुज
38. अंकगणितीय रेखा चित्र के द्वारा आँकड़ों के को समझने में मदद मिलती
है।
a.
दीर्घकालिक प्रवृत्ति
b.
आँकड़ों में चक्रीयता
c.
आँकड़ों में कालिकता
d. उपर्युक्त सभी
39. काल श्रेणी को दर्शाने वाले ग्राफ को क्या कहते हैं?
a. अंकगणितीय रेखा चित्र
b.
ओजाइव
c.
आयत चित्र
d.
बारंबारता बहुभुज
40. तोरण या ओजाइव वक्र कोनाम से भी जाना जाता है।
a.
बारंबारता बहुभुज
b. संचयी आवृत्ति वक्र
c.
आयत चित्र
d.
वृत्त चित्र
41. आँकड़ों के कालिक वर्गीकरण का आधार क्या होता है?
a. समय
b.
भौगोलिक स्थान
c.
विशेष गुण
d.
मात्रा
42. दंड आलेख किस प्रकार के चर के लिए बनाए जाते हैं?
a.
संतत चर
b.
विविक्त चर
c. संतत चर एवं विविक्त चर दोनों
d.
इनमें से कोई नहीं
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. आँकड़ों को प्रस्तुत करने की किसी एक विधि का नाम लिखिए।
उत्तर-
पाठ विषयक प्रस्तुतीकरण या सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण या आरेखीय प्रस्तुतीकरण।
2. एक सारणी के दो मुख्य भाग या अंग को बताइए।
उत्तर-
शीर्षक एवं सारणी संख्या।
3. वृत्त चित्र के केन्द्र पर कुल कोण का मान क्या होता है?
उत्तर-
360°
4. किस रेखाचित्र द्वारा बहुलक को प्राप्त किया जा सकता है?
उत्तर-
आयत चित्र।
5. वह रेखा चित्र जिसके द्वारा मध्यिका के मान को ज्ञात किया जा सकता
है?
उत्तर-
तोरण या ओजाइव या संचयी बारंबारता वक्र।
6. ज्यामितीय आरेख के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
दंड आरेख एवं वृत्त आरेख।
7. संचयी बारंबारता कितने प्रकार की होती है? नाम बताइए
उत्तर-
संचयी बारंबारता दो प्रकार की होती है- से कम तथा से अधिक।
8. समय अनुसार वर्गीकरण को क्या कहते हैं?
उत्तर-
कालिक वर्गीकरण।
9. सारणी में स्रोत को कहां लिखा जाता है?
उत्तर-
सारणी के नीचे।
10. तोरण को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-
ओजाइव या संचयी बारंबारता वक्र।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. आँकड़ों के आरेखी प्रस्तुतीकरण की तीन उपयोगिता को बताइए।
उत्तर-
यह आँकड़ों को प्रस्तुत करने की एक विधि है जो प्रस्तुतीकरण की अन्य विधियों की तुलना
में अधिक बोधगम्य है। इसकी मुख्य उपयोगिताएँ निम्न है-
i)
यह आँकड़ों की अमूर्तता को कम करती है।
ii)
यह आँकड़ों को अधिक आसानी से समझने योग्य बनाती है।
iii)
सारणी की तुलना में यह अधिक प्रभावशाली होती है।
2. आयत चित्र की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर-
आँकड़ों के आरेखी प्रस्तुतीकरण का एक तरीका है आयत चित्र, इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्न
है-
i)
आयत चित्र एक द्विविम आरेख है।
ii)
आयत चित्र केवल संतत चरों के लिए बनाए जाते हैं।
iii)
सभी आयत साथ-साथ होते हैं और दो आसन्न आयतों के बीच कोई खाली स्थान नहीं होता है।
3. दंड आरेख तथा आयत चित्र के बीच अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दंड आरेख तथा आयत चित्र में निम्न अंतर है -
i)
दंड आरेख विविक्त एवं संतत दोनों चरों के लिए बनाए जा सकते हैं, जबकि आयत चित्र केवल
संतत चरों के लिए ही बनाए जा सकते हैं।
ii)
दंड आरेख में दो क्रमिक दंडों के बीच कुछ रिक्त स्थान अवश्य छोड़ा जाता है, जबकि आयत
चित्र में आयतों के बीच कोई रिक्त स्थान नहीं छोड़ा जाता है।
iii)
आयत चित्र से बारंबारता वितरण के औसत बहुलक के मान को ज्ञात किया जा सकता है, जबकि
दंड आरेख से किसी औसत के मान को ज्ञात नहीं किया जा सकता है।
4. सारणी में प्रयुक्त वर्गीकरण के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
उत्तर-
सारणीयन में आँकड़ों का वर्गीकरण चार प्रकार से होता है- गुणात्मक, मात्रात्मक, कालिक
और स्थानिक।
i)
गुणात्मक वर्गीकरण- जब वर्गीकरण गुण जैसे सामाजिक
स्थिति, भौतिक स्थिति, राष्ट्रीयता आदि के आधार पर होता हैं तो यह गुणात्मक वर्गीकरण
कहलाता है।
ii)
मात्रात्मक वर्गीकरण जब वर्गीकरण मात्रा जैसे आयु,
कद, उत्पादन, आय इत्यादि के आधार पर होता है तो यह मात्रात्मक वर्गीकरण कहलाता है।
iii)
कालिक वर्गीकरण समय के आधार पर वर्गीकरण कालिक वर्गीकरण
कहलाता है।
iv)
स्थानिक वर्गीकरण स्थान के आधार पर वर्गीकरण स्थानिक वर्गीकरण
कहलाता है।
