12th Hindi Core आरोह भाग -II 3. कुँवर नारायण- कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

12th Hindi Core आरोह भाग -II 3. कुँवर नारायण- कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

12th Hindi Core आरोह भाग -II 3. कुँवर नारायण- कविता के बहाने,बात सीधी थी पर


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Core

3. कुँवर नारायण- कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

पाठ्य पुस्तक के प्रश्न - अभ्यास

प्रश्न 1. इस कविता के बहाने बताएं कि 'सब घर एक कर देने के माने' क्या है ?

उत्तर- सब घर एक कर देने के माने से अर्थ यह है कि बच्चे किसी छल प्रपंच और भेदभाव के बिना खेल को खेलते हैं। खेलते वक्त उनका कोई गंभीर उद्देश्य नहीं होता वह केवल मनोरंजन के लिए खेल को खेलते है। उनके लिए सब बराबर हैं। उसी प्रकार कविता में कवि के द्वारा प्रयुक्त शब्दों का प्रयोग केवल मंगलमय उद्देश्य से किया जाता है

प्रश्न 2. 'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से क्या संबंध बनता है?

उत्तर- कविता में उड़ने शब्द का अभिप्राय कल्पना की उड़ान से है। कवि कविता में कल्पनाओं के रंग भर कर कहीं भी घूम कर आ सकता है। चिड़ियों के उड़ने की एक सीमा और ऊर्जा होती है परंतु कविता में निहित कल्पनाओं की कोई सीमा नहीं होती है।

फूलों का खिलना एवं सुगंध फैलाना एक सीमित प्रक्रिया है किंतु कविता से उठने वाली कल्पना रूपी गंध आजीवन समाप्त नहीं होती।

प्रश्न 3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर- कवि कविता को बच्चे के उस खेल की भांति मानते हैं जिसमें - कोई छल कपट, प्रपंच और गंभीर उद्देश्य नहीं होता। ठीक उसी प्रकार कवि भी अपने शब्दों से खेलते हुए कल्पनाओं को सर्व मंगलकारी बना देते हैं। कविता बच्चों की भांति बिना भेदभाव किए बिना डरे और सीमाओं की परिभाषा को भूलते हुए संपूर्ण विश्व को अपना घर मान लेता है।

प्रश्न 4. कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के माने' क्या है?

उत्तर- कविता के संदर्भ में बिना मुरझाए महकने के माने यह है कि फूलों से निकलने वाली सुंदर सुगंध मानव मन को ताजगी, चमक और शांति का एहसास कराती है किंतु एक निश्चित अवधि के बाद अपने गुणों को छोड़कर मुरझा जाती हैं किंतु कविता की कल्पनाओं से उठने वाली गंध ना तो अपनी ताजगी और ना ही अपनी चमक को छोड़ती है। यह अपनी सर्व मंगलकारी भावनाओं से मानव के लिए आजीवन उपयोगी बनी रहती है।

प्रश्न-5. 'भाषा को सहूलियत' से बरतने से क्या अभिप्राय है?

उत्तरः- इसका अभिप्राय है कि हमें भाषा का प्रयोग उचित प्रकार से करना चाहिए। भाषा शब्दों का ताना-बाना है। उनके अर्थ प्रसंगगत होते हैं। अतः हमें उसका प्रयोग सही प्रकार से करना चाहिए। कई बार हम गलत शब्द का प्रयोग कर भाषा को पेचिदा बना देते हैं। इसलिए कहा गया है कि भाषा को सहूलियत के साथ बरतना चाहिए। जितना आवश्यक हो उतना ही बोलना चाहिए। अत्यधिक बोलना भी भाषा को विचित्रता दे देता है। हम बोलने में भूल ही जाते हैं कि हम क्या बोल रहे हैं। अतः बोलते समय अधिक सावधानी रखें।

प्रश्न-6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में 'सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है कैसे ?

उत्तर- यह सही है कि बात और भाषा आपस में जुड़े हुए हैं। जब हम किसी से बात करते हैं, तो भाषा ही वह माध्यम हैं, जिससे हम अपनी बात दूसरों को समझा सकते हैं। यदि भाषा नहीं है, तो हम बात नहीं कर सकते हैं। यदि हम किसी के साथ बात ही नहीं करेंगे, तो भाषा का प्रयोग नहीं होगा। अतः यह अटूट संबंध है। किन्तु जब हम अपनी भाषा को सहजता से इस्तेमाल नहीं करते तो सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है जो कतई उचित नहीं है।

प्रश्न 7. बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/ मुहावरों से मिलान करें।

बिंब / मुहावरा

विशेषता

(क) बात की चूड़ी मर जाना

कथ्य और भाषा सही सामंजस्य बनना

(ख) बात की पेंच खोलना

बात का पकड़ में न आना

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना

बात का प्रभावहीन हो जाना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना

बात में कसावट का न होना

(ङ) बात का बन जाना

बात को सहज और स्पष्ट करना

उत्तर-

बिंब / मुहावरा

विशेषता

(क) बात की चूड़ी मर जाना

बात का प्रभावहीन हो जाना

(ख) बात की पेंच खोलना

बात को सहज और स्पष्ट करना

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना

बात का पकड़ में न आना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना

बात में कसावट का न होना

(ङ) बात का बन जाना

कथ्य और भाषा सही सामंजस्य बनना

प्रश्न- 8. बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें।

उत्तर-

(क) बात बनना (काम बन जाना) कल लड़के वाले आए थे। लगता है नेहा की बात बन गई है।

(ख) बात का बतंगड़ बनाना (छोटी बात को बड़ी बना देना) गगन ने तो बात का बतंगड़ बना दिया है।

(ग) बात का धनी होना (जुबान का पक्का) रोहन बात का धनी है जो बोल दिया वह करके रहता है।

(घ) बातें बनाना (यहाँ की वहाँ लगाना) लोगों को तो हमेशा बातें बनाने के लिए मिलना चाहिए।

(ड़) लातों के भूत बातों से नहीं मानते (उसे समझाने से कोई - फायदा नहीं) । वह लातों का भूत है बातों से नहीं मानेगा।

(च) बात बिगड़ना- काम खराब होना- तुमने बनाई बात बिगाड़ दी।

व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न-1. कविता के बहाने

निम्नलिखित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सप्रसंग व्याख्या कीजिए और नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

कविता एक उड़ान हैं चिड़िया के बहाने

कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने?

बाहर भीतर

इस घर उस घर

कविता के पंख लगा उड़ने के माने

चिडिया क्या जाने?

प्रसंग-

प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 में संकलित कविता के बहाने नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता कुंवर नारायण जी हैं। यह कविता उनके काव्य संग्रह इन दिनों से ली गई है। इस कविता में कविता की असीम संभावनाओं को व्यक्त करने के लिए उन्होंने एक चिड़िया की उड़ान का आश्रय लिया है।

व्याख्या-

कवि कहते हैं कि चिड़ियों की उड़ान की एक सीमा होती है किंतु कविता की उड़ान असीमित होती है। कविता कल्पना के रूप मैं उड़ान भरते हुए और सारे बंधनों को तोड़ते हुए जनमानस तक पहुंचती है। कवि के अनुसार कविता की उड़ान चिड़ियों की उड़ान से अलग है। एक चिड़िया अपने निश्चित लक्ष्य की ओर उड़ान भरना जानती हैं किंतु कविता का लक्ष्य व्यापक होता है। चिड़िया में लगे पंख चिड़िया को एक निश्चित सीमा तक ही उड़ने में मदद करती है किंतु कविता में लगे कल्पना के पंख अत्यधिक ऊर्जावान होते हैं। बिना भेदभाव किए बिना डरे और सीमाओं की परिभाषा को भूलते हुए यह अपने कल्पनाओं के द्वारा मानव मन को संवारने की काम करती है। कविता ना केवल मन के भीतर होने वाली गतिविधियों पर लिखी जाती है अपितु कविता में निहित कल्पना एक व्यक्ति समाज, राष्ट्र और विश्व को एक सूत्र में बांधने का काम करती है।

विशेष-

प्रस्तुत काव्यांश प्रेरणादायक है। यहां कविता की अपार संभावनाओं को बताया गया है।

सरल एवं सहज खड़ी बोली में सशक्त अभिव्यक्ति है।

"चिड़िया क्या जाने" में प्रश्न अलंकार है।

कविता का मानवीकरण किया गया है।

लाक्षणिकता है।

प्रश्न- 2.

