प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
राजनीति विज्ञान (Political Science)
3. चुनाव और प्रतिनिधित्व
स्मरणीय तथ्य
☞ भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी।
☞ भारत निर्वाचन आयोग एक स्थाई संवैधानिक संस्था है।
☞ संविधान के भाग-15 अनुच्छेद 324 से 329 में निर्वाचन से संबंधित
नियम दिए गए हैं।
☞ निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त तथा दो अन्य चुनाव
आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
☞ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का पहली बार प्रयोग 1982
ई में केरल विधानसभा चुनाव में कुछ बूथो में हुआ था।
☞ 1999 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग करके पूरे राज्य
में चुनाव कराने वाला प्रथम राज्य गोवा हैं।
☞ 2009 से आम चुनाव एवं सभी विधानसभाओं के चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक
वोटिंग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है।
☞ 61 वे संविधान संशोधन 1989 के द्वारा मताधिकार की आयु 21
वर्ष से घटकर 18 वर्ष की गई है।
☞ 1993 से मतदाताओं के लिए तस्वीर सहित पहचान पत्र का होना
अनिवार्य किया गया है।
☞ 2019 मे 17वीं लोकसभा का का चुनाव संपन्न हुआ वहीं 18वीं
लोकसभा का निर्वाचन 2024 में निश्चित है।
☞ लोकसभा की कुल सदस्य संख्या 545 है।
☞ राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है
☞ राज्यसभा भारतीय संसद की उच्च सदन है जबकि लोकसभा निम्न सदन
है।
☞ भारतीय संसद की प्रथम सदन लोकसभा है जबकि राज्यसभा द्वितीय
सदन है।
☞ 126 वें संवैधानिक संशोधन 2019 के द्वारा एंग्लो इंडियन समुदाय
को संसद में दिया जाने वाला आरक्षण समाप्त कर दिया गया है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. निम्नलिखित में से कौन सा प्रत्यक्ष लोकतंत्र
के सबसे नजदीक बैठता है?
a. परिवार की बैठक में होने वाली चर्चा
b. किसी राजनीतिक दल द्वारा अपने उम्मीदवार का चयन
c. मीडिया द्वारा करवाए गए जनमत संग्रह
d. ग्राम सभा द्वारा लिए गए निर्णय
2. इनमें कौन सा कार्य चुनाव आयोग नहीं करता?
a.
मतदाता सूची और उम्मीदवारों का नामांकन
b.
मतदान केंद्रों की स्थापना
c.
आचार संहिता लागू करना
d. पंचायत के चुनावों का का पर्यवेक्षण
3. महिला प्रतिनिधित्व का समर्थन किसने किया?
a.
बेन्थम
b.
थॉमस हेयर
c. अरस्तु
d.
जे.एस.मिल
4. निम्न में से लोकसभा तथा राज्य की विधानसभाओं में किन्हें आरक्षण
प्राप्त नहीं है?
a.
अनुसूचित जातियां
b. महिलाएं
c.
अनुसूचित जनजातियों
d.
एंग्लो इंडियन
5. यदि राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह से संबंधित कोई विवाद हो जाता
हो तो उसका निपटारा कौन करेगा?
a
राष्ट्रपति
b.
सर्वोच्च न्यायालय
c.
संसद
d. भारत का चुनाव आयोग
6. ब्रिटिश शासन के किस अधिनियम में विधान परिषद में मुसलमानों को स्थानों
का आरक्षण प्रदान किया गया था?
a. 1909 का मार्ले मिंटो सुधार
b.
1932 का मैकडॉनल्ड निर्णय
c.
1919 का भारत सरकार अधिनियम
d.
1949 में बना भारतीय संविधान
7. भारत के चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त सहित कुल कितने सदस्य
होते हैं
a.
5
b.
7
c. 3
d.
9
8. निम्नलिखित में किसके चुनाव से भारत निर्वाचन आयोग का कोई सरोकार
नहीं है?
a.
राज्यसभा और लोकसभा सदस्य
b.
राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति
c.
राज्यों के विधान मंडल
d. नगर पालिका व ग्राम पंचायत
9. फर्स्ट पास्ट द पोस्ट या साधारण बहुसंख्या प्रतिनिधित्व प्रणाली
में कौन प्रत्याशी विजेता घोषित किया जाता
है
a
50% से अधिक मत हासिल करके प्रथम स्थान पर आता है
b. सर्वाधिक संख्या में मत अर्जित करता है
c.