5. एक सारणी के विभिन्न अंगों को दर्शाइए।
उत्तर- सारणीयन के मुख्य अंग है- सारणी संख्या, शीर्षक, उप-शीर्षक या स्तंभ शीर्षक, अवशीर्ष या पंक्ति शीर्षक, सारणी का मुख्य भाग, माप की इकाई, स्रोत तथा टिप्पणी। इसे निम्न रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है -
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. वृत्त चित्र से आप क्या समझते हैं? निम्नांकित आँकडा एक परिवार के
दुवारा विभिन्न मदों पर किए गए व्यय को दर्शाता है आँकड़ों को एक वृत्त चित्र द्वारा
प्रस्तुत कीजिए।
व्यय
की मदें |
व्यय
की राशि |
भोजन |
5200 |
मकान
किराया |
6800 |
स्कूल
फीस |
4400 |
अन्य |
3600 |
योग |
20,000 |
उत्तर-
वृत्त आरेख एक घटक आरेख है। इसके क्षेत्र को आनुपातिक रूप से उन घटकों में विभाजित
किया जाता है जिन्हें यह दर्शाता है। वृत्त चित्र में दिए गए मान को पहले प्रतिशत में
बदल लिया जाता है। वृत्त को 100 बराबर भागों में बांट लिया जाता है, जिसमें प्रत्येक
अंश 3.6 डिग्री के बराबर होता है। प्रत्येक घटक के प्रतिशत अंशों को 3.6 से गुणा करके
जो कोणीय घटक प्राप्त होता है उसे वृत्त में दर्शाते हैं।
व्यय
की मदें |
व्यय
की राशि |
प्रतिशत
अंश |
कोणीय
घटक |
भोजन |
5200 |
(5200/20000)×100=26 |
26×3.6=93.6 |
मकान
किराया |
6800 |
(6800/20000)×100=34 |
34x3.6=122.4 |
स्कूल
फीस |
4400 |
(4400/20000)×100=22 |
22×3.6=79.2 |
अन्य |
3600 |
(3600/20000)×100=18 |
18×3.6=64.8 |
योग |
20,000 |
100 |
360.0 |
2. 150 विद्यार्थियों के एक कक्षा में अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा
में प्राप्तांक निम्न है-
प्राप्तांक |
छात्रों
की संख्या |
0-10 |
2 |
10-20 |
8 |
20-30 |
6 |
30-40 |
12 |
40-50 |
20 |
50-60 |
33 |
60-70 |
28 |
70-80 |
25 |
80-90 |
12 |
90-100 |
4 |
|
150 |
उपर्युक्त आँकड़ों को आयत चित्र द्वारा प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-
3. आँकड़ों के प्रस्तुतीकरण से आप क्या समझते हैं? इसके विभिन्न प्रकारों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण का अर्थ है- आँकड़ों को स्पष्ट एवं व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत
करना। संग्रहित एवं व्यवस्थित आँकड़ों को समझने के लिए आँकड़ों को विभिन्न तरीके से
प्रस्तुत किया जाता है, जिससे बहुत बड़े आँकड़ें आसानी से समझने योग्य और बोधगम्य हो
जाए।
आँकड़ों
को प्रस्तुत करने की तीन प्रमुख तरीके निम्न हैं -
i)
पाठ विषयक या वर्णनात्मक प्रस्तुतीकरण,
ii)
सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण तथा
iii)
आरेखीय प्रस्तुतीकरण ।
i)
पाठ विषयक प्रस्तुतीकरण- जब आँकड़ों का परिमाण बहुत
अधिक नहीं होता है तो आँकड़ों के पाठ विषय प्रस्तुतीकरण का प्रयोग किया जाता है। इस
विधि में आँकड़ों के खास बिंदुओं को प्रभावशाली ढंग से रखा जा सकता है, किंतु आँकड़ों
को समझने के लिए पूरे पाठ को पढ़ना आवश्यक होता है।
ii)
सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण- आँकड़ों को पंक्तियों तथा
स्तंभों के रूप में प्रस्तुत करने के तरीके को सारणीबद्ध प्रस्तुतीकरण कहते हैं। यह
बड़े आँकड़ों को प्रदर्शित करने का सबसे उपयुक्त तरीका है। यह आँकड़ों को सांख्यिकी
प्रयोग एवं उसके आधार पर निर्णय लेने के लिए व्यवस्थित करता है। सारणीयन में आँकड़ों
को चार प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है गुणात्मक, मात्रात्मक, कालिक और स्थानिक।
iii) आरेखीय प्रस्तुतीकरण- आँकड़ों को प्रस्तुत करने की यह सबसे आकर्षक विधि है। यह विधि सारणीकृत या पाठ विषय प्रस्तुतीकरण की तुलना में, आँकड़ों के आधार पर, वस्तु स्थिति को समझने में सबसे अधिक सहायक होती है। यह आँकड़ों के अमूर्तता को कम करके उसे अधिक मूर्त एवं आसानी से समझने योग्य बना देती है। यहां तक कि आँकड़ों को देखकर आसानी से समझा जा सकता है। आरेखी प्रस्तुतीकरण की महत्वपूर्ण विधियां हैं- ज्यामिति आरैख, बारंबारता आरेख तथा अंकगणितीय आरेख । संक्षेप में –
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
क्र०स० | अध्याय का नाम |
अर्थशास्त्र में सांख्यिकी | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |