Class 11 Economics अध्याय 7. सूचकांक Question Bank-Cum-Answer Book

Class 11 Economics अध्याय 7. सूचकांक Question Bank-Cum-Answer Book

Class 11 Economics अध्याय 7. सूचकांक Question Bank-Cum-Answer Book

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

अर्थशास्त्र (Economics)

7. सूचकांक

पाठ के मुख्य बिन्दु

* मदों के सापेक्षिक परिवर्तनों को मापने के लिए सूचकांक एक सांख्यिकीय विधि है।

* दो अवधि में से जिस अवधि के साथ तुलना की जाती है, उसे आधार अवधि के रूप में जाना जाता है।

* आधार अवधि में सूचकांक का मान 100 होता है।

* सूचकांक में जब आधार अवधि की मात्रा को भार के रूप में प्रयोग करते हैं तो उसे लेस्पेयर कीमत सूचकांक कहते हैं।

* सूचकांक में जब वर्तमान अवधि की मात्रा को भार के रूप में प्रयोग करते हैं तो, उसे पाशे का मूल्य सूचकांक कहते हैं।

* उपभोक्ता कीमत सूचकांक को निर्वाह सूचकांक के नाम से भी जानते हैं।

* उपभोक्ता कीमत सूचकांक खुदरा कीमतों में औसत परिवर्तन को मापता है।

* भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं। ये हैं, औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI, शहरी गैर शारीरिक कर्मचारियों के लिए CPI तथा कृषि श्रमिकों के लिए CPI

* औद्योगिक श्रमिकों के भार-योजना में खाद्य पदार्थों को सबसे अधिक भार दिया गया है।

* मुद्रास्फीति की दर थोक कीमत सूचकांक द्वारा ज्ञात की जाती है।

* सेंसेक्स, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज संवेदी सूचकांक का संक्षिप्त रूप है, जिसका आधार वर्ष 1978 1979 है।

* सूचकांक नीति- निर्धारण के लिए अपरिहार्य है।

* देश के विकास को जानने के लिए मानव विकास सूचकांक (HDI)का उपयोग किया जाता है

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. संबंधित चरों के समूह के परिमाण में परिवर्तनों को मापने का एक सांख्यकीय साधन है-

a. माध्य

b. माध्यिका

c. औसत

d. सूचकांक

2. सूचकांक में दो अवधियों में से जिस अवधि के साथ तुलना की जाती है उसे किस अवधि के रूप में जाना जाता है -

a. वर्तमान अवधि

b. आवर्ती अवधि

c. आधार अवधि

d. जमा अवधि

3. आधार अवधि में सूचकांक का मान कितना होता है?

a. 10

b. 100

c. 50

d. 1000

4. वर्ष 2015 के स्तर से वर्ष 2022 में कीमतों में कितना परिवर्तन हुआ इसमें आधार वर्ष क्या होगा?

a. 2015

b. 2022

c. 2016

d. 2021

5.P01=ΣP1ΣP0×100सूत्र है-

a. परिमाणात्मक सूचकांक

b. लेसपेयर कीमत सूचकांक

c. पाशे का मूल्य सूचकांक

d. सरल समूहित कीमत सूचकांक

6. लेस्पेयर का मूल्य सूचकांक किस अवधि परिमाण को भार के रूप में प्रयोग करता है –

a. वर्तमान अवधि

b. आवर्ती अवधि

c. चालू अवधि

d. आधार अवधि

7. पाशे का मूल्य सूचकांक किस अवधि परिमाण को भार के रूप में प्रयोग करता है?

a. संदर्भ अवधि

b. आधार अवधि

c. आवर्ती अवधि

d. वर्तमान अवधि

8. उपभोक्ता कीमत सूचकांक को और किस नाम से जाना जाता है?

a. थोक कीमत सूचकांक

b. खुदरा कीमत सूचकांक

c. निर्वाह सूचकांक

d. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

9. खुदरा कीमतों में औसत परिवर्तन को कौन मापता है

a. औद्योगिक कीमत सूचकांक

b. उपभोक्ता कीमत सूचकांक

c. थोक मूल्य सूचकांक

d. कृषि उत्पादन सूचकांक

10. मजदूरी समझौता, आय नीति, कीमत- नीति, किराया नियंत्रण, कराधान, सामान्य आर्थिक नीतियों के निर्माण में किस सूचकांक की मदद ली जाती है?

