प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Core
2. आनंद यादव- जूझ
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1 जूझ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें किं
क्या यह शीर्षक कथनायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है?
उत्तर-
शीर्षक किसी भी रचना की मूल भाव को प्रकट करता है। इस पाठ का शीर्षक जूझ संपूर्ण अध्याय
में फैला हुआ है। 'जूझ का अर्थ है - जूझना अथवा संघर्ष करना। इसमें कथानायक आनंद ने
विद्यालय जाने के लिए अतिशय संघर्ष किया है। इस कहानी के कथानायक आनंद में संघर्ष का
भाव भरा है। उसके पिता उसे विद्यालय जाने से मना कर देते है। इसके बाद भी कथानायक मां
को अपने पक्ष में लेकर दत्ता जी राव देसाई सरकार की सहायता लेता है। वह देसाई सरकार
व अपने पिता के सामने अपना पक्ष रखता है तथा अपने ऊपर लगे आरोपों का उत्तर देता है।
आगे बढ़ने के लिए वह हर कठिन शर्त मानता है। विद्यालय में भी वह नए माहौल में ढलने
कविता रचने आदि के लिए संघर्ष करता है। अतः यह शीर्षक सर्वथा उचित है तथा कथानायक की
केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है।
प्रश्न-2. स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास लेखक के मन में कैसे
पैदा हुआ ?
उत्तर-
मराठी अध्यापक सौंदलगेकर के कविता पढ़ाने का ढंग अत्यंत रोचक एवं विलक्षण था। कविता
का वाचन वे भाव, लय, ताल, गति के साथ करते थे। लेखक एकाग्र होकर मास्टर साहब के हाव-
भाव, ध्वनि, गति और रसों का रसास्वादन किया करते थे। लेखक में इन्हीं अध्यापक के प्रोत्साहन
एवं उत्साहवर्धन के कारण स्वयं कविता रच सकने का आत्मविश्वास पैदा हुआ।
प्रश्न- 3. श्री सौंदलगेकर के अध्यापन की उन विशेषताओं को रेखांकित
करें जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक के मन में रुचि जगाई।
उत्तर-
सौंदलगेकर के अध्यापन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं, जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक
के मन में रुचि जगाई -
(क)
सौंदलगेकर मराठी पढ़ाते थे, अध्यापन के समय वे स्वयं पाठ में रम जाते थे।
(ख)
वे कविता बहुत ही अच्छे ढंग से पढ़ाते थे। सुरीला गला, छंद की गति, चाल और रसिकता उनमें
थीं।
(ग)
उन्हें मराठी कविताओं के साथ-साथ अनेक अंग्रेजी कविताएं कंठस्थ थीं। उनकी कविताओं में
छंदों की लय, गति, ताल अच्छी तरह दिखाई देती थी।
(घ)
वे कविता पढ़ाते समय उसे गाकर सुनाने के साथ-साथ अभिनय कर भाव ग्रहण कराते थे।
(ङ)
वे पढ़ाते समय अन्य दूसरे कवियों के संस्मरण सुनाते थे।
प्रश्न- 4. कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन की प्रति
लेखक की धारणाओं में क्या बदलाव आया ?
उत्तर-
कविता के प्रति लगाव से पहले लेखक को खेतों में सिंचाई करते हुए, ढोर चराते हुए तथा
दूसरे काम करते हुए अकेलापन बहुत खटकता था। उसे ऐसा लगता था कि कोई-न-कोई साथ होना
चाहिए। उसे किसी के साथ बोलते हुए, गपशप करते हुए, हंसी मजाक करते हुए काम करना अच्छा
लगता था। कविता के प्रति लगाव के बाद उसे अकेलेपन से ऊब नहीं होती। अब वह स्वयं से
ही खेलना सीख गया। पहले की अपेक्षा अब उसे अकेला रहना अच्छा लगने लगा। इस स्थिति में
वह ऊंची आवाज में कविता गा सकता था। अभिनय भी कर सकता था। इस तरह अब उसे अकेलापन आनंद
देने लगा।
प्रश्न-5. आपके ख्याल से पढ़ाई-लिखाई के संबंध में लेखक और दत्ता जी
राव का रवैया सही था या लेखक के पिता का ? तर्क सहित उत्तर दें।
उत्तर-
मेरे ख्याल से पढ़ाई-लिखाई के संबंध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया बिल्कुल सही
था, क्योंकि लेखक को पढ़ने की इच्छा थी जिसे दत्ता जी राव ने सही पहचाना। उसकी प्रतिभा
के बारे में दत्ता जी राव ने पूरी तरह जान लिया था। वैसे भी लेखक को पढ़ाने के पीछे
दत्ता जी राव का कोई स्वार्थ नहीं था जबकि लेखक के पिता का पढ़ाई-लिखाई के बारे में
रवैया बिल्कुल गलत था। वास्तव में लेखक के पिता अपने स्वार्थ के लिए अपने बेटे को नहीं
पढ़ाना चाहता था। लेखक के पिता को पता था कि यदि उसका बेटा स्कूल जाने लगा तो उसे घूमने
फिरने के लिए समय नहीं मिलेगा, न ही वह रखमाबाई के पास जा सकेगा।
प्रश्न-6. दत्ता जी राव से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी
मां को एक झूठ का सहारा लेना पड़ा यदि झूठ का सहारा न लेना पड़ता तो आगे का घटनाक्रम
क्या होता ? अनुमान लगाएं।
उत्तर-
दत्ता जी राव से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी मां को एक झूठ का सहारा लेना
पड़ा। यदि दोनों ने झूठ का सहारा नहीं लिया होता तो दत्ता जी राव उसके पिता पर दबाव
नहीं दे पाते। लेखक पिता द्वारा दिए गए काम ही करता रहता। उसकी पढ़ाई लिखाई नहीं हो
पाती। वह सारा जीवन खेती में ही लगा रहता। इस झूठ के बिना हमें यह प्रेरणादायक कहानी
भी नहीं मिल पाती। इस तरह कभी-कभी एक झूठ भी मनुष्य व समाज के विकास करने में सक्षम
साबित होता है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-1. आनंद यादव का मूल नाम क्या है?