देश में सर्वाधिक मत पाने वाले दल का प्रत्याशी
d.
चुनाव क्षेत्र के अन्य प्रत्याशियों से ज्यादा मत प्राप्त करने वाला
10. भारत में निर्वाचन आयोजित करने के लिए सर्वोच्च निकाय कौन है?
a.
जिला दंडाधिकारी
b.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी
c. निर्वाचन आयोग
d.
निर्वाचन अधिकारी
11. ब्रिटिश काल में 1932 के पूना समझौता के द्वारा किन्हें आरक्षण
की व्यवस्था की गई?
a.
ईसाइयों
b.
मुसलमानों
c.
अंग्रेजों
d. दलित जातियां
12. लोकसभा में एंग्लो इंडियन्स के लिए कितने स्थान आरक्षित किए गए
हैं?
a.
3
b.
4
c. 2
d.
5
13. विधानसभाओं में एंग्लो इंडियन के लिए कितने स्थान आरक्षित किए गए
हैं?
a.
2
b.
4
c. 1
d.
5
14. भारतीय संविधान के किस भाग में चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है?
a. 15
b.
16
c.
14
d.
19
15. भारत में किनके चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव प्रणाली
अपनाई जाती है?
a.
राज्यसभा के सदस्य
b.
विधान परिषद के सदस्य
c.
राज्यपाल
d. राष्ट्रपति
16. एक व्यक्ति राष्ट्रपति के लिए अधिकतम कितनी बार निर्वाचित हो सकता
है?
a.
एक बार
b.
दो बार
c.
तीन बार
d. कोई सीमा नहीं
17. एक व्यक्ति एक वोट का सिद्धांत किससे संबंधित है?
a.
सामाजिक समानता
b. राजनीतिक समानता
c.
आर्थिक समानता
d.
कानूनी समानता
18. भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को हटाने की शक्ति किसे प्राप्त
है?
a. संसद
b.
राष्ट्रपति
c.
प्रधानमंत्री
d.
मंत्री परिषद
19. मत देने का अधिकार किस प्रकार का अधिकार है?
a.
नागरिक अधिकार
b.
नैतिक अधिकार
c. राजनीतिक अधिकार
d.
सामाजिक अधिकार
20. राज्य के चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?
a.
राष्ट्रपति
b.
प्रधानमंत्री
c. राज्यपाल
d.
भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त
21. किस संवैधानिक संशोधन के द्वारा भारत में मताधिकार की आयु 21 वर्ष
से घटकर 18 वर्ष कर दी गई है?
a. 61वें
b.
42वें
c.
62वें
d.
93वें
22. भारतीय संविधान का प्रहरी या संरक्षक किसे माना जाता है?
a.
राष्ट्रपति
b. सर्वोच्च न्यायालय
c.
प्रधानमंत्री
d.
संसद
23. अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व किस आधार पर दिया जाता है?
a.
धर्म
b.
संस्कृति
c.
भाषा
d. इनमें से सभी
24. लोकसभा के सांसद बनने की न्यूनतम आयु क्या है?
a. 25 वर्ष
b.
35 वर्ष
c.
18 वर्ष
d.
40 वर्ष
25. विधानसभा के सदस्य बनने की न्यूनतम आयु क्या है?
a.
18 वर्ष
b.
21 वर्ष
c. 25 वर्ष
d.
30 वर्ष
26. राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य बनने की न्यूनतम आयु क्या है?
a. 30 वर्ष
b.
35 वर्ष
c.
21 वर्ष
d.
25 वर्ष
27. राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम आयु
क्या होती है?
a. 35 वर्ष
b.
40 वर्ष
c.
25 वर्ष
d.
18 वर्ष
28. राष्ट्रगान राष्ट्रध्वज या संविधान का निरादर करने पर कोई व्यक्ति
कितने वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकता है?
a. 6 वर्ष
b.
7 वर्ष
c.
5 वर्ष
d.
8 वर्ष
29. 'मतों को गिना नहीं बल्कि तोला जाए' यह फार्मूला किस प्रतिनिधित्व
प्रणाली पर लागू होता है?
a.
व्यावसायिक प्रतिनिधित्व
b.
प्रादेशिक प्रतिनिधित्व
c.
महिला प्रतिनिधित्व
d. आनुपातिक प्रतिनिधित्व
30. अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के अंतर्गत मतदाता किसका चुनाव करते हैं?
a.
अपने द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि को वापस बुलाना
b.
किसी प्रतिनिधि को दूसरी बार नहीं चुनना
c. उन निर्वाचकों को चुनते हैं जिनके मतों से उम्मीदवारों को चुना जाता
है
d.
अपने प्रतिनिधि को स्वयं चुनते हैं
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. वयस्क मताधिकार क्या है?
उत्तर- जहां प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को जाति, धर्म, भाषा,
लिंग आदि के आधार पर भेदभाव किए बिना समान रूप से मत का अधिकार प्राप्त हो।
2. फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (सर्वाधिक मत से जीत
वाली) व्यवस्था क्या है?
उत्तर- चुनाव में जो प्रत्याशी अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले
सबसे आगे निकल जाता है, वही विजेता होता है।
3. पृथक निर्वाचन क्या है?
उत्तर- किसी समुदाय विशेष के प्रतिनिधि के चुनाव में केवल
उसी समुदाय के लोगों का मत दिए जाने का अधिकार पृथक निर्वाचन कहलाता है।
4. संविधान में किस संशोधन के द्वारा मताधिकार
की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया?
उत्तर- 61वें संविधान संशोधन के द्वारा मताधिकार की आयु
21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया है।
5. विशेष बहुमत का क्या अर्थ है?
उत्तर- कुल सदस्यों का दो तिहाई मत विशेष बहुमत कहलाता हैं।
6. साधारण
बहुमत का क्या अर्थ है?
उत्तर- कुल सदस्यों के 50%+1 की संख्या का मत साधारण बहुमत
कहलाता है।
7. मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कौन
करता है
उत्तर- मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति करते
हैं
8. 1989 तक भारत में वयस्क मताधिकार की आयु
क्या थी?
उत्तर- 1989 तक भारत में वयस्क मताधिकार की आयु 21 वर्ष थी
जिसे कम करके 18 वर्ष किया गया है।
9. लोकसभा की निर्वाचित सीटों में अनुसूचित
जाति को कितनी सीटें आरक्षित है?
उत्तर- लोकसभा की निर्वाचित सीटों में अनुसूचित जाति को
84 सीटें आरक्षित है।
10. लोकसभा की निर्वाचित सीटों में अनुसूचित
जनजाति को कितनी सीटें आरक्षित है ?
उत्तर- लोकसभा की निर्वाचित सीटों में अनुसूचित जनजाति को
47 सीटें आरक्षित है
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. समानुपातिक प्रतिनिधित्व व्यवस्था क्या
है?
उत्तर- समानुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव की वह व्यवस्था है जिसमें
पूरा देश एक निर्वाचन क्षेत्र के रूप में गिना जा सकता है। मतदाता पार्टी को वोट देता
है तथा विजयी उम्मीदवार को वोटो का बहुमत हासिल होता है। इस व्यवस्था में किसी पार्टी
को उतनी ही प्रतिशत सीटें मिलती हैं जितने प्रतिशत उसे वोट मिलते हैं। समानुपातिक प्रतिनिधित्व
व्यवस्था के दो प्रकार होते हैं। पहले प्रकार में पूरे देश को एक निर्वाचन क्षेत्र
माना जाता है और प्रत्येक पार्टी को राष्ट्रीय चुनाव में प्राप्त वोटो का अनुपात में
सीटें दे दी जाती है। यह व्यवस्था इजरायल और नीदरलैंड में है। वहीं दूसरे प्रकार में
पूरे देश को बहु- सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा जाता है। प्रत्येक पार्टी प्रत्येक
निर्वाचन क्षेत्र के लिए उतने ही प्रत्याशियों की सूची जारी करती है जितने प्रत्याशियों
को उस निर्वाचन क्षेत्र से चुना जाना होता है। यह व्यवस्था अर्जेंटीना और पुर्तगाल
में है। इन दोनों प्रकारों में मतदाता राजनीतिक दलों को वोट देते हैं ना कि
उनके प्रत्याशियों को।
2. भारत में 'सर्वाधिक वोट से जीत 'प्रणाली
क्यों स्वीकार की गई?
उत्तर- भारत जैसे विशाल देश में सर्वाधिक वोट से जीत की प्रणाली
को स्वीकार करने के कई कारण है जैसे यहां की सामान्य मतदाता जिन्हें राजनीति और चुनाव
का विशेष ज्ञान नहीं है, इस व्यवस्था को सरलता से समझ सकती है साथ ही चुनाव के समय
मतदाताओं के पास स्पष्ट विकल्प होते हैं। जिसमें वह किसी प्रत्याशी या दल को ध्यान
में रखकर वोट करता है। यह प्रणाली मतदाताओं को केवल दलों में नहीं बल्कि उम्मीदवारों
में भी चयन का स्पष्ट विकल्प देता है। इस प्रणाली में मतदाताओं को यह पता होता है कि
उनका प्रतिनिधि कौन है और उसे उत्तरदायी ठहरा सकते हैं। इस व्यवस्था में भारत जैसे
विविधता वाले देश में विभिन्न सामाजिक वर्गों को एकजुट होकर चुनाव जीतने में मदद करती
है। यह व्यवस्था हमारी एकता के लिए भी आवश्यक है।
3. सर्वाधिक वोट पाने वाली की जीत और समानुपातिक
प्रतिनिधित्व चुनाव व्यवस्था में अंतर बताएं।
उत्तर- सर्वाधिक वोट पाने वाली की जीत (फर्स्ट पास्ट-द- पोस्ट-
सिस्टम) और समानुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव व्यवस्था में निम्नलिखित अंतर है-
सर्वाधिक वोट पाने वाले की जीत-
1. पूरे देश को छोटी-छोटी भौगोलिक इकाइयों में बांट देते
हैं जिससे निर्वाचन क्षेत्र या जिला कहते हैं।
2. हर निर्वाचन क्षेत्र से केवल एक प्रतिनिधि चुना
जाता है।
3. मतदाता प्रत्याशी को वोट देता है।
4. पार्टी को प्राप्त वोटो के अनुपात से अधिक या कम सीटें
विधायिका में मिल सकती है।
5. विजयी उम्मीदवार को जरूरी नहीं की वोटो का बहुमत
(50%+1) मिले।
6.
इस व्यवस्था के उदाहरण है यूनाइटेड किंगडम और भारत।
समानुपातिक
प्रतिनिधित्व-
1.
किसी बड़े भौगोलिक क्षेत्र को एक निर्वाचन क्षेत्र मान लिया जाता है पूरा का पूरा देश
एक निर्वाचन क्षेत्र गिना जा सकता है।
2.
एक निर्वाचन क्षेत्र से कई प्रतिनिधि चुने जा सकते हैं, मतदाता पार्टी को वोट देता
है।
3.
हर पार्टी को प्राप्त मत के अनुपात में विधायिका में सीट हासिल होती है।
4.
विजयी उम्मीदवार को वोटो का बहुमत हासिल होता है।
5.
इस व्यवस्था के उदाहरण है इज़राइल और नीदरलैंड
4. आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र क्या है? समझाइए।
उत्तर-
किसी निर्वाचन क्षेत्र में सभी मतदाता वोट तो डाल सकते हैं लेकिन प्रत्याशी केवल उस
समुदाय या सामाजिक वर्ग का होगा जिसके लिए वह सीट आरक्षित (रिजर्व) है। अनेक ऐसे जाति
समूह जो पूरे देश में फैले हुए होते हैं लेकिन किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होते।
उन्हें समुचित प्रतिनिधित्व देने के लिए सीटों को आरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान
में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण
की व्यवस्था की गई है यह व्यवस्था 10 वर्ष के लिए की गई थी पर अनेक संवैधानिक संशोधनों
के द्वारा इसे बढ़ाकर 2030 तक कर दिया गया है। आरक्षण की अवधि खत्म होने पर संसद इसे
और आगे बढ़ने का निर्णय ले सकती है।
5. भारत के चुनाव व्यवस्था में कुछ सुधार बताइएं।
उत्तर-
भारत के चुनाव व्यवस्था में निम्नलिखित सुधार होने चाहिए
1.
चुनाव निष्पक्ष रूप से कराया जाना चाहिए, सत्ता में बैठी सरकार को इसमें अनावश्यक हस्तक्षेप
नहीं करना चाहिए।
2.
चनाव में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उचित कानून बनाए जाने चाहिए।
3.
जाति व धर्म आदि के आधार पर वोट मांगने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया जाना
चाहिए।
4.