a. थोक कीमत सूचकांक

b. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

c. उपभोक्ता कीमत सूचकांक

d. उत्पादक कीमत सूचकांक

11. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक में किस मद के लिए उच्चतम भार होता है?

a. खाद्य पदार्थ

b. आवास

c. कपड़े

d. कार

12. सामान्यतः मुद्रास्फीति के परिकलन में किसका प्रयोग होता है?

a. उत्पादक कीमत सूचकांक

b. थोक कीमत सूचकांक

c. उपभोक्ता कीमत सूचकांक

d. औद्योगिक कीमत सूचकांक

13. जब शेयर की कीमत में वृद्धि होती है यह...में वृद्धि द्वारा प्रतिबिम्बित होती है।

a. सामान्य सूचकांक

b. संवेदी सूचकांक

c. थोक मूल्य सूचकांक

d. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

14. खनन, विनिर्माण एवं विद्युत किस सूचकांक की शाखाएं हैं?

a. उपभोक्ता कीमत सूचकांक

b. थोक मूल्य सूचकांक

c. औ‌द्योगिक उत्पादन सूचकांक

d. विदेशी व्यापार सूचकांक

15. किसी देश के विकास के अध्ययन के लिए किस सूचकांक का उपयोग किया जाता है -

a. थोक मूल्य सूचकांक

b. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

c. मानव विकास सूचकांक

d. कीमत सूचकांक

16. संवेदी सूचकांक स्टॉक मार्केट में किसके लिए मार्गदर्शक होते हैं -

a. उत्पादक

b. उपभोक्ता

c. निवेशक

d. विक्रेता

17. सूचकांक को प्रदर्शित करते हैं

a. A01

b. B01

c. P01

d. P10

18. राष्ट्रीय आय, पूँजी निर्माण आदि की कीमतों में परिवर्तन के प्रभाव को किस सूचकांक द्वारा समाप्त किया जा सकता है

a. उपभोक्ता कीमत सूचकांक

b. उत्पादक कीमत

c. औद्योगिक कीमत सूचकांक

d. थोक कीमत सूचकांक

19. मुद्रा की क्रय शक्ति एवं वास्तविक मजदूरी के आकलन के लिए किसका प्रयोग किया जाता है

a. थोक कीमत सूचकांक

b. उत्पादक कीमत सूचकांक

c. औद्योगिक कीमत सूचकांक

d. उपभोक्ता कीमत सूचकांक

20. संकेत शब्द P01 में 1 बतलाता है -

a. आधार वर्ष को

b. संदर्भ वर्ष को

c. a तथा b दोनों

d. वर्तमान वर्ष को

21. संकेत शब्द P01 में 0 बतलाता है -

a. वर्तमान वर्ष

b. चालू वर्ष

c. आवर्ती वर्ष

d. आधार वर्ष

22. कीमत अनुपात =? / आधार वर्ष की कीमत x 100

a. संदर्भ वर्ष की कीमत

b. आधार वर्ष की कीमत

c. (a) तथा (b) दोनों

d. वर्तमान वर्ष की कीमत

23. कीमत अनुपात = ΣP1 /? x 100

a. P2

b. ΣP0

c. P3

d. ΣP4

24. आर्थिक नीति-निर्माण के लिए----- अपरिहार्य (अनिवार्य) होते हैं

a. सूचकांक

b. विदेशी व्यापार

c. विदेश-यात्रा

d. गैरआर्थिक नीति

25. ----मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज संवेदी सूचकांक का संक्षिप्त रूप है -

a. NSE

b. सेंसेक्स

c. WPI

d. PPI

26. संवेदी सूचकांक के चढ़ाव का तात्पर्य है

a. सूचकांक से संकेत मिलता है कि बाजार ठीक चल रहा है

b. निवेशक इन कंपनियों से बेहतर आमदनी की आशा रखते हैं

c. अर्थव्यवस्था के मूल दशा के प्रति निवेशकों के बढ़ते विश्वास को भी दर्शाता है

d. उपर्युक्त सभी

27. सेंसेक्स का आधार वर्ष है -

a. 2011-2012

b. 2004-2005

c. 1986-1987

d. 1978-1979

28. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (सेंसेक्स) के अंतर्गत----- कंपनियां (स्टॉक) हैं -

a. 20

b. 15

c. 30

d. 10

29. मुद्रा की क्रयशक्ति = 1/?

a. थोक कीमत सूचकांक

b. उत्पादक कीमत सूचकांक

c. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

d. निर्वाह सूचकांक

30. वास्तविक मजदूरी (मौद्रिक मजदूरी /?) x 100

a. उत्पादक कीमत सूचकांक

b. निर्वाह सूचकांक

c. थोक कीमत सूचकांक

d. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. सूचकांक क्या है?