(क) 'कविता एक उड़ान हैं चिड़िया के बहाने पंक्ति का भाव बताइए।

(ख) कविता कहाँ-कहाँ उड़ सकती हैं?

(ग) कविता की उड़ान व चिड़िया की उड़ान में क्या अंतर हैं?

(घ) कविता के पंख लगाकर कौन उड़ता है?

उत्तर-

(क) इस पंक्ति का अर्थ यह है कि कवि रचना करते समय पंक्षियों की तरह कल्पना की ऊँची-ऊँची उड़ान भरने लगते हैं।

(ख) कविता पंख लगाकर मानव के आंतरिक व बाह्य रूप में उड़ान भरती है। वह एक घर से दूसरे घर तक उड़ सकती है।

(ग) चिड़िया की उड़ान एक सीमा तक होती है, परंतु कविता की उड़ान व्यापक होती है। चिड़िया कविता की उड़ान को नहीं समझ सकती।

(घ) कविता के पंख लगाकर कवि उड़ता है। वह इसके सहारे मानव-मन व समाज की भावनाओं को अभिव्यक्ति देता है।

प्रश्न- 3. बात सीधी थी पर.....

बात सीधी थी पर एक बार

भाषा के चक्कर में

जरा टेढ़ी फंस गई।

उसे पाने की कोशिश में

भाषा को उलटा पलटा

तोड़ा मरोड़ा

घुमाया फिराया

कि बात या तो बने

या फिर भाषा से बाहर आए-

लेकिन इससे भाषा के साथ-साथ

बात और भी पेचीदा होती चली गई।

प्रसंग-

प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 में संकलित कविता बात सीधी थी पर से ली गई है। इसके रचयिता कुंवर नारायण हैं। इस कविता में भाषा की सहजता की बात कही गई है। और बताया गया है कि अक्सर चमत्कार के चक्कर में भाषा दुरूह हो जाती है।

व्याख्या-

कवि कहते हैं कि वह अपने मन के भावों को सहज रूप से अभिव्यक्त करना चाहते थे, परंतु समाज की प्रकृति को देखते हुए उसे प्रभावी भाषा के रूप में प्रस्तुत करना चाहा। पर भाषा के चक्कर में भावों की सहजता नष्ट हो गई। मैंने मूल बात को कहने के लिए शब्दों, वाक्यांशों, वाक्यों आदि को बदला। फिर उसके रूप को बदला तथा शब्दों को उलट-पुलट कर प्रयोग किया। किन्तु इस प्रयोग से बात और उसकी भाषा के साथ-साथ कथ्य भी और जटिल होती चली गई।

विशेष-

कवि ने भाषा की जटिलता पर कटाक्ष किया है। कविता की भाषा सरल, सहज एवं साहित्यिक खड़ी बोली है।

काव्यांश रचना मुक्त छंद में है।

'टेढ़ी फंसना, पेचीदा होना मुहावरों का सुंदर प्रयोग है।

साथ-साथ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

प्रश्न- 4.

(क) "भाषा के चक्कर" का तात्पर्य बताइए।

(ख) कवि अपनी बात के बारे में क्या बताता है?

(ग) कवि ने बात को पाने के चक्कर में क्या-क्या किया?

(घ) कवि की असफलता का क्या कारण था?

उत्तर-

(क) 'भाषा के चक्कर से तात्पर्य है-भाषा को जबरन अलंकृत करना।

(ख) कवि कहता है कि उसकी बात साधारण थी, परंतु वह भाषा के चक्कर में उलझकर जटिल हो गई।

(ग) कवि ने बात को प्राप्त करने के लिए भाषा को घुमाया- फिराया, उलटा-पलटा, तोड़ा मरोड़ा। फलस्वरूप वह बात पेचीदा हो गई।

(घ) कवि ने अपनी बात को कहने के लिए भाषा को जटिल व अलंकारिक बनाने की कोशिश की इस कारण बात अपनी सहजता खो बैठी और वह पेचीदा हो गई।

(अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी) लघु उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न- 1. कविता के बहाने कविता में किस के अस्तित्व पर विचार किया गया है और क्यों?

उत्तर- कविता के बहाने कविता में कविता के अस्तित्व पर विचार किया गया है। आज के भागदौड़ के जीवन में लोग अपनों से दूर भाग रहे हैं ऐसे में कविता का अस्तित्व होना आवश्यक है।

प्रश्न- 2. कवि किस प्रकार से सीमा, देशकाल, अपने-पराए का बंधन तोड़ता है?