उत्तर-
आनंद यादव का मूल नाम आनंद रत्नाप्पा ज़काते है।
प्रश्न-2 जूझ शीर्षक उपन्यास पर कौन-सा पुरस्कार प्राप्त हुआ ?
उत्तर-
जूझ उपन्यास पर आनंद यादव को सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
प्रश्न 3. जूझ किस प्रकार का उपन्यास है ?
उत्तर-
जूझ मराठी के प्रख्यात कथाकार डॉ आनंद यादव का आत्मकथात्मक उपन्यास है।
प्रश्न- 4. जूझ का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
जुझ का अर्थ जूझना या संघर्ष करना होता है।
प्रश्न-5 जूझ मूल रूप से किस उपन्यास से ली गई है ?
उत्तर-
'जूझ मूल रूप से मराठी उपन्यास झोबी से ली गई है। इस उपन्यास के लेखक आनंद यादव हैं।
प्रश्न- 6. आनंद यादव द्वारा लिखी गई मराठी उपन्यास "झोबी"
का हिंदी अनुवाद किसने किया है?
उत्तर-
आनंद यादव द्वारा लिखी गई मराठी उपन्यास झोबी' का हिंदी अनुवाद केशव प्रथम वीर ने किया
है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न-1 जूझ कहानी हमें क्या संदेश देता है?
उत्तर-
जूझ कहानी से हमें यह संदेश मिलता है कि व्यक्ति को संघर्ष से नहीं घबराना चाहिए। समस्याएं
तो जीवन में आती ही रहती है। हमें इन समस्याओं से भागना नहीं चाहिए, बल्कि उनका मुकाबला
करना चाहिए।
प्रश्न-2 जूझ कहानी का मूल भाव क्या है ?
उत्तर-
जूझ का अर्थ है- 'जूझना एवं संघर्ष करना। इसमें कथानायक आनंदा ने विद्यालय जाने के
लिए अतिशय संघर्ष किया है। यह शीर्षक एक किशोर के देखे एवं भोगे हुए गंवाई जीवन के
खुरदरे यथार्थ व परिवेश को विश्वसनीय ढंग से प्रकट करता है।
प्रश्न 3. वसंत पाटिल कौन था ? लेखक ने उससे दोस्ती क्यों और कैसे की
?
उत्तर-
वसंत पाटिल दुबला पतला परंतु होशियार लड़का था। वह स्वभाव से शांत था तथा हर समय पढ़ने
में लगा रहता था। वह घर से ही पूरी तैयारी करके विद्यालय आता था। अध्यापक से पूछे गए
सारे सवालों का ठीक-ठीक उत्तर देता था। वह दूसरों के सवालों की जांच करता था। उसे कक्षा
का मॉनिटर बना दिया गया था। लेखक भी उसकी देखा-देखी मेहनत करने लगा। उसने किताबों पर
अखबारी कागज का कवर चढ़ाया तथा हर समय पढ़ने लगा। उसके सवाल भी ठीक निकलने लगे। वह
भी वसंत पाटिल की तरह लड़कों के सवाल जांचने लगा। इस तरह दोनों दोस्त बन गए।
प्रश्न 4. बालक आनंद यादव के पिता ने किन शर्तों पर उसे विद्यालय जाने
दिया ?
उत्तर - बालक आनंद यादव के पिता ने निम्नलिखित शर्तों पर उसे विद्यालय जाने दिया.