उत्तर- सूचकांक संबंधित चरों के समूह के परिमाण में परिवर्तनों को मापने का एक सांख्यिकीय साधन है।

2. भारत में कौन-कौन से उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) बनाए जाते हैं? बताइए।

उत्तर- भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं-

(i) औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI

(ii) शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए CPI तथा

(iii) कृषि श्रमिकों के लिए CPI

3. शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए CPI संख्याओं का प्रकाशन कौन करता है?

उत्तर- केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन

4. मूल्यानुपातों की माध्य विधि क्या है?

उत्तर- मूल्यानुपात वस्तु की वर्तमान अवधि की कीमत तथा आधार अवधि की कीमत का अनुपात होता है।

P01=1nΣP1P0×100

5. उपभोक्ता कीमत सूचकांक को और किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर- उपभोक्ता कीमत सूचकांक को निर्वाह सूचकांक के नाम से भी जाना जाता है।

6. भारतीय रिजर्व बैंक अखिल भारतीय संयुक्त उपभोक्ता कीमत सूचकांक को, किस रूप में प्रयोग करती है?

उत्तर- भारतीय रिजर्व बैंक कीमतों में परिवर्तन के मुख्य मापक के रूप में अखिल भारतीय संयुक्त उपभोक्ता कीमत सूचकांक को प्रयोग करती है।

7. भारित सूचकांकों की रचना करने की लेस्पेयर तथा पाशे की विधियों में क्या अंतर है?

उत्तर- लेस्पेयर ने विभिन्न मदों के भार के रूप में आधार वर्ष की मात्राओं का प्रयोग किया है जबकि पाशे ने वर्तमान वर्ष की मात्राओं का प्रयोग किया है।

8. दो प्रकार की कीमत सूचकांकों का नाम बताएं?

उत्तर- दो प्रकार के कीमत सूचकांक हैं -

(i) उपभोक्ता कीमत सूचकांक तथा

(ii) थोक कीमत सूचकांक

9. साप्ताहिक मुद्रास्फीति दर किस तरह से निकाला जाता है?

उत्तर-Xt-Xt-1Xt-1×100

10. मुद्रास्फीति किसे कहते हैं?

उत्तर- मुद्रास्फीति कीमतों में सामान्य तथा निरंतर वृद्धि को कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. हमें सूचकांक की आवश्यकता क्यों होती है?

उत्तर-

(i) उत्पादन के बारे में जानकारी- औद्योगिक तथा कृषि संबंधी उत्पादन सूचकांकों की सहायता से यह पता चलता है कि देश के औद्योगिक तथा कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ रहा है या नहीं। इस जानकारी के आधार पर औद्योगिक तथा कृषि विकास संबंधी नीतियां निर्धारित की जाती हैं।

(ii) सरकार के लाभ- सरकार सूचकांकों की सहायता से ही देश के आर्थिक विकास के लिए नीति निर्धारण करती है। सरकार सूचकांकों की सहायता से ही निवेश, उत्पादन, आय, रोजगार, व्यापार, कीमत-स्तर, उपभोग आदि क्रियाओं से संबंधित नीतियों का निर्माण करके इनको बढ़ाने का प्रयत्न करती है।

2. आधार अवधि के वांछित गुण क्या होते हैं?