उत्तर- एक कवि का मन स्वच्छ और निर्मल होता है। वह कविता का सृजन केवल एक व्यक्ति या एक देश के लिए नहीं करता बल्कि सारे विश्व को ध्यान में रखकर और अतीत से लेकर वर्तमान सभी काल के ऊपर लिखता है। उसके लिए सब बराबर है।

प्रश्न- 3. कविता कवि के लिए क्या है?

उत्तर- कवि के लिए कविता एक चिड़ियों की भांति उड़ान, बच्चों की तरह भेदभाव रहित खेल एवं ना मुरझाने वाले फूलों की महक है।

प्रश्न- 4. कविता में उड़ान, खेल एवं महकना शब्द का क्या अभिप्राय है?

उत्तर- कवि के लिए 'उड़ान' शब्द का महत्व उनके मन की कल्पना से है, "खेल का महत्व शब्दों के प्रयोग से है एवं महकना शब्द का प्रयोग वे अपनी रचनाओं की उपयोगिता से करते हैं।

5. फूल और कविता दोनों महकते हैं किंतु दोनों के महकने में अंतर हैं कैसे?

उत्तर- फूल निश्चित समय के बाद मुरझा जाते हैं और इसकी खुशबू भी समाप्त हो जाती है किंतु कविता कालजयी रचना बनकर सर्दियों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखती है।

6. एक कवि के लिए कविता लिखने का उद्देश्य क्या हो सकता है?

उत्तर- एक कवि का कविता लिखने के कई उद्देश्य हो सकते हैं जैसे तनाव को कम करना, मनोरंजन प्रदान करना एकता स्थापित करना आदि।

7. कविता की उड़ान एक चिड़िया क्यों नहीं समझ सकती है?

उत्तर- चिड़िया अपनी सुरक्षा और उद्देश्य (खाने की तलाशा पूर्ति के लिए एक सीमित उड़ान भरती है। उसका कोई और उद्देश्य नहीं होता किंतु कविता में लगे कल्पना के पंख हमें दूर (अनन्त) तक ले जाती है।

8. कविता का खिलना फूल क्यों नहीं समझ सकता?

उत्तर- कविता का खिलना फूल नहीं समझ सकता क्योंकि एक समय के पश्चात फूल मुरझा जाते हैं और उससे उत्पन्न होने वाली खुशबू भी समाप्त हो जाती है, किंतु कविता के द्वारा फैलाई गई विचार कभी समाप्त नहीं होती।

9. कविता एक खेल है का अर्थ बताएं?

उत्तर- जिस प्रकार बच्चे भांति-भांति के खेल अपने मनोरंजन के लिए खेलते हैं उसी प्रकार से एक कवि अपने विचारों, कल्पनाओं, शब्दों एवं वाक्यों का प्रयोग कविता के द्वारा लोगों के मनोरंजन एवं उद्देश्य पूर्ति करने के लिए करता है।

प्रश्न 10. आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए?

उत्तर- आधुनिक युग में कविताओं में संभावनाएँ-

(क) अभिव्यक्ति को सहज और सुंदर रूप से व्यक्त करना।

(ख) कविताओं को यथार्थ से और भी समीप से जोड़ना।

(ग) कविता की भाषा-शैली और शिल्प- शैली में बदलाव करना।

(घ) कविता में अलंकारों और छंदों के स्वरूप में नए बदलाव।

प्रश्न 11. चूड़ी, कील, पॅच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में, बिबों और उपमानों के महत्त्व पर परिसंवाद आयोजित करें।

उत्तर- भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में बिबों और उपमानों के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता है। ये ही कविता के स्वरूप को साकार करते हैं। इनके द्वारा ही कवि की बात प्रभावी बनती है और वह क्या कहना चाहता है, यह स्पष्ट होता है। 'बिंब' का अर्थ होता है, शब्दों के माध्यम से कविता में ऐन्द्रिय चित्र दर्शाना। कविता में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके द्वारा कवि अपनी कल्पनाशक्ति का प्रयोग कर अपने सूक्ष्म विचारों को एक चित्र के रूप में दर्शाता है। यह चित्र कविता पढ़ते समय हमारी आँखों के आगे साकार हो जाता है। उपमान का प्रयोग करके कवि भाषा को सरल, सहज बना देता है। इससे भाषा में शब्दांडबर खत्म हो जाता है और कविता अपने उद्देश्य की पूर्ति कर लेती है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. कवि और बच्चे में क्या समानताएं हैं?