चुनाव में होने वाले खर्च सरकार को करना चाहिए जिससे कि आम व्यक्ति की भी इसमें भागीदारी
सुनिश्चित हो सके।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. समानुपातिक चुनाव प्रणाली क्या है? भारत में राज्यसभा के चुनाव में
समानुपातिक प्रतिनिधित्व की कैसी प्रणाली है?
बताइए।
उत्तर-
समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली में किसी पार्टी को उतनी ही प्रतिशत सीटें मिलती है
जितनी प्रतिशत उसे वोट मिलते हैं। समानुपातिक प्रतिनिधित्व के दो प्रकार होते हैं। पहले प्रकार के उदाहरण इज़राइल और नीदरलैंड है
जिसमें पूरे देश को एक निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है और प्रत्येक पार्टी को राष्ट्रीय
चुनाव में प्राप्त वोटो के अनुपात में सीटें दी जाती है।
दूसरे प्रकार के उदाहरण अर्जेंटीना और पुर्तगाल में देखने
को मिलता है जहां पूरे देश को बहु-सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र में बांट दिया जाता है।
प्रत्येक पार्टी प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी
करती है जिसमें उतने ही नाम होते हैं जितने प्रत्याशियों को उसे निर्वाचन क्षेत्र से
चुना जाना होता है।
उपरोक्त दोनों प्रकारों में मतदाता राजनीतिक दलों को वोट
देते हैं ना कि उनके प्रत्याशियों को एक पार्टी को किसी निर्वाचन क्षेत्र में जितने
मत प्राप्त होते हैं। इस आधार पर उसे उसे निर्वाचन क्षेत्र में सीटें दे दी जाती है।
अतः किसी निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि वास्तव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि होते
हैं।
भारत में केवल अप्रत्यक्ष चुनावों के लिए सीमित रूप में समानुपातिक
प्रतिनिधित्व प्रणाली को अपनाया गया है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यसभा
और विधान परिषदों के चुनाव होते हैं। भारत में समानुपातिक प्रतिनिधित्व का एक तीसरा
स्वरूप राज्यसभा के चुनाव में देखने को मिलता है, इसे एकल संक्रमणीय मत प्रणाली कहते
हैं। प्रत्येक राज्य को राज्यसभा में सीटों का निश्चित कोटा प्राप्त हैं। राज्यों की
विधानसभा के सदस्यों द्वारा इन सीटों के लिए चुनाव किया जाता है। इसमें राज्य के विधायक
ही मतदाता होते हैं। मतदाता चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशियों को अपनी पसंद के अनुसार
एक वरीयता क्रम 1,2,3,4 में मत देता है। जीतने के लिए किसी प्रत्याशी को मतों का एक
निर्धारित कोटा प्राप्त करना पड़ता है जो निम्नलिखित फार्मूले के आधार पर निकाला जाता
है-
कुल मतदान (कुल विजयी उम्मीदवार + +1 = निर्धारित कोटा।
1) = भागफल
उदाहरण के लिए यदि झारखंड के 81 विधायकों को राज्यसभा के
लिए दो सदस्य चुनना है तो विजयी उम्मीदवार को फार्मूले के अनुसार 81+
(2+1)=27+1=28 सीटों की जरूरत होगी।
जब मतगणना होती है तब उम्मीदवारों को प्राप्त 'प्रथम वरीयता'
वोट गिना जाता है। प्रथम वरीयता वोटो की गणना के बाद यदि प्रत्याशियों की वांछित संख्या
वोटों का कोटा नहीं प्राप्त कर पाती है तो पुनः मतगणना की जाती है। ऐसे प्रत्याशी को
मतगणना से निकाल दिया जाता है जिसे प्रथम वरीयता में सबसे कम वोट मिले हो उसके वोटो
को अन्य प्रत्याशियों में बांट दिया जाता है। ऐसा करने में प्रत्येक मत पत्र पर अंकित
दवितीय वरीयता वाले प्रत्याशी को वह मत हस्तांतरित कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को
तब तक जारी रखा जाता है जब तक वांछित संख्या के बराबर प्रत्याशियों को विजयी घोषित
नहीं कर दिया जाता।
2. भारत में चुनाव आयोग के गठन एवं उसके कार्यों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर- भारत के संविधान के भाग-15 में अनुच्छेद 324-329 में
निर्वाचन आयोग से संबंधित प्रावधान है। यह एक स्वतंत्र निकाय है। इसके एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
यह संस्था 1989 तक एक सदस्यीय थी, बाद में दो अन्य आयुक्तों की नियुक्ति की गई है।