उत्तर- सूचकांक में दो अवधियों में से जिस अवधि के साथ तुलना की जाती है उसे आधार अवधि के रूप में जाना जाता है। उदाहरण स्वरूप - यदि हम यह जानना चाहते हैं कि 1990 के स्तर से 2005 में कीमतों में कितना परिवर्तन हुआ है तब 1990 आधार अवधि बन जाता है। आधार अवधि में सूचकांक का मान 100 होता है।

आधार अवधि के गुण -

> यह एक सामान्य वर्ष होना चाहिए अर्थात् युद्ध आकाल आदि नहीं आए होने चाहिए।

> आधार अवधि के लिए चरम मानों को नहीं चुना जाना चाहिए।

> आधार अवधि की तुलना तब की जाती है जब एक ही वस्तु की तुलना समय के साथ की जाती है।

> आधार अवधि वर्तमान अवधि से बहत ज्यादा दूर का समय नहीं होना चाहिए जैसे 1993 और 2005 के बीच तुलना 1960 और 2005 के बीच की तुलना से अधिक सार्थक होती है।

> किसी भी सूचकांक के आधार वर्ष को नियमित रूप से अद्यतन किया जाता है क्योंकि बहत अधिक दूरी के आधार वर्ष की टोकरी की बहुत सी मर्दै विलुप्त हो जाती हैं।

3. स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है? समझाइए।

उत्तर- सेंसेक्स, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज संवेदी सूचकांक का संक्षिप्त रूप है, जिसका आधार वर्ष 1978-79 है। सूचकांक का मान इस अवधि के संदर्भ में होता है। भारतीय स्टॉक मार्केट के लिए मुख्य निर्देश चिन्ह सूचकांक है। इसके अंतर्गत 30 स्टॉक हैं, जो अर्थव्यवस्था के 13 क्षेत्रकों का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा सूचीकृत कंपनियाँ अपने-अपने उद्योगों में अग्रणी हैं। यदि संर्वेदी सूचकांक ऊपर चढ़ता है तो यह संकेत देता है कि बाजार ठीक चल रहा है और निवेशक इन कंपनियों से बेहतर आमदनी की आशा करते हैं। यह अर्थव्यवस्था की मूल दशा के प्रति निवेशकों के बढ़ते विश्वास को भी दर्शाता है।

4. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) को समझाइए?

उत्तर- थोक मूल्य सूचकांक सामान्य कीमत स्तर में परिवर्तन का संकेत देता है। उपभोक्ता कीमत सूचकांक के विपरीत इसके लिए कोई संदर्भ उपभोक्ता श्रेणी नहीं होती है। इसके अंतर्गत ऐसे मद शामिल नहीं होते हैं, जो सेवा से संबंधित हो जैसे- नाई के प्रभार, मरम्मत आदि। थोक मूल्य सूचकांक में वस्तुओं के भार का निर्धारण आधार वर्ष के घरेलू उत्पादन के वस्तू मान तथा आयात के मान द्वारा होता है। यह साप्ताहिक आधार पर उपलब्ध होता है। वस्तुओं को सामान्यतः तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे (1) प्राथमिक वस्तुएं (ii) ईधन एवं शक्ति तथा (iii) विनिर्मित उत्पाद। थोक कीमत सूचकांक का प्रयोग सामान्य रूप से मुद्रास्फीति दर को मापने में किया जाता है।

5. अभारित सूचकांक तथा भारित सूचकांक में क्या अंतर है? बताइए।

उत्तर- अभारित सूचकांक- अभारित सूचकांक में मदों का सापेक्षिक महत्व उपयुक्त रूप से प्रतिबिंबित नहीं होता है। यहां सभी मदों को बराबर महत्व या भार वाला माना जाता है। लेकिन वास्तव में क्रय की गई मदों के महत्व के क्रम में भिन्नता होती है। हमारे व्यय में खाद्य पदार्थों का अनुपात काफी अधिक होता है। ऐसी स्थिति में अधिक भार वाली मद की कीमत में तथा कम भार वाले मद की कीमत में समान वृद्धि के द्वारा कीमत सूचकांक में होने वाले कुल परिवर्तन के आशय भिन्न-भिन्न होंगे।

भारित सूचकांक - भारित सूचकांक में मदों के सापेक्षिक महत्व को ध्यान में रखा जाता है। भारित समूहित सूचकांक की रचना में कुछ विशेष वस्तुओं को लिया जाता है तथा इनके मूल्य को प्रतिवर्ष परिकलित किया जाता है। इस प्रकार यह वस्तुओं के एक निश्चित समूह के मूल्य में होने वाले परिवर्तन को मापता है, क्योंकि वस्तुओं के निश्चित समूह के कुल मूल्य में परिवर्तन होता है, यह परिवर्तन कीमत में परिवर्तन के कारण होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. सूचकांक क्या है? सूचकांक के निर्माण में किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?