उत्तर- कवि और बच्चे दोनों निर्मल स्वच्छ भाव से सभी को अपनाते हैं। उनके लिए कोई भी अपना पराया नहीं है।

प्रश्न 2. कविता लिखते समय कौन-कौन से बंधन टूट जाते हैं?

उत्तर- कविता लिखते समय सीमाओं, देश, काल और अपने पराए का बंधन टूट जाता है।

प्रश्न 3. 'कविता के बहाने' बिम्ब प्रधान कविता है। कविता में कौन कौन से बिम्ब (शब्द चित्र) का प्रयोग किया गया है?

उत्तर- चिड़िया फूल एवं बच्चों का प्रयोग बिम्ब के रूप में किया गया है।

4. कविता में बाहर भीतर किसका प्रतीक है?

उत्तर- कविता में बाहर भीतर का अर्थ मन के आंतरिक भागों में चलने वाले गतिविधियों से है।

5. इस घर उस घर मैं निहित भाव का अर्थ बताएं?

उत्तर- इस घर उस घर का अर्थ है भेदभाव रहित होना।

6. कविता किस माध्यम से उड़ान भरता है?

उत्तर- कविता अपने कल्पना रूपी पंख से उड़ान भरती है।

7. कवि के अनुसार कविता क्या है?

उत्तर- कविता एक चिड़िया, फूल और बच्चे के खेल की भांति है।

8. कविता में बाहर-भीतर किसका प्रतीक है?

उत्तर- कविता में बाहर भीतर का अर्थ मन के आंतरिक भागों में चलने वाले गतिविधियों से है।

9. बच्चों के खेलते समय कौन सा बंधन टूट जाता है?

उत्तर- बच्चों को खेलते समय अपना-पराया, धर्म-जाति, सीमा आदि का बंधन टूट जाता है।

10. कविताएं भी बंधन तोड़ा करती हैं?

उत्तर- कविताएं बंधन तोड़ा करती हैं क्योंकि कविताएं देश, सीमा अपना पराया, धर्म, जाति आदि जैसे बंधनों को नहीं मानता।

प्रश्न 11. कविता के बहाने कविता के कवि कौन हैं और किस काव्य संग्रह से लिया गया है?

उत्तर- कविता के बहाने कविता के कवि हैं कुंवर नारायण जी तथा इन दिनों काव्य संग्रह से यह कविता ली गई है।

प्रश्न 12. कवि ने किसके उड़ान को सीमित बताया है और क्यों?

उत्तर- कवि ने चिड़िया की उड़ान को सीमित बताया है क्योंकि चिड़िया के उड़ने की एक शक्ति एवं ऊर्जा होती है।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. बात की पेंच खोलना से कवि का क्या तात्पर्य है?

क. बात का उलझना

ख. बात का प्रभावहीन होना

ग. बात का स्पष्ट होना

घ. बात का तर्कपूर्ण होना

2. कवि से शरारती बच्चे के समान कौन खेल रही थी?

क. बात

ख. भाषा

ग. कविता

घ. पतंग

3. भाषा के साथ-साथ बात कैसी होती गई थी?

क. सरल

ख. दुष्कर

ग. पेचीदा

घ. बोधगम्य

4. 'कविता के बहाने कविता के रचनाकार हैं-

क. कुँवर सिंह

ख. कुँवर प्रसाद

ग. कुँवर प्रकाश

घ. कुँवर नारायण

5. कविता किस के बहाने एक उड़ान है?

क. अतीत

ख. बालक

ग. चिड़िया

घ. प्रेमिका

6. कविता फूलों के बहाने क्या है?

क. गिनना

ख. खिलना

ग. मुरझाना

घ. बहकना

7. कविता किस के बहाने खेल रही थी?

क. बच्चे के

ख. खिलौने के

ग. पेंच के

घ. भाषा के

8. 'सब घर एक कर देने का आशय है-

क. भेदभाव नहीं रखना

ख. तोड़-फोड़ करना

ग. सीमा में रहना

घ. शोर मचाना

9. सीधी सी बात किस के चक्कर में फंस गई?