(क)
पाठशाला जाने से पहले 11:00 बजे तक खेत में काम करना होगा तथा पानी लगाना होगा।
(ख)
सवेरे खेत पर जाते समय ही बस्ता लेकर जाना होगा।
(ग)
छुट्टी होने के बाद घर में बस्ता रखकर सीधे खेत पर आकर घंटा भर ढोर चराना होगा।
(घ)
अगर किसी दिन खेत में ज्यादा काम होगा तो उसे उस दिन पाठशाला नहीं जाना होगा।
प्रश्न-5. जूझ कहानी में आपको किस पात्र ने सबसे अधिक प्रभावित किया
और क्यों ? उसकी चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
जूझ कहानी में मुझे सबसे अधिक प्रभावित दत्ता जी राव देसाई ने किया। उनकी चारित्रिक
विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
(क)
व्यक्तित्व दत्ता जी राव गांव के सम्मानित जमींदार हैं। वे - उदार, नेकदिल व रोबीले
हैं वे बच्चे व महिलाओं के साथ सद् व्यवहार करते हैं।
(ख)
समझदार राव साहब बेहद समझदार हैं। वे हर बात को - ध्यान से सुनते हैं तथा फिर उसका
समाधान करते हैं।
(ग)
व्यावहारिक दत्ता जी राव व्यावहारिक है। वे नियम दाम. दंड, भेद की नीति जानते हैं।
लेखक की पढ़ाई के बारे में खोजना के तहत उसके पिता को बुलाकर आम बातें करते हैं। लेखक
के बीच में आ जाने पर वे उसकी पढ़ाई के बारे में पूछते हैं। फिर सारी कहानी सुनकर उसके
पिता को डांटते भी हैं तथा समझाते भी जाते हैं। इस तरह वे लेखक की पढ़ाई के लिए उसे
तैयार करते हैं।
(घ)
तर्कशील राव साहब बेहद तर्कशील हैं। उसके तर्कों के सामने लेखक का पिता निस्तर हो जाता
है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
1. जूझ पाठ के लेखक कौन है ?
क.
आनंद गुप्ता
ख. आनंद रतन यादव
ग.
आनंद सिंह
घ.
आनंद श्रीवास्तव
2. जूझ नामक पाठ किस भाषा का हिंदी अनुवाद है ?
क.
खड़ी बोली हिंदी
ख.
अवधी
ग. मराठी
घ.
संस्कृत
3. कहानी के शीर्षक जूझ का क्या अर्थ है ?
क. संघर्ष
ख.
मेहनत
ग.
कठिनाई
घ.
चतुराई
4. लेखक के पिता का नाम क्या था ?
क.
रामप्पा
ख.
मोहनाप्पा
ग.
कुंभीप्पा
घ. रत्नाप्पा
5. शर्त के अनुसार पाठशाला जाने से पहले लेखक को सवेरे कितने बजे तक
खेत में काम करना होता था ?
क.
9:00 बजे तक
ख.
10:00 बजे तक
ग. 11:00 बजे तक
घ.
12:00 बजे तक
6. स्कूल से छुट्टी के बाद लेखक को कितने घंटे ढोर चराने होते थे?
क. एक घंटा
ख.
दो घंटे
ग.
तीन घंटे
घ.
चार घंटे
7. लेखक के कक्षा अध्यापक का नाम क्या था ?
क.
सौंदलगेकर
ख. मंत्री
ग.
रननवरे
घ.
चाह्वाण
8. लेखक को गणित पढ़ाने वाले मास्टर का क्या नाम था ?
क.
रननवरे
ख.
सौंदलगेकर
ग. मंत्री
घ.
वसंत पाटिल
9. जूझ कहानी किस मराठी उपन्यास से ली गई है ?
क. झोबी
ख.
गोदान
ग.
कादंबरी
घ.
जमुना पर्यटन
10. कक्षा का मॉनिटर कौन था ?
क.
आनंदा
ख. वसंत पाटिल
ग.
चाह्वाण
घ.
दत्ता राव
11. लेखक को मराठी कौन पढ़ाते थे?
क.
रननवरे
ख.
दादा
ग. सौंदलगेकर
घ.
मंत्री
12. जूझ उपन्यास का हिंदी अनुवाद किसने किया है?
क.
प्रेमचंद
ख. केशव प्रथम वीर
ग.
केशवदास
घ.
धर्मवीर भारती
13. जूझ उपन्यास को कौन-सा पुरस्कार मिला ?
क.
नोबेल
ख.
साहित्य भारती
ग. साहित्य अकादमी
घ.
व्यास सम्मान
14. जूझ कहानी से लेखक की किस प्रवृत्ति का उद्घाटन हुआ है ?
क.
पढ़ाई करने की प्रवृत्ति का
ख.
कविता करने की प्रवृत्ति का
ग.
लेखन प्रवृत्ति का
घ. संघर्षमयी प्रवृत्ति का
15. जूझ पाठ के अनुसार लेखक के घर कोल्हू चलना कब से शुरू होता था
?
क. दीवाली के बाद
ख.
दशहरा के बाद
ग.
पूस के बाद
घ. गर्मी के बाद
JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग -2 | |
काव्य - खंड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप |
9. | |
10. | |
11. | |
गद्य - खंड | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
17. | |
18. | बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज |
वितान भाग- 2 | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
Solved Paper 2023 |