उत्तर- सूचकांक, संबंधित चरों के समूह में परिमाण में परिवर्तनों को मापने का एक सांख्यिकीय साधन है। सूचकांक दो भिन्न स्थितियों में संबंधित चरों के किसी समूह में औसत परिवर्तन को मापता है। सूचकांक उल्लेखित वस्तुओं की सूची में कीमतों, उद्योग के विभिन्न क्षेत्रकों में उत्पादन की मात्रा, विभिन्न कृषि फसलों का उत्पादन, निर्वाह खर्च आदि चरों के मूल्य में परिवर्तनों को भी मापता है।

सूचकांक की रचना या निर्माण करते समय कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए -

> सूचकांक के उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए जब किसी को मूल्य सूचकांक की आवश्यकता है तो परिमाण सूचकांक का परिकलन अनुपयुक्त होगा।

> किसी भी सूचकांक के लिए मदों का चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। उदाहरण स्वरूप उपभोक्ता कीमत सूचकांक की रचना कर रहे हैं तो उन्हीं वस्तुओं को शामिल करेंगे जो उपभोग आदतों का प्रतिनिधित्व करेंगे। पेट्रोल की कीमत में वृद्धि प्रत्यक्ष रूप से निर्धन कृषक की जीवन स्थिति को प्रभावित नहीं करेंगे।

> प्रत्येक सूचकांक का एक आधार होना चाहिए आधार वर्ष से हम दिए हुए वर्षों में परिवर्तनों की तुलना करते हैं। आधार वर्ष सामान्य वर्ष होना चाहिए अर्थात् उस वर्ष युद्ध, आकाल आदि नहीं आए हुए होने चाहिए। आधार अवधि तथा वर्तमान अवधि के बीच की दूरी अधिक नही होनी चाहिए।

> सूत्र का चुनाव प्रश्न की प्रकृति पर निर्भर करता है। लेस्पियर के सूचकांक तथा पाशे के सूचकांक के बीच प्रयुक्त भारों की भिन्नता है। क्रमशः आधार अवधि तथा वर्तमान अवधि के भारों का प्रयोग किया जाता है।

2. उपभोक्ता कीमत सूचकांक का वर्णन करें?

उत्तर- उपभोक्ता कीमत सूचकांक को निर्वाह सूचकांक के नाम से भी जानते हैं। यह खुदरा कीमतों में औसत परिवर्तन को मापता है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक को सामान्य मुद्रा स्फीति का उपयुक्त संकेतक माना जाता है, जो जनसाधारण के जीवन निर्वाह पर कीमत वृद्धि के सबसे उपयुक्त प्रभाव को दर्शाता है। इसे निम्नलिखित उदाहरण द्वारा समझ सकते हैं। जनवरी 2005 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) 277 (2001 = 100) है। इस कथन का अभिप्राय है कि यदि एक औद्योगिक श्रमिक वस्तुओं की विशेष टोकरी पर 2001 में ₹100 व्यय कर रहा था, तो उसे जनवरी 2005 में उसी प्रकार की वस्तुओं को खरीदने के लिए 277 रुपया की आवश्यकता है। यह आवश्यक नहीं कि वह टोकरी खरीदे, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि उसके पास इसे खरीद पाने की क्षमता है या नहीं।

भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) बनाए जाते हैं। ये हैं, औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI, शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए CPI तथा कृषि श्रमिकों के लिए CPII इनका नियमित रूप से हर महीने परिकलन होता है, ताकि इन तीनों उपभोक्ताओं की व्यापक श्रेणियों के जीवन निर्वाह पर, खुदरा कीमतों में आए परिवर्तनों के प्रभावों का विश्लेषण किया जा सके। औद्योगिक श्रमिकों तथा कृषि श्रमिकों के लिए CPI का प्रकाशन श्रमिक केंद्र शिमला दवारा किया जाता है। केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए CPI संख्याओं का प्रकाशन करता है। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि उनकी विशिष्ट उपभोक्ता टोकरी की वस्तुएं असमान होती हैं।

औद्योगिक श्रमिकों के लिए मुख्य वस्तु समूहों के लिए CPI में भार योजना में खादय पदार्थों को सबसे अधिक भार दिया गया है। खाद्य एक महत्वपूर्ण श्रेणी है। खाद्य मदों की कीमतों में किसी भी प्रकार की वृद्धि का CPI पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा।

3. लेस्पेयर कीमत सूचकांक और पाशे का मूल्य सूचकांक का वर्णन करें?

उत्तर- लेस्पेयर कीमत सूचकांक भारित समूहित कीमत सूचकांक, जब आधार अवधि की मात्रा को भार के रूप मैं प्रयोग करता है तो उसे लेस्पेयर कीमत सूचकांक कहते हैं। यह इस बात की व्याख्या करता है कि यदि एक औद्योगिक श्रमिक वस्तुओं की विशेष टोकरी पर 2001 में ₹100 व्यय कर रहा था तो उसे जनवरी 2014-15 में उसी प्रकार की वस्तुओं को खरीदने के लिए 277 रुपए की आवश्यकता है। यह आवश्यक नहीं कि वह टोकरी खरीदे, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि उसके पास इसे खरीद पाने की क्षमता है या नहीं।

लेस्पेयर कीमत सूचकांक का सूत्र है –

P01=ΣP1q0ΣP0q0×100

वस्तुएं

आधार अवधि

वर्तमान अवधि

कीमत

(P0)

मात्रा

(q0)

कीमत

(P1)

मात्रा

(q1)

A

2

10

4

5

B

5

12

6

10

C

4

20

5

15

D

2

15

3

10


P01=ΣP1q0ΣP0q0×100

=4×10+6×12+5×20+3×152×10+5×12+4×20+2×15×100

=40+72+100+7520+60+80+30×100

=257190×100

कीमत वृध्दि के कारण, आधार- अवधि परिमाणों का मूल्य 35.3 तक बढ़ गया है। आधार अवधि मात्रा को भार के रूप में प्रयोग करके यह कह सकते हैं कि कीमतों में 35.3 % की वृद्धि हुई है।

पाशे का मूल्य सूचकांक- जब भारित समूहित कीमत सूचकांक वर्तमान अवधि परिमाण को भार के रूप में प्रयोग करता है, तो यह पाशे का मूल्य सूचकांक कहलाता है। यह इस बात की व्याख्या करता है कि जब वह वर्तमान अवधि वस्तुओं की टोकरी को आधार अवधि में उपभोग किया जाता और यदि इस पर ₹100 व्यय किया जाता है तो वस्तुओं की इसी टोकरी पर वर्तमान अवधि में कितना व्यय होना चाहिए।

वस्तुएं

आधार अवधि

वर्तमान अवधि

कीमत

(P0)

मात्रा

(q0)

कीमत

(P1)

मात्रा

(q1)

A

2

10

4

5

B

5

12

6

10

C

4

20

5

15

D

2

15

3

10


P01=ΣP1q1ΣP0q1×100

=4×5+6×10+5×15+3×102×5+5×10+4×15+2×10×100

=20+60+75+3010+50+60+20×100

=185140×100

= 132.14

पाशे की कीमत सूचकांक के अंतर्गत 132.14 को 32.1 प्रतिशत कीमत में वृद्धि के रूप में व्यक्त किया जाता है। वर्तमान अवधि भार का प्रयोग करते हुए यह कहा जाएगा की कीमत 32.1 प्रतिशत बढ़ गई है। 

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

क्र०स०

अध्याय का नाम

अर्थशास्त्र में सांख्यिकी

1.

परिचय

2.

आँकड़ों का संग्रह

3.

आँकड़ों का संगठन

4.

आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण

5.

केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप

6.

सहसंबंध

7.

सूचकांक

8.

सांख्यिकीय विधियों के उपयोग

भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास

1.

स्वतंत्रता के पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था (1950-90)

3.

उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा

4.

भारत में मानव पूँजी का निर्माण

5.

ग्रामीण विकास

6.

रोजगार संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे

7.

पर्यावरण और धारणीय विकास

8.

भारत और उसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव

Jac Board Class 11 Economics (Arts) 2023 Answer key

Jac Board Class 11 Economics (Sci._Comm.) 2023 Answer key

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