क. भाव के

ख. छंद के

ग. अलंकार के

घ. भाषा के

10. कवि किसे पाने की कोशिश करता है?

क. बात को

ख. पेंच को

ग. कील को

घ. कलम को

11. बात बाहर निकलने की अपेक्षा कैसी हो गई?

क. व्यर्थ

ख. अनर्गल

ग. पेचीदा

घ. सहज

12. कवि क्या करतब कर रहा था?

क. मेज़ पर पेंच ठोक रहा था

ख. बात सुलझाने की कोशिश कर रहा था

ग. नाटक कर रहा था

घ. लोगों को बात समझा रहा था

13. 'बात की चूड़ी मर जाना' से कवि का तात्पर्य है-

क. स्पष्ट होना

ख. तर्कपूर्ण होना

ग. प्रभावपूर्ण होना

घ. प्रभावहीन होना

14. 'बात की पेंच खोलना' प्रतीक से स्पष्ट होता है-

क. स्पष्ट होना

ख. समझ न आना

ग. उलझ जाना

घ. बहस करना

15. बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना है बात-

क. समझ जाना

ख. तर्कपूर्ण होना

ग. समझ नहीं आना

घ. प्रभावी होना

16. कविता किस का खेल है?

क. बच्चों का

ख. चिड़िया का

ग. शब्दों का

घ. फूलों का

17. 'बात सीधी थी पर' में किस की सहजता की बात कही गई है?

क. व्यक्ति

ख. समाज

ग. देश

घ. भाषा

18. कविता की उड़ान को कौन नहीं जान सकता?

क. रसिक व्यक्त

ख. चिड़िया

ग. कवि

घ. समीक्षक

19. 'कविता के पंख लगा उड़ने' से तात्पर्य है-

क. व्यर्थ लिखना

ख. शब्द - अर्थ में विसंगति

ग. कल्पना करना

घ. स्पष्ट करना

20. बात बाहर निकलने की अपेक्षा कैसी हो गई थी?

क. पेचीदा

ख. सरल

ग. वक्र

घ. व्यय

21. आडंबरपूर्ण शब्दों के प्रयोग से भाषा कैसी हो जाती है?

क. अस्पष्ट

ख. स्पष्ट

ग. सहज

घ. सुंदर

22. 'बात सीधी थी पर में कवि ने किस पर बल दिया है?

क. भाषा की जटिलत

ख. भावों की सरसता

ग. भाषा की सहजता

घ. भावों की गरिमा

JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

आरोह भाग -2

काव्य - खंड

1.

हरिवंशराय बच्चन -आत्मपरिचय ,एक गीत

2.

आलोक धन्वा-पतंग

3.

कुँवर नारायण-कविता के बहाने,बात सीधी थी पर

4.

रघुवीर सहाय-कैमरे में बंद अपाहिज

5.

गजानन माधव मुक्तिबोध-सहर्ष स्वीकारा है

6.

शमशेर बहादुर सिंह-उषा

7.

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-बादल राग

8.

तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप

9.

फिराक गोरखपुरी-रुबाइयाँ,गज़ल

10.

उमाशंकर जोशी-छोटा मेरा खेत,बगुलों के पंख

11.

महादेवी वर्मा-भक्तिन

गद्य - खंड

12.

जैनेन्द्र कुमार-बाज़ार दर्शन

13.

धर्मवीर भारती-काले मेघा पानी दे

14.

फणीश्वरनाथ रेणु-पहलवान की ढोलक

15.

विष्णु खरे-चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

16.

रज़िया सज्जाद ज़हीर-नमक

17.

हजारी प्रसाद द्विवेदी-शिरीष के फूल

18.

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज

वितान भाग- 2

1.

मनोहर श्याम जोशी -सिल्वर वैडिंग

2.

आनंद यादव- जूझ

3.

ओम थानवी- अतीत में दबे पाँव

4.

ऐन फ्रैंक- डायरी के पन्ने

अभिव्यक्ति और माध्यम

1.

अनुच्छेद लेखन

2.

कार्यालयी पत्र

3.

जनसंचार माध्यम

4.

संपादकीय लेखन

5.

रिपोर्ट लेखन

6.

आलेख लेखन

7.

पुस्तक समीक्षा

8.

फीचर लेखन

Solved Paper 2023

Arts Paper,

Science/Commerce Paper

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