इनका कार्यकाल 6 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु तक (जो पहले पूर्ण हो)। निर्वाचन आयुक्त
की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा मंत्रिपरिषद के परामर्श पर की जाती है। मुख्य निर्वाचन
आयुक्त आयोग की अध्यक्षता करता है लेकिन अन्य दोनों निर्वाचन आयुक्त की तुलना में उसे
ज्यादा शक्ति प्राप्त नहीं है। चुनाव संबंधी सभी निर्णय में मुख्य निर्वाचन आयुक्त
और अन्य दोनों आयुक्तों की शक्तियां एक समान है।
भारत के निर्वाचन आयोग की सहायता करने के लिए राज्य निर्वाचन
आयुक्त नियुक्त किए जाते हैं जिनकी जिम्मेदारी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कराने
की होती है।
भारत निर्वाचन आयोग के निम्नलिखित कार्य हैं-
A. मतदाताओं की सूचियां तैयार करना तथा समय- समय पर उसमें
संशोधन करना।
B. वह चुनाव का समय और चुनावों का पूरा कार्यक्रम तय करता
है जैसे चुनाव की अधिघोषणा, नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की तिथि मतदान की तिथि, मतगणना
की तिथि और चुनाव परिणाम की घोषणा।
C. निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के
लिए निर्णय लेने का अधिकार है वह पूरे देश किसी राज्य या किसी निर्वाचन क्षेत्र में
चुनाव को इस आधार पर स्थापित या रद्द कर सकता है कि वहां उचित माहौल नहीं है तथा स्वतंत्र
और निष्पक्ष चुनाव करना संभव नहीं है।
D. निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों और उनके
उम्मीदवारों के लिए एक आदर्श आचार
संहिता लागू करता है।
E. वह किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में दोबारा चुनाव कराने की
आज्ञा दे सकता है।
F. यदि मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से उचित और न्यायपूर्ण
नहीं लगती है तो वह दोबारा मतगणना कराने की भी आजा दे सकता है।
G. निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता
देता है और उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित
करता है।
3. आनुपातिक
प्रतिनिधित्व व्यवस्था के गुणों एवं दोषों का विवेचन कीजिए।
उत्तर- आनुपातिक प्रतिनिधित्व व्यवस्था अर्थात सर्वाधिक वोट
से जीत की प्रणाली इस सिद्धांत पर आधारित होता है की 'मतों को तौलना चाहिए गिनना नहीं
चाहिए'।
इस व्यवस्था के गुण निम्नलिखित है-
A. विशाल देश के बहुसदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक सरल
विधि है।
B. जिस देश की मतदाता जिन्हें चुनाव और राजनीति का ज्ञान
कम है, वहां के मतदाता इस विधि को आसानी से समझ सकते हैं।
C. इस व्यवस्था में चुनाव के समय मतदाताओं के पास स्पष्ट
विकल्प होते हैं।
D.
मतदाताओं को किसी प्रत्याशी या दल को केवल स्वीकृति प्रदान करना होता है।
E.
इस व्यवस्था में मतदाता किसी प्रत्याशी को या किसी दल को भी प्राथमिकता दे सकता है।
F.
इस व्यवस्था में मतदाता को पता होता है कि उनका प्रतिनिधि कौन है और उसे उत्तरदाई ठहरा
सकते हैं।
G.
यह व्यवस्था स्थाई सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करती है।
H.
इस व्यवस्था में विभिन्न सामाजिक वर्गों को एकजुट होकर चुनाव जीतने में मदद मिलती है।
दोष-
A.
इस व्यवस्था में किसी दल को प्राप्त मतों के अनुपात से अधिक सीटें मिल जाती है।
B.
इस व्यवस्था में द्धि-दलीय व्यवस्था उभरती है अर्थात सत्ता के लिए दो प्रमुख प्रतियोगी
होते हैं और बारी-बारी से सत्ता प्राप्त करते हैं।
C.
नए दलों को सत्ता प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
D. अनशासित दलों के विकास को रोक कर छोटे-छोटे गुटों और अस्थाई गठबंधन को प्रोत्साहन मिलता है।
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
भारत का संविधान : सिद्धांत और व्यवहार | |
1 | |
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3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
राजनीतिक सिद्धांत | |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |